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रामानन्द चट्टोपाध्याय

सूची रामानन्द चट्टोपाध्याय

रामानंद चट्टोपाध्याय (1865 – 1943) कोलकाता से प्रकाशित पत्रिका 'मॉडर्न रिव्यू' के संस्थापक, संपादक एवं मालिक थे। उन्हें भारतीय पत्रकारिता का जनक माना जाता है। .

3 संबंधों: बनारसीदास चतुर्वेदी, विशाल भारत, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा

बनारसीदास चतुर्वेदी

पण्डित बनारसीदास चतुर्वेदी (२४ दिसम्बर, १८९२ -- २ मई, १९८५) प्रसिद्ध हिन्दी लेखक एवं पत्रकार थे। वे राज्यसभा के सांसद भी रहे। उनके सम्पादकत्व में हिन्दी में कोलकाता से 'विशाल भारत' नामक हिन्दी मासिक निकला। पं॰ बनारसीदास चतुर्वेदी जैसे सुधी चिंतक ने ही साक्षात्कार की विधा को पुष्पित एवं पल्लवित करने के लिए सर्वप्रथम सार्थक कदम बढ़ाया था। उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। वे अपने समय का अग्रगण्य संपादक थे तथा अपनी विशिष्ट और स्वतंत्र वृत्ति के लिए जाने जाते हैं। उनके जैसा शहीदों की स्मृति का पुरस्कर्ता (सामने लाने वाला) और छायावाद का विरोधी समूचे हिंदी साहित्य में कोई और नहीं हुआ। उनकी स्मृति में बनारसीदास चतुर्वेदी सम्मान दिया जाता है। कहते हैं कि वे किसी भी नई सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक या राष्ट्रीय मुहिम से जुड़ने, नए काम में हाथ डालने या नई रचना में प्रवृत्त होने से पहले स्वयं से एक ही प्रश्न पूछते थे कि उससे देश, समाज, उसकी भाषाओं और साहित्यों, विशेषकर हिंदी का कुछ भला होगा या मानव जीवन के किसी भी क्षेत्र में उच्चतर मूल्यों की प्रतिष्ठा होगी या नहीं? .

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विशाल भारत

विशाल भारत एक प्रसिद्ध हिन्दी पत्र था जिसका प्रकाशन सन 1928 ई. में कोलकाता से आरम्भ हुआ। इसके संस्थापक रामानन्द चट्टोपाध्याय थे। बनारसीदास चतुर्वेदी इसके प्रथम सम्पादक बने जो सन 1928 से 1937 ई. तक इसका सम्पादन कार्य करते रहे। ‘विशाल भारत’ को उसका वास्तविक रूपाकार बनारसीदास चतुर्वेदी ने ही प्रदान किया था। चतुर्वेदी जी के बाद सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय', मोहनसिंह सेंगर तथा श्रीराम शर्मा इसका सम्पादन कार्य करते रहे। अपने समय में सरस्वती (पत्रिका) बाद यह पत्र सबसे अधिक ख्याति प्राप्त पत्र रहा। प्रवासी भारतीयों के प्रसंग में जो आंदोलन प्रारम्भ हुआ था, उसका प्रमुख माध्यम 'विशाल भारत' ही था। इसी पत्र में प्रथम बार जनपदीय साहित्य की ओर ध्यान दिया गया था। संस्मरण और पत्र संग्रह की दृष्टि से भी इस पत्र का बहुत अधिक महत्त्व है। इसके कई विशिष्ट अंक निकले थे, जैसे- 'रवींद्र अंक', 'एंड्रूज़ अंक', 'पद्मसिंह शर्मा अंक', 'कला अंक' और 'राष्ट्रीय अंक' आदि। इसके लेखकों में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, हजारीप्रसाद द्विवेदी, रामानन्द चट्टोपाध्याय, कालिदास नाग आदि प्रमुख थे। सामग्री चयन और कलात्मक मुद्रण, दोनों ही दृष्टियों से 'विशाल भारत' के प्रारम्भिक स्वरूप में हिन्दी पत्रकारिता के श्रेष्ठतम रूप का दर्शन होता है। .

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अखिल भारतीय हिन्दू महासभा

अखिल भारतीय हिन्दू महासभा का ध्वज अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनीतिक दल है। यह एक भारतीय राष्ट्रवादी संगठन है। इसकी स्थापना सन १९१५ में हुई थी। विनायक दामोदर सावरकर इसके अध्यक्ष रहे। केशव बलराम हेडगेवार इसके उपसभापति रहे तथा इसे छोड़कर सन १९२५ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। भारत के स्वतन्त्रता के उपरान्त जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इसके बहुत से कार्यकर्ता इसे छोड़कर भारतीय जनसंघ में भर्ती हो गये। .

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रमानन्द चट्टोपाध्याय

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