भूदेव मुखोपाध्याय (१८२७ – १८९४) १९वीं शताब्दी के बंगाल के लेखक और बुद्धिजीवी थे। बंगाल के नवजागरण काल में उनकी रचनाओं में राष्ट्रवाद और दर्शन का सुन्दर रूप देखने को मिलता है। 'अङ्गुरिया बिनिमय' (१८५७) नामक उनका उपन्यास बंगाल का पहला ऐतिहासिक उपन्यास था। श्रेणी:बांग्ला साहित्यकार.
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