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राजनीति विज्ञान

सूची राजनीति विज्ञान

राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है जो सरकार और राजनीति के अध्ययन से सम्बन्धित है। राजनीति विज्ञान अध्ययन का एक विस्तृत विषय या क्षेत्र है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं: राजनीतिक चिंतन, राजनीतिक सिद्धान्त, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचारधारा, संस्थागत या संरचनागत ढांचा, तुलनात्मक राजनीति, लोक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संगठन आदि। .

67 संबंधों: चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, एना कैस्पारियन, एम॰एससी॰, डेविड कैमरन, तुलनात्मक राजनीति, नरेन्द्र मोदी, नागरिक शास्त्र, निर्मला जोशी, निकोलो मैकियावेली, पार्थ चटर्जी, प्रत्यक्षवाद (राजनीतिक), फ़्रांसिस फ़ुकुयामा, बेनेडिक्ट ऐण्डरसन, भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध, भारतीय राजनय का इतिहास, भुपेन हजारिका, भूगोल, भीमराव आम्बेडकर, मनोज टिबड़ेवाल आकाश, महमूदा अली शाह, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान, मीनाक्षी जैन, योगेन्द्र नारायण, राबर्ट फिस्क, राजनीति, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक समाजशास्त्र, राजनीतिक अर्थशास्त्र, राजस्थान विश्वविद्यालय, राज्यवाद, लोक प्रशासन, लोक प्रशासन का इतिहास, लोकनीति, शब्दकोश, शमा जैन, शक्ति मोहन, श्रेणी समाजवाद, श्री शङ्कराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला, शोनाली बोस, समाजशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, सामाजिक इंजीनियरी (सुरक्षा), सामाजिक अध्ययन, संगठनात्मक विकास, स्टैटा, सैली राइड, से॰रा॰ यात्री, सीताराम अग्रहरि, हिलेरी रोढम क्लिंटन, ..., हैरिएट हर्मन, जातीय समूह, जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक, विक्रम सेठ, विकेंद्रीकरण, वुडरो विल्सन, व्यवहारवाद (राजनीति विज्ञान), खेल सिद्धांत, आंग सान सू की, इब्न खल्दून, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, करणी सिंह, किरण बेदी, कुलीनतावाद, अराजकतावाद, अल-मुस्तसिरीया विश्वविद्यालय, उलरिक़ बेक सूचकांक विस्तार (17 अधिक) »

चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय

चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय (CBLU), हरियाणा के भिवानी में स्थित एक राज्य विश्वविद्यालय है। २०१४ में स्थापित इस विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम है। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक इससे ५२ किमी की दूरी पर है। .

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एना कैस्पारियन

जून 2012 में एना कैस्पारियन अनाहित मिसाक "एना" कैस्पारियन (जन्म: 7 जुलाई 1986) एक अमेरिकी पत्रकार, मेज़बान, निर्माता, और राजनीतिक विशेषज्ञ हैं। वे पहली बार 2007 में इंटरनेट ख़बर प्रॉग्रैम द यंग टर्क्स के लिए अस्थायी निर्माता रही और फिर वे द यंग टर्क्स नैटवर्क के प्रोग्रैम "द पॉइण्ट" की मेज़बान बनी। वे करण्ट टीवी और अल जज़ीरा अमरीका पर भी नज़र आ चुकी हैं। कैस्पारियन की पैदाइश 7 जुलाई 1986, लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया में हुई थी। उनके माँ-बाप अर्मेनियाई मूल के थे। उनकी परवरिश कैलिफ़ोर्निया की रेसेडा उपनगरी में हुई थी। उन्होंने 2004 में वैली अल्टरनेटिव स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की थी। 2007 में उन्होंने कैलिफ़ोर्निया राज्य विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में कला स्नातक की शैक्षिक उपाधि हासिल की थी, इसके अतिरिक्त 2010 में उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की शैक्षिक उपाधि हासिल की थी। वे एक अज्ञेयवादी हैं। .

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एम॰एससी॰

एम॰एससी॰, विज्ञान के विभिन्न विषयों जैसे भौतिकी, रसायन अथवा गणित सहित सामाजिक विज्ञान जैसे राजनीति विज्ञान आदि में १६वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त दी जाने वाली एक स्नातकोत्तर (परास्नातक) उपाधि या मास्टर्स डिग्री का नाम है। en:M.Sc. श्रेणी:शैक्षणिक उपाधियाँ.

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डेविड कैमरन

डैविड विलियम डोनाल्ड कैमरन (जन्म ९ अक्तूबर, १९६६) २०१० से जुलाई २०१६ तक संयुक्त राजशाही के प्रधान मंत्री रह चुके हैं। वे कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता थे तथा ये विटने से संसद सदस्य थे। यूरोपीय संघ की सदस्यता पर हुए जनमत संग्रह में जनता ने संघ को छोड़ने का निर्णय दिया तो उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी। कैमरन ने ब्रेज़नोज़ महाविद्यालय, ऑक्स्फ़ोर्ड से दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र (पीपीई) विषय में १९८८ में प्रथम श्रेणी (ऑनर्स) में स्नातक किया है। इन्हें इनके पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर वर्नॉन बोगडेनॉर "समर्थतम छात्रों में से एक" कहा करते थे। अपने ऑक्सफोर्ड प्रवास काल में ये बुलिंग्डब क्लब के सदस्य रहे थे। इन्हॊने कंज़र्वेटिव अनुसंधान विभाग ज्वाइन किया और नॉर्मन लेमाउण्ट एवं माईकल हावर्ड के विशेष सलाहकार बने। फ़िर ये कार्ल्टन कम्युनिकेशंस के कारपोरेट मामलों के निदेशक पद पर सात वर्ष तक आसीन रहे। कैमरन पहली बार संसद के लिये १९९७ में स्टैफ़्फ़ोर्ड निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में आए। ये यूरोस्केप्टिक मंच पर अपनी पार्टी से उसकी एकल-यूरोपीय मुद्रा (यूरो) में ब्रिटिश सदस्यता विरोधी विचारधारा के कारण उससे अलग हो गए। हालांकि राष्ट्रीय औसत वोटों से कुछ न्यून रहने पर वे हारे भी। इसके बाद उनको संसद सदस्यता हेतु प्रथम विजय २००१ के आम चुनावों में ऑक्स्फ़ोर्डशायर की विट्टने निर्वाचन क्षेत्र से मिली। तब इन्हें आधिकारिक विपक्ष का स्थान मिला। २००५ के आम चुनावों में नीति समन्वय अध्यक्ष भी बने। अपनी युवा एवं उदारवादी प्रत्याशी की छवि के कारण ही २००५ में इन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी के चुनावों में विजय पाई। तब ये प्रथम बार ब्रिटेन के प्रधान मंत्रीबने। .

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तुलनात्मक राजनीति

तुलनात्मक राजनीति (Comparative politics) राजनीति विज्ञान की एक शाखा एवं विधि है जो तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित है। तुलनात्मक राजनीति में दो या अधिक देशों की राजनीति की तुलना की जाती है या एक ही देश की अलग-अलग समय की राजनीति की तुलना की जाती है और देखा जाता है कि इनमें समानता क्या है और अन्तर क्या है।; परिभाषा एडवर्ड फ्रीमैन के अनुसार, तुलनात्मक राजनीति राजनीतिक संस्थाओं एवं सरकारों के विविध प्रकारों का एक तुलनात्मक विवेचन एवं विश्लेषण है। 'रॉल्फ ब्राइबन्टी' के अनुसार "तुलनात्मक राजनीति संपूर्ण सामाजिक व्यवस्था में उन तत्वों की व्याख्या है जो राजनीतिक कार्यों एवं उनके संस्थागत प्रकाशन को प्रभावित करते हैं।" एस कर्टिस के शब्दों में, राजनीतिक संस्थाओं और राजनीतिक व्यवहार की कार्यप्रणाली मे महत्वपूर्ण नियमितताओं, समानताओं और असमानताओं का तुलनात्मक राजनीति से सम्बन्ध है।; तुलनात्मक राजनीति की विशेषताएँ.

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नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (નરેંદ્ર દામોદરદાસ મોદી Narendra Damodardas Modi; जन्म: 17 सितम्बर 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री हैं। भारत के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलायी। वे स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से  जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे । स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया। मोदी ने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। गुजरात लौटने के बाद और 1969 या 1970 में अहमदाबाद चले गए। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975  में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे वे सचिव के पद पर पहुंचे।   गुजरात भूकंप २००१, (भुज में भूकंप) के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और ख़राब सार्वजनिक छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। मोदी जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके प्रशासन को कठोर माना गया है, की आलोचना भी हुई।  हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए । उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज़ की। इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं। .

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नागरिक शास्त्र

तकनीकी तौर पर, नागरिक शास्त्र (Civics) अच्छी नागरिकता का अध्ययन है। दूसरे शब्दों में यह नागरिकता के सैद्धान्तिक, राजनैतिक एवं व्यावहारिक पक्षों का अध्ययन है। इसके अलावा नागरिक शास्त्र में नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का अध्ययन भी किया जाता है। कर्तव्य के अंतर्गत किसी राजनैतिक संस्था के सदस्य के रूप में नागरिकों के एक-दूसरे के प्रति कर्तव्य तथा सरकार के प्रति कर्तव्य आते हैं। नागरिक शास्त्र में नागरिक कानूनों और नागरिक संहिता का अध्ययन तथा नागरिकों के भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए सरकार का अध्ययन आदि सम्मिलित होते हैं। .

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निर्मला जोशी

निर्मला जोशी _ कवियत्रि निर्मला जोशी जन्म: पर्वतीय नगरी - अल्मोड़ा (उ प़्रं) के पंत परिवार में। निवास: भोपाल, म.प्र.

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निकोलो मैकियावेली

मैकियावेली की प्रतिकृति निकोलो मैकियावेली (Niccolò di Bernardo dei Machiavelli) (३ मई १४६९ - २१ जून १५२७) इटली का राजनयिक एवं राजनैतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि एवं नाटककार था। पुनर्जागरण काल के इटली का वह एक प्रमुख व्यक्तित्व था। वह फ्लोरेंस रिपब्लिक का कर्मचारी था। मैकियावेली की ख्याति (कुख्याति) उसकी रचना द प्रिंस के कारण है जो कि व्यावहारिक राजनीति का महान ग्रन्थ स्वीकार किया जाता है। मैकियावेली आधुनिक राजनीति विज्ञान के प्रमुख संस्थापकों में से एक माने जाते हैं। वे एक कूटनीतिज्ञ, राजनीतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि और नाटककार थे। सबसे बड़ी बात कि वे फ्लोरिडा गणराज्य के नौकरशाह थे। 1498 में गिरोलामो सावोनारोला के निर्वासन और फांसी के बाद मैकियावेली को फ्लोरिडा चांसलेरी का सचिव चुना गया। लियानार्डो द विंसी की तरह, मैकियावेली पुनर्जागरण के पुरोधा माने जाते हैं। वे अपनी महान राजनीतिक रचना, द प्रिंस (राजनीतिक शास्त्र), द डिसकोर्स और द हिस्ट्री के लिए मशहूर हुए जिनका प्रकाशन उनकी मृत्यु (1532) के बाद हुआ, हालांकि उन्होंने निजी रूप इसे अपने दोस्तों में बांटा। एकमात्र रचना जो उनके जीवनकाल में छपी वो थी द आर्ट ऑफ वार.

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पार्थ चटर्जी

पार्थ चटर्जी सबाल्टर्न अध्ययन और उत्तर औपनिवेशिक स्कूलों से संबंधित एक भारतीय विद्वान है। इनका जन्म १९४७ में कलकत्ता में हुआ। यह एक बहु-विषयक विद्वान है जिनका विशेष ज़ोर राजनीति विज्ञान, नृविज्ञान और इतिहास पर है। शिक्षा क्षेत्र मैं उनके योगदान के लिए वर्ष २००९ में फुकुओका एशियाई संस्कृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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प्रत्यक्षवाद (राजनीतिक)

राजनीति विज्ञान में प्रत्यक्षवाद (positivism) वह सिद्धान्त है जो केवल वैज्ञानिक पद्धति से प्राप्त ज्ञान को ही अपर्युक्त, विश्वसनीय व प्रामाणिक मानता है। प्रत्यक्षवादियों का मानना है कि प्रत्यक्षवाद विज्ञान की मदद से उद्योग, उत्पादन एवं आर्थिक प्रगति के लिए आशा की किरण है। इस दृष्टि से मार्क्स का वैज्ञानिक भौतिकवाद भी प्रत्यक्षवाद के ही निकट है, क्योंकि मार्क्स ने उसे तर्क की कसौटी पर कसा है। कॉम्टे का कहना है कि ‘‘कोई भी वस्तु सकारात्मक तभी हो सकती है जब उसे इन्द्रिय ज्ञान के द्वारा सिद्ध किया जा सके, अर्थात् देखा, सुना, चखा या अनुभव किया जा सके।’’ व्यवहारवाद के आगमन से राजनीति विज्ञान में परम्परागत राजनीतिक सिद्धान्त का स्थान आधुनिक राजनीतिक सिद्धान्त ने ले लिया। आधुनिक राजनीतिक सिद्धान्त अपने जीवन के प्रारम्भिक बिन्दु पर राजनीति-विज्ञान को मूल्य-निरपेक्ष बनाने पर जोर दिया। इसलिए यह स्वाभाविक है कि ऐसा विज्ञान के अन्तर्गत ही संभव है। व्यवहारवादियों ने राजनीति-विज्ञान को प्राकृतिक विज्ञान की तरह बनाने के लिए वैज्ञानिक पद्धति को अध्ययन व विश्लेषण का आधार बनाया। इसी वैज्ञानिक पद्धति के कारण राजनीति-विज्ञान में प्रत्यक्षवाद की अवधारणा का आगमन हुआ। यद्यपि प्रत्यक्षवाद का प्रयोग यूनानी दर्शन में भी मिलता है। अरस्तु ने वैज्ञानिक पद्धति के आधार के रूप में प्रत्यक्षवाद या सकारात्मकवाद के विचार का ही पोषण किया था। अरस्तु से लेकर ऑस्ट कॉम्टे तक मानव प्रकृति को वैज्ञानिक उपायों द्वारा पूर्णता एवं वैज्ञानिकता को मानव जीवन और व्यवहार का मार्गदर्शक बनाना, यह दोनों ही बातें बहुत से लोगों व विचारकों की मांग रही है। विज्ञान के विकास के साथ-साथ समाज के व्यवहार का हर पहलू भी प्रभावित होने से सामाजिक विज्ञान में वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग होना आम बात है। .

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फ़्रांसिस फ़ुकुयामा

योशिहिरो फ्रांसिस फुकुयामा (Yoshihiro Francis Fukuyama; जन्म: अक्टूबर 27, 1952) अमेरिका के राजनीति विज्ञानी, राजनीतिक अर्थशास्त्री एवं लेखक हैं। वे अपनी पुस्तक इतिहास का अन्त (The End of History and the Last Man) (1992) के कारण प्रसिद्ध हैं। .

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बेनेडिक्ट ऐण्डरसन

बेनेडिक्ट रिचर्ड ओ'गॉर्मन ऐण्डरसन (Benedict Richard O'Gorman Anderson) (जन्म: २६ अगस्त १९३६) एक सामाजिक-राजनीतिक अध्येता और इतिहासकार हैं। इनकी ख्याति १९८३ में प्रकाशित पुस्तक इमेज़िण्ड कम्युनिटीज़ (Imagined Communities) से है, जिसमें इन्होंने राष्ट्र को कल्पित समुदाय के रूप में व्याख्यायित किया और राष्ट्रवाद से संबंधित अवधारणाओं को विनिर्मित करने का प्रयास किया है। .

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भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध

भारत (हरा) तथा संयुक्त राज्य अमेरिका (केशरिया) भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध से आशय भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध से है। यद्यपि भारत १९६१ में गुट निरपेक्ष आन्दोलन की स्थापना करने वाले देशों में प्रमुख था किन्तु शीत युद्ध के समय उसके अमेरिका के बजाय सोवियत संघ से बेहतर सम्बन्ध थे। .

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भारतीय राजनय का इतिहास

यद्यपि भारत का यह दुर्भाग्य रहा है कि वह एक छत्र शासक के अन्तर्गत न रहकर विभिन्न छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित रहा था तथापि राजनय के उद्भव और विकास की दृष्टि से यह स्थिति अपना विशिष्ट मूल्य रखती है। यह दुर्भाग्य उस समय और भी बढ़ा जब इन राज्यों में मित्रता और एकता न रहकर आपसी कलह और मतभेद बढ़ते रहे। बाद में कुछ बड़े साम्राज्य भी अस्तित्व में आये। इनके बीच पारस्परिक सम्बन्ध थे। एक-दूसरे के साथ शांति, व्यापार, सम्मेलन और सूचना लाने ले जाने आदि कार्यों की पूर्ति के लिये राजा दूतों का उपयोग करते थे। साम, दान, भेद और दण्ड की नीति, षाडगुण्य नीति और मण्डल सिद्धान्त आदि इस बात के प्रमाण हैं कि इस समय तक राज्यों के बाह्य सम्बन्ध विकसित हो चुके थे। दूत इस समय राजा को युद्ध और संधियों की सहायता से अपने प्रभाव की वृद्धि करने में सहायता देते थे। भारत में राजनय का प्रयोग अति प्राचीन काल से चलता चला आ रहा है। वैदिक काल के राज्यों के पारस्परिक सम्बन्धों के बारे में हमारा ज्ञान सीमित है। महाकाव्य तथा पौराणिक गाथाओं में राजनयिक गतिविधियों के अनेकों उदाहरण मिलते हैं। प्राचीन भारतीय राजनयिक विचार का केन्द्र बिन्दु राजा होता था, अतः प्रायः सभी राजनीतिक विचारकों- कौटिल्य, मनु, अश्वघोष, बृहस्पति, भीष्म, विशाखदत्त आदि ने राजाओं के कर्तव्यों का वर्णन किया है। स्मृति में तो राजा के जीवन तथा उसका दिनचर्या के नियमों तक का भी वर्णन मिलता है। राजशास्त्र, नृपशास्त्र, राजविद्या, क्षत्रिय विद्या, दंड नीति, नीति शास्त्र तथा राजधर्म आदि शास्त्र, राज्य तथा राजा के सम्बन्ध में बोध कराते हैं। वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, कामन्दक नीति शास्त्र, शुक्रनीति, आदि में राजनय से सम्बन्धित उपलब्ध विशेष विवरण आज के राजनीतिक सन्दर्भ में भी उपयोगी हैं। ऋग्वेद तथा अथर्ववेद राजा को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिये जासूसी, चालाकी, छल-कपट और धोखा आदि के प्रयोग का परामर्श देते हैं। ऋग्वेद में सरमा, इन्द्र की दूती बनकर, पाणियों के पास जाती है। पौराणिक गाथाओं में नारद का दूत के रूप में कार्य करने का वर्णन है। यूनानी पृथ्वी के देवता 'हर्मेस' की भांति नारद वाक चाटुकारिता व चातुर्य के लिये प्रसिद्ध थे। वे स्वर्ग और पृथ्वी के मध्य एक-दूसरे राजाओं को सूचना लेने व देने का कार्य करते थे। वे एक चतुर राजदूत थे। इस प्रकार पुरातन काल से ही भारतीय राजनय का विशिष्ट स्थान रहा है। .

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भुपेन हजारिका

भुपेन हजारिका (ভূপেন হাজৰিকা भूपेन हाजोरिका) (8 सितंबर, 1926- ५ नवम्बर २०११) भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे थे। वे भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया। भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को छुआ। हजारिका की असरदार आवाज में जिस किसी ने उनके गीत "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" सुना वह इससे इंकार नहीं कर सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे। उनहोने फिल्म "गांधी टू हिटलर" में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। .

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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भीमराव आम्बेडकर

भीमराव रामजी आम्बेडकर (१४ अप्रैल, १८९१ – ६ दिसंबर, १९५६) बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता; वह भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और बातचीत में शामिल हो गए, पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत और भारत की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। .

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मनोज टिबड़ेवाल आकाश

मनोज टिबड़ेवाल आकाश (जन्म ३० सितम्बर १९८०) एक भारतीय टीवी एंकर और पत्रकार है, जो दूरदर्शन समाचार से एक दशक तक टेलीविजन न्यूज़ एंकर और वरिष्ठ संवाददाता के रूप में जुड़े रहे। इन्होंने डीडी न्यूज़ पर प्रसारित होने वाले लोकप्रिय टॉक शो, एक मुलाक़ात की मेजबानी की। ये डाइनामाइट न्यूज़ के संस्थापक और प्रधान संपादक है। .

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महमूदा अली शाह

महमूदा अली शाह एक भारतीय शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और सरकारी कॉलेज ऑफ विमेन, एमएए रोड श्रीनगर की प्रधान अध्यापक थी। वह एक करीबी दोस्त और सहयोगी थी इंदिरा गांधी की। उन्होंने शिक्षा के महत्व और उनके सामाजिक सशक्तिकरण के लिए कश्मीर की महिलाओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए काम किया है। भारत सरकार ने भारतीय शिक्षा में उनके योगदान के लिए, २००६ में पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान से उन्हें सम्मानित किया। मेहमूदा अली शाह का जन्म १९२० में दुलहान बेगम और सैयद अहमद अली शाह के घर हुआ। उनके तीन भाई थे। स्थानीय मिशनरी गर्ल्स स्कूल में उनकी पढ़ाई की फिर उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से कला (बीए) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री (एमए)। वह पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर की पहली महिला स्नातकोत्तर के रूप में जानी जाती है। महमूदा श्री नगर लौट आए और एक शिक्षक के रूप में माईसुमा में एक स्थानीय स्कूल में पड़ने लगी फिर तत्कालीन महाराजा द्वारा बारामूला में नया विद्यालय खोला गया और उन्हें प्रमुख शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। वहाँ उन्होंने काफ़ी सालो तक काम किया। और बाद में वह सरकारी कॉलेज ऑफ विमेन, एमएए रोड श्रीनगर की प्रधान अध्यापक बन गई। ११ मार्च २०१४ को ९४ वर्ष की आयु में श्री नगर में उनके निवास पर निधन हो गया। .

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महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ

महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में स्थित एक विश्वविद्यालय है। पहले इसे केवल काशी विद्यापीठ के नाम से ही जाना जाता था किन्तु बाद में इसे भारत के महान नेता महात्मा गाँधी को पुनः समर्पित किया गया और उनका नाम इसके साथ जोड़ दिया गया (११ जुलाई १९९५)। इस विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक एवं अनुसंधान स्तर की शिक्षा उपलब्ध है। विश्वविद्यालय ने देश के प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के सर्वे में देश भर में 13वां स्थान अर्जित किया। .

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मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान

मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (मैसाचुसेट्स इन्स्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी - एमआईटी) (Massachusetts Institute of Technology) कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में स्थित एक निजी शोध विश्वविद्यालय है। एमआईटी में 32 शैक्षणिक विभागों से युक्त पांच विद्यालय और एक महाविद्यालय है, जिसमें वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुसंधान पर विशेष जोर दिया जाता है। एमआईटी दो निजी भूमि अनुदान विश्वविद्यालयों में से एक है और वह समुद्री-अनुदान और अंतरिक्ष-अनुदान विश्वविद्यालय भी है। विलियम बार्टन रोजर्स द्वारा 1861 में संयुक्त राज्य अमेरिका के औद्योगिकीकरण की जरुरतो को ध्यान में रख कर स्थापित किए गए इस विश्वविद्यालय ने यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिमान को अपनाया और इसमें प्रारंभ से ही प्रयोगशाला शिक्षा पर जोर दिया गया। इसका मौजूदा परिसर 1916 में खुला, जो चार्ल्स नदी घाटी के उत्तरी किनारे पर फैला हुआ है। एमआईटी शोधकर्ता द्वितीय विश्वयुद्ध और शीतयुद्ध के दौरान सुरक्षा अनुसंधान के संबंध में कम्प्यूटर, रडार और इनर्टिअल (inertial) मार्गदर्शन रचने के प्रयत्नो में जुड़े हुए थे। पिछले 60 वर्षों में, एमआईटी के शिक्षात्मक कार्यक्रम भौतिक विज्ञान और अभियांत्रिकी से परे अर्थशास्त्र, दर्शन, भाषा विज्ञान, राजनीति विज्ञान और प्रबंधन जैसे सामाजिक विज्ञान तक भी विस्तरीत हुए है। एमआईटी में वर्ष 2009-2010 के पतझड़ के सत्र के लिए अवरस्नातक स्तर पर 4,232 और स्नातक स्तर पर 6,152 छात्रों को प्रवेश दिया गया है। इसमें करीबन 1,009 संकाय सदस्यों को रोजगार प्रदान किया है। इसकी बंदोबस्ती और अनुसंधान पर वार्षिक व्यय अन्य किसी भी अमेरिकी विश्वविद्यालयो में से सबसे अधिक है। अब तक 75 नोबल पुरस्कार विजेता, 47 राष्ट्रीय विज्ञान पदक प्रापक और 31 मैकआर्थर अध्येता इस विश्वविद्यालय के साथ वर्तमान या भूतपूर्व समय में सम्बद्ध रहे है। एमआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित कंपनियों का एकत्रित राजस्व विश्व की सबसे बड़ी सत्तरहवीं अर्थव्यवस्था है। इंजिनीयर्स द्वारा 33 खेल प्रायोजित है, जिनमें से ज्यादातर NCAA श्रेणी III के न्यू इंग्लैंड महिला और पुरुषों के व्यायामी सम्मेलन में भाग लेते है, श्रेणी I के नौकायन कार्यक्रम EARC और EAWRC प्रतिस्पर्धा के भाग है। .

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मीनाक्षी जैन

मीनाक्षी जैन एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और 'हिंदू सही' अनुनय के इतिहासकार है। वह विवादास्पद इतिहास पाठ्यपुस्तक मध्ययुगीन भारत की लेखिका हैं। उनकी हाल की पुस्तक, राम और अयोध्या, अयोध्या विवाद पर एक हिंदू परिप्रेक्ष्य निर्धारित करती है। मीनाक्षी जैन पत्रकार टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व संपादक गिलिल जैन की बेटी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी प्राप्त की। उन्होंने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के एक साथी के रूप में भी काम किया था। फिहाल जैन दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध गर्गि कॉलेज में इतिहास के एक सहायक प्रोफेसर हैं। .

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योगेन्द्र नारायण

योगेन्द्र नारायण (जन्म: 26 जून 1942, इलाहाबाद) 1965 बैच के एक भारतीय आई॰ए॰एस॰ अधिकारी हैं जो अपनी ईमानदार छवि और वक़्त की पाबन्दी के लिये जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव, केन्द्र सरकार में रक्षा सचिव और राज्य सभा में महासचिव रह चुके योगेन्द्र नारायण इस समय रिलाइंस पावर इण्डस्ट्रीज़ की ऑडिट कमेटी के सदस्य हैं। उन्होंने अंग्रेजी में कई पुस्तकें भी लिखी हैं। राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ लम्बे प्रशासनिक अनुभव के मद्देनज़र योगेन्द्र नारायण विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर अपनी बेवाक राय व्यक्त करते रहते हैं। 42 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहने के उपरान्त अवकाश प्राप्त कर वे आजकल अपने परिवार के साथ नोएडा में रह रहे हैं। .

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राबर्ट फिस्क

रॉबर्ट फिस्क (Robert Fisk जन्म: 12 जुलाई 1946) मेडस्टोन, केंट के रहने वाले एक ब्रिटिश पत्रकार एवं लेखक हैं, जो कि मध्य पूर्व में अपनी बहादुर पत्रकारी के लिए जाने जाते हैं। फिस्क १२ वर्षों से ज्यादा समय तक अंग्रेज़ी अख़बार द इंडिपेंडेंट के लिए मध्य पूर्व के मुख्यत: बेरुत में संवाददाता रह चुके हैं। किसी भी अन्य पत्रकार कि तुलना में फिस्क को पत्रकारिता से संबन्धित कहीं अधिक ब्रिटिश व अंतरराष्ट्रिय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें ७ बार ब्रिटेन का वार्षिक अंतरराष्ट्रिय पत्रकार पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने विभिन्न युद्धों व सैन्य टकरावटों पे किताबें प्रकाशित की हैं। अरबी भाषा बोलने वाले वे उन कुछेक ऐसे पश्चिमी पत्रकारों में हैं जिन्होने ओसामा बिन लादेन का साक्षात्कार किया है। १९९३ से १९९७ के बीच में उन्होने ऐसा ३ बार किया है। .

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राजनीति

नागरिक स्तर पर या व्यक्तिगत स्तर पर कोई विशेष प्रकार का सिद्धान्त एवं व्यवहार राजनीति (पॉलिटिक्स) कहलाती है। अधिक संकीर्ण रूप से कहें तो शासन में पद प्राप्त करना तथा सरकारी पद का उपयोग करना राजनीति है। राजनीति में बहुत से रास्ते अपनाये जाते हैं जैसे- राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाना, कानून बनाना, विरोधियों के विरुद्ध युद्ध आदि शक्तियों का प्रयोग करना। राजनीति बहुत से स्तरों पर हो सकती है- गाँव की परम्परागत राजनीति से लेकर, स्थानीय सरकार, सम्प्रभुत्वपूर्ण राज्य या अन्तराष्ट्रीय स्तर पर। .

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राजनीतिक दर्शन

राजनीतिक दर्शन (Political philosophy) के अन्तर्गत राजनीति, स्वतंत्रता, न्याय, सम्पत्ति, अधिकार, कानून तथा सत्ता द्वारा कानून को लागू करने आदि विषयों से सम्बन्धित प्रश्नों पर चिन्तन किया जाता है: ये क्या हैं, उनकी आवश्यकता क्यों हैं, कौन सी वस्तु सरकार को 'वैध' बनाती है, किन अधिकारों और स्वतंत्रताओं की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है, विधि क्या है, किसी वैध सरकार के प्रति नागरिकों के क्या कर्त्तव्य हैं, कब किसी सरकार को उकाड़ फेंकना वैध है आदि। प्राचीन काल में सारा व्यवस्थित चिंतन दर्शन के अंतर्गत होता था, अतः सारी विद्याएं दर्शन के विचार क्षेत्र में आती थी। राजनीति सिद्धान्त के अन्तर्गत राजनीति के भिन्न भिन्न पक्षों का अध्ययन किया जाता हैं। राजनीति का संबंध मनुष्यों के सार्वजनिक जीवन से हैं। परम्परागत अध्ययन में चिन्तन मूलक पद्धति की प्रधानता थी जिसमें सभी तत्वों का निरीक्षण तो नहीं किया जाता हैं, परन्तु तर्क शक्ति के आधार पर उसके सारे संभावित पक्षों, परस्पर संबंधों प्रभावों और परिणामों पर विचार किया जाता हैं। .

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राजनीतिक समाजशास्त्र

19वीं शताब्दी में राज्य और समाज के आपसी सम्बन्ध पर वाद-विवाद शुरू हुआ तथा 20वीं शताब्दी में, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सामाजिक विज्ञानों में विभिन्नीकरण और विशिष्टीकरण की उदित प्रवृत्ति तथा राजनीति विज्ञान में व्यवहारवादी क्रान्ति और अन्तः अनुशासनात्मक उपागम के बढ़े हुए महत्व के परिणामस्वरूप जर्मन और अमरीकी विद्वानों में राजनीतिक विज्ञान के समाजोन्मुख अध्ययन की एक नूतन प्रवृत्ति शुरू हुई। इस प्रवृत्ति के परिणामस्वरूप राजनीतिक समस्याओं की समाजशास्त्रीय खोज एवं जांच की जाने लगी। ये खोजें एवं जांच न तो पूर्ण रूप से समाजशास्त्रीय थीं और न ही पूर्णतः राजनीतिक। अतः ऐसे अध्ययनों को ‘राजनीतिक समाजशास्त्र’ के नाम से पुकारा जाने लगा। .

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राजनीतिक अर्थशास्त्र

राजनीतिक अर्थशास्त्र (Political economy) किसी समाज में राजनीतिक और आर्थिक सत्ता के बँटवारे की जानकारी देते हुए बताता है कि सत्ता का यह वितरण वैकासिक और अन्य नीतियों पर किस तरह का प्रभाव डाल रहा है। इसी बात को इस तरह भी कहा जा सकता है कि राजनीतिक अर्थशास्त्र उन बुद्धिसंगत फ़ैसलों का अध्ययन करता है जो राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं के संदर्भ में लिए जाते हैं। इस अध्ययन में तर्कसंगत आधारों की रोशनी में समष्टिगत प्रभावों पर ग़ौर किया जाता है। मूलतः उत्पादन एवं व्यापार, तथा इनका विधि, प्रथा, सरकार से सम्बन्ध और राष्ट्रीय आय एवं सम्पदा के वितरण के अध्ययन को 'राजनीतिक अर्थशास्त्र' कहा गया था। राजनीतिक अर्थशास्त्र की उत्पत्ति नैतिक दर्शन (moral philosophy) से हुई। अट्ठारहवीं शताब्दी में इसका विकास राज्य के अर्थतंत्र या पॉलिटी (polities) के अध्ययन के उद्देश्य से किया गया था, इसी लिए इसका नाम 'पॉलिटिकल इकनॉमी' पड़ा। .

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राजस्थान विश्वविद्यालय

राजस्थान विश्वविद्यालय, राजस्थान का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यह मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य, एवं विधि अध्ययन आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य में संलग्न भारत के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से है। .

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राज्यवाद

राजनीति विज्ञान में, इस धारणा को राज्यवाद (statism) कहते हैं जो विश्वास करती है कि राज्य को ही आर्थिक नीति या/और सामाजिक नीति को कुछ सीमा तक नियंत्रित करना चाहिये। वास्तव में राज्यवाद, अराजकवाद का विलोम शब्द है। श्रेणी:राजनीतिक सिद्धान्त श्रेणी:आर्थिक विचारधारा *.

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लोक प्रशासन

लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है। इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं। जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है। किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं। प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है। .

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लोक प्रशासन का इतिहास

एक व्यवस्थित अध्ययन के रूप में लोक-प्रशासन का विकास अभी नया ही है। लोक-प्रशासन के शैक्षिक अध्ययन का प्रारम्भ करने का श्रेय वुडरो विल्सन को जाता है जिसने १८८७ में प्रकाशित अपने लेख ‘द स्टडी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन' में इस शास्त्र के वैज्ञानिक आधार को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस लेख में राजनीति तथा प्रशासन के बीच स्पष्ट भिन्नता दिखाई गई और घोषित किया गया कि प्रशासन की राजनीति से दूर रहना चाहिए। इसी को तथाकथित ‘राजनीति-प्रशासन-द्विभाजन’ कहते हैं। लोक प्रशासन का इतिहास निम्नलिखित 5 चरणों में विभाज्य है- .

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लोकनीति

लोकनीति अथवा 'सार्वजनिक नीति' (Public policy) वह नीति है जिसके अनुसार राज्य के प्रशासनिक कार्यपालक अपना कार्य करते हैं। बहुत से विचारकों का मत है कि लोक प्रशासन, लोकनीति को लागू करने और उसकी पूर्ति के लिये लागू की गयी गतिविधियों का योग है। सावर्जनिक नीति का अध्ययन अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में प्रमुखता से किया जाता है। सार्वजनिक नीति सामान्यतया अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, शिक्षा, तकनीकी एवं सामाजिक नीतियों जैसे सामान्य शीर्षकों में वर्गीकृत की जाती है। हम सब अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में असंख्य सार्वजनिक नीतियों से अत्यन्त प्रभावित हैं। सार्वजनिक नीति की पहुँच व्यापक है, अत्यावश्यक से नगण्य तक। सार्वजनिक नीतियाँ आज प्रतिरक्षा, पर्यावरण सरंक्षण, चिकित्सकीय देखभाल एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह निर्माण, कराधान, महँगाई, विज्ञान और तकनीकी इत्यादि मूलभूत क्षेत्रों से संबंधित है। सार्वजनिक नीतियां सूक्ष्म स्तर से वृहत स्तर तक अनेक पक्षों के साथ व्यवहार करती है। इसका संबंध चाहे आन्तरिक घरेलू पक्षों से हो या बाह्य विदेशी मामले से। घरेलू क्षेत्र में, सार्वजनिक नीतियां सूक्ष्म स्तर के किसी विशिष्ट गाँव पर ध्यान केन्द्रित कर सकती है या किसी विशिष्ट खण्ड या समुदाय से संबंधित हो सकती है। इसी तरह सार्वजनिक नीतियाँ स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सरकार से संबंधित हो सकती है। सार्वजनिक नीति विदेशी मामले, शिक्षा, प्रतिरक्षा, कृषि, गृह निर्माण, शहरी विकास, सिंचाई आदि से जुड़ी हो सकती है। सार्वजनिक नीतियों का विस्तार अत्यन्त नगण्य पक्ष से लेकर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पक्ष तक हो सकता है। इसमें किसी राष्ट्रीय नेता की स्मृति में राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने और इसके तहत सैकड़ों करोड़ रूपये की मजदूरी देना भी सम्मिलित है। आधुनिक मनुष्य का जन्म सरकार द्वारा प्रदत्त वित्तय सहायता वाले चिकित्सालय में होता है। वह अपनी शिक्षा राज्य सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में प्राप्त करता है, अपने समय का काफी हिस्सा राज्य द्वारा निर्मित परिवहन सुविधाओं से यात्रा करते हुए गुजारता है, डाक घर या अर्द्ध राजकीय दूरभाष प्रणाली का उपयोग संचार हेतु करता है, राज्य द्वारा व्यवस्था किये पेय जल के पीता है, अपने कूड़े-कचरे का निपटान सावर्जनिक स्वच्छता प्रणाली के माध्यम से करता है, सार्वजनिक पस्तकालय से पुस्तकें पढ़ता है, सार्वजनिक पार्कों में पिकनिक मनाता है तथा सार्वजनिक पुलिस, अग्निशमन एवं स्वास्थ्य प्रणाली से लाभान्वित होता है। अन्ततोगत्वा, उसकी मृत्यु चिकित्सालय में होती है, और हो सकता है कि उसको सार्वजनिक शमशान में दफनाया जाये। मनुष्य कितना ही रूढ़िवादी क्यों न हो, वह अपना दिन प्रतिदिन का जीवन उपर्युक्त या अन्य कई सार्वजनिक सेवाओं के संबंध में सरकार के निर्णय से बंधा हुआ पाता है। लोक प्रशासन का राजनीति विज्ञान के समानान्तर अध्ययन के एक क्षेत्र के रूप में प्रादुर्भाव होने तथा एक अलग शैक्षणिक विभाग के रूप में उभरने के साथ ही, 1960 के दशक में सार्वजनिक नीति को राजनीति विज्ञान के अंतर्गत अध्ययन के एक उपक्षेत्र के नाते मान्यता मिली। ‘सार्वजनिक नीति‘ सावर्जनिक मामलों के प्रति सरकार के रूख का सैद्धान्तिक अध्ययन करती है। राजनीति विज्ञान का बल सिद्धान्त पर, तथा साजर्वनिक नीति का बल उसके अनुप्रयोग पर होता है। .

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शब्दकोश

शब्दकोश (अन्य वर्तनी:शब्दकोष) एक बडी सूची या ऐसा ग्रंथ जिसमें शब्दों की वर्तनी, उनकी व्युत्पत्ति, व्याकरणनिर्देश, अर्थ, परिभाषा, प्रयोग और पदार्थ आदि का सन्निवेश हो। शब्दकोश एकभाषीय हो सकते हैं, द्विभाषिक हो सकते हैं या बहुभाषिक हो सकते हैं। अधिकतर शब्दकोशों में शब्दों के उच्चारण के लिये भी व्यवस्था होती है, जैसे - अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि में, देवनागरी में या आडियो संचिका के रूप में। कुछ शब्दकोशों में चित्रों का सहारा भी लिया जाता है। अलग-अलग कार्य-क्षेत्रों के लिये अलग-अलग शब्दकोश हो सकते हैं; जैसे - विज्ञान शब्दकोश, चिकित्सा शब्दकोश, विधिक (कानूनी) शब्दकोश, गणित का शब्दकोश आदि। सभ्यता और संस्कृति के उदय से ही मानव जान गया था कि भाव के सही संप्रेषण के लिए सही अभिव्यक्ति आवश्यक है। सही अभिव्यक्ति के लिए सही शब्द का चयन आवश्यक है। सही शब्द के चयन के लिए शब्दों के संकलन आवश्यक हैं। शब्दों और भाषा के मानकीकरण की आवश्यकता समझ कर आरंभिक लिपियों के उदय से बहुत पहले ही आदमी ने शब्दों का लेखाजोखा रखना शुरू कर दिया था। इस के लिए उस ने कोश बनाना शुरू किया। कोश में शब्दों को इकट्ठा किया जाता है। .

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शमा जैन

शमा जैन(जन्म:10 सितंबर 1959) एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक है, जिन्हें जून 2017 में ग्रीस में भारतीय राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है। वे वर्ष 1983 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं। इसके पूर्व वे कोत द'ईवोआर के भारतीय राजदूत रह चुके हैं। साथ ही इन्हें सिएरा लियोन, लाइबेरिया और गिनी हेतु भी समवर्ती मान्यता दी गयी थी। .

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शक्ति मोहन

शक्ति मोहन (अंग्रेजी: Shakti Mohan) भारत से एक समकालीन नर्तकी है। वह ज़ी टीवी के नृत्य रियलिटी शो डांस इंडिया डांस (सीज़न 2) की विजेता रही थी। शक्ति ने ज़ी टीवी से 50 लाख का नकद पुरस्कार और एक सुजुकी वैगनार जीता। शक्ति तीस मार खान् फिल्म के शीर्षक गीत के वीडियो पर संक्षिप्त उपस्थित है। वह दैनिक ओपेरा चैनल वी पर दिल दोस्ती डांस पर क्रिया निभाती है और दुनिया भर के विभिन्न शो में प्रदर्शन करती है। .

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श्रेणी समाजवाद

श्रेणी समाजवाद (Guild socialism) एक राजनैतिक आन्दोलन है जो उद्योगों पर श्रमिकों के नियंत्रण का पक्षधर है। इसका जन्म यूनाइटेड किंगडम में हुआ तथा बीसवीं शताब्दी के प्रथम चतुर्थांश में सर्वाधिक प्रभावशाली रहा। यह आन्दोलन सी डी एच कोल (G. D. H. Cole) से मजबूती से जुड़ा था और विलियम मोरिस के विचारों से प्रभावित था। .

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श्री शङ्कराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला

श्री शंकराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला का प्रतीकचिह्न श्री शंकराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला (या, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय) केरल में कोच्चि के निकट कालटि में स्थापित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९९३ में हुई थी। इसका नाम आदि शंकराचार्य के नाम पर किया गया है। यह पूर्णा नदी के तट पर स्थित है। विश्वविद्यालय का आदर्शवाक्य है: ज्ञानादेव तु कैवल्यम् (ज्ञान से की कैवल्य प्राप्त होता है।) यह विश्वविद्यालय संस्कृत तथा अन्य भाषाओं की पाण्डुलिपियों के प्रकाशन एवं संरक्षण के लिये कार्य करती है। इसके नौ क्षेत्रीय केन्द्र हैं- कालटि (मुख्य केन्द्र), तिरुवनन्तपुरम, त्रिश्शूर, पन्मन, तुरवूर, एर्रुमानूर, तिरूर, कोइलाण्टि और पय्यन्नूर। .

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शोनाली बोस

शोनाली बोस (जन्म 3 जून 1965) एक भारतीय फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता है। उसे जीवनीपरक सामाजिक नाटक एमयू (2005) के लिए जाना जाता है, जो उसके इसी नाम के स्वयं के उपन्यास पर आधारित था। एमयू, जो  दिल्ली में 1984 में सिखों पर नरसंहार हमलों  के दफन इतिहास की पड़ताल करती है, रिलीज होने पर इसे समीक्षकों द्वारा बहुत पसंद किया गया और इस ने उस के लिए अंग्रेज़ी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारअर्जित किया।  उनकी अगली फिल्म ड्रामा 2015 में मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ, भी एक प्रमुख महत्वपूर्ण और व्यावसायिक सफलता थी। .

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समाजशास्त्र

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड.

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सामाजिक विज्ञान

सामाजिक विज्ञान (Social science) मानव समाज का अध्ययन करने वाली शैक्षिक विधा है। प्राकृतिक विज्ञानों के अतिरिक्त अन्य विषयों का एक सामूहिक नाम है 'सामाजिक विज्ञान'। इसमें नृविज्ञान, पुरातत्व, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, विधि, भाषाविज्ञान, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और संचार आदि विषय सम्मिलित हैं। कभी-कभी मनोविज्ञान को भी इसमें शामिल कर लिया जाता है। .

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सामाजिक इंजीनियरी (सुरक्षा)

सूचना सुरक्षा के सन्दर्भ में सामाजिक इंजीनिअरी (Social engineering) वह कला है जिसकी सहायता से कोई दूसरे व्यक्तियों को अपनी इच्छा के अनुरूप कार्य करने के लिए या कुछ गोपनीय सूचनाएँ उगलने के लिए तैयार कर देती है। यह एक प्रकार की विश्वास युक्ति (कॉनफिडेन्स ट्रिक) या दूसरों को विश्वास में लेकर धोखा देना है। यह सुविदित है कि किसी संस्था के सदस्यों का व्यवहार उस संस्था के सूचना-सुरक्षा को पुष्ट या लचर बना सकता है। यदि कोई 'घर का भेदी' अज्ञानतावश दूसरे के बहकावे में आ जाय तो संस्था की सूचना-सुरक्षा को बहुत हानि पहुँच सकती है। .

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सामाजिक अध्ययन

सामाजिक अध्ययन सामाजिक विज्ञान, मानविकी और इतिहास का समाकलित अध्ययन हैं। शालेय कार्यक्रम में, सामाजिक अध्ययन, एक समन्वित व्यवस्थित अध्ययन प्रदान करता है, जो मानवशास्त्र, पुरातत्वशास्त्र, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, विधिशास्त्र, दर्शन, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, धर्म, और समाजशास्त्र जैसे अनुशासनों से, और साथ ही, मानविकी, गणित, और प्राकृतिक विज्ञान की उचित सामग्री से, लिया जाता हैं। .

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संगठनात्मक विकास

संगठनात्मक विकास (OD) किसी संगठन की प्रभावकारिता और व्यावहारिकता को बढ़ाने के लिये एक नियोजित, संगठन-स्तरीय प्रयास होता है। वॉरेन बेनिस (Warren Bennis) ने OD का उल्लेख परिवर्तन के प्रति एक प्रतिक्रिया, एक जटिल शिक्षात्मक रणनीति के रूप में किया है, जिसका उद्देश्य संगठन के विश्वासों, दृष्टिकोणों, मूल्यों और संरचना को बदलना होता है, ताकि उन्हें नई प्रौद्योगिकियों, विपणन और चुनौतियों, तथा स्वतः परिवर्तन की आश्चर्यचकित कर देने वाली दर के साथ बेहतर ढंग से अनुकूलित किया जा सके.

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स्टैटा

स्टैटा के साधारण उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तय्यार किया गया सांख्यिकी विश्लेषण से जुड़ा सॉफ्टवेयर पैकेज है। इसे 1985 में स्टैटाकॉर्प ने तय्यार किया था। इसके अधिकांश उपयोगकर्ता शोध करते हैं, विशेष रूप से अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, चिकित्सा जीवविज्ञान और महामारी विज्ञान के क्षेत्रों में। .

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सैली राइड

सैली क्रिस्टेन राइड एक अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और अंतरिक्ष यात्री थी। उनका जन्म 26 मई, १९५१ को लॉस एंजेलिस में हुआ था। वह १९७८ में NASA में शामिल हुई और १९८३ में वह पहली अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बनी। परन्तु अंतरिक्ष में जाने वाली वह तीसरी महिला थी। सैली राइड सबसे कम उम्र की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थी जो मात्र 32 साल की उम्र में ही अंतरिक्ष की यात्रा की थी। नेत्र-कक्षीय चुनौती में दो बार उड़ान भरने के बाद १९८७ में सैली राइड ने नासा छोड़ दिया था। उसके बाद उन्होंने दो साल भौतिक विज्ञान की प्रोफेसर के रूप में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और शस्त्र नियंत्रण, कैलिफोर्निया में, सैन डिएगो विश्वविद्यालय में और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंटर में काम किया और फिर मुख्य रूप से प्रकाशिक विषम दैशिकता और त्रिज्या या थॉमसन बिखरने शोध पर अनुसंधान किया। .

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से॰रा॰ यात्री

से.रा.यात्री (मूल नाम: सेवा राम यात्री, जन्म 10 जुलाई 1932) एक भारतीय लेखक, कथाकार, व्यंग्यकार और उपन्यासकार हैं। 1971 ई. में 'दूसरे चेहरे' नामक कथा संग्रह से शुरू हुई उनकी साहित्यिक यात्रा अनवरत जारी है। तकरीबन चार दशकों के अपने लेखकीय यात्रा में उन्होंने 18 कथा संग्रह, 33 उपन्यास, 2 व्यंग्य संग्रह, 1 संस्मरण तथा 1 संपादित कथा संग्रह हिंदी जगत के पाठकों को दी है। हाल ही में उत्‍तर प्रदेश सरकार ने उन्‍हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से संचालित पुरस्कार योजना के तहत 2008 का महात्‍मा गांधी पुरस्‍कार दिये जाने की घोषणा की है। .

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सीताराम अग्रहरि

सीताराम अग्रहरि 'प्रकाश' (जन्म: १९५७) नेपाल के कवि, साहित्यकार एवं प्रख्यात पत्रकार हैं। वे नेपाल के सबसे पुराने समाचार पत्र गोरखापत्र के प्रधान संम्पादक हैं। .

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हिलेरी रोढम क्लिंटन

हिलेरी क्लिंटन हिलेरी डायेन रोढम क्लिंटन (जन्म: 26 अक्टुबर, या हिलेरी क्लिंटन 1947) अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रांत से कनिष्ठ (जूनियर) सेनेटर हैं। वे अमेरिका के बयालीसवें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हैं और सन् 1993 से 2001 तक अमेरिका की प्रथम महिला रहीं। हिलेरी 2008 में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी की अग्रणी उम्मीदवार रहीं। 5 जून, 2008 को यह लगभग तय हो गया कि बराक ओबामा की उम्मीदवारी के समर्थन में उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी अपनी दावेदारी छोड़ देंगी। हिलेरी अमेरिका के इलिनॉय प्रांत की रहने वाली हैं। 1969 में वेलेस्ले विश्विद्यालय, जहाँ से वे राजनीति विज्ञान में स्नात्कोत्तर (पोस्ट-ग्रैजुट) हैं, में अपने विवादास्पद कमेंसमेंट भाषण से वे राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गईं। 1973 में येल लॉ स्कूल से स्नातक होने के उपरांत उन्होंने अपना पेशा एक अधिवक्ता के रूप में अमरीका के अरकांसास प्रांत में शुरु किया। 1988 तथा 1991 में उन्हें अमरीका के सौ सबसे प्रभावशाली वकीलों में सूचीबद्ध किया गया। अमेरिकी सेनेटर के रूप में अपना पहला कार्यकाल उन्होंने 3 जनवरी, 2001 मेंचित्र:Hillary Rodham Clinton.jpg|right|thumb|हिलेरी क्लिंटन हिलेरी अमेरिका के इलिनॉय प्रांत की रहने वाली हैं। 1969 में वेलेस्ले विश्विद्यालय, जहाँ से वे राजनीति विज्ञान में स्नात्कोत्तर (पोस्ट-ग्रैजुट) हैं, में अपने विवादास्पद कमेंसमेंट भाषण से वे राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गईं। 1973 में येल लॉ स्कूल से स्नातक होने के उपरांत उन्होंने अपना पेशा एक अधिवक्ता के रूप में अमरीका के अरकांसास प्रांत में शुरु किया। 1988 तथा 1991 में उन्हें अमरीका के सौ सबसे प्रभावशाली वकीलों में सूचीबद्ध किया गया। अमेरिकी सेनेटर के रूप में अपना पहला कार्यकाल उन्होंने 3 जनवरी, 2001 में शुरु किया। आप सब को सुचना देते हुऐ की,,अमेरिका,,, की नई,,राष्ट्पति,, होंगी। अमेरिका में होने वाले चुनाव में विजयी होंगी,,,,विनोद मेघवानी,,,छत्तीसगढ़ पार्टी इंडिया। शुरु किया। .

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हैरिएट हर्मन

हैरिएट रुथ हर्मन (जन्म: ३० जुलाई १९५०), महारानी एलिज़ाबेथ II की सलाहकार समिति की सदस्य, एक ब्रिटिश अधिवक्ता और राजनेत्री हैं। यह २०१५ से लेबर पार्टी की कार्यकारी नेता और यूनाइटेड किंगडम की संसद में नेता विपक्ष भी हैं। यह १९८२ से यूके की सांसद हैं जब यह पहली बार १९८२ में पेकहम से और फिर १९९७ में कैंबरवेल व पेकहम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुनी गईं थीं। स्त्री अधिकारों के लिए लड़ने वाली हर्मन एक प्रखर महिलावादी नेता के रूप में भी जानी जाती हैं। इन्होंने जोर दे कर कहा है "मैं लेबर पार्टी में इसलिए हूँ क्यूंकि मैं एक महिलावादी हूँ। मैं लेबर पार्टी में इसलिए हूँ क्यूंकि मैं समानता में यकीन रखती हूँ।" लदंन में पिता डॉक्टर जॉन बी.

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जातीय समूह

जातीय समूह मनुष्यों का एक ऐसा समूह होता है जिसके सदस्य किसी वास्तविक या कल्पित सांझी वंश-परंपरा के माध्यम से अपने आप को एक नस्ल के वंशज मानते हैं।1987 स्मिथ यह सांझी विरासत वंशक्रम, इतिहास, रक्त-संबंध, धर्म, भाषा, सांझे क्षेत्र, राष्ट्रीयता या भौतिक रूप-रंग (यानि लोगों की शक्ल-सूरत) पर आधारित हो सकती है। एक जातीय समूह के सदस्य अपने एक जातीय समूह से संबंधित होने से अवगत होते हैं; इसके अलावा जातीय पहचान दूसरों द्वारा उस समूह की विशिष्टता के रूप में पहचाने जाने से भी चिह्नित होती है।"एन्थ्रोपोलोजी.

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जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक

जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (जन्म २१ फरवरी १९८०) भूटान के पांचवें राजा एवं वांगचुक वंश के मुखिया हैं। वे किसी भी देश के सबसे कम उम्र के राष्ट्राध्यक्ष हैं। श्री खेसर भूटान के राजा जिग्मे सिंघे वांगचुक एवं उनकी तीसरी पत्नी रानी अशी के सबसे बडे़ पुत्र हैं। .

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विक्रम सेठ

विक्रम सेठ विक्रम सेठ (जन्म 20 जून, 1952) भारतीय साहित्य में एक जाने माने नाम है। मुख्य रूप से ये उपन्यासकार और कवि हैं। इनकी पैदाइश और परवरिश कोलकाता में हुई। दून स्कूल और टानब्रिज स्कूल में इनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में इन्होंने दर्शनशास्त्र राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र का अध्यन किया, बाद में इन्होंने नानजिंग विश्वविद्यालय में क्लासिकल चीनी कविता का भी अध्यन किया। उन्हें उनके चार प्रमुख उपन्यासों के लिये जाना जाता है.

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विकेंद्रीकरण

विकेन्द्रीकरण अथवा विकेंद्रीकरण कार्यों, शक्तियों, लोगों को या चीजों को केंद्रीय स्थान या प्राधिकारी से हटाकर पुनः विभाजित करने की प्रक्रिया को कहतेjhhh हैं। जबकि केन्द्रीकरण मुख्यतः सरकारी क्षेत्रों में किया जाने वाला और व्यापकर रूप से अध्ययन किया जाने वाला विषय है जिसके समान विकेन्द्रीकरण को सामान्य रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता। विकेन्द्रीकरण का अर्थ भिन्न क्षेत्रों में, इसको लागू करने के तरीकों के अनुसार भिन्न हो सकता है। विकेन्द्रीकरण की अवधारणा को निजी व्यवसायों और संगठनों में समूह गतिकी और प्रबंधन विज्ञान, राजनीति विज्ञान, विधि, लोक प्रशासन, अर्थशास्त्र और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में लागू किया जाता है। .

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वुडरो विल्सन

वुडरो विल्सन (Woodrow Wilson) (१८५६-१९२४) अमेरिका के २८ वें राष्ट्रपति थे। विल्सन को लोक प्रशासन के प्रकार्यों की व्याख्या करने वाले अकादमिक विद्वान, प्रशासक, इतिहासकार, विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है। .

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व्यवहारवाद (राजनीति विज्ञान)

राजनीति-विज्ञान में व्यवहारवाद (बिहेवियरलिज़म) एक ऐसा प्रभावशाली राजनीतिक सिद्धांत है जिसने राजनीतिक अध्ययन करने में मूल्यों को तरजीह देने का विरोध किया। यह राजनीति को प्राकृतिक विज्ञानों के तर्ज़ पर समझना चाहती है। व्यवहारवादी विद्वानों ने राजनीति को एक प्रणाली के रूप में देखा और गुणात्मक के बजाय मात्रात्मक विश्लेषण पर ज़ोर दे कर उसे एक विशुद्ध विज्ञान बनाने की कोशिश की। अमेरिकी वैज्ञानिक के अनुसार वाहयरवाद को कुछ भी नही किया .

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खेल सिद्धांत

खेल सिद्धांत या गेम थ्योरी (game theory) व्यवहारिक गणित की एक शाखा है जिसका प्रयोग समाज विज्ञान, अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान, इंजीनियरिंग, राजनीति विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, कम्प्यूटर साइंस और दर्शन में किया जाता है। खेल सिद्धांत कूटनीतिक परिस्थितियों में (जिसमें किसी के द्वारा विकल्प चुनने की सफलता दूसरों के चयन पर निर्भर करती है) व्यवहार को बूझने का प्रयास करता है। यूँ तो शुरू में इसे उन प्रतियोगिताओं को समझने के लिए विकसित किया गया था जिनमें एक व्यक्ति का दूसरे की गलतियों से फायदा होता है (ज़ीरो सम गेम्स), लेकिन इसका विस्तार ऐसी कई परिस्थितियों के लिए करा गया है जहाँ अलग-अलग क्रियाओं का एक-दूसरे पर असर पड़ता हो। आज, "गेम थ्योरी" समाज विज्ञान के तार्किक पक्ष के लिए एक छतरी या 'यूनीफाइड फील्ड' थ्योरी की तरह है जिसमें 'सामाजिक' की व्याख्या मानव के साथ-साथ दूसरे खिलाड़ियों (कम्प्युटर, जानवर, पौधे) को सम्मिलित कर की जाती है। गेम थ्योरी के पारंपरिक अनुप्रयोगों में इन गेमों में साम्यावस्थाएं खोजने का प्रयास किया जाता है। साम्यावस्था में गेम का प्रत्येक खिलाड़ी एक नीति अपनाता है जो वह संभवतः नहीं बदलता है। इस विचार को समझने के लिए साम्यावस्था की कई सारी अवधारणाएं विकसित की गई हैं (सबसे प्रसिद्ध नैश इक्विलिब्रियम)। साम्यावस्था के इन अवधारणाओं की अभिप्रेरणा अलग-अलग होती है और इस बात पर निर्भर करती है कि वे किस क्षेत्र में प्रयोग की जा रहीं हैं, हालाँकि उनके मायने कुछ हद तक एक दूसरे में मिले-जुले होते हैं और मेल खाते हैं। यह पद्धति आलोचना रहित नहीं है और साम्यावस्था की विशेष अवधारणाओं की उपयुक्तता पर, साम्यवास्थाओं की उपयुक्तता पर और आमतौर पर गणितीय मॉडलों की उपयोगिता पर वाद-विवाद जारी रहते हैं। हालाँकि इसके पहले ही इस क्षेत्र में कुछ विकास चुके थे, गेम थ्योरी का क्षेत्र जॉन वॉन न्युमन्न और ऑस्कर मॉर्गनस्टर्न की 1944 की पुस्तक थ्योरी ऑफ गेम्स ऐंड इकोनोमिक बिहेविअर के साथ आस्तित्व में आया। इस सिद्धांत का विकास बड़े पैमाने पर 1950 के दशक में कई विद्वानों द्वारा किया गया। बाद में गेम थ्योरी स्पष्टतया 1970 के दशक में जीव विज्ञान में प्रयुक्त किया गया, हालाँकि ऐसा 1930 के दशक में ही शुरू हो चुका था। गेम थ्योरी की पहचान व्यापक रूप से कई क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में की गई है। आठ गेम थ्योरिस्ट्स अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं और जॉन मेनार्ड स्मिथ को गेम थ्योरी के जीव विज्ञान में प्रयोग के लिए क्रफूर्ड पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आंग सान सू की

आंग सान सू की (जन्म: 19 जून, 1945) म्यांमार (बर्मा) की एक राजनेता, राजनयिक तथा लेखक हैं। वे बर्मा के राष्ट्रपिता आंग सान की पुत्री हैं जिनकी १९४७ में राजनीतिक हत्या कर दी गयी थी। सू की ने बर्मा में लोकतन्त्र की स्थापना के लिए लम्बा संघर्ष किया। १९ जून १९४५ को रंगून में जन्मी आंग सान लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई प्रधानमंत्री, प्रमुख विपक्षी नेता और म्यांमार की नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी की नेता हैं। आंग सान को १९९० में राफ्तो पुरस्कार व विचारों की स्वतंत्रता के लिए सखारोव पुरस्कार से और १९९१ में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। १९९२ में इन्हें अंतर्राष्ट्रीय सामंजस्य के लिए भारत सरकार द्वारा जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लोकतंत्र के लिए आंग सान के संघर्ष का प्रतीक बर्मा में पिछले २० वर्ष में कैद में बिताए गए १४ साल गवाह हैं। बर्मा की सैनिक सरकार ने उन्हें पिछले कई वर्षों से घर पर नजरबंद रखा हुआ था। इन्हें १३ नवम्बर २०१० को रिहा किया गया है। .

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इब्न खल्दून

इब्न खल्दून (२७ मई, १३३२ - १९ मार्च १४०६) उत्तरी अफ्रीका के बहुमुखी प्रतिभायुक्त व्यक्ति थे।इब्न खल्डून एक इफ्रिक्यां अरब मुस्लिम इतिहासकार थे। इन्हें अन्धुनिक समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र का पिता माना जाता हैं। उन्होंने साहित्य, धर्म, ज्योतिष, अर्थशास्त्र आदि अनेक विषयों में महत्त्वपूर्ण काम किए। .

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था। १८६६ में इलाहाबाद में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने। ९ दिसम्बर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया। २३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा विश्वविद्यालय बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई। .

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करणी सिंह

महाराजा करणी सिंह (21 अप्रैल 1924 - 6 सितंबर 1988) भी डॉ.

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किरण बेदी

डॉ॰ किरण बेदी (जन्म: ९ जून १९४९) भारतीय पुलिस सेवा की सेवानिवृत्त अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, भूतपूर्व टेनिस खिलाड़ी एवं राजनेता हैं। सम्प्रति वे पुदुचेरी की उपराज्यपाल हैं। सन १९७२ में भारतीय पुलिस सेवा में सम्मिलित होने वाली वे प्रथम महिला अधिकारी हैं। ३५ वर्ष तक सेवा में रहने के बाद सन २००७ में उन्होने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया है। वे संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण तथा दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त (खुफिया) के पद पर कार्य कर चुकी हैं। .

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कुलीनतावाद

कुलीनतावाद राजनीति विज्ञान की वह विचारधारा है जिसमें कुलीन तंत्र की श्रेष्ठता को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाती है। प्लेटो एवं अरस्तू, को कुलीनतावाद का उन्नायक विचारक माना जाता है। इस सिद्धांत के अंतर्गत वंश, कुल तथा प्रजाति को आभिजात्य का प्रतिमान माना जाता है। सामान्यतः एक अल्पसंख्यक विशेषाधिकृत वर्ग को ही शासन सत्ता के परिचालन के योग्य माना जाता है। .

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अराजकतावाद

अराजकतावाद (Anarchism) एक राजनीतिक दर्शन है, जो स्वैच्छिक संस्थानों पर आधारित स्वाभिशासित समाजों की वक़ालत करता है। इनका वर्णन अक्सर राज्यहीन समाजों के रूप में होता है, यद्यपि कई लेखकों ने इन्हें अधिक विशिष्टतापूर्वक अपदानुक्रमिक मुक्त संघों पर आधारित संस्थानों के रूप में परिभाषित किया हैं। अराजकतावाद के मतानुसार राज्य अवांछनीय, अनावश्यक और हानिकारक है निम्न स्रोत अराजकतावाद को एक राजनीतिक दर्शन के रूप में सन्दर्भित करते हैं: Slevin, Carl.

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अल-मुस्तसिरीया विश्वविद्यालय

अल-मुस्तसिरीया विश्वविद्यालय (अरबी: الجامعة المستنصرية) इराक के बगदाद में एक विश्वविद्यालय है। मूल मस्तानिरिया मदरसा, 1227 ईस्वी में स्थापित किया गया था जिसे अब्बासिद खलीफ अल-मुस्तसिरं ने बनबाया था ये दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। .

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उलरिक़ बेक

जर्मनी के ुलरिक बेक जो कि वहां और वह बहुत प्रसिद्ध है। उलरिक़ बेक (मई 15, 1944 – जनवरी 1, 2015) प्रसिद्ध जर्मन समाजशास्त्री तथा अपने जीवनकाल में सबसे अधिक उद्धृत सामाजिक वैज्ञानिकों में से एक थे। उनका कार्य आधुनिक काल में असहनीयता, अनभिज्ञता और अनिश्चितता के प्रश्नों पर केन्द्रित था। उन्होंने "रिस्क सोसाइटी" (सामाजिक जोखिम) और "सेकण्ड मोडर्नीटी" (दूसरी आधुनिकता) अथवा "रिफ्लेक्सिव मोडर्नाइज़ेशन" (कर्मकर्त्ता आधुनिकीकरण) जैसे शब्दों को गढ़ा। .

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