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वहीदा रहमान

सूची वहीदा रहमान

वहीदा रहमान (जन्म: 14 मई, 1938) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

68 संबंधों: चाँदनी (1989 फ़िल्म), चाँदनी चौक, चौदहवीं का चाँद (1960 फ़िल्म), एक फूल चार काँटे (1960 फ़िल्म), ठुमरी (कथासंग्रह), त्रिशूल (1978 फ़िल्म), तीसरी कसम (1966 फ़िल्म), दर्पण (1970 फ़िल्म), दिल दिया दर्द लिया, दिल्ली ६, देव आनन्द, दीपक डोबरियाल, धर्म काँटा (1982 फ़िल्म), नमक हलाल (1982 फ़िल्म), नमकीन (1982 फ़िल्म), नील कमल (1968 फ़िल्म), पत्थर के सनम, पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९), पुरस्कार/सम्मान-2012, प्यासा (1957 फ़िल्म), प्यासी आँखें (1983 फ़िल्म), प्रेम पुजारी (1970 फ़िल्म), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, बात एक रात की, बीस साल बाद (1962 फ़िल्म), भारत में इस्लाम, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय अभिनेत्रियों की सूची, मशाल (1984 फ़िल्म), महान (१९८३ फ़िल्म), मकसद (1984 फ़िल्म), मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म), मैंने गाँधी को नहीं मारा (2005 फ़िल्म), मेरी भाभी (1969 फ़िल्म), राखी (1962 फ़िल्म), रिया सेन, रूप की रानी चोरों का राजा (1961 फ़िल्म), रेशमा और शेरा (1971 फ़िल्म), लम्हे, सनी (1984 फ़िल्म), साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962 फ़िल्म), सिंहासन (1986 फ़िल्म), सवाल (1982 फ़िल्म), स्वयं (1991 फ़िल्म), सोलवाँ साल (1958 फ़िल्म), हिम्मतवाला (1983 फ़िल्म), हिंदी चलचित्र, १९५० दशक, हिंदी चलचित्र, १९६० दशक, हिंदी चलचित्र, १९७० दशक, हिंदी चलचित्र, १९८० दशक, ..., हिंदी चलचित्र, १९९० दशक, ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972 फ़िल्म), ज्वालामुखी (1980 फ़िल्म), विविध भारती, गर्ल फ्रैंड (1960 फ़िल्म), गाइड (1965 फ़िल्म), ओम जय जगदीश (2002 फ़िल्म), आदमी (1968 फ़िल्म), कभी कभी (1976 फ़िल्म), काला बाज़ार (1960 फ़िल्म), कागज़ के फूल (1959 फ़िल्म), कुली (१९८३ फ़िल्म), कोहरा (1964 फ़िल्म), अदालत (1976 फ़िल्म), अल्ला रक्ख़ा (1986 फ़िल्म), उजाले उनकी यादों के, १९३६, 2009 की बॉलीवुड फिल्में सूचकांक विस्तार (18 अधिक) »

चाँदनी (1989 फ़िल्म)

चाँदनी 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चाँदनी चौक

चाँदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना एवं सबसे व्यस्त क्षेत्र है। यह पुरानी दिल्ली के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक है। चांदनी चौक पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। लाल किला स्मारक बाजार के भीतर स्थित है। यह १७ वीं शताब्दी में भारत के मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनाया गया था, और इसका डिजाइन उनकी बेटी जहांआरा द्वारा तैयार किया गया था। चांद की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए बाजार को नहरों द्वारा विभाजित किया गया था और यह भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक बना हुआ है। .

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चौदहवीं का चाँद (1960 फ़िल्म)

चौदहवीं का चाँद हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .

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एक फूल चार काँटे (1960 फ़िल्म)

एक फूल चार काँटे 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ठुमरी (कथासंग्रह)

ठुमरी एक कथा-संग्रह है जिसके रचायिता फणीश्वर नाथ रेणु हैं। ठुमरी नामक इस कथा संग्रह में विविध प्रकार की कहानियाँ हैं और ठुमरी शीर्षक से कोई कहानी न होते हुए भी इसीलिए लेखक ने इसका नाम ठुमरी नमक गायन विधा के नाम पर रखा है जिसमें मिश्रित भावों और रागों का निरूपण होता है, क्योंकि यह संग्रह विविध प्रकार और भाव वाली कहानियों का संग्रह है। इस कथा संग्रह की सर्वाधिक प्रसिद्द कहानी तीसरी कसम है जिस पर शैलेन्द्र ने एक फ़िल्म का निर्माण किया जी इसी तीसरी कसम नाम से है और जिसमें राज कपूर तथा वहीदा रहमान मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस संग्रह की एक अन्य कहानी पंचलाइट काफ़ी लोकप्रिय रही और यह कई जगह हिन्दी कहानी के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी है। .

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त्रिशूल (1978 फ़िल्म)

त्रिशूल 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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तीसरी कसम (1966 फ़िल्म)

तीसरी कसम (अंग्रेजी: third oath)1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको तत्काल बॉक्स ऑफ़िस पर सफलता नहीं मिली थी पर यह हिन्दी के श्रेष्ठतम फ़िल्मों में गिनी जाती है। फ़िल्म का निर्माण प्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने किया था जिसे हिन्दी लेखक फणीश्वर नाथ 'रेणु' की प्रसिद्ध कहानी मारे गए ग़ुलफ़ाम की पटकथा मिली। इस फ़िल्म की असफलता के बाद शैलेन्द्र काफी निराश हो गए थे और उनका अगले ही साल निधन हो गया था। यह हिन्दी के महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी 'मारे गये गुलफाम' पर आधारित है। इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में राज कपूर और वहीदा रहमान शामिल हैं। बासु भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित तीसरी कसम एक फिल्म गैर-परंपरागत है जो भारत की देहाती दुनिया और वहां के लोगों की सादगी को दिखाती है। यह पूरी फिल्म बिहार के अररिया जिले में फिल्मांकित की गई। इस फिल्म का फिल्मांकन सुब्रत मित्र ने किया है। पटकथा नबेन्दु घोष की है, जबकि संवाद लिखे हैं स्वयं फणीन्द्र नाथ रेणु ने.

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दर्पण (1970 फ़िल्म)

दर्पण 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दिल दिया दर्द लिया

दिल दिया दर्द लिया १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फ़िल्म अंग्रेज़ी की लेखिका ऍमिली ब्रॉन्टी के उपन्यास वदरिंग हाइट्स पर आधारित है। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार हैं दिलीप कुमार, वहीदा रहमान तथा प्राण। .

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दिल्ली ६

दिल्ली 6 -(दिल्ली 6) राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा निर्मित एक हिंदी फ़िल्म है; जिसमें अभिषेक बच्चन, सोनम कपूर, ओम पूरी, वहीदा रहमान, ऋषि कपूर, अतुल कुलकर्णी, दीपक दोब्रियल और दिव्या दत्ता ने अभिनय किया है। यह फ़िल्म पुरानी दिल्ली में चांदनी चौक क्षेत्र में मेहरा के बढ़ते हुए वर्षों पर आधारित है। यह अक्स और रंग दे बसंती के बाद मेहरा की तीसरी फ़िल्म है। यह फ़िल्म 20 फ़रवरी 2009 को रिलीज़ हुई, इसने बहुत अच्छा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया, लेकिन आलोचकों की ओर से इसे मिश्रित समीक्षा ही प्राप्त हुई। .

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देव आनन्द

देव आनन्द उर्फ़ धरमदेव पिशोरीमल आनंद (जन्म २६ सितंबर १९२३- मृत्यु ३ दिसम्बर २०११) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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दीपक डोबरियाल

दीपक डोबरियाल - नई पीढ़ी के युवा सिनेमा अभिनेता, फिल्म 'दिल्ली -6' मे जलेबी वाला और ओमकारा मे राज्जू से चर्चित। अरविन्द गौड़ के निर्देशन मे ६ वर्ष तक नाटको मे काम करने के बाद गत सालो मे दीपक डोबरियाल ने अपने ताजगी भरे सनसनाते अभिनय से बॉलीवुड मे अलग पहचान बनाई है। 'मकबूल' से लेकर ओमकारा, 1971, शौर्य, दिल्ली-६ तक हर फिल्म में दीपक डोबरियाल ने खुद को साबित किया है। दीपक को ओमकारा के लिये फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला है। .

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धर्म काँटा (1982 फ़िल्म)

धर्म काँटा 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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नमक हलाल (1982 फ़िल्म)

नमक हलाल 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इस फ़िल्म के निर्देशक प्रकाश मेहरा थे और संगीत बप्पी लाहिरी ने दिया था। इस फ़िल्म में मुख्य भुमिकायों में थे अमिताभ बच्चन, परवीन बाबी, शशि कपूर, वहीदा रेहमान, स्मिता पाटिल, रंजीत और ओम प्रकाश | .

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नमकीन (1982 फ़िल्म)

नमकीन 1982 में प्रदर्शित होने वाली हिन्दी फ़िल्म है जिसे गुलज़ार ने निर्देशित किया था। नमकीन, बांग्ला साहित्यकार समरेश बसु की कहानी पर आधारित है। हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से पर्वतीय गाँव में एक ट्रक ड्राइवर गेरुलाल (संजीव कुमार) आता है। स्थानीय ढाबे वाला धनीराम (टी.पी.जैन) गेरुलाल को एक वृद्धा ज्योति (वहीदा रहमान) के घर पर एक कमरा किराज़े पर दिलवा देता है। ज्योति की तीन बेटियां हैं- सबसे बड़ी...

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नील कमल (1968 फ़िल्म)

नीलकमल 1968 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसमें वहीदा रहमान, राज कुमार, मनोज कुमार व ललिता पवार मुख्य भूमिका में है। .

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पत्थर के सनम

पत्थर के सनम 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह फ़िल्म नाडियाडवाला के बैनर के तले निर्मित है जिसे राजा नवाथे द्वारा निर्देशित किया गया है। इस फ़िल्म में मनोज कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज़, प्राण, महमूद, ललिता पवार और अरुणा ईरानी ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फ़िल्म के गीतकार थे मजरुह सुल्तानपुरी और गीतों को स्वरबद्ध किया था लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने। .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९७४ से १९७९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पुरस्कार/सम्मान-2012

वर्ष-2012 में अनेक शख़्सियतों को सम्मानित किया गया, जिसका क्रमवार विवरण निम्न है: पंडित रविशंकर चंद्रकांत देवताले गोपाल दास नीरज दिलीप कुमार उदय प्रकाश कुलदीप नैयर पूर्णिमा वर्मन रवीन्द्र प्रभात हेमा मालिनी गुलज़ार अमिताभ बच्चन शाहरुख खान सचिन तेंदुलकर श्याम बेनेगल भुपेन हजारिका .

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प्यासा (1957 फ़िल्म)

प्यासा गुरु दत्त निर्देशित, निर्मित और अभिनीत 1957 की भारतीय फ़िल्म है। फ़िल्म में विजय नामक संघर्षरत कवि कहानी है जो स्वतंत्र भारत में अपने कार्य को प्रकाशित करना चाहता है। फ़िल्म का संगीत एस॰डी॰ बर्मन ने दिया है। .

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प्यासी आँखें (1983 फ़िल्म)

प्यासी आँखें १९८३ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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प्रेम पुजारी (1970 फ़िल्म)

प्रेम पुजारी 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिये अभिनेत्री फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .

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बात एक रात की

बात एक रात की 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बीस साल बाद (1962 फ़िल्म)

बीस साल बाद 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय अभिनेत्रियों की सूची

स्मिता पाटिल सुष्मिता सेन.

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मशाल (1984 फ़िल्म)

मशाल १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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महान (१९८३ फ़िल्म)

महान  सत्यनारायण और सूर्यनारायण द्वारा निर्मित तथा एस॰रमानाथन द्वारा निर्देशित 1983 की एक्शन नाटक हिन्दी फ़िल्म है। फ़िल्म में अमिताभ बच्चन तीन अभिनय भूमिकाओं में हैं और उनके साथ वहीदा रहमान, प्रवीण बॉबी, ज़ीनत अमन, अशोक कुमार, अमजद खान, कादर खान, अरुणा ईरानी, सुजित कुमार तथा शक्ति कपूर हैं। फ़िल्म का संगीत आर॰डी॰ बर्मन ने दिया है। .

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मकसद (1984 फ़िल्म)

मकसद १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म)

मुझे जीने दो (अंग्रेजी: Mujhe Jeene Do) सन 1963 में बनी एक मशहूर हिन्दी फिल्म का नाम है जिसका निर्देशन मणि भट्टाचार्य ने किया था। अजन्ता आर्ट के बैनर तले बनी व डकैतों के वास्तविक जीवन पर आधारित बालीवुड की इस फिल्म में सुनील दत्त, वहीदा रहमान, निरूपा रॉय, राजेन्द्र नाथ एवं मुमताज़ ने अभिनय किया था। चम्बल घाटी के डाकू समस्याग्रस्त इलाके भिण्ड एवं मुरैना जिलों के खतरनाक बीहड़ों में मध्य प्रदेश पुलिस के सुरक्षा कवच में फिल्मायी गयी, तथा मोहन स्टूडियो मुम्बई में बनी इस फिल्म में वहीदा रहमान व सुनील दत्त के अभिनय की बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ था। जयदेव के संगीत निर्देशन ने इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का दर्ज़ा दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। .

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मैंने गाँधी को नहीं मारा (2005 फ़िल्म)

मैंने गाँधी को नहीं मारा 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मेरी भाभी (1969 फ़िल्म)

मेरी भाभी 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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राखी (1962 फ़िल्म)

राखी 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रिया सेन

रिया सेन (রিয়া সেন, pron.) (जन्म: रिया देव वर्मा, २४ जनवरी १९८१) एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं। उनकी नानी सुचित्रा सेन, माँ मुनमुन सेन और बहन राइमा सेन भी अभिनेत्रियाँ रही हैं, इस तरह रिया मूलतः अभिनेताओं के परिवार में से है। उन्होंने अपना अभिनय करियर सन् १९९१ में फ़िल्म विषकन्या में एक बाल कलाकार के रूप में शुरू किया। उनको अपने फिल्म कैरियर की पहली व्यवसायिक सफलता सन् २००१ में एन. चंद्रा द्वारा दिग्दर्शित कम बजट वाली सेक्स कॉमेडी हिन्दी फ़िल्म स्टाइल में मिली। उनकी कुछ अन्य फ़िल्मों में निर्माता प्रीतिश नंदी की संगीतमय हिंगलिश (Hinglish) फ़िल्म झंकार बीट्स (2001), शादी नं. 1 (2005) और मलयालम में हॉरर फ़िल्म अनंथाभाद्रम (2005) शामिल है। सोलह साल की उम्र में जब रियाने फाल्गुनी पाठक के संगीत विडियो याद पिया की आने लगी में काम किया, तब पहली बार उनको एक मॉडल के रूप में पहचाना गया। तब से वह संगीत वीडियो, टेलिविजन विज्ञापनों, फैशन शो में और पत्रिका के आवरण पर दिखाई देने लगी। रिया ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी काम किया है और ऐड्स (AIDS) के प्रति जागरुकता फैलाने वाले एक संगीत विडियो में आयी, जिसका लक्ष्य लोगों के बीच इस बीमारी के बारे में बडे पैमाने में फैली गलतफ़हमियां को दूर करने का था। उन्होंने बाल नेत्र-चिकित्सा के लिया धन जुटाने में भी मदद की। अब तक रिया को अभिनेता अश्मित पटेल के साथ एम्एम्एस (MMS) क्लिप, फोटोग्राफर दब्बू रत्नानी के वार्षिक कैलेंडर में उनके अर्धनग्न चित्र और रूढ़िवादी भारतीय फ़िल्म उद्योग में बड़े परदे पर चुम्बन देनें को ले कर विवादों का सामना करना पड़ा हैं। .

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रूप की रानी चोरों का राजा (1961 फ़िल्म)

रूप की रानी चोरों का राजा 1961 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रेशमा और शेरा (1971 फ़िल्म)

रेशमा और शेरा 1971रेशमा और शेरा उनके परिवारों के बीच मौजूद झगड़े के बावजूद एक दूसरे से प्यार करते हैं। छोटू, शेरा का भाई, रेशमा के परिवार को मारता है।जब शेरा को खबर हो जाती है,वह छोटू को मारने की योजना करता है। .

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लम्हे

लम्हे 1991 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में अनिल कपूर और श्रीदेवी है जबकि वहीदा रहमान, अनुपम खेर और मनोहर सिंह सहायक भूमिका निभाते हैं। हालांकि फिल्म वित्तीय सफलता नहीं थी लेकिन इसे आलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त हुई थी। इसे एक राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सहित पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुए थे। .

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सनी (1984 फ़िल्म)

सनी १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962 फ़िल्म)

साहिब बीबी और ग़ुलाम गुरु दत्त द्वारा निर्मित और अबरार अलवी द्वारा निर्देशित १९६२ की भारतीय हिन्दी फ़िल्म है। यह बिमल मित्रा द्वारा लिखी गई एक बंगाली उपन्यास, शाहेब बीबी गोलाम पर आधारित है और ब्रिटिश राज के दौरान १९वीं शताब्दी के अंत तथा २०वीं शताब्दी की शुरुआत में बंगाल में ज़मींदारी और सामंतवाद के दुखद पतन की झलक है। फ़िल्म एक कुलीन (साहिब) की एक सुंदर, अकेली पत्नी (बीबी) और एक कम आय अंशकालिक दास (ग़ुलाम) के बीच एक आदर्शवादी दोस्ती को दर्शाने की कोशिश करती है। फ़िल्म का संगीत हेमंत कुमार और गीत शकील बदायूँनी ने दिए हैं। फ़िल्म के मुख्य कलाकार गुरु दत्त, मीना कुमारी, रहमान, वहीदा रहमान और नज़ीर हुसैन थे। इस फ़िल्म को कुल चार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से नवाज़ा गया था जिनमें से एक फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी था। .

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सिंहासन (1986 फ़िल्म)

सिंहासन 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सवाल (1982 फ़िल्म)

सवाल (अंग्रेजी: Question) 1982 में यश चोपड़ा द्वारा निर्मित, रमेश तलवार द्वारा निर्देशित हिन्दी फ़िल्म है। खय्याम इसके संगीतकार एवं गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी है। इसमें शशि कपूर, संजीव कुमार, वहीदा रहमान, रणधीर कपूर, प्रेम चोपड़ा, हेलन, मैक मोहन, मदन पुरी एवं मनमोहन कृष्णा जैसे प्रमुख कलाकारों ने पात्र निभाये हैं। .

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स्वयं (1991 फ़िल्म)

स्वयं 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सोलवाँ साल (1958 फ़िल्म)

सोलवाँ साल 1958 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हिम्मतवाला (1983 फ़िल्म)

हिम्मतवाला १९८३ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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हिंदी चलचित्र, १९५० दशक

१९५० के दशक का हिंदी चलचित्रौं का सूची .

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हिंदी चलचित्र, १९६० दशक

1960 दशक के हिंदी चलचित्र .

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हिंदी चलचित्र, १९७० दशक

1970 के दशक के सबसे सफल चलचित्र है: .

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हिंदी चलचित्र, १९८० दशक

1980 के दशक के हिंदी चलचित्र: .

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हिंदी चलचित्र, १९९० दशक

1990 दशक के हिंदी चलचित्र। .

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ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972 फ़िल्म)

ज़िन्दगी ज़िन्दगी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ज्वालामुखी (1980 फ़िल्म)

ज्वालामुखी 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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विविध भारती

आकाशवाणी मुख्यालय, नई दिल्ली विविध भारती भारत मे सार्वजनिक क्षेत्र के रेडियो चैनल आकाशवाणी की एक प्रमुख प्रसारण सेवा है। भारत में रेडियो के श्रोताओं के बीच ये सर्वाधिक सुनी जाने वाली और बहुत लोकप्रिय सेवा है। इस पर मुख्यत: हिन्दी फ़िल्मी गीत सुनवाये जाते हैं। इसकी शुरुआत 3 अक्टूबर 1957 को हुई थी। वर्ष 2006-2007, विविध भारती के स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप मे भी मनाया। प्रारम्भ मे इसका प्रसारण केवल दो केन्द्रों, बम्बई तथा मद्रास से होता था। बाद मे धीरे धीरे लोकप्रियता के चलते आकाशवाणी के और भी केन्द्र इसका प्रसारण करने लगे। वर्तमान मे अनेकानेक केन्द्र आकाशवाणी की विज्ञापन प्रसारण सेवा के रूप मे अपने श्रोताओं को विविध भारती के कार्यक्रम सुनवाते हैं। यह भारत के असंख्य हिन्दी भाषियों का चहेता रेडियो चैनल वर्षों तक रहा। तब भी जब कि ना तो दूरदर्शन भारत आया था, या आने के बाद भी इतना चहेता नहीं बना था, जितना कि यह चैनल रहा है। अब भी यह चैनल अखिल भारत में प्रसारित होता है। .

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गर्ल फ्रैंड (1960 फ़िल्म)

गर्ल फ्रैंड 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गाइड (1965 फ़िल्म)

गाइड 1965 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह भारत के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक आर के नारायण के द गाइड नाम के उपन्यास पर आधारित है। .

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ओम जय जगदीश (2002 फ़िल्म)

ओम जय जगदीश 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आदमी (1968 फ़िल्म)

आदमी 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कभी कभी (1976 फ़िल्म)

कभी कभी 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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काला बाज़ार (1960 फ़िल्म)

काला बाज़ार 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कागज़ के फूल (1959 फ़िल्म)

कागज़ के फूल 1959 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कुली (१९८३ फ़िल्म)

कुली १९८३ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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कोहरा (1964 फ़िल्म)

कोहरा 1964 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अदालत (1976 फ़िल्म)

अदालत 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अल्ला रक्ख़ा (1986 फ़िल्म)

अल्ला रक्ख़ा 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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उजाले उनकी यादों के

उजाले उनकी यादों के - यह कार्यक्रम आजकल हर रविवार को रात में साढे नौ से दस बजे तक प्रसारित होता है जबकि पहले मंगलवार गुरूवार को इसी समय प्रसारित होता था। इस कार्यक्रम में जैसे कि नाम से ही पता चलता है बीते समय की फ़िल्मी हस्तियों से बातचीत की जाती है। इस कार्यक्रम की परिकल्पना (काँन्सेप्ट) बहुत अच्छा है। आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में जिनसे बातचीत की जाती है उन्हीं के बारे में जानकारी मिलती है पर यहाँ ऐसा नहीं है। यहाँ उस कलाकार के पूरे कैरियर के दौरान जिन-जिन लोगों के साथ उनका साथ रहा उन सभी के बारे में बात होती है। इतना ही नहीं फ़िल्मी जीवन से हट कर दूसरे क्षेत्र में भी अगर उस कलाकार का योगदान है तो उस पर भी विस्तार से बातचीत होती है। यह कार्यक्रम शायद कमलेश (पाठक) जी प्रस्तुत करतीं है। इस कार्यक्रम के स्वरूप के लिए विविध भारती को बधाई। मेहमान कलाकार से बातचीत करते है कमल (शर्मा) जी। इस कार्यक्रम की लोकप्रियता में कमल (शर्मा) जी का बहुत बड़ा योगदान है। वह ख़ुद बहुत ही कम बोलते है पर मेहमान से सब कुछ उगलवा लेते है। ऐसी बातें भी जो आमतौर पर लोकप्रिय कलाकार शायद ही कहना पसन्द करें जैसे - आजकल चल रही श्रृंखला में लोकप्रिय कलाकार शशिकला ने बताया कि जब मदर टेरेसा के आश्रम में कलकत्ता में वो समाज सेवा कर रहीं थी तब उन्हें मदर से मिलने की बहुत इच्छा थी और जब मदर आईं तो कैसे छोटे बच्चों की तरह वो दरवाज़े के बाहर से मदर को देखने लगी थीं। जब मैनें इस स्तर पर बातचीत सुनी तो मुझे लगा यह तो कमल जी का ही कमाल है और क्या तरीका रहा होगा प्रस्तुतकर्ता (शायद कमलेश पाठक) का और क्या छवि है विविध भारती की कि एक कलाकार अपना दिल खोल कर रख देता है। सिर्फ़ एक ही श्रृंखला जो अभी पूरी भी नहीं हुई जिसको सुन कर व्ही शान्ताराम के बारे में बहुत जानकारी मिली जिसे शशिकला ने अन्ना साहेब कहा। मुझे याद आ गई फ़िल्म तीन बत्ती चार रास्ता जिसमें छह बहुओं वाले लालाजी की मराठी बहू बनी थी शशिकला। हृषि दा यानि हृषिकेश मुखर्जी के बारे में भी बातें हुई। बताया गया उनका काम करने का अंदाज़ और मुझे याद आ गई अनुपमा की शोख़ और चंचल पर सकारात्मक भूमिका वाली शशिकला जो अपनी सहेली शर्मिला टैगोर से फोन पर देर तक बात करती है और जवाब नहीं मिलने पर कहती है - ज़रूर सिर हिला रही होगी। लता मंगेशकर और मीनाकुमारी के बारे में बातें हुई तो मुझे याद आ गई फ़िल्म फूल और पत्थर जिसमें वैम्प बनी शशिकला गाती है - शीशे से पी या पैमाने से पी या मेरी आँखों के मयख़ाने से पी और सबसे ज्यादा याद आ आया वो अंतिम सीन जहाँ वो अपने ख़ास वैम्पनुमा कपड़े पहन कर धर्मेन्द्र से मिलने बस्ती में जाती है और सारी बस्ती उसे देखने जमा हो जाती है। .

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१९३६

1936 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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2009 की बॉलीवुड फिल्में

8x10 तस्वीर नामक फ़िल्म के प्रदर्शन के बाद इस वर्ष फ़िल्म निर्माताओं की हड़ताल आरम्भ हो गई थी जिसका कारण टिकटघर से सम्बंधित है, यह हड़ताल जून माह के शुरू में बन्द हुई। .

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