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लॉर्ड लिटन

सूची लॉर्ड लिटन

लॉर्ड लिटन लार्ड लिटन भारत का वाइसराय था। उसको ब्रिटिश भारत का सबसे अधिक प्रतिक्रियावादी गवर्नर जनरल माना गया है। उसका उद्देश्य उभरती भारतीय राष्ट्रवाद की भावना का दमन करना था। .

3 संबंधों: भारतीय राष्ट्रवाद, रिपन, अंग्रेज़ी शासन

भारतीय राष्ट्रवाद

२६५ ईसापूर्व में मौर्य साम्राज्य भारतीय ध्वज (तिरंगा) मराठा साम्राज्य का ध्वज राष्ट्र की परिभाषा एक ऐसे जन समूह के रूप में की जा सकती है जो कि एक भौगोलिक सीमाओं में एक निश्चित देश में रहता हो, समान परम्परा, समान हितों तथा समान भावनाओं से बँधा हो और जिसमें एकता के सूत्र में बाँधने की उत्सुकता तथा समान राजनैतिक महत्त्वाकांक्षाएँ पाई जाती हों। राष्ट्रवाद के निर्णायक तत्वों मे राष्ट्रीयता की भावना सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्रीयता की भावना किसी राष्ट्र के सदस्यों में पायी जानेवाली सामुदायिक भावना है जो उनका संगठन सुदृढ़ करती है। भारत में अंग्रेजों के शासनकाल मे राष्ट्रीयता की भावना का विशेषरूप से विकास हुआ, इस विकास में विशिष्ट बौद्धिक वर्ग का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार से एक ऐसे विशिष्ट वर्ग का निर्माण हुआ जो स्वतन्त्रता को मूल अधिकार समझता था और जिसमें अपने देश को अन्य पाश्चात्य देशों के समकक्ष लाने की प्रेरणा थी। पाश्चात्य देशों का इतिहास पढ़कर उसमें राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि भारत के प्राचीन इतिहास से नई पीढ़ी को राष्ट्रवादी प्रेरणा नहीं मिली है किन्तु आधुनिक काल में नवोदित राष्ट्रवाद अधिकतर अंग्रेजी शिक्षा का परिणाम है। देश में अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त किए हुए नवोदित विशिष्ट वर्ग ने ही राष्ट्रीयता का झण्डा उठाया। .

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रिपन

लिटन के सारे काम नस्ली भेदभाव से प्रेरित थे और वे भारत मे अशांति का कारण बने उसने एक भी काम एसा नही किया जिस से भारत के लोग खुश होते वो भारत मे असंतोष का कारण बन गया लार्ड रिपन- वह एक उदार जनतांत्रिक चेतना वाला व्यक्ति था वो लिटन से ठीक विपरीत था, उसने भारत मे अपनाई गई लिटन की नीति को पलट दिया था यथा प्रेस एक्ट को रद्द कर दिया साथ ही अनेक प्रगतिशील उदार कदम उठाए १ पहली जनगणना उसके काल मे ही हुई थी 1881 इस से दशक्वार जनगणना का प्रारम्भ हुआ था २ वित्तीय विकेंद्रिकरण हेतु उसने लोकवित्त को केन्द्र व प्रांत खंड मे बाँट दिया था ३ पहला फेक्टोरी एक्ट 1881 लाकर उसने श्रम विधि का प्रारम्भ किया, बाल श्रम का निषेध किया, निरिकशो की निउक्ति की गई ४ स्थानीय स्वशासन एक्ट 1882 लाकर वो भारत मे स्थानीय स्वशासन का पिता भी बन गया था इस एक्ट द्वारा शहर व गाँव मे स्थानीय बोर्ड बने ५ हंटर आयोग 1882 भारतीय शिक्षा के आधोनिकीकरण हेतु निउक्त किया गया जिसने जनशिक्षा शेत्र मे राज्य के उत्तर्दयितव पे बल दिया था उसकी शिफरेश थी ५.१ प्राथमिक शिक्षा को स्थानीय निकायों को सोंप दिया जाए ५,२ माध्यमिक शिक्षा के विकास हेतु अनुदानित स्कूल की प्रथा का विकास किया जाए ५.३ महिला शिक्षा के उठान के लिए सुविधा दी जाए ६ इल्बर्ट बिल विवाद ये विवाद दीर्ग्काल से चल रहे भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास था ये ब्रिटिश नस्लवाद की पराकास्था थी ये भारत के रास्त्र्वाद विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका रखता है रिपन के सारे उदारवादी काम इस एक विवाद से छुप गए.

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अंग्रेज़ी शासन

ब्रिटेन का साम्राज्य जिसका भारत एक भाग था। इस राज्य को दो भागो मे बांटा जाता है १ कम्पनी का राज २ ताज का राज .

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लिटन

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