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यासिर अराफ़ात (फिलिस्तीनी नेता)

सूची यासिर अराफ़ात (फिलिस्तीनी नेता)

thumb मोहम्मद अब्दुल रहमान अब्दुल रऊफ़ अराफ़ात अलकुव्दा अल हुसैनी (4 अगस्त, 1929 – 11 नवंबर, 2004), जिन्हें यासिर अराफ़ात के लोकप्रिय नाम से ज्यादा जाना जाता है एक फिलिस्तीनी नेता एवं फिल्स्तीनी मुक्ति संगठन के अध्यक्ष थे। अराफात ऐसे पहले शख्स थे, जिन्हें किसी राष्ट्र का नेतृत्व न करते हुए भी संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था। अराफात के नेतृत्व में उनके संगठन ने शांति की जगह संघर्ष को बढ़ावा दिया और इजरायल हमेशा उनके निशाने पर रहा। शांति से दूर संघर्ष की पहल करने वाले अराफात की छवि 1988 में अचानक बदली हुई दिखी। वो संयुक्त राष्ट्र में शांति के दूत के रूप में नजर आए। बाद में उन्हें शांति के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। नेहरू-गांधी परिवार के साथ इनकी बहुत करीबियां थीं। इंदिरा गांधी को वो अपनी बड़ी बहन मानते थे। इन्होंने भारत में 1991 के चुनाव अभियान के दौरान राजीव गांधी को जानलेवा हमले को लेकर आगाह किया था। .

11 संबंधों: पूर्व यरुशलम, फ़तह, फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन, यासिर अराफात, यित्झाक राबिन, रवि शंकर प्रसाद, शिमोन पेरेज़, सिमी, जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार, ईदी अमीन, क्रांतिकारी

पूर्व यरुशलम

पूर्व यरूशलम या पूर्वी यरूशलम यरूशलम का एक विभाग है जो कि 1948–1949 अरब-इजराइल युद्ध के समय इजरायल का हिस्सा नहीं था। फिलिस्तीन का हिस्सा 1949 युद्धविराम संधि के अनुसार है, जबकि इजरायल का हिस्सा मुख्यतः वर्तमान यरूशलम नगर निकाय की सीमा के अनुसार है। 1967 के छः दिन के युद्ध में इजरायल ने इस हिस्से पर, विस्तृत सीमा के साथ, नियंत्रण कर लिया। इस हिस्से में यरूशलम का पुराना शहर और कुछ यहूदी, ईसाई तथा इस्लाम धर्मों के पवित्र स्थान जैसे टेम्पल माउन्ट, पश्चिमी दीवार, अल-अक्सा मस्जिद, डोम ऑफ़ द रॉक तथा पवित्र कब्र वाला चर्च है। 1980 में इजरायल ने इस पर कब्ज़ा कर लिया। फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन द्वारा 1988 में फिलिस्तीन की आजादी की घोषणा की गयी और यरुशलम को राजधानी घोषित किया। इसका अध्यक्ष यासिर अराफ़ात था। हालांकि इजरायल ने कभी फिलीस्तीनी सरकार को पूर्व यरूशलम में दफ्तर नहीं स्थापित करने दिया। .

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फ़तह

फ़तह फिलिस्तान का एक दल है। इस के प्रमुख प्रतिद्वंदी हमास है। .

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फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन

फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (Palestine Liberation Organization (PLO); अरबी: منظمة التحرير الفلسطينية‎; Munaẓẓamat at-Taḥrīr al-Filasṭīniyyah) स्वतन्त्र फिलिस्तीन राज्य स्थापित करने के उद्देश्य से सन् 1964 में गठत एक संगठन है। १०० से अधिक राष्ट्रों ने इसे फिलिस्तीनी लोगों का एकमात्र वैधानिक प्रतिनिधि स्वीकार किया है। यह १९७४ से संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रेक्षक के रूप में मान्य है। १९९१ में हुए मैड्रिड सम्मेलन के पहले इजराइल और संयुक्त राज्य अमेरिका इसे एक आतंकवादी संगठन मानते थे। .

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यासिर अराफात

कोई विवरण नहीं।

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यित्झाक राबिन

यित्झाक राबिन (१ मार्च १९२२ - ४ नवम्बर १९९५) इज़राइल के पाचवें प्रधानमन्त्री थे। वे दो बार देश के प्रधानमन्त्री रहे; ३ जून १९७४ से २० जून १९७७ तक और फिरसे १३ जुलाई १९९२ से ४ नवम्बर १९९५ तक जिस दिन उनकी हत्या कर दी गई। १९९४ में राबिनको शिमॉन पेरेझ और यासिर अराफ़ात के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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रवि शंकर प्रसाद

रवि शंकर प्रसाद (जन्म: ३० अगस्त, १९५४) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वर्तमान में वे भारतीय संसद के ऊपरी सदन में बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में भारत के कोयला एवं खान मंत्रालय, न्याय एवं विधि मन्त्रालय तथा सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय में राज्य मन्त्री रह चुके हैं। प्रसाद भारत के मुख्य राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अग्रणी सदस्यों में से एक हैं। .

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शिमोन पेरेज़

शिमोन पेरेज़ (२ अगस्त १९२३ – २८ सितंबर २०१६) इज़रायली राजनीतिज्ञ थे। वे १३ सितम्बर १९८४ से २० अक्टूबर १९८६ तक और फिरसे ४ नवम्बर १९९५ से १८ जून १९९६ तक दो बार इज़राइल के प्रधानमन्त्री रहे और २००७ से २०१४ तक इज़रायल के राष्ट्रपति थे। १९९४ में पेरेज़को यित्झाक राबिन और यासिर अराफ़ात के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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सिमी

सिमी (SIMI) या स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया भारत में प्रतिबंधित एक संगठन है। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ है। इसके अनुसार इनका ध्येय 'पश्चिमी भौतिकवादी सांस्कृतिक प्रभाव को एक इस्लामिक समाज में रूपांतरित करना है'। कई लोगों और भारत सरकार की मान्यता है कि सिमी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। सिमी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भागीदारी के लिए 2002 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, अगस्त 2008 में, एक विशेष न्यायाधिकरण में सिमी पर प्रतिबंध हटा लिया। ये प्रतिबंध बाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 6 अगस्त 2008 को बहाल किया गया। सिमी को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट 1967 (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया था। सिमी 2019 तक प्रतिबंधित है। इस संगठन की उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में मजबूत उपस्थिति है। कई जानकारों का मानना है कि प्रतिबंध लगने के बाद सिमी इंडियन मुजाहिदीन नाम से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। - नवभारत टाइम्स - 31 अक्टूबर 2016 .

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जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार

जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार भारत की सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसकी स्थापना १९६५ में की गई है। पुरस्कार दुनिया के लोगों के बीच अंतरराष्ट्रीय समझ, सद्भावना और मैत्री को बढ़ावा देने के लिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 25 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं। .

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ईदी अमीन

ईदी अमीन दादा (1925 - 16 अगस्त 2003) 1971 से 1979 तक युगांडा का सैन्य नेता एवं राष्ट्रपति था। 1946 में अमीन ब्रिटिश औपनिवेशिक रेजिमेंट किंग्स अफ़्रीकां राइफल्स में शामिल हो गया और 25 जनवरी 1971 के सैन्य तख्तापलट द्वारा मिल्टन ओबोटे को पद से हटाने से पूर्व युगांडा की सेना में अंततः मेजर जनरल और कमांडर का ओहदा हासिल किया। बाद में देश के प्रमुख पद पर आसीन रहते हुए उसने स्वयं को फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत कर लिया। अमीन के शासन को मानव अधिकारों के दुरूपयोग, राजनीतिक दमन, जातीय उत्पीड़न, गैर कानूनी हत्याओं, पक्षपात, भ्रष्टाचार और सकल आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जाना जाता था। अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षकों और मानव अधिकार समूहों का अनुमान है कि उसके शासन में 1,00,000 से 5,00,000 लोग मार डाले गए। अपने शासन काल में, अमीन को लीबिया के मुअम्मर अल-गद्दाफी के अतिरिक्त सोवियत संघ तथा पूर्वी जर्मनी का भी समर्थन हासिल था।गैरेथ एम.

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क्रांतिकारी

क्रांतिकारी, यह वो व्यक्ति है जो अत्याचार और उपनिवेशवाद के विरुद्ध क्रांति मे सक्रिय रूप में भाग लेता है या अत्याचार और उपनिवेशवाद के विरुद्ध क्रांति की वकालत करता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

यासेर अराफात

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