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मन्ना डे

सूची मन्ना डे

मन्ना डे (1 मई 1919 - 24 अक्टूबर 2013), जिन्हें प्यार से मन्ना दा के नाम से भी जाना जाता है, फिल्म जगत के एक सुप्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक थे। उनका वास्तविक नाम प्रबोध चन्द्र डे था। मन्ना दा ने सन् 1942 में फ़िल्म तमन्ना से अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत की और 1942 से 2013 तक लगभग 3000 से अधिक गानों को अपनी आवाज दी। मुख्यतः हिन्दी एवं बंगाली फिल्मी गानों के अलावा उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं में भी अपने कुछ गीत रिकॉर्ड करवाये। भारत सरकार ने उन्हें 1971 में पद्म श्री, 2005 में पद्म भूषण एवं 2007 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। .

63 संबंधों: चोर के घर चोर (१९७८ फ़िल्म), झनक झनक पायल बाजे (1955 फ़िल्म), तलत महमूद, तीसरी कसम (1966 फ़िल्म), दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, दिल ने फिर याद किया, दो बीघा ज़मीन (1953 फ़िल्म), दो आँखें बारह हाथ (1957 फ़िल्म), दीवार (१९७५ फ़िल्म), नवरंग (1959 फ़िल्म), नौकरी (1978 फ़िल्म), नील कमल (1968 फ़िल्म), पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९), प्रहार (फ़िल्म), प्रेम धवन, प्रेम बंधन (1979 फ़िल्म), प्रोफ़ेसर (1962 फ़िल्म), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार, फूल खिले हैं गुलशन गुलशन (1978 फ़िल्म), बन्दिनी (1963 फ़िल्म), बम्बई का बाबू (1960 फ़िल्म), बावर्ची (1972 फ़िल्म), बिनाका गीत माला, बुड्ढा मिल गया (1971 फ़िल्म), बूट पॉलिश (1954 फ़िल्म), भारतीय चलचित्र अभिनेता सूची, भारतीय पार्श्वगायक, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय व्यक्तित्व, मदर इण्डिया, मधुमती, माइतीघर (चलचित्र), मेमोरी कम अलाइव, राजेश खन्ना, रंग बिरंगी (1983 फ़िल्म), लता मंगेशकर पुरस्कार, लावारिस (१९८१ फ़िल्म), शहीद (1965 फ़िल्म), श्री ४२० (1955 फ़िल्म), शोले (1975 फ़िल्म), सत्यम शिवम सुन्दरम (1978 फ़िल्म), सुरक्षा (1979 फ़िल्म), सौदागर (१९७३ फ़िल्म), हिन्दी सिनेमा, ज़ंजीर (1973 फ़िल्म), जिस देश में गंगा बहती है, जुर्माना (1979 फ़िल्म), विदुप अग्रहरि, वक़्त (1965 फ़िल्म), खिलौना (1970 फ़िल्म), ..., गाइड (1965 फ़िल्म), आन्दोलन (1977 फ़िल्म), आख़िरी खत, कर्ज़ (१९८० फ़िल्म), किशोर कुमार, कविता कृष्णमूर्ति, कॉलेज स्ट्रीट कॉफी हाउस, अनुभव (1971 फ़िल्म), उपकार (1967 फ़िल्म), छुपा रुस्तम (1973 फ़िल्म), २००५ में पद्म भूषण धारक, २००९, २०१३ में निधन सूचकांक विस्तार (13 अधिक) »

चोर के घर चोर (१९७८ फ़िल्म)

चोर के घर चोर १९७८ की एक हिन्दी एक्शन कॉमेडी फिल्म है। विजय सदानाह द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी ज्वालामुखी ने लिखी है, तथा डायलाग एहसान रिजवी ने लिखे हैं। अशोक कुमार, प्राण, जीनत अमान तथा रणधीर कपूर फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी एक देवी की प्रतिमा के इर्द गिर्द घूमती है, जिसे हर कोई प्राप्त करना चाहता है। .

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झनक झनक पायल बाजे (1955 फ़िल्म)

झनक झनक पायल बाजे १९५५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। फ़िल्म का निर्देशन वी शांताराम ने किया है और निर्माता वी शांताराम का ही अपना निर्माता घर राजकमल कलामंदिर है। इस फ़िल्म को सन् १९५६ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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तलत महमूद

तलत महमूद (२४ फरवरी, १९२४-९ मई, १९९८) एक भारतीय गायक तथा अभिनेता थे। अपनी थरथराती आवाज़ से मशहूर उनको गजल की दुनिया का राजा भी कहा जाता है। .

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तीसरी कसम (1966 फ़िल्म)

तीसरी कसम (अंग्रेजी: third oath)1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको तत्काल बॉक्स ऑफ़िस पर सफलता नहीं मिली थी पर यह हिन्दी के श्रेष्ठतम फ़िल्मों में गिनी जाती है। फ़िल्म का निर्माण प्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने किया था जिसे हिन्दी लेखक फणीश्वर नाथ 'रेणु' की प्रसिद्ध कहानी मारे गए ग़ुलफ़ाम की पटकथा मिली। इस फ़िल्म की असफलता के बाद शैलेन्द्र काफी निराश हो गए थे और उनका अगले ही साल निधन हो गया था। यह हिन्दी के महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी 'मारे गये गुलफाम' पर आधारित है। इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में राज कपूर और वहीदा रहमान शामिल हैं। बासु भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित तीसरी कसम एक फिल्म गैर-परंपरागत है जो भारत की देहाती दुनिया और वहां के लोगों की सादगी को दिखाती है। यह पूरी फिल्म बिहार के अररिया जिले में फिल्मांकित की गई। इस फिल्म का फिल्मांकन सुब्रत मित्र ने किया है। पटकथा नबेन्दु घोष की है, जबकि संवाद लिखे हैं स्वयं फणीन्द्र नाथ रेणु ने.

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दादासाहेब फाल्के पुरस्कार

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है, को कि किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारंम्भ दादा साहेब फाल्के के जन्म शताब्दी वर्ष 1969 से हुआ। यह पुरस्कार उस वर्ष के अंत में रास्ट्रीय पुरस्कार के साथ प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में 10 लाख रुपया और सुवणॅ कमल दिया जाता है। .

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दिल ने फिर याद किया

दिल ने फिर याद किया १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दो बीघा ज़मीन (1953 फ़िल्म)

दो बीघा ज़मीन 1953 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दो आँखें बारह हाथ (1957 फ़िल्म)

दो आँखें बारह हाथ 1957 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दीवार (१९७५ फ़िल्म)

दीवार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यश चोपड़ा निर्मित दीवार हिन्दी सिनेमा की सबसे सफ़लतम फिल्मों में से है जिसने अमिताभ को "एंग्री यंग मैन" के खिताब में स्थापित कर दिया। इस फिल्म ने अमिताभ के करियर को नयी बुलंदियों पर पहुँचा दिया। कहा जाता है की फिल्म की कहानी अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के जीवन पर आधारित है और अमिताभ बच्चन ने यही किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी है दो भाईयों की कहानी है जो बचपन में अपने और अपने परिवार पर अत्याचारों को झेलकर जिंदगी में दो अलग अलग रास्ते चुनते हैं, जो दोनों के बीच मे एक दीवार खड़ी कर देते हैं। .

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नवरंग (1959 फ़िल्म)

नवरंग 1959 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नौकरी (1978 फ़िल्म)

नौकरी 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नील कमल (1968 फ़िल्म)

नीलकमल 1968 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसमें वहीदा रहमान, राज कुमार, मनोज कुमार व ललिता पवार मुख्य भूमिका में है। .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९७४ से १९७९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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प्रहार (फ़िल्म)

प्रहार 1991 की हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन और कहानी लेखन नाना पाटेकर ने किया है। फिल्म के निर्माता सुधाकर बोकाडे है। .

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प्रेम धवन

हिन्दी फिल्मों के मशहूर गीतकार प्रेम धवन का जन्म 13 जून 1923 को अम्बाला में हुआ और लाहौर में स्नातक की शिक्षा पूरी की। आपने हिन्दी फिल्मों के लिये कई मशहूर गीत लिखे। प्रेम धवन ना केवल गीतकार थे, वरन आपने हिन्दी फिल्मों के लिये कुछ फिल्मों में संगीत दिया, नृत्य निर्देशन किया और अभिनय तक किया। प्रेम धवन ने पंरवि शंकर से संगीत एवं पं.

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प्रेम बंधन (1979 फ़िल्म)

प्रेम बंधन (अंग्रेजी: bond of love) 1979 में रामानन्द सागर द्वारा निर्देशित हिन्दी फिल्म है। इसके प्रमुख कलाकार है राजेश खन्ना, रेखा व मौसमी चटर्जी और सहायक कलाकार हेलन, भगवान, कैस्टो मुखर्जी, ए के हंगल व ललिता पवार है। यह कथा राजेश खन्ना द्वारा अभिनीत पात्र का है जो अपनी स्मरणशक्ति खोये एक मछुअरी से विवाह करता है और शहर में प्रेमिका उसकी प्रतीक्षा करती है। .

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प्रोफ़ेसर (1962 फ़िल्म)

प्रोफ़ेसर (1962 फ़िल्म) प्रोफेसर 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता एफ.

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार हिंदी फिल्मों के लिए वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कार के हिस्से के रूप में फिल्मफेयर द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह किसी पुरुष पार्श्व गायक को दिया जाता है जिसने फिल्म गीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यद्यपि पुरस्कार समारोह की स्थापना 1954 में हुई थी लेकिन 1959 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी शुरू की गई थी। यह पुरस्कार 1967 तक पुरुष और माहिला गायक दोनों के लिए शुरू में एक ही था। इस श्रेणी को अगले वर्ष विभाजित किया गया था और जब से पुरुष और महिला गायक को अलग पुरस्कार से प्रस्तुत किया जाता है। .

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फूल खिले हैं गुलशन गुलशन (1978 फ़िल्म)

फूल खिले हैं गुलशन गुलशन 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बन्दिनी (1963 फ़िल्म)

बन्दिनी १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे जिन्होंने दो बीघा ज़मीन और मधुमती जैसी प्रतिष्ठित फ़िल्में बनायीं थीं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे अशोक कुमार, धर्मेन्द्र और नूतन। बॉक्स ऑफ़िस में इस फ़िल्म ने ठीक ठाक ही प्रदर्शन किया था। फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में इसे उस वर्ष छ: पुरस्कारों से नवाज़ा गया था जिसमें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी शामिल था। यह फ़िल्म एक नारी प्रधान फ़िल्म है, जो कि हिन्दी फ़िल्मों में कम ही देखने को मिलता है। सुजाता के बाद बिमल रॉय की यह दूसरी नारी प्रधान फ़िल्म थी। बंदिनी की कहानी कल्यानी (नूतन) के इर्द-गिर्द घूमती है। यह शायद अकेली ऐसी फ़िल्म है जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गांव की साधारण महिलाओं का योगदान दर्शाया गया हो। .

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बम्बई का बाबू (1960 फ़िल्म)

बम्बई का बाबू 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन राज खोसला ने किया है। इस फ़िल्म में देव आनन्द और सुचित्रा सेन ने अभिनय किया है। जिन चार हिन्दी फ़िल्मों में सुचित्रा सेन ने काम किया है उनमें यह दूसरी है। .

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बावर्ची (1972 फ़िल्म)

RajeshKhanna.jpg राजेश खन्ना इस फिल्म के अभिनेता थे बावर्ची (अंग्रेजी: The Cook) 1972 में ऋषिकेश मुखर्जी निर्मित पारिवारिक कथा आधारित हास्य हिन्दी भाषा फिल्म है जिसके मुख्य पात्र निभाये हैं राजेश खन्ना, जया भादुरी, असरानी, ए के हंगल और दुर्गा खोटे| यह फिल्म बांगला फिल्म 'गाल्पा होलेओ सात्यी' (1966) से प्रेरित है। .

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बिनाका गीत माला

अमीन सयानी; बिनाका गीत माला के उद्धोषक जिनके मनमोहक अंदाज़ ने सबको दीवाना बना दिया था बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था। .

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बुड्ढा मिल गया (1971 फ़िल्म)

बुड्ढा मिल गया 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह एक सस्पैंस फ़िल्म थी। .

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बूट पॉलिश (1954 फ़िल्म)

बूट पॉलिश 1954 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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भारतीय चलचित्र अभिनेता सूची

इस पृष्ठ पर भारतीय चलचित्र के अभिनेताओं की सूची दी गई है। .

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भारतीय पार्श्वगायक

प्रमुख भारतीय पार्श्वगायक और गायिकायें।.

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय व्यक्तित्व

यहाँ पर भारत के विभिन्न भागों एवं विभिन्न कालों में हुए प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची दी गयी है। .

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मदर इण्डिया

मदर इण्डिया (Mother India, مدر انڈیا) १९५७ में बनी भारतीय फ़िल्म है जिसे महबूब ख़ान द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। फ़िल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फ़िल्म महबूब ख़ान द्वारा निर्मित औरत (१९४०) का रीमेक है। यह गरीबी से पीड़ित गाँव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने की मेहनत करती है। उसकी मेहनत और लगन के बावजूद वह एक देवी-स्वरूप उदाहरण पेश करती है व भारतीय नारी की परिभाषा स्थापित करती है और फिर भी अंत में भले के लिए अपने गुण्डे बेटे को स्वयं मार देती है। वह आज़ादी के बाद के भारत को सबके सामने रखती है। यह फ़िल्म अबतक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अब तक की भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म गिनी जाती है। इसे १९५८ में तीसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। मदर इण्डिया क़िस्मत (१९४३), मुग़ल-ए-आज़म (१९६०) और शोले (१९७५) के साथ उन चुनिन्दा फ़िल्मों में आती है जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते हैं और यह हिन्दी सांस्कृतिक फ़िल्मों की श्रेणी में विराजमान है। यह फ़िल्म भारत की ओर से पहली बार अकादमी पुरस्कारों के लिए भेजी गई फ़िल्म थी। .

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मधुमती

मधुमती 1958 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शायद पहली हिन्दी फ़िल्म है जिसमें एक कलाकार (वैजयन्ती माला) ने तीन-तीन रोल निभाये हों। इस फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे। फ़िल्म में मुख्य भूमिका दिलीप कुमार, वैजयन्ती माला और जॉनी वॉकर ने निभाई है। इस फ़िल्म को सन् १९५८ में अन्य पुरस्कारों के अलावा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इस फिल्म पे कइ रिमेक फिलमे भी बनी जैसे, कुदरत, बीस साल बाद, और ओम शांति ओम .

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माइतीघर (चलचित्र)

कोई विवरण नहीं।

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मेमोरी कम अलाइव

यह मन्ना डे की प्रसिद्ध पुस्तक है। श्रेणी:साहित्य.

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राजेश खन्ना

राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .

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रंग बिरंगी (1983 फ़िल्म)

रंग बिरंगी १९८३ में निर्मित एक हिन्दी फ़िल्म है। यह दो दोस्तों की कहानी है जिनमें से एक अपने दोस्त की शादी शुदा जिंदगी में रस भरने के लिए एक मजाक करता है पर फिर खुद ही उसका शिकार बन जाता है। .

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लता मंगेशकर पुरस्कार

लता मंगेशकर पुरस्कार एक राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है जो संगीत के क्षेत्र में काम करने के लिए दिया जाता है। भारत की कई राज्य सरकारें इस नाम के साथ पुरस्कार प्रदान करती हैं। मध्यप्रदेश की राज्य सरकार ने 1 9 84 http://mpinfo.org/MPinfoStatic/hindi/award/latamangeshkar.asp में यह पुरस्कार शुरू किया। इस पुरस्कार में योग्यता का प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार शामिल है। 1992 से शुरू होने वाले महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी एक लता मंगेशकर पुरस्कार भी है। यह आधिकारिक रूप से "जीवनकाल में उपलब्धि के लिए लता मंगेशकर पुरस्कार" के रूप में भी जाना जाता है। आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा एक और पुरस्कार दिया जाता है।। .

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लावारिस (१९८१ फ़िल्म)

लावारिस 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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शहीद (1965 फ़िल्म)

शहीद (1965 फ़िल्म) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर हिन्दी भाषा की फिल्म है। भगत सिंह के जीवन पर 1965 में बनी यह देशभक्ति की सर्वश्रेष्ठ फिल्म है। जिसकी कहानी स्वयं भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी। इस फ़िल्म में अमर शहीद राम प्रसाद 'बिस्मिल' के गीत थे। मनोज कुमार ने इस फिल्म में शहीद भगत सिंह का जीवन्त अभिनय किया था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर आधारित यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक फ़िल्म है। 13वें राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड की सूची में इस फ़िल्म ने हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के पुरस्कार के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के लिये नर्गिस दत्त पुरस्कार भी अपने नाम किया। बटुकेश्वर दत्त की कहानी पर आधारित सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन के लिये दीनदयाल शर्मा को पुरस्कृत किया गया था। यह भी महज़ एक संयोग ही है कि जिस साल यह फ़िल्म रिलीज़ हुई थी उसी साल बटुकेश्वर दत्त का निधन भी हुआ। .

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श्री ४२० (1955 फ़िल्म)

श्री ४२० 1955 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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शोले (1975 फ़िल्म)

शोले १९७५ की एक भारतीय हिन्दी एक्शन फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फिल्म का निर्माण गोपाल दास सिप्पी ने और निर्देशन का कार्य, उनके पुत्र रमेश सिप्पी ने किया है। इसकी कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेन्द्र) नामक दो अपराधियों पर केन्द्रित है, जिन्हें डाकू गब्बर सिंह (अमजद ख़ान) से बदला लेने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) अपने गाँव लाता है। जया भादुरी और हेमा मालिनी ने भी फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। शोले को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के २००२ के "सर्वश्रेष्ठ १० भारतीय फिल्मों" के एक सर्वेक्षण में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। २००५ में पचासवें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में इसे पचास सालों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिला। शोले का फिल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को १९८ मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि १९९० में मूल २०४ मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। शोले एक डकैती-वॅस्टर्न फिल्म है, जो वॅस्टर्न शैली के साथ भारतीय डकैती फिल्मों परम्पराओं का संयोजन करती है, और साथ ही मसाला फिल्मों का एक परिभाषित उदाहरण है, जिसमें कई फिल्म शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। विद्वानों ने फिल्म के कई विषयों का उल्लेख किया है, जैसे कि हिंसा की महिमा, सामंती विचारों का परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने वालों और संगठित होकर लूट करने वालों के बीच बहस, समलैंगिक गैर रोमानी सामाजिक बंधन और राष्ट्रीय रूपरेखा के रूप में फिल्म की भूमिका। राहुल देव बर्मन द्वारा रचित फिल्म की संगीत एल्बम और अलग से जारी हुए संवादों की संयुक्त बिक्री ने कई नए बिक्री रिकॉर्ड सेट किए। फिल्म के संवाद और कुछ पात्र बेहद लोकप्रिय हो गए और भारतीयों के दैनिक रहन-सहन हिस्सा बन गए। जनवरी २०१४ में, शोले को ३डी प्रारूप में सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ किया गया था। .

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सत्यम शिवम सुन्दरम (1978 फ़िल्म)

'सत्यं शिवं सुन्दरम्' का पोस्टर सत्यम शिवम सुन्दरम (साहित्यिक अर्थ: सच्चा, कल्याणप्रद, मनोहर) 1978 में बनी हिन्दी फिल्म है, जिसमें शशि कपूर और जीनत अमान की प्रमुख भूमिका थी। .

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सुरक्षा (1979 फ़िल्म)

सुरक्षा 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सौदागर (१९७३ फ़िल्म)

सौदागर १९७३ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। हालांकि इस फ़िल्म को बॉक्स ऑफ़िस में उतनी सफलता नहीं मिली लेकिन इसे अकादमी पुरस्कार के लिए भेजा गया था लेकिन यह फ़िल्म नामांकित न हो सकी। .

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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ज़ंजीर (1973 फ़िल्म)

ज़ंजीर 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जिस देश में गंगा बहती है

जिस देश में गंगा बहती है हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो १९६० में प्रदर्शित हुई थी। इस फ़िल्म के निर्देशक थे राधू कर्माकर और निर्माता राज कपूर थे। इस फ़िल्म को १९६० के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अलावा तीन अन्य श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया था। .

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जुर्माना (1979 फ़िल्म)

जुर्माना 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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विदुप अग्रहरि

विदुप अग्रहरि (जन्म: १९६९) एक भारतीय गायक, उद्यमी और भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। वें श्याम ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के डायरेक्टर हैं। वें उद्योगपति व लोकसभा सदस्य श्यामा चरण गुप्ता और जमुनोत्री गुप्ता के पुत्र हैं। .

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वक़्त (1965 फ़िल्म)

वक्त सन् 1965 में प्रदर्शित तथा चोपड़ा बंधुओ द्वारा निर्मित व निर्देशित हिन्दी फ़िल्म है। जिसमें उस दौर के प्रमुख अभिनेता सुनील दत्त, राज कुमार, साधना, बलराज साहनी, शशि कपूर, शर्मिला टैगोर व रहमान इत्यादि शामिल है। .

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खिलौना (1970 फ़िल्म)

खिलौना १९७० में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म के निर्देशक हैं चंदर वोहरा। इस फ़िल्म को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छः श्रेणियों में नामांकित किया गया था और इसने दो श्रेणियों में पुरस्कार जीते। .

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गाइड (1965 फ़िल्म)

गाइड 1965 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह भारत के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक आर के नारायण के द गाइड नाम के उपन्यास पर आधारित है। .

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आन्दोलन (1977 फ़िल्म)

आन्दोलन (1977 फ़िल्म) एक हिन्दी फ़िल्म है। यद्यपि इसका निर्माण 30 नवम्बर 1976 को ही पूर्ण हो गया था किन्तु पूरे भारत में यह फ़िल्म सन् 1977 में ही प्रदर्शित हो सकी। नीतू सिंह और राकेश पाण्डे जैसे कलाकारों को लेकर बनी इस फ़िल्म का निर्देशन लेख टण्डन ने किया था। इसमें भक्तिकाल की कवियत्री मीराबाई से लेकर स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रणी सेनानी रामप्रसाद 'बिस्मिल' तक के गीतों को सुप्रसिद्ध संगीतकार जयदेव ने स्वरबद्ध किया था। सामाजिक सरोकारों को लेकर बनायी गयी एक साफ सुथरी फ़िल्म थी। .

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आख़िरी खत

आख़िरी ख़त १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कर्ज़ (१९८० फ़िल्म)

कर्ज़ 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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किशोर कुमार

किशोर कुमार (जन्म: 4 अगस्त, 1929 खंडवा मध्यप्रदेश निधन: 13 अक्टूबर, 1987) भारतीय सिनेमा के मशहूर पार्श्वगायक समुदाय में से एक रहे हैं। वे एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। हिन्दी फ़िल्म उद्योग में उन्होंने बंगाली, हिंदी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में गाया था। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते और उस श्रेणी में सबसे ज्यादा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। उसी साल उन्हें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उस वर्ष के बाद से मध्यप्रदेश सरकार ने "किशोर कुमार पुरस्कार"(एक नया पुरस्कार) हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए चालु कर दिया था। .

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कविता कृष्णमूर्ति

कविता कृष्णमूर्ति(जन्म:१९५८) भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण पार्श्वगायिका है।कविता जब आठ साल की थीं तो उन्होंने एक गायन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता। तभी से वह बड़ी होकर एक मशहूर गायिका बनने का सपना देखने लगी थीं। .

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कॉलेज स्ट्रीट कॉफी हाउस

कॉलेज स्ट्रीट कॉफी हाउस प्रेसिडेंसी कॉलेज के सामने स्थित कोलकाता का एक विख्यात काफ़ीघर है। यह प्रेसिडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों और कोलकाता की अन्य मशहूर हस्तियों के मिलने-जुलने का एक लोक-प्रिय स्थल (अड्डा) माना जाता है। कलकत्ता (कोलकाता) के सांस्कृतिक इतिहास में इस काफ़ीघर ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मन्ना डे ने इसी काफ़ीघर पर अपना मशहूर गाना कॉफी हाउसर सेई आदत्ता बनाया है। श्रेणी:कोलकाता की इमारतें.

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अनुभव (1971 फ़िल्म)

अनुभव 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। प्रसिद्द निर्देशक बासू भट्टाचार्य द्वारा निर्मित फिल्म जिसमे संजीव कुमार, तनुजा और दिनेश ठाकुर मुख्य भूमिका निभाये| यह निर्देशक की, शहरी जीवनशैली के कारण गृहस्थ जीवन में तनाव को दर्शाता, विश्लेषकत्रय में से है जिसके अन्य फ़िल्में है आविष्कार (1973) और गृहप्रवेश (1979)| आगे चलकर फिल्म जगत में यह एक प्रमुख विषय रहा| .

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उपकार (1967 फ़िल्म)

उपकार 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन मनोज कुमार ने किया है। इसी फ़िल्म से मनोज कुमार की भारत कुमार की छवि बनी थी। इस फ़िल्म को छ: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। .

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छुपा रुस्तम (1973 फ़िल्म)

छुपा रुस्तम 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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२००५ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

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२०१३ में निधन

निम्नलिखित सूची २०१३ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

प्रोबोध चंद्र मन्ना डे

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