8 संबंधों: तेजम, थल, बागेश्वर, मुनस्यारी तहसील, जोहार घाटी, कपकोट, कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड, कुमाऊँ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की सूची।
तेजम
तेजम उत्तराखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जनपद में रामगंगा नदी के तट पर बसा एक छोटा सा नगर है। यह नगर उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग 11 तथा 31 के तिराहे पर स्थित है। तेजम का कुल क्षेत्रफल 2.277 वर्ग किलोमीटर है, तथा यह समुद्र तल से 1055 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सितंबर 2016 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री, हरीश रावत ने मुन्स्यारी के तल्ला जोहार क्षेत्र को तहसील का दर्जा देने की घोषणा की थी, जिसका मुख्यालय तेजम में तय किया गया। नवंबर 2016 में तहसील अस्तित्व में आई, तथा इसका नाम तेजम तहसील रख दिया गया। हालांकि दिसंबर 2017 तक भी यहां किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार तेजम में कुल 152 परिवार निवास करते हैं, और नगर की जनसंख्या 495 है, जिसमें से 234 पुरुष हैं तथा 261 महिलाएं हैं। 0-6 वर्ष के बच्चों की संख्या 76 है। तेजम का लिंगानुपात 1115 महिलाएं प्रति 1000 है; पुरुषों में साक्षरता दर 95.98 % है, जबकि महिलाओं में यह 68.18 % है। .
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थल
थल उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जनपद में रामगंगा नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा नगर है। यहाँ १६वीं शताब्दी का एक शिव मंदिर है। १९५७ से १९६२ तक यह अल्मोड़ा जनपद का एक विकासखंड था। ३० सितम्बर २०१४ से यह पिथौरागढ़ जनपद की एक तहसील है। बेरीनाग तथा डीडीहाट तहसील के ११४ ग्रामों से इसका गठन किया गया। .
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बागेश्वर
बागेश्वर उत्तराखण्ड राज्य में सरयू और गोमती नदियों के संगम पर स्थित एक तीर्थ है। यह बागेश्वर जनपद का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यहाँ बागेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय जनता "बागनाथ" या "बाघनाथ" के नाम से जानती है। मकर संक्रांति के दिन यहाँ उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा मेला लगता है। स्वतंत्रता संग्राम में भी बागेश्वर का बड़ा योगदान है। कुली-बेगार प्रथा के रजिस्टरों को सरयू की धारा में बहाकर यहाँ के लोगों ने अपने अंचल में गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन शुरवात सन १९२० ई. में की। सरयू एवं गोमती नदी के संगम पर स्थित बागेश्वर मूलतः एक ठेठ पहाड़ी कस्बा है। परगना दानपुर के 473, खरही के 66, कमस्यार के 166, पुँगराऊ के 87 गाँवों का समेकन केन्द्र होने के कारण यह प्रशासनिक केन्द्र बन गया। मकर संक्रान्ति के दौरान लगभग महीने भर चलने वाले उत्तरायणी मेले की व्यापारिक गतिविधियों, स्थानीय लकड़ी के उत्पाद, चटाइयाँ एवं शौका तथा भोटिया व्यापारियों द्वारा तिब्बती ऊन, सुहागा, खाल तथा अन्यान्य उत्पादों के विनिमय ने इसको एक बड़ी मण्डी के रूप में प्रतिष्ठापित किया। 1950-60 के दशक तक लाल इमली तथा धारीवाल जैसी प्रतिष्ठित वस्त्र कम्पनियों द्वारा बागेश्वर मण्डी से कच्चा ऊन क्रय किया जाता था। .
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मुनस्यारी तहसील
मुनस्यारी तहसील भारत के उत्तराखंड राज्य में पिथौरागढ़ जनपद में एक तहसील है। पिथौरागढ़ जनपद के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय मुनस्यारी नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में धारचूला तहसील, पश्चिम में बागेश्वर जनपद की कपकोट तहसील तथा चमोली जनपद की जोशीमठ तहसील, उत्तर में चीन तथा दक्षिण में डीडीहाट और बेरीनाग तहसील है। तहसील के अधिकार क्षेत्र में कुल 219 गाँव आते हैं, और 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 46523 है। .
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जोहार घाटी
मुनस्यारी के समीप जोहार घाटी तथा मध्य में बहती गोरी नदी का दृश्य जोहार घाटी, जिसे मीलम घाटी या गोरीगंगा घाटी भी कहते हैं, भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध घाटी है। गोरी नदी इसी घाटी से होकर बहती है। एक समय में इस घाटी से तिब्बत के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक रास्ते निकलते थे। मीलम और मारतोली घाटी में स्थित प्रमुख ग्राम हैं। जोहार घाटी के १२ गांव मीलम हिमनद से निकलने वाली गोरी नदी के किनारे बसे हैं। मुनस्यारी से ६ हजार से १० हजार फीट तक ऊंचाई पर बसे इन गांवों तक पहुंचने के लिए ६५ किमी का पैदल सफर तय करना पड़ता है। .
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कपकोट
कपकोट भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ मण्डल के बागेश्वर जिले का एक नगर है। सरयू नदी के तट पर बसा कपकोट जनपद मुख्यालय, बागेश्वर से २५ किमी की दूरी पर स्थित है, और कपकोट तहसील का मुख्यालय है, जो क्षेत्रफल के आधार पर बागेश्वर जनपद की सबसे बड़ी तहसील है। .
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कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड
हल्द्वानी के केमू स्टेशन में खड़ी बसें। कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड (Kumaon Motor Owners Union Limited), जो अपने संक्षिप्त नाम के॰एम॰ओ॰यू॰ (K.M.O.U) या केमू से अधिक प्रसिद्ध है, उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में बस सेवा प्रदान करने वाली एक निजी कम्पनी है। १९३९ में १३ निजी कम्पनियों के विलय द्वारा अस्तित्व में आयी यह मोटर कम्पनी स्वतन्त्रता पूर्व कुमाऊँ क्षेत्र में बसें चलाने वाली एकमात्र बस कम्पनी थी। १९८७ तक यह इस क्षेत्र की सबसे बड़ी बस कम्पनी थी। .
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कुमाऊँ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की सूची
कुमाऊं विश्वविद्यालय का प्रतीक चिह्न निम्नलिखित सूची कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल से सम्बद्ध राजकीय महाविद्यालयों की है: .
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