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मुज़फ़्फ़रनगर

सूची मुज़फ़्फ़रनगर

मुज़फ़्फ़रनगर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है। ये मुज़फ़्फ़रनगर जिले का मुख्यालय भी है। .

49 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, दल्हेड़ी, दारुल उलूम देवबन्द, देवबन्द, दोआब, धरमपाल, धिन्धवलि, पुरुषोत्तम दास टंडन, प्रमोद उटवाल, प्रकाशी तोमर, भारत के शहरों की सूची, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, महेंद्र सिंह टिकैत, मुनव्वर हसन कमाल, मुज़फ़्फ़र नगर जिला, यमुना नदी, याहियापुर, रामपुर तिराहा गोलीकाण्ड, रुड़की, शर्मा बन्धु, शामली, शुक ताल, शुक्रताल, शैलेश मटियानी, संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध, से॰रा॰ यात्री, हरिद्वार, हापुड़, हिण्डन नदी, जगदीश चन्द्र जैन, विजय कुमार कश्यप, विक्रम सिंह, वेद प्रकाश शर्मा, खड़ीबोली, आखलौर, कपिल देव अग्रवाल, काली नदी (उत्तर प्रदेश), कुतुबपुर दताना, अवतार सिंह भड़ाना, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश पुलिस, उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२, उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२ए, उत्तर प्रदेश का इतिहास, उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची, उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, उमेश मलिक, 2013 मुज़फ़्फ़र नगर दंगे

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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दल्हेड़ी

दल्हेड़ी भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के सहारनपुर ज़िले का एक गांव है। 2011 की जनगणना के अनुसार दल्हेड़ी की जनसंख्या ४८४० है। जानकारी के रूप में दल्हेड़ी गांव का पिनकोड २४७४५२ है। .

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दारुल उलूम देवबन्द

दारुल उलूम देवबन्द भारत का एक इस्लामी स्कूल है। देवबन्द भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के ज़िला सहारनपुर का एक क़स्बा है जो सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित है। देवबंद से सहारनपुर लगभग 52 किलोमीटर और मुज़फ़्फ़रनगर 24 किलोमीटर दूर स्थित है। यह माना जाता है कि यह एशिया का सबसे बड़ा मदरसा है। .

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देवबन्द

देवबंद उत्तर प्रदेश के ज़िला सहारनपुर का एक क़स्बा है जो सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित है। देवबंद से सहारनपुर लगभग 52 किलोमीटर और मुज़फ़्फ़रनगर 24 किलोमीटर दूर स्थित है। देवबंद एक प्रागैतिकहासिक नगर है -- इस नगर की कहानी इतिहास से पहले की है जो मानव सभ्यता के अतीत से सुरु होती है इस नगर पर बहुत बार आक्रंताओ ने चढ़ाई की थी पुरातत्व श्रोत के रूप में देवबंद में अनेक बार साक्ष्य प्राप्त हुए हैं देवबंद में त्रिपुर बाला सुंदरी देवी का मंदिर भी है माँ त्रिपुरा बल सुंदरी देवी मंदिर के द्वार पर लगा शिलालेख अज्ञात काल का कहा जाता है इसको आज तक नहीं पढ़ा जा सका है देवबंद के बारे में यह प्रसिद्ध है कि यहाँ घने जंगल थे और छोटी छोटी झोपड़िया थी देवबंद में राधावल्लभ का ऐतिहासिक मंदिर भी है। देवबंद में अधिसंख्या मुसलमानों की है लेकिन एक तिहाई आबादी हिंदुओं की भी है। देवबंद के व्यापार पर समाज के सभी वर्गों की ही पकड़ है। अधिकांश बड़े बड़े व्यापारी हिंदू ही हैं। विभाजन के बाद पंजाबी समुदाय और सिक्ख समुदाय के लोग भी देवबंद में आकर बस गए। पंजाबी समुदाय की तादाद कम है और सिक्खों की तादाद तो बस गिनती की ही है। रेलवे रोड पर एक गुरूद्वारा भी है। ईसाईयों की गिनती बहुत थोड़ी है। सभी लोग एक दूसरे के साथ सद्भावना के साथ रहते हैं और एक दूसरे की ख़ुशी और ग़म में शिरकत भी करते हैं। श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर.

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दोआब

भारत का प्रसिद्ध दोआब: गंगा-यमुना का दोआब उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप के प्रसिद्ध दोआब दोआब दो नदियों के बीच के क्षेत्र को कहते हैं। यह 'दो' और 'आब' (यानि 'पानी') शब्दों के जोड़ से बना है, जैसे गंगा और यमुना के बीच की भूमि। दुनियाँ में इस प्रकार के अनेक दोआब हैं, जैसे दजला और फरात का दोआब आदि। पर भारत में दोआब विशेष रूप से गंगा और यमुना के मध्य की भूमि को ही कहते हैं, जो उत्तर प्रदेश में शिवालिक पहाड़ियों से लेकर इलाहाबाद में दोनों नदियों के संगमस्थल तक फैला हुआ है। निम्न दोआब, जो इटावा जिले से लेकर इलाहाबाद तक फैला है, अंतर्वेद कहलाता है। .

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धरमपाल

धरमपाल (1922 - 2006) भारत के एक गांधीवादी विचारक, इतिहासकार एवं दार्शनिक थे। धरमपाल का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुआ था। भारत से लेकर ब्रिटेन तक लगभग 30 साल उन्होंने इस बात की खोज में लगाये कि अंग्रेजों से पहले भारत कैसा था। इसी कड़ी में उनके द्वारा जुटाये गये तथ्यों, दस्तावेजों से भारत के बारे में जो पता चलता है वह हमारे मन पर अंकित तस्वीर के उलट है। वे एक गांधीवादी थे, एक विचारक, इतिहासकार और लेखक थे और उन्होंने हिन्दुस्तान में विज्ञान के इतिहास, पुराने समाज और लोगों के बारे में काफी लिखा। .

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धिन्धवलि

धिन्धवली जिला मुज़फ़्फ़र नगर में एक गाँव है। गाँव के अधिकांश लोग कृषि पर आश्रित हैं। गन्ना यहाँ की मुख्य फसल है। गाँव में २ सरकारी स्कूलों के अलावा पाँच निजी स्कूल भी हैं। यहाँ की जनसंख्या ६००० से ऊपर है। मुख्य सड़क से दूर होने के कारण यातायात की व्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है। वैसे शहर से दिन के समय कुछ घंटो के अन्तराल पर बस चलती है। कुछ लोग अपने निजी वाहनों जैसे साईकिल, स्कूटर, झोटा-बुग्गी व ट्रैक्टर आदि से भी यात्रा करते हैं। वैसे अब तो गाँव में मोटर कार भी आ गई है। कुछ एक राजनितिक मनमुटाव के अलावा गाँव में किसी प्रकार का कोई वैरभाव नहीं है, विरोधी राजनितिक पार्टी के लोग भी एक दूसरे के साथ प्यार से रहते हैं। इस गाँव की यह विशेषता पूरे क्षेत्र में एक मिसाल बनी हुई है। आदर सत्कार में भी यहाँ के लोग प्रसिद्ध हैं। श्रेणी:उत्तर प्रदेश के गाँव.

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पुरुषोत्तम दास टंडन

पुरूषोत्तम दास टंडन (१ अगस्त १८८२ - १ जुलाई, १९६२) भारत के स्वतन्त्रता सेनानी थे। हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करवाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के नेता तो थे ही, समर्पित राजनयिक, हिन्दी के अनन्य सेवक, कर्मठ पत्रकार, तेजस्वी वक्ता और समाज सुधारक भी थे। हिन्दी को भारत की राजभाषा का स्थान दिलवाने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान किया। १९५० में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्हें भारत के राजनैतिक और सामाजिक जीवन में नयी चेतना, नयी लहर, नयी क्रान्ति पैदा करने वाला कर्मयोगी कहा गया। वे जन सामान्य में राजर्षि (संधि विच्छेदः राजा+ऋषि.

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प्रमोद उटवाल

प्रमोद उटवाल एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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प्रकाशी तोमर

प्रकाशी तोमर जिन्हें (शूटर दादी और रिवॉल्वर दादी) के नाम से भी जानी जाती है एक बुजुर्ग महिला निशानेबाज हैं। इनका जन्म भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर ज़िले में ०१ जनवरी १९३७ में हुआ था। ये भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बागपत के जोहड़ी गाँव की निवासी हैं जो अपनी जेठानी चन्द्रो तोमर के साथ निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में भाग लेती हैं। उन्होंने इस पेशे को चुनने का मन तब बनाया जब ज्यादातर लोग उम्मीद छोड़ देते हैं यानी 60 वर्ष से अधिक की आयु में। 65 वर्ष की उम्र में जब उन्होंने शूटिंग रेंज में जाना शुरू किया तो लोगों, खासकर पुरुषों, ने उनका खूब मजाक उड़ाया और तरह तरह के ताने दिए, जैसे 'जा, जाकर फौज में भर्ती हो जा' या फिर 'कारगिल चली जा' आदि, लेकिन यह सब उनकी इच्छाशक्ति को तोड़ नहीं पाया। आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाया, जिसने न केवल उन्हें प्रसिद्धी के शिखर पर पहुंचाया बल्कि समाज, आलोचकों और आने वाले पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम की। अब उनकी बेटी सीमा तोमर एक अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज हैं और गांव के लोग उनका नाम गर्व और सम्मान के साथ लेते हैं। .

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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महेंद्र सिंह टिकैत

महेन्द्र सिंह टिकैत महेन्द्र सिंह टिकैत (जन्म: १९३५ - मृत्यु: १५ मई २०११) उत्तर प्रदेश के किसान नेता तथा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष थे। टिकैत पिछले क़रीब 25 सालों से किसानों की समस्याओं के लिए संघर्षरत थे और विशेष कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के जाट किसानों में उनकी साख थी। .

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मुनव्वर हसन कमाल

संपूर्ण नाम सय्यद मुनव्वर हसन कमाल। कलमी नाम कमाल है। आपका जन्म भारत की रियासत उत्तर प्रदेश के शहर मुज़फ़्फ़र नगर में 9 अगस्त, 1959 ई. को हुवी। पिता सय्यद मुहम्मद हसन और माता उस्मानी बेगम। पत्नी राशिदा बेगम। पिता श्रीमान सय्यद मुहम्मद हसन काज़िमी भी अपने दौर के जाने माने शायर और लेखक थे। .

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मुज़फ़्फ़र नगर जिला

मुज़फ़्फ़रनगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय मुज़फ़्फ़रनगर है। जिला सहारनपुर मंडल का हिस्सा है। जिले का क्षेत्रफल 4008किमी है। मुज़फ़्फ़रनगर, बुढ़ाना,जानसठ,खतौली यहाँ के तहसील हैं। सन् 2011 की जनगणना में इसका साक्षरता दर 68.68% था। इसका एस.टी.डी (STD) कोड 0131 है। .

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यमुना नदी

आगरा में यमुना नदी यमुना त्रिवेणी संगम प्रयाग में वृंदावन के पवित्र केशीघाट पर यमुना सुबह के धुँधलके में यमुनातट पर ताज यमुना भारत की एक नदी है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो यमुनोत्री (उत्तरकाशी से ३० किमी उत्तर, गढ़वाल में) नामक जगह से निकलती है और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा से मिल जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बतवा और केन उल्लेखनीय हैं। यमुना के तटवर्ती नगरों में दिल्ली और आगरा के अतिरिक्त इटावा, काल्पी, हमीरपुर और प्रयाग मुख्य है। प्रयाग में यमुना एक विशाल नदी के रूप में प्रस्तुत होती है और वहाँ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के नीचे गंगा में मिल जाती है। ब्रज की संस्कृति में यमुना का महत्वपूर्ण स्थान है। .

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याहियापुर

याहियापुर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले में एक छोटा सा गाँव है। यह गाँव राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 से बस थोडा सा ही हटकर, खतौली से लगभग ३ किलोमीटर दूर बिजनौर जाने वाली सड़क (जिसे मीरापुर सड़क भी कहा जाता है) पर स्थित है। यहाँ की अधिकांश आबादी शिक्षित है और कृषि यहाँ के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय है। यह खतौली डाकखाने के अंतर्गत आता है जिसका पिन कोड 251201 है। .

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रामपुर तिराहा गोलीकाण्ड

रामपुर तिराहा गोली काण्ड पुलिस द्वारा उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के आन्दोलनकारियों पर उत्तर प्रदेश के रामपुर क्राॅसिंग, मुज़फ्फरनगर जिले में की गई गोलीबारी की घटना को कहते हैं। आन्दोलनकारी, पृथक उत्तराखण्ड की माँग के समर्थन में, दिल्ली में धरना प्रदर्शन के लिए जा रहे थे, जब अगले दिन, बिना उकसाए उत्तर प्रदेश पुलिस ने १ अक्टूबर, १९९४ की रात्रि को आन्दोलनकारियों पर गोली चला दी, जिसके कारण सात आन्दोलनकारियों की मृत्यु हो गई और कुछ महिलाओं के साथ कथित रूप से छेड़खानी और दुष्कर्म किया गया। घटना के समय मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री थे। .

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रुड़की

रुड़की, भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक नगर और नगरपालिका परिषद है। इसे रुड़की छावनी के नाम से भी जाना जाता है और यह देश की सबसे पुरानी छावनियों में से एक है और १८५३ से बंगाल अभियांत्रिकी समूह (बंगाल सैप्पर्स) का मुख्यालय है। यह नगर गंग नहर के तट पर राष्ट्रीय राजमार्ग ५८ पर देहरादून और दिल्ली के मध्य स्थित है। .

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शर्मा बन्धु

उज्जैन निवासी गोपाल शर्मा, सुखदेव शर्मा, कौशलेन्द्र शर्मा और राघवेन्द्र शर्मा ये चारों भाई शर्मा बन्धु के नाम से जाने जाते हैं। भजन गायकी में एक नया ट्रेंड स्थापित करने का श्रेय इन्हीं भाईयों को जाता है। चारों मिलकर जब कोई भजन गाते हैं तो भक्ति भाव का बेहद अदभुत वातावरण बन जाता है। शर्मा बंधुओं की निर्झर कल-कल बहती अमृत वाणी से भगवान महादेव की स्‍तुति सुनना अविस्मर्णीय अनुभव है। 'सूरज की गर्मी से तपते हुए तन को मिल जाए तरुवर की छाया'......

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शामली

शामली उत्तर प्रदेश का एक शहर है और यह नए बनाए गए जिले का मुख्यालय है। यह जाट, गुर्जर संस्कृति का केन्द्र हैं। शामली को सितम्बर २०११ में जिले का दर्जा मिला। यह दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग पर स्थित हैं। यह दिल्ली से ९८ कि.

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शुक ताल

उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर से प्रायः तीस किलोमीटर दूर सड़क मार्ग पर गंगा के तट पर अवस्थित यह वह तीर्थ है जहाँ पहली बार शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत सुनाया था। शुकदेव मंदिर के अलावा यहाँ साढ़े छियत्तर फीट ऊंची ऐसी हनुमान प्रतिमा भी दर्शनीय है जिसके भीतर सात सौ करोड़ बार लिखे गए राम नाम समाहित हैं। श्रेणी:भारत के तीर्थ.

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शुक्रताल

शुक्रताल प्राचीन पवित्र तीर्थस्थल हॅ। यह मुजफ्फरनगर के समीप स्थित है। यहाँ संस्कृत महाविद्यालय हॅ। यह स्थान हिन्दुओं का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माना जाता है। गंगा नदी के तट पर स्थित शुक्रताल जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि इस जगह पर अभिमन्यु के पुत्र और अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित जिनको की शाप मिला था कि उन्हें एक सप्ताह के अंदर तक्षक नाग द्वारा डस लिया जायेगा,ने महऋषि शुकदेव के श्रीमुख से भगवत कथा का श्रवण किया था। इसके समीप स्थित वट वृक्ष के नीचे एक मंदिर का निर्माण किया गया था। इस वृक्ष के नीचे बैठकर ही शुकदेव जी भागवत कथा सुनाया करते थे। ये वट वृक्ष यहाँ अभी भी विद्यमान है और आश्चर्य की बात है कि इस वृक्ष पर कभी पतझड़ नहीं आती। शुकदेव मंदिर के भीतर एक यज्ञशाला भी है। राजा परीक्षि‍त महऋषि जी से भागवत की कथा सुना करते थे। इसके अतिरिक्त यहां पर पर भगवान गणेश की 35 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्‍थापित है। इसके साथ ही इस जगह पर अक्षय वट और भगवान हनुमान जी की 72 फीट ऊंची प्रतिमा बनी हुई है। श्री शिव भगवन की 108 फ़ीट ऊंची तथा माता दुर्गा की भी 80 फ़ीट ऊंची प्रतिमा यहाँ स्थापित की गई हैं। श्रेणी:ऐतिहासिक स्थल.

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शैलेश मटियानी

शैलेश मटियानी (१४ अक्टूबर १९३१ - २४ अप्रैल २००१) आधुनिक हिन्दी साहित्य-जगत् में नयी कहानी आन्दोलन के दौर के कहानीकार एवं प्रसिद्ध गद्यकार थे। उन्होंने 'बोरीवली से बोरीबन्दर' तथा 'मुठभेड़', जैसे उपन्यास, चील, अर्धांगिनी जैसी कहानियों के साथ ही अनेक निबंध तथा प्रेरणादायक संस्मरण भी लिखे हैं। उनके हिन्दी साहित्य के प्रति प्रेरणादायक समर्पण व उत्कृष्ट रचनाओं के फलस्वरूप आज भी उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पुरस्कार का वितरण होता है। .

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संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध

संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध (अंग्रेजी: United Provinces of Agra and Oudh; उच्चारण: यूनाईटेड प्राॅविन्सेज़ ऑफ ऐग्रा ऐण्ड औध) ब्रिटिश भारत में स्वाधीनता से पूर्व एकीकृत प्रान्त का नाम था जो 22 मार्च 1902 को आगरा व अवध नाम की दो प्रेसीडेंसी को मिलाकर बनाया गया था। उस समय सामान्यतः इसे संयुक्त प्रान्त (अंग्रेजी में यू॰पी॰) के नाम से भी जानते थे। यह संयुक्त प्रान्त लगभग एक शताब्दी 1856 से 1947 तक अस्तित्व में बना रहा। इसका कुल क्षेत्रफल वर्तमान भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त क्षेत्रफल के बराबर था। जिसे आजकल उत्तर प्रदेश या अंग्रेजी में यू॰पी॰ कहते हैं उसमें ब्रिटिश काल के दौरान रामपुर व टिहरी गढ़वाल जैसी स्वतन्त्र रियासतें भी शामिल थीं। 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान की घोषणा से एक दिन पूर्व सरदार बल्लभ भाई पटेल ने इन सभी रियासतों को मिलाकर इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया था। 3 जनवरी 1921 को जो राज्य पूर्णत: ब्रिटिश भारत का अंग बन गया था उसे स्वतन्त्र भारत में 20वीं सदी के जाते-जाते सन् 2000 में पुन: विभाजित कर उत्तरांचल (और बाद में उत्तराखण्ड) राज्य को स्थापित किया गया। .

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से॰रा॰ यात्री

से.रा.यात्री (मूल नाम: सेवा राम यात्री, जन्म 10 जुलाई 1932) एक भारतीय लेखक, कथाकार, व्यंग्यकार और उपन्यासकार हैं। 1971 ई. में 'दूसरे चेहरे' नामक कथा संग्रह से शुरू हुई उनकी साहित्यिक यात्रा अनवरत जारी है। तकरीबन चार दशकों के अपने लेखकीय यात्रा में उन्होंने 18 कथा संग्रह, 33 उपन्यास, 2 व्यंग्य संग्रह, 1 संस्मरण तथा 1 संपादित कथा संग्रह हिंदी जगत के पाठकों को दी है। हाल ही में उत्‍तर प्रदेश सरकार ने उन्‍हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से संचालित पुरस्कार योजना के तहत 2008 का महात्‍मा गांधी पुरस्‍कार दिये जाने की घोषणा की है। .

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हरिद्वार

हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है। यह नगर निगम बोर्ड से नियंत्रित है। यह बहुत प्राचीन नगरी है। हरिद्वार हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। ३१३९ मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने स्रोत गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से २५३ किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है; जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हैं। हरिद्वार का अर्थ "हरि (ईश्वर) का द्वार" होता है। पश्चात्कालीन हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब God Dhanwantari उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। ध्यातव्य है कि कुम्भ या महाकुम्भ से सम्बद्ध कथा का उल्लेख किसी पुराण में नहीं है। प्रक्षिप्त रूप में ही इसका उल्लेख होता रहा है। अतः कथा का रूप भी भिन्न-भिन्न रहा है। मान्यता है कि चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं। वे स्थान हैं:- उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयाग। इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से हर १२वें वर्ष महाकुम्भ का आयोजन होता है। एक स्थान के महाकुम्भ से तीन वर्षों के बाद दूसरे स्थान पर महाकुम्भ का आयोजन होता है। इस प्रकार बारहवें वर्ष में एक चक्र पूरा होकर फिर पहले स्थान पर महाकुम्भ का समय आ जाता है। पूरी दुनिया से करोड़ों तीर्थयात्री, भक्तजन और पर्यटक यहां इस समारोह को मनाने के लिए एकत्रित होते हैं और गंगा नदी के तट पर शास्त्र विधि से स्नान इत्यादि करते हैं। एक मान्यता के अनुसार वह स्थान जहाँ पर अमृत की बूंदें गिरी थीं उसे हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुण्ड माना जाता है। 'हर की पौड़ी' हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट माना जाता है और पूरे भारत से भक्तों और तीर्थयात्रियों के जत्थे त्योहारों या पवित्र दिवसों के अवसर पर स्नान करने के लिए यहाँ आते हैं। यहाँ स्नान करना मोक्ष प्राप्त करवाने वाला माना जाता है। हरिद्वार जिला, सहारनपुर डिवीजनल कमिशनरी के भाग के रूप में २८ दिसम्बर १९८८ को अस्तित्व में आया। २४ सितंबर १९९८ के दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 'उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक, १९९८' पारित किया, अंततः भारतीय संसद ने भी 'भारतीय संघीय विधान - उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम २०००' पारित किया और इस प्रकार ९ नवम्बर २०००, के दिन हरिद्वार भारतीय गणराज्य के २७वें नवगठित राज्य उत्तराखंड (तब उत्तरांचल), का भाग बन गया। आज, यह अपने धार्मिक महत्त्व के अतिरिक्त भी, राज्य के एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के रूप में, तेज़ी से विकसित हो रहा है। तेज़ी से विकसित होता औद्योगिक एस्टेट, राज्य ढांचागत और औद्योगिक विकास निगम, SIDCUL (सिडकुल), भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) और इसके सम्बंधित सहायक इस नगर के विकास के साक्ष्य हैं। .

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हापुड़

हापुड़ भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह नए बनाए गए जिले का मुख्यालय हैं। यह एक रेलवे का जंक्शन भी है। यह ज़िले की प्रसिद्ध व्यपारिक मण्डी है। यहाँ पर तिलहन, गुड़, गल्ले और कपास का व्यापार अधिक होता है। हापुड़ (हिन्दी- उर्दू) के बारे में-- ३,१०,000 की आबादी का एक मध्यम आकार के शहर है और स्टेनलेस स्टील पाइप, ट्यूब और हब बनाने के रूप में विख्यात, हापुड़ कागज शंकु और ट्यूबों के लिए भी प्रसिद्ध है। भारत की राजधानी नई दिल्ली से लगभग 60 किमी दूर स्थित यह शहर जिले का मुख्यालय भी है। राष्ट्रीय राजमार्ग-9 दिल्ली को लखनऊ से जोड़ने वाला राजमार्ग भी शहर से गुजरता है। हापुड़ शहर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। .

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हिण्डन नदी

हिण्डन नदी, उत्तरी भारत में यमुना नदी की एक सहायक नदी है। इसका पुरातन नाम हरनदी या हरनंदी भी था। इसका उद्गम सहारनपुर जिला में निचले हिमालय क्षेत्र के ऊपरी शिवालिक पर्वतमाला में स्थित है। यह पूर्णत: वर्षा-आश्रित नदी है और इसका बेसिन क्षेत्र ७,०८३ वर्ग कि॰ मी॰ है। यह गंगा और यमुना नदियों के बीच लगभग ४०० कि॰ मी॰ की लम्बाई में मुज़फ्फरनगर जिला, मेरठ जिला, बागपत जिला, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा से निकलते हुए दिल्ली से कुछ दूरी पर यमुना मिल जाती है। कभी महानगर की पहचान मानी जाने वाली हिंडन नदी का अस्तित्व खतरे में है। इसका पानी पीने लायक तो कभी रहा नहीं, अब इस नदी में प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि जलीय प्राणियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। ऐसे में हिंडन नदी अब केवल शोध करने तक ही सीमित रह गई है। इसमें ऑक्सीजन की मात्रा लगातार घटती जा रही है। वर्षा ऋतु में भी यह लगभग जलविहीन रहती है। नदी में लगातार औद्योगिक अपशिष्ट व पूजन सामग्री आदि डाले जाने से उसमें घुलित ऑक्सीजन की मात्रा दो से तीन मिलीग्राम प्रति लीटर रह गई है। शोधकर्ता डॉ॰ प्रसूम त्यागी के अनुसार प्रायः ऑक्सीजन का स्तर ६० लाख मिलीग्राम प्रति लीटर या ज्यादा होना चाहिए। यही कारण है कि नदी में मोहन नगर व छगारसी के पास ही जलीय जीवन के नाम पर केवल काइरोनॉस लार्वा ही बचा है, जो भारी जल प्रदूषण का संकेत है। यह सूक्ष्म जीव की श्रेणी में आता है। हिंडन नदी में मोहन नगर औद्योगिक क्षेत्र से डिस्टलरी का अपशिष्ट, वेस्ट डिस्चार्ज, धार्मिक पूजन सामग्री व मलमूत्र मिलते हैं। इसके बाद छगारसी ग्राम में पशुओं को नहलाना व खनन आदि होता है, जिसके कारण प्रदूषण में बढोत्तरी होती है। लगभग दस साल पहले तक नदी में अनेक कशेरुकी प्राणी, मछलियां व मेढ़क आदि मिलते थे, जो कि वर्तमान में मात्र सूक्ष्मजीव, काइरोनॉमस लार्वा, नेपिडी, ब्लास्टोनेटिडी, फाइसीडी, प्लैनेरोबिडी परिवार के सदस्य ही बचे हैं। .

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जगदीश चन्द्र जैन

डॉ जगदीश चन्द्र जैन (20 जनवरी 1909 – 28 जुलाई 1993) प्रसिद्ध विद्वान, भारतविद, शिक्षाशास्त्री, लेखक, तथा भारतीय स्वतन्त्रता के सेनानी थे। उन्होने ८० से अधिक पुस्तकों की रचना की जो विविध विषयों की हैं, जैसे जैन दर्शन, प्राकृत साहित्य, बच्चों के लिए हिन्दी की पाठ्यपुस्तकें आदि। उनकी रची पुस्तकें आज भी पूरे भारत के विद्यालयों में पढायी जातीं हैं। डॉ जैन गाँधी हत्या के मुकदमे में प्रमुख गवाह थे। कहा जाता है कि उन्होने सरकार को गांधी हत्या के षडयन्त्र के प्रति पहले ही सावधान कर दिया था। .

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विजय कुमार कश्यप

विजय कुमार कश्यप एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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विक्रम सिंह

विक्रम सिंह एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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वेद प्रकाश शर्मा

वेद प्रकाश शर्मा (Ved Prakash Sharma) (जन्म: १० जून १९५५ – १७ फ़रवरी २०१७) हिंदी के लोकप्रिय उपन्यासकार थे। इन्होंने सस्ते और लोकप्रिय उपन्यासों की रचना की है। इनके 176 उपन्यास प्रकाशित हुए। इसके अतिरिक्त इन्होंने खिलाडी श्रृंखला की फिल्मों की पटकथाएं भी लिखी। वर्दी वाला गुंडा वेद प्रकाश शर्मा का सफलतम थ्रिलर उपन्यास है। इस उपन्यास की आजतक लगभग 8 करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं। भारत में जनसाधारण में लोकप्रिय थ्रिलर उपन्यासों की दुनिया में यह उपन्यास "क्लासिक" का दर्जा रखता है। १० जून, 1955 को मेरठ में जन्मे वेद प्रकाश शर्मा के पिता पं॰ मिश्रीलाल शर्मा मूलत: मुजफ्फरनगर जिले के बिहरा गांव के रहने वाले थे। वेद प्रकाश एक बहन और सात भाइयों में सबसे छोटे हैं। एक भाई और बहन को छोड़कर सबकी प्राकृतिक-अप्राकृतिक मौत हो गई। 1962 में बड़े भाई की मौत हुई और उसी साल इतनी बारिश हुई कि किराए का मकान टूट-टाट गया। फिर गैंगरीन की वजह से पिता की एक टांग काटनी पड़ी। घर में कोई कमाने वाला नहीं था, सारी जिम्मेदारी मां पर आ गई। जीवन और समाज को करीब से देखने वाले वेद प्रकाश की तीन बेटियां (करिश्मा, गरिमा और खुशबू) और उपन्यासकार बेटा शगुन शादीशुदा हैं। तुलसी पॉकेट बुक्स नामक प्रकाशन संस्थान भी इन्होंने शुरू किया था। .

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खड़ीबोली

खड़ी बोली वह बोली है जिसपर ब्रजभाषा या अवधी आदि की छाप न हो। ठेंठ हिंदी। आज की राष्ट्रभाषा हिंदी का पूर्व रूप। इसका इतिहास शताब्दियों से चला आ रहा है। यह परिनिष्ठित पश्चिमी हिंदी का एक रूप है। .

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आखलौर

आखलौर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले की सदर तहसील में स्थित एक गाँव है। .

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कपिल देव अग्रवाल

कपिल देव अग्रवाल एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मुजफ्फरनगर सदर विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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काली नदी (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश में "काली नदी " नाम की दो नदियाँ हैं। पूर्वी काली नदी मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा तथा फर्रुखाबाद जिलों में होकर बहती है। इसका उद्गम मुजफ्फरनगर जिले में है जहाँ यह 'नागन' के नाम से विख्यात है। मुजफ्फरनगर तथा मेरठ जिलों में इसका मार्ग अनिश्चित रहता है। परंतु बुलंदशहर पहुँचकर यह निश्चित घाटी में बहती है तथा वर्ष भर इसमें जल रहता है। यहाँ इसे काली नदी कहते हैं जो 'कालिंदी' का पारसी लेखकों द्वारा प्रयुक्त अपभ्रंश रूप है। यहाँ पर इसकी दिशा दक्षिण के बजाय दक्षिण-पूर्व हो जाती है। इसी ओर चलती हुई काली नदी कन्नौज से कुछ पहले ही गंगा में मिल जाती है। बुलंदशहर से एटा तक काली नदी में वर्षा तथा नहर से इतना अधिक जल प्राप्त होता है कि पहले यह भाग बाढ़ग्रस्त हो जाता था। अब सिंचाई विभाग ने इस समस्या का उचित उपाय कर दिया है। एटा जिले में निचली गंगा नहर इस नदी के ऊपर से नदरई ऐक्वेडक्ट द्वारा बहती है। काली नदी की कुल लंबाई ४६० किमी है। पश्चिमी काली नदी उत्तर प्रदेश के सहारनुपर जिले में शिवालिक से २५ किमी दक्षिण से निकलकर दक्षिण-पश्चिम तथा दक्षिण की ओर सहारनपुर तथा मुजफ्फरनगर जिलों में बहती है। मेरठ जिले की उत्तरी सीमा पर यह हिंडन नदी में समा जाती हैं। श्रेणी:भारत की नदियाँ.

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कुतुबपुर दताना

कुतुबपुर दताना (अथवा 'दताना'), रवा राजपूत (राजपूत जाती कि एक मुख्य उपजाति) का गाँव है जो कि बुढ़ाना तहसील, मुज़फ्फरनगर जिला, उत्तर प्रदेश से ८ किमी पूर्व में स्तिथ है। गाँव का डाकघर ३ किमी दूर एक कुरथल नामक गाँव में पड़ता है। दताना गाँव बुढ़ाना तहसील के अंतर्गत पड़ता है। गाँव के निर्देशांक २९.२३२१४८२ उ. एवं ७७.५१७७१८१ पू.

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अवतार सिंह भड़ाना

अवतार सिंह भड़ाना एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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उत्तर प्रदेश पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में २३६,२८६वर्ग.कि.मी के क्षेत्र में २० करोड़ जनसंख्या (वर्ष 2011 के अनुसार) में न्याय एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु उत्तरदायी पुलिस सेवा है। ये पुलिस सेवा न केवल भारत वरन विश्व की सबसे बड़ी पुलिस सेवा है। सेवा के महानिदेशक-पुलिस की कमान की शक्ति १.७० लाख के लगभग है जो 75 जिलों में ३१ सशस्त्र बटालियनों एवं अन्य विशिष्ट स्कंधों में बंटी व्यवस्था का नियामन करती है। इन स्कंधों में प्रमुख हैं: इंटेलिजेंस, इन्वेस्टिगेशन, एंटी-करप्शन, तकनीकी, प्रशिक्षण एवं अपराध-विज्ञान, आदि। .

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उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक राज्य राजमार्ग है। १४६.९८ किलोमीटर लम्बा यह राजमार्ग कैराना से शुरू होकर रेहर तक जाता है। इसे पानीपत-खटीमा मार्ग भी कहा जाता है। यह मुज़फ़्फ़र नगर और बिजनौर जिलों से होकर गुजरता है। सन् २००० में उत्तर प्रदेश के विभाजन से पहले यह राजमार्ग रेहर से आगे नैनीताल जिले के खटीमा नगर तक जाता था। .

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उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२ए

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२ए भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक राज्य राजमार्ग है। २८.३० किलोमीटर लम्बा यह राजमार्ग मुजफ्फरनगर से शुरू होकर मीरपुर तक जाता है। इसे मुजफ्फरनगर-जानसठ-मीरपुर मार्ग भी कहा जाता है। यह मुजफ्फरनगर जिले में ही शुरू होकर समाप्त हो जाता है। .

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उत्तर प्रदेश का इतिहास

उत्तर प्रदेश का भारतीय एवं हिन्दू धर्म के इतिहास मे अहम योगदान रहा है। उत्तर प्रदेश आधुनिक भारत के इतिहास और राजनीति का केन्द्र बिन्दु रहा है और यहाँ के निवासियों ने भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभायी। उत्तर प्रदेश के इतिहास को निम्नलिखित पाँच भागों में बाटकर अध्ययन किया जा सकता है- (1) प्रागैतिहासिक एवं पूर्ववैदिक काल (६०० ईसा पूर्व तक), (2) हिन्दू-बौद्ध काल (६०० ईसा पूर्व से १२०० ई तक), (3) मध्य काल (सन् १२०० से १८५७ तक), (4) ब्रिटिश काल (१८५७ से १९४७ तक) और (5) स्वातंत्रोत्तर काल (1947 से अब तक)। .

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उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची

उत्तर प्रदेश राज्य में कुल ३५ राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ४०६३५ किमी है; और ८३ राज्य राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ८४३२ किमी है। .

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उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

उत्तर प्रदेश एक भारतीय राज्य है, जिसकी सीमाऐं नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ मिलती हैं। राज्य के उत्तर में हिमालय है और दक्षिण में दक्कन का पठार स्थित है। इन दोनों के बीच में, गंगा, यमुना, घाघरा समेत कई नदियां पूरब की तरफ बहती हैं। उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल है। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 199,581,477 है। उत्तर प्रदेश को 18 मण्डलों के अंतर्गत 75 जिलों में विभाजित किया गया है। 2011 में 199,581,477 की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 6.88 प्रतिशत मात्र है, लेकिन भारत की 16.49 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। 2011 तक राज्य में 64 ऐसे नगर हैं, जिनकी जनसंख्या 100,000 से अधिक है। 1,640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 4,542,184 की जनसंख्या के साथ कानपुर राज्य का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। .

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उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन

उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, उत्तराखण्ड राज्य के बनने से पहले की वे घटनाएँ हैं जो अन्ततः उत्तराखण्ड राज्य के रूप में परिणीत हुईं। राज्य का गठन ९ नवम्बर, २००० को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में हुआ। यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन बहुत लम्बे संघर्ष और बलिदानों के फलस्वरूप हुआ। उत्तराखण्ड राज्य की माँग सर्वप्रथम १८९७ में उठी और धीरे-धीरे यह माँग अनेकों समय उठती रही। १९९४ में इस माँग ने जनान्दोलन का रूप ले लिया और अन्ततः नियत तिथि पर यह देश का सत्ताइसवाँ राज्य बना। .

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उमेश मलिक

उमेश मलिक एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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2013 मुज़फ़्फ़र नगर दंगे

२७ अगस्त २०१३ मुज़फ़्फ़र नगर जिले के कवाल गाँव में जाट -मुस्लिम हिंसा के साथ यह दंगा शुरू हुआ जिसके कारण अब तक ४३ जाने जा चुकी है और ९३ हताहत हुए हैं। १७ सितम्बर को दंगा प्रभावित हर स्थानों से कर्फ्यु हटा लिया गया और सेना वापस बुला ली गयी। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

मुझफ्फरनगर जिला, मुजफ्फर नगर, मुजफ्फरनगर, मुज़फ़्फ़र नगर, मुज़फ्फरनगर, मुज़फ्फरनगर जिला

निवर्तमानआने वाली
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