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लाल मिट्टी

सूची लाल मिट्टी

लाल मिट्टी लाल मिट्टी (Red soil) लाल, पीली एवं चाकलेटी रंग की होती है। शुष्क और तर जलवायु में प्राचीन रवेदार और परिवर्तित चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। यह मिट्टी अत्यन्त रन्ध्रयुक्त होती है। इस मिट्टी में बाजरा की फसल अच्छी पैदा होती है, किन्तु गहरे लाल रंग की मिट्टी कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, के लिए उपयुक्त है। भारत में यह मिट्टी उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड से लेकर दक्षिण के प्रायद्वीप तक पायी जाती है। यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, मेघालय, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र में मिलती है। छत्तीसगढ़ में लाल-पीली मिट्टी को स्थानीय रूप से "मटासी मिट्टी" के नाम से जाना जाता है, इसका विस्तार राज्य के लगभग साठ प्रतिशत भूभाग पर है। .

7 संबंधों: चम्पुआ, झारखण्ड, बेनगाज़ी, बीदरी, मृदा, रामनाथपुरम् जिला, छत्तीसगढ़ की मिट्टी

चम्पुआ

चम्पुआ (ओड़िया:ଚମ୍ପୁଆ) यह उड़ीसा राज्य के क्योंझरगढ़ जिले में स्थित एक छोटा सा नगर है। यह उपविभाग है और इसी में चंपुआ तहसील भी है। यह छोटा नागपुर पठार के एक भाग पर पड़ता है। यह बैतरनी नदी के तट पर क्योंझरगढ़ से ५२.७ किलोमीटर उत्तर है। यहाँ की औसत ऊँचाई समुद्रतल से लगभग ६०० मीटर है। पहले चंपुआ को 'चंपेश्वर' कहा जाता था। यहाँ पर लाल मिट्टी पाई जाती है, जो अधिक उपजाऊ नहीं है। धान की खेती यहाँ सबसे अधिक होती है। चँपुआ के बहुत से भाग वनों से आच्छादित हैं। यहाँ के लाख और लकड़ी के उद्योग बहुत प्रसिद्ध हैं। .

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झारखण्ड

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.

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बेनगाज़ी

बेनगाज़ी या बेंगाज़ी (अरबी: بنغازي बंगाज़ी) लीबिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर और सिरेनेइका क्षेत्र में सबसे बड़ा शहर है। लिबिया में भूमध्य सागर पर स्थित बंदरगाह के रूप में बेनगाज़ी, त्रिपोली के साथ संयुक्त रूप से राजधानी के है, जोकि संभवतः राजा और सेनुसी शाही परिवार के त्रिपोलिटानिया की बजाय साइरेनिका से जुड़े होने के कारण था। यह शहर राष्ट्रीय संक्रमणकालीन परिषद की अस्थायी राजधानी भी थी। बेनगाज़ी में आमतौर पर राष्ट्रीय राजधानी शहर में होने वाले संगठन, जैसे कि देश की संसद, राष्ट्रीय पुस्तकालय, और लीबिया एयरलाइंस के मुख्यालय, राष्ट्रीय एयरलाइन और नेशनल ऑयल कॉर्पोरेशन आदि संस्थान स्थित है। जिसके कारण बेनगाज़ी और त्रिपोली और साइरेनाका और ट्रिपोलिटानिया के बीच प्रतिद्वंद्विता और संवेदनशीलता का निरंतर वातावरण बना रहता है। 2006 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 670,797 थी।.

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बीदरी

बीदरी बीदरी एक लोककला है जो की कर्नाटक के बीदर शहर से शुरु हुआ था। और बाद मे धीरे-धीरे इस कला का उपयोग आन्ध्र प्रदेश के हैदराबाद शहर मे भी होने लगा। एक धातु हस्तशिल्प कि 14वीं सदी में बीदर, कर्नाटक, में उत्पन्न बीदर है, बहमनी सुल्तानों के शासन के दौरान शब्द 'Bidriware' बीदर, जो अभी भी निर्माण के लिए मुख्य केंद्र है की बस्ती से निकलती है द्वितीय metalware.

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मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

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रामनाथपुरम् जिला

रामनाथपुरम् भारत के राज्य तमिलनाडु का एक जिला है जो बंगाल की खाड़ी पर स्थित है। बेंगाई नदी इसके बीच से होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। यह लाल मिट्टी का प्रदेश है। तट पर बलुई तथा पश्चिम में चिकनी मिट्टी मिलती है। उत्तर में वर्षा ९० सेमी.

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छत्तीसगढ़ की मिट्टी

छत्तीसगड़ के विविद तरह के मिट्टियाँ चट्टानों के टूटने-फूटने तथा उनमें भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरुप जो तत्व एक अलग रूप ग्रहण करता है, वह अवशेष ही मिट्टी है। छत्तीसगढ़ में मिट्टियों में विविधता पायी जाती है। इसे निम्न भागों में बाटा जा सकता हैः- .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

लाल और पीली मिट्टी

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