4 संबंधों: नवाचार, वाजिद खान, आयुर्वेद में नयी खोजें, अनिल कुमार गुप्त।
नवाचार
नवाचार अर्थशास्त्र, व्यापार, तकनीकी एवं समाज शास्त्र में बहुत महत्व का विषय है। नवाचार (नव+आचार) का अर्थ किसी उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा में थोडा या बहुत बडा परिवर्तन लाने से है। नवाचार के अन्तर्गत कुछ नया और उपयोगी तरीका अपनाया जाता है, जैसे- नयी विधि, नयी तकनीक, नयी कार्य-पद्धति, नयी सेवा, नया उत्पाद आदि। नवाचार को अर्थतंत्र का सारथी माना जाता है। किसी संस्था के संदर्भ में नवाचार के द्वारा दक्षता, उत्पादकता, गुणवता, बाजार में पकड आदि के सुधार सम्मिलित हैं। अस्पताल, विश्वविद्यालय, ग्राम-पंचायतें आदि सभी संस्थायें नवाचारी हो सकती हैं। जो संस्थायें नवाचार नहीं कर पातीं वे नाश को प्राप्त होती हैं। उनका स्थान नवाचार में सफल हुई संस्थायें ले लेतीं हैं। नवाचार में सबसे महत्वपूर्ण चुनौती प्रक्रिया-नवाचार तथा उत्पाद-नवाचार में सामंजस्य बैठाना होता है। .
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वाजिद खान
वाजिद खान (जन्म: १० मार्च १९८१, मंदसौर,मध्य प्रदेश, भारत) एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयरन नेल आर्टिस्ट (कलाकार), चित्रकार, पेटेंट धारक, व अविष्कारक हैं। .
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आयुर्वेद में नयी खोजें
आयुर्वेद लगभग, 5000 वर्ष पुराना चिकित्सा विज्ञान है। इसे भारतवर्ष के विद्वानों ने भारत की जलवायु, भौगालिक परिस्थितियों, भारतीय दर्शन, भारतीय ज्ञान-विज्ञान के द्ष्टकोण को ध्यान में रखते हुये विकसित किया है। वतर्मान में स्वतंत्रता के पश्चात आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान ने बहुत प्रगति की है। भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्था ‘’केन्द्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद’’ (Central council for research in Ayurveda and Siddha, CCRAS) नई दिल्ली, भारत, आयुर्वेद में किये जा रहे अनुसन्धान कार्यों को समस्त देश में फैले हुये शोध संस्थानों में सम्पन्न कराता है। बहुत से एन0जी0ओ0 और प्राइवेट संस्थानों तथा अस्पताल और व्यतिगत आयुर्वेदिक चिकित्सक शोध कार्यों में लगे हुये है। इनमें से प्रमुख शोध त्रिफला, अश्वगंधा आदि औषधियों, इलेक्ट्रानिक उपकरणों द्वारा आयुर्वेदिक ढंग से रोगों की पहचान और निदान में सहायता से संबंधित हैं। .
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अनिल कुमार गुप्त
प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्त अनिल कुमार गुप्त जमीनी स्तर के नवाचारों के क्षेत्र में विश्वप्रसिद्ध व्यक्ति हैं। वे हनी बी नेटवर्क नामक संस्था के संस्थापक तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में प्राध्यापक हैं। इसके अतिरिक्त वे राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान के उप कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उन्हें सन २००४ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। .
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