लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

राजनयिक दूत

सूची राजनयिक दूत

राजनयिक दूत (Diplomatic Envoys) संप्रभु राज्य या देश द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि होते हैं, जो अन्य राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन अथवा अंतरराष्ट्रीय संस्था में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विधि का प्रचलन आरंभ होने के बहुत पूर्व से ही रोम, चीन, यूनान और भारत आदि देशों में एक राज्य से दूसरे राज्य में दूत भेजने की प्रथा प्रचलित थी। रामायण, महाभारत, मनुस्मृति, कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र और 'नीतिवाक्यामृत' में प्राचीन भारत में प्रचलित दूतव्यवस्था का विवरण मिलता है। इस काल में दूत अधिकांशत: अवसरविशेष पर अथवा कार्यविशेष के लिए ही भेजे जाते थे। यूरोप में रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत छिन्न भिन्न दूतव्यवस्था का पुनरारंभ चौदहवीं शताब्दी में इटली के स्वतंत्र राज्यों एवं पोप द्वारा दूत भेजने से हुआ। स्थायी राजदूत को भेजने की नियमित प्रथा का श्रीगणेश इटली के गणतंत्रों एवं फ्रांस के सम्राट् लुई ग्यारहवें ने किया। सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक दूतव्यवस्था यूरोप के अधिकांश देशों में प्रचलित हो गई थी। .

17 संबंधों: दूत, देवयानी खोब्रागड़े, निरुपमा राव, निकोलो मैकियावेली, प्रतिभा देवीसिंह पाटिल, फातमा समौरा, फिदेल कास्त्रो, मोहन लाल ज़ुत्शी, मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका, साइक्स-पिकाट समझौता, संधिवार्ता, हेकमत इ शिराज़ी, कर्म एवं उद्यमों की सूची, कुर्त वॉल्डहाइम, अदनान सामी, अभय कुमार

दूत

मोहम्मद अली मुगल साम्राज्य में भेजे गये ईरान के शाह अब्बास के दूत थे। दूत संदेशा देने वाले को कहते हैं। दूत का कार्य बहुत महत्व का माना गया है। प्राचीन भारतीय साहित्य में अनेक ग्रन्थों में दूत के लिये आवश्यक गुणों का विस्तार से विवेचन किया गया है। रामायण में लक्ष्मण से हनुमान का परिचय कराते हुए श्रीराम कहते हैं - (अवश्य ही इन्होने सम्पूर्ण व्याकरण सुन लिया लिया है क्योंकि बहुत कुछ बोलने के बाद भी इनके भाषण में कोई त्रुटि नहीं मिली।। यह बहुत अधिक विस्तार से नहीं बोलते; असंदिग्ध बोलते हैं; न धीमी गति से बोलते हैं और न तेज गति से। इनके हृदय से निकलकर कंठ तक आने वाला वाक्य मध्यम स्वर में होता है। ये कयाणमयी वाणी बोलते हैं जो दुखी मन वाले और तलवार ताने हुए शत्रु के हृदय को छू जाती है। यदि ऐसा व्यक्ति किसी का दूत न हो तो उसके कार्य कैसे सिद्ध होंगे?) इसमें दूत के सभी गुणों का सुन्दर वर्णन है। .

नई!!: राजनयिक दूत और दूत · और देखें »

देवयानी खोब्रागड़े

देवयानी खोब्रागड़े (जन्म: 1974, मुंबई, महाराष्ट्र) अमेरिका स्थित न्यूयॉर्क में नियुक्त भारतीय उप महावाणिज्य दूत रह चुकी हैं। वे 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं तथा वर्तमान में न्यूयॉर्क में ही संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में कार्यरत हैं। .

नई!!: राजनयिक दूत और देवयानी खोब्रागड़े · और देखें »

निरुपमा राव

निरुपमा मेनन राव (जन्म 6 दिसम्बर 1950) भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) की एक अधिकारी हैं, जिन्होने 31 जुलाई 2009 से 31 जुलाई 2011 तक विदेश मंत्रालय में भारतीय विदेश सचिव के रूप में कार्य कर चुकी हैं। भारतीय विदेश सेवा का इस सर्वोच्च पद पर पहुँचने वाली चोकिला अय्यर के बाद वे दूसरी महिला हैं। वे 1 अगस्त 2011 से 5 नवम्बर 2013 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत की राजदूत रह चुकी हैं। अपने करियर में वे कई पदों पर कार्य कर चुकी हैं जिनमे शामिल हैं - वॉशिंगटन में प्रेस मामलों की मंत्री, मास्को में मिशन की उप प्रमुख, विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया), (बाहरी प्रचार) जिसने उन्हें विदेश मंत्रालय की पहली महिला प्रवक्ता बनाया, कार्मिक प्रमुख, पेरू और चीन की राजदूत और श्रीलंका की उच्चायुक्त.

नई!!: राजनयिक दूत और निरुपमा राव · और देखें »

निकोलो मैकियावेली

मैकियावेली की प्रतिकृति निकोलो मैकियावेली (Niccolò di Bernardo dei Machiavelli) (३ मई १४६९ - २१ जून १५२७) इटली का राजनयिक एवं राजनैतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि एवं नाटककार था। पुनर्जागरण काल के इटली का वह एक प्रमुख व्यक्तित्व था। वह फ्लोरेंस रिपब्लिक का कर्मचारी था। मैकियावेली की ख्याति (कुख्याति) उसकी रचना द प्रिंस के कारण है जो कि व्यावहारिक राजनीति का महान ग्रन्थ स्वीकार किया जाता है। मैकियावेली आधुनिक राजनीति विज्ञान के प्रमुख संस्थापकों में से एक माने जाते हैं। वे एक कूटनीतिज्ञ, राजनीतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि और नाटककार थे। सबसे बड़ी बात कि वे फ्लोरिडा गणराज्य के नौकरशाह थे। 1498 में गिरोलामो सावोनारोला के निर्वासन और फांसी के बाद मैकियावेली को फ्लोरिडा चांसलेरी का सचिव चुना गया। लियानार्डो द विंसी की तरह, मैकियावेली पुनर्जागरण के पुरोधा माने जाते हैं। वे अपनी महान राजनीतिक रचना, द प्रिंस (राजनीतिक शास्त्र), द डिसकोर्स और द हिस्ट्री के लिए मशहूर हुए जिनका प्रकाशन उनकी मृत्यु (1532) के बाद हुआ, हालांकि उन्होंने निजी रूप इसे अपने दोस्तों में बांटा। एकमात्र रचना जो उनके जीवनकाल में छपी वो थी द आर्ट ऑफ वार.

नई!!: राजनयिक दूत और निकोलो मैकियावेली · और देखें »

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (जन्म १९ दिसंबर १९३४) स्वतन्त्र भारत के ६० साल के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति तथा क्रमानुसार १२वीं राष्ट्रपति रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने अपने प्रतिद्वंदी भैरोंसिंह शेखावत को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया था। प्रतिभा पाटिल को ६,३८,११६ मूल्य के मत मिले, जबकि भैरोंसिंह शेखावत को ३,३१,३०६ मत मिले। उन्होंने २५ जुलाई २०१२ को संसद के सेण्ट्रल हॉल में आयोजित समारोह में नव निर्वाचित राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को अपना कार्यभार सौंपते हुए राष्ट्रपति भवन से विदा ली। .

नई!!: राजनयिक दूत और प्रतिभा देवीसिंह पाटिल · और देखें »

फातमा समौरा

फातमा सांबा डियोफ समौरा (जन्म: 1962, सेनेगल) संयुक्त राष्ट्र संघ में एक राजनयिक, कार्यकारी अधिकारी तथा फीफा की महासचिव हैं। फीफा के महासचिव पद पर नियुक्त होने वाली वे प्रथम महिला हैं। इस पद के लिए इनके नाम की घोषणा 12 से 13 मई, 2016 के मध्य मैक्सिको शहर में संपन्न हुई 66वीं फीफा कांग्रेस के दौरान फीफा अध्यक्ष गिआनी इन्फैनटिनों द्वारा की गई। इस पद पर उन्होने पूर्व महासचिव जेरोम वाल्के का स्थान लिया है जिन्हें फुटबॉल संबंधित सभी गतिविधियों से 12 वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। .

नई!!: राजनयिक दूत और फातमा समौरा · और देखें »

फिदेल कास्त्रो

फिदेल ऐलेजैंड्रो कास्त्रो रूज़ (जन्म: 13 अगस्त 1926 - मृत्यु: 25 नवंबर 2016) क्यूबा के एक राजनीतिज्ञ और क्यूबा की क्रांति के प्राथमिक नेताओं में से एक थे, जो फ़रवरी 1959 से दिसम्बर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री और फिर क्यूबा की राज्य परिषद के अध्यक्ष (राष्ट्रपति) रहे, उन्होंने फरवरी 2008 में अपने पद से इस्तीफा दिया। फ़िलहाल वे क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रथम सचिव थे। 25 नवंबर 2016 को उनका निधन हो गया। वे एक अमीर परिवार में पैदा हुए और कानून की डिग्री प्राप्त की। जबकि हवाना विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और क्यूबा की राजनीति में एक मान्यता प्राप्त व्यक्ति बन गए। उनका राजनीतिक जीवन फुल्गेंकियो बतिस्ता शासन और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्यूबा के राष्ट्रहित में राजनीतिक और कारपोरेट कंपनियों के प्रभाव के आलोचक रहा है। उन्हें एक उत्साही, लेकिन सीमित, समर्थक मिले और उन्होंने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने मोंकाडा बैरकों पर 1953 में असफल हमले का नेतृत्व किया जिसके बाद वे गिरफ्तार हो गए, उन पर मुकदमा चला, वे जेल में रहे और बाद में रिहा कर दिए गए। इसके बाद बतिस्ता के क्यूबा पर हमले के लिए लोगों को संगठित और प्रशिक्षित करने के लिए वे मैक्सिको के लिए रवाना हुए.

नई!!: राजनयिक दूत और फिदेल कास्त्रो · और देखें »

मोहन लाल ज़ुत्शी

मोहन लाल ज़ुत्शी (Mohan Lal Zutshi), जिन्हें मोहन लाल कश्मीरी भी कहते थे, 19वीं शताब्दी में एक यात्री, राजनयिक और लेखक थे। उन्होंने 1838–1842 के प्रथम आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध में एक अहम भूमिका निभाई थी। उनके द्वारा लिखी काबुल के अमीर दोस्त मुहम्मद ख़ान की जीवनी उस युद्ध का प्राथमिक वर्णन स्रोत है। इसके अलावा उन्होंने भारत से लेकर कैस्पियन सागर तक के कई क्षेत्रों का भ्रमण करा और जानकारी एकत्रित कर के ब्रिटिश राज की सरकार को उपलब्ध करी। इन क्षेत्रों में अफ़्ग़ानिस्तान, बल्ख़, बुख़ारा और ख़ोरासान शामिल थे। प्रसिद्ध ब्रिटिश यात्री व जासूस अलेक्ज़ेंडर बर्न्स का मार्गदर्शन उन्होंने ही करा था। .

नई!!: राजनयिक दूत और मोहन लाल ज़ुत्शी · और देखें »

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या

सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (15 सितम्बर 1861 - 14 अप्रैल 1962) (तेलुगु में: శ్రీ మోక్షగుండం విశ్వేశ్వరయ్య) भारत के महान अभियन्ता एवं राजनयिक थे। उन्हें सन १९५५ में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से विभूषित किया गया था। भारत में उनका जन्मदिन अभियन्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

नई!!: राजनयिक दूत और मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या · और देखें »

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) संयुक्त राज्य अमेरिका की केंद्रीय ख़ुफ़िया जानकारी एजेंसी है। अमेरिकी रक्षा विभाग के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाली इस एजेंसी को कर्मियों और बजट के संदर्भ में अमेरिका का सबसे बड़ा खुफिया संगठन माना जाता है। एनएसए को मुख्य रूप से वैश्विक निगरानी एवं ख़ुफ़िया जानकारी का संग्रह, अनुवाद और विश्लेषण करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। एनएसए का कार्य खुफिया संचार तक सीमित है, अथवा यह क्षेत्रीय या मानवीय गुप्तचर गतिविधियों में शामिल नहीं होता। कानून के अनुसार, एनएसए की खुफ़िया जानकारी विदेशी संचार तक ही सीमित है, हालांकि कई रिपोर्ट दर्शाते हैं कि एजेंसी हमेशा इन कानूनों का पालन नहीं करती। संगठन की गोपनीयता के कारण, एनएसए को समय-समय पर "नो सच एजेंसी" (ऐसी कोई एजेंसी नहीं है) या "नेवर से एनीथिंग" (कभी कुछ नहीं कहने वाली) भी कहा जाता है। एजेंसी में केंद्रीय सुरक्षा सेवा (सेंट्रल सिक्यूरिटी सर्विस) नामक संगठन भी है जिसे एनएसए और अन्य अमेरिकी सैन्य क्रिप्टएनालिसिस घटकों के बीच सहयोग के लिए बनाया गया था। एनएसए के निदेशक, जो अल्पतम लेफ्टिनेंट जनरल या उप एडमिरल रैंक के होते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका साइबर कमान के कमांडर और केंद्रीय सुरक्षा सेवा के चीफ का पद भी संभालते हैं। .

नई!!: राजनयिक दूत और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका · और देखें »

साइक्स-पिकाट समझौता

साइक्स-पिकाट समझौता, जो आधिकारिक तौर पर एशिया माइनर समझौते के रूप में जाना जाता है। ब्रिटेन और फ्रांस की सरकारों के बीच एक गुप्त समझौता था, जिसे रूस की स्वीकृति भी थी। यह समझौता पश्चिमी एशिया में ट्रिपल अंतेंत के अपने प्रस्तावित नियंत्रण और प्रभाव क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए था, अगर प्रथम विश्व युद्घ में ट्रिपल अंतेंत तुर्क साम्राज्य को हराने में सफल होता है। संधि की बातचीत नवंबर 1915 और मार्च 1916 के बीच हुई। समझौता 16 मई 1916 को संपन्न हुआ था। समझौते में प्रभावी ढंग से अरब प्रायद्वीप के बाहर तुर्क साम्राज्य के अरब प्रांतों को भविष्य के ब्रिटिश और फ्रांसीसी नियंत्रण या प्रभाव के क्षेत्रों में विभाजित किया गया था। इस पर फ्रांसीसी राजनयिक फ्रंकोईस जॉरजिस पिकाट और ब्रिटिश सर मार्क साइक्स से बातचीत हुई। रूसी जारिस्ट सरकार साइक्स - पिकाट समझौता के लिए एक छोटी मध्यस्थ पार्टी थी। और जब अक्टूबर 1917 की रूसी क्रांति के बाद बोल्शेविकों ने इस समझौते को उजागरकर दिया तब ब्रिटिश शर्मिंदा, अरब निराश और तुर्क खुश थे। .

नई!!: राजनयिक दूत और साइक्स-पिकाट समझौता · और देखें »

संधिवार्ता

संधिवार्ता (निगोशिएशन) उस बातचीत को कहते हैं जिसका उद्देश्य विवादों को हल करना, विभिन्न क्रियाओं की दिशा पर सहमति पैदा करना, किसी एक व्यक्ति अथवा सामूहिक लाभ के लिए सौदा करना, या विभिन्न हितों को तुष्ट करने के लिए परिणामों को तराशना है। यह वैकल्पिक विवाद समाधान का प्राथमिक तरीका है। समझौता वार्ता, व्यापार, लाभरहित संगठनों, सरकारी शाखाओं, कानूनी कार्यवाहियों, देशों के बीच और व्यक्तिगत परिस्थितियों जैसे विवाह, तलाक, बच्चों की परवरिश और रोजमर्रा की जिंदगी में होती हैं। इस विषय के अध्ययन को समझौता वार्ता का सिद्धांत कहा जाता है। पेशेवर वार्ताकार अक्सर विशेषज्ञ होते हैं, जैसे कि संघ के वार्ताकार, उत्तोलन खरीद वार्ताकार, शांति वार्ताकार, बंधक वार्ताकार, या वे अन्य किसी पदनाम के अंतर्गत भी काम कर सकते हैं, जैसे राजनयिक, विधायक या दलाल.

नई!!: राजनयिक दूत और संधिवार्ता · और देखें »

हेकमत इ शिराज़ी

हेकमत इ शिराज़ी जो मिर्ज़ा अली असगर ख़ान के नाम से भी जाने जाते हैं ' हेकमत शिराज़ी (जन्म:१६ जून १८९२-मृत्यु:५ मार्च १९८०) एक ईरानी राजनीतिज्ञ,राजनयिक और लेखक थे ' ये ईरान के विदेश मामलों में विदेश मंत्री और न्याय मंत्री थे ' .

नई!!: राजनयिक दूत और हेकमत इ शिराज़ी · और देखें »

कर्म एवं उद्यमों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: राजनयिक दूत और कर्म एवं उद्यमों की सूची · और देखें »

कुर्त वॉल्डहाइम

कुर्त जोसेफ वॉल्डहाइम (21 दिसम्बर 1918 – 14 जून 2007) एक ऑस्ट्रेलियन राजनेता और राजनयिक थे। वॉल्डहाइम सयुक्त राष्ट्र के चोथे महासचिव भी थे। वे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जासूस ऑफीसर के रूप में भी सेवाएँ दी। .

नई!!: राजनयिक दूत और कुर्त वॉल्डहाइम · और देखें »

अदनान सामी

अदनान सामी अदनान सामी खान एक भारतीय गायक, संगीतकार और अभिनेता हैं। .

नई!!: राजनयिक दूत और अदनान सामी · और देखें »

अभय कुमार

अभय कुमार (जन्म: १९८०) एक भारतीय राजनयिक और कवि हैं। उन्होने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमे से 'रिवर वैली टू सिलोकोन वैली' भी एक हैं। वे पृथ्वी गान के रचयिता हैं। दक्षिण भारतीय कविता क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें सार्क लिटरेरी अवार्ड प्राप्त हैं। वर्तमान में वे काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव (प्रेस, सूचना और संस्कृति) हैं। .

नई!!: राजनयिक दूत और अभय कुमार · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

राजनयिक

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »