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यूरेशिया

सूची यूरेशिया

यूरेशिया (en:Eurasia) एक भौगोलिक भूखंड है जो यूरोप और एशिया महाद्वीप को मिलाकर नामित है। यूरेशिया मुख्यतः उत्तरी तथा पूर्वी गोलार्ध में स्थित है। इसके पश्चिम में अटलांटिक महासागर, पूरब में प्रशान्त महासागर, उत्तर में और दक्षीन में अफ्रीका महाद्वीप, भूमध्य सागर तथा हिन्द महासागर स्थित हैं। यूरोप और एशिया को दो अलग-अलग महाद्वीप कहना एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विभाजन है जबकि दोनों के बीच में कोई स्पष्ट भौतिक विभाजक है ही नहीं। इसी कारण विश्व के कुछ देशों में यूरेशिया को ही पाँच या छः महाद्वीपों में सबसे बड़ा माना जाता है। .

57 संबंधों: टुण्ड्रा, एशिया, एक्यूपंक्चर, डच इस्ट इंडिया कंपनी, तातार लोग, तारिम द्रोणी, तारिम द्रोणी/आलेख, तुर्की, तैमिर प्रायद्वीप, नायमन लोग, निकोबार द्वीपसमूह, नवपाषाण युग, नेपाल दर्शन, नेवला, पितृवंश समूह ऍन, पिनांग, प्रेरी, पैंजिया, फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह, फ्रांस की रूपरेखा, भारत सारावली, भेड़िया, मर्सिडीज़ बेन्ज़, महाद्वीप, मातृवंश समूह आर, यूरेशियाई प्लेट, यूरेशियाई लिंक्स, यूरेशियाई स्तेपी, यूरेशियाई वृक्ष गौरैया, रशीद उद-दीन हमदानी, राजस्थान की रूपरेखा, रूस में हिन्दी, शंघाई सहयोग संगठन, साइबेरिया, साइगा, सिंह (पशु), संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासी, स्तॅपी, स्किथी लोग, सोरग़ोग़तानी बेकी, सोवियत संघ, हान राजवंश, जुरचेन लोग, जी-20, वॅल्ड, ख़ितानी लोग, ख़ज़र लोग, गोज़न, आदिम-हिन्द-यूरोपीय लोग, कायोटी, ..., कज़ाख़ लोग, कज़ाख़िस्तान, कोकेन, अधिमहाद्वीप, अल्ताई भाषा-परिवार, उत्तरध्रुवीय महासागर, छोटा नागपुर पठार सूचकांक विस्तार (7 अधिक) »

टुण्ड्रा

भौतिक भूगोल में, टुण्ड्रा एक बायोम है जहां वृक्षों की वृद्धि कम तापमान और बढ़ने के अपेक्षाकृत छोटे मौसम के कारण प्रभावित होती है। टुंड्रा शब्द फिनिश भाषा से आया है जिसका अर्थ “ऊँची भूमि”, “वृक्षविहीन पर्वतीय रास्ता” होता है। टुंड्रा प्रदेशों के तीन प्रकार हैं: आर्कटिक टुंड्रा, अल्पाइन टुंड्रा और अंटार्कटिक टुंड्रा। टुंड्रा प्रदेशों की वनस्पति मुख्यत: बौनी झाड़ियां, दलदली पौधे, घास, काई और लाइकेन से मिलकर बनती है। कुछ टुंड्रा प्रदेशों में छितरे हुये वृक्ष उगते हैं। किसी टुंड्रा प्रदेश और जंगल के बीच की पारिस्थितिक सीमा वृक्ष रेखा कहलाती है। .

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एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

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एक्यूपंक्चर

हुआ शउ से एक्यूपंक्चर चार्ट (fl. 1340 दशक, मिंग राजवंश). शि सी जिंग फ़ा हुई की छवि (चौदह मेरिडियन की अभिव्यक्ति). (टोक्यो: सुहाराया हेइसुके कंको, क्योहो गन 1716). एक्यूपंक्चर (Accupuncture) दर्द से राहत दिलाने या चिकित्सा प्रयोजनों के लिए शरीर के विभिन्न बिंदुओं में सुई चुभाने और हस्तकौशल की प्रक्रिया है।एक्यूपंक्चर: दर्द से राहत दिलाने, शल्यक बेहोशी और उपचारात्मक उद्देश्यों के लिए परिसरीय नसों के समानांतर शरीर के विशिष्ट भागों में बारीक सुईयां चुभाने का चीना अभ्यास.

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डच इस्ट इंडिया कंपनी

वेरऐनिख़्डे ऑव्स्टिडिस्ख़े कोम्पाख़्नी, वीओसी (डच: Verenigde Oostindische Compagnie, VOC) या अंग्रेज़ीकरण यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी नीदरलैंड की एक व्यापारिक कंपनी है जिसकी स्थापना 1602 में की गई और इसे 21 वर्षों तक मनमाने रूप से व्यापार करने की छूट दी गई। भारत आने वाली यह सब से पहली यूरोपीय कंपनी थी। .

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तातार लोग

दिनारा सफीना रूस के लिए टेनिस खेलती हैं और नस्ल से तातार हैं रुसलन चाग़ायेव उज़बेकिस्तान के लिए मुक्केबाज़ी करते हैं और एक तातार हैं तातार या ततार (तातार: ततरलार; रूसी: Татар; अंग्रेज़ी: Tatar) रूसी भाषा और तुर्की भाषाएँ बोलने वाली एक जाति है जो अधिकतर रूस में बसती है। दुनिया भर में इनकी आबादी ७० लाख अनुमानित की गई है, जिनमें से ५५ लाख रूस में रहते हैं। रूस के तातारस्तान प्रांत में २० लाख तातार रहते हैं। रूस के बाहर तातार समुदाय उज़बेकिस्तान, पोलैंड, काज़ाख़स्तान, युक्रेन, ताजिकिस्तान, किर्गिज़स्तान, तुर्कमेनिस्तान, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए जाते हैं।, Global Vision Publishing Ho, 2005, ISBN 978-81-8220-062-3,...

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तारिम द्रोणी

तारिम द्रोणी अंतरिक्ष से तारिम द्रोणी की तस्वीर तारिम क्षेत्र में मिला खरोष्ठी में लिखा एक काग़ज़ का टुकड़ा (दूसरी से पाँचवी सदी ईसवी) तारिम द्रोणी या तारिम बेसिन मध्य एशिया में स्थित एक विशाल बंद जलसंभर इलाका है जिसका क्षेत्रफल ९०६,५०० वर्ग किमी है (यानि सम्पूर्ण भारत का लगभग एक-चौथाई क्षेत्रफल)। वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था में तारिम द्रोणी चीनी जनवादी गणराज्य द्वारा नियंत्रित श़िंजियांग उइग़ुर स्वराजित प्रदेश नाम के राज्य में स्थित है। तारिम द्रोणी की उत्तरी सीमा तियाँ शान पर्वत श्रंखला है और दक्षिणी सीमा कुनलुन पर्वत श्रंखला है। कुनलुन पर्वत श्रंखला तारिम द्रोणी के इलाक़े को दक्षिण में स्थित तिब्बत के पठार से विभाजित करती है। तारिम द्रोणी का अधिकतर क्षेत्र रेगिस्तानी है और हलकी आबादी वाला है। यहाँ ज़्यादातर लोग उइग़ुर और अन्य तुर्की जातियों के हैं। .

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तारिम द्रोणी/आलेख

तारिम द्रोणी तारिम द्रोणी या तारिम बेसिन मध्य एशिया में स्थित एक विशाल बंद जलसंभर इलाका है जिसका क्षेत्रफल ९०६,५०० वर्ग किमी है (यानि सम्पूर्ण भारत का लगभग एक-चौथाई क्षेत्रफल)। वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था में तारिम द्रोणी चीनी जनवादी गणराज्य द्वारा नियंत्रित श़िंजियांग उइग़ुर स्वराजित प्रदेश नाम के राज्य में स्थित है। तारिम द्रोणी की उत्तरी सीमा तियाँ शान पर्वत श्रंखला है और दक्षिणी सीमा कुनलुन पर्वत श्रंखला है। कुनलुन पर्वत श्रंखला तारिम द्रोणी के इलाक़े को दक्षिण में स्थित तिब्बत के पठार से विभाजित करती है। द्रोणी या जलसंभर उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है। भारत में यमुना का जलसंभर वह क्षेत्र है जहाँ यमुना नदी में विलय हो जाने वाले सारे नदी नाले फैले हुए है और जिसके अंत से केवल यमुना नदी ही निकास करती है। बंद जलसंभर ऐसा जलसंभर होता है जिसमें वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर, दलदली क्षेत्र या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। अंग्रेज़ी में "द्रोणी" को "बेसिन" (basin), "जलसंभर" को "वॉटरशॅड" (watershed) या "कैचमेंट" (catchment) और बंद जलसंभर को "एनडोरहेइक बेसिन" (endorheic basin) कहा जाता है। तारिम द्रोणी का अधिकतर क्षेत्र रेगिस्तानी है और हलकी आबादी वाला है। यहाँ ज़्यादातर लोग उइग़ुर और अन्य तुर्की जातियों के हैं। इस क्षेत्र का उत्तर भारत और पाकिस्तान के साथ गहरा ऐतिहासिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) सम्बन्ध है। यहाँ पर पाई गई लगभग सारी प्राचीन लिखाई खरोष्ठी लिपि में है, बोले जाने वाली प्राचीन भाषाएँ तुषारी भाषाएँ थीं जो भाषावैज्ञानिक दृष्टि से हिन्द-आर्य भाषाओं की बहनें मानी जाती हैं और जितने भी प्राचीन शव मिले हैं उनमें हर पुरुष का आनुवंशिकी पितृवंश समूह आर१ए१ए है जो उत्तर भारत के ३०-५०% पुरुषों में भी पाया जाता है, लेकिन पूर्वी एशिया की चीनी, जापानी और कोरियाई आबादियों में और पश्चिमी एशिया की अरब आबादियों में लगभग अनुपस्थित है। .

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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तैमिर प्रायद्वीप

रूस के उत्तरध्रुवीय क्षेत्र का मानचित्र तैमिर प्रायद्वीप की अवस्थिति तैमिर प्रायद्वीप (रूसी: Полуостров Таймыр, Таймырский полуостров), साइबेरिया में एक प्रायद्वीप है, जो यूरेशिया और एशिया की मुख्य भूमि के उत्तरी भागों की रचना करता है। यह रूस के क्रस्नोयार्स्क क्राय, में कारा सागर की येनिसी खाड़ी और लाप्टेव सागर की खटांगा खाड़ी के बीच स्थित है। तैमिर झील और बिरांगा पर्वत, इस विशाल तैमिर प्रायद्वीप पर स्थित हैं। यूरेशियाई महाद्वीप का सबसे उत्तरी सिरा चेल्युस्किन अंतरीप, तैमिर प्रायद्वीप के उत्तरी छोर पर स्थित है। .

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नायमन लोग

चंगेज़ ख़ान के मंगोल साम्राज्य से पहले १३वीं सदी में यूरेशिया के स्थिति - नायमन (Naiman) राज्य नक़्शे में दिख रहा है नायमन या नायमन तुर्क या नायमन मंगोल (मंगोल: Найман ханлиг, नायमन ख़ानलिग) मध्य एशिया के स्तेपी इलाक़े में बसने वाली एक जाति का मंगोल भाषा में नाम था, जिनके कारा-ख़ितान के साथ सम्बन्ध थे और जो सन् ११७७ तक उनके अधीन रहे। मंगोल नाम होने के बावजूद, नायमानों को एक मंगोल जाति नहीं बल्कि एक तुर्की जाति माना जाता है।, René Grousset, Rutgers University Press, 1970, ISBN 978-0-8135-1304-1,...

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निकोबार द्वीपसमूह

निकोबार द्वीपसमूह एशिया में निकोबार द्वीपसमूह का नक्शा निकोबार द्वीपसमूह है द्वीपसमूह भारत में। ये हिन्द महासागर में है और 150 किलोमीटर की दूरी आचेह, सुमात्रा से। अंडमान सागर है निकोबार द्वीपसमूह और थाईलैंड के बीच। ये 1,300 किलोमीटर की दूरी के बारे में स्थित भारत मुख्यभूमि से। राजनीतिक रूप से ये द्वीपसमूह अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह का हिस्सा है। यूनेस्को ने बड़ा निकोबार को घोषित किया एक बायोस्फियर भंडार के विश्व नेटवर्क। , The International Coordinating Council of UNESCO’s Man and the Biosphere Programme (MAB), added the following new sites to the World Network of Biosphere Reserves (WNBR) http://www.unesco.org/new/en/media-services/multimedia/photos/mab-2013/india/.

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नवपाषाण युग

अनेकों प्रकार की निओलिथिक कलाकृतियां जिनमें कंगन, कुल्हाड़ी का सिरा, छेनी और चमकाने वाले उपकरण शामिल हैं नियोलिथिक युग, काल, या अवधि, या नव पाषाण युग मानव प्रौद्योगिकी के विकास की एक अवधि थी जिसकी शुरुआत मध्य पूर्व: फस्ट फार्मर्स: दी ओरिजंस ऑफ एग्रीकल्चरल सोसाईटीज़ से, पीटर बेल्वुड द्वारा, 2004 में 9500 ई.पू.

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नेपाल दर्शन

नेपाल- (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है। .

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नेवला

नेवला (अंग्रेज़ी: mongoose) एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है जो 'हरपेस्टीडाए' (Herpestidae) जीववैज्ञानिक कुल में आते हैं। इसकी 33 ज्ञात जातियाँ हैं जो सभी दक्षिणी यूरेशिया (भारतीय उपमहाद्वीप समेत) व अफ़्रीका में रहती हैं। माडागास्कर द्वीप पर भी यूप्लेरिडाए (Eupleridae) कुल की चार जातियाँ हैं जिन्हें कभी-कभी नेवला बुलाया जाता है।, Michael A. Mares, Oklahoma Museum of Natural History, pp.

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पितृवंश समूह ऍन

रूस के साइबेरिया क्षेत्र के नॅनॅत्स जनजाति के ७५% पुरुष पितृवंश समूह ऍन के वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह ऍन या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप N एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह ऍनओ से उत्पन्न हुई एक शाखा है। इस पितृवंश के पुरुष अधिकतर यूरेशिया के सुदूर उत्तरी इलाक़ों में पाए जाते हैं, जैसे कि साइबेरिया, उत्तरी रूस, फिनलैंड, लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया। साइबेरिया की याकूत और नॅनॅत्स जनजातियों के ७५% पुरुष, फिनलैंड की सामी जनजाति के ४०% पुरुष और फिनलैंड की ही बहुसंख्यक फ़िन्न जाती के ६०% पुरुष इस पितृवंश समूह के सदस्य हैं। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग १५,०००-२०,००० वर्ष पहले सुदूर पूर्व एशिया का निवासी था। .

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पिनांग

पिनांग मलेशिया का एक राज्य है जो मलक्का के जलडमरुमध्य के साथ प्रायद्वीपीय मलेशिया के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। क्षेत्र के हिसाब से पिनांग पेर्लिस के बाद मलेशिया का दूसरा सबसे छोटा और आठवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। पिनांग के निवासी को बोलचाल की भाषा में पेननगाइट के रूप में जाना जाता है। .

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प्रेरी

अमेरिका के दक्षिण डकोटा राज्य में प्रेरी पर खड़ा एक घर अमेरिका के आइओवा राज्य में ऍफ़िजी माउंड्स राष्ट्रीय स्मारक क्षेत्र में विस्तृत प्रेरी प्रेरी (अंग्रेज़ी: prairie) पृथ्वी के समशीतोष्ण (यानि टॅम्प्रेट) क्षेत्र में स्थित विशाल घास के मैदानों को कहा जाता है। इनमें तापमान ग्रीष्मऋतु में मध्यम और शीतऋतु में ठंडा रहता है और मध्यम मात्राओं में बर्फ़-बारिश पड़ती है। यहाँ पर वनस्पति जीवन घास, फूस और छोटी झाड़ों के रूप में अधिक और पेड़ों के रूप में कम देखने को मिलता है। ऐसे घासदार मैदानों को उत्तरी अमेरिका में "प्रेरी", यूरेशिया में "स्तॅप" या "स्तॅपी" (steppe), दक्षिण अमेरिका में "पाम्पा" (pampa) और दक्षिण अफ़्रीका में "वॅल्ड" (veld) कहा जाता है। .

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पैंजिया

पैंजिया का मानचित्र पैंजिया, पैन्जेया या पैंजी (प्राचीन यूनानी πᾶν पैन "संपूर्ण" और Γαῖα गैया "पृथ्वी", लैटिन भाषा में जेया से), एक विशाल एकीकृत महाद्वीप (सुपरकॉन्टीनेंट) था जिसका अस्तित्व लगभग 250 मिलियन वर्ष पहले पेलियोजोइक और मिजोजोइक युग के दौरान था; मौजूदा महाद्वीप अपने वर्तमान स्वरूप में इसी में से निकल कर आये हैं। यह नाम अल्फ्रेड वेजेनर के महाद्वीपीय प्रवाह के सिद्धांत की वैज्ञानिक चर्चा में गढ़ा गया था। अपनी पुस्तक "द ओरिजिन ऑफ कॉन्टिनेंट्स एंड ओशंस" (डाई एंटस्टेहंग डर कोंटिनेंट एंड ओजियेन) में उन्होंने माना था कि सभी महाद्वीप बाद में विखंडित होने और प्रवाहित होकर अपने वर्तमान स्थानों पर पहुँचने से पहले एक समय में एक विशाल महाद्वीप का हिस्सा थे जिसे उन्होंने "उरकॉन्टिनेंट" कहा था। पैंजिया शब्द 1928 में अल्फ्रेड वेजेनर के सिद्धांत पर चर्चा के लिए आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान प्रकाश में आया। एक विशाल महासागर जो पैंजिया को चारों ओर से घेरे हुए था, तदनुसार उसका नाम पैंथालासा रखा गया। .

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फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह

फ़्रांज़ योसेफ़ भूमि या फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह (रूसी: Земля Франца-Иосифа, ज़ेमल्या फ़्रांत्स्का-योसिफ़ा), रूस के सुदूर उत्तर में स्थित एक द्वीपसमूह है। यह आर्कटिक महासागर में नोवाया ज़ेमल्या के उत्तर और स्वालबार्ड के पूर्व में स्थित है और अर्खांगेल्स्क ओब्लास्ट के प्रशासन के अधीन आता है। फ़्रांज़ योसेफ़ भूमि के 191 बर्फ से ढके द्वीपों का कुल क्षेत्रफल 16134 किमी² (6,229 मील²) है। यहां की कोई मूल निवासी जनसंख्या नहीं है, लेकिन रूसियों द्वारा कई बस्तियों का निर्माण किया गया है। इन बस्तियों के नागरिक भोजन के लिए पूरी तरह से वालरस और सील के मांस पर निर्भर हैं। 80.0° और 81.9° अक्षांशों के बीच स्थित यह यूरेशिया का सबसे उत्तरी द्वीपसमूह है और इसका भी सबसे उत्तरी बिंदु रुडोल्फ द्वीप पर स्थित फ्लिजेली अंतरीप है। द्वीपसमूह की उत्तरी ध्रुव से दूरी केवल 900 से 1110 किमी (560-690 क़ानूनी मील) है और इसका सबसे उत्तरी द्वीप कनाडा के एलिसमेयर द्वीप और ग्रीनलैंड को छोड़कर विश्व के अन्य किसी भी द्वीप की तुलना में उत्तरी ध्रुव के सबसे नज़दीक हैं। संभवतः यह द्वीपसमूह सबसे पहले नार्वे के सील शिकारियों निल्स फ्रेडरिक रॉनबेक और ऐडीयार्वी द्वारा 1865 में खोजा गया था और प्राप्त अभिलेखों के अनुसार, वो स्वालबार्ड से पूर्व की ओर रवाना हुए और अंतत: एक नयी भूमि तक पहुँच गये। इसका कोई दर्ज इतिहास नहीं है कि वो इन टापुओं पर उतरे थे या नहीं, जल्दी ही लोग इन नए द्वीपों को भूल गए। इन द्वीपों की आधिकारिक खोज 1873 में ध्रुवीय अंवेषक, जूलियस वॉन पेयर और कार्ल वेप्रेक्ट के नेतृत्व वाले ऑस्ट्रिया-हंगरी उत्तरी ध्रुव अभियान द्वारा की गयी। ऑस्ट्रिया–हंगरी के सम्राट फ़्रांज़ योसेफ़ प्रथम के सम्मान में इस द्वीपसमूह को उनके नाम पर ही फ़्रांज़ योसेफ़ नाम दिया गया। चूँकि इस अभियान के प्रायोजक आधिकारिक ना होकर निजी थे, इसलिए यह द्वीपसमूह कभी भी ऑस्ट्रिया का हिस्सा नहीं बन सके। 1926 में इस द्वीपसमूह का नियंत्रण सोवियत संघ ने अपने हाथों में ले लिया और कुछ व्यक्तियों को अनुसंधान और सैन्य उद्देश्यों के लिए यहाँ पर बसाया गया। सिर्फ गर्मी के कुछ हफ्तों में ही यहां जहाज से पहुंचा जा सकता है। .

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फ्रांस की रूपरेखा

निम्नलिखित रूपरेखा, फ्रांस का एक अवलोकन और सामयिक गाइड के रूप में है: फ़्रांस – पश्चिमी यूरोप में कई विदेशी क्षेत्रों और क्षेत्रों के साथ एक देश है। मेट्रोपॉलिटन फ्रांस भूमध्य सागर से अंग्रेजी चैनल और उत्तरी सागर तक और राइन से अटलांटिक महासागर तक फैला हुआ है। इसके आकार से, इसे अक्सर फ्रेंच में 'षट्कोण' ("द हेक्सागोन") के रूप में जाना जाता है। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भेड़िया

वृक या भेड़िया एक कुत्ते के रूप का जंगली जानवर है। वैज्ञानिक नज़रिए से भेड़िया कैनिडाए (canidae) पशु परिवार का सबसे बड़े शरीर वाला सदस्य है। किसी ज़माने में भेड़िये पूरे यूरेशिया, उत्तर अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में पाए जाते थे लेकिन मनुष्यों की आबादी में बढ़ौतरी के साथ अब इनका क्ष्रेत्र पहले से बहुत कम हो गया है। जब भेड़ियों और कुत्तों पर अनुवांशिकी अध्ययन किया गया तो पाया गया के कुत्तों की नस्ल भेड़ियों से ही निकली हुई हैं, यानि दसियों हज़ार वर्ष पहले प्राचीन मनुष्यों ने कुछ भेड़ियों को पालतू बना लिया था जिनसे कुत्तों के वंश की शुरुआत हुई। भेड़िये एक नर और एक मादा के परिवारों में रहते हैं जिसमें उनके बच्चे भी पलते हैं। यह भी देखा गया है के कभी-कभी भेड़ियों के किसी परिवार के नर-मादा किसी अन्य भेड़ियों के अनाथ बच्चों को भी शरण देकर उन्हें पालने लगते हैं। भेड़ियों का शिकार करने का तरीक़ा सामाजिक होता है - यह अकेले शिकार नहीं करते, बल्कि गिरोह बनाकर हिरण-गाय जैसे चरने वाले जानवरों का शिकार करते हैं। भेड़िये अपने क्षेत्र में शिखर के शिकारी होते हैं जिन्हें मनुष्यों और शरों को छोड़कर और किसी से चुनौती नहीं होती। .

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मर्सिडीज़ बेन्ज़

मर्सिडीज़ कंपनी का चिह्न मर्सिडीज बेंज जर्मन निर्माता डेमलर एजी की एक बहुराष्ट्रीय इकाई है और यह ब्रांड ऑटोमोबाइल, बसों, कोच और ट्रकों के लिए मशहूर है। मर्सिडीज बेंज का मुख्यालय स्टटगार्ट, Baden-Württemberg, जर्मनी में है। मर्सिडीज-बेंज अपनी उत्पत्ति डेमलर-मोटर्स-गसेल्स्काफ्ट की 1 9 01 मर्सिडीज और कार्ल बेंज के 1886 बेंज पेटेंट-मोटरवागन को दर्शाती है, जिसे व्यापक रूप से पहली गैसोलीन-संचालित ऑटोमोबाइल माना जाता है। ब्रांड का नारा "सबसे अच्छा या कुछ नहीं" है .

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महाद्वीप

महाद्वीपों को समाहित या विभाजित किया जा सकता है, उदाहरणतः यूरेशिया को प्रायः यूरोप तथा एशिया में विभाजित किया जाता है लाल रंग में। बक्मिन्स्टर फुलर द्वारा डायमैक्सियम नक्शा जो दर्शित करता है भूमिखण्ड कम से कम विरूपण समेत, एक एक लगातार महाद्वीप में बंटे हुए विश्व के महाद्वीप महाद्वीप (en:Continent) एक विस्तृत ज़मीन का फैलाव है जो पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देतै हैं। महाद्वीप को व्यक्त करने के कोई स्पष्ट मापदण्ड नहीं है। अलग-अलग सभ्यताओं और वैज्ञानिकों नें महाद्वीप की अलग परिभाषा दी है। पर आम राय ये है कि एक महाद्वीप धरती बहुत बड़ा का विस्तृत क्षेत्र होता है जिसकी सीमाएं स्पष्ट पहचानी जा सके.

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मातृवंश समूह आर

मातृवंश समूह आर और उसकी उपशाखाएँ विश्व भर में मिलती हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह आर या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप R एक मातृवंश समूह है। यह मातृवंश समूह और इसकी बड़ी उपशाखाएँ यूरेशिया, ओशिआनिया और महाअमेरिका में फैली हुई हैं। अनुमान है के जिस स्त्री से यह मातृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ६६,००० वर्ष पहले भारतीय उपमहाद्वीप की निवासी थी।Palanichamy, M. et al.

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यूरेशियाई प्लेट

यूरेशियाई प्लेट, हरे रंग में यूरेशियाई प्लेट एक भौगोलिक प्लेट है जिसपर यूरेशिया (जिसमें यूरोप और एशिया के महाद्वीप आते हैं) का ज़्यादातर भूभाग और उसके इर्द-गिर्द के समुद्र का कुछ क्षेत्र स्थित है। इसके पश्चिम में उत्तर अमेरिकी प्लेट, दक्षिण-पश्चिम में अफ़्रीकी प्लेट, दक्षिण में अरबी प्लेट और हिन्द-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट और पूर्व में फिर उत्तर अमेरिकी प्लेट है। .

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यूरेशियाई लिंक्स

200px यूरेशियाई लिंक्स (द्विपद नाम: Lynx lynx लिंक्स लिंक्स) एक माध्यम-आकार की जंगली बिल्ली, लिंक्स है। लिंक्स की पूँछ छोटी होती है और सामान्यतः उनके कानो के छोर पर बालो का गुच्छा होता है। उनके बड़े और गद्देदार पंजे बर्फ पर चलने में मदद करते हैं। उनकी खाल स्लेटी से लाल रंग की होती है, जिनपर काले चित्ते होते हैं। श्रेणी:स्तनधारी.

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यूरेशियाई स्तेपी

यूरेशियाई स्तेपी (Eurasian Steppe), जो महान स्तेपी भी कहलाती है, यूरेशिया के समशीतोष्ण कटिबन्ध क्षेत्र में विस्तृत एक विशाल स्तेपी घासभूमि और क्षुपभूमि क्षेत्र है। यह पश्चिम में पूर्वी यूरोप के मोल्दोवा देश से आरम्भ होकर युक्रेन, रूस, कज़ाख़स्तान, शिंजियांग और मंगोलिया से गुज़रता हुआ पूर्वी एशिया के मंचूरिया क्षेत्र तक फैला हुआ है। पूर्वी यूरोप के हंगरी देश में इसका एक अलग हुआ भाग भी है, जो पुस्ता कहलाता है। .

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यूरेशियाई वृक्ष गौरैया

यूरेशियाई वृक्ष गौरैया, पास्सेर गौरैया परिवार का एक पासेराइन पक्षी है जिसके सिर का ऊपरी हिस्सा और गर्दन का पिछला हिस्सा लाल-भूरे रंग का होता है और प्रत्येक पूर्णतः सफेद गाल पर एक काला धब्बा होता है। इस प्रजाति के दोनों ही लिंगों मे एक समान पंख होते हैं और युवा पक्षी वयस्क पक्षियों के ही एक छोटे रूप जैसे दिखते हैं। गौरैया पक्षी अधिकांश समशीतोष्ण यूरेशिया और दक्षिणपूर्व एशिया में प्रजनन करती हैं जहां यह वृक्ष गौरैया के नाम से जानी जाती हैं और इन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य क्षेत्रों में भी भेजा गया है, जहां इन्हें यहां की मूलनिवासी और इनसे असम्बद्ध अमेरिकी वृक्ष गौरैया से विभेदित करने के लिए यूरेशियाई वृक्ष गौरैया या जर्मन गौरैया के नाम से जाना जाता है। हालांकि इनकी अनेकों उप-प्रजातियों की पहचान हो चुकी है, लेकिन अपनी व्यापक उप-प्रजातियों के बीच भी इस पक्षी का रूप-रंग बहुत अधिक नहीं बदलता है। यूरेशियाई वृक्ष गौरैया का गन्दा घोंसला किसी भी प्राकृतिक कोटर में बना होता है, जो कि किसी ईमारत में बना छेद या मैग्पाई (मुटरी) अथवा सारस पक्षी का बड़ा घोंसला हो सकता है। आदर्शतः ये एक समुच्चय (clutch) में 5 से 6 अंडे देती हैं जो दो सप्ताह में परिपक्व हो जाते हैं। यह गौरैया अपने भोजन के लिए मुख्यतः बीजों पर निर्भर करती है लेकिन ये अकशेरुकी प्राणियों को भी अपना भोजन बनाती हैं, मुख्यतः प्रजनन काल के दौरान.

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रशीद उद-दीन हमदानी

ईरान में रशीद उद-दीन हमदानी की मूर्ती रशीद उद-दीन (फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Rashīd al-Dīn Tabīb; जन्म: १२४७; मृत्यु: १३१८), जिन्हें रशीद उद-दीन फ़ज़्ल-उल्लाह​ हमदानी (फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Rashīd al-Dīn Fadhl-allāh Hamadānī) भी कहते हैं, एक मध्यकालीन ईरानी चिकित्सक, गणितज्ञ और लेखक थे। उन्होंने इस्लामी इतिहास पर 'जामी अल-तवारीख़' (यानि 'इतिहासों का जमावड़ा') नामक एक बहुत विस्तृत ग्रन्थ लिखा था। इसे विशेषकर १३वीं और १४वीं शताब्दियों के इल्ख़ानी साम्राज्य के इतिहास का एक आधिकारिक दस्तावेज़ माना जाता है। इसमें मंगोलिया और चीन से लेकर स्तेपी क्षेत्र, मध्य यूरेशिया, अरबी प्रायद्वीप और यूरोप तक का विवरण दिया गया था। वे यहूदी-धर्मी थे लेकिन जीवन में आगे चलकर उन्होंने इस्लाम में धर्म-परिवर्तन कर लिया।, Rami Yelda, pp.

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राजस्थान की रूपरेखा

यह रूपरेखा राजस्थान के बारे में एक सामयिक पथप्रदर्शक है। राजस्थान – क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत गणराज्य का सबसे बड़ा राज्य है। यह भारत के उत्तर-पश्चिम इलाके में स्थित है। इसमें थार रेगिस्तान नामक बहुत विशाल बंजर भूभाग शामिल है जिसे ग्रेट (great) भारतीय रेगिस्तान भी कहा जाता है जो पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा तक सतलुज-सिंधु नदी घाटी तक फैला हुआ है। राजस्थान की सीमाएँ दक्षिण-पश्चिम में गुजरात उत्तर-पूर्व में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश तथा उत्तर में पंजाब से लगती हैं। राजस्थान, भारत के 10.4% भूभाग में फैला हुआ है जिसका कुल क्षेत्रफल 342,239 वर्ग किलोमीटर है। .

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रूस में हिन्दी

मॉस्को के भारतीय राजदूतावास के जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र में हिन्दी शिक्षण की कक्षा का एक दृश्य कम्यूनिस्ट क्रांति से पूर्व रूस में भारत के प्रति रुचि संस्कृत भाषा और साहित्य के अध्ययन तक सीमित थी। परन्तु यह स्थिति 1955 में बदल गई। इस वर्ष रूस के नेता निकिता ख़्रुश्चेव भारत आए। उन्होंने घोषणा की कि "हम यह देखेंगे कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली ऐसी विकसित हो जिसमेँ सर्वश्रेष्ठ और सर्वगुण-सम्पन्न नई पीढ़ी हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं को सीखें।" .

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शंघाई सहयोग संगठन

शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) या SCO; सरल चीनी: 上海合作组织; परम्परागत चीनी: 上海合作組織; फीनयिन: Shànghǎi Hézuò Zǔzhī; रूसी: Шанхайская организация сотрудничества (ШОС), Shankhayskaya organizatsiya sotrudnichestva) यूरेशिया का राजनीतिक आर्थिक, और सैनिक संगठन है जिसकी स्थापना २००१ में संघाई में चीन, कजकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर की। २४ जून २०१६ को भारत और पाकिस्तान को भी औपचारिक तौर पर अस्ताना म॓ॱ आयोजित शिखर सम्मेलन मेॱ संगठन का सदस्य बनाया गया। तथ्य चीन, कजकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और तजकिस्तान ने 1996 मेॱ "शंघाई V" नाम से सॱगठन की स्थापना शऺघाई मेऺ की । सन् 2001 मेॱ वापस शिऺघाई मे आयोजित शिखर सम्मेलन मेऺ उज्बेकिस्तान को शामिल कर "शंघाई VI" मेऺ बदल दिया गया जो अब शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) या SCO नाम से जाना जाता है। इसका मुख्यालय बीजिऺग मेऺ है। .

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साइबेरिया

साइबेरिया का नक़्शा (गाढ़े लाल रंग में साइबेरिया नाम का संघी राज्य है, लेकिन लाल और नारंगी रंग वाले सारे इलाक़े साइबेरिया का हिस्सा माने जाते हैं गर्मी के मौसम में दक्षिणी साइबेरिया में जगह-जगह पर झीलें और हरियाली नज़र आती है याकुत्स्क शहर में 17वी शताब्दी में बना एक रूसी सैनिक-गृह साइबेरिया (रूसी: Сибирь, सिबिर) एक विशाल और विस्तृत भूक्षेत्र है जिसमें लगभग समूचा उत्तर एशिया समाया हुआ है। यह रूस का मध्य और पूर्वी भाग है। सन् 1991 तक यह सोवियत संघ का भाग हुआ करता था। साइबेरिया का क्षेत्रफल 131 लाख वर्ग किमी है। तुलना के लिए पूरे भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी है, यानि साइबेरिया भारत से क़रीब चार गुना है। फिर भी साइबेरिया का मौसम और भूस्थिति इतनी सख़्त है के यहाँ केवल 4 करोड़ लोग रहते हैं, जो 2011 में केवल उड़ीसा राज्य की आबादी थी। यूरेशिया का अधिकतर स्टॅप (मैदानी घासवाला) इलाक़ा साइबेरिया में आता है। साइबेरिया पश्चिम में यूराल पहाड़ों से शुरू होकर पूर्व में प्रशांत महासागर तक और उत्तर में उत्तरध्रुवीय महासागर (आर्कटिक महासागर) तक फैला हुआ है। दक्षिण में इसकी सीमाएँ क़ाज़ाक़स्तान, मंगोलिया और चीन से लगती हैं। .

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साइगा

साइगा (saiga) एक हिरण है जो मूल रूप से लाखों-करोड़ों की संख्या में यूरेशिया के स्तेपी क्षेत्र के एक विशाल भूभाग में रहा करता था लेकिन अनियंत्रित शिकार किये जाने से अब विलुप्त होने के ख़तरे में हैं। प्राचीनकाल में इनका क्षेत्र पश्चिम में कारपैथी पर्वतों और कॉकस क्षेत्र से लेकर पूर्व में ज़ुन्गारिया और मंगोलिया तक विस्तृत था। अत्यंतनूतन युग (प्लाइस्टोसीन​) में साइगा उत्तर अमेरिका में भी रहते थे। अब इनका क्षेत्र बहुत सिकुड़ चुका है। साइगा की मुख्य उपजाति (S. t. tatarica) रूस के केवल एक स्थान (कैस्पियन-पूर्व क्षेत्र) में और काज़ाख़स्तान के केवल तीन स्थानों (यूराल, उस्त-उर्त, बेतपाक-दाला) में पाई जाती है। काज़ाख़स्तान के उस्तउर्त वाले समुदाय का कुछ अंश सर्दियों में उज़बेकिस्तान और कभी-कभार तुर्कमेनिस्तान में भी, कुछ महीनो के लिए चला जाता है। चीन और दक्षिणपश्चिम मंगोलिया से यह उपजाति विलुप्त हो चुकी है। साइगा की एक और मंगोलियाई उपजाति (S. t. mongolica) है जो केवल पश्चिमी मंगोलिया में ही मिलती है। .

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासी

संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासी उत्तरी अमेरिका में वर्तमान महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका, अलास्का के भागों और हवाई के द्वीपीय राज्य की सीमाओं के भीतर रहने वाले मूलनिवासी लोग हैं। वे अनेक, विशिष्ट कबीलों, राज्यों और जाति-समूहों से मिलकर बने हैं, जिनमें से अनेक का अस्तित्व पूर्ण राजनैतिक समुदायों के रूप में मौजूद है। अमेरिकी मूल-निवासियों का उल्लेख करने के लिए प्रयुक्त शब्दावलियाँ विवादास्पद हैं; यूएस सेंसस ब्यूरो (US Census Bureau) के सन 1995 के घरेलू साक्षात्कारों के एक समुच्चय के अनुसार, अभिव्यक्त प्राथमिकता वाले उत्तरदाताओं में से अनेक ने अपना उल्लेख अमेरिकन इन्डियन्स (American Indians) अथवा इन्डियन्स (Indians) के रूप में किया। पिछले 500 वर्षों में, अमेरिकी महाद्वीप में एफ्रो-यूरेशियाई अप्रवासन के परिणामस्वरूप पुराने और नये विश्व के समाजों के बीच सदियों तक टकराव और समायोजन हुआ है। अमेरिकी मूल-निवासियों के बारे में अधिकांश लिखित ऐतिहासिक रिकॉर्ड की रचना यूरोपीय लोगों द्वारा अमेरिका में उनके अप्रवासन के बाद की गई थी। "नेटिव अमेरिकन्स फर्स्ट व्यू व्हाइट्स फ्रॉम द शोर," अमेरिकन हेरिटेज, स्प्रिंग 2009.

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स्तॅपी

मंगोलिया में स्तॅपी पर लगे खेमे बसंत के मौसम में रूस के इलोवलिंसकी ज़िले में स्तॅपी की घास में खिले जंगली फूल मंगोलियाई स्तॅपी में अश्वधावन स्तॅप, स्तॅपी या स्टेपी (अंग्रेज़ी: steppe, रूसी: степь) यूरेशिया के समशीतोष्ण (यानि टॅम्प्रेट) क्षेत्र में स्थित विशाल घास के मैदानों को कहा जाता है। यहाँ पर वनस्पति जीवन घास, फूस और छोटी झाड़ों के रूप में अधिक और पेड़ों के रूप में कम देखने को मिलता है। यह पूर्वी यूरोप में युक्रेन से लेकर मध्य एशिया तक फैले हुए हैं। स्तॅपी क्षेत्र का भारत और यूरेशिया के अन्य देशों के इतिहास पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है। ऐसे घासदार मैदान दुनिया में अन्य स्थानों में भी मिलते हैं: इन्हें यूरेशिया में "स्तॅपी", उत्तरी अमेरिका में "प्रेरी" (prairie), दक्षिण अमेरिका में "पाम्पा" (pampa) और दक्षिण अफ़्रीका में "वॅल्ड" (veld) कहा जाता है। स्तॅपी में तापमान ग्रीष्मऋतु में मध्यम से गरम और शीतऋतु में ठंडा रहता है। गर्मियों में दोपहर में तापमान ४० °सेंटीग्रेड और सर्दियों में रात को तापमान -४० °सेंटीग्रेड तक जा सकता है। कुछ क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में भी बहुत अंतर होता है: मंगोलिया में एक ही दिन में सुबह के समय ३० °सेंटीग्रेड और रात के समय शून्य °सेंटीग्रेड तक तापमान जा सकता है। अलग-अलग स्तॅपी इलाक़ों में भिन्न मात्राओं में बर्फ़ और बारिश पड़ती है। कुछ क्षेत्र बड़े शुष्क हैं जबकि अन्य भागों में सर्दियों में भारी बर्फ़ पड़ती है। .

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स्किथी लोग

पार्थी लोग इनसे दक्षिण में स्थित थे स्किथी या स्किथाई (प्राचीन यूनानी: Σκύθαι; अंग्रेजी: Scythian) यूरेशिया के स्तेपी इलाक़े की एक प्राचीन ख़ानाबदोश जातियों के गुट का नाम था। ये प्राचीन ईरानी भाषाएँ बोलते थे और इनका भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग पर एक गहरा प्रभाव पड़ा है। इनके अति-प्राचीन इतिहास के बारे में ज़्यादा नहीं पता लेकिन लौह युग में इनकी संस्कृति बहुत पनपी और इतिहासकारों को खुदाई करने पर इनके द्वारा बनाई गई बहुत सी चीज़ें मिली हैं। यह लोग पूर्वी यूरोप से अल्ताई पर्वतों तक विस्तृत थे। जब स्किथी लोगों के विख्यात व्यक्तियों को मृत्योपरांत दफ़नाया जाता था तो उनकी समाधियों के लिए बड़े टीले बनाए जाते थे जिनसे आज भी बहुत सी सोने के वस्तुएँ बरामद होती हैं।, Ellen D. Reeder, Esther Jacobson, Harry Abrams in association with the Walters Art Gallery and the San Antonio Museum of Art, 1999, ISBN 978-0-8109-4476-3,...

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सोरग़ोग़तानी बेकी

तोलुइ ख़ान अपनी पत्नी सोरग़ोग़तानी के साथ सोरग़ोग़तानी बेकी (मंगोल: Сорхагтани Бэхи, अंग्रेजी: Sorghaghtani Beki;; जन्म: ११९८ ई; देहांत: १२५२ ई) मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज़ ख़ान की बहु और उसके चौथे और सबे छोटे पुत्र तोलुइ ख़ान की पत्नी थी। उसे मंगोल इतिहास की सबसे होशियार और सक्षम स्त्री माना जाता है। उसने अपने चारों बेटों - मोंगके ख़ान, हलाकु ख़ान, आरिक़ बोके और कुबलाई ख़ान - को कुशलता से अपने दादा के साम्राज्य की बागडोर संभाल लेने के लिए पाला और उनमें नेतृत्व का गुण पैदा किया। परिवार और साम्राज्य की परिस्थितियाँ समझते हुए उसने अपने बेटों के लिए अनुकूल स्थिति भी बनाई। मंगोल साम्राज्य के जारी रहने और पनपने से पूरे यूरेशिया में व्यापार और विचारों की अदला-बदली के मार्ग खुलने का बहुत श्रेय उसको दिया जाता है। बहुत से इतिहासकार उसे विश्व इतिहास की सब से प्रभावशाली स्त्रियों में से एक भी समझते हैं।, Kathy Sammis, Walch Publishing, 2002, ISBN 978-0-8251-4369-4,...

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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हान राजवंश

चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...

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जुरचेन लोग

चंगेज़ ख़ान के मंगोल साम्राज्य से पहले १३वीं सदी में यूरेशिया के स्थिति - पूर्वोत्तर में पीले रंग में जुरचेनों के जिन राजवंश का इलाक़ा दिख रहा है एक जुरचेन योद्धा जुरचेन लोग (जुरचेनी: जुशेन; चीनी: 女真, नुझेन) उत्तर-पूर्वी चीन के मंचूरिया क्षेत्र में बसने वाली एक तुन्गुसी जाति थी।, Willard J. Peterson, Cambridge University Press, 2002, ISBN 978-0-521-24334-6,...

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जी-20

बीस वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स का समूह (जी20,जी -20 और बीस का समूह के रूप में भी जाना जाता है), जो कि विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रीयों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जिसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया है। from the Official G-20 website 12 वें जी -20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 7और 8 जुलाई 2017 को हैैैम्बर्ग में चान्सलर एन्जेला मर्केल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। .

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वॅल्ड

वॅल्ड या वेल्ड (veld या veldt) दक्षिणी अफ्रीका के खुले क्षेत्रों को कहते हैं जो काफ़ी हद तक घास व छोटी झाड़ों से ढके हुए मैदानी क्षेत्र हैं। वॅल्ड विशेषकर ज़िम्बाबवे, बोत्सवाना, नामीबिया और दक्षिण अफ़्रीका के कई भागों में वस्तृत है। ऐसे घासदार मैदान लगभग सभीमहाद्वीपों पर भी मिलते हैं: इन्हें उत्तरी अमेरिका में "प्रेरी", यूरेशिया में "स्तॅप" या "स्तॅपी" (steppe), दक्षिण अमेरिका में "पाम्पा" (pampa) और दक्षिणी अफ़्रीका में "वॅल्ड" (veld) कहा जाता है। .

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ख़ितानी लोग

ख़ितानी लोग शिकार के लिए पालतू चीलों का इस्तेमाल करते थे चंगेज़ ख़ान के मंगोल साम्राज्य से पहले १३वीं सदी में यूरेशिया के स्थिति - कारा-ख़ितान राज्य नक़्शे में दिख रहा है ख़ितानी लोग (मंगोल: Кидан, किदान; फ़ारसी:, ख़िताई; चीनी: 契丹, चिदान) ४थी सदी ईसवी से मंगोलिया और मंचूरिया में बसने वाले एक मंगोल जाति के लोग थे। १०वीं सदी तक उन्होंने उत्तरी चीन के एक बड़े इलाक़े पर अपनी धाक जमा ली थी और लियाओ राजवंश स्थापित कर लिया था। सन् ११२५ में यह राजवंश ख़त्म हो गया और ख़ितानी पश्चिम की ओर कूच कर गए जहाँ उन्होंने कारा-ख़ितान नाम का राज्य बनाया। फिर सन् १२१८ में उनकी टक्कर मंगोल साम्राज्य से हुई जिसने उनका राज हमेशा के लिए समाप्त कर दिया।, Michal Biran, Cambridge University Press, 2005, ISBN 978-0-521-84226-6 .

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ख़ज़र लोग

सन् ६५० और ८५० के बीच ख़ज़र ख़ागानत ख़ज़र (रूसी:Хазары, ख़ाज़ारी; अंग्रेज़ी: Khazar) मध्यकालीन यूरेशिया की एक तुर्की जाति थी जिनका विशाल साम्राज्य आधुनिक रूस के यूरोपीय हिस्से, पश्चिमी कज़ाख़स्तान, पूर्वी युक्रेन, अज़रबेजान, उत्तरी कॉकस (चरकस्सिया, दाग़िस्तान), जोर्जिया, क्राइमिया और उत्तरपूर्वी तुर्की पर विस्तृत था। इनकी राजधानी वोल्गा नदी के किनारे बसा आतील शहर था। ख़ज़र लोगों की ख़ागानत सन् ४४८ से १०४८ तक चली। इसमें कई धर्मों के लोग और, तुर्की जातियों के अलावा, यूराली, स्लावी और अन्य जातियाँ भी रहती थीं। ख़ज़र ख़ागानत रेशम मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव था और दक्षिण-पश्चिमी एशिया को उत्तरी यूरोप से जोड़ने वाली एक मुख्य कड़ी थी।, David Christian, Wiley-Blackwell, 1998, ISBN 978-0-631-20814-3,...

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गोज़न

गोज़न (अंग्रेज़ी: एल्क) (Cervus canadensis - सर्वस कैनेडेंसिस) दुनिया में हिरण परिवार में पाई जाने वाली सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक हैं, तथा उत्तरी अमेरिका और पूर्वी एशिया में सबसे बड़े भूमि स्तनधारियों में.

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आदिम-हिन्द-यूरोपीय लोग

पितृवंश समूह आर१ए का विस्तार आदिम-हिन्द-यूरोपीय लोगों के फैलाव के साथ सम्बंधित माना जाता है आदिम-हिन्द-यूरोपीय यूरेशिया में बसने वाले उन प्राचीन लोगों को कहा जाता है जो आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा बोलते थे। इनके बारे में जानकारी भाषावैज्ञानिक तकनीकों से और कुछ हद तक पुरातत्व-विज्ञान (आर्कियोलोजी) से आई है। आधुनिक युग में अनुवांशिकी (जेनेटिक्स) के ज़रिये भी इनकी जातीयता के बारे में जानकारी मिल रही है। बहुत से इतिहासकारों का मानना है कि यह लोग ४००० ईसापूर्व के काल में पोंटिक-कैस्पियाई स्तेपी क्षेत्र में बसा करते थे और २,००० ईसापूर्व तक अनातोलिया, पश्चिमी यूरोप, मध्य एशिया और दक्षिणी साइबेरिया तक विस्तृत हो चुके थे।, J. P. Mallory, Taylor & Francis, 1997, ISBN 978-1-884964-98-5 आनुवंशिकी नज़रिए से बहुत से विद्वान अब इन्हें पितृवंश समूह आर१ए का वंशज मानते हैं।, Carlos Quiles, Fernando López-Menchero, Indo-European Association, 2009, ISBN 978-1-4486-8206-5,...

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कायोटी

कायोटी (coyote), जिसे अमेरीकी सियार (American jackal) और झाड़ भेड़िया (brush wolf) भी कहते हैं, उत्तर अमेरिका और मध्य अमेरिका में विस्तृत एक लोमड़ी-जैसी जाति है। यह दक्षिण में पनामा से लेकर उत्तर में अलास्का व कनाडा तक पाई जाती है।, Animal Diversity Web, Accessed August 15, 2007 अमेरिकी प्राकृतिक मंडल में इसका वही स्थान है जो यूरेशिया में सियार (लोमड़ी) का है। मानव सभ्यता के फैलाव के साथ जहाँ लोमड़ी और भेड़ियों का निवास स्थल सिकुड़ा है उसके विपरीत कायोटी ने जंगली रहने के बावजूद मानवों के साथ जीना सीख लिया है और अक्सर यह शहरी क्षेत्रों में भी बच्चे पैदा कर लेते हैं। .

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कज़ाख़ लोग

चीन के शिनजियांग प्रांत में एक कज़ाख़ परिवार कज़ाख़ मध्य एशिया के उत्तरी भाग में बसने वाली एक तुर्की-भाषी जाति का नाम है। कज़ाख़स्तान की अधिकाँश आबादी इसी नस्ल की है, हालाँकि कज़ाख़ समुदाय बहुत से अन्य देशों में भी मिलते हैं, जैसे कि उज़बेकिस्तान, मंगोलिया, रूस और चीन के शिनजियांग प्रान्त में। विश्व भर में १.३ से लेकर १.५ करोड़ कज़ाख़ लोग हैं और इनमें से अधिकतर की मातृभाषा कज़ाख़ भाषा है। कज़ाख़ लोग बहुत से प्राचीन तुर्की जातियों के वंशज हैं, जैसे कि अरग़िन, ख़ज़र, कारलुक, किपचक और कुमन। माना जाता है कि इनमें कुछ हद तक मध्य एशिया की कुछ ईरानी भाषाएँ बोलने वाली जातियाँ (जैसे कि शक, स्किथाई और सरमती) भी शामिल हो गई। कज़ाख़ लोग साइबेरिया से लेकर कृष्ण सागर तक फैले हुए थे और जब इस क्षेत्र में तुर्की-मंगोल लोगों का राज चला तब भी वे मध्य एशिया में ही बसे रहे। .

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कज़ाख़िस्तान

क़ज़ाख़स्तान (क़ज़ाख़: Қазақстан / Qazaqstan, रूसी:Казахстан / Kazakhstán) यूरेशिया में स्थित एक देश है। क्षेत्रफल के आधार से ये दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश है। एशिया में एक बड़े भूभाग में फैला हुआ यह देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के उपरांत इसने सबसे अंत में अपने आपको स्वतंत्र घोषित किया। सोवियत प्रशासन के दौरान यहाँ कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ संपन्न हुईं, जिसमें कई रॉकेटों का प्रक्षेपण से लेकर क्रुश्चेव का वर्ज़िन भूमि परियोजना शामिल हैं। देश की अधिकाँश भूमि स्तेपी घास मैदान, जंगल तथा पहाड़ी क्षेत्रों से ढकी है। यहाँ के मुख्य निवासी क़ज़ाख़ लोग हैं जो तुर्क मूल के हैं। अपने इतिहास के अधिकांश हिस्से में कज़ाख़स्तान की भूमि यायावर जातियों के साम्राज्य का हिस्सा रही है। इसकी राजधानी सन १९९८ में अस्ताना को बनाई गई जो सोवियत कालीन राजधानी अल्माती से बदलकर बनाई गई थी। यहां की क़ाज़ाक़ भाषा और रूसी भाषा मुख्य- और राजभाषाएँ हैं। .

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कोकेन

कोकेन (Benzoylmethylecgonine) एक क्रिस्टलीय ट्रोपेन उपक्षार है, जो कोका पौधे की पत्तियों से प्राप्त होता है।अग्रवाल, अनिल.

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अधिमहाद्वीप

भूविज्ञान में अधिमहाद्वीप (supercontinent) पृथ्वी के दो या दो से अधिक परिभाषित महाद्वीपों को मिलाकर बनने वाले भूभाग को कहते हैं। इनमें से कुछ तो वास्तव में ही १९वीं शताब्दी तक ज़मीनी पुलों से जुड़े हुए थे और कुछ प्रागैतिहासिक पृथ्वी में लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व जुड़े हुए थे। यूरोप और एशिया को मिलाकर यूरेशिया बनता है जो आज भी एक ही भूभाग के अंश हैं। उत्तर और दक्षिण अमेरिका पनामा नहर खुदने से पहले जुड़े हुए थे। अफ़्रीका और एशिया सुएज़ नहर खुदने से पहले जुड़े हुए थे। करोड़ों वर्ष पूर्व पैन्जीया नामक अधिमहाद्वीप में पृथ्वी के लगभग सभी महाद्वीपों का भूभाग एकत्रित था।Rogers, John J.W., and M. Santosh.

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अल्ताई भाषा-परिवार

अल्ताई भाषा परिवार का फैलाव अल्ताई पर्वत क्षेत्र में शुरू हुईं अल्ताई (अंग्रेज़ी: Altaic languages, ऑल्टेइक लैन्गवेजिज़) एक भाषा-परिवार है जिसमें तुर्की भाषाएँ, मंगोल भाषाएँ, तुन्गुसी भाषाएँ, जापानी भाषाएँ और कोरियाई भाषा आती हैं। अल्ताई भाषाएँ यूरेशिया के बहुत ही विस्तृत क्षेत्र में बोली जाती हैं जो पूर्वी यूरोप से लेकर मध्य एशिया से होता हुआ सीधा जापान तक जाता है। इस परिवार में कुल मिलकर लगभग ७० जीवित भाषाएँ आती हैं और इन्हें बोलने वालों की तादाद वर्तमान विश्व में लगभग ५० करोड़ है। .

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उत्तरध्रुवीय महासागर

उत्तरीध्रुवीय महासागर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित उत्तरीध्रुवीय महासागर या आर्कटिक महासागर, जिसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पांच प्रमुख समुद्री प्रभागों (पांच महासागरों) में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) इसको एक महासागर स्वीकार करता है जबकि, कुछ महासागरविज्ञानी इसे आर्कटिक भूमध्य सागर या केवल आर्कटिक सागर कहते हैं और इसे अन्ध महासागर के भूमध्य सागरों में से एक मानते हैं। लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा, आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ के ढका रहता है (और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से).

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छोटा नागपुर पठार

राँची स्थित हुँडरु जलप्रपात छोटा नागपुर पठार पूर्वी भारत में स्थित एक पठार है। झारखंड राज्य का अधिकतर हिस्सा एवं उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार व छत्तीसगढ़ के कुछ भाग इस पठार में आते हैं। इसके पूर्व में सिन्धु-गंगा का मैदान और दक्षिण में महानदी हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 65,000 वर्ग किमी है।, mapsofindia, Accessed 2010-05-02 .

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