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राजनांदगाँव

सूची राजनांदगाँव

राजनंदगांव भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव जिले का मुख्य शहर है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसँख्या 1,63,122 है। यह दक्षिण-पूर्वी रेलवे के मुंबई-हावड़ा मार्ग पर स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 6 राजनंदगाँव से होकर गुजरती है। यहाँ से निकटतम हवाई अड्डा लगभग 70 किमी दूर माना (रायपुर) में स्थित है। 9 तहसील 9 विकासखंड जिले मे है राज्य का सबसे बड़ा जिला है .

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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टाटा इंडिका

नई टाटा इंडिका ज़ीटा बाजार में टाटा इंडिका टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित एक भारतीय हैचबैक कार है। यह मॉडल यूरोप एवं दक्षिण अफ्रीका भी निर्यात किया जाता है। इंग्लैंड में यह एम जी रोवर ग्रुप द्वारा सिटी रोवर नाम से निर्यात किया जाता रहा है। दिनाँक ३० दिसंबर १९९८ को टाटा मोटर्स (पूर्व में टैल्को) द्वारा प्रस्तुत यह किसी भारतीय कम्पनी द्वारा बनाई गई अत्याधुनिक कार थी। इसका प्रवर्तन नारा था:द बिग...स्मॉल कार एवं मोर कार पर कार इस विज्ञापन में बड़े अंतस्थ एवं वहन करने योग्य वाहन क्षमताओं पर जोर दिया गया था। एक सप्ताह के भीतर ही कम्पनी को १,१५,००० बुकिंग्स प्राप्त हुईं। और अगले दो वर्षों में यह इस खण्ड की सर्वश्रेष्ठ कार बन गई। टाटा मोटर्स द्वारा आंशिक रूप से रूपांकित एवं अभिकल्पित, यह पाँच द्वार सुसंहत (कॉम्पैक्ट) हैचबैक कार १.२ एवं १.४ ली.

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ठाकुर प्यारेलाल सिंह

ठाकुर प्यारेलाल सिंह छत्तीसगढ़ में श्रमिक आंदोलन के सूत्रधार तथा सहकारिता आंदोलन के प्रणेता थे। उनका जन्म 21 दिसम्बर 1891 को राजनांदगांव जिले के दैहान ग्राम में हुआ। पिता का नाम दीनदयाल सिंह तथा माता का नाम नर्मदा देवी था। आपकी शिक्षा राजनांदगांव तथा रायपुर में हुई। नागपुर तथा जबलपुर में आपने उच्च शिक्षा प्राप्त कर 1916 में वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण की। बाल्यकाल से ही आप मेधावी तथा राष्ट्रीय विचारधारा से ओत-प्रोत थे। 1906 में बंगाल के क्रांतिकारियों के संपर्क में आकर क्रांतिकारी साहित्य के प्रचार आरंभ किया और विद्यार्थियों को संगठित कर जुलूस के समय वन्देमातरम् का नारा लगवाते थे। 1909 में सरस्वती पुस्तकालय की स्थापना की। 1920 में राजनांदगांव में मिल-मालिकों के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई, जिसमें मजदूरों की जीत हुई। आपने स्थानीय आंदोलनों और राष्ट्रीय आंदोलन के लिए जन-सामान्य को जागृत किया। 1925 से आप रायपुर में निवास करने लगे। आपने छत्तीसगढ़ में शराब की दुकानों में पिकेटिंग, हिन्दू-मुस्लिम एकता, नमक कानून तोड़ना, दलित उत्थान जैसे अनेक कार्यो का संचालन किया। देश सेवा करते हुए आप अनेक बार जेल गए। मनोबल तोड़ने के लिए आपके घर छापा मारकर सारा सामान कुर्क कर दिया गया, परन्तु आप नहीं डिगे। राजनैतिक झंझावातों के बीच 1937 में रायपुर नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए। 1945 में छत्तीसगढ़ के बुनकरों को संगठित करने के लिए आपके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ बुनकर सहकारी संघ की स्थापना हुई। प्रवासी छत्तीसगढ़ियों को शोषण एवं अत्याचार से मुक्त कराने की दिशा में भी आप सक्रिय रहे। वैचारिक मतभेदों के कारण सत्ता पक्ष को छोड़कर आप आचार्य कृपलानी की किसान मजदूर पार्टी में शामिल हुए। 1952 में रायपुर से विधानसभा के लिए चुने गए तथा विरोधी दल के नेता बने। विनोबा भावे के भूदान एवं सर्वोदय आंदोलन को आपने छत्तीसगढ़ में विस्तारित किया। 20 अक्टूबर 1954 को भूदान यात्रा के समय अस्वस्थ हो जाने से आपका निधन हो गया। छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ठाकुर प्यारेलाल सिंह सम्मान स्थापित किया है। .

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परपोड़ी

नगर पंचायत परपोड़ी भारत देश के छत्तीसगढ़ राज्य के बेमेतरा जिले में स्थित है। परपोड़ी नगर एक हरा भरा नगर है। 28 मई 2003 को नगर पंचायत का दर्ज़ा मिला। यह राजा परपोड़ी" के नाम से प्रसिद्ध हैं। 14 जनवरी 2012 से पहले यह नगर दुर्ग जिले के अंतर्गत था पर अब यह छत्तीसगढ़ राज्य के नवघोषित 9 जिलो में से एक बेमेतरा जिले में हैं | नए बेमेतरा जिले के अंतिम छोर पर अवस्थित यह नगर जो 5 किलोमीटर के बाद राजनांदगांव जिले की सीमा को छूती हैं। यहाँ के राजा गोंड वंशी थे और 'जमींदार' कहलाने लगे। वास्तव में ये अपने अपने गढ़ के राजा होते थे। नगर का तहसील व विकासखंड "साजा" नगर हैं जो परपोड़ी से 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित हैं। .

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बलदेव प्रसाद मिश्र

बलदेव प्रसाद मिश्र (१२ सितम्बर १८९८ - ४ सितम्बर १९७५) हिन्दी साहित्यकार, न्यायविद तथा लोकसेवक थे। वे भारत के ऐसे प्रथम शोधकर्ता थे जिन्होने अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेजी के बदले हिन्दी में अपना शोध प्रबन्ध प्रस्तुत कर डी लिट् की उपाधि अर्जित की (१९३९ में)। उन्होने तुलसी दर्शन पर विशेष कार्य किया था। लगभग ८५ प्रकाशित अथवा अप्रकाशित कृतियाँ उनके नाम हैं। .

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में एक जिला है। यहाँ का प्रशासनिक जिला मुख्यालय राजनांदगांव शहर है। .

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रविशंकर शुक्ल

रविशंकर शुक्ल (जन्म २ अगस्त १८७७ सागर,मध्यप्रदेश—मृत्यु ३१ दिसंबर १९५६ दिल्ली) एक वरिष्ठ कांग्रेसी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, २७ अप्रेल १९४६ से १४ अगस्त १९४७ तक सीपी और बेरार (CP & Berar) के प्रमुख, १५ अगस्त १९४७ से ३१ अक्टुबर १९५६ तक सीपी और बेरार के प्रथम मुख्यमंत्री और १ नवम्बर १९५६ को अस्तित्व में आये नये राज्य मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। अपने कार्यकाल के दौरान ३१ दिसम्बर १९५६ को आप का स्वर्गवास हो गया। .

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शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगाँव

शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगाँव में स्थित एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। इसकी स्थापना १९५७ में हुई थी। यह महाविद्यालय शासन द्वारा वित्तपोषित है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने १९९२-९३ में इसे स्वशासी (आटोनॉमस) घोषित किया। २००७ में इस महाविद्यालय ने स्वर्ण जयन्ती मनाया। .

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शिव मंदिर, घटियारी,बिरखा,राजनांदगाँव

छत्तीसगढ़ राज्य के संरक्षित स्मारक शिव मंदिर, घटियारी छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगाँव जिले में बिरखा नगर में स्थित है। यह स्मारक छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा संरक्षित है।.

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छुईखदान

छुईखदान, मध्य प्रदेश के राजनांदगाँव की एक नगर पंचायत है। यह मध्य प्रदेश का भूतपूर्व राज्य था; इसका क्षेत्रफल 154 वर्ग मील था। यह भूभाग उपजाऊ मैदान हैं। इसमें 107 गाँव थे। छुई खदान नगर प्रधान कार्यालय है। यह दक्षिण-पूर्व रेलवे के राजनाँदगाँव स्टेशन से 31 मील है। कोदो यहाँ की प्रमुख उपज है। गेहूँ एवं धान भी होते हैं। यहाँ कई स्कूल एवं अस्पताल हैं। यहाँ छुई मिट्टी (एक प्रकार की सफेद मिट्टी) की खदानें मिलने के कारण इसका नाम छुई खदान पड़ा। .

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राजनांदगांव, राजनंदगांव

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