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वाल्मीकि जाति

सूची वाल्मीकि जाति

वाल्मीकि दलित समुदाय व जाति है। इनका पारम्परिक काम मल-मूत्र को साफ करना और अन्य सफाई कार्य करना होता है। इन्हें भारतीय जाति व्यवस्था में सबसे नीचा स्थान दिया जाता है और इस कारण ये बहुत शोषित वर्ग है। पंजाब में बसे चूहड़ा को भी इनका भाग माना जाता है जो सिख धर्म के मजहबी सिख अनुभाग को बनाते हैं। वाल्मीकि नाम वाल्मीकि से लिया गया है जिन्हें ये समुदाय अपना गुरू मानता है (देखें वाल्मीकि समुदाय)। इनका मूल नाम भंगी है जिसका अर्थ भांग पीने वाला होता है। लेकिन ये अब अपमानजनक माना जाता है और इसका उपयोग सामाजिक रूप से सही नहीं माना जाता है। कुछ वाल्मीकि अपने को हरिजन कहलाना भी पसंद करते हैं। वाल्मीकि आज भी साफ सफाई का कार्य ही करते हैं और ये उनका रोजगार का मुख्य हिस्सा है। उनके कई सगंठन भी मौजूद है जो सरकारी नौकरी में इस कार्य में किसी और जाति के लोगों के आगमन का विरोध करते हैं। .

5 संबंधों: दलित, धोबी, याशिका दत्त, हिन्दू वर्ण व्यवस्था, वाल्मीकि समुदाय

दलित

दलित का मतलब पहले पिडीत, शोषित, दबा हुआ, खिन्न, उदास, टुकडा, खंडित, तोडना, कुचलना, दला हुआ, पीसा हुआ, मसला हुआ, रौंदाहुआ, विनष्ट हुआ करता था, लेकिन अब अनुसूचित जाति को दलित बताया जाता है, अब दलित शब्द पूर्णता जाति विशेष को बोला जाने लगा हजारों वर्षों तक अस्‍पृश्‍य या अछूत समझी जाने वाली उन तमाम शोषित जातियों के लिए सामूहिक रूप से प्रयुक्‍त होता है जो हिंदू धर्म शास्त्रों द्वारा हिंदू समाज व्‍यवस्‍था में सबसे निचले (चौथे) पायदान पर स्थित है। और बौद्ध ग्रन्थ में पाँचवे पायदान पर (चांडाल) है संवैधानिक भाषा में इन्‍हें ही अनुसूचित जाति कहां गया है। भारतीय जनगनणा 2011 के अनुसार भारत की जनसंख्‍या में लगभग 16.6 प्रतिशत या 20.14 करोड़ आबादी दलितों की है।http://m.timesofindia.com/india/Half-of-Indias-dalit-population-lives-in-4-states/articleshow/19827757.cms आज अधिकांश हिंदू दलित बौद्ध धर्म के तरफ आकर्षित हुए हैं और हो रहे हैं, क्योंकी बौद्ध बनने से हिंदू दलितों का विकास हुआ हैं।http://www.bbc.com/hindi/india/2016/04/160414_dalit_vote_politician_rd "दलित" शब्द की व्याखा, अर्थ तुलनात्मक दृष्टी से देखे तो इसका विरुद्ध विषलेशण इस प्रकार है। "दलित" -: पिडीत, शोषित, दबा हुआ, खिन्न, उदास, टुकडा, खंडित, तोडना, कुचलना, दला हुआ, पीसा हुआ, मसला हुआ, रौंदाहुआ, विनष्ट "फलित" -: पिडामुक्त, उच्च, प्रसन्न, खुशहाल, अखंड, अखंडित, जोडना, समानता, एकरुप, पूर्णरूप, संपूर्ण .

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धोबी

कपड़े इस्त्री करते हुये धोबी व्यक्ति धोबी भारत में पाये जाने वाले जाति समूह हैं जिनका मुख्य कार्य कपड़े धोने, रंगने, इस्त्री करने से संबंधित माना जाता है। इन्हें भारत के अलग-अलग राज्यों में नाम से जाने जाते हैं - मादीवाला, अगसार, पारित, राजका, चकली, राजाकुला, वेलुत्दार, एकली, सेठी, कनौजिया, पणिक्कर आदि अन्य कई नामों से जाना जाता है। मुसलमान हो गए धोबी को बरेठा नाम से जाना जाता है। हालाँकि इनका मुख्य व्यवसाय कपड़े धोना है लेकिन कई धोबी खेती किया करते हैं। धोबी की व्युत्पत्ति धावन या धोने से मानी जाती है। हिन्दू धोबी अछूत माने जाते थे और अनुसूचित जाति में उन्हें सम्मिलित किया गया है। जबकि मुस्लिम धोबी भंगी से ऊँचे के स्तर के स्तर के और नाई के बराबर स्वच्छ जाति माने जाते थे। २०११ की भारतीय जनगणना आँकड़ों के अनुसार धोबी जाति की कुल जनसंख्या ८,२२,००,००० होने का अनुमान है। .

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याशिका दत्त

याशिका दत्त एक भारतीय लेखक हैं, जो वर्तमान में न्यूयॉर्क शहर में रहती हैं। याशिका ने लिंग, पहचान, संस्कृति और जाति सहित कई विषयों पर लिखा है। वह पहले नई दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स ब्रंच के प्रिंसिपल कॉरस्पोन्डेंट, के रूप में काम कर रहे थे। उसने एशियाई आयु के साथ भी काम किया। .

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हिन्दू वर्ण व्यवस्था

वर्ण-व्‍यवस्‍था हिन्दू धर्म में सामाजिक विभाजन का एक आधार है। हिंदू धर्म-ग्रंथों के अनुसार समाज को चार वर्णों में विभाजित किया गया है- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। इसमे ब्राह्मण वर्ण को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। हालाकी शूद्र वर्ण को बाकी सब वर्ण की सेवा करने का प्रावधान इन धर्म ग्रंथो मे किया गया है। सुत्तनिपात मृतुराज क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य,शूद्र, चंडाल और भंगी- किसी को कोभी नहीं छोड़ता, सबको कुचल डालता है। वे सभी जो सुरत है, विनम्र हो सत्कर्मों में लगे है, सुदंत है, आत्मसंयम का जीवन जीते है, वे सभी परिनिवृत है, चाहे वे क्षत्रिय हो, ब्राह्मण हो, वैश्य हो, शूद्र हो, चण्डाल हो या भंगी हो विद्वानों का मत है कि आरंभ में यह विभाजन कर्म आधारित था लेकिन बाद में यह जन्‍माधारित हो गया। वर्तमान में हिंदू समाज में इसी का विकसित रूप जाति-व्‍यवस्‍था के रूप में देखा जा सकता है। जाति एक अंतर्विवाही समूह है। 1901 की जाति आधारित जनगणना के अनुसार भारत में दो हजार से अधिक जातियां निवास करती हैं। .

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वाल्मीकि समुदाय

वाल्मीकि समुदाय, हिन्दू धर्म के अंतर्गत एक दलित समुदाय है, जो ऋषि वाल्मीकि पर केंद्रित है। वाल्मीकि समुदाय के लोग वाल्मीकि को ईश्वर का अवतार मानते हैं तथा उनके द्वारा रचित रामायण तथा योग वशिष्ठ को पवित्र ग्रन्थ मानते हैं। वाल्मीकि समुदाय के लोग अपने कुलनाम के रूप में नायडू या नायुडू, नाइक, डोरा, दोराबिड्डा तथा वाल्मीकि धारण करते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

भंगी

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