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वाचस्पत्यम्

सूची वाचस्पत्यम्

वाचस्पत्यम् संस्कृत का आधुनिक महाशब्दकोश है। इसका संकलन तर्कवाचस्पति तारानाथ भट्टाचार्य (1812-1885) ने किया था जो बंगाल के राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में अध्यापक थे। इसका निर्माण सन १८६६ ई में आरम्भ हुआ और १८८४ ई में समाप्त। इस प्रकार इसको पूरा करने में १८ वर्ष लगे। शब्दकल्पद्रुम की अपेक्षा संस्कृत कोश का यह एक बृहत्तर संस्करण है। .

6 संबंधों: तारानाथ भट्टाचार्य, शब्दकोशों का इतिहास, संस्कृत शब्दकोशों की सूची, संस्कृत के आधुनिक कोश, विश्वज्ञानकोश, आख्यान

तारानाथ भट्टाचार्य

तर्कवाचस्पति तारानाथ भट्टाचार्य (1812-1885) संस्कृत के विद्वान एवं कोशकार थे। इन्होने वाचस्पत्यम् नामक शब्दकोश की रचना की जो संस्कृत का आधुनिक महाशब्दकोश है। वे बंगाल के राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में अध्यापक थे। वाचस्पत्यम् का निर्माण सन १८६६ ई में आरम्भ हुआ और १८८४ ई में समाप्त। इस प्रकार इसको पूरा करने में १८ वर्ष लगे। शब्दकल्पद्रुम की अपेक्षा संस्कृत कोश का यह एक बृहत्तर संस्करण है। श्रेणी:कोशकार.

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शब्दकोशों का इतिहास

शब्दकोशों के आरंभिक अस्तित्व की चर्चा में अनेक देशों और जातियों के नाम जुडे़ हुए हैं। भारत में पुरातनतम उपलब्ध शब्दकोश वैदिक 'निघण्टु' है। उसका रचनाकाल कम से कम ७०० या ८०० ई० पू० है। उसके पूर्व भी 'निघंटु' की परंपरा थी। अत: कम से कम ई० पू० १००० से ही निघंटु कोशों का संपादन होने लगा था। कहा जाता है कि चीन में ईसवी सन् के हजारों वर्ष पहले से ही कोश बनने लगे थे। पर इस श्रुतिपरंपरा का प्रमाण बहुत बाद— आगे चलकर उस प्रथम चीनी कोश में मिलता है, जिसका रचना 'शुओ वेन' (एस-एच-यू-ओ-डब्ल्यू-ई-एन) ने पहली दूसरी शदी ई० के आसपास की थी (१२१ ई० भी इसका निर्माण काल कहा गया है)। चीन के 'हान' राजाओं के राज्य- काल में भाषाशास्त्री 'शुओ बेन' के कोश को उपलब्ध कहा गया है। यूरेशिया भूखंड में एक प्राचीनतम 'अक्कादी-सुमेरी' शब्दकोश का नाम लिया जाता है जिसके प्रथम रूप का निर्माण— अनुमान और कल्पना के अनुसार—ई० पू० ७वीं शती में बताया जाता है। कहा जाता है कि हेलेनिस्टिक युग के यूनानियों नें भी योरप में सर्वप्रथम कोशरचना उसी प्रकार आरंभ की थी जिस प्रकार साहित्य, दर्शन, व्याकरण, राजनीति आदि के वाङ्मय की। यूनानियों का महत्व समाप्त होने के बाद और रोमन साम्राज्य के वैभवकाल में तथा मध्यकाल में भी बहुत से 'लातिन' कोश बने। 'लतिन' का उत्कर्ष और विस्तार होने पर लतिन तथा लातिन + अन्यभाषा-कोश, शनै: शनै: बनते चले गए। सातवीं-आठवीं शती ई० में निर्मित एक विशाल 'अरबी शब्दकोश' का उल्लेख भी उपलब्ध है। .

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संस्कृत शब्दकोशों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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संस्कृत के आधुनिक कोश

भारत में आधुनिक पद्धति पर बने संस्कृत कोशों की दो वर्गों में रखा जा सकता है.

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विश्वज्ञानकोश

विश्वज्ञानकोश, विश्वकोश या ज्ञानकोश (Encyclopedia) ऐसी पुस्तक को कहते हैं जिसमें विश्वभर की तरह तरह की जानने लायक बातों को समावेश होता है। विश्वकोश का अर्थ है विश्व के समस्त ज्ञान का भंडार। अत: विश्वकोश वह कृति है जिसमें ज्ञान की सभी शाखाओं का सन्निवेश होता है। इसमें वर्णानुक्रमिक रूप में व्यवस्थित अन्यान्य विषयों पर संक्षिप्त किंतु तथ्यपूर्ण निबंधों का संकलन रहता है। यह संसार के समस्त सिद्धांतों की पाठ्यसामग्री है। विश्वकोश अंग्रेजी शब्द "इनसाइक्लोपीडिया" का समानार्थी है, जो ग्रीक शब्द इनसाइक्लियॉस (एन .

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आख्यान

आख्यान या अनुश्रुति शब्द आरंभ से ही सामान्यत: कथा अथवा कहानी के अर्थ में प्रयुक्त होता रहा है। तारानाथकृत "वाचस्पत्यम्" नामक कोश के प्रथम भाग में, इसकी व्युत्पत्ति "आख्यायते अनेनेति आख्यानम्" दी है। साहित्यदर्पण में आख्यान को "पुरावृत कथन" (आख्यानं पूर्ववृतोक्ति) कहा गया है। डॉ॰ एस.के.

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