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वाराणसी जिला

सूची वाराणसी जिला

वाराणसी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय वाराणसी है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - ज़िलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ एस॰टी॰डी॰ कोड - 0542 एस॰टी॰डी॰ कोड - 0542 .

35 संबंधों: चन्‍द्र शेखर सिंह, दुर्गा मन्दिर, दुर्गाकुण्ड, निहाला सिंह, पिंडरा (तहसील), वाराणसी, प्रेमचंद, बंशीधर पाण्‍डेय, भृगुनाथ उर्फ भग्‍गुराम, भोजपुरी भाषा, मुहम्‍मद अब्‍दुस्‍समद, रामनगर, वाराणसी, राज बिहारी सिंह, राजनाथ सिंह, रूस्‍तम सैटिन, लोकनाथ सिंह, श्‍याम लाल यादव, सारनाथ, सियारामशरण गुप्त, संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध, हरिगैन राम, हरिगेन राम, हिम्‍मत बहादुर सिंह, वरमेश्‍वर पांडेय, वाराणसी, वाराणसी (तहसील), वाराणसी, वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन, विश्‍वनाथ प्रसाद, विश्‍वनाथ प्रसाद उर्फ झींगन साहू, गंगापुर, वाराणसी, काशिका भाषा, उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची, उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, उत्तर प्रदेश के ज़िले, उदल, ऋषि नारायण शास्‍त्री

चन्‍द्र शेखर सिंह

चन्‍द्र शेखर सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 243 - चन्‍दौली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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दुर्गा मन्दिर, दुर्गाकुण्ड

दुर्गा मंदिर काशी के पुरातन मंदिरॊ मॆ सॆ एक है। इस मंदिर का उल्लॆख " काशी खंड" मॆ भी मिलता है। यह मंदिर वाराणसी कैन्ट से लगभग 5 कि॰मी॰ की दूरी पर है। लाल पत्थरों से बने अति भव्य इस मंदिर के एक तरफ "दुर्गा कुंड" है। इस कुंड को बाद में नगर पालिका ने फुहारे में बदल दिया, जो अपनी मूल सुन्दरता को खो चुका है। इस मंदिर में माँ दुर्गा "यंत्र" रूप में विरजमान है। इस मंदिर में बाबा भैरोनाथ, लक्षीजी, सरस्वतीजी, एवं माता काली की मूतिॅ रूप में अलग से मंदिर है। यहाँ मांगलिक कायॅ एवं मुंडन इत्यादि में माँ के दशॅन कॆ लिये आतॆ है। मंदिर के अंदर हवन कुंड है, जहाँ रोज हवन होते हैं। कुछ लोग यहाँ तंत्र पूजा भी करते हैं। सावन महिने में एक माह का बहुत मनमोहक मेला लगता है।दुर्गा मंदिर के नजदीक आनंद पार्क है, जहाँ पर आर्य समाज का प्रथम सास्त्रार्थ काशी के विद्वानों के साथ हुआ था। श्रेणी:वाराणसी के मन्दिर.

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निहाला सिंह

निहाला सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 252 - औराई विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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पिंडरा (तहसील), वाराणसी

यह तहसील वाराणसी जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 432 गांव हैं। .

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प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

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बंशीधर पाण्‍डेय

बंशीधर पाण्‍डेय,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 258 - भदोही विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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भृगुनाथ उर्फ भग्‍गुराम

भृगुनाथ उर्फ भग्‍गुराम,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 249 - आराजी लाइन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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भोजपुरी भाषा

भोजपुरी शब्द का निर्माण बिहार का प्राचीन जिला भोजपुर के आधार पर पड़ा। जहाँ के राजा "राजा भोज" ने इस जिले का नामकरण किया था।भाषाई परिवार के स्तर पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना (2001) आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग ४ करोड़ है, हालांकि द टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख के में ये बताया गया है कि पूरे विश्व में भोजपुरी के वक्ताओं की संख्या १६ करोड़ है, जिसमें बिहार में ८ करोड़ और उत्तर प्रदेश में ७ करोड़ तथा शेष विश्व में १ करोड़ है। उत्तर अमेरिकी भोजपुरी संगठन के अनुसार वक्ताओं की संख्या १८ करोड़ है। वक्ताओं के संख्या के आंकड़ों में ऐसे अंतर का संभावित कारण ये हो सकता है कि जनगणना के समय लोगों द्वारा भोजपुरी को अपनी मातृ भाषा नहीं बताई जाती है। .

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मुहम्‍मद अब्‍दुस्‍समद

मुहम्‍मद अब्‍दुस्‍समद,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 190 - वाराणसी सिटी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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रामनगर, वाराणसी

रामनगर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला का एक तहसील है। रामनगर में एक किला है जिसे रामनगर किला कहते हैं और ये यहां के राजा काशी नरेश का आधिकारिक और पैतृक आवास है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। रामनगर किला में यहां के राजाओं का एक संग्रहालय भी है। ये राजाओं का १८वीं शताब्दी से आवास है। .

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राज बिहारी सिंह

राज बिहारी सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 194 - कसवार राजा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह (जन्म १० जुलाई, १९५१ वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत) भारत के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और वर्तमान में भारत के गृह मंत्री तथा वर्तमान सत्ता दल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं। वह पहले भाजपा के युवा स्कंध के और भाजपा की उत्तर प्रदेश (जो उनका गृह राज्य भी है), ईकाई के अध्यक्ष थे। प्रारंभ में वे भौतिकी के व्याख्याता थे, पर शीघ्र जनता पार्टी से जुड़ने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपने दीर्घ संबंधों का उपयोग किया, जिसके कारण वे उत्तर प्रदेश में कई पदों पर विराजमान हुए। .

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रूस्‍तम सैटिन

रूस्‍तम सैटिन,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 248 - वाराणसी दक्षिण विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से भा0 कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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लोकनाथ सिंह

लोकनाथ सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 188 - कटेहर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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श्‍याम लाल यादव

श्‍याम लाल यादव,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 187 - मुगलसराय विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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सारनाथ

सारनाथ, काशी अथवा वाराणसी के १० किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था जिसे "धर्म चक्र प्रवर्तन" का नाम दिया जाता है और जो बौद्ध मत के प्रचार-प्रसार का आरंभ था। यह स्थान बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थों में से एक है (अन्य तीन हैं: लुम्बिनी, बोधगया और कुशीनगर)। इसके साथ ही सारनाथ को जैन धर्म एवं हिन्दू धर्म में भी महत्व प्राप्त है। जैन ग्रन्थों में इसे 'सिंहपुर' कहा गया है और माना जाता है कि जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ का जन्म यहाँ से थोड़ी दूर पर हुआ था। यहां पर सारंगनाथ महादेव का मन्दिर भी है जहां सावन के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। सारनाथ में अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार इत्यादि दर्शनीय हैं। भारत का राष्ट्रीय चिह्न यहीं के अशोक स्तंभ के मुकुट की द्विविमीय अनुकृति है। मुहम्मद गोरी ने सारनाथ के पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया था। सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया। उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया। वर्तमान में सारनाथ एक तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है। .

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सियारामशरण गुप्त

सियारामशरण गुप्त (४ सितंबर १८९५ - २९ मार्च १९६३) (भाद्र पूर्णिमा सम्वत १९५२ विक्रमी) हिन्दी के साहित्यकार थे। .

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संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध

संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध (अंग्रेजी: United Provinces of Agra and Oudh; उच्चारण: यूनाईटेड प्राॅविन्सेज़ ऑफ ऐग्रा ऐण्ड औध) ब्रिटिश भारत में स्वाधीनता से पूर्व एकीकृत प्रान्त का नाम था जो 22 मार्च 1902 को आगरा व अवध नाम की दो प्रेसीडेंसी को मिलाकर बनाया गया था। उस समय सामान्यतः इसे संयुक्त प्रान्त (अंग्रेजी में यू॰पी॰) के नाम से भी जानते थे। यह संयुक्त प्रान्त लगभग एक शताब्दी 1856 से 1947 तक अस्तित्व में बना रहा। इसका कुल क्षेत्रफल वर्तमान भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त क्षेत्रफल के बराबर था। जिसे आजकल उत्तर प्रदेश या अंग्रेजी में यू॰पी॰ कहते हैं उसमें ब्रिटिश काल के दौरान रामपुर व टिहरी गढ़वाल जैसी स्वतन्त्र रियासतें भी शामिल थीं। 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान की घोषणा से एक दिन पूर्व सरदार बल्लभ भाई पटेल ने इन सभी रियासतों को मिलाकर इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया था। 3 जनवरी 1921 को जो राज्य पूर्णत: ब्रिटिश भारत का अंग बन गया था उसे स्वतन्त्र भारत में 20वीं सदी के जाते-जाते सन् 2000 में पुन: विभाजित कर उत्तरांचल (और बाद में उत्तराखण्ड) राज्य को स्थापित किया गया। .

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हरिगैन राम

हरिगैन राम,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 254 - भदोही विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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हरिगेन राम

हरिगेन राम,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 259 - ज्ञानपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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हिम्‍मत बहादुर सिंह

हिम्‍मत बहादुर सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 250 - चिरई विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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वरमेश्‍वर पांडेय

वरमेश्‍वर पांडेय,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 246 - वाराणसी छावनी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से अ0 भा0 जनसंघ की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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वाराणसी (तहसील), वाराणसी

यह तहसील वाराणसी जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 901 गांव हैं। .

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वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। वर्ष २००९ में हुए आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के डॉ॰ मुरली मनोहर जोशी तथा 2014 के चुनावों में नरेंद्र मोदी यहां से सांसद चुने गये हैं। वाराणसी जिले में पाँच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं। ये इस प्रकार से हैं.

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वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन

वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन वाराणसी शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। ये भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है और जंक्शन का कार्य करता है। वाराणसी में दूसरा मुख्य रेलवे स्टेशन दीनदयाल जंक्शन है। इनके अलावा नगर में १६ अन्य छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है, जहाँ से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के बाद सबसे ज्यादा रेल चलती है। .

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विश्‍वनाथ प्रसाद

विश्‍वनाथ प्रसाद,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 264 - वाराणसी नगर (उत्‍तरी) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनसंघ पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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विश्‍वनाथ प्रसाद उर्फ झींगन साहू

विश्‍वनाथ प्रसाद उर्फ झींगन साहू,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 247 - वाराणसी उत्‍तरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से अ0 भा0 जनसंघ की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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गंगापुर, वाराणसी

गंगापुर उत्तर प्रदेश, भारत के राज्य में वाराणसी जिले में एक शहर और एक नगर पंचायत है। .

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काशिका भाषा

वाराणसी भाषाई परिवार के अनुसार काशिका एक भारतीय आर्य भाषा है जो कि वाराणसी एवं उसके आस पास के क्षेत्र में बोली जाती है। अपनी शब्दाबली के लिए यह मुख्यतः हिंदी, उर्दू एवं भोजपुरी पर निर्भर करती है। भारत में लगभग ५० लाख लोग काशिका भाषा बोलते हैं। .

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उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची

उत्तर प्रदेश राज्य में कुल ३५ राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ४०६३५ किमी है; और ८३ राज्य राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ८४३२ किमी है। .

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उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

उत्तर प्रदेश एक भारतीय राज्य है, जिसकी सीमाऐं नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ मिलती हैं। राज्य के उत्तर में हिमालय है और दक्षिण में दक्कन का पठार स्थित है। इन दोनों के बीच में, गंगा, यमुना, घाघरा समेत कई नदियां पूरब की तरफ बहती हैं। उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल है। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 199,581,477 है। उत्तर प्रदेश को 18 मण्डलों के अंतर्गत 75 जिलों में विभाजित किया गया है। 2011 में 199,581,477 की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 6.88 प्रतिशत मात्र है, लेकिन भारत की 16.49 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। 2011 तक राज्य में 64 ऐसे नगर हैं, जिनकी जनसंख्या 100,000 से अधिक है। 1,640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 4,542,184 की जनसंख्या के साथ कानपुर राज्य का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। .

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उत्तर प्रदेश के ज़िले

उत्तर प्रदेश भारत का एक राज्य है और प्रशासनिक रूप से कई ज़िलों में बंटा हुआ है। इन ज़िलों को 'विभाग' नामक भौगोलिक व प्रशासनिक समूहों में एकत्रित किया गया है। वर्तमान काल में उत्तर प्रदेश १८ विभागों में बांटा गया है जो आगे स्वयं ७५ ज़िलों में बंटे हैं।, Lalmani Verma, The Indian Express, 01 Dec 2011 .

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उदल

उदल,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 251 - कोलअसला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से भा0 कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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ऋषि नारायण शास्‍त्री

ऋषि नारायण शास्‍त्री,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 262 - गंगापुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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