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विश्व धरोहर

सूची विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

228 संबंधों: चण्डीगढ़, चित्तौड़गढ़ दुर्ग, चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लैक्स, चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, चोंगोनी पाषाण कला क्षेत्र, चीचेन इट्ज़ा, चीन की विशाल दीवार, टिम्बकटू, टिया, एडिनबर्ग, एडिनबर्ग की अर्थव्यवस्था, एन्जिल जलप्रपात, एयर पर्वत और तेनेरे राष्ट्रीय उद्यान, एरावतेश्वर मंदिर, एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, एल एस्कोरल, एलोरा गुफाएं, एशिया एवं ऑस्ट्रेलेशिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची, ऐनेगुंडी, ऐहोल, ठट्टा, ताजमहल, ताई राष्ट्रीय उद्यान, त्रिनेत्र गणेश, रणथम्भौर, त्वय्फेल्फोंतैन, तोडाई-जी, दार्जिलिंग हिमालयी रेल, दिल्ली, दिल्ली की संस्कृति, द्रेकंस्बर्ग उद्यान, दैत्य सेतुक, दोनाना नेशनल पार्क, नन्दा देवी पर्वत, नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान, नालन्दा महाविहार, निओकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान, निक्को राष्ट्रीय उद्यान, नैरो गेज, नेपियर, नॉर्थवेस्ट टेरीटरीज़, नीलगिरि पर्वतीय रेल, पत्तदकल, पत्तदकल स्मारक परिसर, परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य, पर्सेपोलिस, पशुपतिनाथ मन्दिर (नेपाल), पश्चिमी घाट, पिनांग, पिको देल तेइदे, पुराना यरुशलम शहर, ..., प्युनिंग मंदिर, प्राचीन थेब्स, प्राचीन दमिश्क शहर, प्राचीन लक्सर मन्दिर, पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर, पेत्रा, पोताला महल, फ़ासिल घेब्बी, फ़्रान्स, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, बन्डीयागारा, बात, अल-खुतुम और अल-आइन के पुरातत्व स्थल, बकार्डी, ब्राज़ील में विश्व धरोहर स्थलों की सूची, बृहदेश्वर मन्दिर, बोधगया, बोधगया बम विस्फोट, बोरोबुदुर, बीजिंग, भारत में पर्यटन, भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची, भारत के विश्व धरोहर स्थल, भारतीय दुर्ग, भारतीय रेल, भारतीय इतिहास की समयरेखा, भीमबेटका शैलाश्रय, मनोवो-गौन्डा सेन्ट फ़्लोरिस राष्ट्रीय उद्यान, मपुन्गुब्वे सांस्कृतिक क्षेत्र, मर्व, महान चोल मंदिर, महाबलिपुरम के तट मन्दिर, महाबोधि विहार, माचू पिच्चू, मानस राष्ट्रीय उद्यान, माया देवी मंदिर, लुंबिनी, माउंट निम्बा राष्ट्रीय उद्यान, माउंट किनीया राष्ट्रीय उद्यान, मिऐ प्रीफेक्चर, मुम्बई, मुंबई की संस्कृति, मेम्फ़ीस, मोजा़म्बीक द्वीप, रणथम्भोर दुर्ग, रबात, रानी की वाव, रायसेन ज़िला, राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग, रिक्टरअसवेल्ड क्षेत्र, रॉक-ह्विन गिरिजा घर, ललिबेला, रोबेन द्वीप, रीगा, ला फोंक्लादा, ला मोर्ने ब्रबांत, लामू, लाल क़िला, लंदन, लेशान के विशाल बुद्ध, लेक तुरकाना राष्ट्रीय उद्यान, लेक मालावी राष्ट्रीय उद्यान, लोपे राष्ट्रीय उद्यान, श्री दलदा मालीगाव, सलाउद्दीन का किला, सलोंगा राष्ट्रीय उद्यान, साँची का स्तूप, सान क्रिसतोबल दे ला लागुना, सामर्रा, साल्ज़बर्ग, सांता क्रुज़ डे टेनेरिफ़ कार्निवाल, सिडनी ओपेरा हाउस, सियेना, सिंगे डे बेमाराहा राष्ट्रीय उद्यान, सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन व जंक्शन, संत केथरीन मोनेस्ट्री, माउंट सिनई, सुलयमान पहाड़, सुकुर, स्ट्रूव जिओडेटिक आर्क, स्वयंभूनाथ, सेन्ट लुईस द्वीप, सेनेगम्बीय्न, सेमिन राष्ट्रीय उद्यान, सेरा दे त्रामुन्ताना, सेओकगुरम, सोडिलो, सोमपुर महाविहार, सीनाई पर्वत, हम्पी, हरार, हिमालय, हवाना, हुमायूँ का मकबरा, जस्टिन ट्रूडो, ज़ांज़ीबार, जा फ़ॉनल रिसर्व, जौदी राष्ट्रीय पक्षी उद्यान, जेम्स द्विप, जीनी का पूराना शहर, ईस्टर द्वीप, घना पक्षी अभयारण्य, घाना के किले और दुर्ग, वादी अल-हितान, वालदेस प्रायद्वीप, वाले दी माई राष्ट्रीय उद्यान, वियना, विरुन्गा राष्ट्रीय उद्यान, विश्व धरोहर, विश्व धरोहर समिति, विश्व धरोहर स्थलों की सूची, विश्व के सात नए आश्चर्य, विजयनगर साम्राज्य, व्रेडेफोर्ट गुम्बज, खान अल-उमदान, खजुराहो स्मारक समूह, गरंबा राष्ट्रीय उद्यान, गाम्बिया नदी, गैलापागोस द्वीपसमूह, गोरी द्वीप, गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड, गोहद का किला, ओमो की निचली घाटी, ओल्ड टाउन, एडिनबर्ग, ओसून-ओसोग्बो, ओकापि राष्ट्रीय उद्यान, आमेर दुर्ग, आगरा, आगरा का इतिहास, आगरा का किला, इटली, इत्सुकुशीमा मंदिर, इस्लामी काहिरा, कर्नाटक, कर्नाटक में पर्यटन, कहुजी-बेगा राष्ट्रीय उद्यान, क़ुतुब मीनार, काठमांडू उपत्यका, कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान, कार्निवल, कालिंजर दुर्ग, कालका शिमला रेलवे, कुतुब-उद-दीन ऐबक, कुन्नूर, कुज़्को, कैल्टन पहाड़ी, कैंडी, केप फ्लोरल संरक्षित क्षेत्र, कोणार्क सूर्य मंदिर, कोन्या-उरगेन्च, कोमे राष्ट्रीय उद्यान, कोरदोबा का ऐतिहासिक केंद्र, कोलोसियम, अटसीनानाना के वर्षा वन, अतुल्य भारत, अन्तोनी गौदी, अप्रवासी घाट, अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प, अफ्रीका के क्षेत्र, अबु मीना, अबू सिम्बल मन्दिर, अबोमी का राज महल, अमबोहिमांगा, अरीफ़ की जन्नत, अल्दाब्रा, अल्कला डी हेनरेस, अश्शूर, असन्ते पारम्परिक भवन, अस्कीया की समाधी, अज़ ज़ाहिराह मुहाफ़ज़ाह, अजंता गुफाएँ, अवाश नदी, अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद, अंकोर, अंकोरवाट मंदिर, अक्सुम, उत्तर भारत, उत्तराखण्ड, उबेदा, छत्तीसगढ़ के भारत सरकार संरक्षित स्थल, छत्तीसगढ़ के राज्य संरक्षित स्थल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस सूचकांक विस्तार (178 अधिक) »

चण्डीगढ़

चण्डीगढ़, (पंजाबी: ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ), भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं, जिनकी २००१ की जनगणना के अनुसार जनसंख्या ११६५१११ (१ करोड़ १६ लाख) है। भारत की लोकसभा में प्रतिनिधित्व हेतु चण्डीगढ़ के लिए एक सीट आवण्टित है। वर्तमान सोलहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमति किरण खेर यहाँ से साँसद हैं। इस शहर का नामकरण दुर्गा के एक रूप ‘चंडिका’ के कारण हुआ है और चंडी का मंदिर आज भी इस शहर की धार्मिक पहचान है। नवोदय टाइम्स इस शहर के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी निजी रुचि रही है, जिन्होंने नए राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए इसे राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है।, चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं। शहर का भारत के समृद्ध राज्यों और संघ शसित प्रदेशों की सूची में अग्रणी नाम आता है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय ९९,२६२ रु (वर्तमान मूल्य अनुसार) एवं स्थिर मूल्य अनुसार ७०,३६१ (२००६-०७) रु है। .

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चित्तौड़गढ़ दुर्ग

चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है। यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है जो भीलवाड़ा से कुछ किमी दक्षिण में है। यह एक विश्व विरासत स्थल है। चित्तौड़ मेवाड़ की राजधानी थी। इस किले ने इतिहास के उतार-चढाव देखे हैं। यह इतिहास की सबसे खूनी लड़ाईयों का गवाह है। इसने तीन महान आख्यान और पराक्रम के कुछ सर्वाधिक वीरोचित कार्य देखे हैं जो अभी भी स्थानीय गायकों द्वारा गाए जाते हैं। चित्तौड़ के दुर्ग को २०१३ में युनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया। .

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चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लैक्स

पैलेस के विधानसभा चंडीगढ़ चंडीगढ़ में कैपिटल कॉम्प्लेक्स पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय या न्याय के महल पर चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स विश्व विरासत स्थल चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स ओपन हैंड स्मारक चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स भारत के चंडीगढ़ शहर के सेक्टर-1 में स्थित  ली कोर्बुज़िए द्वारा डिजाइन किया गया एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थलहै। यह  की लगभग 100 एकड़ जमीन क्षेत्र में फैला हुआ है और यह चंडीगढ़ की वास्तुकला की एक महान अभिव्यक्ति है। इसमें तीन इमारतें, तीन स्मारक और एक झील है, जिनमें विधान सभा, सचिवालय, उच्च न्यायालय, मुक्त हस्त स्मारक, ज्यामितीय पहाड़ी और टॉवर ऑफ शैडोज़ शामिल हैं। .

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चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान

चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो कि भारत में स्थित है। इसे इस सूची में सन 2004 में सम्मिलित किया गया था। यहां वृहत स्तर पर उत्खनित पुरातात्विक, ऐतिहासिक एवं जीवित सांस्कइतिक धरोहर सम्पत्ति की बहुतायत है, जो कि एक प्रभावशाली भूखण्ड में सिमटी हुई है। इसमें प्रागैतिहासिक चैकोलिथिक स्थल, एक प्राचीन हिन्दू राज्य की राजधानी का एक महल व किला व सोलहवीं शताब्दी के गुजरात प्रदेश की राजधानी के अवशेष हैं। यहां अन्य पदांकों सहित, किले, प्रासाद, धार्मिक इमारतें, आवासीय अहाते, कृषि चिह्न व जल आपूर्ति निर्माण कार्य के आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी तक के अनेक स्थल हैं। जामी मस्जिद की मीनारें पावागढ़ पहाड़ी के शिखर पर बना कालिका माता मंदिर, अति पावन स्थल माना जाता है। यहां वर्ष पर्यन्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह स्थल एकमात्र पूर्ण एवं अपरिवर्तित इस्लामिक मुगल-पूर्व नगर है। इस शहर पर वास्तुकार करण ग्रोवर द्वारा बहुत ध्यान दिया गया है, जिन्होंने काफी समय व प्रयास किये हैं, इस शहर को पुनर्स्थापित व सुधार करने हेतु। साथ ही इस भारतीय विरासत के पुनर्स्थापन में काफी योगदान भी दिया है। चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क में अनेकों स्मारक स्थित है जिनमे से 38 स्मारकों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दायरे में लिया गया हैं। सर्वेक्षण में धरोहर का संरक्षण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयत्न किये जा रहे हैं साथ ही साथ पर्यावरण के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। thumb .

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चोंगोनी पाषाण कला क्षेत्र

चोंगोनी पाषाण कला क्षेत्र मालावी में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००७ में मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:मलावी में विश्व धरोहर स्थल.

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चीचेन इट्ज़ा

केंद्रीय चिचेन इत्ज़ा का मानचित्र चीचेन इट्ज़ा या चिचेन इत्ज़ा (स्पेनी:Chichén Itzá यानि "इट्ज़ा के कुएं के मुहाने पर") कोलम्बस-पूर्व युग में माया सभ्यता द्वारा बनाया गया एक बड़ा शहर था। चीचेन इट्ज़ा, उत्तर शास्त्रीय से होते हुए अंतिम शास्त्रीय में और आरंभिक उत्तरशास्त्रीय काल के आरंभिक भाग में उत्तरी माया की तराई में एक प्रमुख केंद्र था। यह स्थल वास्तु शैलियों के विविध रूपों का प्रदर्शन करता है, जिसमें शामिल है "मेक्सीक्नाइज़ड" कही जाने वाली शैली और केंद्रीय मेक्सिको में देखी जाने वाली शैलियों की याद दिलाने वाले से लेकर उत्तरी तराई के पक माया के बीच पाई जाने वाली पक (Puuc) शैली.

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चीन की विशाल दीवार

चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार ६,४०० किलोमीटर (१०,००० ली, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० कि॰मी॰ (४१६० मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित तक फैली है। अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।डैमियन ज़िमर्मैन,, ICE केस स्टडीज़, दिसंबर, १९९७ चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत हुई आठवीं शताब्दी ईसापूर्व में जिस समय कुई (अंग्रेजी:Qi), यान (अंग्रेजी:Yan) और जाहो (अंग्रेजी:Zhao) राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए मिटटी और कंकड़ को सांचे में दबा कर बनाई गयी ईटों से दीवार का निर्माण किया। ईसा से २२१ वर्ष पूर्व चीन किन (अंग्रेजी:Qin) साम्राज्य के अनतर्गत आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक २२०-२०६ ई.पू.

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टिम्बकटू

टिम्बक्टू की मसजिद टिम्बक्टू (Timbuktu) माली गणतंत्र का ऐतिहासिक एवं व्यापारिक नगर है। यह एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९९८ मे मिला। .

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टिया

टिया इथियोपिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९८० मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:इथियोपिया में विश्व धरोहर स्थल.

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एडिनबर्ग

एडिनबर्ग या एडिनबर (Edinburgh,अंग्रेजी उच्चारण: / ए॑डिन्बर / Dùn Èideann डुन एडिऽन्न), स्कॉटलैंड की राजधानी, एवं ग्लासगो के बाद, स्कॉटलैंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह स्काॅटलैन्ड के लोथियन क्षेत्र में फ़ाॅर्थ के नदमुख के दक्षिणी तट पर स्थित है। वर्ष 2013 के हिसाब से,इस शहर की आबादी 5,00,000 के करीब है। 15वीं सदी से ही यह ऐतिहासिक शहर स्कॉटलैंड की राजधानी है। शुरुआत से ही स्काॅटियाई राजशाही के सारे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवन इसी शहर में ही स्थित हुआ करते थे, परंतू 1603 और 1707 के बीच, इंग्लैंड से विलय के पश्चात इस शहर की काफ़ी राजनैतिक ताकत लंदन चली गई। 1999 में स्कॉटिश संसद को स्वायत्त रूप से शाही धोषणा द्वारा स्थापित किया गया तब से यह शहर स्काॅटलैंड की संसद व स्काॅटलैंड में राजगद्दी का आसन है। स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय संग्रहालय, स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पुस्तकालय और स्कॉटलैंड की अन्य महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थाओं के मुख्यालय व नेशनल गैलरी यहीं एडिनबर्ग में स्थित हैं। आर्थिक रूप से, यह यूके में लंदन के बाहर का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र है। एडिनबर्ग का इतिहास काफ़ी लम्बा है, एवं यहां कई ऐतिहासिक इमारतों को भी अच्छी तरह से संरक्षित देखे जा सकते हैं। एडिनबर्ग कासल, हाॅलीरूड पैलेस, सेंट जाइल्स कैथेड्रल और कई अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतें यहां स्थित हैं। एडिनबर्ग का ओल्ड टाउन और न्यू टाउन, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। 2004 में, एडिनबर्ग विश्व साहित्य में पहला शहर बन गया। साथी यह ऐतिहासिक रूप से शिक्षा का भी एक विकसित केन्द्र रहा है, यहाँ स्थित, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, एवं यह अब भी दुनिया के शीर्ष सिक्षा संस्थानों में शामिल है। इसके अलावा एडिनबर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और यहां आयोजित किये गए अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी विश्वविख्यात समारोहों में से एक है। लंडन के बाद ब्रिटेन में, एडिनबर्ग दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन केन्द्र है। .

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एडिनबर्ग की अर्थव्यवस्था

एडिनबर्ग, स्काॅटलैंड की राजधानी, उसके दूसरा सबसे बड़ा नगर एवं यहाँ की अर्थव्यवस्था का बतौर बिजलीघर है। बलकी, यह पूरे युनाइटेड किंग्डम की अर्थव्यवस्था का एक बेहद महत्वपूर्ण अंश है। एडिनबर्ग हमेशा से ही ब्रिटेन के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में शुमार रहा है, एवं यहाँ की अर्थव्यवस्था, लंडन के बाहर, सबसे मज़बूत अर्थव्यवस्था है। साथ ही पेशेवरों की संख्या के मामले में भी एडिनबर्ग सबसे आगे है, यहाँ की 45% आबादी के पास डिग्री-स्तर या पेशेवर-स्तर की योग्यता है। सेंटर फ़ाॅर इंटरनेशनल काॅम्पेटिटिवनेस(अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी केंद्र) के आँकड़ों के अनुसार यह आर्थिक तोमर पर सबसे प्रतिस्पर्धी शहर भी है। 2012-13 के फ़ाइनैन्शियल टाइम्स एफ़डीआई मैगज़ीन पुरस्कारों में इसे यूरोप का भविष्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हेतु सर्वोत्तम बड़ा शहर एवं सर्वोत्तम बड़ा शहर, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की रणनीति हेतु के नामों से नवाज़ा गया था। .

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एन्जिल जलप्रपात

एन्जिल जलप्रपात, (Salto Ángel; पेमॉन भाषा: केरेपकुपाई वेना जिसका अर्थ है "गहनतम स्थान का जलप्रपात", या परकुपा-वेना, जिसका अर्थ है "उच्चतम बिंदु से जलप्रपात") वेनेजुएला का एक झरना है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा जलप्रपात है जिसकी ऊंचाई है और गहराई है। यह जलप्रपात वेनेजुएला के बोलिवर राज्य के ग्रान सबाना क्षेत्र में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान (स्पैनिश: पार्के नेशिनल कैनाईमा), में ऑयनटेपुई पर्वत से गिरता है। जलप्रपात की ऊंचाई इतनी अधिक है कि पानी नीचे ज़मीन पर गिरने से पहले ही वाष्प बन जाता है या तेज हवा द्वारा धुंध के रूप में दूर ले जाया जाता है। जलप्रपात का आधार केरेप नदी से जुड़ा हुआ है (वैकल्पिक रूप से रियो गौया के रूप में ज्ञात), जो कराओ नदी की सहायक-नदी चुरून नदी से मिलता है। ऊंचाई के आंकड़े में मुख्यतः, प्रमुख बहाव धारा शामिल है लेकिन इसमें करीब का ढलानी सोपान और छलांग से नीचे के रैपिड भी शामिल हैं और ढलान रैपिड के अनुप्रवाह की एक ऊंची छलांग.

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एयर पर्वत और तेनेरे राष्ट्रीय उद्यान

एयर पर्वत और तेनेरे राष्ट्रीय उद्यान नाइगर में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1991 में मिला। श्रेणी:नाइजर में विश्व धरोहर स्थल.

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एरावतेश्वर मंदिर

ऐरावतेश्वर मंदिर, द्रविड़ वास्तुकला का एक हिंदू मंदिर है जो दक्षिणी भारत के तमिलनाड़ु राज्य में कुंभकोणम के पास दारासुरम में स्थित है। 12वीं सदी में राजराजा चोल द्वितीय द्वारा निर्मित इस मंदिर को तंजावुर के बृहदीश्वर मंदिर तथा गांगेयकोंडा चोलापुरम के गांगेयकोंडाचोलीश्वरम मंदिर के साथ यूनेस्को द्वारा वैश्विक धरोहर स्थल बनाया गया है; इन मंदिरों को महान जीवंत चोल मंदिरों के रूप में जाना जाता है। .

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एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान

इरविकुळम् राष्ट्रीय उद्यान (ഇരവികുളം ദേശിയോദ്യാനം) भारत के केरल राज्य के इड्डुक्की ज़िले में पश्चिमी घाट में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल ९७ वर्ग कि॰मी॰ है। यह केरल वन और वन्य जीव विभाग, मुन्नार वन्यजीव प्रभाग द्वारा प्रशासित किया जाता है जो पास के मथिकेत्तन शोला राष्ट्रीय उद्यान, अनामुडी शोला अभयारण्य, पंपाडुम शोला अभयारण्य, चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य और कुरिंजिमला अभयारण्य को भी प्रशासित करता है। पश्चिमी घाट, अन्नामलाई उप कुंज सहित एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान का पूरा इलाका यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा एक विश्व विरासत स्थल के रूप में चयन के लिए विचाराधीन है। .

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एल एस्कोरल

एल एस्कोरल जा सेन लोरेंजो एल एस्कोरल का शाही महल स्पेन के शहर सेन लोरेंजो एल एस्कोरल में स्पेन के राजा का शाही महल है.

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एलोरा गुफाएं

एलोरा या एल्लोरा (मूल नाम वेरुल) एक पुरातात्विक स्थल है, जो भारत में औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 कि॰मि॰ (18.6 मील) की दूरी पर स्थित है। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। अपनी स्मारक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध, एलोरा युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है। एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का सार है, यहाँ 34 "गुफ़ाएँ" हैं जो असल में एक ऊर्ध्वाधर खड़ी चरणाद्रि पर्वत का एक फ़लक है। इसमें हिन्दू, बौद्ध और जैन गुफ़ा मन्दिर बने हैं। ये पाँचवीं और दसवीं शताब्दी में बने थे। यहाँ 12 बौद्ध गुफ़ाएँ (1-12), 17 हिन्दू गुफ़ाएँ (13-29) और 5 जैन गुफ़ाएँ (30-34) हैं। ये सभी आस-पास बनीं हैं और अपने निर्माण काल की धार्मिक सौहार्द को दर्शाती हैं। एलोरा के 34 मठ और मंदिर औरंगाबाद के निकट 2 कि॰मि॰ के क्षेत्र में फैले हैं, इन्हें ऊँची बेसाल्ट की खड़ी चट्टानों की दीवारों को काट कर बनाया गया हैं। दुर्गम पहाड़ियों वाला एलोरा 600 से 1000 ईसवी के काल का है, यह प्राचीन भारतीय सभ्यता का जीवन्त प्रदर्शन करता है। बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म को भी समर्पित पवित्र स्थान एलोरा परिसर न केवल अद्वितीय कलात्मक सृजन और एक तकनीकी उत्कृष्टता है, बल्कि यह प्राचीन भारत के धैर्यवान चरित्र की व्याख्या भी करता है। यह यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल है। .

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एशिया एवं ऑस्ट्रेलेशिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची

ये एशिया एवं ओशिआनिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची है: .

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ऐनेगुंडी

ऐनेगुण्डी (कन्नड़: ಆನೆಗುಂದಿ), (तेलुगु: ఆనేగుంది) कर्नाटक के कोप्पल जिला के गंगावती तालुक का एक ग्राम है। यह यूनेस्को घोषित विश्व धरोहर स्थल हम्पी का ही एक भाग है और उससे मात्र ३ कि.मी दूर है। .

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ऐहोल

ऐहोल (कन्नड़ ಐಹೊಳೆ) कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिला में एक प्राचीन मंदिर समूह के लिए प्रसिद्ध स्थल है। यह पत्तदकल के पूर्व में मलयप्रभा नदी के तट पर स्थित है। बादामी इसके पश्चिम में स्थित है। ऐहोल के प्राचीन स्मारकों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया हुआ है, एवं इनके युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने के प्रयास जारी हैं। ---- पुलकेसि २ के काल के चालुक्य क्षेत्र, ६४० ई. लाद खान मंदिर रावण पहाड़ी गुफ़ा रावण पहाड़ी गुफ़ा के भीतर .

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ठट्टा

ठट्टा या ठठ्ठा (सिन्धी:, उर्दू:, अंग्रेज़ी: Thatta) पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में कराची से 98 किमी पूर्व में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यहाँ एक 'मकली क़ब्रिस्तान' (अंग्रेज़ी: Makli Hill) नामक मशहूर समाधि-क्षेत्र है जहाँ बहुत से शानदार मक़बरे हैं और जो एक विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्य है।, Sarina Singh, Lindsay Brown, Paul Clammer, Rodney Cocks, John Mock, pp.

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ताजमहल

ताजमहल (تاج محل) भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है। .

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ताई राष्ट्रीय उद्यान

ताई राष्ट्रीय उद्यान कोटे डी आइवोरे मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कोत दिव्वार में विश्व धरोहर स्थल.

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त्रिनेत्र गणेश, रणथम्भौर

यह मंदिर भारत के राजस्थान प्रांत में सवाई माधोपुर जिले में स्थित है, जो कि विश्व धरोहर में शामिल रणथंभोर दुर्ग के भीतर बना हुआ है। अरावली और विन्ध्याचल पहाड़ियों के बीच स्थित रणथम्भौर दुर्ग में विराजे रणतभंवर के लाड़ले त्रिनेत्र गणेश के मेले की बात ही कुछ निराली है। यह मंदिर प्रकृति व आस्था का अनूठा संगम है। भारत के कोने-कोने से लाखों की तादाद में दर्शनार्थी यहाँ पर भगवान त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन हेतु आते हैं और कई मनौतियां माँगते हैं, जिन्हें भगवान त्रिनेत्र गणेश पूरी करते हैं। इस गणेश मंदिर का निर्माण महाराजा हम्मीरदेव चौहान ने करवाया था लेकिन मंदिर के अंदर भगवान गणेश की प्रतिमा स्वयंभू है। इस मंदिर में भगवान गणेश त्रिनेत्र रूप में विराजमान है जिसमें तीसरा नेत्र ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। पूरी दुनिया में यह एक ही मंदिर है जहाँ भगवान गणेश जी अपने पूर्ण परिवार, दो पत्नी- रिद्दि और सिद्दि एवं दो पुत्र- शुभ और लाभ, के साथ विराजमान है। भारत में चार स्वयंभू गणेश मंदिर माने जाते है, जिनमें रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेश जी प्रथम है। इस मंदिर के अलावा सिद्दपुर गणेश मंदिर गुजरात, अवंतिका गणेश मंदिर उज्जैन एवं सिद्दपुर सिहोर मंदिर मध्यप्रदेश में स्थित है। कहाँ जाता है कि महाराजा विक्रमादित्य जिन्होंने विक्रम संवत् की गणना शुरू की प्रत्येक बुधवार उज्जैन से चलकर रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन हेतु नियमित जाते थे, उन्होंने ही उन्हें स्वप्न दर्शन दे सिद्दपुर सीहोर के गणेश जी की स्थापना करवायी थी। .

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त्वय्फेल्फोंतैन

त्वय्फेल्फोंतैन नामीबिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००७ मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:नामीबिया में विश्व धरोहर स्थल.

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तोडाई-जी

तोडाई-जी (東大寺; Tōdai-ji (Eastern Great Temple)) नारा, जापान में स्थित एक बौद्ध मंदिर परिसर हैं, जो कभी शक्तिशाली सात महान मंदिरों में से एक था। इसका महान बुद्ध बरामदा (大仏殿 डाइबसुद्देन), दुनिया की सबसे बड़ी कांस्य प्रतिमा बुद्ध वैरोकोना, Japan National Tourist Organization, retrieved on February 5, 2009 का घर हैं, जापान में जिसे डाइबात्सु (大仏) के रूप में जाना जाता हैं। यह मंदिर, बौद्ध धर्म के केगोन स्कूल के जापानी मुख्यालय के रूप में भी कार्य करता हैं। यह मंदिर "प्राचीन नारा के ऐतिहासिक स्मारक" में से एक साथ ही नारा शहर में मंदिरों, मंदिरों और स्थानों सहित सात अन्य स्थलों के साथ यूनेस्को की एक विश्व धरोहर स्थल है। हिरण को, शिंतो धर्म में देवताओं के दूतों के रूप में माना जाता है, यहाँ ये मैदानों मे आज़ादी से घूमते रहते हैं। .

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दार्जिलिंग हिमालयी रेल

दार्जिलिंग हिमालयी रेल (अंग्रेजी: Darjeeling Himalayan Railway), जिसे "टॉय ट्रेन" के नाम से भी जाना जाता है भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलने वाली एक छोटी लाइन की रेलवे प्रणाली है। इसका निर्माण 1879 और 1881 के बीच किया गया था और इसकी कुल लंबाई 78 किलोमीटर (48 मील) है। इसकी उन्नयन (ऊँचाई) स्तर न्यू जलपाईगुड़ी में लगभग 100 मीटर (328 फीट) से लेकर दार्जिलिंग में 2,200 मीटर (7,218 फुट) तक है। इसकी अनुसूचित सेवाओं का परिचालन मुख्यत: चार आधुनिक डीजल इंजनों द्वारा किया जाता है; हालाँकि दैनिक कुर्सियांग-दार्जिलिंग वापसी सेवा और दार्जिलिंग से घुम (भारत का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन) के बीच चलने वाली दैनिक पर्यटन गाड़ियों का परिचालन पुराने ब्रिटिश निर्मित बी श्रेणी के भाप इंजन, डीएचआर 778 द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस रेलवे को यूनेस्को द्वारा नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका शिमला रेलवे के साथ भारत की पर्वतीय रेल के रूप में विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इस रेलवे का मुख्यालय कुर्सियांग शहर में है। .

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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दिल्ली की संस्कृति

दिल्ली हाट में प्रदर्शित परंपरागत पॉटरी उत्पाद। दिल्ली की संस्कृति यहां के लंबे इतिहास और भारत की राजधानी रूप में ऐतिहासिक स्थिति से पूर्ण प्रभावित रहा है। यह शहर में बने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों से विदित है। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने दिल्ली शहर में लगभग १२०० धरोहर स्थल घोषित किए हैं, जो कि विश्व में किसी भी शहर से कहीं अधिक है। और इनमें से १७५ स्थल राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किए हैं। पुराना शहर वह स्थान है, जहां मुगलों और तुर्क शासकों ने कई स्थापत्य के नमूने खडए किए हैं, जैसे जामा मस्जिद (भारत की सबसे बड़ी मस्जिद) और लाल किला। दिल्ली में फिल्हाल तीन विश्व धरोहर स्थल हैं – लाल किला, कुतुब मीनार और हुमायुं का मकबरा। अन्य स्मारकों में इंडिया गेट, जंतर मंतर (१८वीं सदी की खगोलशास्त्रीय वेधशाला), पुराना किला (१६वीं सदी का किला).

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द्रेकंस्बर्ग उद्यान

द्रेकंस्बर्ग उद्यान दक्षिण अफ्रीका में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1991 में मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थल.

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दैत्य सेतुक

दैत्य सेतुक, (अंग्रेजी: Giant's Causeway, आयरिश: Clochán an Aifir या Clochán na bhFomhórach और अल्स्टर स्कॉट:tha Giant's Causey) एक प्राचीन ज्वालामुखीय विस्फोट के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आये लगभग 40,000 अन्त:पाशित (आपस में गुथे हुए) बेसाल्ट स्तंभों की संरचना वाला क्षेत्र है। यह उत्तरी आयरलैंड की अंटरिम काउंटी के उत्तरी-पूर्व तट पर स्थित है और बुशमिल्स नामक शहर के उत्तर पूर्व में तीन मील (4.8 किमी) की दूरी पर स्थित है। यूनेस्को ने इस क्षेत्र को 1986 में एक विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था, जबकि उत्तरी आयरलैंड के पर्यावरण विभाग ने 1987 में इसे एक राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षित क्षेत्र घोषित किया। 2005 में रेडियो टाइम्स के पाठकों के बीच कराये गये एक सर्वेक्षण में, इस संरचना को संयुक्त राजशाही का चौथा सबसे बड़ा प्राकृतिक आश्चर्य चुना गया। सागर से उभरने वाले इन उर्ध्वाधर खड़े स्तभों के सिरे कमोबेश चपटे हैं। अधिकांश स्तंभ षटकोणीय हैं, हालांकि चार, पांच, सात और आठ पक्षों वाले स्तंभ भी उपस्थित हैं। सबसे लंबा स्तंभ 12 मीटर (39 फुट) ऊंचा है और चट्टानों में जमा लावा कई स्थानों पर 28 मीटर तक मोटा है। दैत्य सेतुक का प्रबंधन और स्वामित्व, राष्ट्रीय न्यास के हाथों में है और उत्तरी आयरलैंड में यह सबसे अधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। .

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दोनाना नेशनल पार्क

दोनाना नेशनल पार्क दक्षिणी स्पेन के आंदालुसिया में एक प्राकृतिक आरक्षित क्षेत्र है। ये हेल्वा और सेविले प्रान्त में फैला हुआ है। यह 543 वर्ग किमी (52.12 वर्ग मील) में फैला हुआ है जिसमें से 135 वर्ग किमी (209.65 वर्ग मील) संरक्षित क्षेत्र हैं। ये पार्क मार्श और छोटी नदियों का क्षेत्र है। यह पार्क दलदल, उथले धाराओं और रेत के टीलों का एक क्षेत्र है और ये गुअदिल्क़ुइविर नदी के दहाने में स्थित है। यह 1969 में प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र निर्धारित किया गया। स्पेन की सरकार ने इस क्षेत्र को खरीदा और इसे एक प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्रों बनाया। दलदल पानी की वजह से इस क्षेत्र में लगातार खतरे बना रहता है। इसका पानी समुद्र तट के क्षेत्र में कृषि के लिए उपयोग किया जाता है। इसका ये नाम डोना ना दे सिल्वा वी मेन्दोज़ा के नाम पर पड़ा है। वो मेडोना-सेडोना के दिऊक की पत्नी थी। 1994 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर में शामिल किया। 2006 में यहाँ आने वाले सैलानीओं के मात्रा लगभग 376,287 थी। .

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नन्दा देवी पर्वत

नन्दा देवी पर्वत भारत की दूसरी एवं विश्व की २३वीं सर्वोच्च चोटी है।। हिन्दुस्तान लाइव। १४ अक्टूबर २००९ इससे ऊंची व देश में सर्वोच्च चोटी कंचनजंघा है। नन्दा देवी शिखर हिमालय पर्वत शृंखला में भारत के उत्तरांचल राज्य में पूर्व में गौरीगंगा तथा पश्चिम में ऋषिगंगा घाटियों के बीच स्थित है। इसकी ऊंचाई ७८१६ मीटर (२५,६४३ फीट) है। इस चोटी को उत्तरांचल राज्य में मुख्य देवी के रूप में पूजा जाता है।। नवभारत टाइम्स। हरेन्द्र सिंह रावत इन्हें नन्दा देवी कहते हैं। नन्दादेवी मैसिफ के दो छोर हैं। इनमें दूसरा छोर नन्दादेवी ईस्ट कहलाता है। इन दोनों के मध्य दो किलोमीटर लम्बा रिज क्षेत्र है। इस शिखर पर प्रथम विजय अभियान में १९३६ में नोयल ऑडेल तथा बिल तिलमेन को सफलता मिली थी। पर्वतारोही के अनुसार नन्दादेवी शिखर के आसपास का क्षेत्र अत्यंत सुंदर है। यह शिखर २१००० फुट से ऊंची कई चोटियों के मध्य स्थित है। यह पूरा क्षेत्र नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया जा चुका है। इस नेशनल पार्क को १९८८ में यूनेस्को द्वारा प्राकृतिक महत्व की विश्व धरोहर का सम्मान भी दिया जा चुका है। .

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नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान अर्थात् नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य एक विश्व धरोहर का नाम है। यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य में नन्दा देवी पर्वत के आस-पास का इलाका है, जिसे नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। .

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नालन्दा महाविहार

नालंदा के प्राचीन विश्वविद्यालय के अवशेष। यह प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केन्द्र था। महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा-केन्द्र में हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे। वर्तमान बिहार राज्य में पटना से ८८.५ किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और राजगीर से ११.५ किलोमीटर उत्तर में एक गाँव के पास अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा खोजे गए इस महान बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष इसके प्राचीन वैभव का बहुत कुछ अंदाज़ करा देते हैं। अनेक पुराभिलेखों और सातवीं शताब्दी में भारत भ्रमण के लिए आये चीनी यात्री ह्वेनसांग तथा इत्सिंग के यात्रा विवरणों से इस विश्वविद्यालय के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। यहाँ १०,००० छात्रों को पढ़ाने के लिए २,००० शिक्षक थे। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने ७ वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था। प्रसिद्ध 'बौद्ध सारिपुत्र' का जन्म यहीं पर हुआ था। .

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निओकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान

निओकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान सेनेगल मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1981 मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:सेनेगल में विश्व धरोहर स्थल.

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निक्को राष्ट्रीय उद्यान

निक्को नेशनल पार्क (日光国立公園, Nikkō National Park) कांटो क्षेत्र का एक राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो जापान के होन्शू मुख्य द्वीप पर स्थित हैं। पार्क चार प्रान्तों में फैला हुआ हैं: टोचिइ, गनमा, फुकुशिमा, और निगाटा, और इसें 1934 में स्थापित किया गया था। .

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नैरो गेज

नैरो गेज रेलवे वह रेल ट्रैक होता है, जो 1,435 मिमी (4 फीट 8½ इंच) के मानक गेज से संकरा होता है। अधिकांश नैरो गेज, जो अब भी अस्तित्व में हैं; ३ फीट, ६ इंच (1,067 मिमी) या इससे भी संकरे हैं। 400px Image:Narrow gauge bal bhawan.jpg|दिल्ली के बाल भवन में चलने वाली बच्चों की रेल के नैरो गेज के ट्रैक Image:Narrow gauge bal bhawan2.jpg|बाल भवन की रेल के स्टेशन पर नैरो गेज की लाइनें .

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नेपियर

नेपियर (जिसे माओरी भाषा में अहुरिरी कहा जाता है) न्यूजीलैंड का एक शहर है जहाँ उत्तरी द्वीप के पूर्वी तट पर होक्स बे में एक समुद्रतटीय बंदरगाह स्थित है। नेपियर की जनसंख्या लगभग है। नेपियर से तकरीबन 18 किलोमीटर दक्षिण हेस्टिंग्स का अंतर्देशीय शहर बसा है। इन दो पड़ोसी शहरों को अक्सर न्यूजीलैंड का "जुड़वां शहर (द ट्विन सिटीज)" या "खाड़ी शहर (द बे सिटीज)" कहा जाता है। नेपियर और हेस्टिंग्स के महानगरीय क्षेत्र की कुल आबादी लगभग 122,600 लोगों की है जो नेपियर-हेस्टिंग्स को न्यूजीलैंड का पाँचवां सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र बनाता है जिसके काफी करीब तौरंगा (आबादी 116,000) और डुनेडिन (आबादी 115,000) है और अनुगामी हैमिल्टन (आबादी 169,000) शहर है। नेपियर न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन से लगभग 320 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की ओर स्थित है। नेपियर की आबादी हेस्टिंग्स की तुलना में कम है लेकिन इसके समुद्रतटीय बंदरगाह और हवाई अड्डे के कारण इसे मुख्य केंद्र के रूप में देखा जाता है, हालांकि हेस्टिंग्स में भी एक छोटा हवाई अड्डा मौजूद है। नेपियर दक्षिणी गोलार्द्ध के सबसे बड़े ऊन केंद्र का संपर्क सूत्र है और इसके पास पूर्वोत्तर न्यूजीलैंड के लिए एक मुख्य समुद्रतटीय निर्यात संबंधी बंदरगाह है - जो न्यूजीलैंड में सेब, नाशपाती और स्टोन फ्रूट का सबसे बड़ा उत्पादक है। नेपियर एक महत्वपूर्ण अंगूर और शराब उत्पादन का क्षेत्र भी बन गया है जहाँ अंगूर की खेती ज्यादातर हेस्टिंग्स के आसपास होती है जिन्हें निर्यात के लिए नेपियर के बंदरगाह से होकर भेजा जाता है। भेड़ के ऊन, फ्रोजन मांस, लकड़ी के लुगदी और लकडियाँ काफी मात्रा में स्टीमर जहाज़ों के जरिये निर्यात के लिए हर साल नेपियर से होकर गुजरती हैं। बेशक, इन सामग्रियों को छोटी मात्राओं में लॉरी और रेलवे के जरिये स्वयं न्यूजीलैंड के बड़े महानगरीय क्षेत्रों जैसे कि ऑकलैंड, वेलिंगटन और हैमिल्टन में भेजा जाता है। नेपियर एक लोकप्रिय पर्यटन संबंधी शहर है जहाँ 1930 के दशक की आर्ट डेको वास्तुकला का अनूठा संग्रह मौजूद है। तस्वीरों में सबसे अधिक प्रयोग किये गए देश के आकर्षक पर्यटन केन्द्रों में से एक यहाँ मौजूद है, मरीन परेड पर स्थित इस प्रतिमा को पैनिया ऑफ द रीफ कहा जाता है। हर साल फरवरी के महीने में हजारों लोग आर्ट डेको सप्ताहांत आयोजन के लिए नेपियर में जमा होते हैं, जो इसकी आर्ट डेको विरासत और इतिहास का एक भव्य समारोह है। मेहमानों को आकर्षित करने वाले अन्य उल्लेखनीय पर्यटन संबंधी आयोजनों में इस क्षेत्र का वाइन एंड फ़ूड फेस्टिवल (जिसका नाम हार्वेस्ट होक्स बे है) और नजदीकी टाउनशिप टाराडेल में मिशन एस्टेट वाइनरी में आयोजित होने वाला मिशन कॉन्सर्ट शामिल है। .

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नॉर्थवेस्ट टेरीटरीज़

उत्तर पश्चिम प्रदेश (Northwest Territories) (NWT; फ्रांसीसी: les Territoires du Nord-Ouest, TNO; अथबास्कन भाषाएँ: डेनेडेह; ईनुइनाक़्तुन: नुनात्सिआक़; ईनुक्तितुत: ᓄᓇᑦᓯᐊᖅ) कनाडा का एक प्रांत है। यहाँ की जनसंख्या सन २०११ में 41,462 थी। यह प्रांत उत्तरी कनाडा का सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रांत है। येलोनाइफ़ को 1967 में प्रांत की राजधानी घोषित किया गया। उत्तर पश्चिम प्रदेश जो कि पुराने उत्तर पश्चिम प्रदेश का एक हिस्सा था १५ जुलाई १८७० को कनाडियाई महासंघ में शामिल हुआ लेकिन इसके वर्तमान सीमाएँ १ अप्रैल १९९९ को बनीं जब प्रदेश को काटकर पूर्व में नुनावुत बनाया गया। जबकि नुनावुत अधिकांशत: आर्कटिक की ठंड की चपेट में रहता है उत्तरपश्चिमी प्रदेश की जलवायु अपेक्षाकृत थोड़ी गर्म है। यहाँ अधिकतर स्थानों पर ताइगा पाई जाती है और इसके अधिकतर उत्तरी क्षेत्र कनाडियाई आर्कटिक द्वीपसमूह का हिस्सा हैं। उत्तरपश्चिमी प्रदेश की सीमा कनाडा के दो अन्य प्रांतों पूर्व में नुनावुत, पश्चिम में युकॉन, दक्षिण में ब्रिटिश कोलम्बिया, अल्बर्टा और सैस्कैचवैन से लगती है। .

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नीलगिरि पर्वतीय रेल

नीलगिरि पर्वतीय रेल (अंग्रेजी:Nilgiri Mountain Railway; तमिल: நீலகிரி மலை ரயில்), भारत के राज्य तमिलनाडु में स्थित एक रेल प्रणाली है, जिसे 1908 में ब्रिटिश राज के दौरान बनाया गया था। शुरूआत में इसका संचालन मद्रास रेलवे द्वारा किया जाता था। इस रेलवे का परिचालन आज भी भाप इंजनों द्वारा किया जाता है। नीलगिरि पर्वतीय रेल, नवगठित सलेम मण्डल के अधिकार क्षेत्र में आता है। जुलाई 2005 में यूनेस्को ने नीलगिरि पर्वतीय रेल को दार्जिलिंग हिमालयी रेल के विश्व धरोहर स्थल के एक विस्तार के रूप में मान्यता दी थी और तब से इन्हें संयुक्त रूप से "भारत की पर्वतीय रेल" के नाम से जाना जाता है। इसे यह मान्यता मिलने के बाद इसकी आधुनिकीकरण की योजना का परित्याग कर दिया गया। पिछले कई वर्षों से कुन्नूर और उदगमंडलम के बीच के खंड पर भाप के इंजनों के स्थान पर लिए डीजल इंजनों का प्रयोग किया जा रहा है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने इस खंड पर एक बार फिर से भाप इंजनों द्वारा रेलगाड़ी चलाने की मांग की है। शाहरुख खान द्वारा अभिनीत हिंदी फिल्म "दिल से" के प्रसिद्ध हिंदी गीत छैंया छैंया का फिल्मांकन इसी रेलवे की रेलगाड़ी की छत पर किया गया है। | .

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पत्तदकल

पत्तदकल (कन्नड़ - ಪಟ್ಟದಕಲ್ಲು) भारत के कर्नाटक राज्य में एक कस्बा है, जो भारतीय स्थापत्यकला की वेसर शैली के आरम्भिक प्रयोगों वाले स्मारक समूह के लिये प्रसिद्ध है। ये मंदिर आठवीं शताब्दी में बनवाये गये थे। यहाँ द्रविड़ (दक्षिण भारतीय) तथा नागर (उत्तर भारतीय या आर्य) दोनों ही शैलियों के मंदिर हैं। पत्तदकल दक्षिण भारत के चालुक्य वंश की राजधानी बादामी से २२ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित हैं। चालुक्य वंश के राजाओं ने सातवीं और आठवीं शताब्दी में यहाँ कई मंदिर बनवाए। एहोल को स्थापत्यकला का विद्यालय माना जाता है, बादामी को महाविद्यालय तो पत्तदकल को विश्वविद्यालय कहा जाता है। पत्तदकल शहर उत्तरी कर्नाटक राज्य में बागलकोट जिले में मलयप्रभा नदी के तट पर बसा हुआ है। यह बादामी शहर से २२ कि.मि.

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पत्तदकल स्मारक परिसर

पत्तदकल स्मारक परिसर भारत के कर्नाटक राज्य में एक पत्तदकल नामक कस्बे में स्थित है। यह अपने पुरातात्विक महत्व के कारण प्रसिद्ध है। चालुक्य वंश के राजाओं ने सातवीं और आठवीं शताब्दी में यहाँ कई मंदिर बनवाए। एहोल को स्थापत्यकला का विद्यालय माना जाता है, बादामी को महाविद्यालय तो पत्तदकल को विश्वविद्यालय कहा जाता है। यहाँ कुल दस मंदिर हैं, जिनमें एक जैन धर्मशाला भी शामिल है। इन्हें घेरे हुए ढेरों चैत्य, पूजा स्थल एवं कई अपूर्ण आधारशिलाएं हैं। यहाँ चार मंदिर द्रविड़ शैली के हैं, चार नागर शैली के हैं एवं पापनाथ मंदिर मिश्रित शैली का है। पत्तदकल को १९८७ में युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। विरुपाक्ष मंदिर यहाँ का सर्वश्रेष्ठ मंदिर है। इसे महाराज विक्रमादित्य द्वितीय की पत्नी लोकमहादेवी ने ७४५ ई. में अपने पति की कांची के पल्लव वंश पर विजय के स्मारक रूप में बनवाया था। यह मंदिर कांची के कैलाशनाथ मंदिर से बहुत मिलता जुलता है। वही मंदिर इस मंदिर की प्रेरणा है। यही विरुपाक्ष मंदिर एल्लोरा में राष्ट्रकूट वंश द्वारा बनवाये गये कैलाशनाथ मंदिर की प्रेरणा बना। इस मंदिर की शिल्पाकृतियों में कुछ प्रमुख हैं लिंगोद्भव, नटराज, रावाणानुग्रह, उग्रनृसिंह, आदि। इसके अलावा संगमेश्वर मंदिर भी काफी आकर्षक है। यह मंदिर अधूरा है। इसे महाराज विजयादित्य सत्याश्रय ने बनवाया था। यहाँ के काशी विश्वनाथ मंदिर को राष्ट्रकूट वंश ने आठवीं शताब्दी में बनवाया था। निकटस्थ ही मल्लिकार्जुन मंदिर है। इसे विक्रमादित्य की द्वितीय रानी त्रिलोकमहादेवी द्वारा ७४५ ई. में बनवाया गया था। यह विरुपाक्ष मंदिर का एक छोटा प्रतिरूप है। गल्गनाथ मंदिर में भगवान शिव को अंधकासुर का मर्दन करते हुए दिखाया गया है। कदासिद्धेश्वर मंदिर में शिव की त्रिशूल धारी मूर्ति है। जम्बुलिंग मंदिर में शिवलिंग स्थापित है। ये सभी नागर शैली में निर्मित हैं। यहां के जैन मंदिर पत्तदकल-बादामी मार्ग पर स्थित है। ये मयनाखेत के राष्ट्रकूटों द्वारा द्रविड़ शैली में निर्मित हैं। यहां नौवीं शताब्दी के कुछ बहुत ही सुंदर शिल्प के नमूने हैं। इन्हे अमोघवर्षा प्रथम या उसके पुत्र कृष्ण द्वितीय ने बनवाया था। यहां का पापनाथ मंदिर वेसारा शैली में निर्मित है। ६८० ई. में निर्मित यह मंदिर पहले नागर शैली में आरम्भ हुआ था, पर बाद में द्रविड़ शैली में बदला गया। यहां के शिल्प रामायण एवं महाभारत की घटनाओं के बारे में बताते हैं। इस मंदिर में आलमपुर, आंध्र प्रदेश के नवब्रह्म मंदिर की झलक दिखाई देती है। यह मंदिर भी इसी वंश ने बनवाया था। यहाँ के बहुत से शिल्प अवशेष यहाँ बने प्लेन्स के संग्रहालय तथा शिल्प दीर्घा में सुरक्षित रखे हैं। इन संग्रहालयों का अनुरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करता है। ये भूतनाथ मंदिर मार्ग पर स्थित हैं। इनके अलावा अन्य महत्त्वपूर्ण स्मारकों में, अखण्ड एकाश्म स्तंभ, नागनाथ मंदिर, चंद्रशेखर मंदिर एवं महाकुटेश्वर मंदिर भी हैं, जिनमें अनेक शिलालेख हैं। File:Kasivisvanatha_temple_at_Pattadakal.jpg|काशीविश्वनाथ मंदिर File:Temple_Pattadakal.JPG|पापनाथ मंदिर चित्र:Mallikarjuna_and_Kasivisvanatha_temples_at_Pattadakal.jpg|मल्लिकार्जुन एवं काशीविश्वनाथ मंदिर File:Jain_Narayana_temple_at_Pattadakal.JPG|जैन नारायण मंदिर .

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परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य

परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य दक्षिणी भारत के केरल राज्य के पालक्कड जिले के चित्तूर तालुके में 89 वर्गकिमी में विस्तृत एक संरक्षित क्षेत्र है। 1973 में स्थापित यह अभयारण्य अनाइमलाई पाहड़ियों और नेल्लियमपथी पाहड़ियों के बीच सुन्गम पर्वतमाला में स्थित है।पश्चिमी घाट, अनाइमलाई उपसमूह क्षेत्र और परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य सहित यह पूरा क्षेत्र यूनेस्को की विश्व विरासत समीति द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल बनाए जाने के लिए विचाराधीन है। यूनेस्को, विश्व-धरोहर स्थल, अंतरिम सूची, पश्चिमी घाट उप-क्लस्टर, निल्गिरिज़.

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पर्सेपोलिस

पर्सेपोलिस (पुरानी फ़ारसी में 𐎱𐎠𐎼𐎿 परसा, तख्त-ए जमशीद या चेहेल मीनार), आक्मेनीड साम्राज्य (550-330 ई.पू.) की औपचारिक (रैतिक) राजधानी थी। पर्सेपोलिस, आधुनिक इरान के फार्स प्रान्त के वर्तमान शहर शिराज़ के पूर्वोत्तर में स्थित है। समकालीन फारसी में इस स्थान को तख़्त-ए जमशीद (जमशीद का सिंहासन) तथा पारसेह के नाम से जाना जाता है। पर्सेपोलिस के सबसे शुरुआती अवशेष लगभग 515 ईपू के आसपास के हैं। प्राचीन फारसी लोग इस शहर को पारसा के नाम से जानते थे जिसका अर्थ है "फारसियों का शहर".

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पशुपतिनाथ मन्दिर (नेपाल)

पशुपतिनाथ मंदिर (नेपाली: पशुपतिनाथ मन्दिर) नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बागमती नदी के किनारे देवपाटन गांव में स्थित एक हिंदू मंदिर है। नेपाल के एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने से पहले यह मंदिर राष्ट्रीय देवता, भगवान पशुपतिनाथ का मुख्य निवास माना जाता था। यह मंदिर यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में सूचीबद्ध है। पशुपतिनाथ में आस्था रखने वालों (मुख्य रूप से हिंदुओं) को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति है। गैर हिंदू आगंतुकों को इसे बाहर से बागमती नदी के दूसरे किनारे से देखने की अनुमति है। यह मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। १५ वीं शताब्दी के राजा प्रताप मल्ल से शुरु हुई परंपरा है कि मंदिर में चार पुजारी (भट्ट) और एक मुख्य पुजारी (मूल-भट्ट) दक्षिण भारत के ब्राह्मणों में से रखे जाते हैं। पशुपतिनाथ में शिवरात्रि का पर्व विशेष महत्व के साथ मनाया जाता है। .

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पश्चिमी घाट

भारत की प्रमुख पर्वत-शृंखलाएँ; इसमें पश्चिमी तट के लगभग समान्तर जो पर्वत-श्रेणी है, वही ''''पश्चिमी घाट'''' कहलाती है। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत शृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय शृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। विश्‍व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्‍व में इसका 8वां स्थान है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होती है और महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से होते हुए कन्याकुमारी में समाप्‍त हो जाती है। वर्ष 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्र के 39 स्‍थानों को विश्व धरोहर स्‍थल घोषित किया है।" पश्चिमी घाट का संस्कृत नाम सह्याद्रि पर्वत है। यह पर्वतश्रेणी महाराष्ट्र में कुंदाइबारी दर्रे से आरंभ होकर, तट के समांतर, सागरतट से ३० किमी से लेकर १०० किमी के अंतर से लगभग ४,००० फुट तक ऊँची दक्षिण की ओर जाती है। यह श्रेणी कोंकण के निम्न प्रदेश एवं लगभग २,००० फुट ऊँचे दकन के पठार को एक दूसरे से विभक्त करती है। इसपर कई इतिहासप्रसिद्ध किले बने हैं। कुंदाईबारी दर्रा भरुच तथा दकन पठार के बीच व्यापार का मुख्य मार्ग है। इससे कई बड़ी बड़ी नदियाँ निकलकर पूर्व की ओर बहती हैं। इसमें थाल घाट, भोर घाट, पाल घाट तीन प्रसिद्ध दर्रे हैं। थाल घाट से होकर बंबई-आगरा-मार्ग जाता है। कलसूबाई चोटी सबसे ऊँची (५,४२७ फुट) चोटी है। भोर घाट से बंबई-पूना मार्ग गुजरता है। इन दर्रो के अलावा जरसोपा, कोल्लुर, होसंगादी, आगुंबी, बूँध, मंजराबाद एवं विसाली आदि दर्रे हैं। अंत में दक्षिण में जाकर यह श्रेणी पूर्वी घाट पहाड़ से नीलगिरि के पठार के रूप में मिल जाती है। इसी पठार पर पहाड़ी सैरगाह ओत्तकमंदु स्थित है, जो सागरतल से ७,००० फुट की ऊँचाई पर बसा है। नीलगिरि पठार के दक्षिण में प्रसिद्ध दर्रा पालघाट है। यह दर्रा २५ किमी चौड़ा तथा सगरतल से १,००० फुट ऊँचा है। केरल-मद्रास का संबंध इसी दर्रे से है। इस दर्रे के दक्षिण में यह श्रेणी पुन: ऊँची हाकर अन्नाईमलाई पहाड़ी के रूप में चलती है। पाल घाट के दक्षिण में श्रेणी की पूर्वी पश्चिमी दोनों ढालें खड़ी हैं। पश्चिमी घाट में सुंदर सुंदर दृश्य देखने को मिलती हैं। जंगलों में शिकार भी खेला जाता है। प्राचीन समय से यातायात की बाधा के कारण इस श्रेणी के पूर्व एवं पश्चिम के भागों के लोगों की बोली, रहन सहन आदि में बड़ा अंतर है। यहाँ कई जंगली जातियाँ भी रहती हैं। पश्चिमी घाट का उपग्रह से लिया गया चित्र .

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पिनांग

पिनांग मलेशिया का एक राज्य है जो मलक्का के जलडमरुमध्य के साथ प्रायद्वीपीय मलेशिया के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। क्षेत्र के हिसाब से पिनांग पेर्लिस के बाद मलेशिया का दूसरा सबसे छोटा और आठवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। पिनांग के निवासी को बोलचाल की भाषा में पेननगाइट के रूप में जाना जाता है। .

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पिको देल तेइदे

पिको देल तेइदे पिको देल तेइदे 3D पिको देल तेइदे (स्पेनी भाषा: Spanish, Pico del Teide; अर्थात 'तेइदे पर्वत') एक प्रमुख ज्वालामुखी हैं यह कैनरी द्वीप के टेनराइफ (तेनरीफ़) में स्थित है और स्पेन में सबसे बड़ा पहाड़ है। 2007 में इसे विश्व विरासत घोषित किया गया।। पहाड़ द्वीप के प्राचीन निवासियों को पवित्र किया गया था (गुआंचे)। .

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पुराना यरुशलम शहर

पुराना शहर (העיר העתיקה, हा'लर हा'अतिकाह, البلدة القديمة, अल-बलद अल-कदीम) वर्तमान यरुशलम के अंतर्गत एक 0.9 वर्ग किलीमीटर दीवारों से घिरा क्षेत्र है। पुराना शहर कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का घर है: टेम्पल माउंट और पश्चिमी दीवार यहूदियों के लिये, पवित्र कब्र वाला चर्च ईसाईयों के लिये तथा डोम ऑफ़ द रॉक और अल-अक्सा मस्जिद मुस्लिमों के लिये पवित्र धार्मिक स्थल है। युनेस्को ने इसे 1981 में इसे विश्व धरोहर घोषित किया। पारम्परिक रूप से पुराना शहर चार खण्डों में विभक्त है; ये हैं मुस्लिम खण्ड, ईसाई खण्ड, अर्मेनियाई खण्ड और यहूदी खण्ड। शहर की रक्षा प्राचीरें तथा द्वार उस्मान साम्राज्य के सुल्तान सुलेमान प्रथम द्वारा 1535–1542 ईस्वी के मध्य बनवायी गयी थी। 2007 के अनुसार पुराने शहर में 27,500 मुस्लिम, 5,681 ईसाई, 790 अर्मेनियाई तथा 3,089 यहूदी रहते हैं। अरब-इजराइल युद्ध (१९४८) के बाद जॉर्डन ने पुराने शहर पर कब्ज़ा कर लिया और यहूदियों को यहाँ से बाहर निकाल दिया। छः दिन के युद्ध के दौरान इजराइल ने पुराने शहर सहित पूरे पूर्व यरुशलम पर कब्ज़ा कर लिया और इसे पश्चिम यरुशलम के साथ मिला दिया। वर्तमान में यह पूरा क्षेत्र इसरायली सरकार के नियंत्रण में है, जो इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का अंग मानती है। हालांकि इसरायली सरकार के 1980 के यरुशलम एकीकरण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमान्य घोषित कर दिया है। पूर्व यरुशलम को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब फिलिस्तानी क्षेत्र का अंग मानता है। .

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प्युनिंग मंदिर

प्युनिंग मंदिर() जिसे वस्तुतः विशाल बुद्ध मंदिर कहा जाता है, बौद्ध चेंगडे हेबै प्रांत, चीन में मंदिर परिसर है। यह किंग राजवंश में क्वानानोंग सम्राट के शासनकाल के दौरान १७५५ में बनाया गया था। यह चेंग्डे माउंटेन रिज़ॉर्ट के पास है और पुटुओ ज़ोंगचेंग मंदिर के समान प्रसिद्ध है, प्युनिंग मंदिर चेंगडे के "आठ बाहरी मंदिरों" में से एक है। पिंगिंग मंदिर का सामे मठ के बाद, तिब्बत में पवित्र लामावादी स्थल ल्हासा में पोटोला पैलेस के बाद का पुटुओ ज़ोंगचेंग मंदिर का चित्रण किया गया था। सामने का मंदिर चीनी शैली में बनाया गया था, हालांकि मंदिर परिसर में चीनी और तिब्बती स्थापत्य शैली का प्रयोग किया गया हैं। प्युनिंग मंदिर में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर (२२.२८ मीटर ऊंचा और ११० टन) की दुनिया की सबसे ऊंची लकड़ी की मूर्ति है।, इसलिए इसे अक्सर विशाल बुद्ध मंदिर नामक उपनाम दिया जाता है। मंदिर के जटिल वैशिष्टय इस प्रकार हैं - सभामण्डप, मंडप, मृदंग मीनार और घंटी मीनार। .

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प्राचीन थेब्स

प्राचीन थेब्स (प्राचीन ग्रीक: Θῆβαι, Thēbai),मिस्र मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। यह प्राचीन मिस्र के लोगों में वासेट के रूप में जाना जाने वाला, भूमध्यसागर से 800 किलोमीटर (500 मील) दक्षिण में नील के पूर्व में स्थित एक प्राचीन मिस्र का शहर था। इसके खंडहर आधुनिक मिस्र शहर लक्सर में देखे जा सकते है। थेब्स ऊपरी मिस्र के नोम (राजदंड नोम) का चौथा मुख्य शहर था और मुख्य रूप से मध्य साम्राज्य और नए साम्राज्य के दौरान मिस्र की राजधानी थी। यह अपने मूल्यवान खनिज संसाधनों और व्यापार मार्गों के साथ, नुबिया और पूर्वी रेगिस्तान के नजदीक था। यह अपने स्वर्णिम काल के दौरान एक पंथ केंद्र और प्राचीन मिस्र का सबसे सम्मानित शहर था। थेब्स के एतिहासिक स्थल नील नदी के दोनो तटों में फैला हुआ है जहाँ पूर्वी तट में कर्णक के मंदिर और आज का लक्सर शहर था; वहीं पश्चिमी किनारे में, बड़े निजी और शाही कब्रिस्तान और अंत्येष्टि परिसरों का एक नेक्रोपोलिस देखा जा सकता है। इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा सन १९७९ मे मिला था। .

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प्राचीन दमिश्क शहर

प्राचीन दमिश्क शहर, सीरिया का ऐतिहासिक शहर है जो वर्तमान में सीरिया की राजधानी आधुनिक दमिश्क से भिन्न है। पुराना शहर, जो दुनिया के सबसे पुराने लगातार बसे हुए शहरों में से एक है। दमिश्क में कई ऐतिहासिक चर्च और मस्जिद शामिल हैं। कई संस्कृतियों ने अपना प्रभाव छोड़ा है, विशेषकर हेलेनिस्टिक, रोमन, बाइजांटाइन और इस्लामी, रोमन युग की दीवारों से घिरे शहर को वर्ष 1979 ईस्वी में ऐतिहासिक रूप से यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। जून 2013 में, यूनेस्को ने सीरियाई गृहयुद्ध की वजह से खतरे की चेतावनी देने के लिए खतरे में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में दमिश्क शहर को शामिल किया था।.

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प्राचीन लक्सर मन्दिर

प्राचीन लक्सर मन्दिर (Ancient Luxor Temple) मिस्र के लक्सर प्रांत में स्थित है। यह एक विश्व धरोहर स्थल है जो पयर्टन के क्षेत्र में मिस्र का एक महत्त्वपूर्ण स्थल है।.

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पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर

पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटेन की संसद के दो सदनों का सभा स्थल है। इनमें से एक है ''हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। यह लंदन शहर के हृदय माने जाने वाले वेस्टमिन्स्टर शहर में थेम्स नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह सरकारी भवन वाइटहॉल और डाउन स्ट्रीट तथा ऐतिहासिक स्थल वेस्टमिन्स्टर ऐबी के करीब है। यह नाम निम्न दो में से किसी एक संरचना को संदर्भित कर सकता है, द ओल्ड पैलेस, जो एक मध्यकालीन इमारत है जो कि 1834 में ही नष्ट हो गई थी और उसके स्थान पर बनने वाला न्यू पैलेस जो आज भी मौजूद है। लेकिन इसकी मूल शैली और शाही ठाठबाट पूर्ववत बनी हुई है। इस जगह पर पहला शाही महल ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया था और 1512 में इस इमारत के नष्ट होने से पहले वेस्टमिन्स्टर ही लंदन के राजा का प्राथमिक लंदन निवास था। इसके बाद से ही यह संसद भवन के रूप में कार्य कर रहा है। 13 वीं शताब्दी से यहां संसद की सभाएं होती हैं और शाही न्याय पीठ एवं वेस्टमिन्स्टर हॉल भी यहीं पर है। पुनः पूरी भव्यता से बनाये गये इस संसद भवन में 1834 में भयानक आग लग गई। इस आग से जो इमारते बच गईं उनमें शामिल हैं वेस्टमिन्स्टर हॉल, द क्लॉइस्टर्स ऑफ सेंट स्टीफन्स, चैपल ऑफ सेंट मैरी अंडरक्राफ्ट और जूअल टॉवर.

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पेत्रा

पेत्रा (अरबी:, अल-बत्रा; यूनानी: πέτρα; अंग्रेजी: Petra, पॅत्रा) जॉर्डन के म'आन प्रान्त में स्थित एक ऐतिहासिक नगरी है जो अपने पत्थर से तराशी गई इमारतों और पानी वाहन प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। इसे छठी शताब्दी ईसापूर्व में नबातियों ने अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया था। माना जाता है कि इसका निर्माण कार्य १२०० ईसापूर्व के आसपास शुरू हुआ। आधुनिक युग में यह एक मशहूर पर्यटक स्थल है। पेत्रा एक "होर" नामक पहाड़ की ढलान पर बना हुई है और पहाड़ों से घिरी हुई एक द्रोणी में स्थित है। यह पहाड़ मृत सागर से अक़ाबा की खाड़ी तक चलने वाली "वादी अरबा" नामक घाटी की पूर्वी सीमा हैं। पेत्रा को युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर होने का दर्जा मिला हुआ है। बीबीसी ने अपनी "मरने से पहले ४० देखने योग्य स्थान" में पेत्रा को भी शामिल किया हुआ है। .

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पोताला महल

300px पोताला महल (तिब्बती भाषा: པོ་ཏ་ལ) ल्हासा शहर के उत्तर पश्चिमी भाग में खड़े लाल पहाड़ी पर स्थित है। यह एक शानदार बुर्जनुमा भवन है जो तिब्बत का एक प्रतीकात्मक वास्तु है। समूचा निर्माण तिब्बती वास्तु शैली में किया गया और पहाड़ पर खड़ा हुआ है। इसका निर्माण १६४५ में आरम्भ हुआ। यह महल तिब्बत के थुबो राजकाल में राजा सोंगत्सांकांबू ने थांग राजवंश की राजकुमारी वनछङ के साथ विवाह के लिए बनवाया था। 17वीं शताब्दी में उसके पुनर्निर्माण के बाद वह विभिन्न पीढियों के दलाई लामा का आवास बनाया गया। वह तिब्बत के राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित शासन का केन्द्र था। पोताला महल में बेशुमार कीमती चीजें सुरक्षित रखी हुई हैं और देश का एक कलाकृति खजाना माना जाता है। वर्ष 1994 में पोताला महल विश्व सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया। पोताला महल के दो भाग हैं- लाल महल और श्वेत महल। .

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फ़ासिल घेब्बी

फ़ासिल घेब्बी इथियोपिया में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९७९ में मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:इथियोपिया में विश्व धरोहर स्थल.

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक फूलों की घाटी का नाम है, जिसे अंग्रेजी में Valley of Flowers कहते हैं। यह भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में है। यह फूलों की घाटी विश्व संगठन, यूनेस्को द्वारा सन् 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नन्दा देवी अभयारण्य नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है। .

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बन्डीयागारा

बन्डीयागारा माली में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९८९ में मिला। श्रेणी:माली में विश्व धरोहर स्थल.

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बात, अल-खुतुम और अल-आइन के पुरातत्व स्थल

बात, अल-खुतुम और अल-आइन के पुरातत्व स्थल, तीसरी सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व के महत्वपूर्ण कब्रिस्तान समूह हैं जो एक तालाब के पास स्थित हैं। 1988 में यूनेस्को द्वारा इन्हें विश्व धरोहर घोषित किया गया था। .

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बकार्डी

बकार्डी एक परिवार-नियंत्रित शराब की कंपनी है, जिसे रम के साथ-साथ बकार्डी सुपीरियर और बकार्डी 151 के निर्माता के रूप में सबसे अच्छी तरह जाना जाता है। कंपनी की बिक्री लगभग 100 देशों में प्रति वर्ष 200 मिलियन बोतलों से भी अधिक है। 2007 में कंपनी की बिक्री 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जो 2006 में 4.9 बिलियन डॉलर से अधिक थी। बकार्डी का मुख्यालय हैमिल्टन, बरमूडा में है और इसके पास निदेशकों की एक 16-सदस्यीय समिति है जिसका नेतृत्व इसके मूल संस्थापक के परपोते के बेटे, फैकंडो एल.

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ब्राज़ील में विश्व धरोहर स्थलों की सूची

युनेस्को (युनेस्को) विश्व धरोहर स्थल, उन सांस्कृतिक अथवा प्राकृतिक महत्व के स्थलों को कहा जाता है जो १९७२ में स्थापित यूनेस्को विश्व विरासत सम्मेलन में वर्णित व्यवस्था के अनुसार होते हैं। ब्राज़ील ने इस परम्परा को सितम्बर १, १९७७ में स्वीकार किया तथा इसके बाद यहाँ के विभिन्न स्थलों को भी इस सूची के योग्य स्वीकार किया गया। ब्राज़ील के स्थलों को पहली बार १९८० में पेरिस में हुयी विश्व धरोहर समिति के चौथे सत्र में शामिल किया गया। उस सत्र में एक स्थल को जोड़ा गया: द "औरो प्रेटो का ऐतिहासिक नगर"। जुलाई २०१४ तक ब्राज़ील कुल १९ स्थानों को इस सूची में जोड़ा जा चुका है। इनमें से एक स्थल को अन्य देशों के साथ साझा किया गया है: "गुयारनिस के जेसुइट मिशन" को अर्जेंटीना के साथ। ब्राज़ील में सात विरासत स्थल प्राकृतिक प्रकार के तथा अन्य सभी सांस्कृतिक प्रकार का है। .

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बृहदेश्वर मन्दिर

बृहदेश्वर मंदिर का प्रवेश द्वार बृहदेश्वर अथवा बृहदीश्वर मन्दिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित एक हिंदू मंदिर है जो 11वीं सदी के आरम्भ में बनाया गया था। इसे तमिल भाषा में बृहदीश्वर के नाम से जाना जाता है। बृहदेश्वर मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट नि‍र्मि‍त है। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्‍तुशिल्‍प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। इसका निर्माण 1003-1010 ई. के बीच चोल शासक प्रथम राजराज चोल ने करवाया था। उनके नाम पर इसे राजराजेश्वर मन्दिर का नाम भी दिया जाता है। यह अपने समय के विश्व के विशालतम संरचनाओं में गिना जाता था। इसके तेरह (13) मंजिलें भवन (सभी हिंदू अधिस्थापनाओं में मंजिलो की संख्या विषम होती है।) की ऊंचाई लगभग 66 मीटर है। मंदिर भगवान शिव की आराधना को समर्पित है। यह कला की प्रत्येक शाखा - वास्तुकला, पाषाण व ताम्र में शिल्पांकन, प्रतिमा विज्ञान, चित्रांकन, नृत्य, संगीत, आभूषण एवं उत्कीर्णकला का भंडार है। यह मंदिर उत्कीर्ण संस्कृत व तमिल पुरालेख सुलेखों का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर के निर्माण कला की एक विशेषता यह है कि इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती। शिखर पर स्वर्णकलश स्थित है। जिस पाषाण पर यह कलश स्थित है, अनुमानत: उसका भार 2200 मन (80 टन) है और यह एक ही पाषाण से बना है। मंदिर में स्थापित विशाल, भव्य शिवलिंग को देखने पर उनका वृहदेश्वर नाम सर्वथा उपयुक्त प्रतीत होता है। मंदिर में प्रवेश करने पर गोपुरम्‌ के भीतर एक चौकोर मंडप है। वहां चबूतरे पर नन्दी जी विराजमान हैं। नन्दी जी की यह प्रतिमा 6 मीटर लंबी, 2.6 मीटर चौड़ी तथा 3.7 मीटर ऊंची है। भारतवर्ष में एक ही पत्थर से निर्मित नन्दी जी की यह दूसरी सर्वाधिक विशाल प्रतिमा है। तंजौर में अन्य दर्शनीय मंदिर हैं- तिरुवोरिर्युर, गंगैकोंडचोलपुरम तथा दारासुरम्‌। .

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बोधगया

बिहार की राजधानी पटना के दक्षिणपूर्व में लगभग १०० किलोमीटर दूर स्थित बोधगया गया जिले से सटा एक छोटा शहर है। बोधगया में बोधि पेड़़ के नीचे तपस्या कर रहे भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। तभी से यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्ष २००२ में यूनेस्को द्वारा इस शहर को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया। .

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बोधगया बम विस्फोट

7 जुलाई 2013 को महाबोधी मंदिर परिसर में एक के बाद एक दस बम विस्फोट हुए, जो भारत के बोधगया नामक स्थान पर युनेस्को विश्व विरासत स्थल है। विस्फोटों से दो भिक्षुओं सहित पांच लोग हताहत हुए। गया के विभिन्न स्थानों पर बम निरोधक दस्ते ने तीन अन्य उपकरणों को नाकाम किया। विहार को इन हमलों से कोई क्षति नहीं पहुँची और पवित्र बोधि वृक्ष जहाँ माना जाता है कि गौतम बुद्ध को शिक्षा प्राप्त हुई थी को कोई नुकसान नहीं पहुँचा। चूँकि कुछ गिरफ्तारियाँ की गयी हैं लेकिन अब तक किसी भी संगठन अथवा समूह ने इन हमलो की जिम्मेदारी नहीं ली है। दलाई लामा से लेकर आंग सान सू की सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा की गयी है। .

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बोरोबुदुर

बोरोबुदुर विहार अथवा बरबुदुर इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रान्त के मगेलांग नगर में स्थित 750-850 ईसवी के मध्य का महायान बौद्ध विहार है। यह आज भी संसार में सबसे बड़ा बौद्ध विहार है। छः वर्गाकार चबूतरों पर बना हुआ है जिसमें से तीन का उपरी भाग वृत्ताकार है। यह २,६७२ उच्चावचो और ५०४ बुद्ध प्रतिमाओं से सुसज्जित है। इसके केन्द्र में स्थित प्रमुख गुंबद के चारों और स्तूप वाली ७२ बुद्ध प्रतिमायें हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा और विश्व के महानतम बौद्ध मन्दिरों में से एक है। इसका निर्माण ९वीं सदी में शैलेन्द्र राजवंश के कार्यकाल में हुआ। विहार की बनावट जावाई बुद्ध स्थापत्यकला के अनुरूप है जो इंडोनेशियाई स्थानीय पंथ की पूर्वज पूजा और बौद्ध अवधारणा निर्वाण का मिश्रित रूप है। विहार में गुप्त कला का प्रभाव भी दिखाई देता है जो इसमें भारत के क्षेत्रिय प्रभाव को दर्शाता है मगर विहार में स्थानीय कला के दृश्य और तत्व पर्याप्त मात्रा में सम्मिलित हैं जो बोरोबुदुर को अद्वितीय रूप से इंडोनेशियाई निगमित करते हैं। स्मारक गौतम बुद्ध का एक पूजास्थल और बौद्ध तीर्थस्थल है। तीर्थस्थल की यात्रा इस स्मारक के नीचे से आरम्भ होती है और स्मारक के चारों ओर बौद्ध ब्रह्माडिकी के तीन प्रतीकात्मक स्तरों कामधातु (इच्छा की दुनिया), रूपध्यान (रूपों की दुनिया) और अरूपध्यान (निराकार दुनिया) से होते हुये शीर्ष पर पहुँचता है। स्मारक में सीढ़ियों की विस्तृत व्यवस्था और गलियारों के साथ १४६० कथा उच्चावचों और स्तम्भवेष्टनों से तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन होता है। बोरोबुदुर विश्व में बौद्ध कला का सबसे विशाल और पूर्ण स्थापत्य कलाओं में से एक है। साक्ष्यों के अनुसार बोरोबुदुर का निर्माण कार्य ९वीं सदी में आरम्भ हुआ और १४वीं सदी में जावा में हिन्दू राजवंश के पतन और जावाई लोगों द्वारा इस्लाम अपनाने के बाद इसका निर्माण कार्य बन्द हुआ। इसके अस्तित्व का विश्वस्तर पर ज्ञान १८१४ में सर थॉमस स्टैमफोर्ड रैफल्स द्वारा लाया गया और इसके इसके बाद जावा के ब्रितानी शासक ने इस कार्य को आगे बढ़ाया। बोरोबुदुर को उसके बाद कई बार मरम्मत करके संरक्षित रखा गया। इसकी सबसे अधिक मरम्मत, यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्द करने के बाद १९७५ से १९८२ के मध्य इंडोनेशिया सरकार और यूनेस्को द्वारा की गई। बोरोबुदुर अभी भी तिर्थयात्रियों के लिए खुला है और वर्ष में एक बार वैशाख पूर्णिमा के दिन इंडोनेशिया में बौद्ध धर्मावलम्बी स्मारक में उत्सव मनाते हैं। बोरोबुदुर इंडोनेशिया का सबसे अधिक दौरा किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। .

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बीजिंग

बीजिंग (北京) (या पेय्चीङ) चीनी जनवादी गणराज्य, की राजधानी है। बीजिंग का अर्थ है "उत्तरी राजधानी", जबकि नान्जिंग का अर्थ है "दक्षिणी राजधानी"। बीजिंग १९४९ में साम्यवादी क्रान्ति के बाद से निरन्तर चीन की राजधानी है और उस समय तक यह विभिन्न कालों में अलग-अलग अवधियों तक चीन की राजधानी रहा है। बीजिंग, देश के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है और चार नगरपालिकाओं में से एक है। इसका अर्थ है कि इन चारों नगरपालिकाओं को प्रान्तों के बराबर दर्जा प्राप्त है और यह उसी प्रकार का स्वशासन चलाते हैं जैसे कि कोई अन्य प्रान्त। १८२८ से पूर्व बीजिंग विश्व का सबसे बड़ा नगर था। मध्य बीजिंग में जनवरी २००७ में लगभग ७६ लाख लोग रह रहे थे। उपनगरीय क्षेत्रों को मिलाकर यहां की कुल जनसंख्या १ करोड़ ७५ लाख के लगभग है, जिसमें से १ करोड़ २० लाख के लगभग स्थाई निवासियों के रूप में पंजीकृत हैं और शेष ५५ लाख लोग अस्थाई अप्रवासी निवासी हैं। बीजिंग और उपनगरीय क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल बेल्जियम का लगभग आधा है। बीजिंग, चीन का सांस्कृतिक और राजनैतिक केन्द्र है, जबकि चीन का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर शंघाई देश का वित्तीय केन्द्र है और जो हांगकांग के साथ इस पदवी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा में है। अपने पूरे दीर्घकालिक इतिहास के दौरान बीजिंग ने अपनी एक विविध और विशिष्ट विरासत का विकास किया है। एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका, बीजिंग को "विश्व के महानतम" नगरों में से एक मानता है। सबसे प्रसिद्ध है त्यानमन चौक, जहां से "निषिद्ध नगर", "शाही महल" और "निषिद्ध नगर के मन्दिर" का मार्ग जाता है, जो १९८७ से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यूनेस्कों सूची में "स्वर्ग का मन्दिर", "ग्रीष्मकालीन महल", "लामा मन्दिर" और "कन्फ़्यूशियस मन्दिर" भी हैं।.

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भारत में पर्यटन

हर साल, 3 मिलियन से अधिक पर्यटक आगरा में ताज महल देखने आते हैं। भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.23% और भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। भारत में वार्षिक तौर पर 5 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन और 562 मिलियन घरेलू पर्यटकों द्वारा भ्रमण परिलक्षित होता है। 2008 में भारत के पर्यटन उद्योग ने लगभग US$100 बिलियन जनित किया और 2018 तक 9.4% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ, इसके US$275.5 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। भारत में पर्यटन के विकास और उसे बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय नोडल एजेंसी है और "अतुल्य भारत" अभियान की देख-रेख करता है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के अनुसार, भारत, सर्वाधिक 10 वर्षीय विकास क्षमता के साथ, 2009-2018 से पर्यटन का आकर्षण केंद्र बन जाएगा.

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भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची

शिकोहाबाद तहसील के ग्राम नगला भाट में श्री मुकुट सिंह यादव जो ग्राम पंचायत रूपसपुर से प्रधान भी रहे हैं उनके तीन पुत्र हैं गजेंद्र यादव नगेन्द्र यादव पुष्पेंद्र यादव प्रधान जी का जन्म सन १९५० में हुआ था उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों के लिए क़ुर्बान कर दिया था और वो ५ भाईओ में सबसे छोटे थे और अपने परिवार को बाँधे रखा ११ मार्च २०१५ को उनका देहावसान हो गया ! वो आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं इस लेख में भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची है। भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7,000 और 8,500 के बीच अनुमानित है। भारतीय रेलवे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है। सूची तस्वीर गैलरी निम्नानुसार है। .

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भारत के विश्व धरोहर स्थल

यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किए गए भारतीय सांस्‍कृतिक और प्राकृतिक स्‍थलों की सूची - .

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भारतीय दुर्ग

सभी राजाओं की राजधानी एक दुर्ग होती थी जिसके चारों ओर नगर बस जाता था। यह स्थिति दक्षिण एशिया के अनेक नगरों में देखी जा सकती है, जैसे दिली, आअगरा, लाहौर, पुणे, कोलकाता, मुम्बई आदि। भारत के दो दुर्ग यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में सम्मिलित हैं- आगरे का किला और लाल किला। भटिण्डा स्थित किला मुबारक भारत का सबसे प्राचीन किला है जो अब भी बचा हुआ है। इसका निर्माण कुषाण साम्राज्य के समय लगभग १०० ई में हुआ था। कांगड़ा दुर्ग जो कांगड़ा वंश द्वारा महाभारत युद्ध के बाद निर्मित किया गया था, य वंश अब भी बचा हुआ है। इस दुर्ग के विषय में सिकन्दर महान के लिपिकों ने लिखा है। अतः यह सर्वाधिक प्राचीन दुर्ग था। .

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भारतीय रेल

यार्ड में खड़ी एक जनशताब्दी रेल। भारतीय रेल (आईआर) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क तथा एकल सरकारी स्वामित्व वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह १६० वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसके १३ लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं। यह न केवल देश की मूल संरचनात्‍मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्‍ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्‍ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है। अर्थव्यस्था में अंतर्देशीय परिवहन का रेल मुख्य माध्यम है। यह ऊर्जा सक्षम परिवहन मोड, जो बड़ी मात्रा में जनशक्ति के आवागमन के लिए बड़ा ही आदर्श एवं उपयुक्त है, बड़ी मात्रा में वस्तुओं को लाने ले जाने तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए अत्यन्त उपयुक्त है। यह देश की जीवनधारा है और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्‍थानों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है। यह जीवन स्तर सुधारती है और इस प्रकार से उद्योग और कृषि का विकासशील त्वरित करने में सहायता करता है। .

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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भीमबेटका शैलाश्रय

भीमबेटका (भीमबैठका) भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। यह स्थल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ४५ किमी दक्षिणपूर्व में स्थित है। इनकी खोज वर्ष १९५७-१९५८ में डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी। भीमबेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त १९९० में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई २००३ में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। यहाँ पर अन्य पुरावशेष भी मिले हैं जिनमें प्राचीन किले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष सम्मिलित हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका (कालांतर में भीमबेटका) पड़ा। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।; इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। .

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मनोवो-गौन्डा सेन्ट फ़्लोरिस राष्ट्रीय उद्यान

मनोवो-गौन्डा सेन्ट फ़्लोरिस राष्ट्रीय उद्यान केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में विश्व धरोहर स्थल.

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मपुन्गुब्वे सांस्कृतिक क्षेत्र

मपुन्गुब्वे सांस्कृतिक क्षेत्र दक्षिण अफ्रीका में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 2003 में मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थल.

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मर्व

मर्व के प्राचीन खँडहर सुलतान संजर का मक़बरा मर्व (अंग्रेज़ी: Merv, फ़ारसी:, रूसी: Мерв) मध्य एशिया में ऐतिहासिक रेशम मार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण नख़लिस्तान (ओएसिस) में स्थित शहर था। यह तुर्कमेनिस्तान के आधुनिक मरी नगर के पास था। भौगोलिक दृष्टि से यह काराकुम रेगिस्तान में मुरग़ाब नदी के किनारे स्थित है। कुछ स्रोतों के अनुसार १२वीं शताब्दी में थोड़े से समय के लिए मर्व दुनिया का सबसे बड़ा शहर था। प्राचीन मर्व के स्थल को यूनेस्को ने एक विश्व धरोहर घोषित कर दिया है। .

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महान चोल मंदिर

महान चोल मन्दिर चोल शासकों द्वारा दक्षिण भारत में बनवाये गये थे। यह मन्दिर हैं.

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महाबलिपुरम के तट मन्दिर

तटीय मन्दिर (७००-७२८ ई. में निर्मित) को ये नाम इसलिये मिला क्योंकि ये बंगाल की खाड़ी के तट पर ही स्थित हैं। इस मंदिर को दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में माना जाता है जिसका संबंध आठवीं शताब्दी से है। यह मंदिर द्रविड वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। यहां तीन मंदिर हैं। बीच में भगवान विष्णु का मंदिर है जिसके दोनों तरफ से शिव मंदिर हैं। मंदिर से टकराती सागर की लहरें एक अनोखा दृश्य उपस्थित करती हैं। .

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महाबोधि विहार

महाबोधि विहार या महाबोधि मन्दिर, बोध गया स्थित प्रसिद्ध बौद्ध विहार है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया है।यह विहार उसी स्थान पर खड़ा है जहाँ गौतम बुद्ध ने ईसा पूर्व 6वी शताब्धिं में ज्ञान प्राप्त किया था। .

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माचू पिच्चू

माचू पिच्चू (क्वेशुआ: Machu Pikchu, 'पुरानी चोटी") दक्षिण अमेरिकी देश पेरू मे स्थित एक कोलम्बस-पूर्व युग, इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल है। यह समुद्र तल से 2,430 मीटर की ऊँचाई पर उरुबाम्बा घाटी, जिसमे से उरुबाम्बा नदी बहती है, के ऊपर एक पहाड़ पर स्थित है। यह कुज़्को से 80 किलोमीटर (50 मील) उत्तर पश्चिम में स्थित है। इसे अक्सर “इंकाओं का खोया शहर “ भी कहा जाता है। माचू पिच्चू इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है। 7 जुलाई 2007 को घोषित विश्व के सात नए आश्चर्यों में माचू पिच्चू भी एक है। 1430 ई. के आसपास इंकाओं ने इसका निर्माण अपने शासकों के आधिकारिक स्थल के रूप में शुरू किया था, लेकिन इसके लगभग सौ साल बाद, जब इंकाओं पर स्पेनियों ने विजय प्राप्त कर ली तो इसे यूँ ही छोड़ दिया गया। हालांकि स्थानीय लोग इसे शुरु से जानते थे पर सारे विश्व को इससे परिचित कराने का श्रेय हीरम बिंघम को जाता है जो एक अमेरिकी इतिहासकार थे और उन्होने इसकी खोज 1911 में की थी, तब से माचू पिच्चू एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण बन गया है। माचू पिच्चू को 1981 में पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय घोषित किया गया और 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की दर्जा दिया गया। क्योंकि इसे स्पेनियों ने इंकाओं पर विजय प्राप्त करने के बाद भी नहीं लूटा था, इसलिए इस स्थल का एक सांस्कृतिक स्थल के रूप में विशेष महत्व है और इसे एक पवित्र स्थान भी माना जाता है। माचू पिच्चू को इंकाओं की पुरातन शैली में बनाया था जिसमें पॉलिश किये हुए पत्थरों का प्रयोग हुआ था। इसके प्राथमिक भवनों में इंतीहुआताना (सूर्य का मंदिर) और तीन खिड़कियों वाला कक्ष प्रमुख हैं। पुरातत्वविदों के अनुसार यह भवन माचू पिच्चू के पवित्र जिले में स्थित हैं। सितम्बर 2007, पेरू और येल विश्वविद्यालय के बीच एक सहमति बनी की वो सभी शिल्प जो हीरम बिंघम माचू पिच्चू की खोज के बाद अपने साथ ले गये थे वो पेरू को लौटा दिये जायेंगे। .

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मानस राष्ट्रीय उद्यान

मानस राष्ट्रीय उद्यान या मानस वन्यजीव अभयारण्य, असम, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान हैं। यह अभयारण्य यूनेस्को द्वारा घोषित एक प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल, बाघ के आरक्षित परियोजना, हाथियों के आरक्षित क्षेत्र एक आरक्षित जीवमंडल हैं। हिमालय की तलहटी में स्थित यह अभयारण्य भूटान के रॉयल मानस नेशनल पार्क के निकट है। यह पार्क अपने दुर्लभ और लुप्तप्राय स्थानिक वन्यजीव के लिए जाना जाता है जैसे असम छत वाले कछुए, हेपीड खरगोश, गोल्डन लंगुर और पैगी हॉग। मानस जंगली भैंसों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ एक सींग का गैंडा (भारतीय गेंडा) और बारहसिंघा के लिए विशेष रूप से पाये जाते है। यह भूटान की तराई में बोडो क्षेत्रीय परिषद की देखरेख में ९५० वर्ग किलोमीटर से भी बड़े इलाके में फैला हुआ है, जिसके अंतर्गत १९७३ में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत स्थापित ८४०.०४ वर्ग किलोमीटर का इलाका मानस व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र भी आता है। इसे १९८५ में विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया था लेकिन अस्सी के दशक के अंत और नब्बे के दशक के शुरू में बोडो विद्रोही गतिविधियों के कारण इस उद्यान को १९९२ में विश्व धरोहर स्थल सूची से हटा लिया गया था। जून २०११ से यह पुनः यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया है। .

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माया देवी मंदिर, लुंबिनी

माया देवी मंदिर प्राचीन बुद्ध मंदिर है जो कि लुंबिनी, नेपाल, के युनेस्को विश्व धरोहर स्थल में स्थित है। यह पारंपरिक तौर पर गौतम बुद्ध का जन्मस्थान माने जाने वाले लुंबिनी का मुख्य मंदिर है। यह पवित्र कुंड पुष्करणी और पवित्र बगीचे के निकटस्थ है। इस स्थल से प्राप्त हुए सबसे पुराने पुरातात्त्विक अवशेष ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी की अशोक द्वारा निर्मित ईंट की इमारत थीं, परन्तु 2013 में ईसा पूर्व छठी शताब्दी के लकड़ी से बने मंदिर की ख़ोज हुई। .

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माउंट निम्बा राष्ट्रीय उद्यान

अंगूठाकार माउंट निम्बा राष्ट्रीय उद्यान कोटे डी आइवोरे में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कोत दिव्वार में विश्व धरोहर स्थल.

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माउंट किनीया राष्ट्रीय उद्यान

माउंट किनीया राष्ट्रीय उद्यान केन्या मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९९७ मे मिला। श्रेणी:कीनिया में विश्व धरोहर स्थल.

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मिऐ प्रीफेक्चर

(三重県, Mie-ken?) एक प्रान्त, जापान का एक प्रान्त है, जो की जापान के  सब से बड़ा मुख्य होन्शु द्वीप के कान्साई क्षेत्र पर स्थित है.

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुंबई की संस्कृति

बंबई एशियाटिक सोसाइटी शहर की पुरातनतम पुर्तकालयों में से एक है। मुंबई की संस्कृति परंपरागत उत्सवों, खानपान, संगीत, नृत्य और रंगमंच का सम्मिश्रण है। इस शहर में विश्व की अन्य राजधानियों की अपेक्षा बहुभाषी और बहुआयामी जीवनशैली देखने को मिलती है, जिसमें विस्तृत खानपान, मनोरंजन और रात्रि की रौनक भी शामिल है। मुंबई के इतिहास में यह मुख्यतः एक प्रधान व्यापारिक केन्द्र रहा है। इस कारण विभिन्न क्षेत्रों के लोग यहां आते रहे, जिससे बहुत सी संस्कृतियां, धर्म, आदि यहां एक साथ मिलजुलकर रहते हैं। मुंबई भारतीय चलचित्र का जन्मस्थान है।—दादा साहेब फाल्के ने यहां मूक चलचित्र के द्वारा इस उद्योग की स्थापना की थी। इसके बाद ही यहां मराठी चलचित्र का भी श्रीगणेश हुआ था। तब आरंभिक बीसवीं शताब्दी में यहां सबसे पुरानी फिल्म प्रसारित हुयी थी। मुंबई में बड़ी संख्या में सिनेमा हॉल भी हैं, जो हिन्दी, मराठी और अंग्रेज़ी फिल्में दिखाते हैं। विश्व में सबसे बड़ा IMAX डोम रंगमंच भी मुंबई में वडाला में ही स्थित है। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव और फिल्मफेयर पुरस्कार की वितरण कार्यक्रम सभा मुंबाई में ही आयोजित होती हैं। हालांकि मुंबई के ब्रिटिश काल में स्थापित अधिकांश रंगमंच समूह १९५० के बाद भंग हो चुके हैं, फिर भी मुंबई में एक समृद्ध रंगमंच संस्कृति विकसित हुयी हुई है। ये मराठी और अंग्रेज़ी, तीनों भाषाओं के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी विकसित है। गणेश चतुर्थी, मुंबई का सबसे अधिक हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला उत्सव यहां कला-प्रेमियों की कमी भी नहीं है। अनेक निजी व्यावसायिक एवं सरकारी कला-दीर्घाएं खुली हुई हैं। इनमें जहांगीर कला दीर्घा और राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा प्रमुख हैं। १८३३ में बनी बंबई एशियाटिक सोसाइटी में शहर का पुरातनतम पुस्तकालय स्थित है। छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (पूर्व प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूज़ियम) दक्षिण मुंबई का प्रसिद्ध संग्रहालय है, जहां भारतीय इतिहास के अनेक संग्रह सुरक्षित हैं। मुंबई के चिड़ियाघर का नाम जीजामाता उद्यान है (पूर्व नाम: विक्टोरिया गार्डन्स), जिसमें एक हरा भरा उद्यान भी है। नगर की साहित्य में संपन्नता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति तब मिली जब सल्मान रश्दी और अरविंद अडिग को बुकर सम्मान मिले थे। यही के निवासी रुडयार्ड किपलिंग को १९०७ में नोबल पुरस्कार भी मिला था। मराठी साहित्य भी समय की गति क साथ साथ आधुनिक हो चुका है। यह मुंबई के लेखकों जैसे मोहन आप्टे, अनंत काणेकर और बाल गंगाधर तिलक के कार्यों में सदा दृष्टिगोचर रहा है। इसको वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार से और प्रोत्साहन मिला है। एलीफेंटा की गुफाएं विश्व धरोहर स्थ घोषित हैं। मुंबई शहर की इमारतों में झलक्ता स्थापत्य गोथिक, इंडो रेनेनिक, आर्ट डेको और अन्य समकालीन स्थापत्य शैलियों का संगम है। ब्रिटिश काल की अधिकांश इमारतें, जैसे विक्टोरिया टर्मिनस और बंबई विश्वविद्यालय, गोथिक शैली में निर्मित हैं। इनके वास्तु घटकों में यूरोपीय प्रभाव साफ दिखाई देता है, जैसे जर्मन गेबल, डच शैली की छतें, स्विस शैली में काष्ठ कला, रोमन मेहराब साथ ही परंपरागत भारतीय घटक भी दिखते हैं। कुछ इंडो सेरेनिक शैली की इमारतें भी हैं, जैसे गेटवे ऑफ इंडिया। आर्ट डेको शैली के निर्माण मैरीन ड्राइव और ओवल मैदान के किनारे दिखाई देते हैं। मुंबई में मायामी के बाद विश्व में सबसे अधिक आर्ट डेको शैली की इमारतें मिलती हैं। नये उपनगरीय क्षेत्रों में आधुनिक इमारतें अधिक दिखती हैं। मुंबई में अब तक भारत में सबसे अधिक गगनचुम्बी इमारतें हैं। इनमें ९५६ बनी हुई हैं और २७२ निर्माणाधीन हैं। (२००९ के अनुसार) १९९५ में स्थापित, मुंबई धरोहर संरक्षण समिति (एम.एच.सी.सी) शहर में स्थित धरोहर स्थलों के संरक्षण का ध्यान रखती है। मुंबई में दो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं – छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और एलीफेंटा की गुफाएं शहर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में नरीमन पाइंट, गिरगौम चौपाटी, जूहू बीच और मैरीन ड्राइव आते हैं। एसेल वर्ल्ड यहां का थीम पार्क है, जो गोरई बीच के निकट स्थित है। यहीं एशिया का सबसे बड़ा थीम वाटर पार्क, वॉटर किंगडम भी है। मुंबई के निवासी भारतीय त्यौहार मनाने के साथ-साथ अन्य त्यौहार भी मनाते हैं। दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस, नवरात्रि, दशहरा, दुर्गा पूजा, महाशिवरात्रि, मुहर्रम आदि प्रमुख त्यौहार हैं। इनके अलावा गणेश चतुर्थी और जन्माष्टमी कुछ अधिक धूम-धाम के संग मनाये जाते हैं। गणेश-उत्सव में शहर में जगह जगह बहुत विशाल एवं भव्य पंडाल लगाये जाते हैं, जिनमें भगवान गणपति की विशाल मूर्तियों की स्थापना की जाती है। ये मूर्तियां दस दिन बाद अनंत चौदस के दिन सागर में विसर्जित कर दी जाती हैं। जन्माष्टमी के दिन सभी मुहल्लों में समितियों द्वारा बहुत ऊंचा माखान का मटका बांधा जाता है। इसे मुहल्ले के बच्चे और लड़के मुलकर जुगत लगाकर फोड़ते हैं। काला घोड़ा कला उत्सव कला की एक प्रदर्शनी होती है, जिसमें विभिन्न कला-क्षेत्रों जैसे संगीत, नृत्य, रंगमंच और चलचित्र आदि के क्षेत्र से कार्यों का प्रदर्शन होता है। सप्ताह भर लंबा बांद्रा उत्सव स्थानीय लोगों द्वारा मनाया जाता है। बाणागंगा उत्सव दो-दिवसीय वार्षिक संगीत उत्सव होता है, जो जनवरी माह में आयोजित होता है। ये उत्सव महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एम.टी.डी.सी) द्वारा ऐतिहाशिक बाणगंगा सरोवर के निकट आयोजित किया जाटा है। एलीफेंटा उत्सव—प्रत्येक फरवरी माह में एलीफेंटा द्वीप पर आयोजित किया जाता है। यह भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं शास्त्रीय नृत्य का कार्यक्रम ढेरों भारतीय और विदेशी पर्यटक आकर्षित करता है। शहर और प्रदेश का खास सार्वजनिक अवकाश १ मई को महाराष्ट्र दिवस के रूप में महाराष्ट्र राज्य के गठन की १ मई, १९६० की वर्षागांठ मनाने के लिए होता है। मुंबई के भगिनि शहर समझौते निम्न शहरों से हैं.

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मेम्फ़ीस

मेम्फ़ीस मिस्र मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९७९ मे मिला। श्रेणी:मिस्र में विश्व धरोहर स्थल.

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मोजा़म्बीक द्वीप

मोजा़म्बीक द्वीप मोजा़म्बीक मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९९१ मे मिला। श्रेणी:मोज़ाम्बीक में विश्व धरोहर स्थल.

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रणथम्भोर दुर्ग

रणथंभोर दुर्ग दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से १३ कि॰मी॰ दूर रन और थंभ नाम की पहाडियों के बीच समुद्रतल से ४८१ मीटर ऊंचाई पर १२ कि॰मी॰ की परिधि में बना एक दुर्ग है। दुर्ग के तीनो और पहाडों में प्राकृतिक खाई बनी है जो इस किले की सुरक्षा को मजबूत कर अजेय बनाती है। यूनेस्को की विरासत संबंधी वैश्विक समिति की 36वीं बैठक में 21 जून 2013 को रणथंभोर को विश्व धरोहर घोषित किया गया। यह राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। .

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रबात

रबात(बर्बर:ईब्बा, अरबी: الرباط) मोरक्को की राजधानी और इसका दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसकी लगभग 580,000 की शहरी आबादी है और 1.2 मिलियन की महानगरीय आबादी है। मोरक्कन की राजधानी को सीएनएन द्वारा "2013 के शीर्ष यात्रा स्थलों" में दूसरा स्थान दिया गया। यह मोरक्को के चार शाही शहरों में से एक है, और रबात की मदिना को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। .

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रानी की वाव

'''रानी की वाव''' का ऊपर से लिया गया चित्र रानी की वाव भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी (सीढ़ीदार कुआँ) है। 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया। पाटण को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से जाना जाता था, जो गुजरात की पूर्व राजधानी थी। कहते हैं कि रानी की वाव (बावड़ी) वर्ष 1063 में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की प्रेमिल स्‍मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था। रानी उदयमति जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक रा' खेंगार की पुत्री थीं। सोलंकी राजवंश के संस्‍थापक मूलराज थे। सीढ़ी युक्‍त बावड़ी में कभी सरस्वती नदी के जल के कारण गाद भर गया था। यह वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा है। यह भारत में अपनी तरह का अनूठा वाव है। वाव के खंभे सोलंकी वंश और उनके वास्तुकला के चमत्कार के समय में ले जाते हैं। वाव की दीवारों और स्तंभों पर अधिकांश नक्काशियां, राम, वामन, महिषासुरमर्दिनी, कल्कि, आदि जैसे अवतारों के विभिन्न रूपों में भगवान विष्णु को समर्पित हैं। 'रानी की वाव' को विश्व विरासत की नई सूची में शामिल किए जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया गया है। 11वीं सदी में निर्मित इस वाव को यूनेस्को की विश्व विरासत समिति ने भारत में स्थित सभी बावड़ी या वाव (स्टेपवेल) की रानी का भी खिताब दिया है। इसे जल प्रबंधन प्रणाली में भूजल संसाधनों के उपयोग की तकनीक का बेहतरीन उदाहरण माना है। 11वीं सदी का भारतीय भूमिगत वास्तु संरचना का अनूठे प्रकार का सबसे विकसित एवं व्यापक उदाहरण है यह, जो भारत में वाव निर्माण के विकास की गाथा दर्शाता है। सात मंजिला यह वाव मारू-गुर्जर शैली का साक्ष्य है। ये करीब सात शताब्दी तक सरस्वती नदी के लापता होने के बाद गाद में दबी हुई थी। इसे भारतीय पुरातत्व सर्वे ने वापस खोजा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सायआर्क और स्कॉटिस टेन के सहयोग से वाव के दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन भी कर लिया है। .

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रायसेन ज़िला

रायसेन ज़िला भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का एक जिला है। रायसेन मालवा क्षेत्र का मध्यकालीन नगर मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िले की विंध्य पर्वत शृंखला की तलहटी में अवस्थित है। मध्यकाल में रायसेन सिलहारी राजपूत सरदारों का मज़बूत गढ़ था। बाबर के समय यहाँ का शासक शिलादित्य था, जो ग्वालियर के विक्रमादित्य, चित्तौड़ के राणा सांगा, चंदेरी के मेदनीराय तथा अन्य राजपूत नरेशों के साथ खानवा के युद्ध में बाबर के विरुद्ध लड़ा था। 1543 ई. में रायसेन के दुर्ग पर शेरशाह ने आक्रमण किया था। उसने इस क़िले पर अधिकार तो कर लिया किंतु इसके बाद विश्वासघात करके उसने दुर्ग की रक्षा नियुक्त उन राजपूतों को मार डाला, जिनकी रक्षा का वचन उसने पहले दिया था। इस बात से राजपूत शेरशाह के शत्रु बन गये और कालिंजर के युद्ध में उन्होंने शेरशाह का डटकर मुक़ाबला किया। रायसेन मुग़लों का एक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था। अकबर के शासनकाल में यह नगर उज्जैन के सूबे में शामिल 'सरकार' था। यहाँ बलुआ पत्थर से निर्मित क़िला है, जिसकी दीवारों पर शिकार के दृश्य अंकित है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग

राजस्थान के छह पहाड़ी दुर्ग यूनेस्को के विश्व धरोहर में शामिल है। वे दुर्ग है.

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रिक्टरअसवेल्ड क्षेत्र

रिक्टरअसवेल्ड क्षेत्र दक्षिण अफ्रीका मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 2007 मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थल.

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रॉक-ह्विन गिरिजा घर, ललिबेला

रॉक-ह्विन गिरिजा घर, ललिबेला इथियोपिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९७८ मे मिला। श्रेणी:इथियोपिया में विश्व धरोहर स्थल.

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रोबेन द्वीप

रोबेन द्वीप दक्षिण अफ्रीका मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1991 मे मिला। श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थल.

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रीगा

रीगा (लातवियाई: Rīga, स्पष्ट) लातविया की राजधानी और सबसे प्रमुख नगर है जो बाल्टिक का एक प्रमुख, औद्योगिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक और वित्तीय केंद्र है और डुगावा नदी पर स्थित एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। ७,१३,०१६ (२००९) निवासियों के साथ यह बाल्टिक राज्यों में सबसे बड़ा और बाल्टिक क्षेत्र में सेंट पीटर्सबर्ग और स्टॉकहोम के बाद (नगरीय सीमा के भीतर निवासियों की गिनती अनुसार) तीसरा सबसे बड़ा नगर है। रीगा क्षेत्र का क्षेत्रफल ३०७.१७ वर्ग किमी है और यह एक समतल और रेतीले मैदान पर समुद्र तल से १ से १० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। रीगा का ऐतिहासिक केंद्र एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है और नगर अपनी व्यापक जुन्गेन्ड्सटिल (Jugendstil) वास्तुकला के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसे यूनेस्को विश्व में कहीं भी अद्वितीय समझता है। .

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ला फोंक्लादा

ला फोंक्लादा पीने योग्य पानी का झरना है। ये स्पेन के ओविएदो शहर के दीवारों के बाहर स्थित है। ये अस्तूरीआ के राजा अल्फ़ान्सो तीसरे ने बनवाई थी। ये मध्यकाल के ईमारत है जो आज भी मौजूद है। इसका नाम लातीनी भाषा में (fontem calatam) शिलालेख पर इसका लिखा हुआ है। इसके आधार पर इसका नाम पड़ा.

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ला मोर्ने ब्रबांत

ला मोर्ने ब्रबांत मॉरीशस मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००८ मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:मॉरिशस में विश्व धरोहर स्थल.

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लामू

लामू केन्या में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००१ में मिला। श्रेणी:कीनिया में विश्व धरोहर स्थल.

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लाल क़िला

लाल किला या लाल क़िला, दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल रेत-पत्थर से निर्मित है। इस किले को पाँचवे मुग़ल बाद्शाह शाहजहाँ ने बनवाया था। इस के किले को "लाल किला", इसकी दीवारों के लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को वर्ष २००७ में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था। .

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लंदन

लंदन (London) संयुक्त राजशाही और इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के दक्षिण पूर्व में थेम्स नदी के किनारे स्थित, लंदन पिछली दो सदियों से एक बड़ा व्यवस्थापन रहा है। लंदन राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, फ़ैशन और शिल्पी के क्षेत्र में वैश्विक शहर की स्थिति रखता है। इसे रोमनों ने लोंड़िनियम के नाम से बसाया था। लंदन का प्राचीन अंदरुनी केंद्र, लंदन शहर, का परिक्षेत्र 1.12 वर्ग मीटर (2.9 किमी2) है। 19वीं शताब्दी के बाद से "लंदन", इस अंदरुनी केंद्र के आसपास के क्षेत्रों को मिला कर एक महानगर के रूप में संदर्भित किया जाने लगा, जिनमें मिडलसेक्स, एसेक्स, सरे, केंट, और हर्टफोर्डशायर आदि शमिल है। जिसे आज ग्रेटर लंदन नाम से जानते है, एवं लंदन महापौर और लंदन विधानसभा द्वारा शासित किया जाता हैं। कला, वाणिज्य, शिक्षा, मनोरंजन, फैशन, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, मीडिया, पेशेवर सेवाओं, अनुसंधान और विकास, पर्यटन और परिवहन में लंदन एक प्रमुख वैश्विक शहर है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र के रूप में ताज पहनाया गया है और दुनिया में पांचवां या छठा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र जीडीपी है। लंदन एक है विश्व सांस्कृतिक राजधानी। यह दुनिया का सबसे अधिक का दौरा किया जाने वाला शहर है, जो अंतरराष्ट्रीय आगमन द्वारा मापा जाता है और यात्री ट्रैफिक द्वारा मापा जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा शहर हवाई अड्डा है। लंदन विश्व के अग्रणी निवेश गंतव्य है, किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ वाले लोगों की मेजबानी यूरोप में लंदन के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा केंद्र बनते हैं। 2012 में, लंदन तीन बार आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया। लंदन में लोगों और संस्कृतियों की विविधता है, और इस क्षेत्र में 300 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। इसकी 2015 कि अनुमानित नगरपालिका जनसंख्या (ग्रेटर लंदन के समरूपी) 8,673,713 थी, जो कि यूरोपीय संघ के किसी भी शहर से सबसे बड़ा, और संयुक्त राजशाही की आबादी का 12.5% ​​हिस्सा है। 2011 की जनगणना के अनुसार 9,787,426 की आबादी के साथ, लंदन का शहरी क्षेत्र, पेरिस के बाद यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला है। शहर का महानगरीय क्षेत्र यूरोपीय संघ में 13,879,757 जनसंख्या के साथ सबसे अधिक आबादी वाला है, जबकि ग्रेटर लंदन प्राधिकरण के अनुसार शहरी-क्षेत्र की आबादी के रूप में 22.7 मिलियन है। 1831 से 1925 तक लंदन विश्व के सबसे अधिक आबादी वाला शहर था। लंदन में चार विश्व धरोहर स्थल हैं: टॉवर ऑफ़ लंदन; किऊ गार्डन; वेस्टमिंस्टर पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और सेंट मार्गरेट्स चर्च क्षेत्र; और ग्रीनविच ग्रीनविच वेधशाला (जिसमें रॉयल वेधशाला, ग्रीनविच प्राइम मेरिडियन, 0 डिग्री रेखांकित, और जीएमटी को चिह्नित करता है)। अन्य प्रसिद्ध स्थलों में बकिंघम पैलेस, लंदन आई, पिकैडिली सर्कस, सेंट पॉल कैथेड्रल, टावर ब्रिज, ट्राफलगर स्क्वायर, और द शर्ड आदि शामिल हैं। लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय, नेशनल गैलरी, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, टेट मॉडर्न, ब्रिटिश पुस्तकालय और वेस्ट एंड थिएटर सहित कई संग्रहालयों, दीर्घाओं, पुस्तकालयों, खेल आयोजनों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों का घर है। लंदन अंडरग्राउंड, दुनिया का सबसे पुराना भूमिगत रेलवे नेटवर्क है। .

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लेशान के विशाल बुद्ध

लेशान के विशाल बुद्ध (सरलीकृत चीनी: 乐山 大佛, पारंपरिक चीनी: 乐山 大佛) तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान बनाई गयी गौतम बुद्ध की ऊँची विशाल प्रतिमा है। इस प्रतिमा को लाल बलुआ पत्थर की चट्टान एमी पर्वत को तराश कर बनाया गया है। यह चीन के दक्षिण में स्थित सिचुआन प्रांत के शहर लेशान में मिनजियांग, दादु और किंग्यी नदी के संगम पर स्थित है। यह दुनिया में सबसे ऊँची पत्थर की प्रतिमा है और इसके निर्माण के समय तो यह दुनिया में बुद्ध की सबसे ऊँची मूर्ति थी। लेशान की विशाल बुद्ध प्रतिमा सन 1996 के बाद से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध है। सन 2008 में सिचुआन में आये भूकंप से यह क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। .

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लेक तुरकाना राष्ट्रीय उद्यान

लेक तुरकाना राष्ट्रीय उद्यान केन्या मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९९७ मे मिला। श्रेणी:कीनिया में विश्व धरोहर स्थल.

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लेक मालावी राष्ट्रीय उद्यान

लेक मालावी राष्ट्रीय उद्यान मालावी मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९८४ मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:मलावी में विश्व धरोहर स्थल.

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लोपे राष्ट्रीय उद्यान

लोपे राष्ट्रीय उद्यान गैबोन मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००७ मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:गबोन में विश्व धरोहर स्थल.

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श्री दलदा मालीगाव

श्री दलदा मालीगाव (सिंहला: ශ්‍රී දළදා මාළිගාව) या पवित्र दंत अवशेष का मंदिर, श्रीलंका के शहर कैंडी में स्थित एक बौद्ध मंदिर है। कैंडी की पूर्व राजशाही के शाही महल परिसर में स्थित इस मंदिर में महात्मा बुद्ध के दांत रखे गये हैं। प्राचीन काल से ही इन पवित्र अवशेषों ने स्थानीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, क्योंकि यह माना जाता है कि यह अवशेष जिसके भी पास होते हैं वही इस देश पर शासन करता है। कैंडी श्रीलंका के राजाओं की अंतिम राजधानी थी और मुख्य रूप से इस मंदिर की वजह से यूनेस्को द्वारा इसे एक विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है। मालवत्ते और असगिरिया नामक दो बौद्ध संप्रदाय के भिक्षुक इस मंदिर के भीतरी कक्ष में दैनिक रूप पूजा का आयोजन करते हैं। पूजा का आयोजन दिन में तीन बार क्रमश: सुबह, दोपहर और शाम को किया जाता है। प्रत्येक बुधवार को इन पवित्र अवशेषों को सुगंधित फूल मानुमुरा मंगलया से बने सुगंधित पानी से प्रतीकात्मक स्नान कराया जाता है। तत्पश्चात इस पवित्र जल को जिसे चंगाई की शक्तियों से युक्त माना जाता है को श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स द्वारा किए गये बम विस्फोटों ने इस मंदिर को 1998 में बहुत क्षति पहुँचाई थी लेकिन हर बार इसकी मरम्मत कर इसे इसका मूल स्वरूप प्रदान कर दिया गया। .

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सलाउद्दीन का किला

सलाउद्दीन का गढ़, या सलाउद्दीन का किला; Citadel of Salah Ed-Din (قلعة صلاح الدين, ‏सलाद्दीन कलात), या सलाउद्दीन कैसल के रूप में भी जाना जाता है सीरिया के पश्चिमोत्तर में एक मध्ययुगीन महल या किला है यह दो गहरे नालो के बीच में अल हफ्फाह शहर से 7 किलो मीटर तथा लताकिया शहर से 30 किमी पूर्व के उच्च पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है और जंगल से घिरा हुआ है। यह किला 10 वीं सदी के बाद एक उपयोग गढ़ रहा इस पर 975 ईस्वी में वीजान्टिन सम्राट जॉन तजीमीस्केस ने इस पर कबजा कर लिया था जिसके बाद ये किला 12 सदी के सबसे भयंकर क्रूस्रेड युध्दो में लिप्त रहा जो किला वीजान्टिन नियंत्रण में रही अन्ताकिया की रियासत के नवगठित जेहादी राज्य का हिस्सा था जिस कारण मुस्लिम जेहादियो ने समय समय पर किले को जीतने के प्रयास किए लेकिन असफल रहे जिसके उपरान्त वर्षो में 1188 ईस्वी में एक तीन दिन की घेराबंदी के बाद कुर्द शासक सलाउद्दीन ने जीत लिया था इसके बाद भी ईसाई धर्मयोध्दाओ ने किले को जीतने के लिए लगातार अभियान किये जो 1287 ईस्वी में किले को ईसाई क्रूस्रेड यौध्दाओ ने घेर लिया लेकिन इस वार और जुझारु मामुलक शासक थे जिस कारण ईसाइयो को भारी क्षती के साथ पराजाय का मुहं देखना पड़ा था। .

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सलोंगा राष्ट्रीय उद्यान

सलोंगा राष्ट्रीय उद्यान कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में विश्व धरोहर स्थल.

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साँची का स्तूप

सांची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले, में बेतवा नदी के तट स्थित एक छोटा सा गांव है। यह भोपाल से ४६ कि॰मी॰ पूर्वोत्तर में, तथा बेसनगर और विदिशा से १० कि॰मी॰ की दूरी पर मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू.

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सान क्रिसतोबल दे ला लागुना

सान क्रिसतोबल दे ला लागुना (इसे ला लागुना भी कहा जाता है) तेनरीफ़ द्वीप समूह के उत्तरी भाग में सांता क्रूज़ के तेनरीफ़ प्रान्त में इक शहर है। ये कैनरी द्वीपसमूह स्पेन में स्थित है। ये शहर आबादी की ओर से इस द्वीपसमूह का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यहाँ ला लगुना विश्वविद्यालय है जो 30,000 छात्रों के लिए शिक्षा का एक स्रोत है। ला लगुना को केनरी द्वीपसमूह की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। 2010 में एक सर्वेक्षण के अनुसार, इस शहर को एक बेहतर प्रतिष्ठा के लिए सर्वश्रेष्ठ शहर और पूरे स्पेन में तीसरा, गिजोन और मारबेला के बाद, स्थान हासिल किया। इसे 1999 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया। .

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सामर्रा

सामर्रा (अरबी:, अंग्रेज़ी: Samarra) मध्य इराक़ के सलाहुद्दीन प्रान्त में स्थित एक शहर है। यह दजला नदी के पूर्वी किनारे पर बसा हुआ है और राष्ट्रीय राजधानी बग़दाद से लगभग १२५ किमी उत्तर में है। यह एक ऐतिहासिक शहर है जहाँ मानवी संस्कृति ५५०० ईसापूर्व से ही शुरू हो गई थी। यहाँ शिया समुदाय के लिए महत्वपूर्ण अल-अस्करी मस्जिद स्थित है जिसमें शियाओं के दसवें इमाम (अली अल-हादी) और ग्यारहवें इमाम (हसन अल-अस्करी) की मज़ारें स्थित हैं। इसके अलावा इसी शहर में अब्बासी ख़िलाफ़त के ख़लीफ़ा अल-मुतवक्किल​ द्वारा ८५१ ईसवी में पूरी की गई सामर्रा की महान मस्जिद भी स्थित है जो अपनी अनोखी मलवीआ मीनार के लिए मशहूर है। सन् २००७ में यूनेस्को ने सामर्रा को एक विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया।, BBC News, Accessed 2010-05-23 .

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साल्ज़बर्ग

(Såizburg; वस्तुतः: "सॉल्ट सिटी") ऑस्ट्रिया का चौथा सबसे बड़ा शहर है और यह साल्ज़बोर्ग के संघीय राज्य का शहर है। साल्ज़बोर्ग के "ओल्ड टाउन" (Altstadt) में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उच्छृंखल वास्तुकला है और यह आल्प्स के उत्तरी भाग के केन्द्र में स्थित सबसे बेहतरीन रूप से संरक्षित शहरों में से एक है। 1997 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया। यह शहर अपने अल्पाइन समायोजन के लिए विख्यात है। साल्ज़बोर्ग 18वीं सदी के संगीतकार वोल्फगैंग एमॅड्यूस मोज़ार्ट का जन्मस्थान था। 20वीं शताब्दी में मध्य में, इस शहर में अमेरिकी संगीत और फिल्म, साउंड ऑफ़ म्युज़िक के कुछ भागों को फिल्माया गया, जिसमें ऑस्ट्रिया के प्रसिद्ध स्थलों को दर्शाया गया है। यह संगीत रिचर्ड रोजर्स और ऑस्कर हैमरस्टेन द्वितीय के बीच एक साझेदारी थी। साल्ज़बोर्ग राज्य की राजधानी है (लैंड साल्ज़बोर्ग), इस शहर में तीन विश्वविद्यालय हैं। इसमें छात्रों की एक विशाल जनसंख्या मौजूद है जो उस क्षेत्र को सजीवता और ऊर्जा प्रदान करती है और ये विश्वविद्यालय जनसाधारण को संस्कृति प्रदान करते हैं। .

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सांता क्रुज़ डे टेनेरिफ़ कार्निवाल

सांता क्रूज़ डे टेनेरिफे की कार्निवल क्वीन सान्ता क्रूस दे तेनरीफ़ कार्निवाल, काडिज़ के कार्निवाल के साथ, स्पैनिश पर्यटन के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है और स्पेन का सबसे बड़ा है। 1980 में इसे राष्ट्रीय पर्यटन सचिवालय द्वारा एक फेस्टिवल टूरिस्ट इंटरनेशनल इंटरेस्ट (अंतर्राष्ट्रीय रूचि का पर्यटन त्यौहार) घोषित किया गया। कैनरी द्वीप के सबसे बड़े द्वीप की राजधानी, सांता क्रुज़ डे टेनेरिफ़ हर फरवरी में करीब दस लाख लोगों को आकर्षित करने वाले इस समारोह का आयोजन करती है। इस समारोह को 2011 में यूनेस्को द्वारा मानव जाति की विरासत के रूप में घोषित किया जा सकता है। सांता क्रुज़ डे टेनेरिफ़ के कार्निवल को अब एक विश्व धरोहर स्थल बनने की आशा है। http://www.santacruzmas.com/SantaCruzMas09.asp?IdMenu.

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सिडनी ओपेरा हाउस

सिडनी ओपेरा हाउस, सिडनी, न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में स्थित प्रदर्शन कलाओं का एक बहु-स्थलीय केंद्र है। इसकी कल्पना डैनिश वास्तुकार जॉर्न उत्ज़ॉन ने की थी साथ ही उन्होने इसका अधिकांश निर्माण भी करवाया था। जॉर्न उत्ज़ॉन को इसके लिए, 2003 में वास्तुकला का सर्वोच्च सम्मान पुलित्ज़र पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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सियेना

सियेना सियेना इटली का एक प्राचीन नगर है। सियेना के ऐतिहासिक स्थलों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया जा चुका है। ५०,००० से कुछ अधिक आबादी वाला यह शहर सियेना प्रांत की राजधानी भी है। श्रेणी:इटली.

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सिंगे डे बेमाराहा राष्ट्रीय उद्यान

सिंगे डे बेमाराहा राष्ट्रीय उद्यान माडागास्कर मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९९० मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:मेडागस्कर में विश्व धरोहर स्थल.

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सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन व जंक्शन

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले का सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन भारत का पहला हेरिटेज रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन को रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की विशेष झलक पाने हेतु "डब्ल्यू डब्ल्यू एफ" और "भारतीय रेल मंत्रालय" के सहयोग बाघ बचाओं, जंगल बचाओं एवं जल बचाओ के के उपक्रम में बनाया गया है। जो कि वास्तव में रेलवे की महत्वपूर्ण योजना थी। पर्यटन को बढ़ावा देने और आमजन को वन्य जीवों के प्रति जागरूक करने के लिए सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन को वन्यजीवों और पेड़-पौधों सहित प्राकृतिक छटाओं की खूबसूरत चित्रकारी से सजाया गया, जिसके चलते सवाई माधोपुर देश का पहला हेरिटेज रेलवे स्टेशन बन चुका है। यह काम भारतीय रेल मंत्रालय और विश्व प्रकृति निधि भारत एवं डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के संयुक्त प्रयास से रेलवे स्टेशन की दीवारों पर वन्य जीवों सहित प्राकृतिक छटाओं की चित्रकारी करने का काम किया गया। अब सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से निकलने वाले यात्रियों को रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान की झलक रेलवे स्टेशन पर ही देखने को मिल जाती है, जो लोगों को बरबस ही अपनी और आकर्षित करती है। .

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संत केथरीन मोनेस्ट्री, माउंट सिनई

संत केथरीन मोनेस्ट्री, माउंट सिनई मिस्र में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००२ में मिला। श्रेणी:मिस्र में विश्व धरोहर स्थल.

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सुलयमान पहाड़

किर्गिज़स्तान का सुलयमान पर्वत सुलयमान पर्वत पर मुग़ल सम्राट बाबर द्वारा १५१०ई में बनवाई मस्जिद पर्वत से ओश शहर का नज़ारा सुलयमान पहाड़ (किरगिज़: Сулайман Тоо, सुलईमान तू; अंग्रेज़ी: Sulaymaan Mountain), जिसे तख़्त​-ए-सुलयमान और सुलयमान चट्टान भी कहते हैं, किर्गिज़स्तान के ओश शहर के पास स्थित एक पहाड़ है। यह मध्य एशिया की मशहूर फ़रग़ना वादी के मैदानी इलाक़े में दूर तक इकलौता पहाड़ होने से और भी महान दिखता है। हज़ारों साल से यह पहाड़ पूज्य रहा है और आज यह एक मान्य विश्व धरोहर स्थल है। .

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सुकुर

सुकुर नाईजीरिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1999 मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:नाईजीरिया में विश्व धरोहर स्थल.

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स्ट्रूव जिओडेटिक आर्क

स्ट्रूव जियोडेटिक आर्क (Struve Geodetic Arc) नॉर्वे के हैमरफेस्ट से काला सागर तक फैले सर्वेक्षण त्रिकोणों की एक श्रृंखला है, जो दस देशों और 2,820 किमी से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है, इसकी सहायता से देशान्तर रेखा का पहला सटीक मापन किया गया था।Norwegian Directorate for Cultural Heritage,Dronningensg 13, P.O.Box 8196, Dep.

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स्वयंभूनाथ

स्वयंभूनाथ (या, स्वयम्भू स्तूप) काठमाण्डू नगर के पश्चिम में एक पहाड़ी पर स्थित एक प्राचीन बौद्ध स्तूप है। बौद्ध धर्म के अनुयायी नेवारी लोगों के दैनिक जीवन में स्वयंभूनाथ का केन्द्रीय स्थान है। यह स्थान उनके लिये सबसे पवित्र बौद्ध स्थल है। तिब्बती लोगों तथा तिब्बती बौद्ध-धर्म के अनुयायियों के लिये बौद्धनाथ के बाद इसका ही स्थान है। विश्व धरोहर में सम्मिलित स्वयंभू विश्‍व के सबसे भव्य बौद्ध स्थलों में से एक है। इसका संबंध काठमांडू घाटी के निर्माण से जोड़ा जाता है। काठमांडू से तीन किलोमीटर पश्चिम में घाटी से 77 मी.

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सेन्ट लुईस द्वीप

सेन्ट लुईस द्वीप सेनेगल मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 2000 मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:सेनेगल में विश्व धरोहर स्थल.

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सेनेगम्बीय्न

सेनेगम्बीय्न गैम्बिया और सेनेगल में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००६ मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:सेनेगल में विश्व धरोहर स्थल श्रेणी:गाम्बिया में विश्व धरोहर स्थल.

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सेमिन राष्ट्रीय उद्यान

सेमिन राष्ट्रीय उद्यान इथियोपिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९७८ मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:इथियोपिया में विश्व धरोहर स्थल.

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सेरा दे त्रामुन्ताना

सेरा दे त्रामुन्ताना (कैटलन भाषा: sɛrə ðe tɾəmunˈtanə, स्पैनिश:Spanish: Sierra de Tramontana) इक परबत लड़ी है। ये स्पेन के द्वीप मेलोरिका में स्थित है। ये परबत लड़ी दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूरब के तरफ फैला हुआ है। सेरा दे त्रामुन्ताना को यूनेस्को द्वारा 27 जून 2011 की विश्व विरासत स्थानों में शामिल किया गया। यूनेस्को इसे भौतिक और सांस्कृतिक महत्व का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। .

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सेओकगुरम

सेओकगुरम गुफा (Seokguram) दक्षिण कोरिया स्थित एक एक धर्मस्थल एवं बुल्गुक्स मन्दिर परिसर है। यह दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू (Gyeongju) के तोहामसान पर्वत मंदिर से चार किमी पूर्व में स्थित है। दक्षिण कोरिया की सरकार ने इसे "राष्ट्रीय निधि संख्या-२४" के रूप में वर्गीकृत किया है। इस गुफा का मुंह पूर्वी सागर (동해) की तरफ है तथा यह समुद्र तल से 750 मीटर की ऊँचाई पर है। सन १९९५ में यूनेस्को ने सेओकगुरम को विश्व विरासत घोषित किया जिसमें बुल्गुक्स मंदिर भी शामिल है। सेओकगुरम, विश्व के श्रेष्ठतम बौद्ध मूर्तियों में से एक है। श्रेणी:कोरिया में बौद्ध धर्म श्रेणी:कोरिया के विश्व धरोहर स्थल.

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सोडिलो

सोडिलो (Tsodilo) बोत्स्वाना मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:बोत्स्वाना में विश्व धरोहर स्थल.

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सोमपुर महाविहार

पाहाड़पुर बौद्धबिहार या सोमपुर बिहार या सोमपुर महाविहार एक प्राचीन बौद्ध बिहार है जो बर्तमान में ध्वंस अवस्था में है। यह बांग्लादेश के नवगाँव जिले के बादलगाछी उपजिले के पहाड़पुर में स्थित है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध बिहारों में से एक है। १८७९ में कनिंघम ने इसकी खोज की थी। वर्ष १९८५ में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया। पालवंश के द्बितीय राजा धर्मपाल देव ने ८वीं शताब्दी के अन्तिम काल में या ९वीं शताब्दी में इस बिहार का निर्माण कराया था। इस बिहार के पास ही स्थित हलूद विहार और सीताकोट विहार (दिनाजपुर जिला) भी उसी काल के हैं। पहाडपुर के बौद्धबिहार को संसार का सबसे बड़ा बौद्ध बिहार कहा जा सकता है। आकार में इसकी तुलना नालन्दा महाविहार से की जा सकती है। यहाँ केवल भारतीय उपमहाद्वीप के ही नहीं बल्कि चीन, तिब्बत, बर्मा, मलेशिया, इन्डोनेशिया आदि देशों के बौद्ध भी धर्मचर्चा एवं धर्मज्ञान करने के लिये यहाँ आते थे। १०वीं शताब्दी में अतीश दीपंकर श्रीज्ञान इस बिहार के आचार्य थे। श्रेणी:बौद्ध विहार.

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सीनाई पर्वत

सीनाई प्रायद्वीप, सीनाई पर्वत के स्थान को प्रदर्शित कर रहा है सीनाई पर्वत (अंग्रेज़ी: Mount Sinai, माउण्ट सायनाय; इब्रानी: הר סיני, हार सीनाई), जिसे अरबी में तूर सीना या जबल मूसा (अर्थ: मूसा का पर्वत) कहते हैं, मिस्र के सीनाई प्रायद्वीप में संत कैथरीन के पास स्थित एक पर्वत का नाम है। बदूईन लोग इसे होरेब पर्वत के नाम से भी बुलाते हैं। सीनाई पर्वत का कुरान में कई बार उल्लेख किया गया है;.

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हम्पी

हम्पी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी (पम्पा से निकला हुआ) नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी। भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को के विश्व के विरासत स्थलों में शामिल किया गया है। हर साल यहाँ हज़ारों की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। हम्पी का विशाल फैलाव गोल चट्टानों के टीलों में विस्तृत है। घाटियों और टीलों के बीच पाँच सौ से भी अधिक स्मारक चिह्न हैं। इनमें मंदिर, महल, तहख़ाने, जल-खंडहर, पुराने बाज़ार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष....

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हरार

हरार इथियोपिया में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००६ में मिला। श्रेणी:हरारी प्रदेश श्रेणी:इथियोपिया का इतिहास श्रेणी:इथियोपिया में विश्व धरोहर स्थल.

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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हवाना

हवाना (स्पेनिश: ला हबाना) क्यूबा की राजधानी, सबसे बड़ा शहर, प्रांत, प्रमुख बंदरगाह, और प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है। शहर की आबादी लगभग 2.1 मिलियन है, और यह कुल 728.26 किमी2 (281.18 वर्ग मील) में फैले क्षेत्र के साथ यह कैरीबियाई क्षेत्र का सबसे अधिक आबादी वाला शहर और चौथा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। शहर ज्यादातर पश्चिम और दक्षिण खाड़ी की ओर फैला हुआ है, शहर से लगे तीन मुख्य बंदरगाहों है: मारिमेलेना, गुआनाबाकोआ और एटारस। मंदगति के साथ अलमेन्डर्स नदी शहर में दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है, खाड़ी के पश्चिम में कुछ मील की दूरी पर फ्लोरिडा के दहाने में प्रवेश करती है। 16वीं शताब्दी में स्पेनिश द्वारा हवाना शहर की स्थापना की गई थी और इसकी रणनीतिक स्थिती होने के कारण यह अमेरिका की स्पेनिश विजय के लिए एक फ़ौजों की चौकी के रूप में कार्य करता था, जो खजाने को स्पेन भेजने वाले स्पेनिश जहानों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गया। स्पेन के राजा फिलिप द्वितीय ने 1592 में हवाना को शहर का खिताब दिया। पुराने शहर की रक्षा के लिए दीवारों और किलों का निर्माण किया गया था। 1898 में हवाना के बंदरगाह में अमेरिकी युद्धपोत मेन का डूबना स्पेनिश-अमेरिकी युद्ध का तत्कालिन कारण बना था। समकालीन हवाना को एक ही में स्थित तीन शहरों के रूप में वर्णित किया जा सकता है: ओल्ड हवाना, वेदडो और नए उपनगरीय जिलें। यह शहर क्यूबा सरकार का केंद्र है, और विभिन्न मंत्रालयों, व्यवसायों के मुख्यालय और 90 से अधिक राजनयिक कार्यालयों का घर है। वर्तमान महापौर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ क्यूबा (पीसीसी) के मार्टा हर्नैन्डेज़ हैं। 2009 में, शहर/प्रांत की देश में तीसरी सबसे ज्यादा आय थी। शहर सालाना दस लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करता है; हवाना के लिए आधिकारिक जनगणना रिपोर्ट के अनुसार 2010 में शहर में 1,176,627 अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आए थे, जोकि 2005 से 20% में वृद्धि हुई थी। 1982 में, ओल्ड हवाना को यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था। शहर अपने इतिहास, संस्कृति, वास्तुकला और स्मारकों के लिए भी जाना जाता है। क्यूबा के विशिष्ट होने के नाते, हवाना एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव करते हैं। मई 2015 में, हवाना को बेरूत, दोहा, डरबन, कुआलालंपुर, ला पास और विगान के साथ तथाकथित न्यू 7 वंडर्स शहरों में से एक के रूप में चुना गया था। .

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हुमायूँ का मकबरा

हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात् पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और नसीरुद्दीन (१२६८-१२८७) के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी। यहाँ मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है और इसमें हुमायूँ की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की भी कब्रें हैं। यह समूह विश्व धरोहर घोषित है- अभिव्यक्ति। १७ अप्रैल २०१०।, एवं भारत में मुगल वास्तुकला का प्रथम उदाहरण है। इस मक़बरे में वही चारबाग शैली है, जिसने भविष्य में ताजमहल को जन्म दिया। यह मकबरा हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो बेगम के आदेशानुसार १५६२ में बना था। इस भवन के वास्तुकार सैयद मुबारक इब्न मिराक घियाथुद्दीन एवं उसके पिता मिराक घुइयाथुद्दीन थे जिन्हें अफगानिस्तान के हेरात शहर से विशेष रूप से बुलवाया गया था। मुख्य इमारत लगभग आठ वर्षों में बनकर तैयार हुई और भारतीय उपमहाद्वीप में चारबाग शैली का प्रथम उदाहरण बनी। यहां सर्वप्रथम लाल बलुआ पत्थर का इतने बड़े स्तर पर प्रयोग हुआ था। १९९३ में इस इमारत समूह को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। इस परिसर में मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है। हुमायूँ की कब्र के अलावा उसकी बेगम हमीदा बानो तथा बाद के सम्राट शाहजहां के ज्येष्ठ पुत्र दारा शिकोह और कई उत्तराधिकारी मुगल सम्राट जहांदर शाह, फर्रुख्शियार, रफी उल-दर्जत, रफी उद-दौलत एवं आलमगीर द्वितीय आदि की कब्रें स्थित हैं। देल्ही थ्रु एजेज़। एस.आर.बख्शी। प्रकाशक:अनमोल प्रकाशन प्रा.लि.। १९९५।ISBN 81-7488-138-7। पृष्ठ:२९-३५ इस इमारत में मुगल स्थापत्य में एक बड़ा बदलाव दिखा, जिसका प्रमुख अंग चारबाग शैली के उद्यान थे। ऐसे उद्यान भारत में इससे पूर्व कभी नहीं दिखे थे और इसके बाद अनेक इमारतों का अभिन्न अंग बनते गये। ये मकबरा मुगलों द्वारा इससे पूर्व निर्मित हुमायुं के पिता बाबर के काबुल स्थित मकबरे बाग ए बाबर से एकदम भिन्न था। बाबर के साथ ही सम्राटों को बाग में बने मकबरों में दफ़्न करने की परंपरा आरंभ हुई थी। हिस्ट‘ओरिक गार्डन रिव्यु नंबर १३, लंदन:हिस्टॉरिक गार्डन फ़ाउडेशन, २००३ अपने पूर्वज तैमूर लंग के समरकंद (उज़्बेकिस्तान) में बने मकबरे पर आधारित ये इमारत भारत में आगे आने वाली मुगल स्थापत्य के मकबरों की प्रेरणा बना। ये स्थापत्य अपने चरम पर ताजमहल के साथ पहुंचा। .

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जस्टिन ट्रूडो

जस्टिन ट्रूडो (Justin Pierre James Trudeau) (जन्म: २५ दिसम्बर, 1971) कनाडा के एक राजनेता, लिबरल पार्टी के नेता और कनाडा के प्रधानमंत्री हैं। जस्टिन कनाडा के पंद्रहवें प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो और मार्गरेट ट्रूडो के ज्येष्ठ पुत्र हैं। वह पहली बार पैपिनेउ के चुनावी क्षेत्र से 2008 में और फिर 2011 और 2015 में दुबारा चुने गये। उन्होंने लिबरल पार्टी से आलोचक के तौर पर युवा व बहुसंस्कृतिवाद, नागरिकता और प्रवासी मामले, स्नातक शिक्षा और युवा व पेशेवर खेल मंत्रालयों के कार्यो की समीक्षा की। अप्रैल 14, 2013 को जस्टिन कनाडा की लिबरल पार्टी के नेता चुने गये। जस्टिन ट्रुडेउ अक्टूबर 19, 2015, के संघीय चुनावों में अपने दल को बहुमत की जीत दिलाने के बाद प्रधानमंत्री नामित हुए हैं। उन्होंने 4 नवंबर, 2015 को प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला। उसी समय उन्हें जीवन भर के लिये सम्मानसूचक नाम शैली द राइट ऑनरेबल से भी नवाजा गया। शपथ लेने पर वह कनाडा के प्रधानमंत्री बनने वाले दूसरे सबसे युवा व्यक्ति हो जायेंगे। सबसे युवा (जो क्लॉर्क) हैं। साथ ही वो पहले ऐसे व्यक्ति बन जायेंगे जिनके पिता भी कनाडा के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। .

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ज़ांज़ीबार

ज़ांज़ीबार (फ़ारसी زنگبار; प्रत्यय bār (बार) से: "तट" और Zangi (जैंगि): "काला"), पूर्वी अफ्रीका के यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया का एक अर्द्ध-स्वायत्त हिस्सा है। इसमें हिंद महासागर में ज़ांज़ीबार द्वीपसमूह शामिल है जो मुख्य भू-भाग के तट से दूर है और यह कई छोटे-छोटे द्वीपों और दो बड़े द्वीपों: उन्गुजा (मुख्य द्वीप, जिसे अनौपचारिक रूप से ज़ांज़ीबार के रूप में संदर्भित किया जाता है) और पेम्बा से मिलकर बना है। अन्य समीपवर्ती द्वीप देशों और क्षेत्रों में दक्षिण की तरफ स्थित कोमोरोस और मैयट, सुदूर दक्षिण पूर्व की तरफ स्थित मॉरिशस और रीयूनियन और पूर्व में लगभग 1,500 किमी दूर स्थित सेशेल्स द्वीप समूह शामिल है। आरंभिक काल में अरबी और पुर्तगाली व्यापारियों ने इस क्षेत्र का दौरा किया और अठारहवीं और उन्नीसवीं सदियों में इस पर ओमानवासियों का नियंत्रण था। ब्रिटेन ने 1890 में यहाँ एक संरक्षित राज्य की स्थापना की थी जो दिसंबर 1963 में एक स्वतंत्र सल्तनत बन गया और जनवरी 1964 में एक विद्रोह के बाद यह एक गणतांत्रिक क्षेत्र बन गया। अप्रैल 1964 में यह तन्गानिका से जुड़ गया और एक नए गणतंत्र का निर्माण हुआ जिसे अक्टूबर 1964 में तंजानिया नाम दिया गया। (फ्रोमर्स, 2002) उन्गुजा द्वीप पर स्थित ज़ांज़ीबार की राजधानी का नाम ज़ांज़ीबार शहर है और स्टोन टाउन के नाम से मशहूर इसका ऐतिहासिक केन्द्र एक वर्ल्ड हेरिटेज साईट (विश्व विरासत स्थल) है। ज़ांज़ीबार के मुख्य उद्योग मसाले, रैफिया (ताड़ के पेड़ का रेशा) और पर्यटन है। खास तौर पर इन द्वीपों पर लौंग, जायफल, दालचीनी और काली मिर्च का उत्पादन होता है। इस वजह से तंजानिया के माफिया द्वीप के साथ इन द्वीपों को कभी-कभी मसाला द्वीप समूह (एक ऐसा शब्द जिसका संबंध इंडोनेशिया के मलुकू द्वीप समूह से भी है) कहा जाता है। स्थानिक ज़ांज़ीबार रेड कोलोबस और संभवतः विलुप्त जैजिबार तेंदुए का घर होने के नाते ज़ांज़ीबार की पारिस्थितिकी उल्लेखनीय है। .

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जा फ़ॉनल रिसर्व

जा फ़ॉनल रिसर्व कैमेरून मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कैमरुन में विश्व धरोहर स्थल.

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जौदी राष्ट्रीय पक्षी उद्यान

यह अफ्रिका महाद्वीप के सेनेगल देश मे स्थित एक जैविक उद्यान है। इसे सन 1981 से विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:सेनेगल में विश्व धरोहर स्थल श्रेणी:पक्षि उद्यान.

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जेम्स द्विप

जेम्स द्विप गैम्बिया में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००७ में मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:गाम्बिया में विश्व धरोहर स्थल.

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जीनी का पूराना शहर

जीनी का पूराना शहर माली में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००७ में मिला। श्रेणी:माली में विश्व धरोहर स्थल.

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ईस्टर द्वीप

ईस्टर द्वीप (रापा नुई:Rapa Nui); (स्पैनिश: Isla de Pascua), दक्षिणपूर्व प्रशांत महासागर में पोलिनेशियाई त्रिकोण के सबसे दक्षिणपूर्व बिंदु पर स्थित एक पोलिनेशियाई द्वीप है। चिली के इस विशेष क्षेत्र का 1888 में चिली में विलय किया गया। ईस्टर द्वीप अपनी 887 मोवाई बड़ी मूर्तियां के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें प्राचीन रापानुई लोगों ने बनाया था। यह एक विश्व धरोहर स्थल है और द्वीप का अधिकतर भाग रापा नुई राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है। आधुनिक समय में द्वीप को संसाधनों के आवश्यकता से अधिक दोहन से होने वाली सांस्कृतिक और पर्यावरणीय हानि के एक जीवंत उदाहरण के तौर पर देखा जाता है, हालाँकि अब इस सिद्धांत को नृवंशविज्ञानियों और पुरातत्वविदों से कड़ी चुनौती मिल रही है, उनके मतानुसार यूरोपीय उपनिवेशकों द्वारा लाई गयी बीमारियां और दासव्यापार द्वारा सन 1800 के शतक दौरान मूलनिवासियों की संख्या में आई भयंकर कमी का, पर्यावरणीय गिरावट की तुलना में बहुत अधिक सामाजिक प्रभाव पड़ा और यूरोपीय उपनिवेशकों द्वारा अपने साथ लाये गये जानवरों, पहले चूहे और फिर भेड़ों की वजह से द्वीप की मूल वनस्पति को बहुत अधिक नुकसान हुआ और द्वीप 1930-1960 के बीच लगभग वनविहीन हो चला था। अंतर्निहित द्वीप का भूविज्ञान, विलुप्त ज्वालामुखियों में से एक है। चित्र:Easter island and south america.jpg|ईस्टर द्वीप चित्र:Orthographic projection centred over Easter Island.png | ग्लोब पर ईस्टर द्वीप File:AhuTongariki.JPG | ईस्टर द्वीप की मूर्तियां File:Baile de Isla de Pascua.jpg|पंख वेशभूषा के साथ ईस्टर द्वीप की पॉलीनेशिअन नतर्कियाँ .

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घना पक्षी अभयारण्य

पौराणिक ब्रज क्षेत्र के एक भाग भरतपुर में केवलादेव (महादेव) मंदिर की अवस्थिति के कारण केवलादेव या घना कहा जाने वाला यह असाधारण रूप से विलक्षण राष्ट्रीय उद्यान वर्ष १९८५ से यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है। इस उद्यान का क्षेत्रफल २.८७३ हेक्टेयर है। सर्दी की ऋतु में सेंकडों वर्षों से करीब ३६५ प्रजातियों के प्रवासी पक्षी अफगानिस्तान, तुर्की, चीन और सुदूर साइबेरिया तक से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर के घना पहुँचते आये हैं, इसका उल्लेख मुग़ल सम्राट बाबर(February 23 1483 — जनवरी 5 1531) के ग्रन्थ बाबरनामा में भी आता है। दुर्भाग्य से अनेक कारणों से अब इस राष्ट्रीय पार्क में पिछले कुछ सालों में साइबेरियन क्रेन की यात्राएं और प्रवास दुर्लभ हो चले हैं। गोल्डनबैक्ड वूड्पेकर: छाया: हे.शे. महान पक्षीविज्ञानी सालिम अली के अनुसार पक्षियों का यह अंतर्राष्ट्रीय प्रवास, एक अनसुलझी गुत्थी,'एक रहस्य' है। शीतकाल में पक्षी विशेषज्ञों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए ये जगह एक तरह से स्वर्ग बन जाती है, जब लगभग २३० से ज्यादा स्थानीय प्रजातियों के अलावा विदेशी परिंदे, जिनमें साइबेरियन क्रेन सर्वाधिक उल्लेखनीय हैं, यहां निर्द्वन्द्व दाना चुगते, घोंसले बनाते, प्रजनन करते देखे जा सकते हैं। .

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घाना के किले और दुर्ग

घाना के किले और दुर्ग घाना में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९७९ में मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:घाना में विश्व धरोहर स्थल.

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वादी अल-हितान

वादी अल-हितान मिस्र मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००५ मे मिला। श्रेणी:मिस्र में विश्व धरोहर स्थल.

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वालदेस प्रायद्वीप

वालदेस प्रायद्वीप (स्पेनी: Península Valdés, अंग्रेज़ी: Valdes Peninsula) दक्षिण अमेरिका के आरजेन्टीना देश का एक प्रायद्वीप है। यह अन्ध महासागर से घिरा हुआ है और ३,६२५ वर्ग किमी का क्षेत्रफल रखता है। वालदेस प्रायद्वीप एक प्राकृतिक आरक्षित क्षेत्र है और इसपर कई समुद्री स्तनधारियों का वास है, जैसे कि समुद्री सिंह, समुद्री ऊदबिलाव, इत्यादि। १९९९ में युनेस्को ने इसे एक विश्व धरोहर स्थल होने का दर्जा दे दिया था।, Erin McCloskey, Tim Burford, pp.

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वाले दी माई राष्ट्रीय उद्यान

वाले दी माई राष्ट्रीय उद्यान सेशाइल्स मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1983मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:सेशेल्स में विश्व धरोहर स्थल.

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वियना

आधुनिक वियना का एक दृश्य वियना (जर्मन में वीन) ऑस्ट्रिया की राजधानी एवं उनके नौ प्रांतों में से एक है। वियना ऑस्ट्रिया का सबसे प्रमुख नगर है जिसकी आबादी १.७ मिलियन है। यदि इसमें मेट्रोपॉलिटिन क्षेत्र मिला दिया जाए तो आबादी २.३ मिलियन हो जाती है। यह ऑस्ट्रिया का सबसे बड़ा शहर एवं यहां की सांस्कृतिक, आर्थिक एवं राजनैतिक गतिविधियों का केन्द्र है। यह यूरोपीय संघ में स्थित दसवां सबसे बड़ा (आबादी के अनुसार) शहर भी है और रहन सहन के स्तर को देखते हुए तीसरा सबसे अच्छा शहर है। वियना में वैश्विक महत्व की संस्थाएं स्थित हैं जिनमें संयुक्त राष्ट्र संघ, ओपेक की संस्थाएं सबसे महत्वपूर्ण हैं। डेन्यूब के किनारे स्थित वियना इंटरनेशनल सेंटर विश्व की बहुत से प्रमुख संस्थाओं के दफ्तरों का एकीकृत स्थान है। वियना शहर ऑस्ट्रिया के बिल्कुल पूर्व में स्थित है एवं चेक गणराज्य, स्लोवाकिया एवं हंगरी से इसकी सीमाएं मिलती हैं। सन २००१ में वियना के सिटी सेंटर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गयी। और दुनिया के १२७ शहरों के एक अध्यन में इसे रहन सहन के स्तर के अनुसार दुनिया में वैंकूवर के साथ साथ पहला स्थान दिया गया। .

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विरुन्गा राष्ट्रीय उद्यान

विरुन्गा राष्ट्रीय उद्यान कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में विश्व धरोहर स्थल.

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विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

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विश्व धरोहर समिति

विश्व धरोहर समिति (अंग्रेजी: World Heritage Committee), उन स्थलों का चयन करती है जिन्हें यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है। यह विश्व धरोहर कन्वेंशन के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है, विश्व धरोहर कोष के इस्तेमाल को परिभाषित करता है और राष्ट्र दलों से अनुरोध पर वित्तीय सहायता का आवंटन करती है। इसका गठन 21 राष्ट्र दलों से मिलकर होता है, जिनका चुनाव राष्ट्र दलों की महासभा द्वारा चार साल के कार्यकाल के लिए होता है। विश्व धरोहर कन्वेंशन के नियमानुसार, समिति के सदस्य राष्ट्र का कार्यकाल छह साल के लिए होता है, लेकिन कई राष्ट्र दल स्वेच्छा से केवल चार साल के लिए ही समिति के सदस्य बने रहना स्वीकार करते हैं ताकि, दूसरे राष्ट्र दलों को भी समिति का सदस्य बनने का मौका मिल सके। उदाहरण के लिए, 15 वीं महासभा (2005) के लिए निर्वाचित सभी सदस्यों ने स्वेच्छा से अपना कार्यकाल छह वर्ष से घटा कर चार वर्ष करने का फैसला किया। .

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विश्व धरोहर स्थलों की सूची

विश्व धरोहर स्थल वह स्थान है है जो संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विशेष सांस्कृतिक अथवा भौतिक महत्व के रूप में सूचीबद्ध किये गये हैं। विश्व धरोहर स्थलों की सूची के लिए देखें: .

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विश्व के सात नए आश्चर्य

नए सात आश्चर्य विजेताओं के स्थान अवस्थित हैं विश्व के सात नए आश्चर्यएक परियोजना है जिसे पुनर्जीवित करने के लिए प्राचीन विश्व के सात आश्चर्यों (Seven Wonders of the Ancient World) के साथ आधुनिक आश्चर्यों की अवधारणा को शामिल किया गया है निजी नई ७ आश्चर्य फाउंडेशन द्वारा ७ जुलाई (July 7), २००७ को लिस्बन, पुर्तगाल में विजेताओं की घोषणा की गई.

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विजयनगर साम्राज्य

विजयनगर साम्राज्य - १५वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य (1336-1646) मध्यकालीन दक्षिण भारत का एक साम्राज्य था। इसके राजाओं ने ३१० वर्ष राज किया। इसका वास्तविक नाम कर्णाटक साम्राज्य था। इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का राय नामक दो भाइयों ने की थी। पुर्तगाली इसे बिसनागा राज्य के नाम से जानते थे। इस राज्य की १५६५ में भारी पराजय हुई और राजधानी विजयनगर को जला दिया गया। उसके पश्चात क्षीण रूप में यह और ८० वर्ष चला। राजधानी विजयनगर के अवशेष आधुनिक कर्नाटक राज्य में हम्पी शहर के निकट पाये गये हैं और यह एक विश्व विरासत स्थल है। पुरातात्त्विक खोज से इस साम्राज्य की शक्ति तथा धन-सम्पदा का पता चलता है। .

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व्रेडेफोर्ट गुम्बज

व्रेडेफोर्ट गुम्बज दक्षिण अफ्रीका मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 2005 मे मिला। श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका के प्रहार क्रेटर श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थल.

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खान अल-उमदान

खान अल-उमदान इज़राइल देश के आकेर के पुराने शहर में स्थित एक "खान", यीने कारवां सराय है। इसका निर्माण अहमद पाशा अल जज्जर के शासन के दौरान उस्मान साम्राज्य में हुआ था। ये खान-ए-अवामीद के नाम से भी जानी जाती है। इस नाम का शाब्दिक अर्थ "खंबोंकी सराय" होता है। इस दो मंजिला इमारत का निर्माण सन् १७८४ में पुर्ण हुआ। .

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खजुराहो स्मारक समूह

खजुराहो स्मारक समूह जो कि एक हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का एक समूह है जिसके स्मारक भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर क्षेत्र में देखने को मिलते है। ये स्मारक दक्षिण-पूर्व झांसी से लगभग १७५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्मारक समूह यूनेस्को विश्व धरोहर में भारत का एक धरोहर क्षेत्र गिना जाता है। यहाँ के मन्दिर जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ कामुक कला की है अर्थात् अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है। खहुराहो के ज्यादातर मन्दिर चन्देल राजवंश के समय ९५० और १०५० ईस्वी के मध्य बनाए गए थे। एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार खजुराहो में कुल ८५ मन्दिर है जो कि १२वीं शताब्दी में स्थापित किये गए जो २० वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैले हुए है। वर्तमान में इनमें से, केवल २५ मन्दिर ही बच हैं जो ६वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। UNESCO World Heritage Site विभिन्न जीवित मन्दिरों में से, कन्दारिया महादेव मंदिर जो प्राचीन भारतीय कला के जटिल विवरण, प्रतीकवाद और अभिव्यक्ति के साथ प्रचुरता से सजाया गया है।Devangana Desai (2005), Khajuraho, Oxford University Press, Sixth Print, ISBN 978-0-19-565643-5 खजुराहो स्मारक समूह के मन्दिरों को एक साथ बनाया गया था, लेकिन इस क्षेत्र में हिन्दू और जैन के बीच विभिन्न धार्मिक विचारों के लिए स्वीकृति और सम्मान की परंपरा का सुझाव देते हुए, दो धर्मों, हिन्दू धर्म और जैन धर्म को समर्पित किया गया था।James Fergusson, History of Indian and Eastern Architecture,  Updated by James Burgess and R. Phene Spiers (1910), Volume II, John Murray, London .

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गरंबा राष्ट्रीय उद्यान

गरंबा राष्ट्रीय उद्यान कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में विश्व धरोहर स्थल.

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गाम्बिया नदी

निओकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान से बहती हुई गाम्बिया नदी गाम्बिया नदी, अफ़्रीका की एक प्रमुख नदी है, जो उत्तरी गिनी के फ़ोटा जालोन (Fouta Djallon) पठार से निकलकर १,१३० किमी पश्चिम में बहती हुई अंध महासागर में गिरती है। इस नदी का आधा भाग नौकायन के योग्य है। यह नदी प्रमुखतः गाम्बिया नामक देश के नाम से जानी जाती है जो अफ़्रीकी मुख्यभूमि पर सबसे छोटा देश है और इस देश में नदी के निचले बहाव का आधा भाग और दो किनारे पड़ते हैं। फ़ोटा जालोन से आगे बढ़ते हुए यह नदी उत्तर-पश्चिम में बहती हुई सेनेगल के टांबाकौन्डा प्रांत में प्रवेश करती है, जहाँ यह निओकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान (Parc National du Niokolo Koba) से बहती हुई निकलती है और फिर नीरी को और कोलोउन्तोउ नदियाँ इसमें मिलती हैं और फिर यह नदी गाम्बिया में फाटोटो नामक स्थान पर प्रवेश करती है। इस बिन्दू के बाद नदी आमतौर पर पश्चिम की ओर ही बहती है, लेकिन घुमावदार मार्ग से होती हुई यह महासागर में मिलने के स्थान पर लगभग १० किमी चौड़ी हो जाती है। नदी के मुहाने पर जुफुरे नामक स्थान पर स्थित, जेम्स द्वीप, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह स्थान दास-व्यापार के लिए प्रयुक्त किया जाता था। .

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गैलापागोस द्वीपसमूह

गैलापागोस द्वीप समूह (आधिकारिक नाम: Archipiélago de Colón; अन्य स्पेनिश नाम: Islas de Colón या Islas Galápagos) प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा के आसपास फैले ज्वालामुखी द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जो महाद्वीपीय ईक्वाडोर के 972 किमी पश्चिम में स्थित है। यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है: वन्यजीवन इसकी सबसे प्रमुख विशेषता है। गैलापागोस द्वीप समूह ईक्वाडोर के गैलापागोस प्रांत का निर्माण करते हैं साथ ही यह देश की राष्ट्रीय उद्यान प्रणाली का हिस्सा हैं। इस द्वीप की प्रमुख भाषा स्पेनिश है। इस द्वीपों की जनसंख्या 40000 के आसपास है, जिसमें पिछले 50 वर्षों में 40 गुना वृद्धि हुई है। भौगोलिक रूप से यह द्वीपसमूह नये हैं और स्थानीय प्रजातियों की अपनी विशाल संख्या के लिए प्रसिद्ध है, जिनका चार्ल्स डार्विन ने अपने बीगल के खोजी अभियान के दौरान अध्ययन किया था। उनकी टिप्पणियों और संग्रह ने डार्विन के प्राकृतिक चयन द्वारा क्रम-विकास के सिद्धांत के प्रतिपादन में योगदान दिया। विश्व के नये सात आश्चर्य फाउंडेशन द्वारा गैलापागोस द्वीपसमूह को प्रकृति के सात नए आश्चर्यों में से एक के लिए एक उम्मीदवार के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। फ़रवरी 2009 तक द्वीप की श्रेणी, समूह बी में द्वीपसमूह की वरीयता प्रथम थी। .

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गोरी द्वीप

गोरी द्वीप सेनेगल में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1991 में मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:सेनेगल में विश्व धरोहर स्थल.

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गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड

गोल्ड कोस्ट ऑस्ट्रेलियाई राज्य क्वींसलैंड में एक शहर है। यह राज्य का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और देश का छठा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। यह देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला गैर-राजधानी शहर भी है। यह अपने उपोष्णकटिबंधीय मौसम, फेनिल समुद्र तट, नहर और जलमार्ग प्रणालियां, गगनचुंबी इमारतों को छूनेवाले क्षितिज, नाइटलाइफ और घने वर्षा-वनों के कारण गोल्ड कोस्ट एक प्रमुख पर्यटन स्थलकहलाया जाता है। गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक उम्मीदवार शहर भी है। .

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गोहद का किला

गोहद का क़िला मध्य प्रदेश के भिंड ज़िले के गोहद तहसील में स्थित एक दुर्ग या किला है। यह ऐतिहासिक स्थल राज्य के पर्यटन आकर्षणों में से एक है। इस किले का निर्माण जाट राजा महासिंह ने १६वीं शताब्दी में करवाया था। वर्तमान में गोहद दुर्ग जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, किंतु इसके अन्दर स्थित एक महल की इमारत में अनेक सरकारी कार्यालय हैं। इस महल में की गई शानदार नक्काशियाँ आकर्षक हैं। यहां का कछरी महल ईरानी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। .

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ओमो की निचली घाटी

ओमो की निचली घाटी इथियोपिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९८० मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:इथियोपिया में विश्व धरोहर स्थल.

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ओल्ड टाउन, एडिनबर्ग

चट्टान की ऊंचाइयों पर स्थित एडिनबर्ग कासल एडिनबर्ग का ओल्ड टिउन(Auld Toun; पुराना शहर) प्रचलित तौर पर एडिनबर्ग के सबसे पुरातन क्षेत्र को कहा जाता है। इस मध्यकालीन शहर ने आज भी अपनी प्राथमिक मध्यकालीन आभा व नक़शे को बर्करार रखा है। यहां कई मध्यकालीन एवं रीफ़ाॅरमेशन-कालीन(धर्मसुधार कालीन) इमारतों को बेहद अच्छी हालत में संरक्षि देखा जा सकता है। इसका एक सिरा ऊंचाई पर स्थित, मध्यकालीन एडिनबर्ग कासल पर बंद होता है, जहां से शहर की मुख्य धमनी, राॅयल माइल(शाही सड़क) नीचे उतरती है। इस मुख्य सड़क से कई छोटी सड़कें, जिन्हें व़िंड(wynd) या क्लोज़ेज़्(closes) कहा जाता है, सड़क के दोनो पक्षों से चट्टानी दीवारों के बराबर निकलती हैं। इसमें कई बड़े चौराहें स्थित हैं जो बज़ारों के स्थानों को चिह्नित करते हैं, या महत्वपूर्ण भवन इन चौराहों के सामने स्थित देखे जा सकते हैं जैसे की: सेऽन्ट ग्लीऽस् कैथेड्रल और विधी न्यायालयें। यहां स्थित महत्वपूर्ण भवनों में स्काॅटलैंड का शाही संग्रहालय, सर्जन्स्एज़ हाॅल और मैकईवन हाॅल भी शामिल हैं। रास्तों का अभिन्यास किसी ठेठ मध्यकालीन उत्तरी युरोपीय शहर का है, जहाँ शहर का मुख्य दुर्ग(कासल) किसी पहाड़ी या चट्टान के ऊपर हुआ करता था और उसपर से मुख्य सड़क(राॅयल माइल) नीचे आती थी, जिसके किनारे पूरा शहर बसा होता था। ओल्ड टाउन की मुख्य सड़क, राॅयल माइल की तस्वीर, अपरैल 2014 पहाड़ी पर बसे इस शहर में उपलब्ध सीमित जगह के बावजूद इसकी बड़ी आबादी कुछ सबसे पुरानी, ऊंची महुमंजिला रिहाइशी इमारतों में रहती थी। ऐसी आवासीय भवनें, जिन्हें काउंट्री(country) कहा जाता था, 16वीं सदी से यहां काफी आम हो गई थीं। ऐसी एनेकों इमारतें अभी भी यहाँ संरक्षित, देखी जा सकती हैं। यह आम तौर पर दस या ग्यारह मंजिला हुआ करती थीं, परन्तु एक ऐसी भी है जोकी चौदह मंजिला है। इनके अलावा, ओल्ड टाउन की एक विशेश वस्तु हैं, गलियों और सड़कों के ऊपर बने अनेक मेहराब, जिनमें कभी लोग रहा करते थें। औद्योगिक क्रांति के दौरान यहां मुख्यरूप से आइरिश अप्रवासी बसा करते थे। यहां कई तहख़ाने भी अभी तक संरक्षित हें, जिन्हें आज भी एडिनबर्ग का भूमिगत शहर बुलाया जा सकता है। न्यू टाउन के साथ एडिनबर्ग का यह क्षेत्र युनेस्को के विष्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। .

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ओसून-ओसोग्बो

ओसून-ओसोग्बो नाईजीरिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 2005 मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:नाईजीरिया में विश्व धरोहर स्थल.

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ओकापि राष्ट्रीय उद्यान

ओकापि राष्ट्रीय उद्यान कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में विश्व धरोहर स्थल.

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आमेर दुर्ग

आमेर दुर्ग (जिसे आमेर का किला या आंबेर का किला नाम से भी जाना जाता है) भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर का कस्बा मूल रूप से स्थानीय मीणाओं द्वारा बसाया गया था, जिस पर कालांतर में कछवाहा राजपूत मान सिंह प्रथम ने राज किया व इस दुर्ग का निर्माण करवाया। यह दुर्ग व महल अपने कलात्मक विशुद्ध हिन्दू वास्तु शैली के घटकों के लिये भी जाना जाता है। दुर्ग की विशाल प्राचीरों, द्वारों की शृंखलाओं एवं पत्थर के बने रास्तों से भरा ये दुर्ग पहाड़ी के ठीक नीचे बने मावठा सरोवर को देखता हुआ प्रतीत होता है। लाल बलुआ पत्थर एवं संगमर्मर से निर्मित यह आकर्षक एवं भव्य दुर्ग पहाड़ी के चार स्तरों पर बना हुआ है, जिसमें से प्रत्येक में विशाल प्रांगण हैं। इसमें दीवान-ए-आम अर्थात जन साधारण का प्रांगण, दीवान-ए-खास अर्थात विशिष्ट प्रांगण, शीश महल या जय मन्दिर एवं सुख निवास आदि भाग हैं। सुख निवास भाग में जल धाराओं से कृत्रिम रूप से बना शीतल वातावरण यहां की भीषण ग्रीष्म-ऋतु में अत्यानन्ददायक होता था। यह महल कछवाहा राजपूत महाराजाओं एवं उनके परिवारों का निवास स्थान हुआ करता था। दुर्ग के भीतर महल के मुख्य प्रवेश द्वार के निकट ही इनकी आराध्या चैतन्य पंथ की देवी शिला को समर्पित एक मन्दिर बना है। आमेर एवं जयगढ़ दुर्ग अरावली पर्वतमाला के एक पर्वत के ऊपर ही बने हुए हैं व एक गुप्त पहाड़ी सुरंग के मार्ग से जुड़े हुए हैं। फ्नोम पेन्ह, कम्बोडिया में वर्ष २०१३ में आयोजित हुए विश्व धरोहर समिति के ३७वें सत्र में राजस्थान के पांच अन्य दर्गों सहित आमेर दुर्ग को राजस्थान के पर्वतीय दुर्गों के भाग के रूप में युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। .

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आगरा

आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .

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आगरा का इतिहास

आगरा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसके प्रमाण यह अपने चारों ओर समेटे हुए है। इतिहास मे पहला ज़िक्र आगरा का महाभारत के समय से माना जाता है, जब इसे अग्रबाण या अग्रवन के नाम से संबोधित किया जाता था। कहते हैं कि पहले यह नगर आयॅग्रह के नाम से भी जाना जाता था। तौलमी पहला ज्ञात व्यक्ति था जिसने इसे आगरा नाम से संबोधित किया। आगरा शहर को सिकंदर लोदी ने सन् 1506 ई. में बसाया था। आगरा मुगल साम्राजय की चहेती जगह थी। आगरा 1526 से 1658 तक मुग़ल साम्राज्य की राजधानी रहा। आज भी आगरा मुग़लकालीन इमारतों जैसे - ताज महल, किला, फ़तेहपुर सीकरी आदि की वजह से एक विख्यात पर्यटन-स्थल है। ये तीनों इमारतें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सुची में शामिल हैं। बाबर (मुग़ल साम्राज्य का जनक) ने यहाँ चौकोर (आयताकार एवं वर्गाकार) बाग़ों का निर्माण कराया।.

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आगरा का किला

आगरा का किला एक यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है। यह किला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। इसके लगभग 2.5 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में ही विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताज महल मौजूद है। इस किले को कुछ इतिहासकार चारदीवारी से घिरी प्रासाद महल नगरी कहना बेहतर मानते हैं। यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण किला है। भारत के मुगल सम्राट बाबर, हुमायुं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगज़ेब यहां रहा करते थे, व यहीं से पूरे भारत पर शासन किया करते थे। यहां राज्य का सर्वाधिक खजाना, सम्पत्ति व टकसाल थी। यहाँ विदेशी राजदूत, यात्री व उच्च पदस्थ लोगों का आना जाना लगा रहता था, जिन्होंने भारत के इतिहास को रचा। .

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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इत्सुकुशीमा मंदिर

इत्सुकुशीमा मंदिर (厳島神社 इसकीुकुशिमा-जिंजा), इत्सुकुशीमा द्वीप (जिसे मियाजिमा के रूप में जाना जाता है) पर स्थित, एक शिंतो तीर्थस्थल है, जो अपने "तैरते" टोरि द्वार के लिए जाने जाता हैं।Nussbaum, Louis-Frédéric (2005).

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इस्लामी काहिरा

इस्लामी काहिरा मिस्र मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९७९ मे मिला। श्रेणी:मिस्र में विश्व धरोहर स्थल.

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक में पर्यटन

केशव मंदिर, सोमनाथपुर अपने विस्तृत भूगोल एवं लम्बे इतिहास के कारण कर्नाटक में बड़ी संख्या में पर्यटन आकर्षण भरे हुए हैं। राज्य में जहां एक ओर प्राचीन शिल्पकला से परिपूर्ण मंदिर हैं तो वहीं आधुनिक नगर भी हैं, जहां एक ओर नैसर्गिक पर्वतमालाएं हैं तो वहीं अनान्वेषित वन संपदा भी है और जहां व्यस्त व्यावसायिक कार्यकलापों में उलझे शहरी मार्ग हैं, वहीम दूसरी ओर लम्बे सुनहरे रेतीले एवं शांत सागरतट भी हैं। कर्नाटक राज्य को भारत के राज्यों में सबसे प्रचलित पर्यटन गंतव्यों की सूची में चौथा स्थान मिला है। राज्य में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक राष्ट्रीय संरक्षित उद्यान एवं वन हैं, जिनके साथ ही यहां राज्य पुरातत्त्व एवं संग्रहालय निदेशलय द्वारा संरक्षित ७५२ स्मारक भी हैं। इनके अलावा अन्य २५,००० स्मारक भी संरक्षण प्राप्त करने की सूची में हैं। बीजापुर का गोल गुम्बज, बाईज़ैन्टाइन साम्राज्य के हैगिया सिफिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गुम्बद है। पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल हैं जिनमें कुद्रेमुख, मडिकेरी तथा अगुम्बे आते हैं। राज्य में २५ वन्य जीवन अभयारण्य एवं ५ राष्ट्रीय उद्यान हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, बनेरघाटा राष्ट्रीय उद्यान एवं नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान। हम्पी में विजयनगर साम्राज्य के अवशेष तथा पत्तदकल में प्राचीन पुरातात्त्विक अवशेष युनेस्को विश्व धरोहर चुने जा चुके हैं। इनके साथ ही बादामी के गुफा मंदिर तथा ऐहोल के पाषाण मंदिर बादामी चालुक्य स्थापात्य के अद्भुत नमूने हैं तथा प्रमुख पर्यटक आकर्षण बने हुए हैं। बेलूर तथा हैलेबिडु में होयसाल मंदिर क्लोरिटिक शीस्ट (एक प्रकार के सोपस्टोन) से बने हुए हैं एवं युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बनने हेतु प्रस्तावित हैं। यहाम बने गोल गुम्बज तथा इब्राहिम रौज़ा दक्खन सल्तनत स्थापत्य शैली के अद्भुत उदाहरण हैं। श्रवणबेलगोला स्थित गोमतेश्वर की १७ मीटर ऊंची मूर्ति जो विश्व की सर्वोच्च एकाश्म प्रतिमा है, वार्षिक महामस्तकाभिषेक उत्सव में सहस्रों श्रद्धालु तीर्थायात्रियों का आकर्षण केन्द्र बनती है।कीएय (२०००), पृ.

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कहुजी-बेगा राष्ट्रीय उद्यान

कहुजी-बेगा राष्ट्रीय उद्यान कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। उद्यान, कहुजी-बेगा राष्ट्रीय उद्यान, कहुजी-बेगा राष्ट्रीय.

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क़ुतुब मीनार

विश्व धरोहर घोषित है। कुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित, ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। इसकी ऊँचाई और व्यास १४.३ मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर हो जाता है। इसमें ३७९ सीढियाँ हैं। मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं, जिनमें से अनेक इसके निर्माण काल सन ११९३ या पूर्व के हैं। यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है। .

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काठमांडू उपत्यका

नगरकोट के समीप काठमाण्डू उपत्यका का दृष्य काठमांडू उपत्यका (नेपाली: काठमाडौं उपत्यका, नेपाल भाषा: स्वनिगः / नेपाः गाः), नेपाल में स्थित उपत्यका है जो एशिया के प्राचीन सभ्यताओं के सन्धिबिन्दु पर स्थित है। इसके अन्तर्गत १३० से भी अधिक महत्वपूर्ण स्मारक एवं हिन्दू और बौद्ध तीर्थस्थान हैं। इस उपत्यका में यूनेस्को द्वारा घोषित सात विश्व विरासत स्थल भी हैं। श्रेणी:नेपाल श्रेणी:काठमांडू श्रेणी:नेपाल में विश्व धरोहर स्थल.

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कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान

कानाईमा, वेनेजुएला. कानाईमा अनूप में पर्यटक विश्व का सर्वोच्च जलप्रपात एंजिल जलप्रपात कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान (स्पैनिश: Parque Nacional Canaima), वेनेजुएला के दक्षिण-पूर्व में 30000 किमी² क्षेत्र में फैला और ब्राजील और गुयाना की सीमाओं से सटा एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह बोलिवर राज्य में स्थित है और लगभग संपूर्ण उद्यान ही ग्रान सबाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान को 1994 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। उद्यान की स्थापना 12 जून 1962 को की गयी थी और यह वेनेजुएला का पारिमा तापिरापेको राष्ट्रीय उद्यान (स्पैनिश: Parque Nacional Parima Tapirapecó) के बाद दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और इसका क्षेत्रफल बेल्जियम या मैरीलैंड के बराबर है। उद्यान का 65% हिस्सा प्रस्तरीय पठार जिन्हें टेपुई कहते हैं से घिरा है। यह क्षेत्र भूवैज्ञानिक रूप से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और एक अद्वितीय जैविक वातावरण उपलब्ध कराता है। इसकी खड़ी चट्टानें और जलप्रपात, जिनमें 1002 मीटर ऊंचा विश्व का सबसे ऊंचा जलप्रपात, एन्जिल जलप्रपात शामिल है, एक शानदार परिदृश्य उपलब्ध कराते हैं। उद्यान के सबसे प्रसिद्ध टेपुईयों में रोराइमा पर्वत और ऑयनटेपुई हैं। जहां रोराइमा पर्वत यहां का सबसे ऊंचा पर्वत है और जिसका आरोहण अपेक्षाकृत सरल है, वहीं ऑयनटेपुई विश्व के सबसे ऊंचे जलप्रपात, एन्जिल जलप्रपात का उद्गम स्थल है। बलुआ पत्थर से निर्मित यह टेपुई बेहद प्राचीन हैं और माना जाता है कि इनका निर्माण उस समय हुआ था जब दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका दोनों एक ही विशाल महाद्वीप का हिस्सा थे। उद्यान आदिवासी जनजाति पेमॉन लोगों का घर है, जो कैरिब भाषाई समूह से संबंधित हैं। पेमॉन लोगों का टेपुई के साथ एक अंतरंग संबंध है और उनका विश्वास है कि यह 'मावारी’ आत्माओं का घर हैं। उद्यान अपेक्षाकृत दूरदराज के क्षेत्र में पड़ता है और केवल कुछ सड़कें ही इसे शहरों से जोड़ती हैं। उद्यान के भीतर का अधिकांश परिवहन छोटे विमानों जिनकी हवाई पट्टियों को विभिन्न कैप्युषीन मिशनों द्वारा बनाया गया है, पैदल या फिर डोंगियों द्वारा किया जाता है। पेमॉन लोगों द्वारा कुछ बुनियादी और शानदार शिविरों का निर्माण किया गय है, जिनमें मुख्य रूप से दुनिया भर से आने वाले पर्यटक ठहरते है। .

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कार्निवल

कोलोन, जर्मनी में रोसेनमोंटाग परेड में कार्निवल झांकियां. कार्निवल एक उत्सव का मौसम है जो लेंट से ठीक पहले पड़ता है; मुख्य कार्यक्रम आमतौर फरवरी के दौरान होते हैं। कार्निवल में आमतौर पर एक सार्वजनिक समारोह या परेड शामिल होता है जिसमें सर्कस के तत्त्व, मुखौटे और सार्वजनिक खुली पार्टियां की जाती हैं। समारोह के दौरान लोग अक्सर सजते संवरते हैं या बहुरुपिया बनते हैं, जो दैनिक जीवन के पलटाव को दर्शाता है। कार्निवल एक त्योहार है जिसे पारंपरिक रूप से रोमन कैथोलिक में आयोजित किया जाता है और एक हद तक पूर्वी रूढ़िवादी समाजों में भी.

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कालिंजर दुर्ग

कालिंजर, उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के बांदा जिले में कलिंजर नगरी में स्थित एक पौराणिक सन्दर्भ वाला, ऐतिहासिक दुर्ग है जो इतिहास में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहा है। यह विश्व धरोहर स्थल प्राचीन मन्दिर नगरी-खजुराहो के निकट ही स्थित है। कलिंजर नगरी का मुख्य महत्त्व विन्ध्य पर्वतमाला के पूर्वी छोर पर इसी नाम के पर्वत पर स्थित इसी नाम के दुर्ग के कारण भी है। यहाँ का दुर्ग भारत के सबसे विशाल और अपराजेय किलों में एक माना जाता है। इस पर्वत को हिन्दू धर्म के लोग अत्यंत पवित्र मानते हैं, व भगवान शिव के भक्त यहाँ के मन्दिर में बड़ी संख्या में आते हैं। प्राचीन काल में यह जेजाकभुक्ति (जयशक्ति चन्देल) साम्राज्य के अधीन था। इसके बाद यह दुर्ग यहाँ के कई राजवंशों जैसे चन्देल राजपूतों के अधीन १०वीं शताब्दी तक, तदोपरांत रीवा के सोलंकियों के अधीन रहा। इन राजाओं के शासनकाल में कालिंजर पर महमूद गजनवी, कुतुबुद्दीन ऐबक, शेर शाह सूरी और हुमांयू जैसे प्रसिद्ध आक्रांताओं ने आक्रमण किए लेकिन इस पर विजय पाने में असफल रहे। अनेक प्रयासों के बाद भी आरम्भिक मुगल बादशाह भी कालिंजर के किले को जीत नहीं पाए। अन्तत: मुगल बादशाह अकबर ने इसे जीता व मुगलों से होते हुए यह राजा छत्रसाल के हाथों अन्ततः अंग्रेज़ों के अधीन आ गया। इस दुर्ग में कई प्राचीन मन्दिर हैं, जिनमें से कई तो गुप्त वंश के तृतीय -५वीं शताब्दी तक के ज्ञात हुए हैं। यहाँ शिल्पकला के बहुत से अद्भुत उदाहरण हैं। .

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कालका शिमला रेलवे

कोई विवरण नहीं।

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कुतुब-उद-दीन ऐबक

कुतुबुद्दीन एबक का लाहौर में मकबरा कुतुबुद्दीन ऐबक (फारसी: قطب الدین ایبک) मध्य कालीन भारत में एक शासक, दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान एवं गुलाम वंश का स्थापक था। उसने केवल चार वर्ष (1206 – 1210) ही शासन किया। वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली सैनिक था जो दास बनकर पहले ग़ोरी साम्राज्य के सुल्तान मुहम्मद ग़ोरी के सैन्य अभियानों का सहायक बना और फिर दिल्ली का सुल्तान। .

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कुन्नूर

कुन्नूर (तमिल: குன்னூர்) दक्षिण भारतीय राज्य तमिल नाडु के नीलगिरि जिले का एक ताल्लुका एवं नगरपालिका क्षेत्र है। यह अपने चाय उत्पादन के लिये प्रसिद्ध है। कुन्नूर समुद्र सतह से १,८५० मी की ऊंचाई पर स्थित नीलगिरी पर्वतमाला का ऊटी के बाद दूसरा सबसे बड़ा पर्वतीय स्थल है। यह नीलगिरी पर्वतमाला को जाने वाले ट्रैकिंग अभियानों के लिये एक आदर्श स्थल माना जाता है। इसका निकटतम विमानक्षेत्र कोयम्बतूर अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र यहां से लगभग ५६ कि.मी दूर स्थित है। .

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कुज़्को

| | कुज़्को (स्पैनिश: Cusco, क्वेशुआ: Qusqu) पेरू के दक्षिणपश्चिम में एण्डीज़ पर्वतमाला की घाटी उरुबाम्बा में बसा एक शहर है। यह कुज़्को क्षेत्र और कुज़्को प्रांत दोनों की राजधानी है। शहर की वर्तमान आबादी 348,935 है, जो पिछले 20 साल पहले की जनसंख्या का लगभग तीन गुना है। यह कुज़्को के पूर्वी छोर पर स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 3,300 मीटर (11,000 फीट) के आसपास है। कुज़्को इंका साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी है और 1983 में यूनेस्को द्वारा इसे एक विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह दक्षिण अमेरिका का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और लगभग दस लाख पर्यटक प्रति वर्ष यहां आते हैं। पेरू के संविधान द्वारा यह पेरू की ऐतिहासिक राजधानी के रूप में निर्दिष्ट है। .

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कैल्टन पहाड़ी

कैल्टन पहाड़ी या काॅल्टन पहाड़ी(Calton hill; क़ैल्टन हिल्ल्) स्काॅटलैंड के एडिनबर्ग शहर के केन्द्र में स्थित एक पहाड़ी है। यह एडिनबर्ग के प्रिन्सेस् स्ट्रीट के पूर्वी छोर के आगे स्थित है और एडिनबर्ग के युनेस्को विश्व धरोहरों स्थलों की सूची में शामिल है। यहां से शहर का बेहद खूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है, और अकसर इसी पहाड़ी पर से ली गई एडिनबर्ग के नज़ारों की तस्वीरों को पोस्टकार्डों और चत्रों के लिये उपयोग किया जाता है। यह पहाड़ी स्काॅटिश सरकार का मुख्यालय है, जोकी इस पहाड़ी की दक्षिणी ढलानों पर स्थित सेन्ट ऐन्ड्र्यूज़ हाउस में आधारित है, एवं अन्य महत्वपूर्ण भवन, जैसे: स्काॅटिश संसद भवन और हाॅलीरूड पैलेस("स्काॅटलैंड के शासक" का आधिकारिक शाही निवास है), सब इसी पहाड़ी की तराईयों पर स्थित हैं। इस संदर्भ में इस पहाड़ी को स्काॅलैंड में, नई दिल्ली की रायसीना पहाड़ी के समभागी के रूप में देखा जा सकता है। इन महत्वपूर्ण सरकारी भवनों के अलावा इस पहाड़ी पर और भी कई प्रतिश्ठित इमारतें; जैसे की: नेल्सन स्मारक, डुगल स्टीवर्ट स्मारक, स्काॅटलैंड का राष्ट्रीय स्मारक, राॅबर्ट बर्नस् स्मारक, पुरानी राॅयल हाई स्कूल(शाही उच्चविद्यालय), पोलिटिकल मार्टर्सेज़ भाॅन्युमेन्ट(राजनैतिक शहीदों का स्मारक) और सिटी ऑब्ज़र्वेटरी(नगर वेधशाला), यहां स्थित हैं। इनके अलावा पुरानी और नई काॅल्टन क़ब्रगाह भी इसी के पास स्थित हैं, जहांपर एडिनबर्ग एवं स्काॅटलैंड की इतिहास के कई महत्वपूर्ण एवं मान्य हस्तिसों के क़ब्र हैं। .

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कैंडी

कैंडी (सिंहला: මහනුවර, महानुवर; तमिल: கண்டி, कंडी), श्रीलंका का एक प्रमुख शहर है जो कि इसके मध्य प्रांत में स्थित है। यह श्रीलंका के प्राचीन राजाओं के युग की अंतिम राजधानी थी। कैंडी शहर, कैंडी पठार की पहाड़ियों के बीच में स्थित है जो उष्णकटिबंधीय बागानों, मुख्य रूप से चाय के बागानों से आच्छादित है। कैंडी मध्य प्रांत की राजधानी होने के साथ साथ एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और धार्मिक शहर भी है। कैंडी में श्री दलदा मालीगाव या 'पवित्र दंत अवशेष का मंदिर' भी स्थित है जिसे बौद्ध धर्मावलंबी बौद्ध धर्म के कुछ सबसे पवित्र पूजा स्थलों में से एक मानते हैं। 1988 में इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। thumb .

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केप फ्लोरल संरक्षित क्षेत्र

केप फ्लोरल संरक्षित क्षेत्र दक्षिण अफ्रीका मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 2004 मे मिला। क्षेत्र, केप फ्लोरल संरक्षित.

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कोणार्क सूर्य मंदिर

कोणार्क सूर्य मन्दिर भारत में उड़ीसा राज्य के पुरी जिले के अन्तर्गत पुरी नामक शहर में प्रतिष्ठित है। यह भारतवर्ष के चुनिन्दा सूर्य मन्दिरों में से एक है। सन् १९८४ में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है। .

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कोन्या-उरगेन्च

सोल्तान तेकेश मक़बरा गुतलुक-तेमिर मीनार कोन्या उरगेन्च या कोन्ये उरगेन्च (तुर्कमेन: Köneürgenç, अंग्रेज़ी: Konye-Urgench) मध्य एशिया के तुर्कमेनिस्तान देश के पूर्वोत्तरी भाग में उज़बेकिस्तान की सरहद के पास स्थित एक बस्ती है। यह उरगेन्च की प्राचीन नगरी का स्थल है जिसमें १२वीं सदी के ख़्वारेज़्म क्षेत्र की राजधानी के खँडहर मौजूद हैं। २००५ में यूनेस्को ने इन खँडहरों को एक विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया।, UNESCO World Heritage Center, UNESCO, Accessed 19 फ़रवरी 2011 .

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कोमे राष्ट्रीय उद्यान

कोमे राष्ट्रीय उद्यान कोटे डी आइवोरे मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:कोत दिव्वार में विश्व धरोहर स्थल.

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कोरदोबा का ऐतिहासिक केंद्र

कोरदोबा का इतिहासिक केंद्र स्पेन के कोरदोबा शहर में स्थित है। ये अपनी किसम का यूरप और स्पेन में सबसे बड़ा केंद्र है। 1984 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। एक दशक के बाद इसमें शहर के बहुत सारे स्थलों को शामिल कर लिया गया। ऐतिहासिक केन्द्र, रोमन, अरबी और ईसाई धर्मों एक महान स्मारक है। .

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कोलोसियम

कोलोसियमकोलोसियम या कोलिसियम (लाटिन: Amphitheatrum Flavium, इतालवी Anfiteatro Flavio या Colosseo) इटली देश के रोम नगर के मध्य निर्मित रोमन साम्राज्य का सबसे विशाल एलिप्टिकल एंफ़ीथियेटर है। यह रोमन स्थापत्य और अभियांत्रिकी का सर्वोत्कृष्ट नमूना माना जाता है। इसका निर्माण तत्कालीन शासक वेस्पियन ने ७०वीं - ७२वीं ईस्वी के मध्य प्रारंभ किया और ८०वीं ईस्वी में इसको सम्राट टाइटस ने पूरा किया। ८१ और ९६ वर्षों के बीच इसमें डोमीशियन के राज में इसमें कुछ और परिवर्तन करवाए गए। इस भवन का नाम एम्फ़ीथियेटरम् फ्लेवियम, वेस्पियन और टाइटस के पारिवारिक नाम फ्लेवियस के कारण है। अंडाकार कोलोसियम की क्षमता ५०,००० दर्शकों की थी, जो उस समय में साधारण बात नहीं थी। इस स्टेडियम में योद्धाओं के बीच मात्र मनोरंजन के लिए खूनी लड़ाईयाँ हुआ करती थीं। योद्धाओं को जानवरों से भी लड़ना पड़ता था। ग्लेडियेटर बाघों से लड़ते थे। अनुमान है कि इस स्टेडियम के ऐसे प्रदर्शनों में लगभग ५ लाख पशुओं और १० लाख मनुष्य मारे गए। इसके अतिरिक्त पौराणिक कथाओं पर आधारित नाटक भी यहाँ खेले जाते थे। साल में दो बार भव्य आयोजन होते थे और रोमनवासी इस खेल को बहुत पसंद करते थे। पूर्व मध्यकाल में इस इमारत को सार्वजनिक प्रयोग के लिए बंद कर दिया गया। बाद में इसे निवास, कार्यशालाओं, धार्मिक कार्यों, किले और तीर्थ स्थल के रूप में प्रयोग किया जाता रहा। आज इक्कीसवी शती में यह भूकंप और पत्थर चोरी के कारण केवल खंडहर के रूप में ही बची है लेकिन इसके खंडहर को पर्यटकों के लिए सजा सँवारकर रखा गया है। यूनेस्को द्वारा इसका चयन विश्व विरासत के रूप में किया गया है। यह आज भी शक्तिशाली रोमन साम्राज्य के वैभव का प्रतीक है, पर्यटकों का सबसे लोकप्रिय गंतव्य है और रोमन चर्च से निकट संबंध रखता है क्यों कि आज भी हर गुड फ्राइडे को पोप यहाँ से एक मशाल जलूस निकालते हैं। File:Colosseum 0731 2013.jpg|कोलोसियम 2013 File:Colosseum 0732 2013.jpg|कोलोसियम 2013 File:Colosseum 0740 2013.jpg|कोलोसियम 2013 File:Colosseum 0748 2013.jpg|कोलोसियम 2013 File:Colosseum 0771 2013.jpg|कोलोसियम 2013 File:Colosseum 0762 2013.jpg|कोलोसियम 2013 File:Arco di Constantino 0787 2013.jpg|आर्को डि कॉन्स्टेनटिनो2013 File:Weed Whacking the Colosseum (2883935844).jpg .

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अटसीनानाना के वर्षा वन

अटसीनानाना के वर्षा वन माडागास्कर मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००७ मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:मेडागस्कर में विश्व धरोहर स्थल श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अतुल्य भारत

अतुल्य भारत (Incredible India) भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान है, जो देश विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करता है। इस अभियान का उद्देश्य है भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर पदोन्नत करना। .

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अन्तोनी गौदी

अन्तोनी गौदी ई कौर्नेत (Antoni Gaudí i Cornet; 25 जून 1852 – 10 जून 1926) स्पेनी कातालोन्याई वास्तुकार थे। गौदी रेउस के निवासी थे व कला और साहित्य आंदोलन कैटलन मोड्र्निज़्मे के कल्पित सरदार थे। गौदी का कार्य जो कि मुख्य रूप से बार्सिलोना में संकेन्द्रित है उनकी अत्यधिक व्यक्तिगत और विशिष्ट शैली को दर्शाता है। इनका सबसे उत्कृष्ट कार्य सग्रादा फमिलिया नाम का रोमन कैथलिक गिरजाघर है जो कि अपनी अपूर्ण स्थिति में भी युनेस्को विश्व विरासत स्थल है। गौदी का ज्यादातर कार्य उनके जीवन के तीन बड़े जुनून: वास्तुशास्त्र, प्रकृति और धर्म द्वारा चिह्नित किया गया। वे अपनी रचनाओं के हर विस्तार का अध्ययन करते थे, अपनी वास्तुकला में कारीगरी की उन श्रेणियों को एकीकृत करते थे जिन में वे कुशल थे: चीनी मिट्टी, दाग कांच, गढ़ा लौहकार्य फोर्जिंग और बढ़ईगीरी। इन्होने वास्तुकला सम्बन्धित माल के इस्तेमाल के लिए नई तकनीक विकसित की थीं, जिन में ट्रेनकादीस भी शामिल है जो बेकार चीनी मिट्टी के टुकड़े से बना मोज़ेक होता है। कुछ वर्षो के पश्चात नव-गॉथिक कला और प्राच्य तकनीको के प्रभाव में गौदी मोड्र्निज़्मे आंदोलन के हिस्सा बन गए, जो कि उन्नीसवीं सदी के अंत और बीसवीं सदी के शुरुआत में अपने शिखर पर पहुँच रहा थी। इनके कार्य ने मुख्यधारा मोड्र्निज़्मे को अलग आयाम तक पहुँचाया जिस में प्रकृति से प्रेरित जैविक शैली सम्मीलित थी। गौदी शायद ही कभी अपने कार्य की विस्तृत योजना तैयार करते थे, इसके बजाय वे तीन-आयामी पैमाने का मॉडल का निर्माण करना पसंद करते थे जिसे अपनी अवधारणा के साथ-साथ ढालते रहते थे। गौदी के कार्य को अन्तराष्ट्रीय अपील प्राप्त है तथा कई अध्ययन इनकी वास्तुकला को समझने के लिए समर्पित किए गए हैं। वर्तमान में इनके कार्य के वास्तुकारों और आम जनता के बीच समान रूप से प्रशंसक मिलते हैं। इनकी उत्कृष्ट कृति, अभी भी अपूर्ण सग्रादा फमिलिया, कातालोन्या के सबसे प्रसिद्ध और बड़े पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्रों में से एक है। 1984 से 2005 के बीच यूनेस्को ने इनके सात कार्यो को विश्व विरासत स्थल घोषित किया। गौदी की रोमन कैथलिक आस्था जीवन के साथ-साथ और अधिक घनिष्ठ होती चली गई और धार्मिक चित्र इनके कार्य में व्याप्त हैं। इसके कारण इन्हें 'भगवान का वास्तुकार' का उपनाम मिला और इनके बीऐटफकेशन (धन्य-घोषणा) की मांग उठने लगी। .

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अप्रवासी घाट

अप्रवासी घाट मॉरीशस मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००६ मे मिला। घाट, अप्रवासी घाट, अप्रवासी श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प

2015 नेपाल भूकम्प क्षणिक परिमाण परिमाप पर 7.8 या 8.1 तीव्रता का भूकम्प था जो 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 स्थानीय समय में घटित हुआ था। भूकम्प का अधिकेन्द्र लामजुंग, नेपाल से 38 कि॰मी॰ दूर था। भूकम्प के अधिकेन्द्र की गहराई लगभग 15 कि॰मी॰ नीचे थी। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। भूकंप में कई महत्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हुईं हैं। 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकम्प आया है जिससे 8000 से अधिक मौते हुई हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गये। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भूकम्प की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन आ गया जिससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुचाँ है। 18वीं सदी में निर्मित धरहरा मीनार पूरी तरह से नष्ट हो गयी, अकेले इस मीनार के मलबे से 200 से ज्यादा शव निकाले गये। भूकम्प के बाद के झटके 12 मई 2015 तक भारत, नेपाल, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व पडोसी देशों में महसूस किये जाते रहे। .

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अफ्रीका के क्षेत्र

अफ़्रीका महाद्वीप को पाँच मुख्य भागों में बांटा गया है -.

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अबु मीना

अबु मीना मिस्र में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। मीना, अबु श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अबू सिम्बल मन्दिर

अबू सिम्बल यह मिस्र में स्थित प्राचीन स्मारक है जिसे युनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया हुआ है यह नाइबिया मन्दिर के लिए प्रसिध्द है लेकिन असबान बाँध के निर्माण के कारण यह मन्दिर नष्ट हो गया था। बाद में युनेस्को ने 36 मिलियन की राशि से से इस का पुननिर्माण कराया तथा 1968 इस्वी में यह पुन: दर्शको के लिए खोल दिया गया। .

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अबोमी का राज महल

Abomey अबोमी या अबोमे बेनिन का एक शहर है जो प्राचीन राज्य दाहोमे की राजधानी था। अबोमी मे १७वी शताब्दी के मध्य मे फ़ोन लोगो ने राज महल बनवाया। इस महल को युनेस्को ने १९८५ विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। महल, अबोमी का राज.

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अमबोहिमांगा

अमबोहिमांगा माडागास्कर में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००१ में मिला। अमबोहिमांगा अमबोहिमांगा श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अरीफ़ की जन्नत

अरीफ़ की जन्नत (अरबी: جَنَّة الْعَرِيف‎ Jannat al-‘Arīf, literally, "Architect's Garden") एक महल है। ये स्पेन में आंदालूसिया के शहर ग्रनादा में स्थित है। अल्लाब्रा के साथ ही ये भी एक विश्व धरोहर स्थल है। .

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अल्दाब्रा

अल्दाब्रा सेशाइल्स मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन 1982 मे मिला। अल्दाब्रा अल्दाब्रा.

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अल्कला डी हेनरेस

अल्कला डी हेनरेस, (हेनरेस नदी पर निर्गमित गढ़), स्पेन देश का एक शहर है जिसका ऐतिहासिक केन्द्र युनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। यह शहर मैड्रिड के शहर के उत्तर पूर्व में 35 किलोमीटर (22 मील) दूर से, समुद्र के ऊपर 588 मीटर (1,929 फुट) है। .

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अश्शूर

अश्शूर प्राचीन मेसोपोटामिया में नव असीरियाई साम्राज्य की राजधानी थी। इस शहर के अवशेष इराक़ में दजला नदी के उपरी हिस्से में स्थित हैं। यह बीसवी सदी ईसापूर्व से लेकर सातवीं सदी ईसापूर्व तक अस्तित्व में था। इसके बाद फ़ारस के हख़ामनी वंश के शासकों के अधीन आ गया। यह शहर लगभग २६००-२५०० ईपू से १४०० ईसवी तक हराभरा व समृद्ध रहा। लेकिन जब तैमूरलंग ने अपने ही लोगों का नरसंहार शुरू करवा दिया तब से इस शहर का अस्तित्व खत्म होता रहा। अश्शूर इस शहर के प्रमुख देवता का भी नाम था। वह असीरिया में सबसे प्रमुख व शक्तिशाली देवता और असीरियाई साम्राज्य के संरक्षक माने जाते थे। वर्तमान में इस जगह को यूनेस्को विश्व धरोहर माना जाता है। २००३ में खाड़ी युद्ध शुरु होने के बाद इस जगह को खतरे में पडे विश्व धरोहरों में गिना जाने लगा। .

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असन्ते पारम्परिक भवन

असन्ते पारम्परिक भवन घाना मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९८० मे मिला। ये असन्ते साम्राज्य के कालखंड में बनाए कुछ भवन है। श्रेणी:घाना में विश्व धरोहर स्थल.

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अस्कीया की समाधी

अस्कीया की समाधी माली मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन २००४ मे मिला। समाधी, अस्कीया की.

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अज़ ज़ाहिराह मुहाफ़ज़ाह

अज़ ज़ाहिराह मुहाफ़ज़ाह (अरबी:, अंग्रेज़ी: Ad Dhahirah) ओमान का एक मुहाफ़ज़ाह (उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग) है।, Ministry of Information, Government of Oman, Accessed: 11 नवम्बर 2012 .

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अजंता गुफाएँ

अजंता गुफाएँ महाराष्ट्र, भारत में स्थित तकरीबन २९ चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ जो द्वितीय शताब्दी ई॰पू॰ के हैं। यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं। इनके साथ ही सजीव चित्रण भी मिलते हैं। यह गुफाएँ अजंता नामक गाँव के सन्निकट ही स्थित है, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। (निर्देशांक: 20° 30’ उ० 75° 40’ पू॰) अजंता गुफाएँ सन् 1983 से युनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित है।" ‘’’नैशनल ज्यॉग्राफिक ‘’’ के अनुसार: आस्था का बहाव ऐसा था कि प्रतीत होता है, जैसे शताब्दियों तक अजंता समेत, लगभग सभी बौद्ध मंदिर, हिन्दू राजाओं के शासन और आश्रय के अधीन बनवाये गये हों। .

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अवाश नदी

अवाश इथियोपिया की एक प्रमुख नदी है जिसका पूरा मार्ग ईथियोपिया के अंदर ही पड़ता है। यह आडिस अबाबा से पश्चिम में स्थित वरक़े पर्वत से शुरु होती है और लगभग १,२०० किमी का रास्ता तय करके एक झीलों की शृंखला में अन्त होती है जो गारगोरी झील से शुरु और अब्बे झील में अन्त होती हैं। यह झीलें जिबूती की सरहद पर स्थ्ति हैं। अवाश इथियोपिया के अम्हारा प्रदेश, ओरोमिया प्रदेश और सोमाली प्रदेश पर वस्तृत एक बन्द जलसम्भर की मुख्य नदी है। इसकी घाटी में मानव जाति अपने आरम्भिक काल से ही रह रही है और इसे १९८० में एक विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त हुआ।, Unesco, pp.

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अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद

अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद (ICOMOS) (फ्रेंच: Conseil international des monuments et des sites) एक संगठन है जो विश्व व्यापी सांस्कृतिक धरोहरों के सुरक्षा और संरक्षा हेतु कार्यरत है। ICOMOS की स्थापना 1965 में 1964 के वेनिस चार्टर के परिणामतः हुई थी। यह युनेस्को को विश्व धरोहर स्थलओं के बारे में सलाह देता है। .

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अंकोर

'''अंकोर थोम''' का प्रवेश द्वार अंकोर (ख्मेर भाषा: អង្គរ .

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अंकोरवाट मंदिर

अंकोरवाट (खमेर भाषा: អង្គរវត្ត) कंबोडिया में एक मंदिर परिसर और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है, 162.6 हेक्टेयर (1,626,000 एम 2; 402 एकड़) को मापने वाले एक साइट पर। यह मूल रूप से खमेर साम्राज्य के लिए भगवान विष्णु के एक हिंदू मंदिर के रूप में बनाया गया था, जो धीरे-धीरे 12 वीं शताब्दी के अंत में बौद्ध मंदिर में परिवर्तित हो गया था। यह कंबोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (१११२-५३ई.) के शासनकाल में हुआ था। यह विष्णु मन्दिर है जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकों ने प्रायः शिवमंदिरों का निर्माण किया था। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मंदिर आज भी संसार का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है जो सैकड़ों वर्ग मील में फैला हुआ है। राष्ट्र के लिए सम्मान के प्रतीक इस मंदिर को १९८३ से कंबोडिया के राष्ट्रध्वज में भी स्थान दिया गया है। यह मन्दिर मेरु पर्वत का भी प्रतीक है। इसकी दीवारों पर भारतीय धर्म ग्रंथों के प्रसंगों का चित्रण है। इन प्रसंगों में अप्सराएं बहुत सुंदर चित्रित की गई हैं, असुरों और देवताओं के बीच समुद्र मन्थन का दृश्य भी दिखाया गया है। विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक होने के साथ ही यह मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। पर्यटक यहाँ केवल वास्तुशास्त्र का अनुपम सौंदर्य देखने ही नहीं आते बल्कि यहाँ का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने भी आते हैं। सनातनी लोग इसे पवित्र तीर्थस्थान मानते हैं। .

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अक्सुम

अक्सुम इथियोपिया मे स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है। इस स्थल को यह दर्जा सन १९८० मे मिला। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:इथियोपिया में विश्व धरोहर स्थल श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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उत्तर भारत

उत्तरी भारत में अनेक भौगोलिक क्षेत्र आते हैं। इसमें मैदान, पर्वत, मरुस्थल आदि सभी मिलते हैं। यह भारत का उत्तरी क्षेत्र है। प्रधान भौगोलिक अंगों में गंगा के मैदान और हिमालय पर्वतमाला आती है। यही पर्वतमाला भारत को तिब्बत और मध्य एशिया के भागों से पृथक करती है। उत्तरी भारत मौर्य, गुप्त, मुगल एवं ब्रिटिश साम्राज्यों का ऐतिहासिक केन्द्र रहा है। यहां बहुत से हिन्दू तीर्थ जैसे पर्वतों में गंगोत्री से लेकर मैदानों में वाराणासी तक हैं, तो मुस्लिम तीर्थ जैसे अजमेर.

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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उबेदा

उबेदा (अरबी: उबादा अल-अरब) स्पेन में अदालूसिया में एक शहर है। इसकी आबादी लगभग 36,025 है। इस शहर सोलवीं सदी में निर्मित एक शहर है। यह पूरा पुनर्जागरणशैली में बना हुआ है। 2003 में इसे यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थानों में शामिल किया। .

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छत्तीसगढ़ के भारत सरकार संरक्षित स्थल

छत्तीसगढ के भारत सरकार का एक संरक्षित स्थल छत्तीसगढ़ में अनेकों संरक्षित स्मारक स्थल हैं। इनमें से कई राज्य सरकार द्वारा संरक्षित है, कई भारत सरकार द्वारा संरक्षित हैं, व कुछ विश्व धरोहर स्थल घोषित हैं। .

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छत्तीसगढ़ के राज्य संरक्षित स्थल

शिव मंदिर,बस्तर,छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में अनेकों संरक्षित स्मारक स्थल हैं। इनमें से कई राज्य सरकार द्वारा संरक्षित है, कई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित स्थल, व कुछ विश्व धरोहर स्थल घोषित हैं। .

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छत्रपति शिवाजी टर्मिनस

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (मराठी: छत्रपती शिवाजी महाराज टरमीनस), पूर्व में जिसे विक्टोरिया टर्मिनस कहा जाता था, एवं अपने लघु नाम वी.टी., या सी.एस.टी.

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