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रावल (पालीवाल ) ब्राह्मण

सूची रावल (पालीवाल ) ब्राह्मण

रावल, राजस्थान के सिरोही, पाली, जालोर जिलों का निवासी ब्राह्मण समुदाय है। 'रावल' एक पदवी दी थी जो ब्राह्मणों में से श्रेष्ठ विद्याधारक पुजारी या राजगुरु को दी जाती थी। यह पदवी राजस्थान के सिरोही जिले में बसने वाले ब्राह्मणों को दी जाती थी। बाद में वे अपने उपनाम जाति 'रावल' लगाने लगे तथा कालान्तर में 'रावल ब्राह्मण' कहलाये। .

3 संबंधों: पण्डित, वधावन, क्षेत्री

पण्डित

एक कर्मकाण्डी पण्डित (ब्राह्मण) का चित्र पण्डित (पंडित), या पण्डा (पंडा), अंग्रेजी में Pandit का अर्थ है एक विद्वान, एक अध्यापक, विशेषकर जो संस्कृत और हिंदू विधि, धर्म, संगीत या दर्शनशास्त्र में दक्ष हो। अपने मूल अर्थ में 'पण्डित' शब्द का तात्पर्य हमेशा उस हिन्दू ब्राह्मण से लिया जाता है जिसने वेदों का कोई एक मुख्य भाग उसके उच्चारण और गायन के लय व ताल सहित कण्ठस्थ कर लिया हो। .

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वधावन

वधावन भारत के गुजरात राज्य के सुरेन्द्रनगर जिले का एक शहर है। वर्ष २००१ की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या ६१,७३९ है, जिसमें ५२% पुरुष एवं ४८% महिलाएं हैं। २००६ के अनुमान के अनुसार १,०९,५३,५१,९९५ है।- गेटमैप.कॉम पर यह राष्ट्रीय औसत ५९.५% से काफ़ी अहिक है। पुरुष साक्षरता दर ७८% एवं महिला दर ६३% है। वधावन की कुल जनसंक्या का १२% ६ वर्शः की आयु से नीचे का है। .

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क्षेत्री

क्षेत्री या छेत्री नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले योद्धा वर्ण के मुल निवासी हैं, इन्हें पहाड़ी राजपुत, खस राजपुत, नेपाली या गोर्खाली क्षत्रिय भी कहाँ जाता है। ये एक हिन्द-आर्य भाषिक जाति हैं। क्षेत्री या छेत्री या क्षथरीय सब क्षत्रिय के अपभ्रंश हैं और ये हिन्दू वर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत क्षत्रिय वर्ण में आते हैं। ये लोग मूल रूप से सैनिक, राजा और प्रशासनिक क्षेत्र में काफी आगे हैं। ये बाहुन (खस ब्राह्मण) और खस दलित के जैसे खस समुदाय के एक विभाजन हैं। क्षेत्री नेपाल के कुल जनसंख्या में सर्वाधिक १६.६% हैं। इस जाति को नेपाल में सत्तारुढ माना जाता है। इन लोगों की उत्पत्ति के बारे में विभिन्न इतिहासकार और खोजकर्ता जेसै कि डोरबहादुर विष्ट और सूर्यमणि अधिकारी, आदि के अनुसार नेपाल के पश्चिमी पहाड़ी इलाका कर्णाली प्रदेश में हुआ था। इस जाति के पूर्वज पूर्वी इरानी भाषिक खस जाति हैं जो बाह्लिक-गान्धार क्षेत्रमें पाए जाते थे। आज ये नेपाल के सभी क्षेत्रों और भारत के कुछ क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं। ये लोग पूर्णत: हिन्दु होते हैं और स्थानिय मष्टो देवता की पुजा करते हैं। इस पुजा को मष्ट पुजा या देवाली कहते हैं। इन का मातृभाषा नेपाली भाषा है और ये इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के सदस्य हैं। नेपाल के खस राजवंश, खप्तड राजवंश, सिंजा राजवंश, थापा वंश, बस्नेत, कुँवर और पाँडे वंश, दरबारिया समुह और नेपाल के पिछले समय के क्रुर शासक राणा वंश भी क्षेत्री(छेत्री) जाति में आते हैं। क्षेत्री (छेत्री) अधिकतर नेपाल सरकार और नेपाली सेना के उच्च पद पर कार्यरत पाए जाते हैं। इन के लिए भारतिय सेना में एक सैनिक दस्ता ९वीं गोरखा रेजिमेन्त आरक्षित है। .

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रावल, रावल (पालीवाल ) ब्राह्मण समाज

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