लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

माधवराव सप्रे

सूची माधवराव सप्रे

माधवराव सप्रे माधवराव सप्रे (जून १८७१ - २६ अप्रैल १९२६) हिन्दी के आरंभिक कहानीकारों में से एक, सुप्रसिद्ध अनुवादक एवं हिन्दी के आरंभिक संपादकों में प्रमुख स्थान रखने वाले हैं। वे हिन्दी के प्रथम कहानी लेखक के रूप में जाने जाते हैं। .

9 संबंधों: चिन्तामणि विनायक वैद्य, माखनलाल चतुर्वेदी, रामशंकर अग्निहोत्री, समस्त रचनाकार, हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम, हिंदी केसरी, कर्मवीर (पत्रिका), अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन, १९ जून

चिन्तामणि विनायक वैद्य

चिन्तामणि विनायक वैद्य (1861–1938) संस्कृत के विद्वान तथा मराठी लेखक एवं इतिहसकार थे। कुछ समय तक वे ग्वालियर राज्य के मुख्य न्यायाधीश भी थे। १९०८ में उन्होने पुणे में मराठी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। बाद में बालगंगाधर तिलक के नेतृत्व वाली कांग्रेस लोकतांत्रिक दल (Congress Democratic Party) में सम्मिलित हो गये। .

नई!!: माधवराव सप्रे और चिन्तामणि विनायक वैद्य · और देखें »

माखनलाल चतुर्वेदी

माखनलाल चतुर्वेदी (४ अप्रैल १८८९-३० जनवरी १९६८) भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं। सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे। प्रभा और कर्मवीर जैसे प्रतिष्ठत पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रचार किया और नई पीढी का आह्वान किया कि वह गुलामी की जंज़ीरों को तोड़ कर बाहर आए। इसके लिये उन्हें अनेक बार ब्रिटिश साम्राज्य का कोपभाजन बनना पड़ा। वे सच्चे देशप्रमी थे और १९२१-२२ के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जेल भी गए। आपकी कविताओं में देशप्रेम के साथ साथ प्रकृति और प्रेम का भी चित्रण हुआ है। .

नई!!: माधवराव सप्रे और माखनलाल चतुर्वेदी · और देखें »

रामशंकर अग्निहोत्री

श्री रामशंकर अग्निहोत्री भारत के प्रखर चिन्तक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक तथा वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्हें सन् २००८ के लिये माणिकचन्द्र वाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार के लिये चुना गया है। .

नई!!: माधवराव सप्रे और रामशंकर अग्निहोत्री · और देखें »

समस्त रचनाकार

अकारादि क्रम से रचनाकारों की सूची अ.

नई!!: माधवराव सप्रे और समस्त रचनाकार · और देखें »

हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम

यहाँ पर हिन्दी से सम्बन्धित सबसे पहले साहित्यकारों, पुस्तकों, स्थानों आदि के नाम दिये गये हैं।.

नई!!: माधवराव सप्रे और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम · और देखें »

हिंदी केसरी

हिन्दी केसरी एक हिन्दी समाचार पत्र था जिसे पंडित माधवराव सप्रे ने १३ अप्रैल १९०७ को छापना आरम्भ किया। यह मराठी में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक द्वारा प्रकाशित केसरी का हिन्दी संस्करण था जिसे सप्रे जी ने तिलक जी से अनुमति लेकर प्रकाशित करना आरम्न्ह किया था। श्रेणी:पत्रकारिता श्रेणी:हिन्दी के ऐतिहासिक पत्र.

नई!!: माधवराव सप्रे और हिंदी केसरी · और देखें »

कर्मवीर (पत्रिका)

कर्मवीर एक हिन्दी पत्रिका थी। पत्रकारिता के पितृ पुरूष माधवराव सप्रे की प्रेरणा से इसका प्रथम प्रकाशन १७ जनवरी १९२० को जबलपुर से हुआ। इसके प्रथम सम्पादक माखनलाल चतुर्वेदी थे। नवम्बर १९२२ तक यह जबलपुर से निकलती थी किन्तु बाद में खण्डवा से प्रकाशित हुई। १७ जनवरी १९२० के पहले ही अंक में चतुर्वेदीजी ने लिखा- .

नई!!: माधवराव सप्रे और कर्मवीर (पत्रिका) · और देखें »

अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन

अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन, हिन्दी भाषा एवं साहित्य तथा देवनागरी का प्रचार-प्रसार को समर्पित एक प्रमुख सार्वजनिक संस्था है। इसका मुख्यालय प्रयाग (इलाहाबाद) में है जिसमें छापाखाना, पुस्तकालय, संग्रहालय एवं प्रशासनिक भवन हैं। हिंदी साहित्य सम्मेलन ने ही सर्वप्रथम हिंदी लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी रचनाओं पर पुरस्कारों आदि की योजना चलाई। उसके मंगलाप्रसाद पारितोषिक की हिंदी जगत् में पर्याप्त प्रतिष्ठा है। सम्मेलन द्वारा महिला लेखकों के प्रोत्साहन का भी कार्य हुआ। इसके लिए उसने सेकसरिया महिला पारितोषिक चलाया। सम्मेलन के द्वारा हिंदी की अनेक उच्च कोटि की पाठ्य एवं साहित्यिक पुस्तकों, पारिभाषिक शब्दकोशों एवं संदर्भग्रंथों का भी प्रकाशन हुआ है जिनकी संख्या डेढ़-दो सौ के करीब है। सम्मेलन के हिंदी संग्रहालय में हिंदी की हस्तलिखित पांडुलिपियों का भी संग्रह है। इतिहास के विद्वान् मेजर वामनदास वसु की बहुमूल्य पुस्तकों का संग्रह भी सम्मेलन के संग्रहालय में है, जिसमें पाँच हजार के करीब दुर्लभ पुस्तकें संगृहीत हैं। .

नई!!: माधवराव सप्रे और अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन · और देखें »

१९ जून

19 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 170वाँ (लीप वर्ष में 171 वाँ) दिन है। साल में अभी और 195 दिन बाकी हैं। .

नई!!: माधवराव सप्रे और १९ जून · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »