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मुकेश

सूची मुकेश

मुकेश चंद माथुर (जुलाई २२, १९२३, दिल्ली, भारत - अगस्त २७, १९७६), लोकप्रिय तौर पर सिर्फ़ मुकेश के नाम से जाने वाले, हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख पार्श्व गायक थे। मुकेश की आवाज़ बहुत खूबसूरत थी पर उनके एक दूर के रिश्तेदार मोतीलाल ने उन्हें तब पहचाना जब उन्होंने उसे अपनी बहन की शादी में गाते हुए सुना। मोतीलाल उन्हें बम्बई ले गये और अपने घर में रहने दिया। यही नहीं उन्होंने मुकेश के लिए रियाज़ का पूरा इन्तजाम किया। इस दौरान मुकेश को एक हिन्दी फ़िल्म निर्दोष (१९४१) में मुख्य कलाकार का काम मिला। पार्श्व गायक के तौर पर उन्हें अपना पहला काम १९४५ में फ़िल्म पहली नज़र में मिला। मुकेश ने हिन्दी फ़िल्म में जो पहला गाना गाया, वह था दिल जलता है तो जलने दे जिसमें अदाकारी मोतीलाल ने की। इस गीत में मुकेश के आदर्श गायक के एल सहगल के प्रभाव का असर साफ़-साफ़ नज़र आता है। 1959 में अनाड़ी फ़िल्म के ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी’ गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। १९७४ में मुकेश को रजनीगन्धा फ़िल्म में कई बार यूँ भी देखा है गाना गाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। १९७६ में जब वे अमेरीका के डेट्रॉयट शहर में दौरे पर थे, तब उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी। .

51 संबंधों: चुपके चुपके, तलत महमूद, तीसरी कसम (1966 फ़िल्म), दिल ने फिर याद किया, देव आनन्द, धरती कहे पुकार के (1969 फ़िल्म), धर्मात्मा (1975 फ़िल्म), नादान (१९७१ फ़िल्म), नितिन मुकेश, नगमा, नौकरी (1978 फ़िल्म), नील नितिन मुकेश, पटना, पटना में दशहरा, पत्थर के सनम, प्रेम धवन, फर्ज़ (1967 फ़िल्म), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार, बन्दिनी (1963 फ़िल्म), बम्बई का बाबू (1960 फ़िल्म), बिनाका गीत माला, भारतीय पार्श्वगायक, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय व्यक्तित्व, मधुमती, महेन्द्र कपूर, मुक्ति (१९७७ फ़िल्म), मेरे अपने (1971 फ़िल्म), मोहनलाल (अभिनेता), मोहम्मद रफ़ी, मोहरा, राज कपूर, लता मंगेशकर, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, शहीद (1965 फ़िल्म), श्री ४२० (1955 फ़िल्म), सत्यम शिवम सुन्दरम (1978 फ़िल्म), सरस्वतीचन्द्र, हिन्दी सिनेमा, हिमालय की गोद में (1965 फ़िल्म), जिस देश में गंगा बहती है, ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म), ऑपेरा हाउस (१९६१ फ़िल्म), आनन्द (फ़िल्म), किशोर कुमार, अनाड़ी (1959 फ़िल्म), अनोखा (1975 फ़िल्म), अनीता (1967 फ़िल्म), अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म), उपकार (1967 फ़िल्म), ..., छोटी सी बात (१९७५ चलचित्र) सूचकांक विस्तार (1 अधिक) »

चुपके चुपके

चुपके चुपके १९७५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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तलत महमूद

तलत महमूद (२४ फरवरी, १९२४-९ मई, १९९८) एक भारतीय गायक तथा अभिनेता थे। अपनी थरथराती आवाज़ से मशहूर उनको गजल की दुनिया का राजा भी कहा जाता है। .

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तीसरी कसम (1966 फ़िल्म)

तीसरी कसम (अंग्रेजी: third oath)1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको तत्काल बॉक्स ऑफ़िस पर सफलता नहीं मिली थी पर यह हिन्दी के श्रेष्ठतम फ़िल्मों में गिनी जाती है। फ़िल्म का निर्माण प्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने किया था जिसे हिन्दी लेखक फणीश्वर नाथ 'रेणु' की प्रसिद्ध कहानी मारे गए ग़ुलफ़ाम की पटकथा मिली। इस फ़िल्म की असफलता के बाद शैलेन्द्र काफी निराश हो गए थे और उनका अगले ही साल निधन हो गया था। यह हिन्दी के महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी 'मारे गये गुलफाम' पर आधारित है। इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में राज कपूर और वहीदा रहमान शामिल हैं। बासु भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित तीसरी कसम एक फिल्म गैर-परंपरागत है जो भारत की देहाती दुनिया और वहां के लोगों की सादगी को दिखाती है। यह पूरी फिल्म बिहार के अररिया जिले में फिल्मांकित की गई। इस फिल्म का फिल्मांकन सुब्रत मित्र ने किया है। पटकथा नबेन्दु घोष की है, जबकि संवाद लिखे हैं स्वयं फणीन्द्र नाथ रेणु ने.

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दिल ने फिर याद किया

दिल ने फिर याद किया १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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देव आनन्द

देव आनन्द उर्फ़ धरमदेव पिशोरीमल आनंद (जन्म २६ सितंबर १९२३- मृत्यु ३ दिसम्बर २०११) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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धरती कहे पुकार के (1969 फ़िल्म)

धरती कहे पुकार के (अंग्रेजी: Call of the Earth) 1969 में वैशाली फिलम्स पताका अन्तर्गत दीनानाथ शास्त्री निर्मित, दुलाल गुहा निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है। जितेंद्र, नंदा, कन्हैयालाल, दुर्गा खोटे एवं संजीव कुमार इसके प्रमुख कलाकार तथा अभि भट्टाचार्य, अमोल सेन, असित सेन, ए के हंगल, तरुण बोस, मनमोहन व लीला मिश्रा सहायक कलाकार है। फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया तथा गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी है। .

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धर्मात्मा (1975 फ़िल्म)

धर्मात्मा 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नादान (१९७१ फ़िल्म)

नादान (१९७१ फ़िल्म) नादान १९७१ में देवेन वर्मा द्वारा निर्मित व निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है| आशा पारेख, नवीन निश्चल, मदन पुरी और निरूपा रॉय इसके प्रमुख कलाकार है| .

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नितिन मुकेश

नितिन मुकेश नितिन मुकेश भारतीय गायक है जो हिन्दी फ़िल्मों में अपने पार्शवगायन के लिये जाने जाते हैं। 1980-90 के दशकों में उन्होंने कई संगीतकार के साथ काम किया है:- खय्याम, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, बप्पी लाहिड़ी, राजेश रोशन, नदीम श्रवण, आनंद-मिलिंद। नितिन मुकेश के पुत्र है और उनके बेटे नील नितिन मुकेश अभिनेता है। .

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नगमा

चित्र:C:\Documents and Settings\user\Desktop\images.jpg नंदिता मोरारजी या नम्रता सदाना, जो नगमा के रूप में विख्यात हैं, नघमाநக்மா (जन्म 25 दिसम्बर 1974), बॉलीवुड, टॉलीवुड और कॉलीवुड की एक भारतीय अभिनेत्री हैं। 1990 के दशक में अपने चरम पर, द हिन्दू अख़बार के उद्धरणानुसार, "तमिल सिनेमा पर उनका प्रभुत्व" था। उनका जन्म क्रिसमस दिवस पर, एक मुससमान मां और हिन्दू पिता के घर हुआ। उन्होंने बॉलीवुड में अपना अभिनय कॅरिअर शुरू किया और कुछ फ़िल्मों में अभिनय किया, लेकिन दक्षिण में स्थानांतरित हो गईं, जहां उनकी मुंबई वापसी से पहले तक, उन्हें बेशुमार सफलता मिली। हालांकि कभी-कभी फ़िल्म नामावलियों में उन्हें नग़मा के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, पर उन्हें एक पुरानी अभिनेत्री न समझ लिया जाए, जिन्होंने इसी मंच नाम को अपनाया था - यह ग़लती इंटरनेट मूवी डेटाबेस वेबसाइट पर उनकी सूची में किया गया है। नगमा हिन्दी, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी और अब मराठी जैसी भारतीय भाषाओं में विस्तृत रूप से काम करने के लिए उल्लेखनीय रही हैं। .

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नौकरी (1978 फ़िल्म)

नौकरी 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नील नितिन मुकेश

नील नितिन मुकेश (हिन्दी: नील नितिन मुकेश, उच्चारण: जन्म / 15 जनवरी 1982) जो अपने जन्म नाम नील चंद माथुर से भी जाने जाते हैं, एक भारतीय अभिनेता हैं जो बॉलीवुड फिल्मों में नजर आते हैं। वह गायक नितिन मुकेश के बेटे और जानेमाने गायक स्वर्गीय मुकेश के पोते है। मुकेश चंद माथुर उनके दादा और भारतीय सिनेमा के महान पार्श्व गायक है। मुकेश ने 1946 में आर.डी. माथुर के निवासस्थान पर, कांदिवली में एक मंदिर में सरल त्रिवेदी रायचंद उर्फ बच्चीबेन से शादी की। सरल एक करोड़पति गुजराती ब्राह्मण की बेटी थी। .

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पटना में दशहरा

पटना में दशहरा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की लम्बी पर क्षीण होती परम्परा है। .

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पत्थर के सनम

पत्थर के सनम 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह फ़िल्म नाडियाडवाला के बैनर के तले निर्मित है जिसे राजा नवाथे द्वारा निर्देशित किया गया है। इस फ़िल्म में मनोज कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज़, प्राण, महमूद, ललिता पवार और अरुणा ईरानी ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फ़िल्म के गीतकार थे मजरुह सुल्तानपुरी और गीतों को स्वरबद्ध किया था लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने। .

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प्रेम धवन

हिन्दी फिल्मों के मशहूर गीतकार प्रेम धवन का जन्म 13 जून 1923 को अम्बाला में हुआ और लाहौर में स्नातक की शिक्षा पूरी की। आपने हिन्दी फिल्मों के लिये कई मशहूर गीत लिखे। प्रेम धवन ना केवल गीतकार थे, वरन आपने हिन्दी फिल्मों के लिये कुछ फिल्मों में संगीत दिया, नृत्य निर्देशन किया और अभिनय तक किया। प्रेम धवन ने पंरवि शंकर से संगीत एवं पं.

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फर्ज़ (1967 फ़िल्म)

फर्ज़ 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार हिंदी फिल्मों के लिए वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कार के हिस्से के रूप में फिल्मफेयर द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह किसी पुरुष पार्श्व गायक को दिया जाता है जिसने फिल्म गीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यद्यपि पुरस्कार समारोह की स्थापना 1954 में हुई थी लेकिन 1959 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी शुरू की गई थी। यह पुरस्कार 1967 तक पुरुष और माहिला गायक दोनों के लिए शुरू में एक ही था। इस श्रेणी को अगले वर्ष विभाजित किया गया था और जब से पुरुष और महिला गायक को अलग पुरस्कार से प्रस्तुत किया जाता है। .

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बन्दिनी (1963 फ़िल्म)

बन्दिनी १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे जिन्होंने दो बीघा ज़मीन और मधुमती जैसी प्रतिष्ठित फ़िल्में बनायीं थीं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे अशोक कुमार, धर्मेन्द्र और नूतन। बॉक्स ऑफ़िस में इस फ़िल्म ने ठीक ठाक ही प्रदर्शन किया था। फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में इसे उस वर्ष छ: पुरस्कारों से नवाज़ा गया था जिसमें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी शामिल था। यह फ़िल्म एक नारी प्रधान फ़िल्म है, जो कि हिन्दी फ़िल्मों में कम ही देखने को मिलता है। सुजाता के बाद बिमल रॉय की यह दूसरी नारी प्रधान फ़िल्म थी। बंदिनी की कहानी कल्यानी (नूतन) के इर्द-गिर्द घूमती है। यह शायद अकेली ऐसी फ़िल्म है जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गांव की साधारण महिलाओं का योगदान दर्शाया गया हो। .

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बम्बई का बाबू (1960 फ़िल्म)

बम्बई का बाबू 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन राज खोसला ने किया है। इस फ़िल्म में देव आनन्द और सुचित्रा सेन ने अभिनय किया है। जिन चार हिन्दी फ़िल्मों में सुचित्रा सेन ने काम किया है उनमें यह दूसरी है। .

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बिनाका गीत माला

अमीन सयानी; बिनाका गीत माला के उद्धोषक जिनके मनमोहक अंदाज़ ने सबको दीवाना बना दिया था बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था। .

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भारतीय पार्श्वगायक

प्रमुख भारतीय पार्श्वगायक और गायिकायें।.

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय व्यक्तित्व

यहाँ पर भारत के विभिन्न भागों एवं विभिन्न कालों में हुए प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची दी गयी है। .

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मधुमती

मधुमती 1958 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शायद पहली हिन्दी फ़िल्म है जिसमें एक कलाकार (वैजयन्ती माला) ने तीन-तीन रोल निभाये हों। इस फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे। फ़िल्म में मुख्य भूमिका दिलीप कुमार, वैजयन्ती माला और जॉनी वॉकर ने निभाई है। इस फ़िल्म को सन् १९५८ में अन्य पुरस्कारों के अलावा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इस फिल्म पे कइ रिमेक फिलमे भी बनी जैसे, कुदरत, बीस साल बाद, और ओम शांति ओम .

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महेन्द्र कपूर

महेन्द्र कपूर (९ जनवरी १९३४-२७ सितंबर २००८) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध पार्श्वगायक थे। उन्होंने बी आर चोपड़ा की फिल्मों हमराज़, ग़ुमराह, धूल का फूल, वक़्त, धुंध में विशेष रूप से यादगार गाने गाए। संगीतकार रवि ने इनमें से अधिकाश फ़िल्मों में संगीत दिया। .

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मुक्ति (१९७७ फ़िल्म)

मुक्ति 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मेरे अपने (1971 फ़िल्म)

मेरे अपने १९७१ में गुलज़ार द्वारा रचित व निर्देशित हिंदी फ़िल्म है। यह फ़िल्म बांगला फ़िल्म 'आपनजन' का हिंदी रूपांतर है जिसमें मुख्य भूमिका मीना कुमारी, विनोद खन्ना, शत्रुघन सिन्हा, देवेन वर्मा, पेंटल, असित सेन, असरानी, डैनी डेन्जोंगपा, कैस्टो मुखर्जी, ए के हंगल, दिनेश ठाकुर, महमूद और योगिता बाली ने निभायी है। .

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मोहनलाल (अभिनेता)

मोहनलाल विश्वनाथन नायर (जन्म 21 मई 1960), एक नाम मोहनलाल या लाल के नाम से जाने जाने वाले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध भारतीय फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं, जो मलयालम सिनेमा का सब सबसे बड़ा नाम है।മോഹന്‍ലാല്‍ चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहे मोहनलाल ने दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, एक विशेष जूरी पुरस्कार और एक सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार (निर्माता के रूप में) जीता। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। सन 2009 में भारतीय प्रादेशिक सेना द्वारा उन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया,Lt.Col.

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मोहम्मद रफ़ी

कोई विवरण नहीं।

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मोहरा

मोहरा वर्ष 1994 की हिन्दी भाषा की राजीव राय द्वारा निर्देशित एक्शन-थ्रिलर फिल्म है। फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में अक्षय कुमार, नसीरुद्दीन शाह, सुनील शेट्टी एवं रवीना टंडन के साथ सह-अभिनेताओं में सदाशिव अमरापुरकर, परेश रावल, रज़ा मुराद एवं गुलशन ग्रोवर आदि सम्मिलित हैं। फिल्म वर्ष 1994 की दूसरी सबसे ज्यादा व्यावसायिक रूप से सफलता अर्जित करने वाली फिल्म थी। अभिनेता अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और परेश रावल की यह पहली फिल्म है। उनकी लोकप्रिय तिकड़ी को कई सफल फिल्मों में दोहराया गया। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री के लिये पहले दिव्या भारती को अनुबंध किया जाना था लेकिन उनकी असमय मौत के पश्चात यह भूमिका रवीना टंडन को सौंपी गई और फिल्म के लोकप्रिय संगीत 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' गीत के बाद वह 'मस्त-मस्त गर्ल' के उपनाम से मशहूर भी हुई। .

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राज कपूर

राज कपूर (१९२४-१९८८) प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता एवं निर्देशक थे। नेहरूवादी समाजवाद से प्रेरित अपनी शुरूआती फ़िल्मों से लेकर प्रेम कहानियों को मादक अंदाज से परदे पर पेश करके उन्होंने हिंदी फ़िल्मों के लिए जो रास्ता तय किया, इस पर उनके बाद कई फ़िल्मकार चले। भारत में अपने समय के सबसे बड़े 'शोमैन' थे। सोवियत संघ और मध्य-पूर्व में राज कपूर की लोकप्रियता दंतकथा बन चुकी है। उनकी फ़िल्मों खासकर श्री ४२० में बंबई की जो मूल तस्वीर पेश की गई है, वह फ़िल्म निर्माताओं को अभी भी आकर्षित करती है। राज कपूर की फ़िल्मों की कहानियां आमतौर पर उनके जीवन से जुड़ी होती थीं और अपनी ज्यादातर फ़िल्मों के मुख्य नायक वे खुद होते थे। .

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लता मंगेशकर

लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। .

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लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल एक लोकप्रिय भारतीय संगीतकार की जोड़ी है, लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर (१९३७-१९९८) और प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा (जन्म १९४०) से मिलकर बनी थी। उन्होंने १९६३ से १९९८ तक ६३५ हिंदी फिल्मों के लिए संगीत रचना की और इस समय के लगभग सभी उल्लेखनीय फिल्म निर्माताओं के लिए काम किया जिसमे सम्मिलित थे राज कपूर, देव आनंद, बी.आर.

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शहीद (1965 फ़िल्म)

शहीद (1965 फ़िल्म) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर हिन्दी भाषा की फिल्म है। भगत सिंह के जीवन पर 1965 में बनी यह देशभक्ति की सर्वश्रेष्ठ फिल्म है। जिसकी कहानी स्वयं भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी। इस फ़िल्म में अमर शहीद राम प्रसाद 'बिस्मिल' के गीत थे। मनोज कुमार ने इस फिल्म में शहीद भगत सिंह का जीवन्त अभिनय किया था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर आधारित यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक फ़िल्म है। 13वें राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड की सूची में इस फ़िल्म ने हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के पुरस्कार के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के लिये नर्गिस दत्त पुरस्कार भी अपने नाम किया। बटुकेश्वर दत्त की कहानी पर आधारित सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन के लिये दीनदयाल शर्मा को पुरस्कृत किया गया था। यह भी महज़ एक संयोग ही है कि जिस साल यह फ़िल्म रिलीज़ हुई थी उसी साल बटुकेश्वर दत्त का निधन भी हुआ। .

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श्री ४२० (1955 फ़िल्म)

श्री ४२० 1955 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सत्यम शिवम सुन्दरम (1978 फ़िल्म)

'सत्यं शिवं सुन्दरम्' का पोस्टर सत्यम शिवम सुन्दरम (साहित्यिक अर्थ: सच्चा, कल्याणप्रद, मनोहर) 1978 में बनी हिन्दी फिल्म है, जिसमें शशि कपूर और जीनत अमान की प्रमुख भूमिका थी। .

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सरस्वतीचन्द्र

सरस्वतीचन्द्र १९६८ में बनी एक काली-सफ़ेद चलचित्र है। इसे गोविन्द सरैया ने निदेशित किया है और इसके मुख्य कलाकार हैं नूतन और मनीष। यह हिन्दी फ़िल्म की आख़िरी काली-सफ़ेद सिनेमा है। यह फ़िल्म गुजराती भाषा के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है जिसे गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी ने लिखा था जो बीसवीं सदी के शुरुआती काल के प्रसिद्ध गुजराती लेखक थे। इस फ़िल्म को उत्कृष्ट छायांकन और उत्कृष्ट संगीत के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिले थे। .

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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हिमालय की गोद में (1965 फ़िल्म)

हिमालय की गोद में १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्देशक विजय भट्ट हैं और निर्माता शंकरभाई भट्ट। फ़िल्म में मुख्य भूमिका मनोज कुमार, माला सिन्हा और शशि कला ने निभाई है। इस फ़िल्म को १९६५ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। .

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जिस देश में गंगा बहती है

जिस देश में गंगा बहती है हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो १९६० में प्रदर्शित हुई थी। इस फ़िल्म के निर्देशक थे राधू कर्माकर और निर्माता राज कपूर थे। इस फ़िल्म को १९६० के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अलावा तीन अन्य श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया था। .

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ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म)

ईमान धर्म 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ऑपेरा हाउस (१९६१ फ़िल्म)

ऑपेरा हाउस सन् १९६१ में बनी एक हिन्दी मर्डर मिस्ट्री (कत्ल का रहस्य) फ़िल्म है। .

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आनन्द (फ़िल्म)

आनन्द १९७१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक, लेखक एवं संपादक ऋषिकेश मुखर्जी हैं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार राजेश खन्ना एवं अमिताभ बच्चन हैं। इस फ़िल्म को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अलावा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छः श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया था। .

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किशोर कुमार

किशोर कुमार (जन्म: 4 अगस्त, 1929 खंडवा मध्यप्रदेश निधन: 13 अक्टूबर, 1987) भारतीय सिनेमा के मशहूर पार्श्वगायक समुदाय में से एक रहे हैं। वे एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। हिन्दी फ़िल्म उद्योग में उन्होंने बंगाली, हिंदी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में गाया था। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते और उस श्रेणी में सबसे ज्यादा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। उसी साल उन्हें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उस वर्ष के बाद से मध्यप्रदेश सरकार ने "किशोर कुमार पुरस्कार"(एक नया पुरस्कार) हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए चालु कर दिया था। .

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अनाड़ी (1959 फ़िल्म)

अनाड़ी 1959 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अनोखा (1975 फ़िल्म)

चित्र के अभिनेथा अनोखा 1975 में बनी हिन्दी फिल्म है। .

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अनीता (1967 फ़िल्म)

अनीता १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की ससपॅंस फिल्म है जिसका निर्देशन राज खोसला ने किया है। यह फ़िल्म खोसला-साधना की ससपॅंस फ़िल्मों की कड़ी में अंत्तिम फ़िल्म है। इससे पहले इन दोनों ने वो कौन थी और मेरा साया बनाई थीं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार साधना एवं मनोज कुमार हैं। .

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अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म)

अमर अकबर एन्थोनी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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उपकार (1967 फ़िल्म)

उपकार 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन मनोज कुमार ने किया है। इसी फ़िल्म से मनोज कुमार की भारत कुमार की छवि बनी थी। इस फ़िल्म को छ: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। .

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छोटी सी बात (१९७५ चलचित्र)

छोटी सी बात १९७५ में बनी हिन्दी भाषा की चलचित्र है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

मुकेश चन्द्र माथुर

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