लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

भूकम्पमापी

सूची भूकम्पमापी

भूकम्पमापी के आन्तरिक भाग एक सरल भूकम्पमापी भूकंपमापी (Seismometer) भूगति के एक घटक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विधि से अधिक यथार्थतापूर्वक अभिलिखित करने वाला उपकरण है। सुपरिचित प्राकृतिक भूकंपों, भूमिगत परमाणु परीक्षण एवं पेट्रोलियम अन्वेषण आदि में मनुष्यकृत विस्फोटों तथा तेज हवा, समुद्री तरंग, तेज मानसून एवं समुद्री क्षेत्र में तूफान या अवनमन आदि से उत्पन्न सूक्ष्मकंपों (microseism) के कारण भूगति उत्पन्न हो सकती है। उचित रीति से अनुस्थापित (oriented), क्षैतिज भूकंपमापी भूगति के पूर्व पश्चिम या उत्तर दक्षिण के घटक को अभिलिखित करता है और ऊर्ध्वाधर भूकंपमापी ऊर्ध्वाधर गति, अर्थात भूगति के ऊर्ध्वाधर घटक को अभिलिखित करता है। .

7 संबंधों: त्वरण, भूकम्प, मापक उपकरणों की सूची, रिक्टर पैमाना, संवेदकों की सूची, वैज्ञानिक यन्त्र, वैज्ञानिक उपकरण

त्वरण

विभिन्न प्रकार के त्वरण के अन्तर्गत गति में वस्तु की समान समयान्तराल बाद स्थितियाँ दोलन करता हुआ लोलक: इसका वेग एवं त्वरण तीर द्वारा दर्शाया गया है। वेग एवं त्वरण दोनों का परिमाण एवं दिशा हर क्षण बदल रही है। किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को त्वरण (Acceleration) कहते हैं। इसका मात्रक मीटर प्रति सेकेण्ड2 होता है तथा यह एक सदिश राशि हैं। या, उदाहरण: माना समय t.

नई!!: भूकम्पमापी और त्वरण · और देखें »

भूकम्प

भूकम्प या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है। भूकम्प बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुँचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है। भूकंप का मापन भूकम्पमापी यंत्रों (सीस्मोमीटर) के साथ करा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। एक भूकंप का आघूर्ण परिमाण मापक्रम पारंपरिक रूप से नापा जाता है, या सम्बंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। ३ या उस से कम रिक्टर परिमाण की तीव्रता का भूकंप अक्सर अगोचर होता है, जबकि ७ रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है। पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप उपरिकेंद्र अपतटीय स्थति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सूनामी का कारण है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं। सर्वाधिक सामान्य अर्थ में, किसी भी सीस्मिक घटना का वर्णन करने के लिए भूकंप शब्द का प्रयोग किया जाता है, एक प्राकृतिक घटना) या मनुष्यों के कारण हुई कोई घटना -जो सीस्मिक तरंगों) को उत्पन्न करती है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं। भूकंप के उत्पन्न होने का प्रारंभिक बिन्दु केन्द्र या हाईपो सेंटर कहलाता है। शब्द उपरिकेंद्र का अर्थ है, भूमि के स्तर पर ठीक इसके ऊपर का बिन्दु। San Andreas faultके मामले में, बहुत से भूकंप प्लेट सीमा से दूर उत्पन्न होते हैं और विरूपण के व्यापक क्षेत्र में विकसित तनाव से सम्बंधित होते हैं, यह विरूपण दोष क्षेत्र (उदा. “बिग बंद ” क्षेत्र) में प्रमुख अनियमितताओं के कारण होते हैं। Northridge भूकंप ऐसे ही एक क्षेत्र में अंध दबाव गति से सम्बंधित था। एक अन्य उदाहरण है अरब और यूरेशियन प्लेट के बीच तिर्यक अभिकेंद्रित प्लेट सीमा जहाँ यह ज़ाग्रोस पहाड़ों के पश्चिमोत्तर हिस्से से होकर जाती है। इस प्लेट सीमा से सम्बंधित विरूपण, एक बड़े पश्चिम-दक्षिण सीमा के लम्बवत लगभग शुद्ध दबाव गति तथा वास्तविक प्लेट सीमा के नजदीक हाल ही में हुए मुख्य दोष के किनारे हुए लगभग शुद्ध स्ट्रीक-स्लिप गति में विभाजित है। इसका प्रदर्शन भूकंप की केन्द्रीय क्रियाविधि के द्वारा किया जाता है। सभी टेक्टोनिक प्लेट्स में आंतरिक दबाव क्षेत्र होते हैं जो अपनी पड़ोसी प्लेटों के साथ अंतर्क्रिया के कारण या तलछटी लदान या उतराई के कारण होते हैं। (जैसे deglaciation).ये तनाव उपस्थित दोष सतहों के किनारे विफलता का पर्याप्त कारण हो सकते हैं, ये अन्तःप्लेट भूकंप को जन्म देते हैं। .

नई!!: भूकम्पमापी और भूकम्प · और देखें »

मापक उपकरणों की सूची

श्रेणी:मापन.

नई!!: भूकम्पमापी और मापक उपकरणों की सूची · और देखें »

रिक्टर पैमाना

चार्ल्स रिक्टर रिक्टर पैमाना (अंग्रेज़ी:Richter magnitude scale) भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना है। किसी भूकम्प के समय भूमि के कम्पन के अधिकतम आयाम और किसी यादृच्छ (आर्बिट्रेरी) छोटे आयाम के अनुपात के साधारण लघुगणक को 'रिक्टर पैमाना' कहते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास १९३० के दशक में किया गया था। १९७० के बाद से भूकम्प की तीव्रता के मापन के लिये रिक्टर पैमाने के स्थान पर 'आघूर्ण परिमाण पैमाना' (Moment Magnitude Scale (MMS)) का उपयोग किया जाने लगा। 'रिक्तर पैमाने' का पूरा नाम रिक्टर परिमाण परीक्षण पैमाना (रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल) है और लघु रूप में इसे स्थानिक परिमाण (लोकल मैग्नीट्यूड) (M_L) लिखते हैं। .

नई!!: भूकम्पमापी और रिक्टर पैमाना · और देखें »

संवेदकों की सूची

यहाँ विभिन्न प्रकार के संवेदकों की सूची दी गयी है। .

नई!!: भूकम्पमापी और संवेदकों की सूची · और देखें »

वैज्ञानिक यन्त्र

ऑल्टीमीटर - इससे विमानोँ की ऊँचाई नापी जाती हैं। अमीटर - इससे विद्युत धारा को नापा जाता हैं। एनिमोमीटर - इससे वायु की शक्ति तथा गति को नापा जाता हैं। आडियोमीटर - यह मनुष्य द्वारा ध्वनि के सुनने की क्षमता को मापने वाला यंत्र हैं। ओडियोफोन - इसे लोग सुनने में सहायता के लिए कान में लगाते हैं। बैरोग्राफ - यह वायुमण्डल के दाब में होने वाले परिवर्तन को नापता है और स्वतः ही इसका ग्राफ बना देता हैं। बाइनोकुलर्स - इससे दूर स्थित वस्तुयें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। कैलीपर्स - इससे गोल वस्तुओँ के भीतरी तथा बाहरी व्यास नापा जा सकता है। इससे मोटाई भी नापी जा सकती हैं। कैलोरीमीटर - इससे ऊष्मा की मात्रा मापी जाती हैं। कारडियोग्राम - इससे हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति की हृदय गति की जाँच की जाती हैं। सिनेमोटोग्राफ - इस यंत्र के द्वारा छोटी-छोटी फिल्म के चित्रोँ को बड़ा करके दिखाया जाता हैं। इसमें अनेक लैंसोँ को इस प्रकार लगाया जाता है कि चित्र गतिमय दिखाई देते हैं। दिक्सूचक सुई (कम्पास नीडिल) - इसके द्वारा किसी स्थान की दिशा ज्ञात की जाती हैं। एपीडायस्कोप - इस यंत्र के द्वारा अपारदर्शक चित्र पर्दे पर दिखाये जा सकते हैं। यूडिओमीटर - इसके द्वारा गैसोँ में रासायनिक क्रिया के कारण होने वाले आयतन के परिवर्तनोँ को नापा जाता हैं। फेदोमीटर - इससे समुद्र की गहराई नापी जाती हैं। ग्रामोफोन - इस उपकरण के द्वारा रिकॉर्ड पर अंकित ध्वनि तंरगोँ को पुनः उत्पादित किया जा सकता है और सुना जा सकता हैं। ग्रेवोमीटर - इससे पानी की सतह पर तेल की उपस्थिति ज्ञात की जाती हैं। आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर) - इससे वायुमण्डल में व्याप्त आर्द्रता नापी जाती हैं। हाइड्रोफोन - इससे पानी में ध्वनि को अंकित किया जाता हैं। लैक्टोमीटर - इससे दूध की शुद्धता ज्ञात की जाती हैं। मैनोमीटर - इससे गैसोँ का दाब ज्ञात करते हैं। सूक्षमदर्शी (माइक्रोस्कोप) - बहुत ही सूक्ष्म वस्तुओँ को इस उपकरण द्वारा आवर्धन करके (Magnify) देखा जाता हैं। माइक्रोटोम - इसे किसी वस्तु को बहुत पतले-पतले भागोँ में काटने के काम में लाया जाता हैं। ओडोमीटर - इससे मोटर गाड़ी की गति को ज्ञात किया जाता हैं। पैराशूट - यह छाते के समान उपकरण है जिससे युद्ध या आपात स्थिति के समय वायुयान से नीचे कूदा जा सकता हैं। परिदर्शी (पेरिस्कोप) - इसके द्वारा जब पनडुब्बी पानी के अंदर होती है तो पानी की सतह का अवलोकन कर सकती है और इसमें बैठे लोग बिना किसी के जाने हुए बिना किसी बाधा के बाहरी हलचल ज्ञात कर सकते हैं। फोनोग्राफ - इससे ध्वनि की तरगोँ को पुनः ध्वनि में परिवर्तित किया जाता हैं। फोटो कैमरा - इससे फोटोग्राफ लेकर कैमीकल्स की सहायता से इसे डेवलप किया जाता है ताकि सही चित्र बनकर निकलें। पिपेट - इसकी सहायता से द्रव की मापी गई मात्रा दूसरे बर्तन में डाली जा सकती हैं। विभवमापी (पोटेन्शियोमीटर) - इससे किसी सेल के विद्युत वाहक बल तथा तार के दो सिरोँ के विभवान्तर की नाप होती हैं। पायरोमीटर - उच्च तापोँ को मापने का उपकरण हैं। रेडियेटर - यह कारोँ तथा गाड़ियोँ के इंजनो को ठण्डा करने वाला उपकरण हैं। वर्षामापी (रेन गेज) - इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा नापी जाती हैं। रेडियोमीटर - इस यंत्र द्वारा विकीर्ण ऊर्जा की तीव्रता को नापा जाता हैं। शर्करामापी - यह यंत्र किसी घोल में शक्कर की मात्रा नापने के काम आता हैं। भूकम्पमापी (सिस्मोग्राफ) - इस यंत्र से पृथ्वी सतह पर आने वाले भूकम्प के झटकोँ का स्वतः ही ग्राफ चित्रित होता हैं। स्पेक्ट्रोमीटर - इस यंत्र के माध्यम से स्पेक्ट्रम की उत्पत्ति की जाती है जिससे कि विभिन्न किरणोँ के तरंग दैर्ध्य को नापा जा सकें। वेगमापी (स्पीडोमीटर) - इससे किसी मोटर गाड़ी की चालन गति ज्ञात की जाती हैं। स्फैरोमीटर - इससे धरातल की वक्रता नापी जाती हैं। स्फिग्मोमेनोमीटर - इससे धमनियोँ में बहने वाले रक्त का दाब नापा जाता हैं। स्फिग्मोफोन - इससे नाड़ी धड़कन को तेज ध्वनि में सुना जा सकता हैं। स्टीरियोस्कोप - यह एक प्रकार का उत्तम वाइनोकुलर है। इससे किसी द्विविमीय चित्र को भली-भांति देखा जा सकता हैं। स्टेथिस्कोप - इससे हृदय तथा फेफड़ोँ की आवाज को सुना जा सकता है और रोग के लक्षण ज्ञात किये जा सकते हैं। स्टोप वॉच - इससे किसी कार्य या क्रिया की समय अवधि (यदि वह 30 मिनट से अधिक नहीं है) सही रूप में नापी जा सकती हैं। स्ट्रोवोस्कोप - इससे उन वस्तुओँ को जो तेज गति से घूम रही है रूकी हुई अवस्था में उनकी जाँच की जाती हैं। टैकोमीटर - इससे वायुयानोँ तथा मोटर वोटोँ की गति नापी जाती हैं। टेलीफोन - इसके द्वारा दो व्यक्ति, जो एक दूसरे से दूर होते हैं, आपस में बातचीत कर सकते हैं। दूरदर्शी (टेलिस्कोप) - इसकी सहायता से दूर स्थित वस्तुयें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। टेलस्टार - 10 जुलाई 1962 को कैप कैनडी से छोड़ा गया यह अंतरिक्ष का संचार उपग्रह है इसके द्वारा एक देश के निवासी दूसरे देश के निवासियोँ से टेलिफोन द्वारा बातचीत कर सकते हैं इसके अतिरिक्त टेलिविजन संचार भी विभिन्न देशोँ में इसके द्वारा संभव हो सका हैं। थ्योडोलाइट - यह सर्वेक्षण करने का यंत्र है जो क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर कोणोँ को नापकर दूरी को ज्ञात कराता हैं। तापयुग्म (थर्मोकपल) - जब भिन्न-भिन्न धातुओँ के तारोँ को सिरोँ पर जोड़ा जाय और उनमें से एक ओर के सिरोँ को गर्म किया जाये तथा दूसरी ओर के सिरोँ को एक कम स्थिर ताप पर रखा जाये तो परिपथ में एक विधुत धारा बहने लगती हैं इस प्रकार भिन्न धातुओँ के जोड़े को थर्मोकपल कहते हैं। थर्मोस्टेट - इस यंत्र के द्वारा उष्मा अपूर्ति पर नियंन्नण करके किसी वस्तु या पदार्थ का तापमान किसी बिन्दु पर नियत कर दिया जाता हैं। विस्कोमीटर - इस यंत्र से द्रवोँ की श्यानता नापी जाती हैं। लाइफ बोट तथा लाइफ वेस्ट - जब कोई जहाज डूबता है तो इनको उपयोग में लाकर यात्रियोँ को बचाया जाता हैं। .

नई!!: भूकम्पमापी और वैज्ञानिक यन्त्र · और देखें »

वैज्ञानिक उपकरण

वैज्ञानिक उपकरण से हमारे काम आसानी से हो जाते हैं। वैज्ञानिक उपकरण किसी विज्ञान के कार्य को करने में सुविधा या सरलता या आसानी प्रदान करते हैं। यह उन वैज्ञानिक कार्यों को भी सहज से कर सकते हैं जो उनके बिना सम्भव ही नहीं होता। .

नई!!: भूकम्पमापी और वैज्ञानिक उपकरण · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

सिसमोमीटर

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »