2 संबंधों: मनुष्य मातृवंश समूह, मातृवंश समूह आर०।
मनुष्य मातृवंश समूह
मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह उस वंश समूह या हैपलोग्रुप को कहते हैं जिसका किसी भी व्यक्ति (स्त्री या महिला) के माइटोकांड्रिया के गुण सूत्र पर स्थित डी॰एन॰ए॰ की जांच से पता चलता है। अगर दो व्यक्तियों का मातृवंश समूह मिलता हो तो इसका अर्थ होता है के उनकी हजारों साल पूर्व एक ही महिला पूर्वज रही है, चाहे आधुनिक युग में यह दोनों व्यक्ति अलग-अलग जातियों से सम्बंधित ही क्यों न हों। .
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मातृवंश समूह आर०
उत्तरी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की कलश जनजाति के अनुमानित २३% लोग मातृवंश समूह आर० के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह आर० या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप R0 एक मातृवंश समूह है। इसे पहले मातृवंश समूह एचवी-पूर्व या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप pre-HV के नाम से जाना जाता था। मातृवंश समूह एचवी इसी से उत्पन्न हुई एक बड़ी उपशाखा है। मातृवंश समूह आर० अरबी प्रायद्वीप पर बहुत देखा जाता है, जहाँ के यमन राष्ट्र के सुक़तरा द्वीप के ५०,००० निवासियों में से ३८% इसके वंशज हैं।Viktor Cerny et al.