2 संबंधों: फुफ्फुस कर्कट रोग, फुफ्फुस कैन्सर।
फुफ्फुस कर्कट रोग
फुफ्फुस कर्कट रोग (Lung Cancer) फुफ्फुस या फेफड़ें का कैंसर एक आक्रामक, व्यापक, कठोर, कुटिल और घातक रोग है जिसमें फेफड़े के ऊतकों की अनियंत्रित संवृद्धि होती है। 90%-95% फेफड़े के कैंसर छोटी और बड़ी श्वास नलिकाओं (bronchi and bronchioles) के इपिथीलियल कोशिकाओं से उत्पन्न होते हैं। इसीलिए इसे ब्रोंकोजेनिक कारसिनोमा भी कहते हैं। प्लुरा से उत्पन्न होने वाले कैंसर को मेसोथेलियोमा कहते हैं। फेफड़े के कैंसर का स्थलान्तर बहुत तेजी होता है यानि यह बहुत जल्दी फैलता है। हालांकि यह शरीर के किसी भी अंग में फैल सकता है। यह बहुत जानलेवा रोग माना जाता है। इसका उपचार भी बहुत मुश्किल है। .
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फुफ्फुस कैन्सर
फुफ्फुस के दुर्दम अर्बुद (malignant tumor) को फुफ्फुस कैन्सर या 'फेफड़ों का कैन्सर' (Lung cancer या lung carcinoma) कहते हैं। इस रोग में फेफड़ों के ऊतकों में अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाय तो यह वृद्धि विक्षेप कही जाने वाली प्रक्रिया से, फेफड़े से आगे नज़दीकी कोशिकाओं या शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। अधिकांश कैंसर जो फेफड़े में शुरु होते हैं और जिनको फेफड़े का प्राथमिक कैंसर कहा जाता है कार्सिनोमस होते हैं जो उपकलीय कोशिकाओं से निकलते हैं। मुख्य प्रकार के फेफड़े के कैंसर छोटी-कोशिका फेफड़ा कार्सिनोमा (एससीएलसी) हैं, जिनको ओट कोशिका कैंसर तथा गैर-छोटी-कोशिका फेफड़ा कार्सिनोमा भी कहा जाता है। सबसे आम लक्षणों में खांसी (खूनी खांसी शामिल), वज़न में कमी तथा सांस का फूंलना शामिल हैं। फेफड़े के कैंसर का सबसे आम कारण तंबाकू के धुंए से अनावरण है, जिसके कारण 80–90% फेफड़े के कैंसर होता है। धूम्रपान न करने वाले 10–15% फेफड़े के कैंसर के शिकार होते हैं, और ये मामले अक्सर आनुवांशिक कारक, रैडॉन गैस, ऐसबेस्टस, और वायु प्रदूषण के संयोजन तथा अप्रत्यक्ष धूम्रपान से होते हैं। सीने के रेडियोग्राफ तथा अभिकलन टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) द्वारा फेफड़े के कैंसर को देखा जा सकता है। निदान की पुष्टि बायप्सी से होती है जिसे ब्रांकोस्कोपी द्वारा किया जाता है या सीटी- मार्गदर्शन में किया जाता है। उपचार तथा दीर्घ अवधि परिणाम कैंसर के प्रकार, चरण (फैलाव के स्तर) तथा प्रदर्शन स्थितिसे मापे गए, व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। आम उपचारों में शल्यक्रिया, कीमोथेरेपी तथा रेडियोथेरेपी शामिल है। एनएससीएलसी का उपचार कभी-कभार शल्यक्रिया से किया जाता है जबकि एससीएलसी का उपचार कीमोथेरेपी तथा रेडियोथेरेपी से किया जाता है। समग्र रूप से, अमरीका के लगभग 15 प्रतिशत लोग फेफड़े के कैंसर के निदान के बाद 5 वर्ष तक बचते हैं। पूरी दुनिया में पुरुषों व महिलाओं में फेफड़े का कैंसर, कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे आम कारण है और यह 2008 में वार्षिक रूप से 1.38 मिलियन मौतों का कारण था। .