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राय

सूची राय

१. एक भारतीय उपनाम।- यह पूर्वी उत्तर प्रदेश की भूमिहार जाति के लोगो का प्रमुख उप नाम है। इस उपनाम को और भी बहुत सी जातिया प्रयुक्त करती है। उदाहरण: सत्यजीत राय, राजा राम मोहन राय इत्यादि। २. मत | .

5 संबंधों: बीएमडब्लू (BMW), भारतीय उपनामों की सूची, भूमिहार, कान्यकुब्ज ब्राह्मण, उपनाम

बीएमडब्लू (BMW)

Bayerische Motoren Werke AG (हिंदी:बावेरियन मोटर वर्क्स (बीएमडब्लू) ऑटोमोबाइल, मोटरसाइकिल और इंजन का निर्माण करनेवाली एक जर्मन कंपनी है। 1916 में स्थापित यह कंपनी अपने कार्य-निष्पादन और लक्जरी वाहनों के लिए जानी जाती है। यह MINI (मिनी) ब्रांड की उत्पादनकर्ता एवं स्वामित्व वाली कंपनी है तथा रोल्स रॉयस मोटर कारों की भी मूल कंपनी है। .

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भारतीय उपनामों की सूची

भारतीय संस्कृति में उपनामों का बहुत महत्व है। ये किसी भी व्यक्ति के निवास स्थान, जाति या कार्य का परिचय देते हैं। प्रमुख भारतीय तथा दक्षिण एशियाई उपनामों की यह सूची वर्णानुक्रम में संयोजित है - .

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भूमिहार

भूमिहार, भूमिहार ब्राह्मण या बाभन एक भारतीय जाति है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा थोड़ी संख्या में अन्य प्रदेशों में निवास करती है। भूमिहार का अर्थ होता है "भूमिपति", "भूमिवाला" या भूमि से आहार अर्जित करने वाला (कृषक) । भूमिहार अपने आप को भगवान परशुराम का शिष्य मानते हैं, भूमिहार उत्तरप्रदेश के गाजीपुर व आजमगढ़़ जिले में सबसे ज्यादा हैं | बिहार में इनकी सबसे बड़ी आबादी है। तिवारी, त्रिपाठी, मिश्र, शुक्ल, उपाध्यय, शर्मा, पाठक दूबे, द्विवेदी आदि भूमिहर समाज की उपाधियाँ है। इसके अलावा राजपाठ और जमींदारी के कारण एक बड़ा भाग का राय, साही, सिन्हा, सिंह और ठाकुर उपनाम भी हैं। ये खेतिहर ब्राह्मण है हालांकि ब्राह्मणों का एक समुदाय भूमिहरों को ब्राह्मण मानने से इनकार करता है क्योंकि ये पूजा-पाठ का परम्परागत पेशा छोड़कर खेती करते हैं। कई विद्वानों का मानना है कि भूमिहार अंग्रेजों और मुग़लों के समय प्रमुखता से फौजी सेना में भर्ती हुए थे। इसके बदले में भूमिहरों को बड़ी सम्पत्ति मिली। चूँकि दिल्ली के आसपास रहने वाली त्यागी जाति भी अपने आप को परशुराम का शिष्य मानती है इसी से भूमिहर भी त्यागियों को अपनी ही जाति का मानते हैं। इस जाति के ज्यादातर लोग कृषक है और बाकी ब्राह्मणों की तरह दान नहीं लेते। इसलिए ये "अयाचक ब्राह्मण " कहे गए हैं। सन १८८५ में अयाचक ब्राह्मणों की महासभा की स्थापना काशी-नरेश के प्रयास से वाराणसी में हुई.

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कान्यकुब्ज ब्राह्मण

कान्यकुब्ज ब्राह्मण या कन्नौजिया ब्राह्मण उन ब्राह्मणो को कहते हैं जो कन्नौज नामक स्थान से संबधित है कन्नौज का प्राचीन नाम कान्यकुब्ज देश है कान्यकुब्ज ब्राह्मण ब्राह्मणोचित्त कर्मो को दृढ़ता से करने वाले ब्राह्मण होते हैं वेद शास्त्रो में पारंगत व शस्त्र शास्त्र सबमे निपुण कान्यकुब्ज ब्राह्मण अपने को श्रेष्ठ ब्राह्मण कहते हैं कान्यकुब्ज ब्राह्मणो से व कान्यकुब्ज देश से ही सभी ब्राह्मण हुये हैं कान्यकुब्ज ब्राह्मण उत्तरप्रदेश के कन्नौज के अलावा मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश बिहार छत्तीसगढ़ झारखण्ड राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र बंगाल उत्तराखण्ड नेपाल हरियाणा आंध्रप्रदेश में भी होते हैं। विन्ध्याचलसे उत्तरके प्राचीन देशौंकी सभ्यताको लेकर बढा हुआ पंच समुहगत ब्राह्मणौंकी सभ्यताको पंचगौड़ कहते हैं। इन ब्राह्मणो के अंतर्गत कान्यकुब्ज ब्राह्मण- कन्नौज जिसका प्राचीन नाम कान्यकुब्जदेश है। मैथिल ब्राह्मण- प्राचीन विदेहदेशसे सम्बन्ध रखनेवाले ब्राह्मण |गौड़ ब्राह्मण- प्राचीन गौडदेश(वंगदेशसे उत्कलदेशका बीचका देश)मे रहने वाला ब्राह्मण |,उत्कल ब्राह्मण- ओडिसाराज्य अन्तर्गत का उत्कलदेशमे रहने वाला ब्राह्मण और सारस्वत ब्राह्मण- सरस्वती नदीके तटवर्ती भूभागमे रहने वाला ब्राह्मण होते हैं | .

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उपनाम

नाम के साथ प्रयोग हुआ दूसरा शब्द जो नाम कि जाति या किसी विशेषता को व्यक्त करता है उपनाम (Surname / सरनेम) कहलाता है। जैसे महात्मा गाँधी, सचिन तेंदुलकर, भगत सिंह आदि में दूसरा शब्द गाँधी, तेंदुलकर, सिंह उपनाम हैं। .

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