4 संबंधों: परिधीय संवहिनी रोग, हिन्दी पुस्तकों की सूची/य, कलौंजी, अवसादक।
परिधीय संवहिनी रोग
परिधीय संवहिनी रोग (अंग्रेज़ी:पेरिफेरल वैस्कुलर डिज़ीज़, लघु:पीवीडी (PVD), जिसे परिधीय धमनी रोग (पेरिफेरल आर्टरी डिज़ीज़, PAD) या पेरिफेरल आर्टरी ऑक्ल्यूसिव डिज़ीज़ (PAOD) भी कहते हैं, हाथों व पैरों में बड़ी धमनियों के संकरा होने से पैदा होने वाली रक्त के बहाव में रुकावट के कारण होने वाली सभी समस्याओं को कहते हैं। इसका परिणाम आर्थेरोस्क्लेरोसिस, सूजन आदि जिनसे स्टेनोसिस, एम्बोलिज़्म, या थ्रॉम्बस गठन हो सकती है।। हिन्दुस्तान लाइव। १३ अप्रैल २०१० इससे विकट या चिरकालिक एस्केमिया (रक्त आपूर्ति में कमी), विशेषकर पैरों में हो सकती है। यह रोग होने की संभावना उन लोगों में अधिक होती है, जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कॉलेस्ट्रॉल और निष्क्रिय जीवनशैली के रोगी होते हैं या उनके रक्त में वसा या लिपिड की मात्रा अधिक होती है। साथ ही धूम्रपान ज्यादा करने वालों को भी ये समस्या होती है।। हिन्दुस्तान लाइव। ४ अगस्त २०१० इसके अलावा, रक्त का थक्का जमने के कारण रक्त-शिराएं अवरोधित हो जाती हैं। इस रोग में रक्त धमनियों की भीतरी दीवारों पर वसा जम जाती है। ये हाथ पाँवों के ऊतकों में रक्त के प्रवाह को रोकता है। रोग के प्राथमिक चरण में चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर पैरों और कूल्हों में थकान या दर्द महसूस होता है। इस समय रोगी इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं। समय के साथ-साथ इसके अलावा अन्य लक्षणों में दर्द, सुन्न होना, पैर की माँसपेशियों में भारीपन आते हैं। शारीरिक काम करते समय मांसपेशियों को अधिक रक्त प्रवाह चाहिए होता है। यदि नसें संकरी हो जाएं तो उन्हें पर्याप्त रक्त नहीं मिलता। आराम के समय रक्त प्रवाह की उतनी आवश्यकता नहीं होती इसलिए बैठ जाने से दर्द भी चला जाता है। .
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हिन्दी पुस्तकों की सूची/य
कोई विवरण नहीं।
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कलौंजी
कलौंजी, (अंग्रेजी:Nigella) एक वार्षिक पादप है जिसके बीज औषधि एवं मसाले के रूप में प्रयुक्त होते हैं। कलौंजी और प्याज में फर्क .
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अवसादक
अवसादक (Depressant) वे नारकोटिक औषधियाँ हैं जो न्यूरोट्रांसमिशन के स्तर को घाटाती हैं जिससे अवसाद बढ़ता है तथा कोई भी कार्य करने की क्षमता और उत्तेजना कम होती है। अवसादक अवैध पदार्थ और दवाइयों के सामान इस्तेमाल किये जाते हैं। इन्हें लेने से शारीरिक क्रियाशीलता घटती है और यह औषधि दर्द मिटने में, बेहोशी के लिए और याददास्त मिटाने में भी मददगार होती है। अवसादक का सेवन करने से व्यक्ति की हृदय गति कम हो जाती है, उसका रक्त चाप कम हो जाता है और आक्षेप से मुक्त करने वाली स्थिति उत्पन्न करता है। ज्यादा मात्रा में अवसदकों का सेवन करने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। अवसादक बहुत से रूप में पाए जाते हैं जैसे, शराब, दर्दनिवारक औषधि, बार्बीचुरेट्स, ओपियटेस आदि। यह नारकोटिक औषधि डॉक्टर द्वारा चिंता मिटने के लिए, नींद के लिए, अवसेदन कम करने के लिए और आक्षेप के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है। अवसादक चूंकि बेहोशी बढ़ाता है, इसलिये कभी-कभी डॉक्टर इन्हें बेहोशी के लिए भी इस्तेमाल करते है। .
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