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मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या

सूची मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या

सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (15 सितम्बर 1861 - 14 अप्रैल 1962) (तेलुगु में: శ్రీ మోక్షగుండం విశ్వేశ్వరయ్య) भारत के महान अभियन्ता एवं राजनयिक थे। उन्हें सन १९५५ में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से विभूषित किया गया था। भारत में उनका जन्मदिन अभियन्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

15 संबंधों: धुले, भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची, भारत रत्‍न, भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय वैज्ञानिकों की सूची, राजेन्द्र सेतु, सुभाष चन्द्र बोस, विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वृंदावन उद्यान, कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ, कृष्णराजसागर, अभियन्ता दिवस, अर्थशास्त्र, १४ अप्रैल, १५ सितम्बर

धुले

धुले (मराठी: धुळे) महाराष्ट्र के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक महानगर एवं महानगरपालिका है। यह धुले जिले में है। यह नगर भारत के गिने-चुने नगरों में से एक है जो सुनियोजित ढंग से बसाये गये हैं। इस नगर की योजना भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या द्वारा निर्मित की गयी थी। श्रेणी:महाराष्ट्र के शहर.

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भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस पुरस्कार को पाने वालों की सूची निम्न है: .

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भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

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भारतीय विज्ञान संस्थान

भारतीय विज्ञान संस्थान का प्रशासकीय भवन भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिये अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है। यह बंगलुरु में स्थित है। इस संस्थान की गणना भारत के इस तरह के उष्कृष्टतम संस्थानों में होती है। संस्थान ने प्रगत संगणन, अंतरिक्ष, तथा नाभिकीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया है।  2016 तक यह संस्थान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 250 संस्थानों में से एक था .

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भारतीय वैज्ञानिकों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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राजेन्द्र सेतु

राजेन्द्र सेतु/ मोकामा पुल - लगभग दो किलोमीटर लंबा यह पुल गंगा नदी पर बना बिहार का रेल-सह-सड़क पुल है, जो उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ता है। पुल का स्थान मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या के काम पर आधारित था, जो उस समय 90 वर्ष से अधिक पुराना था। पटना जिले के हैथिदाह के पास सड़क-सह-रेल पुल का उद्घाटन 1 9 5 9 में भारत के प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह ने किया था। पुल का निर्माण ब्राथवाइट, बर्न एंड जेसॉप कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया गया था। यह लगभग 2 किलोमीटर (1.2 मील) लंबा है और इसमें दो लेन वाली सड़क और एक लाइन रेलवे ट्रैक है। राजेंद्र सेतु के लिए एक नए समांतर रेलवे पुल का निर्माण 12 मार्च 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। नया 1.9 किमी रेलवे पुल फरवरी 2021 तक परिचालित होने वाला है। नए पुल के निर्माण के लिए अनुबंध आवंटित किया गया था इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (आईआरकॉन)। .

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सुभाष चन्द्र बोस

सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से मदद लेने की कोशिश की थी तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें ख़त्म करने का आदेश दिया था। नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी। जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये। सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया। 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगीं। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये? 16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की माँग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया। .

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विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) कर्नाटक राज्य में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह कर्नाटक सरकार द्वारा 1 अप्रैल 1998 को वीटीयू अधिनियम 1994 के अनुसार, राज्य में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए स्थापित किया गया था। वीटीयू के पास कुछ अपवादो को छो़ड़ कर्नाटक राज्य का पूरा अधिकार है। कर्नाटक राज्य में इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा प्रादान करने वाले हर कॉलेज को वीटीयू के तहत होना अनीवार्य है।http://vtu.ac.in/pdf/academic/publicnotice.pdf इस विश्वविद्यालय का नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या के नाम पर रखा गया है। वे एकलौते इंजीनियर है जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। ज्ञान संगम, बेलगाम वीटीयू का मुख्यालय है। साथ ही विश्वविद्यालय का तीन क्षेत्रीय केंद्र बंगलौर, गुलबर्ग और मैसूर में स्थित है। ६७१०० पूर्वस्नातक और १२६६६ स्नातक शिक्षको का सेवन करने की क्षमता रखते हुए यह भारत में सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। २०८ कॉलेज इसके तहत है। यह विश्वविद्यालय ३० पूर्वस्नातक और १७ स्नातक पाठ्यक्रम प्रादान करता है। विश्वविद्यालय में लगभग 1800 पीएचडी के उम्मीदवार है। वर्तमान में, वीटीयू के पास १३ क्यूआईपी केंद्र और 17 विस्तार केन्द्र है। यह भारत के उन चंद विश्वविद्यालयों में से है जिसके तहत १६ कॉलेजो को विश्व बैंक के टीईक्यूआईपी (टेक्निकल एड़यूकेषन कॉलिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम, भारत सरकार की पहल) कार्यक्रम के तहत कला प्रयोगशालाओं, परिसर में सुविधाओं और अनुसंधान केंद्रों को स्थापित करने में सहायता प्राप्त करने के लिए चुना गया है। विश्वविद्यालय मे न्याय-प्रशासन के लिए सदस्य शैक्षिक समुदाय और सरकारी अधिकारियों मे से चुने जते है। विश्वविद्यालय के वर्तमान चांसलर श्री एच् हंसराज भारद्वाज हैं। इस विश्वविद्यालय ने कई बहुराष्ट्रीय निगमो, जैसे, आईबीएम, इंटेल एशिया इलेक्ट्रॉनिक्स इंक, इंगरसोल रैंड (इंडिया) लिमिटेड, बंगलौर, नोकिया, बॉश रेक्सरोत और माइक्रोसॉफ्ट, के साथ सम्बन्ध बनाए है जिस्से छात्रों और शिक्षकों दोनों के उद्योग बातचीत में सुधार होगा। वीटीयू असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनीवर्सिटी और असोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनीवर्सिटी का सदस्य है। .

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वृंदावन उद्यान

बृंदावन उद्यान भारत के कर्नाटक राज्य के मैसूर नगर में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह उद्यान कावेरी नदी में बने कृष्णासागर बांध के साथ सटा है। इस उद्यान की आधारशिला १९२७ में रखी गयी थी और इसका कार्य १९३२ में सम्पन्न हुआ।.

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कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ

कृष्ण राज वाडियार चतुर्थ (4 जून 1884 - 3 अगस्त 1940 ನಾಲ್ವಡಿ ಕೃಷ್ಣರಾಜ ಒಡೆಯರು बेंगलोर पैलेस), नलवडी कृष्ण राज वाडियार ನಾಲ್ವಡಿ ಕೃಷ್ಣರಾಜ ಒಡೆಯರು के नाम से भी लोकप्रिय थे, वे 1902 से लेकर 1940 में अपनी मृत्यु तक राजसी शहर मैसूर के सत्तारूढ़ महाराजा थे। जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था तब भी वे भारतीय राज्यों के यशस्वी शासकों में गिने जाते थे। अपनी मौत के समय, वे विश्व के सर्वाधिक धनी लोगों में गिने जाते थे, जिनके पास 1940 में $400 अरब डॉलर की व्यक्तिगत संपत्ति थी जो 2010 की कीमतों के अनुसार $56 बिलियन डॉलर के बराबर होगी.

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कृष्णराजसागर

कृष्णराजसागर बाँध कृष्णराजसागर मैसूर नगर से 12 मील उत्तरपश्चिम में एक कृत्रिम जलाशय (क्षेत्रफल 49 1/2 वर्गमील) है। इस जलाशय का निर्माण कावेरी नदी पर 124 फुट ऊँचा तथा 1,314 फुट लंबा बाँध बाँधकर किया गया है। इसमें कावेरी, हेमावती तथा लक्ष्मणरतीर्था नदियाँ गिरती हैं, जिनसे निकाली गई कई नहरें जलाशय के आसपास की 92,000 एकड़ भूमि की सिंचाई के लिये उपयोगी है। कृष्णराजसागर बाँध पर जलविद्युत् भी उत्पन्न की जाती है और इसी से बंगलोर नगर को पानी पहुँचाया जाता है। इसके पास कावेरी नदी के बाएँ तट पर वृंदावन नामक वाटिका है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। जिस स्थान पर कावेरी नदी जलाशय में प्रेवश करती हैं यहाँ कृष्णराजनगर नामक छोटा कस्बा है जो मिट्टी के सुंदर बर्तनों के गृहउद्योग के लिये प्रसिद्ध है। .

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अभियन्ता दिवस

भारत में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन है। .

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अर्थशास्त्र

---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.

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१४ अप्रैल

१४ अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १०४वॉ (लीप वर्ष में १०५ वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और २६१ दिन बाकी है। .

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१५ सितम्बर

15 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 258वॉ (लीप वर्ष में 259 वॉ) दिन है। साल में अभी और 107 दिन बाकी है। .

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