7 संबंधों: बाबूराम सक्सेना, रामदास गौड़, सत्यप्रकाश सरस्वती, सालिग्राम भार्गव, हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम, विज्ञान (हिन्दी पत्रिका), विज्ञान संचार।
बाबूराम सक्सेना
डॉ॰ बाबूराम सक्सेना (1897 --) भारत के एक भाषावैज्ञानिक थे। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष तथा एवं उपकुलपति रहे। १९६९ से १९७५ तक विज्ञान परिषद् प्रयाग के सभापति रहे। .
नई!!: विज्ञान परिषद् प्रयाग और बाबूराम सक्सेना · और देखें »
रामदास गौड़
रामदास गौड़ (1881 - 13 सितम्बर 1938) स्वतंत्रता सेनानी, हिन्दी लेखक तथा विज्ञान परिषद के संस्थापकों में से एक थे। .
नई!!: विज्ञान परिषद् प्रयाग और रामदास गौड़ · और देखें »
सत्यप्रकाश सरस्वती
डॉ सत्यप्रकाश सरस्वती (२४ सितम्बर १९०५ - १८ जनवरी १९९५) भारत के रसायनविद्, आध्यात्मिक-धार्मिक चिन्तक तथा लेखक और वक्ता थे। उन्होने जीवन का अधिकांश भाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रसायन-विभाग के अध्यक्ष के रूप में बिताया। जीवन के उत्तरार्ध को उन्होने रघुवंशी राजाओं की भांति सामाजिक जागरण, लोकोपकार तथा ग्रन्थ-लेखन में व्यतीत किया। स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती का व्यक्तित्व अनेक अद्भुत विशिष्टताओं से संपन्न था। उन्हें 'विज्ञान, धर्म और साहित्य की त्रिवेणी' ठीक ही कहा गया है। सभी विशेषताएं एक साथ एक ही व्यक्ति में बहुत कम देखने में आती हैं। स्वामी जी विविध विषयों पर प्रभावी ढंग से सारगर्भित व्याख्यान देने में अपने समय में अद्भुत थे। चारों वेदों के अंग्रेजी भाष्य की रचना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। .
नई!!: विज्ञान परिषद् प्रयाग और सत्यप्रकाश सरस्वती · और देखें »
सालिग्राम भार्गव
प्रोफेसर सालिग्राम भार्गव (12 दिसम्बर 1888 - 16 सितम्बर 1953) इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं हिन्दीसेवी थे। आपने डॉ गंगानाथ झा, रामदास गौड़ तथा प्रो.
नई!!: विज्ञान परिषद् प्रयाग और सालिग्राम भार्गव · और देखें »
हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम
यहाँ पर हिन्दी से सम्बन्धित सबसे पहले साहित्यकारों, पुस्तकों, स्थानों आदि के नाम दिये गये हैं।.
नई!!: विज्ञान परिषद् प्रयाग और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम · और देखें »
विज्ञान (हिन्दी पत्रिका)
'''विज्ञान''' का मुखपृष्ट विज्ञान, हिन्दी में वैज्ञानिक विषयों पर निकलने वाली मासिक पत्रिका है। इसका प्रकाशन सन् १९१५ के अप्रैल मास से आरम्भ हुआ था। इस पत्रिका का प्रकाशन विज्ञान परिषद् प्रयाग द्वारा किया जाता है। इसके प्रथम प्रकाशक लाला कर्मचन्द भल्ला एवं सम्पादक लाला सीताराम एवं पण्डित श्रीधर पाठक थे। पिछले लगभग सौ वर्षों से इसका अनवरत प्रकाशन होता आ रहा है। आरम्भ में इसका शुल्क ३ रूपये वार्षिक था। बृजराज, डॉ सत्यप्रकाश, युधिष्ठिर भार्गव प्रभृति सम्पादकों ने इसका सफलतापूर्वक सम्पादन किया। सम्प्रति डॉ शिवप्रकाश मिश्र इसके सम्पादक हैं। .
नई!!: विज्ञान परिषद् प्रयाग और विज्ञान (हिन्दी पत्रिका) · और देखें »
विज्ञान संचार
विज्ञान संचार (Science communication) का सामान्य अर्थ संचार-माध्यमों के द्वारा गैर-वैज्ञानिक समाज को विज्ञान के विविध पहलुओं एवं विषयों के बारे में सूचना देना है। कभी-कभी यह काम व्यावसायिक वैज्ञानिकों द्वारा भी किया जाता है। (तब इसे 'विज्ञान का लोकीकरण' कहा जाता है।)। विज्ञान संचार अपने-आप में एक पेशेवर क्षेत्र बन चुका है। .
नई!!: विज्ञान परिषद् प्रयाग और विज्ञान संचार · और देखें »