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लायरा तारामंडल

सूची लायरा तारामंडल

लायरा तारामंडल लायरा तारामंडल का एक और चित्र लायरा एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। इसका मुख्य तारा अभिजीत है जो रात्री के आसमान का पाँचवा सब से रोशन तारा है। .

4 संबंधों: कॅप्लर-२० तारा, कॅप्लर-२०ऍफ़, अभिजित तारा, छल्ला नीहारिका

कॅप्लर-२० तारा

शुक्र ग्रहों से तुलना कॅप्लर-२० उर्फ़ कॅप्लर-२०ए (Kepler-20a) पृथ्वी से ९५० प्रकाश वर्ष दूर लायरा तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक G8 श्रेणी का तारा है। यह आकार में हमारे सूरज से ज़रा छोटा है - इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का ०.९१ गुना और इसका व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का ०.९४ गुना अनुमानित किया गया है। सम्भव है कि यह एक मुख्य अनुक्रम तारा है हालाँकि वैज्ञानिकों को अभी यह पक्का ज्ञात नहीं हुआ है। पृथ्वी से देखा गई इसकी चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +१२.५१ मैग्नीट्यूड मापी गई है, यानी इसे देखने के लिए दूरबीन आवश्यक है। इसके इर्द-गिर्द एक ग्रहीय मंडल मिला है, जिसमें पांच ज्ञात ग़ैर-सौरीय ग्रह इस तारे की परिक्रमा कर रहे हैं। .

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कॅप्लर-२०ऍफ़

शुक्र ग्रहों से तुलना कॅप्लर-२०ऍफ़ (Kepler-20f) एक ग़ैर-सौरीय ग्रह है जो पृथ्वी से लगभग ९५० प्रकाश वर्षों की दूरी पर लायरा तारामंडल में स्थित कॅप्लर-२० तारे की परिक्रमा कर रहा है। यह पहला ज्ञात ग़ैर-सौरीय ग्रह है जिसका अकार पृथ्वी से मिलता-जुलता है। इसका व्यास (डायामीटर) पृथ्वी के व्यास का लगभग १.०३ गुना है। यह अपने तारे से १.६ करोड़ किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा करता है, जो सूरज से बुध ग्रह (मरक्युरी) की दूरी से भी कम है। इस वजह से इसका सतही तापमान काफी गरम है और ४२७ °सेंटीग्रेड अनुमानित किया गया है। इस तापमान पर इसकी सतह पर पानी होने की कोई संभावना नहीं है और यह अपने तारे के वासयोग्य क्षेत्र में नहीं है। इस ग्रह की मिल जाने की घोषणा वैज्ञानिकों ने २० दिसम्बर २०११ को की। इस से पहले ब्रह्माण्ड में मिलने वाले सभी ग़ैर-सौरीय ग्रह पृथ्वी से बड़े थे - या तो वे गैस दानव ग्रह थे और या फिर महापृथ्वी के श्रेणी के बड़े ग्रह थे। पृथ्वी के आकार के ग्रह को देख पाने का अर्थ है कि अब वैज्ञानिकों में इस अकार के ग्रह इतनी दूरी पर खोज निकालने की क्षमता विकसित होनी शुरू हो गई है। इस ग्रह का पता कॅप्लर अंतरिक्ष यान के प्रयोग से लगाया गया। कॅप्लर-२० तारे के मंडल में कुल मिलकर पांच ग्रह ज्ञात हुए हैं और कॅप्लर-२०ऍफ़ से भी छोटा एक ग्रह मिला है जो इस तारे के और भी पास परिक्रमा करता है - इस ग्रह का नामकरण कॅप्लर-२०ई (Kepler-20e) किया गया है। .

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अभिजित तारा

अभिजित या वेगा (Vega), जिसका बायर नाम "अल्फ़ा लायरे" (α Lyrae या α Lyr) है, लायरा तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से पाँचवा सब से रोशन तारा भी है। अभिजित पृथ्वी से 25 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। खगोलशास्त्री हज़ारों सालों से अभिजित का अध्ययन करते आए हैं और कभी-कभी कहा जाता है के यह "सूरज के बाद शायद आसमान में सब से महत्त्वपूर्ण तारा है"। .

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छल्ला नीहारिका

छल्ला नीहारिका छल्ला नीहारिका से उत्पन्न होते अवरक्त (इन्फ़्रारॅड) प्रकाश की तस्वीर छल्ला नीहारिका (अंग्रेज़ी: Ring Nebula, रिंग नॅब्युला), जिसे मॅसिये वस्तु ५७ और ऍन॰जी॰सी॰ ६७२० भी कहा जाता है, एक ग्रहीय नीहारिका है जो आकाश में लायरा तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है। यह एक लाल दानव तारे के अवशेषों कि बनी हुई है जिसने अपना जीवन अपने मलबे को आसपास के अंतरतारकीय माध्यम में उगलकर ख़त्म किया। .

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