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विशेषण

सूची विशेषण

वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे - काला कुत्ता। इस वाक्य में 'काला' विशेषण है। जिस शब्द (संज्ञा अथवा सर्वनाम) की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। उपरोक्त वाक्य में 'कुत्ता' विशेष्य है। जिस विकारी शब्द से संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है, उसे भी विशेषण कहते हैं। जैसे- मेहनती विद्यार्थी सफलता पाते हैं। धरमपुर स्वच्छ नगर है। वह पीला है। ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा? इन वाक्यों में मेहनती, नीला, लाल, अच्छा, स्वच्छ, पीला और ऐसा शब्द विशेषण हैं। जो क्रमशः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी की विशेषता बताते हैं। विशेषण शब्द जिसकी विशेषता बताये, उसे विशेष्य कहते हैं, अतः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी शब्द विशेष्य हैं। .

27 संबंधों: ट्विलाइट (उपन्यास), एत्ची, डैनिश, पश्चिम, भगवान, मानवीकरण, रेकी, लातवियाई, शब्द, शब्दशक्ति, सिंधी, सगुण ब्रह्म, संस्कृत भाषा, संस्कृत भाषा का इतिहास, संज्ञा, स्नायु व्यायाम, वचन (व्याकरण), विभक्ति, विशेषण, आयरिश, इंटरनॉट, कनक चम्पा, कर्ता, क्रमसूचक संख्या (भाषा विज्ञान), अरमेनियाई, अल्बानियाई, असीमित

ट्विलाइट (उपन्यास)

ट्विलाइट (Twilight) लेखक स्टेफनी मेयर द्वारा लिखित युवा-वयस्क पिशाचों की प्रेम-कथा पर आधारित प्रथम उपन्यास है। ट्विलाइट को शुरुआत में 14 एजेंटों द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया था, लेकिन जब 2005 में इसके मूलरूप को हार्डबैक में प्रकाशित किया गया तो जल्द ही ये सबसे ज्यादा बिक्री करने वाला उपन्यास बन गया और प्रकाशित होने के एक महीने के अन्दर ही यह ''न्यूयॉर्क टाइम्स'' के अनुसार सबसे ज्यादा बिक्री करने वाले उपन्यासों की सूची में #5 स्थान पर और कुछ समय बाद #1 स्थान पर आ गया। उसी वर्ष ट्विलाइट को पब्लिशर्स वीकली द्वारा "साल 2005 की एक सर्वश्रेष्ठ बाल पुस्तक" का नाम दिया गया। यह उपन्यास 2008 में सर्वाधिक बिकने वाला उपन्यास भी रहा, अभी तक इसकी 17 मिलियन प्रतियाँ पूरे विश्व में बेची जा चुकी हैं। इस पुस्तक ने न्यूयॉर्क टाइम्स की सर्वाधिक बिक्री करने वाली (बेस्ट सेलर) पुस्तकों की सूची में 91 हफ्ते बिताए और साथ ही 37 विभिन्न भाषाओं में इसका अनुवाद भी किया गया। यह ट्विलाइट उपन्यासों की श्रंखला की पहली पुस्तक है। ये कहानी एक 17 वर्षीय लड़की इसाबेला "बेला" स्वान के पात्र से परिचय कराती है, जो कि ऐरीज़ोना के फिनिक्स, से वोशिंगटन के शहर, फोर्क्स, आती है और वहाँ जब वो एक पिशाच एडवर्ड कलेन|ट्विलाइट उपन्यासों की श्रंखला की पहली पुस्तक है। ये कहानी एक 17 वर्षीय लड़की इसाबेला "बेला" स्वान के पात्र से परिचय कराती है, जो कि ऐरीज़ोना के फिनिक्स, से वोशिंगटन के शहर, फोर्क्स, आती है और वहाँ जब वो एक पिशाच एडवर्ड कलेन से प्यार में पड़ जाती है तब उसे एहसास होता है कि उसकी ज़िन्दगी खतरे में है। इस उपन्यास को इसके आगे की श्रृंखलाओं न्यू मून, ऐक्लिप्स और ब्रेकिंग डॉन द्वारा आगे बढ़ाया गया है। 2008 में ट्विलाइट का फ़िल्म रूपान्तर प्रदर्शित किया गया। यह फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही, इस फिल्म ने विश्व में $382 मिलियन से ज्यादा की कमाई की और साथ ही जुलाई 2009 में उत्तरी अमेरिका में डीवीडी की बिक्री से $157 मिलियन की अतिरिक्त कमाई भी की.

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एत्ची

जापानी भाषा में लैंगिक क्रियाओं के लिए हँसी में अक्सर काम में लिया जाने वाला कठबोली शब्द है। विशेषण के रूप में यह शब्द "कामुक", "अश्लील" या "नटखट" के अर्थ में काम में लिया जाता है; क्रिया के रूप में एत्ची सुरु (エッチする) शब्द का प्रयोग यौन सम्बंध के लिए; संज्ञा के रू.

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डैनिश

डैनिश एक बहुअर्थी विशेषण है जिसका मतलब निम्नांकित हो सकता है।.

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पश्चिम

पश्चिम दिशा दिखाता एक कम्पास पश्चिम सामान्य: एक संज्ञा, विशेषण या क्रियाविशेषण है जो एक दिशा या भूगोल की ओर इंगित करता है। पश्चिम, चार प्रमुख दिशाओं मे से एक है साथ ही यह कुतुबनुमा के दिशासंकेतों मे से भी एक प्रमुख संकेत है। यह पूर्व का विपरीत है और उत्तर और दक्षिण के लंबवत होता है। मानकानुसार एक मानचित्र के बाईं ओर पश्चिम होता है। पश्चिम की ओर नौगमन (नेविगेशन) हेतु, कुतुबनुमा (कम्पास) के दिगंश को 270° पर बिठाना (सेट करना) पड़ता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर पश्चिम दिशा की विपरीत दिशा मे घूमती है, इसलिए सूर्य इस दिशा मे अस्त होता है। श्रेणी:दिशाएँ.

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भगवान

भगवान गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह "भग" धातु से बना है,भग के ६ अर्थ है:- १-ऐश्वर्य २-वीर्य ३-स्मृति ४-यश ५-ज्ञान और ६-सौम्यता जिसके पास ये ६ गुण है वह भगवान है। पाली भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं:- तोड़ना। जो राग,द्वेष,और मोह के बंधनों को तोड़ चुका हो अथवा भाव में पुनः आने की आशा को भंग कर चुका हो भावनाओ से परे जहाँ सारे विचार शून्य हो जाये और वहीँ से उनकी यात्रा शुरु हो उसे भगवान कहा जाता है। .

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मानवीकरण

मानवीकरण मनुष्य की गंभीर आवश्यकता है जिसमें व्यक्ति गैर-मानव वस्तु, घटना या संकल्पना को मानवीय गुण, विशेषता या आशय से रंग देता है। मानवीकरण या मानवत्वरोपण दैनिक जीवन के क्रिया-कलापों का महत्वपूर्ण भाग है। यह एक ऐसी मानसिक तथा सामाजिक प्रक्रिया है जो मनोविज्ञान, मानवशास्त्र, साहित्य, इतिहास और आध्यात्म के खोजकर्ताओं को मन की गहराईयों में ले जाती है। मानवीकरण से भाषा, कला और संस्कृति समृद्ध होती है। व्यक्ति के जीवन काल या समाज के सांस्कृतिक विकास के साथ मानवीकृत तत्वों या कारकों में नए कथानक जुड़ते जाते हैं। कुछ अवस्थाओं में यह मानवीकृत तत्व दो तरह के मानसिक परिवर्तन लाने में सक्षम पाए गए। एक श्रेणी तंत्रिका तंत्र के विघटन द्वारा अर्धचेतन अवस्था में देवता, भूत-प्रेत, या अन्य लोकातीत अनुभव, तथा दूसरी श्रेणी उपचार और स्वास्थ्य लाभ से संबंधित है, जैसे, पराप्राकृतिक संवाद। धार्मिक अनुष्ठान तथा नैतिकता द्वारा मानवीकरण गैर-बंधुओं में आपसी मेल-जोल बनाये रखता है। वैज्ञानिक खोज, विशेषकर जंतुओं के व्यवहार, में मानवीकरण वर्जित है, पर इसने दो नए क्षेत्रों को जन्म दिया, “थ्योरी ऑफ माइंड” और “दर्पण तंत्रिका तंत्र”। .

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रेकी

रेकी उपचार चल रहा है मिकाओ उसुई के द्वारा सन् 1926 में विकसित की गई एक आध्‍यामिक क्रियाल्‍युबैक, पैटर, 2001 ch14,pp108 110; एल्‍यार्ड 2004 p79; मेकैंज़ी 1998 pp19,42,52; ल्‍युबैक 1996 p22; बोरैंग 1997 p57; वैल्‍थीम, वैल्‍थीम 1995 p72 है। जापान के माउंट कुरामा में तीन सप्ताह तक उपवास करने और ध्‍यान लगाने के बाद उसुई ने "ऊर्जा गंवाए बिना उपचार करने" की क्षमता प्राप्त करने का दावा किया।इस क्रिया के ही एक भाग, टेनोहिरा या हथेली के द्वारा किए जाने वाले उपचार को एक पूरक और वैकल्‍पिक उपचार यानी कॉम्‍प्‍लिमेंट्री एंड ऑल्‍टरनेटिव मेडिसिन (कैम) के रूप में उपयोग किया जाता है। टेनोहिरा एक ऐसी तकनीक है जिसमें चिकित्सक यह मानते हैं वे हथेलियों के माध्यम से "उपचार करने वाली ऊर्जा"(ki के एक रूप) को हथेलियों से भेजते हैं।राष्ट्रीय पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र। रेकी का संचार हाथों से होता है: (मेकैंज़ी 1998 p18); (एल्‍यार्ड 2004 p27); (बोरैंग 1997 p9); (वैल्‍थीम, वैल्‍थीम 1995 p33) ki के अस्‍तित्‍व का या इसके क्रियान्‍वयन की प्रक्रिया का कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है और सन् 2008 में संचालित यादृच्‍छिक चिकित्‍सीय परीक्षणों की एक प्रक्रियाबद्ध समीक्षा ने रेकी के प्रभाव या किसी भी परिस्‍थिति में उपचार के दौरान इसके उपयोग की अनुशंसा का समर्थन नहीं किया। हैंडरसन, मार्क। "वैकल्‍पिक चिकित्‍सा की ", दि टाइम्‍स। अप्रैल 17, 2008। 13 नवम्बर 2008 को एक्‍सेस किया गया। .

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लातवियाई

लातवियाई एक बहुअर्थी विशेषण है जिसका मतलब निम्नांकित हो सकता है।.

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शब्द

एक या एक से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। एक से ज़्यादा शब्द मिलकर एक पूरा वाक्य बनाते है। .

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शब्दशक्ति

शब्दवृत्ति या शब्दशक्ति (अथवा शब्द शक्ति अथवा शब्द-शक्ति) अर्थात शब्दों की शक्ति। हिन्दी व्याकरण में किसी वाक्य के भाव को समझने के लिए प्रयुक्त अर्थ को शब्द शक्ति कहा जाता है। कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ सभी लोगों के लिए समान होते हैं लेकिन कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार लेता है। इसी आधार पर उस वाक्य में प्रयुक्त शब्दों के प्रकार, शक्ति और व्यापकता के आधार पर उसे विभिन्न प्रकार से विभक्त किया जाता है। .

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सिंधी

सिंधी शब्द सिंध के विशेषण के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसलिये सिंधी का अर्थ सिंध में रहने वाले या वहाँ से संबंध रखने वाले लोगों से भी लगाया जाता है और सिंधी भाषा से भी।.

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सगुण ब्रह्म

परमात्मा का वह रूप जो सत्व, रज और तम तीनों गुणों से युक्त है, सगुण ब्रह्म या साकार ब्रह्म कहलाता है। जब ब्रह्म, कर्ता का भाव ग्रहण करता है जैसे सृष्‍टि‍कर्ता, पालनकर्ता, संहारकर्ता आदि‍ या जब ब्रह्म के साथ कोई विशेषण लगता है जैसे सर्वव्‍यापक, सर्वज्ञ, सर्वशक्‍ति‍मान् आदि‍ तब वह सगुण ब्रह्म या ईश्वर कहलाता है। मध्यकाल से उत्तरीय भारत में भक्तिमार्ग के दो भिन्न संप्रदाय हो गए थे। एक ईश्वर के निर्गुण, निराकर रूप का ध्यान करता हुआ मोक्ष की प्राप्ति की आशा रखता था और दूसरा ईश्वर का सगुण रूप राम, कृष्ण आदि अवतारों में मानकर उनकी पूजा कर मोक्ष की इच्छा रखता था। पहले मत के कबीर, नानक आदि मुख्य प्रचारक थे और दूसरे के तुलसी, सूर आदि। श्रेणी:हिन्दू धर्म.

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संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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संस्कृत भाषा का इतिहास

जिस प्रकार देवता अमर हैं उसी प्रकार सँस्कृत भाषा भी अपने विशाल-साहित्य, लोक हित की भावना,विभिन्न प्रयासों तथा उपसर्गो के द्वारा नवीन-नवीन शब्दों के निर्माण की क्षमता आदि के द्वारा अमर है। आधुनिक विद्वानों के अनुसार संस्कृत भाषा का अखंड प्रवाह पाँच सहस्र वर्षों से बहता चला आ रहा है। भारत में यह आर्यभाषा का सर्वाधिक महत्वशाली, व्यापक और संपन्न स्वरूप है। इसके माध्यम से भारत की उत्कृष्टतम मनीषा, प्रतिभा, अमूल्य चिंतन, मनन, विवेक, रचनात्मक, सर्जना और वैचारिक प्रज्ञा का अभिव्यंजन हुआ है। आज भी सभी क्षेत्रों में इस भाषा के द्वारा ग्रंथनिर्माण की क्षीण धारा अविच्छिन्न रूप से वह रही है। आज भी यह भाषा, अत्यंत सीमित क्षेत्र में ही सही, बोली जाती है। इसमें व्याख्यान होते हैं और भारत के विभिन्न प्रादेशिक भाषाभाषी पंडितजन इसका परस्पर वार्तालाप में प्रयोग करते हैं। हिंदुओं के सांस्कारिक कार्यों में आज भी यह प्रयुक्त होती है। इसी कारण ग्रीक और लैटिन आदि प्राचीन मृत भाषाओं (डेड लैंग्वेजेज़) से संस्कृत की स्थिति भिन्न है। यह मृतभाषा नहीं, अमरभाषा है। .

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संज्ञा

भाषा विज्ञान में, संज्ञा एक विशाल, मुक्त शाब्दिक वर्ग का सदस्य है, जिसके सदस्य वाक्यांश के कर्ता के मुख्य शब्द, क्रिया के कर्म, या पूर्वसर्ग के कर्म के रूप में मौजूद हो सकते हैं। शाब्दिक वर्गों को इस संदर्भ में परिभाषित किया जाता है कि उनके सदस्य अभिव्यक्तियों के अन्य प्रकारों के साथ किस तरह संयोजित होते हैं। संज्ञा के लिए भाषावार वाक्यात्मक नियम भिन्न होते हैं। अंग्रेज़ी में, संज्ञा को उन शब्दों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो उपपद और गुणवाचक विशेषणों के साथ होते हैं और संज्ञा वाक्यांश के शीर्ष के रूप में कार्य कर सकते हैं। पारंपरिक अंग्रेज़ी व्याकरण में Noun, आठ शब्दभेदों में से एक है। .

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स्नायु व्यायाम

स्नायु व्यायाम स्नायु व्यायाम या न्युरोबिक्स (Neurobics) मानसिक व्यायामों को कहते हैं जिनके करने से मस्तिष्क की क्षमता बढ़ने का दावा किया जाता है। इन व्यायामों का वर्णन लारेंस काट्ज (Lawrence Katz) और मैनिंग रुबिन ने अपनी पुस्तक 'कीप योर ब्रेन अलाइव' में किया है किन्तु इनके सत्य या गलत होने की जाँच अभी तक नहीं की जा सकी है। 'न्यूरोबिक्स' शब्द लारेंस काट्ज द्वारा १९९९ में उछाला गया था। ऐसा माना जाता है कि ऐसी मानसिक क्रियायें, जिनके करने के आप आदी नहीं हैं, को करने से मस्तिष्क में नये न्यूरॉन और डेन्ट्राइट (dendrites) विकसित करने में मदद मिलती है। इसका कारण यह है कि कार्यों को एक ही तरह से करने से वे क्रियाएँ अधिकांशतः बिना सोचे-समझे हो जातीं हैं जिससे मस्तिष्क को बहुत कम काम करना पड़ता है। किन्तु स्नायु व्यायाम की विधि को अपनाने से दिमाग का व्यायाम होता है। .

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वचन (व्याकरण)

भाषाविज्ञान में वचन (नम्बर) एक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया आदि की व्याकरण सम्बन्धी श्रेणी है जो इनकी संख्या की सूचना देती है (एक, दो, अनेक आदि)। अधिकांश भाषाओं में दो वचन ही होते हैं- एकवचन तथा बहुवचन, किन्तु संस्कृत तथा कुछ और भाषाओं में द्विवचन भी होता है। .

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विभक्ति

विभक्ति का शाब्दिक अर्थ है - ' विभक्त होने की क्रिया या भाव' या 'विभाग' या 'बाँट'। व्याकरण में शब्द (संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण) के आगे लगा हुआ वह प्रत्यय या चिह्न विभक्ति कहलाता है जिससे पता लगता है कि उस शब्द का क्रियापद से क्या संबंध है। संस्कृत व्याकरण के अनुसार नाम या संज्ञाशब्दों के बाद लगनेवाले वे प्रत्यय 'विभक्ति' कहलाते हैं जो नाम या संज्ञा शब्दों को पद (वाक्य प्रयोगार्थ) बनाते हैं और कारक परिणति के द्वारा क्रिया के साथ संबंध सूचित करते हैं। प्रथमा, द्वितीया, तृतीया आदि विभक्तियाँ हैं जिनमें एकवचन, द्विवचन, बहुवचन—तीन बचन होते है। पाणिनीय व्याकरण में इन्हें 'सुप' आदि २७ विभक्ति के रूप में गिनाया गया है। संस्कृत व्याकरण में जिसे 'विभक्ति' कहते है, वह वास्तव में शब्द का रूपांतरित अंग होता है। जैसे,—रामेण, रामाय इत्यादि। आजकल की प्रचलित हिन्दी की खड़ी बोली में इस प्रकार की (संस्कृत की तरह की) विभक्तियाँ प्रायः नहीं हैं, केवल कर्म और सप्रदान कारक के सर्वनामों में विकल्प से आती हैं। जैसे,—मुझे, तुझे, इन्हें इत्यादि। संस्कृत में विभक्तियों के रूप शब्द के अंत्य अक्षर के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं। पर यह भेद खड़ीबोली के कारकों में नहीं पाया जाता, जिसमें शुद्ध विभक्तियों का ब्यवहार नहीं होता, कारकचिह्नों का व्यवहार होता है, जैसे 'ने', 'में', 'से', 'द्वारा', 'का' आदि। नीचे दिया गया श्लोक रामरक्षास्त्रोत्र में आया है और इसे विभक्ति समझाने के लिये उपयोग किया जाता है। इसमें 'राम' शब्द के आठ रूप आये हैं जो क्रमशः आठों विभक्तियों के एकवचन के रूप हैं। .

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विशेषण

वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे - काला कुत्ता। इस वाक्य में 'काला' विशेषण है। जिस शब्द (संज्ञा अथवा सर्वनाम) की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। उपरोक्त वाक्य में 'कुत्ता' विशेष्य है। जिस विकारी शब्द से संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है, उसे भी विशेषण कहते हैं। जैसे- मेहनती विद्यार्थी सफलता पाते हैं। धरमपुर स्वच्छ नगर है। वह पीला है। ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा? इन वाक्यों में मेहनती, नीला, लाल, अच्छा, स्वच्छ, पीला और ऐसा शब्द विशेषण हैं। जो क्रमशः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी की विशेषता बताते हैं। विशेषण शब्द जिसकी विशेषता बताये, उसे विशेष्य कहते हैं, अतः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी शब्द विशेष्य हैं। .

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आयरिश

आयरिश एक बहुअर्थी विशेषण है जिसका मतलब निम्नांकित हो सकता है।.

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इंटरनॉट

इंटरनॉट, एक विशेषण होता है, जो अंतर्जाल के संसार से गहराई से जुड़े लोगों को दिया जाता है। कोई भी इंटरनॉट वर्षो के अनुभव के बाद तकनीकी रूप से दक्ष ऐसे व्यक्ति सर्च इंजन, सर्च स्ट्रिंग्स, इंटरनेट रिसोर्सेज, फोरम, न्यूजग्रुप्स और चैट रूम्स के प्रयोग में विशेष तौर पर पारंगत होते हैं। इस प्रकार जो व्यक्ति इंटरनेट के इतिहास, राजनीति के बारे में जितना अधिक ज्ञान रखता है, उसे उतना ही बड़ा इंटरनॉट कहा जाता है। इसके विपरीत, जिस व्यक्ति का इंटरनेट ज्ञान कुछ कम होता है, ऐसे व्यक्तियों के लिए अन्य विशेषण प्रयोग किए जाते हैं।| ऑनलाइन संसार यानी इंटरनेट के बारे में विशेष ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों को साइबरनॉट भी कहा जाता है। लेकिन इंटरनॉट इंटरनेट की समस्त जानकारी रखने वालों को कहा जाता है और इंटरनॉट ऑनलाइन जगत से जुड़ा एक अकादमिक शब्द भी है। इसके विपरीत, साइबरनॉट ऑनलाइन खेल, वर्चुअल वर्ल्ड या अन्य ऑनलाइन कल्पना जगत का विशेषज्ञ होता है। इंटरनेट की दुनिया में यह केवल शब्द मात्र नहीं है। यह कहना उचित होगा कि साइबरनॉट वह व्यक्ति होते हैं जिनका विकास इंटरनेट के साथ-साथ होता है, लेकिन इंटरनॉट उन्हें कहा जाता है जिनका दखल इंटरनेट की समूची विकास प्रक्रिया में होता है, यानि वे इंटरनेट के विकास में भागी भी हो सकते हैं। इसी तरह आम नेटिजन भी इंटरनेट से जुड़ी जानकारी रखता है। लेकिन इंटरनॉट या साइबरनॉट्स की तरह नेटिजन बहुत गहराई से इंटरनेट की जानकारी नहीं रखता है। इसका अर्थ ये हुआ, कि आवश्यक नहीं कि उसे इंटरनेट की स्थापना या गेमिंग आदि से जुड़ी कोई विशेष जानकारी हो ही। हालांकि, इंटरनॉट, साइबरनॉट और नेटिजन जैसे नाम इंटरनेट से जुड़े विशेषज्ञों को ही दिए जाते हैं, लेकिन इन्हें विशेष तौर पर लिया जाना आमफेहम वेब सरफर्स से अलग करता है। क्योंकि आम वेब सरफर्स में इंटरनेट पर अपने काम का डाटा खोजने वाले लगभग सभी लोग आते हैं। .

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कनक चम्पा

कनक चम्पा कनक चंपा (वैज्ञानिक नाम: Pterospermum acerifolium) माध्यम ऊँचाई का एक वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जता है। मुख्यतः यह भारत और म्यांमार (बर्मा) में पाया जाता है। हिंदी में ही इसके कई नाम हैं - कनक चंपा, मुचकुंद तथा पद्म पुष्प। बंगाली में 'रोसु कुंडा' तथा सिक्किम में इसे 'हाथीपैला' कहते हैं। इसकी लकड़ी लाल रंग की होती है और इसके तख्ते बनते हैं। कनक चम्पा के वृक्ष को खुशबू के साथ-साथ खाने की थाली के पेड़ के रूप में जाना जाता है। इसके पत्ते ४० से.मी.

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कर्ता

व्याकरण के सन्दर्भ में, कर्ता, वाक्य के दो मुख्य भागों में से एक है, दूसरा भाग 'विधेय' (प्रेडिकेट) कहलाता है। उदाहरण के लिये, काला कुत्ता बकरी को दौड़ाने लगा, इस वाक्य में 'काला कुत्ता' कर्ता है। .

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क्रमसूचक संख्या (भाषा विज्ञान)

भाषा विज्ञान में, क्रमसूचक संख्याएँ वे शब्द होते हैं जो अनुक्रमिक क्रम में स्थान या दर्जा दर्शाते हैं। क्रम चाहे आकार, महत्त्व, कालक्रम, इत्यादि का हो सकता हैं। हिन्दी भाषा में, वे तीसरा और तृतीयक जैसे विशेषण होते हैं। वे गणन संख्याओं से भिन्न होते हैं जो मात्रा दर्शाते हैं। .

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अरमेनियाई

आर्मीनियाई एक बहुअर्थी विशेषण है जिसका मतलब निम्नांकित हो सकता है।.

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अल्बानियाई

अल्बानियाई एक बहुअर्थी विशेषण है जिसका मतलब निम्नांकित हो सकता है।.

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असीमित

असीमित एक विशेषण है जो किसी चीज के अत्यधिक और सीमारहित होने की ओर इंगित करता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

विशेषण और उसके भेद

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