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भूमध्य सागर

सूची भूमध्य सागर

भूमध्य सागर (Mediterranean sea) पृथ्वी का एक सागर है, जो उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, अनातोलिया तथा मध्य पूर्व के बीच स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग २५ लाख वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के क्षेत्रफल का लगभग तीन-चौथाई है। प्राचीन काल में यूनान, अनातोलिया, कार्थेज, स्पेन, रोम, यरुशलम, अरब तथा मिस्र जैसे प्रदेशों तथा नगरों के बीच स्थित होने की वजह से इसे भूमध्य (धरती के बीच का) सागर कहते थे। यह अटलांटिक महासागर से जिब्राल्टर द्वारा जुड़ा है, जो केवल १४ किलोमीटर चौड़ा एक जलडमरूमध्य है। भूमध्य सागर का मानचित्र .

146 संबंधों: चन्द्रशेखर वेंकटरमन, ट्यूलिप, एड्रियाटिक सागर, एडोल्फ़ हिटलर, एशिया, तिरहेनियन सागर, तुर्की भाषा परिवार, तुर्की का भूगोल, तुर्की के भौगोलिक क्षेत्र, तुलों, त्रिपोली (लेबनान), त्रूदोस पहाड़ियाँ, तेल रिसाव, तोरोस पर्वत, द रॉक होटल, दमिश्क, दमिश्क और होम्स पर अमेरिकी मिसाइल हमला - 2018, दक्षिण प्रान्त (लेबनान), दुमयात मुहाफ़ज़ाह, नेपल्स की खाड़ी, नील नदी, नीस, पश्चिमी एशिया, पश्चिमी विक्षोभ, पितृवंश समूह जे, पिरिनी पर्वत शृंखला, प्लेट विवर्तनिकी, पोर्ट सईद, पोर्ट सईद मुहाफ़ज़ाह, पोसाइडनिया, फ़ोनीशिया, फ्रांस का सैन्य इतिहास, फेलिस बीटो, फोर्ड के बोल्डविन, बन्द जलसम्भर, बाब अल-मन्देब जलसन्धि, ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश, बेथलहम, बेनगाज़ी, बेयरूत, बेहेइरा मुहाफ़ज़ाह, बेक़आ वादी, बीटा वल्गैरिस, भारत में यूरोपीय आगमन, भारतीय सेही, भूमध्य द्रोणी, भूमध्यसागर, भूमध्यसागरीय जलवायु, भूगोल का इतिहास, मध्य पूर्व, ..., मातृवंश समूह वी, मिस्र, मैसूर मल्लिगे, मोरक्को, यरुशलम का युद्ध, यूनानी अंधकार काल, यूरेशिया, यूरोप, रामेसेस द्वितीय, रूसी सुखोई एसयू-२४ मारगिराना, २०१५, रोम गणतंत्र, लिगुरियन सागर, लंबाई के आधार पर नदियों की सूची, लेबनान, लेबनान पर्वतमाला, लेवंट, ली कोर्बुज़िए, लीबिया, शास्त्रीय प्राचीनकाल, श्वेत बटन खुम्ब, समुद्री मकड़ी, समोसा, सहारा मरुस्थल, सिद्र की खाड़ी, सिसिली, सिकन्दरिया, सुलेमान प्रथम, स्पेन, स्पेन-नियंत्रित उत्तर अफ़्रीकी क्षेत्र, स्वेज़ नहर, सोग़दा, सीनाई प्रायद्वीप, सीरिया, सीरिया का भूगोल, हलब, हसन बेक मस्जिद, हाम्मुरबी, जलसम्भर, जलसंधि, जहाज़ी नहर, ज़ैतून, जापान सागर, जिब्राल्टर, जिब्राल्टर में हिन्दू धर्म, जिब्राल्टर में क्रिकेट, जिब्राल्टर जलसन्धि, जिब्राल्टर के राजनीतिक दलों की सूची, जिब्राल्टर की राजनीति, जिब्राल्टर की सड़कें, जिब्राल्टेरियन लोग, जंगली सुअर, ज्वालामुखी, जेरिको (मिसाइल), जॉर्ज पंचम, जीरा, ईरान का इतिहास, ईजियन सागर, विश्व देवालय (पैन्थियन), रोम, विश्व के प्रमुख सागरों की सूची, खाड़ी युद्ध, खान अल-उमदान, खार्तूम, ग्रानादा प्रान्त, ग्रैंड कॅसमेट्स गेट्स, ओज़ियास मार्क, आयोनियन सागर, आरएएफ जिब्राल्टर, आर्मीनिया, आल्मेरिया प्रान्त, इटली, इतालवी प्रायद्वीप, इबेरिया प्रायद्वीप, इज़राइल, क़ुस्तुंतुनिया, कातालोनिया, कार्थेज, कार्बन-१४ द्वारा कालनिर्धारण, क्रास्नोदार क्राय, क्रीत, कैलेटा होटल, कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी), कैस्पियन सागर, केलिप्सो गर्त, कोर्सिका, अतलास पर्वत, अदन की खाड़ी, अरण्डी, अरीश, अल-बहर मस्जिद, अशोक, अशोक के अभिलेख, असद पाशा अल अज्म, उस्मानी साम्राज्य, 1 E12 वर्ग मीटर, 2009 मैडिटेरियन खेल, 2017 शयरात एयर बेस अमेरीकी मिसाइल हमला सूचकांक विस्तार (96 अधिक) »

चन्द्रशेखर वेंकटरमन

सीवी रमन (तमिल: சந்திரசேகர வெங்கடராமன்) (७ नवंबर, १८८८ - २१ नवंबर, १९७०) भारतीय भौतिक-शास्त्री थे। प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिये वर्ष १९३० में उन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर रामन प्रभाव के नाम से जाना जाता है। १९५४ ई. में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया तथा १९५७ में लेनिन शान्ति पुरस्कार प्रदान किया था। .

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ट्यूलिप

ट्यूलिप के फूल ट्यूलिप (Tulip) वसंत ऋतु में फूलनेवाला पादप है। ट्यूलिप (Tulip) के नैसर्गिक वासस्थानों में एशिया माइनर, अफगानिस्तान, कश्मीर से कुमाऊँ तक के हिमालयी क्षेत्र, उत्तरी ईरान, टर्की, चीन, जापान, साइबीरिया तथा भूमध्य सागर के निकटवर्ती देश विशेषतया उल्लेखनीय हैं। वनस्पति विज्ञान के ट्यूलिया (Tulipa) वंश का पारिभाषिक उद्गम ईरानी भाषा के शब्द टोलिबन (अर्थात् पगड़ी) से इसलिये माना जाता है कि ट्यूलिप के फूलों को उलट देने से ये पगड़ी नामक शिरोवेश जैसे दिखाई देते हैं। ट्यूलिपा वंश के सहनशील पौधों का वानस्पतिक कुल लिलिएसिई (Liliaceae) है। टर्की से यह पौधा 1554 ई0 में ऑस्ट्रिया, 1571 ई0 में हॉलैंड और 1577 ई0 में इग्लैंड ले जाया गया। इस पौधे का सर्वप्रथम उल्लेख 1559 ई0 में गेसनर ने अपने लेखों और चित्रों में किया था और उसी के आधार पर ट्यूलिपा गेसेनेरियाना (Tulipa gesenereana) का नामकरण हुआ। अल्प काल में ही इसके मनमोहक फूलों के चित्ताकर्षक रूपरंग के कारण यह पौधा यूरोप भर में सर्वप्रिय होकर फैल गया है। ट्यूलिप के अंदर .

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एड्रियाटिक सागर

एड्रियाटिक सागर का मानचित्र एड्रियाटिक सागर, नामक जलनिकाय इतालवी प्रायद्वीप को बाल्कन प्रायद्वीप से और एपेनाइन पर्वतमाला को दिनारिक आल्पस से पृथक करता है। एड्रियाटिक सागर, भूमध्य सागर का एक भाग है और इसके पूर्वोत्तर से लेकर दक्षिणपूर्वी हिस्से में स्थित है। .

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एडोल्फ़ हिटलर

हिटलर एडोल्फ हिटलर (२० अप्रैल १८८९ - ३० अप्रैल १९४५) एक प्रसिद्ध जर्मन राजनेता एवं तानाशाह थे। वे "राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी" (NSDAP) के नेता थे। इस पार्टी को प्राय: "नाजी पार्टी" के नाम से जाना जाता है। सन् १९३३ से सन् १९४५ तक वह जर्मनी का शासक रहे। हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये सर्वाधिक जिम्मेदार माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध तब हुआ, जब उनके आदेश पर नात्सी सेना ने पोलैंड पर आक्रमण किया। फ्रांस और ब्रिटेन ने पोलैंड को सुरक्षा देने का वादा किया था और वादे के अनुसार उन दोनो ने नाज़ी जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। .

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एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

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तिरहेनियन सागर

तिरहेनियन सागर तिरहेनियन सागर या तिरहेनियाई सागर (इतालवी: Mar Tirreno, अंग्रेजी:Tyrrhenian Sea), भूमध्य सागर का एक भाग है, जिसका विस्तार इटली के पश्चिमी तट के साथ साथ है। तिरहेनियन सागर के उत्तर में इतालवी प्रायद्वीप, पश्चिम में सार्दिना और कॉर्सिका द्वीप, पूर्व में टस्कनी, लाज़िओ, कम्पानिया और कैलाब्रिया तथा दक्षिण में सिसिली स्थित है। उत्तर में इसका मिलन लिगुरियन सागर से होता है जबकि दक्षिण में यह आयोनियन सागर से मिलता है। .

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तुर्की भाषा परिवार

विश्व के देश (गाढ़े नीले रंग में) और प्रदेश (हलके नीले रंग में) जहाँ तुर्की भाषाओँ को सरकारी मान्यता प्राप्त है सन् 735 के लगभग तराशे गए एक ओरख़ोन शिलालेख का हिस्सा यूरेशिया में तुर्की भाषाओँ का फैलाव तुर्की भाषाएँ पैंतीस से भी अधिक भाषाओँ का एक भाषा-परिवार है। तुर्की भाषाएँ पूर्वी यूरोप और भूमध्य सागर से लेकर साईबेरिया और पश्चिमी चीन तक बोली जाती हैं। कुछ भाषावैज्ञानिक इन्हें अल्ताई भाषा परिवार की एक शाखा मानते हैं। विश्व में लगभग 16.5 से 18 करोड़ लोग तुर्की भाषाएँ अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं और अगर सभी तुर्की भाषाओँ को बोल सकने वालों की गणना की जाए तो क़रीब 25 करोड़ लोग इन्हें बोल सकते हैं। सब से अधिक बोली जाने वाली तुर्की भाषा का नाम भी तुर्की है, हालाँकि कभी-कभी इसे अनातोल्वी भी कहा जाता है (क्योंकि यह अनातोलिया में बोली जाती है)। .

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तुर्की का भूगोल

तुर्की अनातोलिया (9 5%) और बाल्कन (5%),, बुल्गारिया और जॉर्जिया के बीच काला सागर के किनारे, और ग्रीस और सीरिया के बीच एजियन सागर और भूमध्य सागर के किनारे स्थित है। देश के भौगोलिक निर्देशांक इस प्राकार हैं: 39 डिग्री 00'उत्तर 35 डिग्री 00'पूर्व है। तुर्की का क्षेत्रफल 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) है; भूमि: 770,760 किमी 2 (2 9 7,592 वर्ग मील), पानी: 9,820 किमी 2 (3,792 वर्ग मील)। तुर्की पश्चिम से पूर्व में 1,600 किमी (994 मील) से अधिक है, लेकिन आम तौर पर उत्तर से दक्षिण में 800 किमी (497 मील) से भी कम है। कुल क्षेत्रफल (लगभग 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) में लगभग 756,816 किमी 2 (2 9 2,208) वर्ग मील) पश्चिमी एशिया (अनातोलिया) में और दक्षिणपूर्वी यूरोप (थ्रेस) में लगभग 23,764 किमी 2 (9,175 वर्ग मील) है। .

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तुर्की के भौगोलिक क्षेत्र

तुर्की के सात भौगोलिक क्षेत्र (तुर्की भाषा में) तुर्की का नक़्शा तुर्की को ७ क्षेत्रों में बांटा जाता है। इनकी परिभाषा १९४१ में तुर्की के प्रथम भूगोल सम्मलेन में की गई थी। इन क्षेत्रों का कोई प्रशासनिक महत्व नहीं है लेकिन भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक प्रयोगों में इन्हें इस्तेमाल किया जाता है। .

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तुलों

तुलों: फ्रांस का सैनिक पत्तन तुलाँ (Toulon) फ्रान्स का एक प्रमुख नगर है। यह फ्रांस के वार डिपार्टमेंट का नगर, प्रमुख पत्तन एवं नौसैनिक अड्डा है। यह मार्सेल्ज से ६७.२ किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व में भूमध्य सागर के किनारे जलयातायात विभाग का केंद्र है। नगर के उत्तर-पश्चिम में उच्च पर्वतश्रेणियाँ हैं। दक्षिण में केप सीसी (Cape Sicie) प्रायद्वीप इसे प्राकृतिक बंदरगाह बनाता है। नगर में कई छोटे छोटे किले हैं जो विभिन्न राजमार्गों पर स्थित हैं। नगर का आधुनिक प्रसार प्राचीन क्षेत्र के उत्तर में हुआ है। नगर की प्रसिद्ध इमारतें सो मेरी माजेरे का प्राचीन गिरजा, सेंट लूई का गिरजा, सैनिक चिकित्सालय, हाइड्रोग्राफी स्कूल आदि हैं। औद्यागिक संस्थानों में पोतनिर्माण प्रमुख है। इसके अतिरिक्त मछलियाँ भी प्रचुर मात्रा में पकड़ी जाती हैं। नमक, अंजीर, किशमिश, बादाम, नारंगी, कपड़े, बॉक्साइट, कार्क, साबुन, तथा तैल आदि निर्यात की वस्तुएँ हैं तथा मोटे अन्न, लकड़ी, कोयला, सन (Hemp) आदि का आयात होता है। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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त्रिपोली (लेबनान)

त्रिपोली शहर के कुछ नज़ारे त्रिपोली या तराबुलुस (अरबी:, अंग्रेज़ी: Tripoli) उत्तरी लेबनान का सबसे बड़ा शहर और (बेयरूत के बाद) उस पूरे देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बेयरूत से ८५ किमी उत्तर में स्थित यह शहर लेबनान के उत्तर प्रान्त की राजधानी भी है। यह नगर भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित है और इसके नज़दीक समुद्र में चार द्वीपों का एक समूह भी है। त्रिपोली शहर अल-मीना की बंदरगाह से जुड़ा हुआ है।, Anthony Ham, pp.

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त्रूदोस पहाड़ियाँ

त्रूदोस (अंग्रेज़ी: Troodos, यूनानी: Τρόοδος, तुर्की: Trodos) साइप्रस द्वीप देश की सबसे बड़ी पर्वतमाला है। यह द्वीप के लगभग मध्य में स्थित है और यह द्वीप के पश्चिमी अर्ध के अधिकांश भाग में विस्तृत है। इसका सर्वोच्च पहाड़ 1,952 मीटर ऊँचा ओलम्पस पर्वत है। त्रूदोस पहाड़ियाँ अपने पर्यटन स्थलों, सुंदर पहाड़ी गाँवों, गिरजों और ईसाई मठों के लिए प्रसिद्ध है। ओलम्पस पर्वत पर भारी मात्रा में हिम गिरता है और यहाँ कई स्की-स्थल उपस्थित हैं। त्रूदोस क्षेत्र में कई प्राचीन कांस्य की खाने हैं जहाँ से निकला कांसा पूरे भूमध्य सागर के तटवर्ती क्षेत्रों में हज़ारों सालों से पहुँचाया गया था। इन पहाड़ों में ब्रिटिश वायु सेना का एक जासूसी व सर्वेक्षण केन्द्र भी है। .

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तेल रिसाव

तेल रिसाव के बाद एक समुद्र तट तिमोर सागर में मोंटारा तेल रिसाव से ऑइल स्लिक, सितंबर, 2009. तेल रिसाव मानवीय गतिविधियों के कारण तरल पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन का पर्यावरण में मुक्त होना है तथा यह एक प्रकार का प्रदूषण है। इस शब्द का उपयोग अक्सर समुद्री तेल रिसाव के लिए किया जाता है, जहां तेल समुद्र में अथवा तटीय जल में मुक्त होता है। तेल रिसाव में कच्चे तेल का टैंकर से, अपतटीय प्लेटफार्म से, खुदाई उपकरणों से तथा कुओं से रिसाव, इसके साथ ही परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों (जैसे गैलोलिन, डीजल) तथा उनके उप-उत्पादों का रिसाव और बड़े जहाजों में प्रयुक्त होने वाले भारी ईंधन जैसे बंकर ईंधन का रिसाव या किसी तैलीय अवशिष्ट का या अपशिष्ट तेल का रिसाव शामिल है। रिसाव को साफ करने में महीनों या सालों लग सकते हैं। प्राकृतिक तेल रिसाव से भी तेल समुद्री पर्यावरण में प्रवेश करता है। सार्वजनिक ध्यान और विनियमन की वजह से गहरे समुद्र में तेल टैंकरों की ओर तेजी से ध्यान केंद्रित हो रहा है। .

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तोरोस पर्वत

तोरोस पर्वत (तुर्की: Toros Dağları, तोरोस दग़लरी) या टौरस पर्वत (अंग्रेज़ी: Taurus Mountains) दक्षिणी तुर्की में स्थित एक पर्वतमाला है जो उस देश के भूमध्य सागर से लगे तटवर्ती इलाक़े को केन्द्रीय आनातोलिया के पठारी क्षेत्र से अलग करती है। यह पर्वतमाला पश्चिम में एग़िरदिर झील से लेकर पूर्व में फ़ुरात नदी और दजला नदी के आरम्भिक भाग तक एक मुड़ा हुआ मार्ग तय करती है। इसका सबसे ऊँचा शिखर ३,७५६ मीटर लम्बा देमिरकज़िक पर्वत है। .

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द रॉक होटल

द रॉक होटल (The Rock Hotel), जिसे रॉक होटल भी कहा जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक एतिहासिक होटल है। इसे भूमध्य सागर के सबसे प्रसिद्ध होटलों में से एक कहा गया है। वर्ष 1932 में जॉन क्राईटन-स्टूर्ट, ब्यूट के चौथे मार्क्वेस, द्वारा निर्माण किया गया यह होटल 3.6 हेक्टेयर (8.9 एकड़) के प्राकृतिक दृश्य वाले बगीचे के साथ बना हुआ है। इसमें कुल 104 कमरे हैं। यह यूरोपा सड़क पर विशाल सफ़ेद आर्ट डेको इमारत में जिब्राल्टर बोटेनिक गार्डन के सामने स्थित है। .

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दमिश्क

दमिश्क (अरबी: دمشق उच्चारण: दिमश्क़) सीरिया की राजधानी और सीरिया का सबसे बड़ा नगर है। देश के दक्षिण-पश्चिमी कोने में, लेबनॉन की सीमा के निकट बसा ये शहर ऐतिहासिक है, आज इसकी जनसंख्या ४५ लाख है। दमिश्क विश्व के प्राचीनतम नगरों में गिना जाता है और जहाँ आज भी लोग रह रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि दमिश्क में ८००० से १०००० ईसा पूर्व में लोगो ने रहना प्रारंभ कर दिया था। दमिश्क लेवेंट और अरब दुनिया का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है। 2009 तक शहर की अनुमानित आबादी 1,711,000 थी। दक्षिण-पश्चिमी सीरिया में स्थित, दमिश्क 1,711,000 के साथ के बड़े महानगरीय क्षेत्र का केंद्र भी है। अंतर्देशीय समुद्र तल से 680 मीटर (2,230 फीट) के पठार पर भूमध्यसागरीय तट का किनारा, दमिश्क छाया प्रभाव के कारण अर्ध शुष्क जलवायु का अनुभव करता है। बरदा नदी दमिश्क से होकर बहती है। दमिश्क दूसरी सहस्राब्दी में बसाया गया था दमिश्क उमायाद खिलाफ़त की राजधानी 661 ईस्वी से 750 ईस्वी तक रहा था। अब्बासी खिलाफत की जीत के बाद, इस्लामी शक्ति की 7राजधानी बगदाद चली गई। दमिश्क ने अब्बासीद युग में राजनीतिक गिरावट देखी, केवल अय्यूबिद और मामलुक काल में महत्वपूर्ण महत्व हासिल करने के लिए। आज, यह केंद्र सरकार और सभी सरकारी मंत्रालयों की सीट है। .

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दमिश्क और होम्स पर अमेरिकी मिसाइल हमला - 2018

4 अप्रैल, 2018, सीरियाई समयनुसार सुबह 04:00 (यूटीसी + 3), को संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम सयुंक्त देशो ने मिलकर सीरिया की राजधानी दमिश्क और होम्स शहर पर भूमध्यसागर से मिसाइलो से हमले किये लेकिन सयुंक्त देशों ने हमलो का करण बताते हुए कहा 7 अप्रैल को सीरियाई सरकार ने नागरिकों के खिलाफ डौमा शहर में रासायनिक हमले किये थे जिसके जवाब में उन्होंने ऐसा किया, जिस पर उन्होंने सीरियाई सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सीरियाई सरकार ने डौमा के हमलों में शामिल होने से इनकार किया। और सीरिया ने हवाई हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। सीरिया पर मिसाइल हमलो की ईरान तथा रूस ने कड़ी नाराज़गी जताई। .

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दक्षिण प्रान्त (लेबनान)

दक्षिण प्रान्त (अरबी:, अंग्रेज़ी: South) लेबनान का एक प्रान्त है।, Paul Doyle, Bradt Travel Guides, 2012, ISBN 978-1-84162-370-2 .

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दुमयात मुहाफ़ज़ाह

दुमयात मुहाफ़ज़ाह (अरबी:, अंग्रेज़ी: Damietta) मिस्र का एक मुहाफ़ज़ाह (उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग) है। यह राष्ट्रीय राजधानी क़ाहिरा से पूर्वोत्तर में नील नदी के भूमध्य सागर पर बनने वाले नदीमुख स्थल पर स्थित है। दुमयात मुहाफ़ज़ाह अपनी अमरूद की पैदावार और खजूर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का दुमयाती पनीर (चीज़) भी बहुत मशहूर है। .

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नेपल्स की खाड़ी

नेपल्स की खाड़ी नेपल्स की खाड़ी, इटली के दक्षिण पश्चिमी तट पर नेपल्स प्रांत के कम्पानिया क्षेत्र में स्थित एक 10 मील चौड़ी खाड़ी है। यह पश्चिम में भूमध्य सागर से मिलती है। इसके उत्तर में नेपल्स और पोज़्ज़ुओली शहर, पूर्व में वेसुवियस पर्वत और दक्षिण में सॉरेंटाइन प्रायद्वीप स्थित है। इस प्रायद्वीप का सबसे प्रमुख शहर सोरेंतो है। यह प्रायद्वीप नेपल्स की खाड़ी को सलेर्नो की खाड़ी से अलग करता है। इस खाड़ी में काप्री, इस्किया और प्रोचिदा द्वीप स्थित हैं। यह इटली का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है क्योंकि इसके निकट पॉम्पेइ और हर्कुलेनियम के रोमन भग्नावशेष स्थित है, यह नगर सन 79 ई. वेसुवियस ज्वालामुखी के उद्गार के परिणामस्वरूप नष्ट हो गये थे। इस खाड़ी में 1960 में रोम में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के दौरान नौकायन प्रतियोगितायें आयोजित की गयी थीं। .

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नील नदी

संसार की सबसे लम्बी नदी नील है जो अफ्रीका की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया से निकलकर विस्तृत सहारा मरुस्थल के पूर्वी भाग को पार करती हुई उत्तर में भूमध्यसागर में उतर पड़ती है। यह भूमध्य रेखा के निकट भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर दक्षिण से उत्तर क्रमशः युगाण्डा, इथियोपिया, सूडान एवं मिस्र से होकर बहते हुए काफी लंबी घाटी बनाती है जिसके दोनों ओर की भूमि पतली पट्टी के रूप में शस्यश्यामला दिखती है। यह पट्टी संसार का सबसे बड़ा मरूद्यान है। नील नदी की घाटी एक सँकरी पट्टी सी है जिसके अधिकांश भाग की चौड़ाई १६ किलोमीटर से अधिक नहीं है, कहीं-कहीं तो इसकी चौड़ाई २०० मीटर से भी कम है। इसकी कई सहायक नदियाँ हैं जिनमें श्वेत नील एवं नीली नील मुख्य हैं। अपने मुहाने पर यह १६० किलोमीटर लम्बा तथा २४० किलोमीटर चौड़ा विशाल डेल्टा बनाती है। घाटी का सामान्य ढाल दक्षिण से उत्तर की ओर है। मिस्र की प्राचीन सभ्यता का विकास इसी नदी की घाटी में हुआ है। इसी नदी पर मिस्र देश का प्रसिद्ध अस्वान बाँध बनाया गया है। नील नदी की घाटी का दक्षिणी भाग भूमध्य रेखा के समीप स्थित है, अतः वहाँ भूमध्यरेखीय जलवायु पायी जाती है। यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापमान रहता है तथा वर्षा भी वर्ष भर होती है। वार्षिक वर्षा का औसत २१२ से.

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नीस

नीस का एक दृश्य नीस भूमध्य सागर के तट पर स्थित दक्षिणी फ्रान्स का एक प्रमुख नगर है। २००६ की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या ३,७४,०६० है। यह एक ऐतिहासिक नगर है जहाँ ४ लाख वर्ष पुराने, मानव के निवास के प्रमाण मिले हैं। यहाँ वर्ष भर आरामदायक भूमध्यसागरीय जलवायु पाई जाती है। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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पश्चिमी एशिया

पश्चिमी एशिया, या दक्षिण पश्चिम एशिया, शब्दावली का प्रयोग एशिया के सुदूर पश्चिमी भाग का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह शब्द आंशिक रूप से मध्य पूर्व (Middle East) का समानार्थी ही है, जो कि (मध्य पूर्व) एशिया के भीतर अपनी स्थिति के बजाय पश्चिमी यूरोप के साथ भौगोलिक स्थिति के सम्बन्ध का वर्णन करता है। .

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पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफ़ान को कहते हैं जो वायुमंडल की ऊँची तहों में भूमध्य सागर, अन्ध महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ़ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर गिरा देता है।, J. S. Lall, A. D. Moddie, India International Centre, 1981,...

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पितृवंश समूह जे

पितृवंश समूह जे का मध्य पूर्व और अरबी प्रायद्वीप में फैलाव। आंकड़े बता रहें हैं के इन इलाकों के कितने प्रतिशत पुरुष इस पितृवंश के वंशज हैं। भारत तक इसका हल्का फैलाव देखा जा सकता है। मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह जे या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप J एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह आईजे से उत्पन्न हुई एक शाखा है। इस पितृवंश के पुरुष अधिकतर मध्य पूर्व और अरबी प्रायद्वीप में मिलते हैं, हालांकि भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया और दक्षिण यूरोप के कुछ पुरुष भी इसके सदस्य हैं। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ३०,०००-५०,००० वर्ष पहले अरबी प्रायद्वीप में या उसके आस-पास रहता था। भारत में इसकी उपशाखा पितृवंश समूह जे२ के वंशज पुरुष अधिक मिलते हैं। ठीक यही उपशाखा भूमध्य सागर के इर्द-गिर्द के इलाक़ों में भी मिलती है। .

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पिरिनी पर्वत शृंखला

पिरिनी पर्वत शृंखला (स्पेनी: Pirineos, फ़्रान्सीसी: Pyrénées) द्क्षिणपश्चिमी यूरोप में स्पेन और फ़्रान्स की सीमा पर स्थित एक पर्वतमाला है। यह इबेरिया प्रायद्वीप को यूरोप के महाद्वीप के अन्य भागों से अलग करती है। पिरिनी पहाड़ों की पंक्तियाँ पूर्वोत्तर में बिस्के खाड़ी से लेकर दक्षिणपूर्व में भूमध्य सागर तक ४९१ किमी चलती हैं। अन्दोरा का नन्हा सा देश इन्ही पर्वतों में स्थित है।, Kev Reynolds, pp.

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प्लेट विवर्तनिकी

प्लेट विवर्तनिकी (Plate tectonics) एक वैज्ञानिक सिद्धान्त है जो पृथ्वी के स्थलमण्डल में बड़े पैमाने पर होने वाली गतियों की व्याख्या प्रस्तुत करता है। साथ ही महाद्वीपों, महासागरों और पर्वतों के रूप में धरातलीय उच्चावच के निर्माण तथा भूकम्प और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के भौगोलिक वितरण की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यह सिद्धान्त बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अभिकल्पित महाद्वीपीय विस्थापन नामक संकल्पना से विकसित हुआ जब 1960 के दशक में ऐसे नवीन साक्ष्यों की खोज हुई जिनसे महाद्वीपों के स्थिर होने की बजाय गतिशील होने की अवधारणा को बल मिला। इन साक्ष्यों में सबसे महत्वपूर्ण हैं पुराचुम्बकत्व से सम्बन्धित साक्ष्य जिनसे सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई। हैरी हेस के द्वारा सागर नितल प्रसरण की खोज से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन आरंभ माना जाता है और विल्सन, मॉर्गन, मैकेंज़ी, ओलिवर, पार्कर इत्यादि विद्वानों ने इसके पक्ष में प्रमाण उपलब्ध कराते हुए इसके संवर्धन में योगदान किया। इस सिद्धान्त अनुसार पृथ्वी की ऊपरी लगभग 80 से 100 कि॰मी॰ मोटी परत, जिसे स्थलमण्डल कहा जाता है, और जिसमें भूपर्पटी और भूप्रावार के ऊपरी हिस्से का भाग शामिल हैं, कई टुकड़ों में टूटी हुई है जिन्हें प्लेट कहा जाता है। ये प्लेटें नीचे स्थित एस्थेनोस्फीयर की अर्धपिघलित परत पर तैर रहीं हैं और सामान्यतया लगभग 10-40 मिमी/वर्ष की गति से गतिशील हैं हालाँकि इनमें कुछ की गति 160 मिमी/वर्ष भी है। इन्ही प्लेटों के गतिशील होने से पृथ्वी के वर्तमान धरातलीय स्वरूप की उत्पत्ति और पर्वत निर्माण की व्याख्या प्रस्तुत की जाती है और यह भी देखा गया है कि प्रायः भूकम्प इन प्लेटों की सीमाओं पर ही आते हैं और ज्वालामुखी भी इन्हीं प्लेट सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं। प्लेट विवर्तनिकी में विवर्तनिकी (लातीन:tectonicus) शब्द यूनानी भाषा के τεκτονικός से बना है जिसका अर्थ निर्माण से सम्बंधित है। छोटी प्लेट्स की संख्या में भी कई मतान्तर हैं परन्तु सामान्यतः इनकी संख्या 100 से भी अधिक स्वीकार की जाती है। .

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पोर्ट सईद

पोर्ट सईद (Port Said; मिस्र की अरबी में: بورسعيد बोरसईद या पोरसईद; IPA) मिस्र के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक नगर है। यह नगर भूमध्य सागर के किनारे-किनारे तथा स्वेज़ नहर के उत्तर में लगभग ३० किमी तक फैला है। इसकी जनसंख्या लगभग ६ लाख (सन २०१०) है। यह नगर १८५९ में बसाया गया था जब स्वेज नहर का निर्माण हो रहा था। पोर्ट सईद श्रेणी:मिस्र के नगर.

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पोर्ट सईद मुहाफ़ज़ाह

पोर्ट सईद मुहाफ़ज़ाह (अरबी:, अंग्रेज़ी: Port Said Governorate) मिस्र का एक मुहाफ़ज़ाह (उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग) है। यह सुएज़ नहर के उत्तरी द्वार पर भूमध्य सागर पर स्थित एक बंदरगाह है। .

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पोसाइडनिया

पोसाइडनिया (Posidonia) सपुष्पक पौधों का एक जीववैज्ञानिक वंश है। यह पोसाइडनिएसिए (Posidoniaceae) जीववैज्ञानिक कुल में आने वाला एकमात्र वंश है। पोसाइडनिया में ९ ज्ञात जातियाँ हैं जो भूमध्य सागर और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट पर मिलने वाली सागरघास हैं। .

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फ़ोनीशिया

फ़ोनीशिया का प्रभाव पूरे भूमध्य सागर क्षेत्र में समुद्री व्यापार के ज़रिये फैल गया फ़ोनीशिया मध्य-पूर्व के उर्वर अर्धचंद्र के पश्चिमी भाग में भूमध्य सागर के तट के साथ-साथ स्थित एक प्राचीन सभ्यता थी। समुद्री व्यापार के ज़रिये यह 1550 से 300 ईसा-पूर्व के काल में भूमध्य सागर के दूर​-दराज़ इलाक़ों में फैल ग​ई। उन्हें प्राचीन यूनानी और रोमन लोग "जमुनी-रंग के व्यापारी" कहा करते थे क्योंकि रंगरेज़ी में इस्तेमाल होने वाले म्यूरक्स घोंघे से बनाए जाने वाले जामुनी रंग केवल इन्ही से मिला करता था। इन्होने जिस अक्षरमाला का इजाद किया उसपर विश्व की सारी प्रमुख अक्षरमालाएँ आधारित हैं। कई भाषावैज्ञानिकों का मानना है कि देवनागरी-सहित भारत की सभी वर्णमालाएँ इसी फ़ोनीशियाई वर्णमाला की संताने हैं। .

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फ्रांस का सैन्य इतिहास

फ्रांस के सैन्य इतिहास में आधुनिक फ्रांस, यूरोपीय महाद्वीप और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में 2,000 से अधिक वर्षों तक चले संघर्षों का एक विशाल काल शामिल है। आज आधुनिक फ्रांस के क्षेत्र में सबसे पहला बड़ा युद्ध गैलो-रोमन संघर्ष था, जो कि 60 ईसा पूर्व से 50 ईसा पूर्व तक लड़ा गया। अंततः रोमन,जूलियस सीज़र के अभियानों के माध्यम से विजयी हुए। रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, एक जर्मनिक जनजाति,जिसे फ्रैंक्स के नाम से जाना जाता था, ने प्रतिस्पर्धा वाले जनजातियों को हराकर गॉल पर नियंत्रण कर लिया। "फ्रांसीया की भूमि", जिस से फ्रांस को अपना नाम मिला है, को राजा 'क्लोविस मैं' और 'शारलेमेन' ने विस्तरित किया। इन्होंने भविष्य के फ्रांसीसी राज्य के केंद्र का निर्माण किया था। मध्य युग में, इंग्लैंड के साथ प्रतिद्वंद्विता ने 'नोर्मन विजय' और;सौ साल के युद्ध' जैसे प्रमुख संघर्षों को प्रेरित किया। केंद्रीकृत राजतंत्र के साथ, रोमन काल के बाद पहली बड़ी पैदल सेना और तोपखाने का इस्तेमाल कर, फ्रांस ने अपने क्षेत्र से अंग्रेजो को निष्कासित कर दिया और मध्य युग में यूरोप के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में जाना गया। ये स्थिति रोमन साम्राज्य और 'स्पेन इतालवी युद्धों' में हार के बाद बदली। 16 वीं शताब्दी के अंत में धर्मयुद्धों ने फ्रांस को कमजोर किया, लेकिन 'तीस साल के युद्ध' में स्पेन पर एक बड़ी जीत ने फ्रांस को एक बार फिर महाद्वीप पर सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाया। समानांतर में, फ्रांस ने अपना पहला औपनिवेशिक साम्राज्य एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में विकसित किया। फ्रांस ने,लुई XIV के तहत अपने प्रतिद्वंद्वियों पर सैन्य वर्चस्व हासिल किया, लेकिन तेजी से शक्तिशाली होते दुश्मन गठबंधनों और बढ़ते संघर्ष ने फ़्रांसिसी महत्वाकांक्षाओं को रोका और 18 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में राज्य को दिवालिया कर दिया। फ्रांसीसी सेनाओं ने स्पेनिश, पोलिश और ऑस्ट्रियाई राजशाही के खिलाफ वंशवादी संघर्षों में जीत हासिल की। इसी समय, फ़्रांस अपनी उपनिवेशों पर हो रहे दुश्मनो के हमलों को रोक रहा था। 18 वीं शताब्दी में, ग्रेट ब्रिटेन के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने सात साल के युद्ध की शुरुआत की, जहां फ्रांस ने अपने उत्तरी अमेरिकी हिस्सेदारी खो दी। यूरोप और अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध में प्रभुत्व के रूप में फ्रांस को सफलता मिली, जहां धन और हथियारों के रूप में व्यापक फ्रेंच सहायता और अपनी सेना और नौसेना की प्रत्यक्ष भागीदारी ने अमेरिका की आजादी का नेतृत्व किया। अंततः आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल और फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्धों और नेपोलियन युद्धों में निरंतर संघर्ष के 23 साल गुजर गए। फ्रांस इस अवधि के दौरान अपनी शक्ति के चरम पर पहुंच गया, नेपोलियन बोनापार्ट के शासन काल में, एक अभूतपूर्व शक्ति के रूप में यूरोपीय महाद्वीप पर हावी रहा। हालांकि, 1815 तक, इसे उसी सीमा तक सीमित कर दिया गया था जो क्रांति से पहले नियंत्रित था। शेष 1 9वीं शताब्दी में दूसरी फ्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य के विकास के साथ ही बेल्जियम, स्पेन और मेक्सिको में फ्रांसीसी हस्तक्षेप हुआ। अन्य प्रमुख युद्ध,रूस के खिलाफ क्रिमिया में,इटली के खिलाफ ऑस्ट्रिया में और फ्रांस के भीतर प्रशिया के खिलाफ लड़े गए। फ्रेंको-प्रुसीयन युद्ध में हार के बाद, प्रथम विश्व युद्ध में फिर से फ्रेंको-जर्मन प्रतिद्वंद्विता उभर आयी। फ्रांस और उसके सहयोगी इस बार विजयी रहे थे। संघर्ष के मद्देनजर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में परिणीत हुआ, जिसमें फ्रांस ने लड़ाई में एक्सिस राष्ट्रों को हराया गया और फ्रांसीसी सरकार ने जर्मनी के साथ एक युद्धविराम पर हस्ताक्षर किए। निर्वासन में एक मुक्त फ्रांसीसी सैनिक सरकार की अगुआई वाली मित्र राष्ट्रों की सेना ने अंततः एक्सिस पॉवर्स के ऊपर विजयी प्राप्त की। नतीजतन, फ्रांस ने जर्मनी में एक व्यवसाय क्षेत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट हासिल की। पहले दो विश्व युद्धों के पैमाने पर तीसरे फ्रेंको-जर्मन संघर्ष से बचने की अनिवार्यता ने 1950 के दशक में शुरू होने वाले यूरोपीय एकीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त किया। फ्रांस एक परमाणु शक्ति बन गया और 20 वीं शताब्दी के अंत तक, नाटो और उसके यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर सहयोग किया गया है। जुलाई में 1453 में फ्रांसीसी सेना ने अपने ब्रितानी विरोधियों को कैस्टिलो की लड़ाई में पराजित किया .

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फेलिस बीटो

एक अज्ञात छायाकार द्वारा ली गयी फेलिस बीटो की तस्वीर (शायद स्वयं ली गयी) 1866 फेलिस बीटो (1832-29 जनवरी 1909), जिसे फेलिक्स बीटो के नाम से भी जाना जाता है, एक इतालवी -ब्रिटिश छायाकार (फोटोग्राफर) था। वह उन शुरुआती फोटोग्राफरों मे से एक था जिन्होने पूर्व एशिया में तस्वीरें खींची थीं साथ ही वो युद्ध की तस्वीरें खींचने वाले पहले फोटोग्राफरों मे से एक था। बीटो को उसकी विशिष्ट शैली के काम के लिए याद किया जाता है। उसकी तस्वीरों में एशिया और भूमध्य सागरीय क्षेत्र के विचार, संस्कृति और वास्तुकला बड़ी कुशलता से परिलक्षित होती है। उसकी विभिन्न देशों की यात्रा और आवास ने उसे इन देशों को निकट से देखने और समझने का अवसर प्रदान किया था और इस अनुभव की सहायता से उसने अपनी तस्वीरों के माध्यम से यूरोप और अमेरिका के अधिकतर लोगों को इन देशों की संस्कृति, व्यक्तियों और घटनाओं को जानने और समझने का अवसर दिया जिससे वो पहले पूरी तरह से अंजान थे। आज भी बीटो द्वारा खींची गयी तस्वीरें 1857 का भारतीय विद्रोह और दूसरे अफ़ीम युद्ध जैसी घटनाओं की एक सच्ची छवि हमारे सम्मुख प्रस्तुत करतीं है। बीटो की तस्वीरें फोटोपत्रकारिता की शुरुआत को भी दर्शाती हैं। बीटो के काम ने बहुत से अन्य समकालीन और उसके बाद आने वाले फोटोग्राफरों को प्रभावित किया। अपने जापान प्रवास के दौरान उसने कई स्थानीय छायाकारों के साथ ना सिर्फ काम किया बल्कि उनको प्रशिक्षण भी दिया। उसकी विधा की फोटोग्राफी का स्थानीय छायाकारों पर एक गहरा और चिरस्थायी प्रभाव पड़ा। .

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फोर्ड के बोल्डविन

फोर्ड के बोल्डविन (कभी-कभी सिर्फ बोल्डविन 1125 - 19 नवम्बर 1190) 1185 से लेकर 1190 के बीच कैंटबरी के आर्कबिशप थे। एक पादरी के बेटे, बोल्डविन ने बोलोन्या, इटली में कैनन कानून और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और इंग्लैंड वापस लौटने व एक्सॅटर के बिशप का उत्तरोत्तर पद ग्रहण करने से पहले पोप यूजीन तृतीय के भतीजे के लिए अनुशिक्षक का कार्य किया।Holdsworth "" Oxford Dictionary of National Biography Bartlett England Under the Norman and Angevin Kings p. 509Barlow Thomas Becket p. 37 बोल्डविन की मृत्यु क्रूसेड में भाग लेते हुए पवित्र भूमि (ईसाई धर्म के अनुसार वर्तमान जॉर्डन नदी और भूमध्य सागर के बीच का संपूर्ण क्षेत्र) में हुई। बोल्डविन के अपने पादरी के साथ लंबे समय तक चले विवाद के कारण एक कालक्रमक ने इनका विवरण एक ऎसे व्यक्तित्व के रूप में की जिसने ईसाई धर्म को सलाउद्दीन से भी अधिक क्षति पहुँचाई थी।Gillingham Richard I pp.

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बन्द जलसम्भर

मंगोलिया का एक बंद जलसंभर जहाँ सारा बहता जल समुद्र की बजाय उएउएरेग नूर झील में आकर ठहर जाता है बंद जलसंभर या समावृत जलसंभर भूगोल में ऐसे जलसंभर क्षेत्र को कहा जाता है जिसमें वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर, दलदली क्षेत्र या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। आम तौर पर जो भी पानी धरती पर बारिश या हिमपात के कारण पड़ता है वो नदियों, नेहरों और झरनों के द्वारा ऊंचे इलाकों से निचले इलाकों की ओर बहता है। यह चलते पानी के समूह एक-दुसरे से संगम करते रहते हैं जब तक के एक ही बड़ी नदी न बन जाए। फिर यह नदी आगे चलकर किसी सागर में मिल जाती है। लेकिन जो क्षेत्र सागरों से ढलान, पहाड़ों या रेगिस्तानों की वजह से पृथक हैं वहाँ पर पानी सब से निचले स्थान पर पहुँच कर रुक जाता है। ऐसे स्थानों पर या तो झीलें बन जाती हैं या धरती पानी को सोख लेती है। दुनिया की सब से बड़ी झीलों में ऐसे ही बंद जलसंभारों की वजह से बनी हुई कुछ झीलें हैं, जैसे की अरल सागर और कैस्पियन सागर। .

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बाब अल-मन्देब जलसन्धि

लाल सागर का नक़्शा जिसमें बाब अल-मन्देब नीचे दाई तरफ़ है बाब अल-मन्देब (अरबी:, अंग्रेजी: Bab el-Mandeb) अरबी प्रायद्वीप पर यमन और अफ़्रीका के सींग पर जिबूती, इरित्रिया और उत्तरी सोमालिया के बीच स्थित एक जलडमरू है जो लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ता है। .

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ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश

ब्रिटिश विदेशी प्रदेशों की अवस्थिति ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश (अंग्रेजी: British Overseas Territories) या ब्रिटिश विदेशी प्रदेश, संयुक्त राजशाही के वो चौदह प्रदेश हैं, जो वैसे तो संयुक्त राजशाही का एक हिस्सा नहीं हैं पर इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। यह वो प्रदेश हैं जो ब्रिटिश साम्राज्य के समय से ही ब्रिटेन के आधीन हैं और इन्हे आज तक या तो स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हो पायी है या फिर इन्होने खुद ही ब्रिटेन का हिस्सा बने रहने के लिए मतदान किया है। ब्रिटिश राष्ट्रीयता अधिनियम 1981 (अंग्रेजी: British Nationality Act 1981) के अनुसार इन प्रदेशों को "ब्रिटिश अधीन क्षेत्र" नाम दिया गया था जिसे ब्रिटिश विदेशी प्रदेश अधिनियम 2002 (अंग्रेजी: British Overseas Territories Act 2002) के द्वारा बदल कर ब्रिटिश विदेशी प्रदेश कर दिया गया। 1981 से पहले, इन प्रदेशों को किरीट उपनिवेश या किरीटोपनिवेश (क्राउन कालोनी) कहा जाता था। ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र, जहाँ पर कोई स्थायी निवासी नहीं हैं और साइप्रस के संप्रभु सैन्य अड्डों के अलावा, सभी विदेशी प्रदेशों में स्थायी आबादी है। इन सभी क्षेत्रों का सामूहिक भूमि क्षेत्र 1728000 वर्ग किमी (667,018 वर्ग मील) और जनसंख्या लगभग 260,000 है। ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र, चार अन्य संप्रभु राष्ट्रों और उनके अंटार्कटिक क्षेत्रों के साथ हुए एक पारस्परिक मान्यता समझौते का हिस्सा है। ब्रिटेन अंटार्कटिक संधि प्रणाली में एक भागीदार है। जर्सी, ग्वेर्नसे और आइल ऑफ़ मैन जैसे क्षेत्र, हालांकि ब्रिटिश राजशाही की संप्रभुता के अंतर्गत आते हैं पर इनके साथ संयुक्त राजशाही का एक अलग संवैधानिक रिश्ता है और इन्हें किरीटाधीन क्षेत्र कहा जाता है। ब्रिटिश विदेशी प्रदेश और किरीटाधीन क्षेत्र राष्ट्रमंडल के उन देशों से अलग हैं जिनमें से ज्यादातर कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा थे। .

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बेथलहम

बेथलहम (بَيْتِ لَحْمٍ,, प्रकाशित “हाउस ऑफ मीट (House of Meat)"; בֵּית לֶחֶם, बीट लेहम (Beit Lehem), प्रकाशित "हाउस ऑफ ब्रेड (House of Bread);" बेथलीम (Bethleém)) मध्य वेस्ट-बैंक में, येरुशलम से लगभग दक्षिण में स्थित एक फिलिस्तीनी शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 30,000 है।अमरा, 1999,.

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बेनगाज़ी

बेनगाज़ी या बेंगाज़ी (अरबी: بنغازي बंगाज़ी) लीबिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर और सिरेनेइका क्षेत्र में सबसे बड़ा शहर है। लिबिया में भूमध्य सागर पर स्थित बंदरगाह के रूप में बेनगाज़ी, त्रिपोली के साथ संयुक्त रूप से राजधानी के है, जोकि संभवतः राजा और सेनुसी शाही परिवार के त्रिपोलिटानिया की बजाय साइरेनिका से जुड़े होने के कारण था। यह शहर राष्ट्रीय संक्रमणकालीन परिषद की अस्थायी राजधानी भी थी। बेनगाज़ी में आमतौर पर राष्ट्रीय राजधानी शहर में होने वाले संगठन, जैसे कि देश की संसद, राष्ट्रीय पुस्तकालय, और लीबिया एयरलाइंस के मुख्यालय, राष्ट्रीय एयरलाइन और नेशनल ऑयल कॉर्पोरेशन आदि संस्थान स्थित है। जिसके कारण बेनगाज़ी और त्रिपोली और साइरेनाका और ट्रिपोलिटानिया के बीच प्रतिद्वंद्विता और संवेदनशीलता का निरंतर वातावरण बना रहता है। 2006 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 670,797 थी।.

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बेयरूत

बेयरूत (अरबी:, अंग्रेज़ी: Beirut) लेबनान की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। हालाँकि यहाँ हाल में कोई भी जनगणना नहीं हुई है। इसकी सन् २००७ की आबादी का अनुमान १० और २० लाख के बीच लगाया जाता है। यह लेबनान के भूमध्य सागर के साथ लगे तट के लगभग मध्य में एक छोटे से प्रायद्वीप पर बसा हुआ है और लेबनान की प्रमुख बंदरगाह भी है। राष्ट्र की राजधानी होने के साथ-साथ यह लेबनान का सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक केंद्र भी है। यह शहर लम्बे अरसे से अपनी सांस्कृतिक ज़िन्दादिली के लिए जाना जाता था लेकिन १९७५-१९९० काल में १५ साल तक चलने वाले लेबनानी गृह युद्ध में इसे बहुत हानि पहुँची। गृह युद्ध समाप्त होने के बाद यहाँ पुनर्निर्माण हुआ है और अब यहाँ सैलानी फिर से बड़ी मात्रा में आने लगे हैं।, Paul Doyle, Bradt Travel Guides, 2012, ISBN 978-1-84162-370-2 .

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बेहेइरा मुहाफ़ज़ाह

बेहेइरा मुहाफ़ज़ाह (अरबी:, अंग्रेज़ी: Beheira) मिस्र का एक मुहाफ़ज़ाह (उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग) है। यह राष्ट्रीय राजधानी क़ाहिरा से उत्तर में नील नदी के नदीमुख (डॅल्टा) क्षेत्र में स्थित है। इसका उत्तरी छोर भूमध्य सागर से लगता है। .

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बेक़आ वादी

बेक़आ वादी में क़राऊन​ झील ज़हले शहर, जो बेक़आ प्रान्त की राजधानी और बेक़आ वादी का सबसे बड़ा नगर है रोमन काल में बना बालबेक में बाकस का मंदिर बेक़आ वादी (अरबी:, वादी अल-बिक़आ; अंग्रेज़ी: Beqaa Valley) पूर्वी लेबनान में स्थित एक उपजाऊ घाटी है। रोमन काल में यह एक महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र था और आधुनिक लेबनान का भी सबसे अहम कृषि इलाक़ा है।, Laura S. Etheredge, pp.

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बीटा वल्गैरिस

बीटा वल्गैरिस, जिसे साधारण भाषा में चुकंदर कहते हैं, अमारैन्थ परिवार का एक पादप सदस्य है। इसे कई रूपों में, जिनमें अधिकतर लाल रंग की जड़ से प्राप्त सब्जी रूप में प्रयोगनीय उत्पाद के लिये उगाया जाता है। इसके अलावा अन्य उत्पादों में इसके पत्तों को शाक रूप में प्रयोग करते हैं, व इसे शर्करा-स्रोत रूप में भी प्रयोग किया जाता है। पशु-आहार के लिये भी कहीं-कहीं प्रयोग किया जाता है। इसकी अधिकतर प्रचलित Beta vulgaris उपजाति vulgaris में आती है। जबकि Beta vulgaris उपजाति:maritima, जो ई-बीट नाम से प्रचलित है, इसी का जंगली पूर्वज है और भूमध्य सागरीय क्षेत्र, यूरोप की अंध-महासागर तटरेखा एवं भारत में उगती है। एक अन्य जंगली प्रजाति Beta vulgaris उपजाति:adanensis, यूनान से सीरिया पर्यन्त पायी जाती है। ''Beta vulgaris'', नाम से प्रचलित चुकंदर, शाक विक्रेता के यहां चुकंदर में अच्छी मात्रा में लौह, विटामिन और खनिज होते हैं जो रक्तवर्धन और शोधन के काम में सहायक होते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। यह प्राकृतिक शर्करा का स्रोत होता है। इसमें सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते हैं। चुकंदर में गुर्दे और पित्ताशय को साफ करने के प्राकृतिक गुण हैं। इसमें उपस्थित पोटेशियम शरीर को प्रतिदिन पोषण प्रदान करने में मदद करता है तो वहीं क्लोरीन गुर्दों के शोधन में मदद करता है। यह पाचन संबंधी समस्याओं जैसे वमन, दस्त, चक्कर आदि में लाभदायक होता है। चुकंदर का रस पीने से रक्ताल्पता दूर हो जाती है क्योंकि इसमें लौह भी प्रचुर मात्र में पाया जाता है।। याहू जागरण चुकंदर का रस हाइपरटेंशन और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखता है। विशेषतया महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है। चुकंदर में बेटेन नामक तत्व पाया जाता है जिसकी आंत व पेट को साफ करने के लिए शरीर को आवश्यकता होती है और चुकंदर में उपस्थित यह तत्व उसकी आपूर्ति करता है। कई शोधों के अनुसार चुकंदर कैंसर में भी लाभदायक होता है। चुकंदर और उसके पत्ते फोलेट का अच्छा स्रोत होते हैं, जो उच्च रक्तचाप और अल्जाइमर की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। चुकंदर की भारत में प्रचलित किस्म .

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भारत में यूरोपीय आगमन

१५०१ से १७३९ के बीच भारत में यूरोपीय बस्तियाँ भारत के सामुद्रिक रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ। यद्यपि यूरोपीय लोग भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में सफल हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था। सत्रहवीं शताब्दी के अंत तक यूरोपीय कई एशियाई स्थानों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके थे और अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध में वे कई जगहों पर अधिकार भी कर लिए थे। किन्तु उन्नासवीं सदी में जाकर ही अंग्रेजों का भारत पर एकाधिकार हो पाया था। भारत की समृद्धि को देखकर पश्चिमी देशों में भारत के साथ व्यापार करने की इच्छा पहले से थी। यूरोपीय नाविकों द्वारा सामुद्रिक मार्गों का पता लगाना इन्हीं लालसाओं का परिणाम था। तेरहवीं सदी के आसपास मुसलमानों का अधिपत्य भूमध्य सागर और उसके पूरब के क्षेत्रों पर हो गया था और इस कारण यूरोपी देशों को भारतीय माल की आपूर्ति ठप्प पड़ गई। उस पर भी इटली के वेनिस नगर में चुंगी देना उनको रास नहीं आता था। कोलंबस भारत का पता लगाने अमरीका पहुँच गया और सन् 1487-88 में पेडरा द कोविल्हम नाम का एक पुर्तगाली नाविक पहली बार भारत के तट पर मालाबार पहुँचा। भारत पहुचने वालों में पुर्तगाली सबसे पहले थे इसके बाद डच आए और डचों ने पुर्तगालियों से कई लड़ाईयाँ लड़ीं। भारत के अलावा श्रीलंका में भी डचों ने पुर्तगालियों को खडेड़ दिया। पर डचों का मुख्य आकर्षण भारत न होकर दक्षिण पूर्व एशिया के देश थे। अतः उन्हें अंग्रेजों ने पराजित किया जो मुख्यतः भारत से अधिकार करना चाहते थे। आरंभ में तो इन यूरोपीय देशों का मुख्य काम व्यापार ही था पर भारत की राजनैतिक स्थिति को देखकर उन्होंने यहाँ साम्राज्यवादी और औपनिवेशिक नीतियाँ अपनानी आरंभ की। .

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भारतीय सेही

भारतीय सेही एक कृंतक जानवर है। इसका फैलाव तुर्की, भूमध्य सागर से लेकर दक्षिण-पश्चिम तथा मध्य एशिया (अफ़गानिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सहित) एवं दक्षिण एशिया (पाकिस्तान, भारत, नेपाल तथा श्रीलंका) और चीन तक में है। हिमालय में यह २,४०० मी.

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भूमध्य द्रोणी

जैवभूगोल में भूमध्य द्रोणी (Mediterranean Basin) भूमध्य सागर के छोरों पर स्थित वह भूमीय क्षेत्र हैं जहाँ भूमध्य मौसम रहता है, यानि हलकी ठंड व वर्षा वाली शीतऋतु और मध्यम गरमी वाली व शुष्क ग्रीष्मऋतु। इसमें भूमध्यीय वन, वनित क्षेत्र और क्षुप वनस्पति मिलते हैं। कुछ विवरणों के अनुसार यह पूर्वजगत के वह इलाक़ें हैं जहाँ प्राकृतिक रूप से ज़ैतून (ऑलिव) के वृक्ष उगते थे। ध्यान दें कि इस परिभाषा के अनुसार भूमध्य सागर के तटवर्ती सभी क्षेत्र भूमध्य द्रोणी में शामिल नहीं माने जाएँगे। .

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भूमध्यसागर

कोई विवरण नहीं।

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भूमध्यसागरीय जलवायु

भूमध्य जलवायु (mediterranean climate) वह जलवायु है जो भूमध्य द्रोणी क्षेत्र में व्यापक है। भूमध्य सागर के अलावा कैलिफ़ोर्निया के तटवर्ती क्षेत्र, पश्चिमी और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के कुछ क्षेत्र, दक्षिणपश्चिमी दक्षिण अफ़्रीका और मध्य चिली में भी इस प्रकार की मौसमी परिस्थितियाँ मिलती हैं। इन इलाक़ों में हलकी ठंड व वर्षा वाली शीतऋतु और मध्यम गरमी वाली व शुष्क ग्रीष्मऋतु होती है। .

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भूगोल का इतिहास

भूगोल का इतिहास इस भूगोल नामक ज्ञान की शाखा में समय के साथ आये बदलावों का लेखा जोखा है। समय के सापेक्ष जो बदलाव भूगोल की विषय वस्तु, इसकी अध्ययन विधियों और इसकी विचारधारात्मक प्रकृति में हुए हैं उनका अध्ययन भूगोल का इतिहास करता है। भूगोल प्राचीन काल से उपयोगी विषय रहा है और आज भी यह अत्यन्त उपयोगी है। भारत, चीन और प्राचीन यूनानी-रोमन सभ्यताओं ने प्राचीन काल से ही दूसरी जगहों के वर्णन और अध्ययन में रूचि ली। मध्य युग में अरबों और ईरानी लोगों ने यात्रा विवरणों और वर्णनों से इसे समृद्ध किया। आधुनिक युग के प्रारंभ के साथ ही भौगोलिक खोजों का युग आया जिसमें पृथ्वी के ज्ञात भागों और उनके निवासियों के विषय में ज्ञान में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। भूगोल की विचारधारा या चिंतन में भी समय के साथ बदलाव हुए जिनका अध्ययन भूगोल के इतिहास में किया जाता है। उन्नीसवीं सदी में पर्यावरणीय निश्चयवाद, संभववाद और प्रदेशवाद से होते हुए बीसवीं सदी में मात्रात्मक क्रांति और व्यावहारिक भूगोल से होते हुए वर्तमान समय में भूगोल की चिंतनधारा आलोचनात्मक भूगोल तक पहुँच चुकी है। भूगोल शब्द संस्कृत के भू और गोल शब्दों से मिल कर बना है जिसका अर्थ है गोलाकार पृथ्वी। प्राचीन समय में जब भूकेंद्रित ब्रह्माण्ड (geocentric universe) की संकल्पना प्रचलित थी तब पृथ्वी और आकाश को दो गोलों के रूप में कल्पित किया गया था भूगोल और खगोल। खगोल जो आकाश का प्रतिनिधित्व करता था, बड़ा गोला था और इसके केन्द्र में पृथ्वी रुपी छोटा गोला भूगोल अवस्थित माना गया। इन दोनों के वर्णनों और प्रेक्षणों के लिये संबंधित विषय बाद में भूगोल और खगोलशास्त्र (ज्योतिष) कहलाये। भूगोल के लिये अंग्रेजी शब्द ज्याग्रफी यूनानी भाषा के γεωγραφία – geographia से बना है जो स्वयं geo (पृथ्वी) और graphia (वर्णन, चित्रण, निरूपण) से मिलकर बना है। इस शब्द 'geographia' का सर्वप्रथम प्रयोग इरैटोस्थनीज (276–194 ई॰ पू॰) ने किया था। .

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मध्य पूर्व

मध्य पूर्व का राजनीतिक नक्शा मध्य पूर्व (या पूर्व में ज्यादा प्रचलित पूर्व के करीब (Near East)) दक्षिण पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप और उत्तरी पूर्वी अफ़्रीका में विस्तारित क्षेत्र है। इसकी कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं है, अक्सर इस शब्द का प्रयोग पूर्व के पास (Near East) के एक पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता, ठीक सुदूर पूर्व (Far East) के विपरित। मध्य पूर्व शब्द का प्रचलन १९०० के आसपास के यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ। .

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मातृवंश समूह वी

तुनिशिया के कुछ बर्बर समुदायों में १६% से अधिक लोग मातृवंश समूह वी के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह वी या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप V एक मातृवंश समूह है। यूरोप में यह सब से ज़्यादा मात्रा (१०.४%) में उत्तरी स्कैन्डिनेविया की सामी जनजाति के लोगों में और स्पेन-फ्रांस के सीमावर्ती इलाक़ों में बसने वाले बास्क लोगों में मिलता है। उत्तरी अफ़्रीका में यह तुनिशिया के मतमाता शहर में रहने वाले बर्बर समुदाय के १६.३% लोगों में मिलता है। इस मातृवंश के लोग हलकी मात्राओं में पूरे यूरोप, मध्य पूर्व और मध्य एशिया में मिलते हैं। वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से क़रीब १३,६०० से ३०,००० साल पहले भू मध्य सागर के पश्चिमी भाग के इर्द-गिर्द के इलाक़ों (जिनमें स्पेन, दक्षिणी फ्रांस, लीबिया, तुनिशिया, वग़ैराह शामिल हैं) में कहीं रहती थी। .

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मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसका सिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है। मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं। मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल में होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है। मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ। .

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मैसूर मल्लिगे

यह लेख फूल मल्लिगे के बारे में है। इस फूल के नाम पर लिखी गई के.

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मोरक्को

मोरक्को, आधिकारिक तौर पर मोरक्को राजशाही, उत्तरी अफ्रीका का एक देश है। उत्तरी अफ़्रीका में रोमन प्रांत रहे इस प्रदेश में मध्यकाल में एक अफ़्रीकी मूल के वंश का शासन रहा जिस पर इस्लामिक प्रभाव दसवीं सदी से पड़ता गया। आज यह देश मुस्लिम है जिसकी भाषा अरबी है। यहाँ की अरबी अफ़्रीकी मिश्रित है। मराकेश यहाँ की राजधानी है और कासाब्लांका आर्थिक केन्द्र। .

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यरुशलम का युद्ध

यरुशलम का युद्ध प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुआ एक युद्ध है जो कि ब्रिटिश साम्राज्य के उस्मानी साम्राज्य के विरुद्ध "यरुशलम अभियान" के दौरान हुआ। युद्ध का आरम्भ 17 नवम्बर को हुआ तथा 30 दिसम्बर 1917 को समाप्त हुआ। श्रेणी:यरुशलम श्रेणी:प्रथम विश्व युद्ध श्रेणी:1917 में संघर्ष.

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यूनानी अंधकार काल

ज्यामितीय रेखाचित्र दिखते हैं अंधकार काल के यूनान का एक नक़्शा यूनानी अंधकार काल ग्रीस (यूनान) के इतिहास में १२०० ईसापूर्व से ८०० ईसापूर्व के काल को कहा जाता है जिस से सम्बंधित लेख इतिहासकारों को नहीं मिल पाए हैं। इस युग से पहले के रेखीय बी लिपि में लिखी माइसीनियाई यूनानी के बहुत से नमूने मिटटी के तख़्तो और बर्तनों पर और इमारतों पर मिले हैं। इस "अंधकार" काल के बाद इस उपभाषा का प्रयोग नहीं मिलता बल्कि शास्त्रीय यूनानी कहलाई जाने वाली उत्तरी उपभाषा की लिखाइयाँ ही मिलती हैं जिनमें आधुनिक यूनानी अक्षरमाला से मिलती-जुलती लिपि का प्रयोग है। माइसीनियाई युग में बर्तनों और अन्य वस्तुओं पर बहुत विस्तृत चित्रों (डिज़ाईनों) को देखा जाता था, लेकिन अंधकार युग में मिली वस्तुओं पर सादे रेखा-चित्रों को ही पाया गया, जिस से यह लगा कि एक कला-विकसित संस्कृति किसी वजह से गिरकर अविकसित हो गई। इन तथ्यों को समझने के लिए इतिहासकारों ने घटनाक्रम इस तरह से जोड़ा कि उसमें पहले माइसीनियाई यूनानी संस्कृति फल-फूल रही थी, फिर उत्तर से डोरियाई कहलाए जाने वाले लोगों का आक्रमण हुआ जिन्होनें इस सभ्यता का अंत कर दिया। लगभग ४०० सालों तक यूनान एक बर्बरता के अंधकार में रहा और इस काल की कोई लिखाई नहीं मिलती क्योंकि लिखाइयाँ बनी ही नहीं थीं। उसके बाद सभ्यता एक नई उपभाषा के साथ फिर जन्मी। इसके विपरीत वर्तमान के कुछ विद्वानों का मानना है कि ऐसा कोई अंधकार काल कभी था ही नहीं और इस काल के लेख इसलिए नहीं मिलें क्योंकि उन्हें ठीक से खोजा नहीं गया है। मतभेद जारी है। .

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यूरेशिया

यूरेशिया (en:Eurasia) एक भौगोलिक भूखंड है जो यूरोप और एशिया महाद्वीप को मिलाकर नामित है। यूरेशिया मुख्यतः उत्तरी तथा पूर्वी गोलार्ध में स्थित है। इसके पश्चिम में अटलांटिक महासागर, पूरब में प्रशान्त महासागर, उत्तर में और दक्षीन में अफ्रीका महाद्वीप, भूमध्य सागर तथा हिन्द महासागर स्थित हैं। यूरोप और एशिया को दो अलग-अलग महाद्वीप कहना एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विभाजन है जबकि दोनों के बीच में कोई स्पष्ट भौतिक विभाजक है ही नहीं। इसी कारण विश्व के कुछ देशों में यूरेशिया को ही पाँच या छः महाद्वीपों में सबसे बड़ा माना जाता है। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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रामेसेस द्वितीय

रामेसेस द्वितीय या रामेसेस महान (१३०३-१२१३ ईसापूर्व) प्राचीन मिस्र के नविन राज्य के उन्नीसवे वंश का तीसरा फैरो था। रामेसेस अपनी युद्ध निति और कई सफल सैन्य अभियानों के लिए प्रसिद्ध है। रामेसेस मिस्र को अपने चरम तक ले गया था और कानन और नुबिया पर विजय प्राप्त कर उसे अपने अधीन किया था। रामेसेस १४ वर्ष की उम्र में मिस्र का उत्तराधिकारी और युवराज बना, अपने बचपन में ही वह मिस्र के सिंहासन पर बैठा और ६६ वर्ष तक ९० की उम्र तक शासन करता रहा जो की अब तक का सबसे लंबा शासन काल है। अपने शासन काल की शुरुआत में उसने पहले स्मारक और मंदिर बनाने और नगर बसाने पर ध्यान दिया। उसने पी रामेसेस नाम का नगर बसाया और फिर उसे अपनी नई राजधानी बनाई ताकि सीरिया पर हमला किया जा सके। रामेसेस प्राचीन मिस्र का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली फैरो था, साथ ही मिस्र का आखिरी महान फैरो भी| उसकी मृत्यु के बाद मिस्र कमजोर पड़ गया और फिर विदेशी साम्राज्यों का प्रांत बन गया। रामेसेस द्वितीय के प्रताप के कारण लोग पिछले सभी महान फैरो जैसे सेती प्रथम और ठुतोमोस तृतीय की वीरता को भूल गए। रामेसेस द्वितीय के बाद के फैरो उसे महान पुरखा कहते, वह तुथंखमुन के बाद मिस्र का सबसे प्रसिद्ध फैरो माना जाता है। .

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रूसी सुखोई एसयू-२४ मारगिराना, २०१५

रुसी लड़ाकू विमान एसयू 24 सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानो पर हमला करने के लताकिया की कहामिम एयर बेस से उड़ान भरी थी तुर्की के अनुसार रुसी विमान कई वार तुर्की की सीमा में प्रवेश किया जिससे तुर्की ने चेतावनी दी लेकिन चेतावनी नजरअंदाज करने के कारण तुर्की के एफ 16 लड़ाकू विमानो ने रुसी विमान पर मिसाइल से हमला किया जिससे सीरियाई क्षेत्र में जा गिरा रुसी विमान में एक पायलट तथा एक सैन्य अधिकारी सहित दो सैन्यकर्मी थे जिसमें पायलट को सीरियाई विद्रोहीयो ने पकड़ लिया था और सैन्य अधिकारी की घटना स्थल पर मौत हो गयी थी। .

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रोम गणतंत्र

रोम गणतंत्र (लातिनी: Res Publica Romana, रेस्पुब्लिका रोमाना; Roman Republic) प्राचीन रोमन सभ्यता के उस काल को कहा जाता है जब वहाँ की सरकार गणतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार चलाई जाती थी। इसकी शुरुआत सन् ५०९ ईसापूर्व में रोम में राजशाही की समाप्ति के साथ हुई और यह २७ ईसापूर्व में ऑगस्टस कैसर द्वारा राजसिन्हासन पर विराजमान होने तक चली। रोम गणतंत्र का नेतृत्व दो कोन्सुल किया करते थे जिनका चुनाव नागरिक एक वर्ष की अवधि के लिये किया करते थे। एक सेनेट नामक सभा इनके सलाहकार के रूप में काम करती थी और यह कोन्सुल उसे जवाबदेह भी थे। शक्तियों के इस बटवारे से किसी भी शासक को अधिक ताक़त समेटकर तानाशाह बनने से रोकने की चेष्टा की गई थी। धीरे-धीरे इन सिद्धांतो पर आधारित एक संविधान ने भी रूप ले लिया। रोम गणतंत्र के काल में रोमन साम्राज्य का बहुत विस्तार हुआ। पहले यह पूरे इतालवी प्रायद्वीप पर फैल गया। फिर उत्तर अफ़्रीका, इबेरियाई प्रायद्वीप, यूनान और दक्षिणी फ़्रान्स भी इसके अधीन हो गये। पहली सदी ईसापूर्व तक पूरा फ़्रान्स और पूर्वी भूमध्य सागर से सटा हुआ लगभग सारा इलाक़ा साम्राज्य का भाग बन चुका था। .

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लिगुरियन सागर

लिगुरियाई सागर लिगुरियन सागर या लिगुरियाई सागर (अंग्रेजी: Ligurian Sea, इतालवी: Mar Ligure, फ्रांसीसी: Mer Ligurienne), इतालवी रिवेरा (लिगुरिया और टस्कनी) और कॉर्सिका और एल्बा द्वीपों के बीच स्थित एक सागर है। भूमध्य सागर के एक भाग इस समुद्र का नाम, संभवत: प्राचीन लिगुएर लोगों के नाम पर है। .

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लंबाई के आधार पर नदियों की सूची

एक जलपोत से नील नदी का दृश्य, मिस्र में लक्सर और असवान के बीच. यह पृथ्वी पर सबसे लंबी नदियों की सूची है। इसमें 1,000 किलोमीटर से अधिक वाले नदी तंत्र शामिल हैं। .

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लेबनान

लेबनॉन, आधिकारिक रूप से लुबनॉन गणराज्य, पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। इसके उत्तर और पूर्व में सीरिया और दक्षिण में इसराइल स्थित है। भूमध्य बेसिन और अरब के भीतरी भाग के बीच में सेतु बने इस देश का इतिहास समृद्ध और मिश्रित है। यह भूमि फ़ीनिसियनों की अति-प्राचीन (2500 ईसापूर्व - 539 ईसापूर्व) संस्कृति का स्थल थी जहाँ से लेखन कला के विकास की कड़ी जुड़ी है। इसके बाद फ़ारसी, यूनानी, रोमन, अरब और उस्मानी तुर्कों के कब्जे में रहने के बाद यह फ्रांस के शासन में भी रहा। इसी ऐतिहासिक वजह से देश की धार्मिक और जातीय विविधता इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाती है। यहाँ 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं जिनमें शिया और सुन्नी का लगभग समान हिस्सा है और लगभग 38 प्रतिशत ईसाई। 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ एक गृहयुद्ध चला था और 2006 में इसराइल के साथ एक युद्ध। यहाँ एक विशेष प्राकर की गणतांत्रिक सरकार का शासन है जिसमें राष्ट्रपति एक ईसाई होता है, प्रधान मंत्री एक सुन्नी मुस्लिम, निव्राचित प्रतिनिधियों की सभा का अध्यक्ष एक शिया मुस्लिम और उप प्रधान मंत्री एक ग्रीक परंपरावादी धर्म का होता है। अरबी यहाँ की सबसे बोले जाने वाली और सांवैधानिक भाषा है। .

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लेबनान पर्वतमाला

लेबनान पर्वतमाला (अरबी:, जबाल लुबनान; अंग्रेज़ी: Mount Lebanon, माउन्ट लेबेनान​; सीरियाई: ܛܘܪ ܠܒܢܢ, तूर लेबनोन) मध्य पूर्व के लेबनान देश के बीच भूमध्य सागर के बराबर (समानांतर) १७० किमी तक चलने वाली एक पर्वत शृंखला है। लेबनान की राष्ट्रीय पहचान इन्ही पहाड़ों से जुड़ी हुई है और इनपर प्रसिद्ध लेबनानी देवदार (Lebanese cedar), चीड़ और शाहबलूत के वन उगे हुए हैं। प्राचीन फ़ोनीशियाई सभ्यता इन्हीं वनों की लकड़ी से अपनी नौकाएँ बनाया करते थे। लेबनान पर्वतों के पहाड़ों की औसत ऊँचाई २,२०० मीटर से अधिक है और इनपर हर वर्ष बहुत बर्फ़बारी होती है। इस पर्वतमाला के पूर्व में बेक़आ वादी है और दक्षिण में हासबानी नदी की घाटी के पार इसी शृंखला के बराबर चलने वाली एक दूसरी पूर्वी लेबनान पर्वतमाला है। लेबनान पर्वतों का सबसे ऊँचा पहाड़ ३,०८८ मीटर (१०,१३१ फ़ुट) ऊँचा क़ुरनत अस-सौदा (Qurnat as Sawda') है, जो पूरे लेबनान देश का भी सबसे ऊँचा बिंदु है।, Facts On File Incorporated, pp.

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लेवंट

लेवंट (अरबी) या बिलाद अश-शाम (अरबी) या शाम (अंग्रेज़ी: Levant) पश्चिमी एशिया का भूमध्य सागर के पूर्वी छोर से लगा हुआ एक ऐतिहासिक क्षेत्र है। यह सीरिया पर केन्द्रित है लेकिन लेबनान, जोर्डन, इस्राइल, फ़िलिस्तीन, सायप्रस और दक्षिणी तुर्की का कुछ भाग भी इसमें सम्मिलित हैं। कभी-कभी इराक़ का पश्चिमी हिस्सा और सीनाई प्रायद्वीप भी इसका हिस्सा माने जाते हैं। .

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ली कोर्बुज़िए

चार्ल्स एदुआर् जिआन्नेरे-ग्रि, जो खुद को ली कोर्बुज़िए कहलाना पसंद करते थे (६ अक्टूबर १८८७ – २७ अगस्त १९६५), एक स्विस-फ़्रांसीसी आर्किटेक्ट, रचनाकार, नगरवादी, लेखक व रंगकार, थे और एक नई विधा के अग्रणी थे, जिसे आजकल आधुनिक आर्किटेक्चर या अंतर्राष्ट्रीय शैली कहा जाता है। इनका जन्म स्विट्ज़र्लैंड में हुआ था, लेकिन ३० वर्ष की आयु के बाद वे फ़्रांसीसी नागरिक बन गए। आधुनिक उच्च रचना की पढ़ाई के ये अग्रणी थे और भीड़ भाड़ वाले शहरों में बेहतर स्थितियाँ बनाने के प्रति समर्पित थे। उनका कार्य पाँच दशकों में निहित था और उनकी इमारते केंद्रीय यूरोप, भारत, रूस औ उत्तर व दक्षिण अमरीका में एक एक थीं। वे एक नगर नियोजक, चित्रकार, मूर्तिकार, लेखक, व आधुनिक फ़र्नीचर रचनाकार भी थे। .

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लीबिया

लीबिया (ليبيا.), आधिकारिक तौर पर 'महान समाजवादी जनवादी लिबियाई अरब जम्हूरिया' (الجماهيرية العربية الليبية الشعبية الإشتراكية العظمى.‎ Al-Jamāhīriyyah al-ʿArabiyyah al-Lībiyyah aš-Šaʿbiyyah al-Ištirākiyyah al-ʿUẓmā), उत्तरी अफ़्रीका में स्थित एक देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्व में मिस्र, उत्तरपूर्व में सूडान, दक्षिण में चाड व नाइजर और पश्चिम में अल्जीरिया और ट्यूनीशिया से मिलती है। करीबन १,८००,०० वर्ग किमी (६९४,९८४ वर्ग मील) क्षेत्रफल वाला यह देश, जिसका ९० प्रतिशत हिस्सा मरुस्थल है, अफ़्रीका का चौथा और दुनिया का १७ वां बड़ा देश है। देश की ५७ लाख की आबादी में से १७ लाख राजधानी त्रिपोली में निवास करती है। सकल घरेलू उत्पाद के लिहाज से यह इक्वीटोरियल गिनी के बाद अफ्रीका का दूसरा समृद्ध देश है। इसके पीछे मुख्य कारण विपुल तेल भंडार और कम जनसंख्या है। लीबिया १९५१ मे आजाद हुआ था एवं इस्क नाम 'युनाइटेड लीबियन किंगडम' (United Libyan Kingdom) रखा गया। जिसका नाम १९६३ मे 'किंगडम ऑफ लीबिया' (Kingdom of Libya) हो गया। १९६९ के तख्ता-पलट के बाद इस देश का नाम 'लिबियन अरब रिपब्लिक' रखा गया। १९७७ में इसका नाम बदलकर 'महान समाजवादी जनवादी लिबियाई अरब जम्हूरिया' रख दिया गया। .

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शास्त्रीय प्राचीनकाल

यूरोपीय शास्त्रीय प्राचीनकाल (European classical antiquity) भूमध्य सागर क्षेत्र पर केन्द्रित यूरोपीय सांस्कृतिक इतिहास का एक लम्बा काल था जब प्राचीन यूनान और प्राचीन रोम की सभ्यताएँ एक दूसरे से मिश्रित होकर पनप रहीं थी और यूरोप, उत्तर अफ़्रीका व पश्चिमी एशिया को प्रभावित कर रहीं थी। इस काल का आरम्भ ७वीं या ८वीं शताब्दी ईसापूर्व में होमर की काव्य-गाथाओं की रचना से और अन्त ३००-६०० ईसवी काल में समझा जाता है। .

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श्वेत बटन खुम्ब

अगेरिकस बाइस्पोरस यूरोप और उत्तरी अमेरिका के घास के मैदानों में उगने वाला एक खाने योग्य बेसीडियोमाइसिटी खुम्भ है। अपरिपक्व अवस्था में यह दो रंगों सफेद और भूरे रंगों में पाया जाता है। परिपक्व अवस्था में यह पोर्टोबेलो मशरूम कहा जाता है। छोटे आकार के पोर्टोबेलो मशरूम को पोर्टोबेलिनी कहा जाता है । अपरिपक्व और सफेद मशरूम को आम मशरूम, बटन मशरूम, सफेद मशरूम, कृष्य मशरूम, टेबल मशरूम और चैम्पिग्नोन मशरूम इत्यादि नामों से जाना जाता है। अपरिपक्व और भूरे रंग के मशरूम को स्विस ब्राउन मशरूम, रोमन ब्राउन मशरूम, इतालवी ब्राउन, इतालवी मशरूम, क्रेमिनी मशरूम, बेबी बेला, ब्राउन कैप मशरूम या चेस्टनट मशरूम इत्यादि नामों से जाना जाता है। अगेरिकस बाइस्पोरस की खेती विश्व के सत्तर से अधिक देशों में होती है। यह विश्व में सबसे अधिक खाया जाने वाला मशरूम है। .

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समुद्री मकड़ी

समुद्री मकड़ी (Sea spider), जो जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में पिक्नोगोनीडा (Pycnogonida) नामक वर्ग है, समुद्र में रहने वाले आर्थ्रोपोड प्राणियों का एक समूह है। इसकी लगभग 1300 जीववैज्ञानिक जातियाँ ज्ञात हैं। यह सार्वत्रिक रूप से लगभग हर सागर व महासागर में मिलते हैं हालांकि इन्हें विशेष रूप से भारी मात्रा में भूमध्य सागर, कैरिबियाई सागर, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक महासागर में मिलते हैं। इनका आकार विविध है और इसमें 1 मिलिमीटर से लेकर गहरे पानी में बसने वाली 90 सेंटीमीटर से भी बड़ी जातियाँ मिलती हैं। अधिकतर जातियों का आकार छोटा होता है और वे कम गहराई वाले पानी में रहती हैं। अपने नाम के बावजूद यह वास्तविक मकड़ी से भिन्न है और न ही यह अरैकनिड की श्रेणी में आती है, हालांकि केलीसेराटा संघ होने के कारण यह अन्य आर्थ्रोपोडों (जैसे कि कीट और क्रस्टेशियाई) की तुलना में मकड़ियों से अधिक क़रीबी सम्बन्ध रखती हैं। .

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समोसा

समोसा एक तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन है। इसमें प्रायः मसालेदार भुने या पके हुए सूखे आलू, या इसके अलावा मटर, प्याज, दाल, कहीम कहीं मांसा भी भरा हो सकता है। इसका आकार प्रायः तिकोना होता है किन्तु आकार और नाप भिन्न-भिन्न स्थानों पर बदल सकता है। अधिकतर ये चटनी के संग परोसे जाते हैं। ये अल्पाहार या नाश्ते के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया, अरब प्रायद्वीप, भूमध्य सागर क्षेत्र, अफ़्रीका का सींग, उत्तर अफ़्रीका एवं दक्षिण अफ़्रीका में प्रचलित हैं। .

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सहारा मरुस्थल

पाठ.

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सिद्र की खाड़ी

सिद्र की खाड़ी का उपग्रह चित्र (2007) लीबिया का मानचित्र सिद्र की खाड़ी जिसे सिर्त की खाड़ी भी कहा जाता है, लीबिया के उत्तर में स्थित एक जलनिकाय है जो वस्तुत: भूमध्य सागर का विस्तार है और लीबिया की उत्तरी सीमा का निर्धारण करता है। इस खाड़ी का विस्तार पश्चिम में मिस्रात से लेकर पूर्व में बेनग़ाज़ी तक है। इस खाड़ी का तट मुख्यत: मरुस्थल है जिस पर जगह जगह नमक के मैदान स्थित हैं। तट पर स्थित मुख्य पत्तन सिर्त है जिस पर सहारा मरुस्थल के रास्ते से होकर जाने वाले कई कारवां पड़ाव डालते हैं। खाड़ी क्षेत्र की मुख्य आर्थिक गतिविधि टुना मछलियों को पकड़ना है पर स्पंज भी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। .

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सिसिली

इटली का '''सिसिली''' द्वीप सिसिली (Sicily; इतालवी: Sicilia / / सिचिल्या) भूमध्य सागर का सबसे बड़ा द्वीप है जो इटली प्रायद्वीप से मेसीना जलमडरूमध्य के द्वारा अलग होता है। यह इटली का स्वायत्त क्षेत्र है। यह ट्यूनीसिया से ९० मील चौड़े सिसली जलमडरूमध्य द्वारा अलग है तथा सार्डीनिया से इसकी दूरी २७२ किलोमीटर है। इसकी आकृति त्रिभुजाकार है, उत्तर में कुमारी बोओ (Boeo) से कुमारी पेलोरो तक लंबाई २८० किलोमीटर, पूर्वी किनारा १९२ किलोमीटर और दक्षिणी पश्चिमी किनारा २७२ किलोमीटर लम्बा है। तट की कुल लंबाई १०८८ किलोमीटर है और क्षेत्रफल ९८३० वर्ग मील है परंतु आस-पास के अन्य द्वीपों को मिलाकर क्षेत्रफल ९९२५ वर्गमील है। द्वीप में ९ प्रांत हैं। पलेरमो इसकी राजधानी है। सिसली के निवासियों की औसत ऊँचाई ५ फुट २ इंच है। उनकी आँखें और बाल काले होते हैं। इनकी भाषा इटली से भिन्न है। लोग अतिथि का स्वागत एवं आदर करते हैं। पलेरमो, कटनिया और मसीना में विश्वविद्यालय हैं। .

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सिकन्दरिया

सूर्यास्तकालीन सिकन्दरिया. सिकन्दरिया की सड़कें. सिकन्दरिया (अंग्रेजी:Alexandria; अरबी: الإسكندرية अल-इस्कंदरिया), मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहां की जनसंख्या 41 लाख है और यह देश का सबसे बड़ा समुद्री बंदरगाह है जहां मिस्र का लगभग 80% आयात और निर्यात कार्य संपन्न होता है। सिकन्दरिया एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी है। सिकन्दरिया, उत्तर-मध्य मिस्र में भूमध्य सागर के तट के किनारे लगभग दूर तक फैला हुआ है। यह बिब्लियोथेका अलेक्जेंड्रिना (नया पुस्तकालय) का घर है। एक अन्य शहर, स्वेज, से अपने प्राकृतिक गैस और तेल की पाइपलाइनों की वजह से यह मिस्र का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बन गया है। प्राचीन काल में, सिकन्दरिया दुनिया के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक था। इसकी स्थापना सिकंदर महान (अलेक्जेंडर द ग्रेट) ने लगभग (c.) 331 ई.पू.

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सुलेमान प्रथम

सुलेमान प्रथम, सुलेमान क़ानूनी, सुलेमान महान या शानदार सुलेमान (उस्मानी तुर्की: سلطان سليمان اول‎ सुल्तान सुलेमान अव्वल, आधुनिक तुर्की: Süleyman I या Kanunî Sultan Süleyman) उस्मानी सल्तनत के दसवें शासक थे जिन्होंने 1520 से 1566, 46 साल तक शासन किया। वे सम्भवतः उस्मानी सल्तनत के सबसे महान शासकों में से एक थे जिन्होंने अपने अनोखी न्यायप्रणाली और अतुलनीय प्रबन्धन की बदौलत समस्त इस्लामी विश्व को समृद्धि और विकास का मार्ग पर लाया था। उन्होंने सल्तनत के लिए क़ानून की विशेष व्यवस्था स्थापित की थी और इस कारण से उन्हें सुलेमान क़ानूनी के नाम से याद किया जाता है। पश्चिमी विश्व उनकी महानता से इतने प्रभावित हुए कि पश्चिमी लेखकों ने उन्हें शानदार सुलेमान का नाम दिया। उनकी सरकार के मुख्य इलाक़ों में हिजाज़, तुर्की, मिस्र, अल्जीरिया, इराक़, कुर्दिस्तान, यमन, शाम, फ़ारस की खाड़ी और भूमध्य तटीय क्षेत्र, यूनान और हंगरी शामिल थे। .

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स्पेन

स्पेन (स्पानी: España, एस्पाञा), आधिकारिक तौर पर स्पेन की राजशाही (स्पानी: Reino de España), एक यूरोपीय देश और यूरोपीय संघ का एक सदस्य राष्ट्र है। यह यूरोप के दक्षिणपश्चिम में इबेरियन प्रायद्वीप पर स्थित है, इसके दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर सिवाय ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र, जिब्राल्टर की एक छोटी से सीमा के, उत्तर में फ्रांस, अण्डोरा और बिस्के की खाड़ी (Gulf of Biscay) तथा और पश्चिमोत्तर और पश्चिम में क्रमश: अटलांटिक महासागर और पुर्तगाल स्थित हैं। 674 किमी लंबे पिरेनीज़ (Pyrenees) पर्वत स्पेन को फ्रांस से अलग करते हैं। यहाँ की भाषा स्पानी (Spanish) है। स्पेनिश अधिकार क्षेत्र में भूमध्य सागर में स्थित बेलियरिक द्वीप समूह, अटलांटिक महासागर में अफ्रीका के तट पर कैनरी द्वीप समूह और उत्तरी अफ्रीका में स्थित दो स्वायत्त शहर सेउटा और मेलिला जो कि मोरक्को सीमा पर स्थित है, शामिल है। इसके अलावा लिविया नामक शहर जो कि फ्रांसीसी क्षेत्र के अंदर स्थित है स्पेन का एक ''बहि:क्षेत्र'' है। स्पेन का कुल क्षेत्रफल 504,030 किमी² का है जो पश्चिमी यूरोप में इसे यूरोपीय संघ में फ्रांस के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बनाता है। स्पेन एक संवैधानिक राजशाही के तहत एक संसदीय सरकार के रूप में गठित एक लोकतंत्र है। स्पेन एक विकसित देश है जिसका सांकेतिक सकल घरेलू उत्पाद इसे दुनिया में बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है, यहां जीवन स्तर बहुत ऊँचा है (20 वां उच्चतम मानव विकास सूचकांक), 2005 तक जीवन की गुणवत्ता सूचकांक की वरीयता के अनुसार इसका स्थान दसवां था। यह संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, नाटो, ओईसीडी और विश्व व्यापार संगठन का एक सदस्य है। .

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स्पेन-नियंत्रित उत्तर अफ़्रीकी क्षेत्र

खाक़ी रंग में स्पेन द्वारा नियंत्रित क्षेत्र और स्वयं स्पेन दिखाया गया है मोरक्को के तट से पेन्योन दे वेलेथ़ दे ला गोमेरा का नज़ारा स्पेन-नियंत्रित उत्तर अफ़्रीकी क्षेत्र उत्तर अफ़्रीका में स्थित वे छोटे क्षेत्र हैं जिनपर स्पेन का राज है। इनमें यह इलाक़े शामिल हैं -.

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स्वेज़ नहर

स्वेज नहर की स्थिति तथा उसका अंतरिक्ष से लिया गया चित्र स्वेज नहर (Suez canal) लाल सागर और भूमध्य सागर को संबंद्ध करने वाली एक नहर है। सन् 1859 में एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डीनेण्ड की देखरेख में स्वेज नहर का निर्माण शुरु हुआ था। यह नहर आज 165 किमी लंबी, 48 मी चौड़ी और 10 मी गहरी है। दस वर्षों में बनकर यह तैयार हो गई थी। सन् 1869 में यह नहर यातायात के लिए खुल गई थी। पहले केवल दिन में ही जहाज नहर को पार करते थे पर 1887 ई. से रात में भी पार होने लगे। 1866 ई. में इस नहर के पार होने में 36 घंटे लगते थे पर आज 18 घंटे से कम समय ही लगता है। यह वर्तमान में मिस्र देश के नियंत्रण में है। इस नहर का चुंगी कर बहुत अधिक है। इस नहर की लंबाई पनामा नहर की लंबाई से दुगुनी होने के बाद भी इसमें पनामा नहर के खर्च का 1/3 धन ही लगा है। .

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सोग़दा

३०० ईसापूर्व में सोग़दा का क्षेत्र एक चीनी शिल्प-वस्तु पर सोग़दाई लोगों का चित्रण सोग़दाई व्यापारी भगवान बुद्ध को भेंट देते हुए (बाएँ की तस्वीर के निचले हिस्से को दाई तरफ़ बड़ा कर के दिखाया गया है) सोग़दा, सोग़दिया या सोग़दियाना (ताजिक: Суғд, सुग़्द; तुर्की: Soğut, सोग़ुत) मध्य एशिया में स्थित एक प्राचीन सभ्यता थी। यह आधुनिक उज़्बेकिस्तान के समरक़न्द, बुख़ारा, ख़ुजन्द और शहर-ए-सब्ज़ के नगरों के इलाक़े में फैली हुई थी। सोग़दा के लोग एक सोग़दाई नामक भाषा बोलते थे जो पूर्वी ईरानी भाषा थी और समय के साथ विलुप्त हो गई। माना जाता है कि आधुनिक काल के ताजिक, पश्तून और यग़नोबी लोगों में से बहुत इन्ही सोग़दाई लोगों के वंशज हैं। .

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सीनाई प्रायद्वीप

सीनाई प्रायद्वीप का नक़्शा सीनाई प्रायद्वीप या सीनाई या सीना प्रायद्वीप (अरबी भाषा: سيناء‎, अंग्रेज़ी: Sinai) मिस्र का एक त्रिकोणरुपी प्रायद्वीप है जो उत्तर में भूमध्य सागर और दक्षिणपश्चिम में लाल सागर की सुएज़ की खाड़ी और दक्षिणपूर्व में लाल सागर की अक़ाबा की खाड़ी के बीच में स्थित है। लगभग ६०,००० वर्ग किमी का यह इलाक़ा मिस्र का इकलौता क्षेत्र है जो एशिया के महाद्वीप पर पड़ता है (बाक़ी मिस्र उत्तर अफ़्रीका में है)। भौगोलिक दृष्टि से यह एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों के बीच एक ज़मीनी पुल है। सीनाई और मिस्र की मुख्यभूमि के बीच सुएज़ नहर और सुएज़ की खाड़ी आती है। पूर्व में सीनाई की अकेली ज़मीनी सरहद इस्राइल से लगती है।, R. W. McColl, pp.

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सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

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सीरिया का भूगोल

सीरिया, भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसमें 185,180 वर्ग किलोमीटर (71,500 वर्ग मील) का कुल क्षेत्रफल है, जिसे चौदह प्रशासनिक इकाइयों में विभाजित किया गया है। सीरिया की सीमाओं में उत्तर और पश्चिम में तुर्की के साथ, पूर्व में इराक, दक्षिण में जॉर्डन और इजराइल, और दक्षिण-पश्चिम में लेबनान की सीमाएं हैं यद्यपि सीरिया का ज्यादा हिस्सा मरुस्थल है, हालांकि इसकी जमीन का 28% भाग सामान्य भूमि है, और फूरात नदी से सिंचाई का पानी सीरिया की कृषि में महत्वपूर्ण है। सीरिया में सबसे ऊंचा बिंदु हेर्मोन पर्वत है, 2,814 मीटर (9 322 फीट) में। सबसे निचला विन्दु गलील सागर के पास है, समुद्र से -200 मीटर (-656 फीट)। .

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हलब

हलब (अलेप्पो) (अरबी:, अंग्रेज़ी: Aleppo) सीरिया के उत्तर-पश्चिम में भूमध्य सागर के तट से थोड़ी दूरी पर बसा एक नगर है जो प्राचीन काल से एशिया और यूरोप के मध्य व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। जनसंख्या के हिसाब (२००४ में २१ लाख) से यह सीरिया का सबसे बड़ा नगर है। लगभग ८० प्रतिशत सुन्नी मुस्लिम जनवास के अलावे यहाँ ईसाई (मुख्यतः अर्मेनियाई) और यहूदी भी रहते हैं। यह शहर हलब प्रान्त की राजधानी भी है। .

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हसन बेक मस्जिद

हसन बेक मस्जिद; Hassan Bek Mosque: (מסגד חסן בק, مسجد حسن بك), जिसे हसन बे मस्जिद भी कहा जाता है, जाफा शहर की सबसे मशहूर मस्जिदों में से एक है, जो अब तेल अवीव का हिस्सा है नेवा त्सेडेक पड़ोस और भूमध्य सागर के निकट स्थित है। .

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हाम्मुरबी

खम्मूरब्बी बाबुल या हम्मूरब्बी (1810 ईसापूर्व - 1750 ईसापूर्व) बेबिलोनिया का एक राजा था। वह प्रथम बेबिलोनिया राजवंश का छठा राजा था। उसने १७९२ ईसापूर्व से १७५० ईसापूर्व तक शासन किया। इसका काल अभी तक पूर्णतया निश्चित नहीं हो पाया है। पहले इसका समय ईसापूर्व २१वीं शती माना जाता था किंतु नवीन शोधों के अनुसार उसका समय ईसापूर्व १९५० और १७०० के बीच किसी समय समझा जाता है। यह सामी (अमोरी) वंश का छठा शासक था। इसके शासन काल में बाबुल साम्राज्य उत्तर की ओर फारस की खाड़ी तक, पश्चिम की ओर दजला-फरात का काँठा, असुर तथा भूमध्य सागर के सामी तट तक फैला हुआ था। खम्मुरब्बी मुख्यत: सफल शासक और सैनिक था, उसकी ख्याति कानूनों को नियमबद्ध करने के कारण है। उसके बनाए हुए कानून १९०२ में शूषा में एक चट्टान पर अंकित पाए गए हैं। उसके कानून की अनेक धाराओं का संबंध वैयक्तिक संपत्ति, व्यापार, व्यापार-संबंध, परिवार, श्रम, वैयक्तिक आघात से है। उसका सिद्धांत था- 'आँख के बदले आँख'। खम्मुरब्बी के अधिकांश कानून सुमेरी कानूनों पर आधारित हैं और उनमें पारिवारिक अपराधों के लिए कठोर दंड के मूल में सामी प्रभाव झलकता है। उसके कानून में मानव जीवन से अधिक महत्व वैयक्तिक संपत्ति को दिया गया है, जो बाबुल के निस्सीम पूँजीवाद का प्रतीक है। .

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जलसम्भर

जलसंभर का उदहारण - लाल रंग की लकीर जलविभाजक क्षेत्र को दर्शा रही है जलसंभर या द्रोणी उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है। उस स्थान से या तो एक ही बड़ी नदी में पानी जलसंभर क्षेत्र से निकास कर के आगे बह जाता है, या फिर किसी सरोवर, सागर, महासागर या दलदली इलाक़े में जा के मिल जाता है। इस सन्दर्भ में कभी-कभी जलविभाजक शब्द का भी प्रयोग होता है क्योंकि भिन्न-भिन्न जलसंभर किसी भी विस्तृत क्षेत्र को अलग-अलग जल मंडलों में विभाजित करते हैं। जलसंभर खुले या बंद हो सकते हैं। बंद जलसंभारों में पानी किसी सरोवर या सूखे सरोवर में जा कर रुक जाता है। जो बंद जलसंभर शुष्क स्थानों पर होते हैं उनमें अक्सर जल आ कर गर्मी से भाप बनकर हवा में वाष्पित (इवैपोरेट) हो जाता है या उसे धरती सोख लेती है। पड़ौसी जलसंभर अक्सर पहाड़ों, पर्वतों या धरती की भिन्न ढलानों के कारण एक-दुसरे से विभाजित होते हैं। भौगोलिक दृष्टि से जलसंभर एक कीप (यानि फनल) का काम करते हैं क्योंकि वे एक विस्तृत क्षेत्र के पानी को इक्कठा कर के एक ही नदी, जलाशय, दलदल या धरती के भीतर पानी सोखने वाले स्थान पर ले जाते हैं। .

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जलसंधि

जलडमरूमध्य जिब्राल्टर जलडमरूमध्य जलसंधि (अंग्रेज़ी: Strait, स्ट्रेट) या जलसंयोगी या जलडमरू पानी के ऐसे तंग मार्ग को कहते हैं जो दो बड़े पानी के समूहों को जोड़ता हो और जिसमें से नौकाएँ गुज़रकर एक बड़े जलाशय से दूसरे बड़े जलाशय तक जा सकें। इसका भौगोलिक आकार अक्सर डमरू जैसा होता है, जिसके दो बड़े जलीय भागों के मध्य में जलसंधि होती है, इसलिये इसे जलडमरूमध्य भी कहते हैं। कूटनीतिक दृष्टि से जो भी दो सागरों को जोड़ने वाले किसी जलसंधि क्षेत्र पर क़ब्ज़ा रखता है वह आने-जाने वाले व्यापारिक व सैनिक नाव-यातायात पर नज़र और नियंत्रण रख सकता है। थलसेनाएँ भी जलसंधियों की कम चौड़ाई को पार करके एक स्थान से दूसरे स्थान में प्रवेश करती हैं। इस कारणवश जलसंधियाँ इतिहास में महत्वपूर्ण रहीं हैं और उनपर अंतरराष्ट्रीय खीचातानी हमेशा से जारी रही है। उदाहरण के लिए जिब्राल्टर जलसंधि स्पेन एवं मोरोक्को भूभागों को अलग करती है, व अंध महासागर को भूमध्य सागर से जोड़ती है और इस क्षेत्र पर स्पेन, ब्रिटेन और मोरोक्को में बहुत मजा ले दे रहा है।, Ana G. Lâopez Martâin, pp.

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जहाज़ी नहर

वर्तमान समय में पनामा नहर की वीथिकाएँ जहाज़ी नहर अथवा जलयान नहर (Ship canal) एक ऐसी नहर होती है जिसे जलयानों के आवागमन हेतु निर्मित किया जाता है। बहुधा ये नदियों अथवा झीलों से होकर बनाई जाती हैं। इनके बनाने के प्रमुख कारणों में.

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ज़ैतून

ज़ैतून के फल यूनान में ज़ैतून के वृक्ष ज़ैतून अँग्रेजी नाम ओलिव (olive), वानस्पतिक नाम 'ओलेआ एउरोपैआ', (Olea europaea); प्रजाति ओलिया, जाति थूरोपिया; कुल ओलियेसी; एक वृक्ष है, जिसका उत्पत्तिस्थान पश्चिम एशिया है। यह प्रसिद्ध है कि यूनान के ऐटिका (एथेंस) प्रांत की पहाड़ियों में, चूनेदार चट्टानों द्वारा बनी हुई मिट्टी में, ज़ैतून के वृक्ष सर्वप्रथम पैदा किए गए। ये अब भूमध्य सागर के आस-पास के देशों, जैसे स्पेन, पुर्तगाल, ट्यूनीशिया और टर्की आदि में भली भाँति पैदा किए जाते हैं। यूनान के पर्वतीय प्रांतों में ज़ैतून की खेती व्यापारिक अभिप्राय से की जाती है। अफ्रीका के केप उपनिवेश, चीन तथा न्यूज़ीलैंड में भी इसकी खेती सफलता पूर्वक की जाती है। अमरीका के कैलिफोर्निया प्रांत में ज़ैतून के बाग लगाए गए हैं। यूरोप में ज़ैतून के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक जंगली काँटेदार और दूसरा बिना काँटे का होता है। जंगली वृक्ष छोटा या झाड़ी की भाँति होता है और उसकी डालियों पर काँटे होते हैं। पत्तियाँ विपरीत, दीर्घवत्‌ और नुकीली होती हैं। इसके पुष्प सफेद होते हैं तथा प्रत्येक पुष्प में चार विदरित बाह्यदलपुंज (calyx) तथा दलपुंज (corolla), दो पुंकेसर तथा द्विशाख वर्तिंकाग्र (stigma) होते हैं। बागों में लगाए गए वृक्ष ऊँचे, सुगठित और बिना काँटे के होते हैं। इनकी कई किस्में हैं। इस वृक्ष के फल से व्यापारिक महत्व का तेल प्राप्त किया जाता है। इसके फल में सूखे पदार्थ के आधार पर 50 से 60 प्रति शत तक तेल रहता है। इसे भली भाँति कुचल कर, दबाकर या दाबक से तेल निकालते हैं। फल का अचार बनाया जाता है। ये तिक्त होते हैं। नमक के पानी मे फल का रखने स तिक्तता दूर हो जाती है। ज़ैतून के नए पौधे कलम द्वारा प्राप्त किए जाते हैं। प्रौढ़ डालियों के 6 इंच के टुकड़े काट कर अक्टूबर या रवरी में कर्तन (Cutting) लगाते हैं। जब जड़ें निकल आती हैं तब उन्हें रोपण क्यारी में लगा देते हैं। दो वर्ष बाद स्थायी स्थान में 30-40 फुट की दूरी पर लगा कर बाग तैयार करते हैं। 5 वर्ष बाद वृक्ष फल देने लगते हैं। सर्वाधिक फल 15-20 वर्ष की अवस्था होने पर ही प्राप्त होते हैं। प्रति वर्ष वृक्षों की डालियों की कटाई-छँटाई की जाती है। नाइट्रोजन की खाद इसके लिय सबसे उपयोगी है। .

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जापान सागर

जापान सागर जापान सागर पश्चिमी प्रशांत महासागर का एक समुद्री अंश है। यह समुद्र जापान के द्वीपसमूह, रूस के साख़ालिन द्वीप और एशिया के महाद्वीप के मुख्य भूभाग के बीच स्थित है। इसके इर्द-गिर्द जापान, रूस, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया आते हैं। क्योंकि कुछ स्थानों को छोड़कर यह क़रीब-क़रीब पूरी तरह ज़मीन से घिरा हुआ है, इसलिए इसमें भी भूमध्य सागर की तरह महासागर के ज्वार-भाटा की बड़ी लहरें नहीं आती। अन्य सागरों की तुलना में जापान सागर के पानी में मिश्रित ऑक्सिजन की तादाद अधिक है जिस से यहाँ मछलियों की भरमार है।, Great Soviet Encyclopedia (in Russian) जापान सागर का क्षेत्रफल ९,७८,००० वर्ग किमी है और इसकी सब से अधिक गहराई सतह से ३,७४२ मीटर (१२,२७६ फ़ुट) नीचे तक पहुँचती है। इसके इर्द गिर्द ७,६०० किमी के तट हैं, जिसमें से लगभग आधा रूस की धरती पर पड़ता है। नीचे समुद्र के फ़र्श पर तीन बड़ी द्रोणियाँ हैं: उत्तर में "जापान द्रोणी", दक्षिण-पश्चिम में "त्सुशिमा द्रोणी" और दक्षिण-पूर्व में "यामातो द्रोणी"। जापान द्रोणी सबसे गहरा क्षेत्र है और यहाँ का फ़र्श प्राचीन ज्वालामुखीय पत्थर से बना हुआ है। माना जाता है कि पिछले हिमयुग की चरम स्थिति में जब समुद्र की सतह वर्तमान युग से नीचे थी तो जापान एशिया के मुख्य भाग से धरती द्वारा जुड़ा हुआ था। भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि उस समय जापान सागर आधुनिक कैस्पियन सागर की भाँती एक ज़मीन से घिरा हुआ बंद समुद्र था। .

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जिब्राल्टर

जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना (Royal Navy) का एक आधार है। जिब्राल्टर की संप्रभुता आंग्ल-स्पेनी विवाद का एक प्रमुख मुद्दा रहा है। उत्रेच्त संधि 1713 के तहत स्पेन द्वारा ग्रेट ब्रिटेन की क्राउन को सौंप दिया गया था, हालांकि स्पेन ने क्षेत्र पर अपना अधिकार जताते हुए लौटाने की मांग की है। जिब्राल्टर के बहुसंख्यक रहवासियों ने इस प्रस्ताव के साथ-साथ साझा संप्रभुता के प्रस्ताव का विरोध किया। यह चट्टानी प्रायद्वीप है, जो स्पेन के मूल स्थल से दक्षिण की ओर समुद्र में निकला हुआ है। इसके पूर्वं में भूमध्यसागर तथा पश्चिम में ऐलजेसियरास की खाड़ी है। १७१३ ई. से यह अंग्रेजी साम्राज्य के उपनिवेश तथा प्रसिद्ध छावनी के रूप में है। जिब्राल्टर के चट्टानी प्रायद्वीप को चट्टान (दी रॉक) कहते हैं। चट्टान समुद्र की सतह से एकाएक ऊपर उठती दृष्टिगोचर होती है। यह चट्टानी स्थलखंड उत्तर-दक्षिण फैली हुई पतली श्रेणी द्वारा बीच में विभक्त होता है, जिसपर कई ऊँची चोटियाँ हैं। चट्टानें चूना पत्थर की बनी हैं, जिनमें कई स्थलों पर प्राकृतिक गुफाएँ निर्मित हो गई हैं। कुछ गुफाओं में प्राचीन जीव-जंतुओं के चिह्न भी पाए गए हैं। जिब्राल्टर नगर नया बसा है। प्राचीन नगर की प्राय: सभी पुरानी महत्वपूर्ण इमारतें युद्ध (१७७-८३) में नष्ट हो गई। वर्तमान नगर 'राक' के उत्तरी-पश्चिमी भाग में ३/१६ वर्ग मील के क्षेत्रफल में फैला है। इसके अतिरिक्त समुद्र का कुछ भाग सुखाकर स्थल में परिणत कर लिया गया है। नगर का मुख्य व्यापारिक भाग समतल भाग में है। समतल के उत्तर की ओर ऊँचे असमतल भागों में लोगों के निवासस्थान तथा दक्षिण की ओर सेना के कार्यालय तथा बेरक हैं। यहाँ एक सैनिक हवाई अड्डा भी है। जिब्राल्टर कोयले के व्यापार का मुख्य केंद्र था, पर तेल से जलयानों के चलने के कारण इस व्यापार में अब अधिक शिथिलता आ गई है। .

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जिब्राल्टर में हिन्दू धर्म

जिब्राल्टर में हिन्दू धर्म के अनुयायी मुख्यतः सिंधी मूल के हैं। जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना का एक आधार है। 1869 में स्वेज नहर के खुलने के पश्चात सिंध राज्य के हैदराबाद शहर के व्यापारीयों ने जिब्राल्टर के साथ व्यापार शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे भारत और जिब्राल्टर के बीच व्यापार में बढ़ोतरी होती गई परन्तु भारतवासी जिब्राल्टर में आकर नहीं बसे। 1967 में आयोजित हुए जिब्राल्टर संप्रभुता जनमत संग्रह के बाद की घटनाओं के परिणामस्वरूप स्पेन में ब्रिटेन की नागरिकता के साथ रह रहे कई भारतीय मूल के हिन्दुओ ने जिब्राल्टर को अपना घर बना लिया। 1 मार्च 2000 के दिन जिब्राल्टर हिन्दू मंदिर का इंजीनियर्स लेन पर उद्घाटन हुआ तथा यह जिब्राल्टर का एकमात्र हिन्दू मंदिर है। 2004 में स्थानीय वकील हरेश बुधरानी हाउस ऑफ़ असेम्बली में स्पीकर चुने गए तथा बाद में जाकर ये जिब्राल्टर संसद के सबसे पहले स्पीकर बने। 2012 में जिब्राल्टर के महापौर ने जिब्राल्टर के हिन्दू समाज को जिब्राल्टर सिटी हॉल में हिन्दुओ के सबसे बड़े त्योहार दीपावली को मनाने के लिए आमंत्रित किया। .

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जिब्राल्टर में क्रिकेट

यूरोपा पॉईंट पर चलता क्रिकेट का खेल जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना का एक आधार है। जिब्राल्टर में विभिन्न प्रकार के खेल जिब्राल्टर की जनता के रोजमर्रा जीवन का अहम हिस्सा हैं। यहाँ विशेष रूप से फुटबॉल, क्रिकेट और बास्केटबॉल जैसे खेल ज्यादा लोकप्रिय हैं। क्रिकेट यहाँ ब्रिटिश सैनिकों द्वारा लाया गया था। जिब्राल्टर का वातावरण इस खेल के लिए काफ़ी अनुकूल है। क्रिकेट बल्ले और गेंद का एक दलीय खेल है जिसकी शुरुआत दक्षिणी इंग्लैंड में हुई थी। इसका सबसे प्राचीन निश्चित-संदर्भ 1598 का मिलता है और अब यह 100 से भी अधिक देशों में खेला जाता है। क्रिकेट के कई रूप हैं; इसका उच्चतम स्तर टॅस्ट क्रिकेट है, जिसमें वर्तमान प्रमुख राष्ट्रीय टीमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैण्ड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैण्ड, पाकिस्तान व बांग्लादेश हैं। जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम जिब्राल्टर का अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने वाली टीम है। टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वर्ष 1969 से सहयोगी सदस्य है। टॅस्ट क्रिकेट नहीं खेलने वाली यूरोपीय टीमों में जिब्राल्टर की टीम इस समय छठे स्थान पर है। .

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जिब्राल्टर जलसन्धि

जिब्राल्टर जलसन्धि पूर्व में भूमध्य सागर को पश्चिम में अटलांटिक महासागर से जोड़ती है। इसके उत्तर में यूरोप के स्पेन और जिब्राल्टर क्षेत्र हैं जबकि दक्षिण में उत्तरी अफ़्रीका के मरोक्को और सेउटा क्षेत्र हैं। अपने सबसे क़रीबी बिन्दु पर यूरोप और अफ़्रीका के महाद्वीपों में केवल 14.3 किमी की ही दूरी है। क्योंकि यह भूमध्य सागर और अटलांटिक महासागर के बीच में यातायात का एक सिकुड़ा हुआ बिन्दु है इसलिये इस जलसन्धि पर क़ब्ज़ा करना ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। मध्यकाल के आरम्भ में उत्तर अफ़्रीका से आए अरबों ने इस जलसंधि को लांघकर स्पेन पर क़ब्ज़ा किया था और स्पेनियों ने कई सौ वर्ष बाद उन्हें जलसंधि के पार खदेड़कर अपना साम्राज्य फिर स्थापित किया था। .

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जिब्राल्टर के राजनीतिक दलों की सूची

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जिब्राल्टर की राजनीति

जिब्राल्टर का राष्ट्रीय-चिह्न जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना का एक आधार है। जिब्राल्टर की राजनीति एक संसदीय प्रतिनिधि लोकतांत्रिक ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र की रूपरेखा के अंतर्गत आती है। यूनाइटेड किंगडम के सम्राट, जिनका जिब्राल्टर के राज्यपाल द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है, राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं। जिब्राल्टर के मुख्यमंत्री सरकार के प्रमुख हैं। एक ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र के रूप में जिब्राल्टर की सरकार यूनाइटेड किंगडम की सरकार के अधीनस्थ नहीं है। हालांकि यूनाईटेड किंगडम सरकार जिब्राल्टर के रक्षा और विदेश विभाग के लिए जिम्मेदार है लेकिन स्थानीय सरकार 2006 के संविधान के तहत पूर्ण आंतरिक स्वशासन की प्रतिनिधित्व है। जिब्राल्टर का यूरोपीय संघ में प्रतिनिधित्व है और यह केवल एकमात्र ऐसा ब्रिटिश विदेशी शासित प्रदेश था परिग्रहण की ब्रिटिश संधि (1973) के तहत यूरोपीय आर्थिक समुदाय में सदस्यता प्राप्त करी थी। जिब्राल्टर में विभिन्न विचारधाराओं का पालन करने वाले राजीनीतिक दल हैं जो स्थानीय मुद्दों को सम्बोधित करने के लिए बने हैं। वर्ष 2006 में जिब्राल्टर के नए सविधान की प्रस्तावना में दुहराया गया है कि महारानी की सरकार कभी भी किसी भी ऐसी व्यवस्था को मान्यता नहीं देगी जिसमें जिब्राल्टर के लोग उनकी मुक्त और लोकतांत्रिक तरीके से व्यक्त इच्छाओं के विरुद्ध किसी अन्य देश की संप्रभुता के अंतर्गत सौप दिए जाएँ। यह वाक्य 1969 में बने जिब्राल्टर के सविधान से लिया गया है। .

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जिब्राल्टर की सड़कें

जिब्राल्टर की सड़को के संकेत बोर्ड का कोल्लाज जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) के क्षेत्र में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना (रॉयल नेवी) का एक आधार है। जिब्राल्टर में विभिन्न प्रकार की सड़कें और चौक हैं। इनमें से कई काफ़ी पुराने हैं। जिब्राल्टर की सड़कें उसी प्रकार के संकेत बोर्डो द्वारा प्रतिनिधित्व करी जाती हैं जैसे यूनाइटेड किंगडम की सड़को के संकेत बोर्ड होते हैं। वर्ष 2007 तक की जानकारी के अनुसार जिब्राल्टर में कुल 29 किलोमीटर (18 मील) लंबी सड़को का संजाल बिछा हुआ है। .

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जिब्राल्टेरियन लोग

जिब्राल्टेरियन (Gibraltarian) उन लोगों के सांस्कृतिक समूह का नाम है जो ब्रिटिश विदेशी प्रदेश जिब्राल्टर के मूल निवासी हैं। जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित है। .

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जंगली सुअर

जंगली सुअर (Sus scrofa) या वाराह, सुअर की एक प्रजाति है। यह मध्य यूरोप, भूमध्य सागर क्षेत्र (उत्तरी अफ्रीका, एटलस पर्वत) सहित एशिया में इंडोनेशिया तक के क्षेत्रों का मूल निवासी है। मूल निवास दशावतार में से एक अवतार वराहावतार हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु ने दशावतार में से एक अवतार वराहावतार में इस पशु के रूप में ही अवतरण कर पृथ्वी को पाताल से बाहर निकाला था। .

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ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

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जेरिको (मिसाइल)

जेरिको एक सामान्य पद दिया करने के लिए एक शिथिल संबंधित परिवार तैनात की बैलिस्टिक मिसाइलों द्वारा विकसित इसराइल 1960 के दशक से आगे हैं। नाम लिया जाता है से पहले विकास के अनुबंध के लिए जेरिको मैं पर हस्ताक्षर किए के बीच इसराइल और Dassault 1963 में, साथ कोडनेम के रूप में एक संदर्भ के लिए बाइबिल के शहर जेरिको.

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जॉर्ज पंचम

जॉर्ज पंचम (जॉर्ज फ्रेडरिक अर्नेस्ट अल्बर्ट; 3 जून 1865 – 20 जनवरी 1936) प्रथम ब्रिटिश शासक थे, जो विंडसर राजघराने से संबंधित थे। संयुक्त राजशाही एवं अन्य राष्ट्रमंडल समूह के महाराजा होने के साथ साथ, जॉर्ज भारत के सम्राट एवं स्वतन्त्र आयरिश राज्य के राजा भी थे। जॉर्ज ने सन 1910 से प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) के दौरान और बाद में 1936 में अपनी मृत्यु पर्यन्त राज्य किया। जॉर्ज के पिता महाराज एडवर्ड सप्तम की १९१० में मृत्यु होने पर, वे महाराजा बने। वे एकमात्र ऐसे सम्राट थे, जो कि अपने स्वयं के दिल्ली दरबार में, अपनी भारतीय प्रजा के सामने प्रस्तुत हुए, जहां उनका भारत के राजमुकुट से राजतिलक हुआ। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने सारी जर्मन उपाधियां, वापस कर दीं। इनके शासन ने फासीवाद, नाजीवाद, समाजवाद इत्यादि देखे; एवं प्रथम मजदूर मंत्रालय भी, जिन सभी घटनाओं ने राजनैतिक क्रम को बदल दिया। जॉर्ज को उनके अंतिम दिनों में प्लेग व अन्य बीमारियों ने घेर लिया था; जब उनकी मृत्यु पर उनके ज्येष्ठ पुत्र एडवर्ड अष्टम ने राजगद्दी संभाली। .

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जीरा

जीरा (वानस्पतिक नाम:क्यूमिनम सायमिनम) ऍपियेशी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है। यह पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक के क्षेत्र का देशज है। इसके प्रत्येक फल में स्थित एक बीज वाले बीजों को सुखाकर बहुत से खानपान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दिखने में सौंफ की तरह होता है। संस्कृत में इसे जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला। .

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ईरान का इतिहास

सुसा में दारुश (दारा) के महल के बाहर बने "अमर सेनानी"। यह उपाधि कुछ चुनिन्दा सैनिकों को दी जाती थी जो महल रक्षा तथा साम्राज्य विस्तार में प्रमुख माने जाते थे। ईरान का पुराना नाम फ़ारस है और इसका इतिहास बहुत ही नाटकीय रहा है जिसमें इसके पड़ोस के क्षेत्र भी शामिल रहे हैं। इरानी इतिहास में साम्राज्यों की कहानी ईसा के ६०० साल पहले के हख़ामनी शासकों से शुरु होती है। इनके द्वारा पश्चिम एशिया तथा मिस्र पर ईसापूर्व 530 के दशक में हुई विजय से लेकर अठारहवीं सदी में नादिरशाह के भारत पर आक्रमण करने के बीच में कई साम्राज्यों ने फ़ारस पर शासन किया। इनमें से कुछ फ़ारसी सांस्कृतिक क्षेत्र के थे तो कुछ बाहरी। फारसी सास्कृतिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में आधुनिक ईरान के अलावा इराक का दक्षिणी भाग, अज़रबैजान, पश्चिमी अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान का दक्षिणी भाग और पूर्वी तुर्की भी शामिल हैं। ये सब वो क्षेत्र हैं जहाँ कभी फारसी सासकों ने राज किया था और जिसके कारण उनपर फारसी संस्कृति का प्रभाव पड़ा था। सातवीं सदी में ईरान में इस्लाम आया। इससे पहले ईरान में जरदोश्त के धर्म के अनुयायी रहते थे। ईरान शिया इस्लाम का केन्द्र माना जाता है। कुछ लोगों ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें यातनाएं दी गई। इनमें से कुछ लोग भाग कर भारत के गुजरात तट पर आ गए। ये आज भी भारत में रहते हैं और इन्हें पारसी कहा जाता है। सूफ़ीवाद का जन्म और विकास ईरान और संबंधित क्षेत्रों में ११वीं सदी के आसपास हुआ। ईरान की शिया जनता पर दमिश्क और बग़दाद के सुन्नी ख़लीफ़ाओं का शासन कोई ९०० साल तक रहा जिसका असर आज के अरब-ईरान रिश्तों पर भी देखा जा सकता है। सोलहवीं सदी के आरंभ में सफ़वी वंश के तुर्क मूल लोगों के सत्ता में आने के बाद ही शिया लोग सत्ता में आ सके। इसके बाद भी देश पर सुन्नियों का शासन हुआ और उन शासकों में नादिर शाह तथा कुछ अफ़ग़ान शासक शामिल हैं। औपनिवेशक दौर में ईरान पर किसी यूरोपीय शक्ति ने सीधा शासन तो नहीं किया पर अंग्रेज़ों तथा रूसियों के बीच ईरान के व्यापार में दखल पड़ा। १९७९ की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान की राजनैतिक स्थिति में बहुत उतार-चढ़ाव आता रहा है। ईराक के साथ युद्ध ने भी देश को इस्लामिक जगत में एक अलग जगह पर ला खड़ा किया है। २३ जनवरी २००८ .

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ईजियन सागर

ईजियन सागर (Αιγαίο Πέλαγος, ईजिओ पेलागोस) भूमध्य सागर का एक विस्तार है। यह दक्षिणी बाल्कान क्षेत्र और एनाटोलिया प्रायद्वीप के बीच में स्थित है, इस प्रकार ये यूनान और तुर्की के मध्य स्थित है। यह भूमध्य सागर की एक भुजा है जिसके पश्चिम में युनान और पूर्व में टर्की हैं। यह डार्डेनेल्स और बॉसपोरस जल-संयोजकों द्वारा मारमारा और काला सागर से जुड़ा है। 'ईजियन' शब्द का संबंध ईजी नगर से अथवा ईजिया (अमेज़न की रानी) से, अथवा ईजियस (थीसियस के पिता) से बताया गया है। संरचना की दुष्टि से यह सागर एक प्राचीन ध्वस्त स्थलखंड है जो लगभग पूर्णतया निमज्जित हो गया है। इसके चारों ओर नवीन भंजित पर्वत हैं जो स्वयं थोड़ी मात्रा में निमज्जित हैं। इन दशाओं के फलस्वरूप यह सागर द्वीपों से भरा है और इसमें यथाक्रम गहरी और उथली द्रोणियाँ हैं। यहाँ कुछ ज्वालामुखी द्वीप भी स्थित हैं। द्वीपों में गेहूँ, अगूंर, अंजीर, मुनक्का, गोंद, शहद, मोम, कपास और रेशम का उत्पादन होता है। .

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विश्व देवालय (पैन्थियन), रोम

विश्व देवालय ((ब्रिटेन) या (अमेरिका), Pantheon,शायद ही कभी पैन्थियम. इस इमारत का वर्णन करने में प्लिनी के प्राकृतिक इतिहास (XXXVI.38) में यह दिखाई देता है: Agrippae Pantheum decoravit Diogenes Atheniensis; in columnis templi eius Caryatides probantur inter pauca operum, sicut in fastigio posita signa, sed propter altitudinem loci minus celebrata. से, "सभी देवताओं के लिए" अर्थ में प्रयुक्त मंदिर के लिए लिया गया ग्रीक शब्द, ἱερόν, समझा जाता है) रोम में बनी एक इमारत है, जो मार्क्स अग्रिप्पा द्वारा प्राचीन रोम के सभी देवी-देवताओं के मंदिर के रूप में बनायी गयी थी और 126 ई. में सम्राट हैड्रियन ने इसे दोबारा बनवाया था। लगभग समकालीन लेखक (द्वितीय-तृतीय सी. सीई), कैसियस डियो ने अनुमान लगाया कि यह नाम या तो इस इमारत के आसपास रखी गयी इतनी अधिक मूर्तियों की वजह से, या फिर स्वर्ग के गुंबद से इसकी समानता की वजह से रखा गया। फ्रांसीसी क्रांति के बाद से, जब संत जेनेवीव ने, पेरिस के चर्च को अप्रतिष्ठित कर उसे धर्मनिरपेक्ष स्मारक के रूप में बदल कर उसे पेरिस का विश्व देवालय बना दिया, उसी समय से ऐसी किसी भी इमारत जहां किसी प्रसिद्ध मृतक को सम्मानित किया गया या दफनाया गया हो, उसके लिए सामान्य शब्द विश्व देवालय (पैन्थियन), का प्रयोग किया जाने लगा है। यह इमारत तीन पंक्तियों के विशाल ग्रेनाइट कोरिंथियन कॉलम की वजह से गोलाकार है जिसका बरामदा (पहली पंक्ति में आठ और पीछे चार के दो समूहों में) गोल घर में खुल रहे त्रिकोणिका के नीचे हो, कंक्रीट के गुंबद में बने संदूक में जिसका केंद्र (आंख) (ऑकुलस) आकाश की ओर खुलता हो.

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विश्व के प्रमुख सागरों की सूची

विश्व में बहुत बड़े-बड़े सागर है। .

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खाड़ी युद्ध

कोई विवरण नहीं।

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खान अल-उमदान

खान अल-उमदान इज़राइल देश के आकेर के पुराने शहर में स्थित एक "खान", यीने कारवां सराय है। इसका निर्माण अहमद पाशा अल जज्जर के शासन के दौरान उस्मान साम्राज्य में हुआ था। ये खान-ए-अवामीद के नाम से भी जानी जाती है। इस नाम का शाब्दिक अर्थ "खंबोंकी सराय" होता है। इस दो मंजिला इमारत का निर्माण सन् १७८४ में पुर्ण हुआ। .

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खार्तूम

खार्तूम (الخرطوم अल-खार्तूम) अफ्रीका के सूडान की राजधानी है। यह उत्तर से विक्टोरिया झील से आती श्वेत नील एवं पश्चिम में इथियोपिया से आती ब्लू नील के संगम पर स्थित है। दोनों नदियों के संगम को अल-मोर्गन कहते हैं। मुख्य नदी नील अपनी यात्रा यहां से उत्तरावर्ती होकर मिस्र और अन्ततः भूमध्य सागर को करती है। नील नदी द्वारा तीन भागों में विभाजित होने से खार्तूम शहर एक त्रिकोणीय महानगर बनता है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या दस लाख से अधिक है। ये तीन भाग उत्तरी खार्तूम (अल खार्तूम भाहरी) एवं ओमदर्मन (उम्म दर्मान) से पश्चिम में सेतुओं द्वारा जुड़े हैं। .

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ग्रानादा प्रान्त

स्पेन के नक़्शे में ग्रानादा प्रांत (लाल रंग में) ग्रानादा (स्पेनी:Granada) दक्षिणी पश्चिमी स्पेन के आंदालुसिया स्वायत्त समुदाय में स्थित एक प्रांत है। ग्रानादा प्रान्त की राजधानी भी ग्रानादा नाम का ही एक शहर है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल 12,635 वर्ग किमी है, यानि भारत के नागालैण्ड राज्य से थोड़ा छोटा। ग्रानादा प्रान्त की आबादी 876,184 है जिनमें से 30% इसकी राजधानी में रहते हैं। स्पेन के मुस्लिम राज काल के दौरान ग्रानादा में "अल हम्रा" नाम का एक महल और क़िला बना था जो विश्व-प्रसिद्ध है और जिसे देखने दुनिया भर से सैलानी आते हैं। .

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ग्रैंड कॅसमेट्स गेट्स

ग्रैंड कॅसमेट्स गेट्स (Grand Casemates Gates) ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एतिहासिक दरवाज़े हैं। इन दरवाज़ो को पहले वॉटरपोर्ट गेट (Waterport Gates) के नाम से जाना जाता था। ये शहर के किलेबन्द हिस्से में ग्रैंड कॅसमेट्स चौराहे में उत्तर-पश्चिम दिशा से प्रवेश पाने का जरिया हैं। ग्रैंड कॅसमेट्स स्क्वयर जिब्राल्टर के दो मुख्य और सबसे बड़े चौकों में से एक है, दूसरा मुख्य चौक जॉन मैकिन्टौश स्क्वयर है। वर्ष 1727 में निर्मित हुए इन दरवाज़ो को बनाने में चूना पत्थर और शाहबलूत पेड़ की लकड़ी का प्रयोग हुआ था। .

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ओज़ियास मार्क

ओज़ियास मार्क (Ausiàs मार्च; 1400 – 3 मार्च 1459) मध्यकालीन वैलेंसियाई कवि और नाईट थे। गन्दिया के निवासी मार्क वैलेंसियाई साहित्य की स्वर्ण शताब्दी (कैटलन: Segle d'or) के सबसे महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। इनके द्वारा रचित कविताओं ने स्पेन के साहित्य पर भी गहरा प्रभाव छोड़ा। एक छोटे वैलेंसियाई कुलीन परिवार में जन्मे मार्क की रचनाओं ने पन्द्रहवीं शताब्दी के अंत से पुनर्जागरण में एक विशिष्ट योगदान दिया। इनकी कविताएँ मुख्य रूप से मानव जीवन के दो महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित हैं: प्रेम और मृत्यु। .

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आयोनियन सागर

आयोनियन सागर एड्रियाटिक सागर के दक्षिण में स्थित आयोनियन सागर या आयोनियाई सागर, भूमध्य सागर की एक इकाई है। इसके पश्चिम में इटली का दक्षिणी भाग जिसमे कैलाब्रिया शामिल है, सिसिली और सलेंतो प्रायद्वीप जबकि पूर्व में दक्षिणपश्चिमी अल्बानिया जिसमें सरांदा और हिमारा शामिल हैं और बड़ी संख्या में यूनानी द्वीप जैसे कि कोर्फु, ज़ांते, केफालोनिया, इथाहा और लेफ्कस आदि स्थित हैं। इन द्वीपों को सामूहिक रूप से आयोनियन द्वीप समूह पुकारा जाता है। यह सागर दुनिया में सबसे अधिक भूकंपीय गतिविधि वाले क्षेत्रों में से एक है। भूमध्य सागर का सबसे गहरा स्थान केलिप्सो गर्त, जो, गहरा है आयोनियन सागर में स्थित है, जिसके निर्देशांक है। .

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आरएएफ जिब्राल्टर

आरएएफ जिब्राल्टर (RAF Gibraltar), पहले नॉर्थ फ्रंट (North Front) के नाम से भा जाना जाता था, ब्रिटिश वायुसेना रॉयल एयर फ़ोर्स का ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित स्टेशन है। निवर्तमान समय में कोई सैन्य हवाईजहाज़ यहाँ तैनात नहीं है परन्तु जहाज यहाँ नियमित रूप से दौरा करते रहते हैं। इसे ब्रिटिश एयरफ़ोर्स जिब्राल्टर प्रशासित करती है तथा स्टेशन प्रदेश के नागरिक हवाईअड्डे की तरह भी काम करता है। नागरिक हवाईअड्डे का नाम जिब्राल्टर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है तथा इसके यात्री टर्मिनल की इमारत और एप्रन सुविधाएँ हवाई पट्टी के उत्तर में स्थित हैं जबकि आरएएफ़ जिब्राल्टर के एप्रन और गाड़ी-अड्डा हवाई पट्टी ए दक्षिण में स्थित हैं। .

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आर्मीनिया

आर्मीनिया (आर्मेनिया) पश्चिम एशिया और यूरोप के काकेशस क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी देश है जो चारों तरफ़ ज़मीन से घिरा है। १९९० के पूर्व यह सोवियत संघ का एक अंग था जो एक राज्य के रूप में था। सोवियत संघ में एक जनक्रान्ति एवं राज्यों के आजादी के संघर्ष के बाद आर्मीनिया को २३ अगस्त १९९० को स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई, परन्तु इसके स्थापना की घोषणा २१ सितंबर, १९९१ को हुई एवं इसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता २५ दिसंबर को मिली। इसकी राजधानी येरेवन है। अर्मेनियाई मूल की लिपि आरामाईक एक समय (ईसा पूर्व ३००) भारत से लेकर भूमध्य सागर के बीच प्रयुक्त होती थी। पूर्वी रोमन साम्राज्य और फ़ारस तथा अरब दोनों क्षेत्रों के बीच अवस्थित होने के कारण मध्य काल से यह विदेशी प्रभाव और युद्ध की भूमि रहा है जहाँ इस्लाम और ईसाइयत के कई आरंभिक युद्ध लड़े गए थे। आर्मेनिया प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है। आर्मेनिया के राजा ने चौथी शताब्दी में ही ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया था। इस प्रकार आर्मेनिया राज्य ईसाई धर्म ग्रहण करने वाला प्रथम राज्य है। देश में आर्मेनियाई एपोस्टलिक चर्च सबसे बड़ा धर्म है। इसके अलावा यहाँ ईसाईयों, मुसलमानों और अन्य संप्रदायों का छोटा समुदाय है। आर्मेनिय़ा का कुल क्षेत्रफल २९,८०० कि.मी² (११,५०६ वर्ग मील) है जिसका ४.७१% जलीय क्षेत्र है। अनुमानतः (जुलाई २००८) यहाँ की जनसंख्या ३२,३१,९०० है एवं वर्ग किमी घनत्व १०१ व्यक्ति है। इसकी सीमाएँ तुर्की, जॉर्जिया, अजरबैजान और ईरान से लगी हुई हैं। आज यहाँ ९७.९ प्रतिशत से अधिक आर्मीनियाई जातीय समुदाय के अलावा १.३% यज़िदी, ०.५% रूसी और अन्य अल्पसंख्यक निवास करते हैं। यहां की जनसंख्या का १०.६% भाग अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा (अमरीकी डालर १.२५ प्रतिदिन) से नीचे निवास करता है। आर्मेनिया ४० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है। इसमें संयुक्त राष्ट्र, यूरोप परिषद, एशियाई विकास बैंक, स्वतंत्र देशों का राष्ट्रकुल, विश्व व्यापार संगठन एवं गुट निरपेक्ष संगठन आदि प्रमुख हैं। .

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आल्मेरिया प्रान्त

आल्मेरिया (स्पेनी: Almería) दक्षिणी स्पेन में स्थित एक प्रान्त है। ग्रानडा, मूर्सिया इसके सीमा प्रान्त हैं और भूमध्य सागर इसका सीमान्त सागर। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ८,७६९ किमी२ है जो तुलना के लिए भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ ज़िले का लगभग साढ़े-तीन गुना है। कुल जनसंख्या है ५,४६,४९९ (सन् २००२) और घनत्व है ६२.३२/किमी२। इसके भीतर १०१ नगरनिगम इकाइयाँ हैं। एल्मीरिया, दक्षिणी स्पेन के आंदालुसिया स्वायत्त समुदाय का भाग है। इसकी राजधानी भी "आल्मेरिया" नाम का एक शहर ही है। .

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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इतालवी प्रायद्वीप

अंतरिक्ष से जूते के आकार वाले इतालवी प्रायद्वीप का नज़ारा - उत्तर में बर्फ़-ढके ऐल्प्स पर्वत दिख रहे हैं इतालवी प्रायद्वीप (Italian peninsula), जिसे आपेननीनी प्रायद्वीप (Apennine peninsula) भी कहा जाता है, दक्षिणी यूरोप के तीन बड़े प्रायद्वीपों में से एक है (बाक़ी दो इबेरियाई प्रायद्वीप और बाल्कन प्रायद्वीप हैं)। यह उत्तर में पो वादी से दक्षिण में भूमध्य सागर तक लगभग १,००० किमी लम्बा है। अपने अकार की वजह से इसे इतालवी भाषा में 'लो स्तिवाले' (Lo Stivale, अर्थ: जूता) कहा जाता है। इस प्रायद्वीप को आगे बांटा जाए तो इसमें स्वयं तीन अन्य प्रायद्वीप आते हैं (कालाब्रिया, सालेन्तो और गारगानो)। पारम्परिक रूप से इतालवी प्रायद्वीप को उत्तर में ऐल्प पर्वतों से आरम्भित माना जाता है हालांकि भौगोलिक दृष्टि से इटली का प्रायद्वीपी क्षेत्र इन पर्वतों से थोड़ा दक्षिण में मागरा नदी और रुबिकोन नदी से आरम्भ होता है। यह प्रायद्वीप पूर्व में आद्रियातिक सागर, दक्षिण में आयोनियाई सागर और पश्चिम में तिरहेनियाई सागर से घिरा हुआ है। प्रायद्वीप के बीच में आपेननीनी पर्वत शृंखला की पंक्तियाँ चलती हैं, जिस से इसका एक अन्य नाम आपेननीनी प्रायद्वीप भी पड़ा है। .

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इबेरिया प्रायद्वीप

इबेरियाई प्रायद्वीप इबेरियाई प्रायद्वीप या इबेरिया, यूरोप के दक्षिणपश्चिम भाग में स्थित एक प्रायद्वीप है। इस प्रायद्वीप के दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर है और उत्तर और पश्चिम में अन्ध महासागर। यह ५,८२,८६० वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ यूरोप का तीसरा सबसे बड़ा प्रायद्वीप है। इबेरिया इस क्षेत्र के लिए एक प्राचीन यूनानी नाम है जिसे रोमन "हिस्पैनिया" कहते थे। हिस्पैनिया शब्द अब केवल स्पेन के लिए प्रयुक्त होता है, जबकि इबेरिया नाम इस पूरे प्रायद्वीप के लिए जिसपर अन्य देश भी स्थित हैं। .

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इज़राइल

इज़राइल राष्ट्र (इब्रानी:מְדִינַת יִשְׂרָאֵל, मेदिनत यिसरा'एल; دَوْلَةْ إِسْرَائِيل, दौलत इसरा'ईल) दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है। यह दक्षिणपूर्व भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके उत्तर में लेबनॉन, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र है। मध्यपूर्व में स्थित यह देश विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इतिहास और प्राचीन ग्रंथों के अनुसार यहूदियों का मूल निवास रहे इस क्षेत्र का नाम ईसाइयत, इस्लाम और यहूदी धर्मों में प्रमुखता से लिया जाता है। यहूदी, मध्यपूर्व और यूरोप के कई क्षेत्रों में फैल गए थे। उन्नीसवी सदी के अन्त में तथा फ़िर बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यूरोप में यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार के कारण यूरोपीय (तथा अन्य) यहूदी अपने क्षेत्रों से भाग कर येरूशलम और इसके आसपास के क्षेत्रों में आने लगे। सन् 1948 में आधुनिक इसरायल राष्ट्र की स्थापना हुई। यरूशलम इसरायल की राजधानी है पर अन्य महत्वपूर्ण शहरों में तेल अवीव का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ की प्रमुख भाषा इब्रानी (हिब्रू) है, जो दाहिने से बाँए लिखी जाती है। यहाँ के निवासियों को इसरायली कहा जाता है। .

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क़ुस्तुंतुनिया

क़ुस्तुंतुनिया या कांस्टैंटिनोपुल (यूनानी: Κωνσταντινούπολις कोन्स्तान्तिनोउपोलिस या Κωνσταντινούπολη कोन्स्तान्तिनोउपोली; लातीनी: Constantinopolis कोन्स्तान्तिनोपोलिस; उस्मानी तुर्कीयाई: قسطنطینية, Ḳosṭanṭīnīye कोस्तान्तिनिये‎), बोस्पोरुस जलसन्धि और मारमरा सागर के संगम पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो रोमन, बाइज़ेंटाइन, और उस्मानी साम्राज्य की राजधानी थी। 324 ई. में प्राचीन बाइज़ेंटाइन सम्राट कोन्स्टान्टिन प्रथम द्वारा रोमन साम्राज्य की नई राजधानी के रूप में इसे पुनर्निर्मित किया गया, जिसके बाद इन्हीं के नाम पर इसे नामित किया गया। .

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कातालोनिया

कातालोन्या (या कॅटालोनिया) स्पेन के 17 स्वायत्त समुदायों में से एक है। स्वायत्त समुदाय स्पेन का सबसे उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग होता है। कातालोन्या देश के उत्तर-पूर्व में स्थित है व उत्तर में इसकी सीमा फ्रांस और अण्डोरा से छूती है। पूर्व में इसके भूमध्य सागर, पश्चिम में आरागोन और दक्षिण में वैलेंसियाई समुदाय है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा नगर बार्सिलोना है, जो स्पेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर व यूरोप के सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्रों में से एक है। इसकी आधिकारिक भाषाओं में स्पेनी, कैटलन और ऑक्सिटन की उपभाषा आरानेस शामिल हैं। .

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कार्थेज

प्राचीन कार्थेज के खंडहर तीसरी शताब्दी ईसापूर्व में कार्थेज-नियंत्रिक क्षेत्र कार्थेज (अरबी:, क़र्ताज; बर्बर: ⴽⴰⵔⵜⴰⵊⴻⵏ, कर्तजेन; अंग्रेज़ी: Carthage, कार्थ़ेज) उत्तर अफ़्रीका के त्यूनिसीया देश में लगभग 3,000 साल से लगातार आबाद एक प्राचीन शहर है। यह शहर प्राचीन काल मे रोमन एवं फ़ोनिसीयन साम्राज्य का एक प्रमुख गढ़ रहा है। सन् 1000 ईसा-पूर्व के आसपास इसकी शुरुआत फ़ोनीशिया द्वारा स्थापित एक दूर-दराज़ बस्ती के रूप में हुई। आधुनिक युग में इसे त्यूनिसीया की राजधानी त्यूनिस का एक बाहरी क्षेत्र माना जाता है। प्राचीन रोमन स्रोतों के अनुसार इसकी स्थापना सन् 814 ईसापूर्व में फ़ोनीशिया के टायर शहर से (जो आधुनिक लेबनान में पड़ता है) आये एक फ़ोनीशियाई समूह ने की थी। कार्थेज तेज़ी से धन, शक्ति और प्रभाव में बढ़ने लगा। इस नगर पर केन्द्रित संस्कृति को उसके समकालीन रोमन लोग प्यूनिक (लातिनी: Punic) बुलाया करते थे, जो "फ़ोनीशिया" शब्द का ही एक बिगड़ा रूप है। समय के साथ भूमध्य सागर में यह रोम और यूनान के सिराक्यूज़ शहर से मुक़ाबला करने वाली तीसरी शक्ति के रूप में उभरा। इनमें आपसी झड़पों का सिलसिला छिड़ गया। दूसरे प्यूनिक युद्ध में प्रसिद्ध कार्थेजी नेता हान्निबल ने इटली पर चढ़ाई करी और सन् 216 ई॰पू॰ में दक्षिणपूर्वी इटली में लड़े गए कैने के युद्ध में जीत प्राप्त की, जिस से लगने लगा के इटली के कई क्षेत्रों से रोम का साम्राज्य उखड़ जाएगा। लेकिन सन् 202 ई॰पू॰ में लड़े गए ज़ामा के युद्ध में हान्निबल पराजित हुआ और कार्थेज बहुत कमज़ोर पड़ गया। सन् 149-146 ई॰पू॰ में लड़े गए तीसरे प्यूनिक युद्ध में कार्थेज की पूरी हार हो गयी। रोम के फ़ौजों ने कार्थेज के शहर को पूरी तरह जला और तोड़ डाला। कार्थेज के सभी नागरिकों को मार डाला गया या दास बना लिया गया। कुछ समय बाद रोम ने ही कार्थेज की फिर स्थापना की और यह शहर समय के साथ-साथ रोमन साम्राज्य का चौथा सब से महत्वपूर्ण नगर बना। कुछ समय तक यह अल्प आयु वाले वैन्डल राज्य की राजधानी भी रहा। सन् 698 ईसवी में अरब फ़ौजें यहाँ आ धमकी और कार्थेज दूसरी दफ़ा नष्ट किया गया। .

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कार्बन-१४ द्वारा कालनिर्धारण

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क्रास्नोदार क्राय

रूस के नक़्शे में क्रास्नोदार क्राय की स्थिति (दक्षिण-पश्चिम में, लाल रंग में) कुबान नदी से मिलने वाली एक छोटी नदी के किनारे गोर्याचिय क्ल्युच का क्षेत्र (रूसी: Краснода́рский край, क्रास्नोदार्सकी क्राय) कॉकस के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित रूस का एक संघीय खंड है, जो रूसी प्रशासन प्रणाली में 'क्राय' का दर्जा रखता है। इसकी राजधानी और प्रशासनिक केंद्र क्रास्नोदार नाम का शहर है। इसका क्षेत्रफल ७६,००० वर्ग किमी है और सन् २०१० में इसकी जनसँख्या ५२,२५,८२६ थी। .

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क्रीत

क्नोसोस पुरातन स्थल पर मिनोआई सभ्यता के एक महल का खंडर यूनान और क्रीत का नक़्शा पारम्परिक क्रीती सामूहिक नाच वाई का तटीय इलाक़ा क्रीत या क्रीट (यूनानी: Κρήτη, क्रीति; अंग्रेज़ी: Crete, क्रीट) यूनान के द्वीपों में सब से बड़ा द्वीप है और भूमध्य सागर का पाँचवा सब से बड़ा द्वीप है। यह यूनान की आर्थिक व्यवस्था और यूनानी संस्कृति का बहुत महत्वपूर्ण अंग मन जाता है लेकिन इस द्वीप की अपनी एक अलग सांस्कृतिक पहचान भी है। आज से पाँच हज़ार साल पूर्व क्रीत "मिनोआई सभ्यता" नामक संस्कृति का केंद्र भी थी जो २७०० से १४२० ईसापूर्व के काल में फली-फूली और यूरोप की एक प्राचीनतम तहज़ीब मानी जाती है। Oxford Bibliographies Online: Classics .

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कैलेटा होटल

द कैलेटा होटल (The Caleta Hotel), जिसे कैलेटा पैलेस होटल (अंग्रेज़ी: Caleta Palace Hotel) के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक चार-सितारा होटल है। यह कैटालेन खाड़ी के किनारे पर क्षेत्र के पूर्वी तट पर बना हुआ है। इसका मुख भूमध्य सागर की तरफ़ है। इसको अपना यह नाम स्पेनी भाषा के ला कैलेटा से मिला है जिसका हिन्दी में अर्थ होता है 'छोटी खाडी'। यह नाम जिब्राल्टर पर स्पेनी शासन के समय कैटालेन खाड़ी और उसके तट पर स्थित मछुआरे के गाँव को दिया गया था। यह खाड़ी का पारम्परिक नाम है, तथा खाड़ी और होटल दोनो एक ही जगह पर स्थित हैं। कैलेटा होटल अतिथि कमरो और सुइट के व्यापक चयन के कई विकल्प उपलब्ध कराता है। यह दो रोज़ेट मूल्यांकित इतालवी रेस्टोरेंट, जिसका नाम नुनोस है, को संचालित करता है। होटल को सम्पूर्ण जिब्राल्टर के सर्वश्रेष्ठ होटल में से एक माना जाता है। यह वर्ल्ड ट्रैवल अवार्ड्स के लगातार चार समारोह में जिब्राल्टर्स लीडिंग होटल का पुरस्कार प्राप्त कर चुका है और यह ख्याति प्राप्त करने वाला कैलेटा होटल जिब्राल्टर का दूसरा होटल है। 2004 से 2008 तक यह पुरस्कार द रॉक होटल ने प्राप्त किया था, जो जिब्राल्टर का अन्य प्रमुख होटल है। .

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कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी)

विल्हेम द्वितीय या विलियम द्वितीय (जर्मन: Friedrich Wilhelm Viktor Albrecht von Preußen; अंगरेजी: Frederick William Victor Albert of Prussia; 27 जनवरी 1859 – 4 जून 1941) जर्मनी का अन्तिम सम्राट (कैसर) तथा प्रशा का राजा था जिसने जर्मन साम्राज्य एवं प्रशा पर १५ जून १८८८ से ९ नवम्बर १९१८ तक शासन किया। विलियम प्रथम की मृत्यु के उपरान्त उसका पुत्र फैड्रिक तृतीय जर्मनी के राजसिंहासन पर 9 मार्च 1888 ई. को आसीन हुआ। किन्तु केवल 100 दिन राज्य करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु होने पर उसका पुत्र विलियम द्वितीय राज्य सिंहासन पर आसीन हुआ। वह एक नवयुवक था। उसमें अनेक गुणों और दुर्गुणों का सम्मिश्रण था। वह कुशाग्र बुद्धि, महत्वकांक्षी आत्मविश्वासी तथा असाधारण नवयुवक था। वह स्वार्थी और घमण्डी था तथा उसका विश्वास राजा के दैवी सिद्धांत में था। किसी अन्य व्यक्ति के नियंत्रण में रहना उसको असह्य था जिसके कारण कुछ ही दिनों के उपरांत उसकी अपने चांसलर बिस्मार्क से अनबन हो गई। परिस्थितियों से बाध्य होकर बिस्मार्क को त्याग-पत्र देना पड़ा। बिस्मार्क के पतन के उपरांत विलियम ने समस्त सत्ता को अपने हाथों में लिया और उसके मंत्री आज्ञाकारी सेवक बन गये और वह स्वयं का शासन का कर्णधार बना। .

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कैस्पियन सागर

कैस्पियन सागर (फ़ारसी:, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। .

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केलिप्सो गर्त

केलिप्सो गर्त, आयोनियन सागर में स्थित है केलिप्सो गर्त, भूमध्य सागर का गहनतम स्थल है और इसके सीमांत समुद्र आयोनियन सागर में, की गहराई और के निर्देशांकों पर स्थित है। केलिप्सो गर्त वो स्थल है जहां अफ्रीकी विवर्तनिक प्लेट, यूरेशियाई विवर्तनिक प्लेट के नीचे सरकती है और यूनानी खाई की रचना करती है। यूनान के पश्चिमी तट से केलिप्सो गर्त की अनुमानित स्थिति .

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कोर्सिका

कोर्सिका (Corse; Corsican and Italian: Corsica) भूमध्य सागर में स्थित एक द्वीप है। यह फ्रान्स के १३ क्षेत्रों में से एक है। यह दक्षिणी फ्रांस से 105 मील और उत्तर-पश्चिमी इटली से 56 मील की दूरी पर स्थित है। इस द्वीप का दो तिहाई भाग एक ही पर्वत-शृंखला से निर्मित है। .

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अतलास पर्वत

उत्तर अफ़्रीका में अतलास पर्वतों की स्थिति (लाल क्षेत्र) अतलास पर्वत या ऐटलस पर्वत (बर्बर: इदुरार न वतलास; अरबी:, जबाल अल-अतलास; अंग्रेजी: Atlas Mountains) पशिमोत्तरी अफ़्रीका में स्थित एक २,५०० किमी लम्बी पर्वत शृंखला है। यह मोरक्को, अल्जीरिया और तूनीसीया के देशों से निकलती है और इसका सबसे ऊँचा पहाड़ दक्षिण-पश्चिमी मोरक्को में स्थित ४,१६७ मीटर (१३,६७१ फ़ुट) लम्बा तूबक़ाल (Toubkal) पर्वत है। अतलास पर्वतों की श्रेणियाँ भूमध्य सागर और अंध महासागर के साथ लगे तटीय क्षेत्र को सहारा रेगिस्तान से बांटती हैं। इस पर्वतीय इलाके में रहने वाले लोग मुख्य रूप से बर्बर जाति के हैं।, Susan Searight, Pelican Publishing, 1999, ISBN 978-1-56554-348-5,...

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अदन की खाड़ी

अदन की खाड़ी (خليج عدن; ख़लीज़ अदन) अरब सागर मे, यमन (अरब प्रायद्वीप के दक्षिणी तट) और सोमालिया (अफ्रीका का सींग) के मध्य स्थित है। लाल सागर और अदन की खाड़ी को केवल 20 किलोमीटर चौड़ा बाब अल-मन्देब जलडमरूमध्य आपस में जोड़ता है।, Robin Geiß, Anna Petrig, pp.

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अरण्डी

अरंडी (अंग्रेज़ी:कैस्टर) तेल का पेड़ एक पुष्पीय पौधे की बारहमासी झाड़ी होती है, जो एक छोटे आकार से लगभग १२ मी के आकार तक तेजी से पहुँच सकती है, पर यह कमजोर होती है। इसकी चमकदार पत्तियॉ १५-४५ सेमी तक लंबी, हथेली के आकार की, ५-१२ सेमी गहरी पालि और दांतेदार हाशिए की तरह होती हैं। उनके रंग कभी कभी, गहरे हरे रंग से लेकर लाल रंग या गहरे बैंगनी या पीतल लाल रंग तक के हो सकते है।। वेब ग्रीन तना और जड़ के खोल भिन्न भिन्न रंग लिये होते है। इसके उद्गम व विकास की कथा अभी तक अध्ययन अधीन है। यह पेड़ मूलतः दक्षिण-पूर्वी भूमध्य सागर, पूर्वी अफ़्रीका एवं भारत की उपज है, किन्तु अब उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में खूब पनपा और फैला हुआ है। .

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अरीश

अरीश या अल-अरीश मिस्र के उत्तर सीनाई मुहाफ़ज़ाह नामक मुहाफ़ज़ाह (उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग) की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। मिस्र की राष्ट्रीय राजधानी क़ाहिरा से ३४४ किमी पूर्वोत्तर में भूमध्य सागर के तट पर स्थित यह नगर पूरे सीनाई प्रायद्वीप का सबसे बड़ा शहर भी है। अरीश अपने समुद्र के साफ़​ नीले पानी, सफ़ेद​ रेत के तट और विस्त्रित तटवर्तीय खजूर के पेड़ों के लिये जाना जाता है। .

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अल-बहर मस्जिद

अल-बहर मस्जिद; Al-Bahr Mosque: इज़राइल के जाफा बंदरगाह के निकट हालयाह हाशनी स्ट्रीट पर स्थित है। भूमध्यसागरीय समुद्र की निकटता के कारण, मछुआरों और नाविकों ने मस्जिद का इस्तेमाल नमाज के लिए किया, साथ ही आस-पास के क्षेत्र के पास के निवासियों ने भी किया। .

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अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

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अशोक के अभिलेख

अशोक के शिलालेख पूरे भारतीय उपमहाद्वीप और अफ़्ग़ानिस्तान में मिलें हैं ब्रिटिश संग्राहलय में छठे शिलालेख का एक हिस्सा अरामाई का द्विभाषीय शिलालेख सारनाथ के स्तम्भ पर ब्राह्मी लिपि में शिलालेख मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक द्वारा प्रवर्तित कुल ३३ अभिलेख प्राप्त हुए हैं जिन्हें अशोक ने स्तंभों, चट्टानों और गुफ़ाओं की दीवारों में अपने २६९ ईसापूर्व से २३१ ईसापूर्व चलने वाले शासनकाल में खुदवाए। ये आधुनिक बंगलादेश, भारत, अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और नेपाल में जगह-जगह पर मिलते हैं और बौद्ध धर्म के अस्तित्व के सबसे प्राचीन प्रमाणों में से हैं। इन शिलालेखों के अनुसार अशोक के बौद्ध धर्म फैलाने के प्रयास भूमध्य सागर के क्षेत्र तक सक्रिय थे और सम्राट मिस्र और यूनान तक की राजनैतिक परिस्थितियों से भलीभाँति परिचित थे। इनमें बौद्ध धर्म की बारीकियों पर ज़ोर कम और मनुष्यों को आदर्श जीवन जीने की सीखें अधिक मिलती हैं। पूर्वी क्षेत्रों में यह आदेश प्राचीन मगधी भाषा में ब्राह्मी लिपि के प्रयोग से लिखे गए थे। पश्चिमी क्षेत्रों के शिलालेखों में खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया। एक शिलालेख में यूनानी भाषा प्रयोग की गई है, जबकि एक अन्य में यूनानी और अरामाई भाषा में द्विभाषीय आदेश दर्ज है। इन शिलालेखों में सम्राट अपने आप को "प्रियदर्शी" (प्राकृत में "पियदस्सी") और देवानाम्प्रिय (यानि देवों को प्रिय, प्राकृत में "देवानम्पिय") की उपाधि से बुलाते हैं। .

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असद पाशा अल अज्म

असद पाशा अल अज्म; अंग्रेजी: As'ad Pasha al-Azm (أسعد باشا العظم, ‏‎ (जन्म मार्च 1758) दमिश्क का गर्वनर था तुर्क साम्राज्य में गर्वनर के लियेँ वली शब्द का प्रयोग होता था। .

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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1 E12 वर्ग मीटर

मिस्र लगभग १०,००,००० वर्ग कि.मी.2. विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के परिमाण के क्रम समझने हेतु यहां १०,००,००० वर्ग कि॰मी॰ से १,००,००,००० वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्र दिये गए हैं।.

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2009 मैडिटेरियन खेल

2009 मैडिटेरियन खेल एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जिसका आयोजन इटली के पैस्कारा शहर में 26 जून 5 जुलाई 2009 हुआ था। मैडिटेरियन खेलों में भूमध्य सागर के चारो ओर भोगोलिक रूप से स्थापित देश हिस्सा लेते है। 2009 पैस्कारा खेलों में 23 राष्ट्रो के 3,368 प्रतियोगीयो (2,183 पुरुष और 1,185 महिला) ने भाग लिया था। इस देशों में से 21 ने कम से कम एक पदक तथा 18 ने कम से कम एक स्वर्ण पदक जीता था। मेजबान राष्ट्र इटली 64 स्वर्ण पदकों के साथ प्रथम स्थान पर रहा। श्रेणी:मैडिटेरियन खेल श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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2017 शयरात एयर बेस अमेरीकी मिसाइल हमला

7 अप्रैल 2017 की सुबह, सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका ने शायरात एयर बेस के उद्देश्य से सीरिया में भूमध्य सागर से जलपोत द्वारा 59 टॉमहॉक मिसाइले सीरिया के सैन्य सरकारी अड्डे शायरात एयर वेस पर दागी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 अप्रैल 2017 को ख़ान शेखहुन रासायनिक हमले की सीधी प्रतिक्रिया के रूप में हड़ताल का आदेश दिया था। युद्ध के दौरान बाथिस्ट सीरियाई सरकार की सेनाओं को जानबूझकर लक्षित करने के लिए संयुक्त राज्य की सेना का पहला एकतरफा हमला था जिसमें 6 सीरियाई सैनिक सहित 11 नागरिक मारे गये थे। राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह कहते हुए हड़ताल को उचित ठहराया कि यह दुनिया में घातक रासायनिक हथियारों के प्रसार और उपयोग को रोकने के लिए संयुक्त राज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है। .

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भू मध्य सागर, भू-मध्य सागर, रूम सागर

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