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रोमन संख्यांक

सूची रोमन संख्यांक

रोमन संख्यांक द्वारा दर्शायी गयी संख्यांक पद्धत्ति का प्राचीन रोम में उद्गम हुआ और भली भांति उत्तर मध्य युग में पूर्ण यूरोप में संख्याओं को लिखना का सामान्य तरीका बना रहा। ऑस्ट्रिया के लोफ़र नामक शहर में एक गिरजे के ऊपर उसके निर्माण की तिथि रोमन अंकों में तराशी हुई है - MDCLXXVIII का अर्थ सन् १६७८ है रोमन अंक प्राचीन रोम की संख्या प्रणाली है, जिसमें लातिनी भाषा के अक्षरों को जोड़कर संख्याएँ लिखी जाती थीं। पहले दस रोमन अंक इस प्रकार हैं - .

13 संबंधों: तारों की श्रेणियाँ, बार्तोलोमियो क्रिस्टोफोरी, ब्लूज़, भारतीय अंक प्रणाली, मिलियन, संख्या पद्धतियों की सूची, स्थानिक मान, हिन्दू-अरबी अंक पद्धति का इतिहास, खान अल-उमदान, गणित का इतिहास, ग्रैंड थेफ्ट ऑटो V, अंतर्राष्ट्रीय संख्या पद्धति, 89

तारों की श्रेणियाँ

अभिजीत (वेगा) एक A श्रेणी का तारा है जो सफ़ेद या सफ़ेद-नीले लगते हैं - उसके दाएँ पर हमारा सूरज है जो G श्रेणी का पीला या पीला-नारंगी लगने वाला तारा है खगोलशास्त्र में तारों की श्रेणियाँ उनसे आने वाली रोशनी के वर्णक्रम (स्पॅकट्रम) के आधार पर किया जाता है। इस वर्णक्रम से यह ज़ाहिर हो जाता है कि तारे का तापमान क्या है और उसके अन्दर कौन से रासायनिक तत्व मौजूद हैं। अधिकतर तारों कि वर्णक्रम पर आधारित श्रेणियों को अंग्रेज़ी के O, B, A, F, G, K और M अक्षर नाम के रूप में दिए गए हैं-.

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बार्तोलोमियो क्रिस्टोफोरी

बार्तोलोमियो क्रिस्टोफोरी डि फ्राँसेस्को (४ मई १६५५– २७ जनवरी १७३१) इटली के रहने वाले व संगीत वाद्ययंत्रों के निर्माता थे। इन्हें पियानो वाद्य यंत्र के आविश्कारक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म वेनिस गणराज्य के वादुआ नामक शहर में हुआ था। .

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ब्लूज़

ब्लूज़ 19वीं के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका के सुदूर दक्षिण में मूलतः अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के भीतर आध्यात्मिक, श्रमिक गीत, खेत के सामूहिक गीत, नारे और भजन और तुकांत सरल कथात्मक गाथा-गीतों से तैयार संगीत-रचना और संगीत-शैली है। जैज़, रिदम एंड ब्लूज़ तथा रॉक एंड रोल में सर्वत्र ब्लूज़ की विशेषता है विशिष्ट कॉर्ड स्वरक्रम - सबसे आम है ट्वेल्व-बार ब्लूज़ कॉर्ड स्वरक्रम - और ब्लू नोट्स, मेजर स्केल के सुर के साथ, नोट अर्थपूर्ण प्रयोजनों के लिए गाए या फ़्लैट बजाए या क्रमशः मोड़े (माइनर तीसरे से मेजर तीसरे तक) जाते हैं। ब्लूज़ शैली ब्लूज़-संगीत रचना पर आधारित है, लेकिन इसमें विशिष्ट बोल, बेस लाइन और वाद्य-यंत्र जैसी अन्य विशेषताएं शामिल हैं। ब्लूज़ को 20वीं सदी की विविध अवधियों में कमोबेश लोकप्रिय कंट्री (ग्रामीण) से अर्बन (शहरी) ब्लूज़ तक विविध उप-शैलियों में उप-विभाजित किया जा सकता है। सर्वाधिक ख्यात ब्लूज़ शैलियां हैं डेल्टा, पीडमॉन्ट, जंप और शिकागो ब्लूज़.

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भारतीय अंक प्रणाली

भारतीय अंक प्रणाली को पश्चिम के देशों में हिंदू-अरबी अंक प्रणाली के नाम से जाना जाता है क्योंकि यूरोपीय देशों को इस अंक प्रणाली का ज्ञान अरब देश से प्राप्त हुआ था। जबकि अरबों को यह ज्ञान भारत से मिला था। भारतीय अंक प्रणाली में 0 को मिला कर कुल 10 अंक होते हैं। संसार के अधिकतम 10 अंकों वाली अंक प्रणाली भारतीय अंक प्रणाली पर ही आधारित हैं। फ्रांस के प्रसिद्ध गणितज्ञ पियरे साइमन लाप्लास के अनुसार, .

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मिलियन

एक मिलियन (1,000,000) या एक हजार हजार, 999,999 के बाद और 1,000,001 से पहले की प्राकृत संख्या है। यह नाम इतालवी से व्युत्पन्न हुआ है, जहां 1,000 के लिए माइले (mille) और 1,000,000 के लिए मिलियोन (milione), "एक बड़ा हजार" का इस्तेमाल होता है। वैज्ञानिक संकेतन में इसे या सिर्फ 106 के रूप में लिखा जाता है। SI इकाइयों का व्यवहार करते समय SI उपसर्ग मेगा का इस्तेमाल करके भी भौतिक राशियों को व्यक्त किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, 1 मेगावाट 1,000,000 वाट के बराबर होता है। "मिलियन" शब्द छोटे पैमाने और लंबे पैमाने की संख्या पद्धति में सामान्य है, जो बड़ी संख्याओं से भिन्न होते हैं और दोनों पद्धतियों में इसके अलग-अलग नाम होते हैं। मिलियन का इस्तेमाल कभी-कभी अंग्रेजी भाषा में किसी बहुत बड़ी संख्या की उपमा के रूप में होता है, जैसे "नेवर इन ए मिलियन इयर्स" (लाखों वर्षों में कभी नहीं) और "यू'आर वन इन ए मिलियन" (तुम लाखों में एक हो), या एक अतिशयोक्ति के रूप में, जैसे "आई'हैव वॉक्ड ए मिलियन माइल्स" (मैं लाखों मील चल चुका हूं).

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संख्या पद्धतियों की सूची

यहाँ संख्या पद्धतियों की सूची दी गयी है। .

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स्थानिक मान

स्थानिक मान पद्धति (place-value notation) या स्थिति-चिह्न (Positional notation) संख्याओं को निरूपित करने की वह प्रणाली जिसमें किसी संकेत (अंक) का मान इस बात पर निर्भर करता है कि संख्या में उस अंक का स्थान कहाँ है। उदाहरण के लिये ३२५ (तीन सौ पचीस) में ५ का स्थानीय मान पांच है किन्तु ५२३ में ५ का स्थानीय मान 'पाँच सौ' है। इस तरह संख्याओं के निरूपण की यह पद्धति रोमन अंक पद्धति आदि अन्य निरूपण पद्धतियों से भिन्न है। स्थानीय मान पर आधारित संख्या निरूपण से बहुत सी अंकगणितीय संक्रियाएँ बहुत सरलता से की जाने लगीं और इस कारण यह पद्धति शीघ्र ही पूरे संसार में अपना ली गयी। आजकल स्थानीय मान पर आधारित बहुत सी पद्धतियाँ प्रचलित हैं जिनमें दस आधार वाली हिन्दू अंक पद्धति सबसे पुरानी और सर्वाधिक प्रयुक्त पद्धति है। इसके अतिरिक्त द्विआधारी संख्या पद्धति (बाइनरी नम्बर सिस्टम), अष्टाधारी संख्या पद्धति (ऑक्टल नम्बर सिस्टम) तथा षोडशाधारी संख्या पद्धति (हेक्साडेसिमल नम्बर सिस्टम) भी प्रयुक्त होते हैं (मुख्यत: संगणकीय गणित में)। स्थानीय मान पद्धति में दशमलव बिन्दु का प्रयोग करके भिन्नात्मक संख्याओं (fractions) को भी निरूपित करने की क्षमता रखती है। अर्थात यह पद्धति सभी वास्तविक संख्याओं को निरूपित करने की क्षमता रखती है। .

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हिन्दू-अरबी अंक पद्धति का इतिहास

यूरोप में बारहवीं शताब्दी तक रोमन अंकों का प्रयोग होता था। रोमन अंक प्रणाली में केवल सात अंक हैं, जो अक्षरों द्वारा व्यक्त किए जाते हैं। ये अक्षरांक हैं- I (एक), V (पांच), L (पचास), C (सौ), D (पांच सौ) तथा M (एक हजार)। इन्हीं अंको के जोड़ ने घटाने से कोई भी संख्या लिखी जाती है। उदाहरण के लिए अगर तीन लिखना है तो एक का चिन्ह तीन बार लिख दिया III। आठ लिखना है तो पांच के दायीं तरफ तीन एक-एक के चिन्ह लिखकर जोड़ दिए और VIII (आठ) हो गया। यह प्रणाली इतनी कठिन और उलझी हुई है कि जब बारहवीं शताब्दी में यूरोप का भारतीय अंक प्रणाली से परिचय हुआ तो उसने उसे स्वीकार ही नहीं किया, अपितु एकदम अपना लिया। यूरोप में कुछ शताब्दियों बाद जो वैज्ञानिक औद्योगिक क्रान्ति हुई, उसके मूल में भारतीय अंक गणना का ही योगदान है। .

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खान अल-उमदान

खान अल-उमदान इज़राइल देश के आकेर के पुराने शहर में स्थित एक "खान", यीने कारवां सराय है। इसका निर्माण अहमद पाशा अल जज्जर के शासन के दौरान उस्मान साम्राज्य में हुआ था। ये खान-ए-अवामीद के नाम से भी जानी जाती है। इस नाम का शाब्दिक अर्थ "खंबोंकी सराय" होता है। इस दो मंजिला इमारत का निर्माण सन् १७८४ में पुर्ण हुआ। .

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गणित का इतिहास

ब्राह्मी अंक, पहली शताब्दी के आसपास अध्ययन का क्षेत्र जो गणित के इतिहास के रूप में जाना जाता है, प्रारंभिक रूप से गणित में अविष्कारों की उत्पत्ति में एक जांच है और कुछ हद तक, अतीत के अंकन और गणितीय विधियों की एक जांच है। आधुनिक युग और ज्ञान के विश्व स्तरीय प्रसार से पहले, कुछ ही स्थलों में नए गणितीय विकास के लिखित उदाहरण प्रकाश में आये हैं। सबसे प्राचीन उपलब्ध गणितीय ग्रन्थ हैं, प्लिमपटन ३२२ (Plimpton 322)(बेबीलोन का गणित (Babylonian mathematics) सी.१९०० ई.पू.) मास्को गणितीय पेपाइरस (Moscow Mathematical Papyrus)(इजिप्ट का गणित (Egyptian mathematics) सी.१८५० ई.पू.) रहिंद गणितीय पेपाइरस (Rhind Mathematical Papyrus)(इजिप्ट का गणित सी.१६५० ई.पू.) और शुल्बा के सूत्र (Shulba Sutras)(भारतीय गणित सी. ८०० ई.पू.)। ये सभी ग्रन्थ तथाकथित पाईथोगोरस की प्रमेय (Pythagorean theorem) से सम्बंधित हैं, जो मूल अंकगणितीय और ज्यामिति के बाद गणितीय विकास में सबसे प्राचीन और व्यापक प्रतीत होती है। बाद में ग्रीक और हेल्लेनिस्टिक गणित (Greek and Hellenistic mathematics) में इजिप्त और बेबीलोन के गणित का विकास हुआ, जिसने विधियों को परिष्कृत किया (विशेष रूप से प्रमाणों (mathematical rigor) में गणितीय निठरता (proofs) का परिचय) और गणित को विषय के रूप में विस्तृत किया। इसी क्रम में, इस्लामी गणित (Islamic mathematics) ने गणित का विकास और विस्तार किया जो इन प्राचीन सभ्यताओं में ज्ञात थी। फिर गणित पर कई ग्रीक और अरबी ग्रंथों कालैटिन में अनुवाद (translated into Latin) किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप मध्यकालीन यूरोप (medieval Europe) में गणित का आगे विकास हुआ। प्राचीन काल से मध्य युग (Middle Ages) के दौरान, गणितीय रचनात्मकता के अचानक उत्पन्न होने के कारण सदियों में ठहराव आ गया। १६ वीं शताब्दी में, इटली में पुनर् जागरण की शुरुआत में, नए गणितीय विकास हुए.

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ग्रैंड थेफ्ट ऑटो V

ग्रैंड थेफ्ट ऑटो V (Grand Theft Auto V) रॉकस्टार नॉर्थ द्वारा विकसित और रॉकस्टार गेम्स द्वारा प्रकाशित 'खुली दुनिया' डिज़ाईन वाला एक एक्शन रोमांच वीडियो गेम है। इसे प्लेस्टेशन 3 और एक्सबॉक्स 360 के लिए 17 सितंबर 2013 को जारी किया गया था और प्लेस्टेशन 4 और एक्सबॉक्स वन के लिए 18 नवम्बर 2014 को। आगे इसको माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ के लिए 14 अप्रैल 2015 को जारी किया जाना निर्धारित है। खेल 2008 के ग्रैंड थेफ्ट ऑटो IV के बाद ग्रैंड थेफ्ट ऑटो श्रृंखला में पहली मुख्य प्रविष्टि है। गेम सैन एंड्रियास के काल्पनिक राज्य (जो कि दक्षिणी कैलिफोर्निया पर आधारित है) के भीतर सेट किया गया है। गेम के एकल खिलाड़ी मोड में तीन अपराधियों की कहानी चलती है जो डकैती करने के प्रयास करते हैं जबकि एक सरकारी एजेंसी भी उनके पीछे पड़ी है। गेम अन्य पुरुष के नजरिए से खेला जाता है और इसकी दुनिया में पैदल या वाहन से घूमा जा सकता है। इसमें खिलाड़ी द्वारा पूरे समय एकल खिलाड़ी मोड में तीन नेतृत्व पात्रों में से किसी एक को नियंत्रित किया जाता हैं। मिशन के दौरान और बाहर, दोनों समय, तीनों पात्रों में से किसी को चुना जा सकता हैं। कहानी डकैती दृश्यों पर केंद्रित है और मिशनों में कई शूटिंग और ड्राइविंग गेमप्ले शामिल है। खिलाड़ी चरित्र की आपराधिक गतिविधियाँ कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रतिक्रिया के लिए उकसा सकती हैं, उनकी प्रतिक्रिया की आक्रामकता एक "वॉन्टड" प्रणाली द्वारा मापी जाती हैं। अक्टूबर 2011 में इसकी घोषणा के बाद, ग्रैंड थेफ्ट ऑटो V व्यापक रूप से प्रत्याशित था। यह कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित किया गया था जिन्होंने इसकी प्रशंसा विशेष रूप से इसके बहु नायक डिजाइन, ओपन एंडेड गेमप्ले और तकनीकी प्रगति के लिये की। वहीं कुछ समीक्षकों ने गेम को स्वाभाविक हिंसक और स्त्री द्वेषी बताया। ग्रैंड थेफ्ट ऑटो V ने गेम उद्योग में अबतक की बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ दिये और इतिहास में सबसे तेजी से बिकने वाला मनोरंजन उत्पाद बन गया जब इसने पहले दिन $80 करोड़ कमाई की और शुरुआती तीन दिनों में 1 अरब अमेरिकी डॉलर कमाए। .

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अंतर्राष्ट्रीय संख्या पद्धति

अन्तरराष्ट्रीय संख्या पद्धति (International System of Numeration) संख्यांकन की दशमलव पद्धति पर आधारित प्रणाली है जिसमें संख्याओं को तीन-तीन अंकों के समूह में लिखा और व्यक्त किया जाता है। यह भारतीय संख्या पद्धति से भिन्न है जिसमें 9,999 से अधिक बड़ी संख्याओं में बायें के अंको को दो के समूह में (अल्पविराम द्वारा) अलग करके लिखा जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति में इसी तीन अंकों के समूह में समूहन के कारण इन संख्याओं का परिमाण (magnitude) भाषा में व्यक्त करने के लिये दिए गये नाम मिलियन, ट्रिलियन, डेसिलियन इत्यादि का प्रयोग होता है जबकि भारतीय पद्धति में लाख, करोड़, अरब, खरब इत्यादि नाम प्रचलित हैं जो दो-दो अंकों में समूहन का परिणाम हैं। अन्तर्राष्ट्रीय मापन पद्धति भी इसी अंतर्राष्ट्रीय संख्या पद्धति का अनुसरण करती है और बड़ी संख्याओं वाले मानों को व्यक्त करने के लिये किलो, मेगा, गीगा, टेरा, पेटा इत्यादि का उपसर्ग की तरह जोड़ा जाना इसी संख्या पद्धति के अनुसार है। यह प्रणालियाँ संख्याओं के लिखने और उनके भाषाई नामों के साथ बेहतर तालमेल वाली हैं। माना जाता है कि जिन पद्धतियों में यह तालमेल बहुत स्पष्ट नहीं होता, संख्याओं को सीखने में अधिक कठिनाई आती है। उदाहरण के लिये फ्रेंच और जर्मन संख्या पद्धतियों में संख्याओं के दस के गुणकों में व्यवहार में आने वाले नाम इकाई संख्याओं के नामों से थोड़े भिन्न होते हैं .

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89

वर्ष 89 (LXXXIX) जूलियन कैलेंडर का (लिंक संपूर्ण कैलेंडर को प्रदर्शित करेगा) गुरूवार को शुरू होने वाला एक सामान्य वर्ष था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

रोमन अंक, रोमन अंक पद्धति, रोमन अंक प्रणाली

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