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रोमनागरी

सूची रोमनागरी

रोमनागरी रोमन तथा देवनागरी का मिश्रित शब्द (en: Portmanteau; उच्चारण: पोर्टमेंटॉ) है। यह शब्द हिन्दी चिट्ठाकारों (ब्लॉगर्स) द्वारा प्रतिपादित किया गया था। यह चिट्ठाजगत में एक प्रचलित अपशब्द (स्लैंग) है। रोमनागरी का आशय है हिन्दी को रोमन लिपि में लिखना। उदाहरण के लिये: mera desh bharat hai.

8 संबंधों: ध्वन्यात्मक लिप्यन्तरण, ब्लॉगिंग शब्दावली, माइक्रोसॉफ्ट इण्डिक लॅङ्गविज इनपुट टूल, यूनिनागरी, रोमन लिपि, हिंग्लिश, गूगल ट्राँसलिट्रेशन, गूगल लिपि परिवर्तक

ध्वन्यात्मक लिप्यन्तरण

ध्वन्यात्मक लिप्यन्तरण (फोनेटिक ट्राँसलिट्रेशन) मशीनी लिप्यन्तरण की एक विधि है। यह एक लिप्यन्तरण विधि है जिससे कि हिन्दी आदि भारतीय लिपियों को आपस में तथा रोमन में बदला जाता है। .

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ब्लॉगिंग शब्दावली

ब्लॉगिंग आज के ज़माने मे बहुत प्रसिद्ध है। यह चिट्ठाकारी (ब्लॉगिंग) सम्बन्धी शब्दों की एक सूची है। किसी अन्य हॉबी की तरह ब्लॉगिंग ने भी एक खास तरह की शब्दावली विकसित की है। निम्नलिखित कुछ सर्वाधिक प्रचलित शब्द एवं वाक्यांश हैं जिनमें से कुछ की व्युत्पत्ति भी दी गयी है। इनमें से अधिकतर अंग्रेजी मूल के हैं जबकि कुछ हिन्दी चिट्ठाजगत से उपजे हैं। .

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माइक्रोसॉफ्ट इण्डिक लॅङ्गविज इनपुट टूल

माइक्रोसॉफ्ट इण्डिक लॅंगविज इनपुट टूल भारतीय भाषाओं हेतु एक टाइपिंग औजार (इनपुट मैथड ऍडीटर) है। यह एक वर्चुअल कीबोर्ड है जो कि बिना कॉपी-पेस्ट के झंझट के विंडोज़ में किसी भी ऍप्लीकेशन में सीधे हिन्दी में लिखने की सुविधा प्रदान करता है। यह ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों ही रूप में उपलब्ध है। यह सेवा दिसम्बर २००९ में आरम्भ हुई। यह औजार शब्दकोश आधारित ध्वन्यात्मक लिप्यन्तरण विधि का प्रयोग करता है अर्थात आप जो रोमन में टाइप करते हैं यह उसे अपने शब्दकोश से मिलाकर लिप्यन्तरित करता है तथा मिलते-जुलते शब्दों का सुझाव देता है। यह प्रचलित हिन्दी टाइपिंग औजारों (जो कि एक निश्चित स्कीम के अन्तर्गत लिप्यंतरण करके टाइप करते हैं) के विपरीत एक अन्तर्निमित शब्दकोश से मिलाकर लिप्यन्तरित करके टाइप करता है। इस कारण से प्रयोक्ता को लिप्यन्तरण स्कीम को याद नहीं रखना पड़ता। इस कारण से यह पहली बार एवं शुरुआती हिन्दी टाइप करने वालों (जो कि रोमनागरी के अभ्यस्त होते हैं) के लिये काफी सुविधाजनक रहता है। .

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यूनिनागरी

यूनिनागरी शब्दद्वय यूनिकोड तथा देवनागरी का पोर्टमॅण्टू है। पहली बार इस शब्द का प्रयोग द्वारा सम्पादित्र औजार हेतु किया गया था। बाद में ने इसे दोबारा भिन्न अर्थ में पुनर्प्रतिपादित एवं प्रचारित किया। यूनिनागरी का स्वतन्त्र प्रयोग कम ही है। यह शब्द मुख्यतः रोमनागरी के पूरक के रूप में प्रचलित हुआ। रोमनागरी में जहाँ रोमन लिपि में हिन्दी लिखी जाती थी, यूनिनागरी में यूनिकोड देवनागरी में हिन्दी देखी जा सकती है। .

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रोमन लिपि

रोमन लिपि लिखावट का वो तरीका है जिसमें अंग्रेज़ी सहित पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ लिखी जाती हैं, जैसे जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी, डच, नॉर्वेजियन, स्वीडिश, रोमानियाई, इत्यादि। ये बायें से दायें लिखी और पढ़ी जाती है। अंग्रेज़ी के अलावा लगभग सारी यूरोपीय भाषाएँ रोमन लिपि के कुछ अक्षरों पर अतिरिक्त चिन्ह भी प्रयुक्त करते हैं। रोमन लिपि के कुछ अक्शर। रोमन लिपि के कुछ अक्शर .

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हिंग्लिश

हिंग्लिश, शब्दों "हिन्दी तथा "इंग्लिश" का मिश्रण है जिसका अर्थ है दोनों भाषाओं का एक वाक्य में इकट्ठे प्रयोग करना। इसका प्रयोग अधिकतर भारत के हिन्दी-भाषी राज्यों के शहरी तथा अर्ध-शहरी क्षेत्रों में देखी जाता है जो कि टेलीविजन, मोबाइल फोन तथा मौखिक सम्पर्क के जरिये धीरे-धीरे ग्रामीण तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में भी फैल रही है तथा धीरे-धीरे वर्नाकुलर स्थिति को प्राप्त हो रही है। कई बोलने वाले जानते ही नहीं कि वे हिन्दी वाक्यों में अंग्रेजी शब्द या अंग्रेजी वाक्यों में हिन्दी शब्द घुसा रहे हैं। डेविड क्रिस्टल जो कि यूनिवर्सिटी ऑफ वेल्स में एक ब्रिटिश भाषा-विज्ञानी हैं, ने २००४ में परिकलन किया कि ३५० मिलियन पर, विश्व के हिंग्लिश बोलने वाले जल्दी ही मूल अंग्रेजी बोलने वालों से अधिक हो जायेंगे। स्तम्भकार देवयानी चौबल पहली लेखिका थीं जिन्होंने अपने लेखन में हिंग्लिश का प्रयोग किया। फिर लेखिका शोभा डे ने अपनी किताबों तथा भारतीय पत्रिका स्टारडस्ट के कॉलमों में हिंग्लिश तत्वों का प्रयोग करना शुरु किया। सलमान रुश्दी तथा उपमन्यु चटर्जी अन्य लेखक हैं जिन्होंने अपने उपन्यासों में हिंग्लिश का बहुतायत से प्रयोग किया है। २००५ में, बलजिन्दर कौर महल (पेन नाम बी॰ के॰ महल) ने कॉलिन्स द्वारा प्रकाशित द क्वीन्स हिंग्लिश: हाउ टू स्पीक पुक्का नामक किताब लिखी। हिंग्लिश इंग्लैण्ड में बोली जाने वाली अंग्रेजी को भी प्रभावित कर रही है। भारतीय अप्रवासियों तथा उनके ऑफ्सप्रिंग्स के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले शब्द तथा ऍक्सप्रैशन इंग्लैण्ड की बोलचाल की अंग्रेजी में अपनाये गये हैं। .

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गूगल ट्राँसलिट्रेशन

गूगल ट्राँसलिट्रेशन (पूर्व में गूगल इण्डिक ट्राँसलिट्रेशन) हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं हेतु गूगल की एक टाइपिंग सेवा है। यह टूल सबसे पहले गूगल की ब्लॉगिंग सेवा में लगाया गया था। बाद में यह एक अलग के रूप में अस्तित्व में आया। बाद में इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसे जीमेल तथा ऑर्कुट में भी समाहित कर दिया गया। दिसम्बर २००९ में गूगल ने इस टूल का ऑफलाइन संस्करण गूगल आइऍमई जारी किया। गूगल का यह टूल शब्दकोश आधारित है। यह प्रचलित हिन्दी टाइपिंग औजारों (जो कि एक निश्चित स्कीम के अन्तर्गत लिप्यंतरण करके टाइप करते हैं) के विपरीत एक अन्तर्निमित शब्दकोश से मिलाकर लिप्यन्तरित करके टाइप करता है। इस कारण से प्रयोक्ता को लिप्यन्तरण स्कीम को याद नहीं रखना पड़ता। इस कारण से यह पहली बार एवं शुरुआती हिन्दी टाइप करने वालों (जो कि रोमनागरी के अभ्यस्त होते हैं) के लिये काफी सुविधाजनक रहता है। इस टूल का नाम जरा भ्रामक है। इण्डिक लिप्यन्तरण की बजाये इसका नाम इण्डिक टाइपिंग टूल जैसा कुछ होना चाहिये था। विभिन्न भारतीय लिपियों के मध्य लिप्यन्तरण के लिये गूगल लिपि परिवर्तक नामक औजार अलग से था। .

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गूगल लिपि परिवर्तक

गूगल लिपि परिवर्तक (गूगल स्क्रिप्ट कन्वर्टर) हिन्दी, रोमनागरी एवं विभिन्न भारतीय भाषाओं के मध्य लिपि परिवर्तन हेतु एक ऑनलाइन मशीनी लिप्यन्तरण औजार था। इस औजार की शुद्धता इस प्रकार के अन्य औजारों की बजाये बेहतर पाई गई थी। इसका आरम्भ नवम्बर २००९ में हुआ था। जुलाई २०११ में यह सेवा बन्द हो गयी क्योंकि गूगल ने गूगल लैब्स तथा उससे सम्बद्ध सभी परियोजनायें बन्द कर दी। यह औजार टैक्स्ट के लिप्यन्तरण के अतिरिक्त वेबपन्नों का भी एक लिपि से दूसरी लिपि में लिप्यन्तरण भी कर सकता था। लिप्यन्तरण रियल टाइम में होता था तथा लिप्यन्तरित पेज ब्राउजर में तुरन्त देखा जा सकता था। इस औजार की शुद्धता इस प्रकार की अन्य कई सेवाओं से बेहतर थी। डिक्शनरी आधारित होने के कारण यह सेवा रोमनागरी टैक्स्ट को यूनिकोड हिन्दी में बदलने के लिये भी अत्यन्त उपयोगी थी। .

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