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विशिष्ट ऊष्मा धारिता

सूची विशिष्ट ऊष्मा धारिता

यह एक सामान्य अनुभव है कि किसी वस्तु का ताप बढ़ाने के लिये उसे उष्मा देनी पड़ती है। किन्तु अलग-अलग पदार्थों की समान मात्रा का ताप समान मात्रा से बढ़ाने के लिये अलग-अलग मात्रा में उष्मा की जरूरत होती है। किसी पदार्थ की इकाई मात्रा का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक उष्मा की मात्रा को उस पदार्थ का विशिष्ट उष्मा धारिता (Specific heat capacity) या केवल विशिष्ट उष्मा कहा जाता है। इससे स्पष्ट है कि जिस पदार्थ की विशिष्ट उष्मा अधिक होगी उसे गर्म करने के लिये अधिक उष्मा की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिये, शीशा (लेड) का ताप १ डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये जितनी उष्मा लगती है उससे आठ गुना उष्मा एक किलोग्राम मग्नीशियम का ताप १ डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक होती है। किसी भी पदार्थ की विशिष्ट उष्मा मापी जा सकती है। .

4 संबंधों: ऊष्मा धारिता, स्वतःप्रज्वलन ताप, गुप्त ऊष्मा, आयतनी उष्मा धारिता

ऊष्मा धारिता

किसी पदार्थ के द्रव्यमान का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की ऊष्मा धारिता (Heat capacity) कहते हैं। इस भौतिक राशि का एस आई मात्रक जूल प्रति केल्विन (J/K) है। ऊष्मा धारिता की विमा है। सूत्र के रूप में, जहाँ, C पदार्थ की ऊष्मा-धारिता है। .

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स्वतःप्रज्वलन ताप

किसी पदार्थ का स्वतःप्रज्वलन ताप (autoignition temperature) या kindling point) वह न्यूनतम ताप है जिस पर आने पर बिना किसी बाहरी स्रोत के ही वह पदार्थ तुरन्त जलने लगता है। यह ताप उस पदार्थ को जलने के लिये आवश्यक सक्रियण ऊर्जा (activation energy) प्रदान करती है। 'स्वतःप्रज्वलन ताप' प्रायः ज्वलनशील ईंधन मिश्रणॉं के सन्दर्भ में प्रयुक्त होता है। प्रायः दाब बढ़ाने और आक्सीजन की मात्रा बढाने पर सभी रसायन कम ताप पर ही ज्वलित हो उठते हैं। .

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गुप्त ऊष्मा

जब कोई पदार्थ एक भौतिक अवस्था (जैसे ठोस) से दूसरी भौतिक अवस्था (जैसे द्रव) में परिवर्तित होता है तो एक नियत ताप पर उसे कुछ उष्मा प्रदान करनी पड़ती है या वह एक नियत ताप पर उष्मा प्रदान करता है। किसी पदार्थ की गुप्त उष्मा (latent heat), उष्मा की वह मात्रा है जो उसके इकाई मात्रा द्वारा अवस्था परिवर्तन (change of state) के समय अवषोषित की जाती है या मुक्त की जाती है। इसके अलावा पदार्थ जब अपनी कला (फेज) बदलते हैं तब भी गुप्त उष्मा के बराबर उष्मा का अदान/प्रदान करना पड़ता है। इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग सन् १७५० के आसपास जोसेफ ब्लैक ने किया था। आजकल इसके स्थान पर "इन्थाल्पी ऑफ ट्रान्सफार्मेशन" का प्रयोग किया जाता है। .

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आयतनी उष्मा धारिता

किसी पदार्थ की आयतनी उष्मा धारिता (Volumetric heat capacity (VHC)) उसके विशिष्ट ऊष्मा धारिता से अलग राशि है। ईकाई आयतन का ताप १ डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक ऊष्मा उस पदार्थ की आयतनी ऊष्मा धारिता कहलाती है। श्रेणी:ऊष्मा श्रेणी:पदार्थ के गुण.

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