3 संबंधों: पण्य, मूल्य (अर्थशास्त्र), विनिमय।
पण्य
अर्थशास्त्र में, पण्य एक विपणीक्रिय चीज़ है, जिसका उत्पादन इच्छाओं और आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए होता है। अक़्सर, यह चीज़ प्रतिमोच्य होती है। आर्थिक पण्यों में वस्तु और सेवाएँ सम्मिलित होते हैं। .
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मूल्य (अर्थशास्त्र)
आर्थिक मूल्य, किसी आर्थिक एजेंट को कोई वस्तु या सेवा द्वारा प्रदत्त लाभ का माप हैं। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि आर्थिक मूल्य और बाज़ार भाव समान नहीं हैं, और ना ही आर्थिक मूल्य और बाज़ार मूल्य एक समान हैं। मूल्य की अवधारणा अर्थशास्त्र में केन्द्रीय है। इसको मापने का एक तरीका वस्तु का बाजार भाव है। एडम स्मिथ ने श्रम को मूल्य के मुख्य श्रोत के रूप में परिभाषित किया। "मूल्य के श्रम सिद्धान्त" को कार्ल मार्क्स सहित कई अर्थशास्त्रियों ने प्रतिपादित किया है। इस सिद्धान्त के अनुसार किसी सेवा या वस्तु का मूल्य उसके उत्पादन में प्रयुक्त श्रम के बराबर होत है। अधिकांश लोगों का मानना है कि इसका मूल्य वस्तु के दाम निर्धारित करता है। दाम का यह श्रम सिद्धान्त "मूल्य के उत्पादन लागत सिद्धान्त" से निकटता से जुड़ा हुआ है। .
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विनिमय
विनिमय का अर्थ है किसी वस्तु के बदले किसी दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान करना। जब हम किसी वस्तु के बदले दूसरी वास्तु देते या प्राप्त करते हैं तो वह विनिमय कार्य कहलाता हैं। विनिमय को दो वर्गों में विभाजित किया गया हैं। विनिमय अर्थशास्त्र विषय की विषय सामग्री है। .