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वर्षावन

सूची वर्षावन

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में डैनट्री वर्षावन. क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में केर्न्स के पास डैनट्री वर्षावन. न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में इल्लावारा ब्रश के भाग। वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है। विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75% इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है। यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28% वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संष्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन के रूप में गलत समझ लिया जाता है। भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों के वितानावरण को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाड़ियों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन। .

35 संबंधों: टार्डीग्रेड, डाइप्टेरोकारपेसिए, तेन्दुआ, नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, नीलगिरि तहर, पारितंत्र, पियोरा, प्राकृतिक संसाधन, पूर्वजगत बंदर, बायोम, बज़ारतेते, बुलबुल, ब्रोकोपोंडो जिला, बैंकसिया, भारतीय चित्तीदार मूषक मृग, भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव, मेघवन, लाल कंगारू, श्रीलंका के पर्वतीय वर्षावन, साम्भर (हिरण), सारावाक, सिंह (पशु), सुमात्रा गैंडा, हाथी, वन, वनोन्मूलन, वृक्ष-कंगारू, वैश्वीकरण, गिरगिट, ओकापी, कांगो द्रोणी, किलुम-इजिम वन, अफ़्रीका, अमेज़न नदी, अरारोट

टार्डीग्रेड

टार्डीग्रेड (Tardigrade) एक जल में रहने वाला आठ-टाँगों वाला सूक्ष्मप्राणी है। इन्हें सन् 1773 में योहन गेट्ज़ा नामक जीववैज्ञानिक ने पाया था। टार्डीग्रेड पृथ्वी पर पर्वतों से लेकर गहरे महासागरों तक और वर्षावनों से लेकर अंटार्कटिका तक लगभग हर जगह रहते हैं। टार्डीग्रेड पृथ्वी का सबसे प्रत्यास्थी (तरह-तरह की परिस्थितियाँ झेल सकने वाला) प्राणी है। यह 1 केल्विन (−272 °सेंटीग्रेड) से लेकर 420 केल्विन (150 °सेंटीग्रेड) का तापमान और महासागरों की सबसे गहरी गर्तो में मौजूद दबाव से छह गुना अधिक दबाव झेल सकते हैं। मानवों की तुलना में यह सैंकड़ों गुना अधिक विकिरण (रेडियेशन) में जीवित रह सकते हैं और अंतरिक्ष के व्योम में भी कुछ काल तक ज़िन्दा रहते हैं। यह 30 वर्षों से अधिक बिना कुछ खाए-पिए रह सकते हैं और धीरे-धीरे लगभग पूरी शारीरिक क्रियाएँ रोक लेते हैं और उनमें सूखकर केवल 3% जल की मात्रा रह जाती है। इसके बाद जल व आहार प्राप्त होने पर यह फिर क्रियशील हो जाते हैं और शिशु जन सकते हैं। फिर भी औपचारिक रूप से इन्हें चरमपसंदी नहीं माना जाता क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में यह जितनी अधिक देर रहें इनकी मृत्यु होने की सम्भावना उतनी ही अधिक होती है जबकि सच्चे चरमपसंदी जीव अलग-अलग उन चरम-परिस्थितियों में पनपते हैं जिनके लिए वे क्रमविकास (एवोल्यूशन) की दृष्टि से अनुकूल हों। .

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डाइप्टेरोकारपेसिए

डाइप्टेरोकारपेसिए (Dipterocarpaceae) विश्व के ऊष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों और वर्षावनों में मिलने वाले वृक्षों का एक जीववैज्ञानिक कुल है। इसमें १६ वंश और लगभग ७०० ज्ञात जातियाँ सम्मिलित हैं। इन वृक्षों के फल अक्सर दो पर-जैसे छिलकों से ढके रहते हैं। .

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तेन्दुआ

तेन्दुआ (Panthera pardus उचारण: पैन्थेरा पार्डस) पैन्थरा जीनस का एक विडाल (बड़ी बिल्ली प्रजाति) है जो अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है। यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है। .

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नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान पूर्वी हिमालय जैव विविधता स्थल का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है और पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। यह क्षेत्रफल की दृश्टि से भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह पूर्वी हिमालय उप क्षेत्र में स्थित है और इसे भारत में जैव विविधता में सबसे धनी क्षेत्रों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। २७°उ.

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नीलगिरि तहर

नीलगिरि तहर Nilgiri tahr (Nilgiritragus hylocrius) भारत के तमिल नाडु और केरल राज्यों में नीलगिरि पर्वत और पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग में रहने वाला जंगली प्राणी है जिसके निकट सम्बन्धी जंगली बकरी और भेड़ हैं। इसे स्थानीय बोल-चाल में नीलगिरि साकिन (ibex) या केवल साकिन के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संकटग्रस्त जाति है। .

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पारितंत्र

पारितंत्र (ecosystem) या पारिस्थितिक तंत्र (ecological system) एक प्राकृतिक इकाई है जिसमें एक क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारी, अर्थात् पौधे, जानवर और अणुजीव शामिल हैं जो कि अपने अजैव पर्यावरण के साथ अंतर्क्रिया करके एक सम्पूर्ण जैविक इकाई बनाते हैं। इस प्रकार पारितंत्र अन्योन्याश्रित अवयवों की एक इकाई है जो एक ही आवास को बांटते हैं। पारितंत्र आमतौर अनेक खाद्य जाल बनाते हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर इन जीवों के अन्योन्याश्रय और ऊर्जा के प्रवाह को दिखाते हैं। क्रिस्टोफरसन, आरडब्ल्यू (1996) .

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पियोरा

पियोरा (Hill Partridge) (Arborophila torqueola) तीतर कुल का एक पक्षी है जो पूर्वोत्तर भारत से लेकर लगभग समूचे दक्षिण पूर्व एशिया में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। .

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प्राकृतिक संसाधन

Marquesas Islands) प्राकृतिक संसाधन वो प्राकृतिक पदार्थ हैं जो अपने अपक्षक्रित (?) मूल प्राकृतिक रूप में मूल्यवान माने जाते हैं। एक प्राकृतिक संसाधन का मूल्य इस बात पर निर्भर करता है की कितना पदार्थ उपलब्ध है और उसकी माँग (demand) कितनी है। प्राकृतिक संसाधन दो तरह के होते हैं-.

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पूर्वजगत बंदर

पूर्वजगत बंदर (Old World monkey) एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों पर मिलने वाले बंदरों का जीववैज्ञानिक कुल है। इसमें वर्षावनों, सवाना घासभूमि और अन्य स्थानों पर रहने वाले कई बंदर आते हैं। यूरोप में भी इस कुल के बंदरों के जीवाश्म (फ़ॉसिल) मिले हैं और जिब्राल्टर पर भी कुछ बंदरों की टोलियाँ अस्तित्व में हैं हालांकि यह शायद अन्य जगहों से लाई गई हो। जीववैज्ञानिक नाम से पूर्वजगत बंदरों के कुल को सेर्कोपिथेसिडाए (Cercopithecidae) बुलाया जाता है। ध्यान दे कि केवल पूर्वजगत के बंदर ही इस कुल में आते है। नवजगत (मसलन दक्षिण अमेरिका) के बंदरों का कुल अलग है। .

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बायोम

दुनिया के मुख्य प्रकार के बायोम बायोम (biome) या जीवोम धरती या समुद्र के किसी ऐसे बड़े क्षेत्र को बोलते हैं जिसके सभी भागों में मौसम, भूगोल और निवासी जीवों (विशेषकर पौधों और प्राणी) की समानता हो।, David Sadava, H. Craig Heller, David M. Hillis, May Berenbaum, Macmillan, 2009, ISBN 978-1-4292-1962-4,...

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बज़ारतेते

बज़ारतेते या बज़ार तेते, पूर्वी तिमोर का एक गाँव है, जो लिकिसा जिले का एक उपजिला भी है और घने वर्षावन में एक पर्वत की चोटी पर स्थित है। यह लिकिसा शहर के दक्षिणपूर्व में स्थित है। इसी गाँव में पूर्वी तिमोर के राष्ट्रीय नायक निकोलाउ डॉस रीस लोबाटो का जन्म हुआ था। यह गाँव और इसके आसपास के क्षेत्र उस समय का गवाह हैं जब, बेसी मेराह पुतिह नामक मिलिशिया समूह ने 1999 की स्वायत्तता की माँग के दौरान और बाद में, लोगों को डराने, हत्या करने और बलात्कार की असंख्य घटनाओं को अंजाम दिया था। .

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बुलबुल

बुलबुल, शाखाशायी गण के पिकनोनॉटिडी कुल (Pycnonotidae) का पक्षी है और प्रसिद्ध गायक पक्षी "बुलबुल हजारदास्ताँ" से एकदम भिन्न है। ये कीड़े-मकोड़े और फल फूल खानेवाले पक्षी होते हैं। ये पक्षी अपनी मीठी बोली के लिए नहीं, बल्कि लड़ने की आदत के कारण शौकीनों द्वारा पाले जाते रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि केवल नर बुलबुल ही गाता है, मादा बुलबुल नहीं गा पाती है। बुलबुल कलछौंह भूरे मटमैले या गंदे पीले और हरे रंग के होते हैं और अपने पतले शरीर, लंबी दुम और उठी हुई चोटी के कारण बड़ी सरलता से पहचान लिए जाते हैं। विश्व भर में बुलबुल की कुल ९७०० प्रजातियां पायी जाती हैं। इनकी कई जातियाँ भारत में पायी जाती हैं, जिनमें "गुलदुम बुलबुल" सबसे प्रसिद्ध है। इसे लोग लड़ाने के लिए पालते हैं और पिंजड़े में नहीं, बल्कि लोहे के एक (अंग्रेज़ी अक्षर -टी) (T) आकार के चक्कस पर बिठाए रहते हैं। इनके पेट में एक पेटी बाँध दी जाती है, जो एक लंबी डोरी के सहारे चक्कस में बँधी रहती है। .

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ब्रोकोपोंडो जिला

ब्रोकोपोंडो सूरीनाम का जिला है। इसकी राजधानी ब्रोकोपोंडो है तथा अन्य मुख्य नगरों में ब्राउन्सवीज और क्वाकोएग्रोन शामिल हैं। 2004 में हुई जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 13,299 है और इसका क्षेत्रफल 7,364 है तथा घनत्व 1.8 प्रति वर्ग किलोमीटर है। ब्रोकोपोंडो जिले में विशाल ब्रोकोपोंडो जलाशय है जिसका निर्माण 1961 से 1964 के बीच हुआ था। इस जलाशय द्वारा पनबिजली बनाई जाती है, जो घरेलू बिजली की जरूरत का लगभग आधा प्रदान करती है। जिले में कई जलप्रपात हैं जिनमें शामिल आइरीन और लियो जलप्रपात भी शामिल हैं। इस का वर्षावन विविध प्रकार के वन्यजीवों का घर है। जिले में सोने की खानें भी हैं।, Conrad Friederich Albert Bruijning, Jan Voorhoeve, W. Gordijn, pp.

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बैंकसिया

बैंकसिया (Banksia) लगभग १७० जातियों वाला बनफूलों और उद्यानों में लगाने के लिये लोकप्रिय फूलदार पौधों का एक वंश है जिसकी जातियाँ ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती हैं। यह वंश प्रोटियेसीए नामक कुल का सदस्य है। यह अपने विशेष तिनकेदार फूलों और शंकुओं से आसानी से पहचाना जा सकता है। इसकी जातियाँ छोटी झाड़ों से लेकर ३० मीटर लम्बें वृक्षों तक के रूप में मिलती हैं। वे ऑस्ट्रेलिया के वर्षावनों से लेकर अर्ध-शुष्क इलाक़ों तक में पाई जाती हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तानों में पनप नहीं पाती।, Don Burke, pp.

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भारतीय चित्तीदार मूषक मृग

भारतीय चित्तीदार मूषक मृग द्विखुरीयगण की जाति का एक छोटा मृग है जो भारत में और शायद नेपाल में भी पाया जाता है। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

extreme weather). (Third Assessment Report) इस के अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change)। इस भविष्यवाणी की प्रभावों के ग्लोबल वार्मिंग इस पर पर्यावरण (environment) और के लिए मानव जीवन (human life) कई हैं और विविध.यह आम तौर पर लंबे समय तक कारणों के लिए विशिष्ट प्राकृतिक घटनाएं विशेषता है, लेकिन मुश्किल है के कुछ प्रभावों का हाल जलवायु परिवर्तन (climate change) पहले से ही होने जा सकता है।Raising sea levels (Raising sea levels), glacier retreat (glacier retreat), Arctic shrinkage (Arctic shrinkage), and altered patterns of agriculture (agriculture) are cited as direct consequences, but predictions for secondary and regional effects include extreme weather (extreme weather) events, an expansion of tropical diseases (tropical diseases), changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems (changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems), and drastic economic impact (economic impact)। चिंताओं का नेतृत्व करने के लिए हैं राजनीतिक (political) सक्रियता प्रस्तावों की वकालत करने के लिए कम (mitigate), समाप्त (eliminate), या अनुकूलित (adapt) यह करने के लिए। 2007 चौथी मूल्यांकन रिपोर्ट (Fourth Assessment Report) के द्वारा अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change) (आईपीसीसी) ने उम्मीद प्रभावों का सार भी शामिल है। .

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मेघवन

बादल वन बादल वन ऊष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय इलाकों में सदाबहार गीला वन होता है जिसमें साल के अधिकांश समय बादलों या कोहरे का आवरण चढ़ा होता है जो अधिकतर पेड़ों की ऊँचाई पर छाये रहते हैं। इन वनों में विभिन्न किस्मों की काई की भरमार रहती है और यहाँ ऑर्किड की भी कई प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। यह पहाड़ों की ढलानों में पाये जाते हैं क्योंकि पहाड़ की वजह से बादल नीचे बैठ जाते हैं और इन वनों को उनसे अच्छी ख़ासी नमी उपलब्ध हो जाती है। स्थानीय मौसम, जो कि समुद्र से दूरी पर निर्भर करता है, यह वन समुद्र की सतह से ५०० से ४००० मी.

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लाल कंगारू

लाल कंगारू (red kangaroo) सभी कंगारू जातियों में से सबसे बड़ी जाति है। यह पूरे ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा भूमीय प्राणी और आधुनिक काल में जीवित धानीप्राणियों (मारसूपियल​) में सबसे बड़े आकार की जाति भी है। यह पूर्व व दक्षिण के ऊपजाऊ और मानवों से घने क्षेत्रों और उत्तर के वर्षावनों को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया की लगभग पूरी मुख्यभूमि के सभी अन्य भागों में पाया जाता है। .

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श्रीलंका के पर्वतीय वर्षावन

श्रीलंका के पर्वतीय वर्षावन श्रीलंका के पर्वतीय वर्षावन, श्रीलंका के मध्य में स्थित पहाड़ी क्षेत्र (उच्चभूमि) में 1000 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर स्थित एक पारिस्थितिक क्षेत्र है। इसकी समृद्ध जैव विविधता के कारण, इस क्षेत्र को वैश्विक महत्व का पारिस्थितिक क्षेत्र माना जाता है। यह जंगल तराई के जंगलों की तुलना में ठंडे हैं और इसलिए यह मेघवनों के विकास के लिए आदर्श स्थिति उपलब्ध कराते हैं। श्रीलंका के पुष्पी पादपों की लगभग आधी स्थानिक प्रजातियां और लगभग 51 प्रतिशत स्थानिक कशेरुकी प्राणी इन्हीं जंगलों में पाये जाते हैं। श्रीलंका के स्थानिक प्रजातियों के पेड़ों, झाड़ियों और जड़ी बूटियों का लगभग 34 प्रतिशत से अधिक, केवल इसी क्षेत्र में पाया जाता है। मुड़े हुए और नाटे कद के वृक्ष और विभिन्न किस्मों के ऑर्किड, मॉस और फ़र्न इन जंगलों में हर तरफ देखे जा सकते हैं। इन पर्वतीय वर्षा वनों में पेड़, 10-15 मीटर तक की तक ही बढ़ते हैं जो, तराई के वर्षावनों के पेड़ों की ऊँचाई की तुलना में कम है। यह ऊंचाई पर स्थित वर्षावन, श्रीलंका की सभी प्रमुख नदियों में से अधिकतर के लिए जलग्रहण क्षेत्र हैं। .

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साम्भर (हिरण)

साम्भर (Rusa unicolor) दक्षिण तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में पाया जाने वाला एक बड़ा हिरन है। .

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सारावाक

सारावाक मलेशिया का एक राज्य है। यह और साबाह दो राज्य हैं जो बोर्नियो द्वीप पर स्थित हैं। यह बोर्नियो के पश्चिमोत्तर में स्थित है और इसकी सीमाएँ पूर्व में साबाह राज्य से और दक्षिण में इण्डोनेशिया से लगती हैं। नन्हा-सा ब्रुनेई देश पूरी तरह सारावाक से सटा हुआ है। सारावाक, साबाह और ब्रुनेइ तीनों के उत्तर में दक्षिण चीन सागर है। यह पृथ्वी की भूमध्य रेखा से ठीक उत्तर में स्थित है और इसका बड़ा भाग वर्षावन से ढका हुआ है जिसमें कई प्राणी व वनस्पति जातियाँ मिलती हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से सारावाक मलेशिया का सबसे बड़ा देश है और तुलना के लिये भारत के तमिल नाडु राज्य से ज़रा छोटा है। .

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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सुमात्रा गैंडा

सुमात्रा गैंडा एक दुर्लभ परिवार राइनोसिरोटिडी के सदस्य और पांच वर्तमान गैंडों में से एक है। सुमात्रा गैंडों को "बालों गैंडों" भी कहा जाता है। यह वंश डाइसिरोराइनस का केवल वर्तमान प्रजातियों है। यह सबसे छोटा गैंडा है भले ही यह एक बड़ा स्तनपायी है। इस गैंडों २.३६-३.१८ मीटर (७.७-१०.४ फुट) की सिर और शरीर की लंबाई और ३५-७० सेंटीमीटर की पूंछ (१४-२८ में साथ, कंधे पर ११२-१४५ सेमी (३.६७-४.७६ फुट) उच्चा खड़ा है)। वजन ५०० से १००० किलोग्राम से पर्वतमाला है। यह भारत, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, और चीन में प्रजातियों का वर्षावन, दलदलों, और बादल जंगलों के सदस्य थे। यह केवल दो सींग के एशियन गैंडों है। सुमात्रा गैंडों आम तौर पर फल, टहनियाँ, पत्ते, और झाड़ियाँ पर फ़ीड कि एकान्त जीव हैं। अन्य गैंडों की तरह वे गंध और तेज सुनवाई की एक गहरी समझ है, और वे एक दूसरे को खोजने के लिए जंगल भर में सुगंधित ट्रेल्स के एक नेटवर्क छोड़ देते है। वह इंडोनेशिया में सबसे बड़ी आबादी मैं मौजूद हैं और सबा, मलेशिया में छोटे अवशेष आबादी मैं मौजूद हैं। सुमात्रा गैंडों प्रेमालाप और संतानों के पालन के लिए छोड़कर ज्यादातर एकान्त जानवर है। यह सबसे मुखर गैंडों का प्रजाति है और पौधे को घुमा कर मिट्टी पर पैटर्न बनाता है और मलमूत्र छोड़ने के माध्यम से संचार करता है। .

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हाथी

अफ़्रीकी हाथी का कंकाल हाथी जमीन पर रहने वाला एक विशाल आकार का प्राणी है। यह जमीन पर रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है। आज एलिफैन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा। तीसरी प्रजाति मैमथ विलुप्त हो चुकी है।जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) तथा (अफ़्रीकी जंगलों का हाथी) - और ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी।हालाँकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,अन्य मानते हैं कि पश्चिमी अफ़्रीका का हाथी चौथी जाति है।ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले हिमयुग में ही विलुप्त हो गई थीं, हालाँकि मैमथ का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू.

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वन

National Park)). एक क्षेत्र जहाँ वृक्षों का घनत्व अत्यधिक रहता है उसे वन कहते हैं। पेड़ जंगल के कई परिभाषाएँ, है जो कि विभिन्न मानदंडों पर आधारित हैं। वनों ने पृथ्वी के लगभग ९.४% भाग को घेर रखा है और कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 30% भाग घेर रखा है। कभी वन कुल भूमि क्षेत्र के ५०% भाग में फैल हुए थे। वन जीव जन्तुओं के लिए आवास स्थल, जल-चक्र को प्रभावित करते हैं और मृदा संरक्षण के काम आते हैं इसी कारण यह पृथ्वी के जैवमण्डल का अहम हिस्सा कहलाते हैं। इतिहास बताता है, कि "वन" एक बीहड़ क्षेत्र जिसका मतलब कानूनी तौर पर बाजू के लिए निर्धारित शिकार के द्वारा सामंती कुलीनता है और इन शिकार जंगलों जरूरी ज्यादा अगर में सभी (देखें जंगली नहीं थे रॉयल वन। हालांकि, शिकार के जंगलों अक्सर वुडलैंड के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जबकि, शब्द वन अंततः जंगली भूमि अधिक सामान्यतः मतलब करने के लिए आया था। एक वुडलैंड जो की एक जंगल से भिन्न है। .

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वनोन्मूलन

वनोन्मूलन का अर्थ है वनों के क्षेत्रों में पेडों को जलाना या काटना ऐसा करने के लिए कई कारण हैं; पेडों और उनसे व्युत्पन्न चारकोल को एक वस्तु के रूप में बेचा जा सकता है और मनुष्य के द्वारा उपयोग में लिया जा सकता है जबकि साफ़ की गयी भूमि को चरागाह (pasture) या मानव आवास के रूप में काम में लिया जा सकता है। पेडों को इस प्रकार से काटने और उन्हें पुनः न लगाने के परिणाम स्वरुप आवास (habitat) को क्षति पहुंची है, जैव विविधता (biodiversity) को नुकसान पहुंचा है और वातावरण में शुष्कता (aridity) बढ़ गयी है। साथ ही अक्सर जिन क्षेत्रों से पेडों को हटा दिया जाता है वे बंजर भूमि में बदल जाते हैं। आंतरिक मूल्यों के लिए जागरूकता का अभाव या उनकी उपेक्षा, उत्तरदायी मूल्यों की कमी, ढीला वन प्रबन्धन और पर्यावरण के कानून, इतने बड़े पैमाने पर वनोन्मूलन की अनुमति देते हैं। कई देशों में वनोन्मूलन निरंतर की जाती है जिसके परिणामस्वरूप विलोपन (extinction), जलवायु में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण (desertification) और स्वदेशी लोगों के विस्थापन जैसी प्रक्रियाएं देखने में आती हैं। .

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वृक्ष-कंगारू

वृक्ष-कंगारू (tree-kangaroo) डेन्ड्रोलागस जीववैज्ञानिक वंश के धानीप्राणी (मारसूपियल) होते हैं। इनके शरीर वृक्ष विचरण के लिए अनुकूलित होते हैं और यह नया गिनी द्वीप के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों, ऑस्ट्रेलिया के सुदूर पूर्वोत्तर के क्वीन्सलैंड राज्य के वर्षवनों और कुछ निकटवर्ती द्वीपों में मिलते हैं। इन स्थानों पर वनों को संकट होने से लगभग सभी वृक्ष-कंगारू जातियाँ संकटग्रस्त हो गई हैं। मैक्रोपोडों में यह एकमात्र वास्तविक वृक्ष विचरणिय वंश है। .

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वैश्वीकरण

Puxi) शंघाई के बगल में, चीन. टाटा समूहहै। वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है। इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं। यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है।वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात, व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूंजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण.

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गिरगिट

गिरगिट (Chameleons, कैमीलियन) एक प्रकार का पूर्वजगत छिपकली का क्लेड है जिसकी जून २०१५ तक २०२ जीववैज्ञानिक जातियाँ ज्ञात थी। गिरगिटें कई रंगों की होती हैं और उनमें से कई में रंग बदलने की क्षमता होती है। .

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ओकापी

ओकापी (ओकापिया जॉन्स्टोनी) अफ्री़का के इटुरी वर्षावन, जो कि मध्य अफ्री़का के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में स्थित है, में पाया जाने वाला एक जीव है। यह जिराफ़ का सबसे करीबी रिश्तेदार है। आज यह वन में लगभग १०,०००-२०,००० की संख्या में हैं। .

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कांगो द्रोणी

कांगो द्रोणी (Congo Basin) मध्य अफ़्रीका में बहने वाली कांगो नदी की अवसादी द्रोणी व जलसम्भर क्षेत्र है। इस द्रोणी के इलाक़े को कभी-कभी सरल-रूप से कांगो क्षेत्र भी कहा जाता है। .

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किलुम-इजिम वन

किलुम-इजिम वन (Kilum-Ijim Forest) मध्य अफ़्रीका के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में स्थित एक पर्वतीय वर्षावन है। यह ओकू पर्वत और कैमरून पहाड़ियों पर फैला हुआ है और इसके मध्य में ओकू झील (Lake Oku) स्थित है। यह अफ़्रीका के अंतिम बचे पहाड़ी-वनों में से एक है और अपने अनूठे प्राणी व पक्षी जीवन के लिये संरक्षण प्रयासों का केन्द्र बना हुआ है। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अमेज़न नदी

आमेजन या अमेजॉन या आमेजॉन (पुर्तगाली: Rio Amazonas; स्पेनी: Río Amazonas; अंग्रेजी: Amazon River) दक्षिण अमेरिका से होकर बहने वाली एक नदी है। आयतन के हिसाब से यह विश्व की सबसे बड़ी और लम्बाई के हिसाब से दूसरी नदी है। यह ब्राजील, पेरु, बोलविया, कोलम्बिया तथा इक्वाडोर से होकर बहती है। यह पेरु के एंडीज़ पर्वतमाला से निकलकर पूर्व की ओर बहती है, और अटलांटिक महासागर में मिलती है। इसकी प्रवाह-घाटी विश्व में वृहत्तम है, तथा इसमें जल की प्रवाह दर इसके बाद की आठ नदियों के योग से भी अधिक है। इसके लम्बे-चौडे पाट के कारण इस नदी पर पुलों का अभाव है। .

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अरारोट

अरारोट, (अंग्रेज़ी:ऍरोरूट) जिसका वैज्ञानिक नाम 'मैरेंटा अरुंडिनेशी' (Maranta arundinacea) होता है, एक बहुवर्षी पौधा होता है। यह वर्षा वन का आवासी है। इसके राइज़ोम से प्राप्त होने वाले खाद्य मंड (स्टार्च) को भी अरारोट ही कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार अरारोट सही पोषणकर्ता, शान्तिदायक, सुपाच्य, स्नेहजनक, सौम्य, विबन्ध (कब्ज) नाशक, दस्तावर होता है। पित्तजन्य रोग, आंखों के रोग, जलन, सिरदर्द, खूनी बवासीर और रक्तपिक्त आदि रोगों मे सेवन किया जाता है। कमजोर रोगियों और बालकों के लिए यह काफी लाभदायक है यह आंत्र और मूत्राशय सम्बन्धी रोगों के बाद की कमजोरी में यह आराम पहुंचाता है। विभिन्न भाषाओं में इसके कई नाम हैं। हिन्दी में अरारोट, बिलायती तीखुर, मराठी में आरारूट, बंगला में ओरारूट, तवक्षीर,गुजराती में तवखार, अरारोट; अंग्रेज़ी में ऍरोरूट, वेस्ट इण्डियन ऍरोरूट कहते हैं। अरारूट अथवा अरारोट (अंग्रेजी में ऐरोरूट) एक प्रकार का स्टार्च या मंड है जो कुछ पौधों की कंदिल (ट्यूबरस) जड़ों से प्राप्त होता है। इनमें मरेंटसी कुल का सामान्य शिशुमूल (मरंटा अरंडिनेसिया) नामक पौधा मुख्य है। यह दीर्घजीवी शाकीय पौधा है जो मुख्यत: उष्ण देशों में पाया जाता है। इसकी जड़ों में स्टार्च के रूप में खाद्य पदार्थ संचित रहता है। १० से १२ महीने तक के, पूर्ण वृद्धिप्राप्त पौधे की जड़ में प्राय: २६ प्रतिशत स्टार्च, ६५ प्रतिशत जल और शेष ९ प्रतिशत में अन्य खनिज लवण, रेशे इत्यादि होते हैं। मरंटा अरंडिनेसिया के अतिरिक्त, मैनीहार युटिलिस्मा, कुरकुमा अंगुस्टीफोलिया, लेसिया पिनेटीफ़िडा और ऐरम मैकुलेटम से भी अरारूट प्राप्त होता है। .

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