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रमई काका

सूची रमई काका

रमई काका (2 फ़रवरी 1915 - 18 अप्रैल 1982) अवधी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनका वास्तविक नाम 'चन्द्रभूषण त्रिवेदी' था। आप बैसवाड़ी अवधी के उत्तम हास्य कवि (किन्तु केवल हास्य नहीं) थे। .

6 संबंधों: साहित्य, कवि मृगेश, अवधी, अवधी साहित्य, उन्नाव, उन्नाव जिला

साहित्य

किसी भाषा के वाचिक और लिखित (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। इस दृष्टि से आदिवासी साहित्य सभी साहित्य का मूल स्रोत है। .

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कवि मृगेश

गुरु प्रसाद सिंह 'मृगेश' (1910 -1985), अवधी भाषा के कवि थे। .

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अवधी

अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश में "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, फैजाबाद, प्रतापगढ़), इलाहाबाद, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती तथा फतेहपुर में भी बोली जाती है। इसके अतिरिक्त इसकी एक शाखा बघेलखंड में बघेली नाम से प्रचलित है। 'अवध' शब्द की व्युत्पत्ति "अयोध्या" से है। इस नाम का एक सूबा के राज्यकाल में था। तुलसीदास ने अपने "मानस" में अयोध्या को 'अवधपुरी' कहा है। इसी क्षेत्र का पुराना नाम 'कोसल' भी था जिसकी महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है। भाषा शास्त्री डॉ॰ सर "जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन" के भाषा सर्वेक्षण के अनुसार अवधी बोलने वालों की कुल आबादी 1615458 थी जो सन् 1971 की जनगणना में 28399552 हो गई। मौजूदा समय में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 6 करोड़ से ज्यादा लोग अवधी बोलते हैं। उत्तर प्रदेश के 19 जिलों- सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद व अंबेडकर नगर में पूरी तरह से यह बोली जाती है। जबकि 6 जिलों- जौनपुर, मिर्जापुर, कानपुर, शाहजहांपुर, बस्ती और बांदा के कुछ क्षेत्रों में इसका प्रयोग होता है। बिहार के 2 जिलों के साथ पड़ोसी देश नेपाल के 8 जिलों में यह प्रचलित है। इसी प्रकार दुनिया के अन्य देशों- मॉरिशस, त्रिनिदाद एवं टुबैगो, फिजी, गयाना, सूरीनाम सहित आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व हॉलैंड में भी लाखों की संख्या में अवधी बोलने वाले लोग हैं। .

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अवधी साहित्य

भारत के अवध क्षेत्र की भाषा अवधी कहलाती है, जो राष्ट्रभाषा हिन्दी की एक उपभाषा है। अवधी का प्राचीन साहित्य बड़ा संपन्न है। इसमें भक्ति काव्य और प्रेमाख्यान काव्य दोनों का विकास हुआ। .

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उन्नाव

उन्नाव उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक जिला है। यह लखनऊ तथा कानपुर के बीच में स्थत है,लखनऊ लगभग ६० किलोमीटर तथा कानपुर से १८ किलोमीटर दूर है।यह दो शहरों को जोड़ता हुआ एक कस्बा है जो दोनों शहरों के रोडवेज या रेलवे मार्ग को जोड़ता है। नगर को अभी तक अनेक देशभक्त, हिंदी साहित्य के नाम से जाना जाता है। ह्वेन त्सांग ने जनपद के बांगरमऊ स्थल का जिक्र ना-फो-टु-पो-कु-लो नाम से किया है। जहाँ गौतम बुद्ध ने 16 वाँ वर्षावास व्यतीत किया था । .

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उन्नाव जिला

उन्नाव भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसका मुख्यालय उन्नाव क़स्बा है। यह ज़िला लखनऊ मंडल का हिस्सा है। .

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