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विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल

सूची विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल

वी एस नाइपॉल या विद्याधर सूरजप्रसाद नैपालका जन्म १७ अगस्त सन १९३२ को ट्रिनिडाड के चगवानस (Chaguanas) में हुआ। उनहे नुतन अंग्रेज़ी छंद का गुरु कहा जाता है। वे कई साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हे, इनमे जोन लिलवेलीन रीज पुरस्कार (१९५८), दी सोमरसेट मोगम अवाङँ (१९८०), दी होवथोरडन पुरस्कार (1964), दी डबलु एच स्मिथ साहित्यिक अवाङँ (१९६८), दी बुकर पुरस्कार (१९७१), तथा दी डेविड कोहेन पुरस्कार (१९९३) ब्रिटिश साहित्य मे जीवन परयंत कायँ के लिए, प्रमुख है। वी एस नैपाल को २००१ मे साहित्य मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। २००८ मे दी टाईम्स ने वी एस नैपाल को अपनी ५० महान ब्रिटिश साहित्यकारो की सुची मे सातवां स्थान दिया। .

सामग्री की तालिका

  1. 10 संबंधों: चगवानस, नैपाल परिवार, नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची, मैन बुकर पुरस्कार, रब्बी शेरगिल, शिव नैपाल, सत्यजित राय, विद्याधर (बहुविकल्पी), अरविन्द अडिग, उपन्यासों के लिए बुकर पुरस्कार विजेताओं एवं चुने हुए लेखकों की सूची

चगवानस

चगवानस ट्रिनिडाड का प्रमुख नगर है। यहां भारतीय मूल निवासियों का बाहुल्य है। विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल का जन्म यहां हुआ।.

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और चगवानस

नैपाल परिवार

नैपाल परिवार और कपिलदेव परिवार ट्रिनिडाड में बहुत प्रभावशाली रहे हैं। इन दोनों परिवारों के बीच वैवाहिक सम्बन्ध भी हैं।.

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और नैपाल परिवार

नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची

क्रोना (लगभग यूएस $ 1.2 मिलयन, INR 7.6 करोड़), डिप्लोमा और एक स्वर्ण पदक प्रदान किया जाता है। नोबेल पुरस्कार हर वर्ष रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस, द स्वीडिश एकेडमी, द कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट, एवं द नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी द्वारा उन लोगों और संस्थाओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने रसायनशास्त्र, भौतिकीशास्त्र, साहित्य, शांति, एवं औषधीविज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया हो। नोबेल पुरस्कारों की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल के वसीयतनामे के अनुसार १८९५ में हुई। वसीयतनामे के मुताबकि नोबेल पुरस्कारों का प्रशासकीय कार्य नोबेल फाउंडेशन देखेगा। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत १९६८ में स्वीडन की केंद्रीय बैंक स्वेरिंज रिक्सबैंक द्वारा हुई। यह पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को हर वर्ष दिया जाता है। प्रत्येक पुरस्कार एक अलग समिति द्वारा प्रदान किया जाता है। द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस भौतिकी, अर्थशास्त्र और रसायनशास्त्र में, कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट औषधी के क्षेत्र में, नॉर्वेजियन नोबेल समिति शांति के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान करती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा, एक मोनेटरी एवार्ड प्रदान की जाती है। .

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची

मैन बुकर पुरस्कार

मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन (Man Booker Prize for Fiction) जिसे लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है, राष्ट्रकुल (कॉमनवैल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है। 2008 वर्ष का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया था। अडिग को मिलाकर कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है (अन्य लेखक - वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी और किरण देसाई) और कुल 9 पुरस्कार विजेता उपन्यास ऐसे हैं जिनका कथानक भारत या भारतीयों से प्रेरित है। बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी। इसमें 60 हज़ार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है। इस पुरस्कार के लिए पहले उपन्यासों की एक लंबी सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन की शाम के भोज में पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है। पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था। .

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और मैन बुकर पुरस्कार

रब्बी शेरगिल

रब्बी शेरगिल (जन्म का नाम गुरप्रीत सिंह शेरगिल, 1973) एक भारतीय संगीतकार हैं जो अपनी प्रथम एल्बम रब्बी और 2005 के सर्वश्रेष्ठ गीत "बुल्ला की जाना" के लिए जाने जाते हैं। उनके संगीत का वर्णन विभिन्न प्रकार के रॉक, बानी शैली की पंजाबी और सुमित भट्टाचार्य द्वारा, Rediff.com विशेष सूफियाना, तथा अर्ध-सूफी अर्ध-लोकगीत जैसा संगीत जिसमे पाश्चत्य साजों की अधिकता होस्वागता सेन द्वारा, द टेलीग्राफ, 21 नवम्बर 2004.

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और रब्बी शेरगिल

शिव नैपाल

शिव नैपाल (945-1985) ट्रिनिडाड में जन्मे बहुत अच्छे लेखक थे। इनके बडे भाई विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल हैं जिन्हे नोबेल पुरस्कार मिला।.

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और शिव नैपाल

सत्यजित राय

सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और सत्यजित राय

विद्याधर (बहुविकल्पी)

'विद्याधर' से निम्नलिखित का बोध होता है-.

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और विद्याधर (बहुविकल्पी)

अरविन्द अडिग

अरविन्द अडिग (कन्नड़: ಅರವಿಂದ ಅಡಿಗ, जन्म 23 अक्टूबर 1974) अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखक हैं, जिन्हें अपने पहले उपन्यास द व्हाइट टाइगर (श्वेत बाघ) के लिए मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। .

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और अरविन्द अडिग

उपन्यासों के लिए बुकर पुरस्कार विजेताओं एवं चुने हुए लेखकों की सूची

उपन्यासों के लिए बुकर पुरस्कार विजेताओं एवं चुने हुए लेखकों की एक सूची एक निम्नलिखित है। जीते हुए खिताबों को उनके वर्ष में पहले सूचीबद्ध किया गया है और उन्हें नीले रंग की पृष्ठभूमि से चिह्नित किया गया है। पुरस्कार 1969 के बाद से हर वर्ष राष्ट्रमंडल में शामिल राष्ट्रों या आयरलैंड के किसी नागरिक द्वारा अंग्रेजी भाषा में लिखे गए पूरी लम्बाई के सर्वश्रेष्ठ मौलिक उपन्यास को दिय जाता है। बुकर के इतिहास को उत्सवित करने वाले दो विशेष पुरस्कार भी हैं। 1993 में, "बुकर ऑफ़ बुकर्स" पुरस्कार अपने पहले 25 वर्षों में पुरस्कार जीतने वाले सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के रूप में मिडनाइट्स चिल्ड्रेन (1981 का विजेता) के लिए सलमान रश्दी को दिया गया था। मिडनाइट्स चिल्ड्रेन ने पुरस्कार की चालीसवीं सालगिरह पर 2008 में जनता के एक मतदान "बुकर का सर्वश्रेष्ठ" में भी विजय प्राप्त की। .

देखें विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल और उपन्यासों के लिए बुकर पुरस्कार विजेताओं एवं चुने हुए लेखकों की सूची

नाइपॉल, वी एस नाइपॉल के रूप में भी जाना जाता है।