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भुवनेश्वर

सूची भुवनेश्वर

भुवनेश्वर (भुबनेस्वर भी) ओडिशा की राजधानी है। यंहा के निकट कोणार्क में विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित है। भुवनेश्‍वर भारत के पूर्व में स्थित ओडिशा राज्‍य की राजधानी है। यह बहुत ही खूबसूरत और हरा-भरा प्रदेश है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यह जगह इतिहास में भी अपना महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखता है। तीसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व में यहीं प्रसिद्ध कलिंग युद्ध हुआ था। इसी युद्ध के परिणामस्‍वरुप अशोक एक लड़ाकू योद्धा से प्रसिद्ध बौद्ध अनुयायी के रूप में परिणत हो गया था। भुवनेश्‍वर को पूर्व का काशी भी कहा जाता है। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि यह एक प्रसिद्ध बौद्ध स्‍थल भी रहा है। प्राचीन काल में 1000 वर्षों तक बौद्ध धर्म यहां फलता-फूलता रहा है। बौद्ध धर्म की तरह जैनों के लिए भी यह जगह काफी महत्‍वपूर्ण है। प्रथम शताब्‍दी में यहां चेदी वंश का एक प्रसिद्ध जैन राजा खारवेल' हुए थे। इसी तरह सातवीं शताब्‍दी में यहां प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों का निर्माण हुआ था। इस प्रकार भुवनेश्‍वर वर्तमान में एक बहुसांस्‍कृतिक शहर है। ओडिशा की इस वर्तमान राजधानी का निमार्ण इंजीनियरों और वास्‍तुविदों ने उपयोगितावादी सिद्धांत के आधार पर किया है। इस कारण नया भुवनेश्‍वर प्राचीन भुवनेश्‍वर के समान बहुत सुंदर तथा भव्‍य नहीं है। यहां आश्‍चर्यजनक मंदिरों तथा गुफाओं के अलावा कोई अन्‍य सांस्‍कृतिक स्‍थान देखने योग्‍य नहीं है। .

151 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटानगर जंक्शन रेलवे स्टेशन, एम. बालामुरलीकृष्ण, ऐसानेश्वर शिव मंदिर, भुवनेश्वर, उड़ीसा, तोरण, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, दया नदी, द्वारमण्डप, धनबाद, धौली, धौली गिरि, धौली, भुवनेश्वर, नयागढ़, नारोमुरार, नागपुर, नवीन पटनायक, नंदिनी सत्पथी, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, पुलिस महानिदेशक, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, पूर्वी तटीय रेलवे, पूर्वी भारत, बरेंद्र कृष्ण ढल, बहुउद्देश्यीय निदर्शन विद्यालय,भुवनेश्वर, बिन्दुसागर झील, बिग एफएम (रेडियो), बुधिया सिंह, ब्रह्मपुर, बीमा लोकपाल, बीजू पटनायक विमानक्षेत्र, भारत, भारत में दर्शनशास्त्र, भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत में स्मार्ट नगर, भारत में सैन्य अकादमियाँ, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत का भूगोल, भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ, भारत के प्रवेशद्वार, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ, भारत के शहरों की सूची, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारत के हवाई अड्डे, भारती मठ मंदिर , भुवनेश्वर , ओड़ीशा, ..., भारतीय दुर्गों की सूची, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर, भारतीय मनोविज्ञान, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्षों की सूची, भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय स्थापत्यकला, भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस डाउन, भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस अप, भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस २४२१ अप, भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस २४२२ डाउन, भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस, भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन, भौतिकी संस्थान, भुवनेश्वर, मयूरभंज जिला, मयीलाडूतुरै, महामेघवाहन वंश, मुक्‍तेश्‍वर मन्दिर, मेरठ, यमेश्वर मंदिर, याजपुर, रणजी ट्रॉफी 2016-17 ग्रुप सी, रणजी ट्रॉफी ग्रुप सी 2017-18, रत्नागिरि (ओडिशा), राँची, रामदेवी चौधरी, राष्ट्रीय प्रवेश पृथक्करण परीक्षा, राष्ट्रीय राजमार्ग २०३, राष्ट्रीय राजमार्ग ५, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, राजधानी एक्स्प्रेस, राजभवन (ओडिशा), राजारानी मंदिर, रोमुअलड डी'सुजा, रोआनू चक्रवात, लाइव इंडिया, लिंगराज मंदिर, लखनऊ, शरत पुजारी, सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज़, सन्मार्ग (पत्र), सपेरा, ससमिता मलिक, सिंहाचलम मंदिर, विशाखापट्टनम, संबलपुर, सुधीरा दास, स्वामी अद्भूतानन्द, सौरीन्द्र बारिक, हरिप्रसाद चौरसिया, हाथीगुम्फा शिलालेख, हिन्दी के दस सर्वश्रेष्ठ, हीराखंड एक्सप्रेस, हीराखंड एक्सप्रेस ट्रेन हादसा, जटणी, जनजातीय सम्मान, जमशेदपुर, जयदेव, जगन्नाथ, जगजीत सिंह, जूनागढ़, उड़ीसा, जेट कनेक्ट, जेनपैक्ट, जीवन विज्ञान संस्थान, भुवनेश्वर, विधान सभा, विजय हजारे ट्रॉफी 2017 ग्रुप बी, व्हीलर द्वीप, खण्डगिरि, खारवेल, खिचिंग, खुर्दा, गौड़ अंचल, गोरक्षकों द्वारा हिंसा, गीतगोविन्द, ओड़िशा का इतिहास, ओड़िशा के लोकसभा सदस्य, ओडिशा, ओडिशा के विश्वविद्यालय, ओबेरॉय होटल एंड रिसॉर्ट्स, आधिकारिक आवास, आहार योजना, इंडिया'ज़ रॉ स्टार, इंफोसिस, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भुवनेश्वर, केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन, केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, केआईआईटी विश्वविद्यालय, अच्युत सामंत, अण्डमान, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, अनुराधा बिस्वाल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, उदयगिरि और खंडगिरि, छत, २०१७ एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 2001 ओडिशा विधानसभा हमला सूचकांक विस्तार (101 अधिक) »

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड (टीसीएस) एक भारतीयबहुराष्ट्रीय कम्पनी सॉफ्टवेर सर्विसेस एवं कंसल्टिंग कंपनी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी तथा बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनियों में से है। साल २००७ में, इसे एशिया की सबसे बड़ी सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी आँका गया। भारतीय आई टी कंपनियों की तुलना में टीसीएस के पास सबसे अधिक कर्मचारी हैं। टीसीएस के ४४ देशों में २,५४,००० कर्मचारी हैं। ३१ मार्च २०१२ को ख़त्म होने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने १०.१७ अरब अमेरिकी डॉलर का समेकित राजस्व हासिल किया। टीसीएस भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी है। टीसीएस एशिया की सबसे बड़ी कंपनी समूह में से एक टाटा समूह का एक हिस्सा है। टाटा समूह ऊर्जा, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, निर्माण, रसायन, इंजीनियरिंग एवं कई तरह के उत्पाद बनाता है। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी का मुनाफा 33.19% बढ़कर 7,000.64 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की आमदनी करीब 8% बढ़कर 30,028.92 करोड़ रुपये हो गयी। अप्रैल 2018 में, टीसीएस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अपनी एम-कैप 6,79,332.81 करोड़ रुपये (102.6 अरब डॉलर) के बाद 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण करने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बन गई, और दूसरी भारतीय कंपनी (रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2007 में इसे हासिल करने के बाद)। .

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टाटानगर जंक्शन रेलवे स्टेशन

टाटानगर जमशेदपुर शहर के रेलवे-स्टेशन का नाम है जो झारखंड प्रांत में स्थित है। पहले यह बिहार का हिस्सा हुआ करता था। टाटानगर दक्षिणपूर्व रेलवे का एक प्रमुख एवं व्यस्त स्टेशन है जो हावडा मुंबई मुख्य लाईन पर स्थित है। .

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एम. बालामुरलीकृष्ण

मंगलमपल्ली बालामुरली कृष्णा (మంగళంపల్లి బాలమురళీకృష్ణ) (6 जुलाई 1930 को जन्मे 2016 22 november) एक कर्नाटक गायक, बहुवाद्ययंत्र-वादक और एक पार्श्वगायक हैं। एक कवि, संगीतकार के रूप में उनकी प्रशंसा की जाती है और कर्नाटक संगीत के ज्ञान के लिए उन्हें सम्मान दिया जाता है। .

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ऐसानेश्वर शिव मंदिर, भुवनेश्वर, उड़ीसा

ऐसानेश्वर शिव मंदिर भारतीय राज्य उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में भगवान शिव को समर्पित १३ वीं शताब्दी में निर्मित एक हिन्दू मंदिर है। मंदिर भुवनेश्वर के पुराने शहर के श्रीराम नगर में एक अस्पताल के अंदर स्थित है। यह लिंगराज मंदिर के परिसर की पश्चिमी दीवार के समीप है। मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर है। मंदिर के अंदर एक गोलाकार योनिपीठ (तहखाने) के भीतर एक शिवलिंग स्थापित है। विभिन्न अनुष्ठान, जैसे शिवरात्रि, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, तथा संक्रांति  इत्यादि यहाँ मनाये जाते हैं. शिवरात्रि के छठे दिन भगवान लिंगराज की मूर्ती को इसी मंदिर में लाया जाता है। .

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तोरण

तोरण किसी बड़े भवन, दुर्ग या नगर का वह बाहरी बड़ा द्वार जिसका ऊपरी भाग मंडपाकार हो और प्रायः पताकाओं, मालाओं आदि से सजाया जाता हो। तोरण, हिन्दू, बौद्ध तथा जैन वास्तुकला का प्रमुख अंग है और दक्षिण एशिया दक्षिणपूर्व एशिया तथा पूर्वी एशिया के पुराने संरचनाओं में पाया जाता है। .

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द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times of India, TOI के रूप में संक्षेपाक्षरित) भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है। दुनिया में सभी अंग्रेजी भाषा के व्यापक पत्रों में इस अखबार की प्रसार संख्या सर्वाधिक है। 2005 में, अखबार ने रिपोर्ट दी कि (24 लाख से अधिक प्रसार के साथ) इसे ऑडिट बुरो ऑफ़ सर्क्युलेशन के द्वारा दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के सामान्य समाचार पत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है। इसके वावजूद भारत के भाषायी समाचार पत्रों (विशेषत: हिन्दी के अखबारों) की तुलना में इसका प्रसार बहुत कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया को मीडिया समूह बेनेट, कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इसे टाइम्स समूह के रूप में जाना जाता है, यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स (एक हिंदी भाषा का दैनिक), दी महाराष्ट्र टाइम्स (एक मराठी भाषा का दैनिक) का भी प्रकाशन करता है। .

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दया नदी

दया नदी का तट, जहाँ सम्भवतः कलिंग युद्ध लड़ा गया था। दया नदी या 'दइआ नदी' उड़ीसा की एक नदी है। यह बालकाटी के पास सरदेईपुर से निकलती है। गोलाबाई से आगे इसमें मालगुनी नदी मिल जाती है। इसके बाद यह नदी खोर्द्धा और पुरी जिलों से बहती हुई चिल्का झील के उत्तरी-पूर्वी कोने में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई ३७ किमी है। ऐतिहासिक स्थल धउलिगिरि इस नदी के किनारे स्थित है जो भुवनेश्वर से ८ किमी दक्षिण में है। श्रेणी:भारत की नदियाँ श्रेणी:उड़ीसा की नदियाँ.

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द्वारमण्डप

अजन्ता के द्वितीय गुफा के प्रवेश द्वार का मण्डप भद्र, ड्यौढ़ी, द्वारमंडप या पोर्च (Porch) किसी भवन के मुखद्वार की सुरक्षा के निमित्त उसके सामने बनाई हुई संरचना है। प्राय: यह तीन ओर से खुली होती है और छत स्तंभों पर, या कभी कभी बिना स्तंभों के ही मुख्य भवन से निकली हुई बाहुधरनों पर आलंबित रहती है। अनेक प्राचीन मंदिरों में जैसे ऐहोल के दुर्गामंदिर में (५वीं शती), खजुराहो के महादेवमंदिर में (१०-११वीं शती), ओसिया, मारवाड़ के सूर्यमंदिर में ९-१०वीं शती) या मोढेरा, गुजरात के सूर्यमंदिर में भद्र का 'द्वारमंडप' स्वरूप विशेष दृष्टिगोचर है। खुजराहो के मंदिरों में इसे 'अर्द्धमंडप' नाम दिया जाता है। मुख्य मंदिर के अतिरिक्त यह अर्धमंडप होने के कारण, 'ड्योढ़ी' भी कहा जाने लगा। कहीं-कहीं यह तीन ओर से खुला न होकर केवल सामने की ओर ही खुला रहता है, जैसे कांचीपुरम् (कांजीवरम्) के वैकुठ पेरूपल मंदिर में (८वीं शती) या भुवनेश्वर के वैताल देबल मंदिर में। कालांतर में मुख्यद्वार के सामने निकले हुए किसी प्रकार के छज्जे को और अलंकरण के लिए बनाए गए स्तंभों को भी भद्र कहा जाने लगा। पश्चिम में भी 'पोर्च' शब्द का उपयोग वास्तविक ड्योढ़ी या द्वारमंडप के अर्थ में तो होता ही है, मुख्यद्वार पर बने स्तंभों सहित छज्जे के लिए या स्तंभश्रेणी के लिए भी होता है। अमरीका में तो तीन ओर से खुली हुई छतयुक्त कोई भी उपसंरचना जो किसी भी भवन से मिली हो 'पोर्च' कही जाती है। इस प्रकार इसमें और किसी बरामदे या शयनप्रांगण में प्राय: कुछ अंतर ही नहीं रह जाता। .

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धनबाद

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .

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धौली

धौली शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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धौली गिरि

धौलिगिरि हिल्स (उड़िया: ଧଉଳିଗିରି/धउळिगिरि) भुवनेश्वर (भारत) से 8 किमी दूर, दया नदी के किनारे पर स्थित है। इसके आसपास विशाल खुली जगह के साथ एक पहाड़ी है, और पहाड़ी के शिखर पर एक बड़े चट्टान में अशोक के शिलालेख उत्कीर्ण है। धौली पहाड़ी को कलिंग युद्ध क्षेत्र माना जाता है। यहां पाया गया चट्टान शिलालेखों नंबर I-X, XIV में दो ​​अलग-अलग कलिंग शिलालेखों शामिल हैं। कलिंग फतवे छठी में उन्होंने, पूरी दुनिया के कल्याण के लिए अपनी चिंता व्यक्त की है। शिलालेखों से ऊपर चट्टानों को काटकर जो हाथी बना है, वो ओडिशा के पूराने बौद्ध मूर्तियों मे से एक है। दया नदी लड़ाई के बाद मृतकों के खून से लाल हो गया था, और अशोक को युद्ध के साथ जुड़े आतंक की भयावहता का एहसास कराने सक्षम हुआ। कुछ शालों बाद धौली बौद्ध गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया। उन्होंने वहां कई चॅतिय, स्तूपों और स्तंभों का निर्माण किया। पहाड़ी के शीर्ष पर, एक चमकदार सफेद शांति शिवालय 1970 के दशक में जापान बुद्ध संघा और कलिंग निप्पॉन बुद्ध संघ द्वारा बनाया गया है। आस-पास के क्षेत्र में भी संभवतः अशोक के कई शिलालेखों है और विद्वानों के तर्क के रूप में टंकपाणी सड़क पर भाश्करेश्वर मंदिर में एक स्तूप पाया गया है। धौलीगिरि पहाड़ियों में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो शिवरात्रि समारोह के दौरान जन सभा के लिए एक बडी जगह है। .

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धौली, भुवनेश्वर

धौली भुवनेश्‍वर के दक्षिण में राजमार्ग संख्‍या 203 पर स्थित है। यह वही स्‍थान है जहां अशोक कलिंग युद्ध के बाद पश्‍चात्ताप की अग्नि में जला था। इसी के बाद उसने बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया और जीवन भर अहिंसा के संदेश का प्रचार प्रसार किया। अशोक के प्रसिद्ध पत्‍थर स्‍तंभों में एक यहीं है। इस स्‍तंभ (257 ई.पू.) में अशोक के जीवन दर्शन का वर्णन किया गया है। यहां का शांति स्‍तूप भी घूमने लायक है जो कि धौली पहाड़ी के चोटी पर बना हुआ है। इस स्‍तूप में भगवान बुद्ध की मूर्त्ति तथा उनके जीवन से संबंधित विभिन्‍न घटनाओं की मूर्त्तियां स्‍थापित है। इस स्‍तूप से 'दया नदी' का विहंगम नजारा दिखता है। प्रवेश शुल्‍क: नि:शुल्‍क। समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक। सभी दिन खुला हुआ। श्रेणी:ओड़िशा के शहर श्रेणी:ओड़िशा का इतिहास.

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नयागढ़

नयागढ़ उड़ीसा के नयागढ़ जिला का मुख्यालय है। पूर्वी उड़ीसा में 3954 वर्ग किलोमीटर में फैले नयागढ़ जिले का 40 प्रतिशत हिस्सा जंगलों से घिरा है। बुधबुधियानी का सिंचाई पावर प्रोजेक्ट और गर्म पानी का झरना यहां का मुख्य आकर्षण है। इसके साथ ही यह स्थान चमड़े की कारीगरी, पीतल आदि धातुओं के उपकरणों और चीनी मिल के लिए प्रसिद्ध है। बरतुंगा नदी यहां बहने वाली प्रमुख नदी हे। बारामुल, कंतिलो, ओदागांव, जामुपटना, सारनकुल, रानापुर और कुअनरिया आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। यहां से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 5 इसे देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। .

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नारोमुरार

नारोमुरार वारिसलीगंज प्रखण्ड के प्रशाशानिक क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से 10 KM और बिहार राजमार्ग 59 से 8 KM दूर बसा एकमात्र गाँव है जो बिहार के नवादा और नालंदा दोनों जिलों से सुगमता से अभिगम्य है। वस्तुतः नार का शाब्दिक अर्थ पानी और मुरार का शाब्दिक अर्थ कृष्ण, जिनका जन्म गरुड़ पुराण के अनुसार विष्णु के 8वें अवतार के रूप में द्वापर युग में हुआ, अर्थात नारोमुरार का शाब्दिक अर्थ विष्णुगृह - क्षीरसागर है। प्रकृति की गोद में बसा नारोमुरार गाँव, अपने अंदर असीम संस्कृति और परंपरा को समेटे हुए है। यह भारत के उन प्राचीनतम गांवो में से एक है जहाँ 400 वर्ष पूर्व निर्मित मर्यादा पुरुषोत्तम राम व् परमेश्वर शिव को समर्पित एक ठाकुर वाड़ी के साथ 1920 इसवी, भारत की स्वतंत्रता से 27 वर्ष पूर्व निर्मित राजकीयकृत मध्य विद्यालय और सन 1956 में निर्मित एक जनता पुस्तकालय भी है। पुस्तकालय का उद्घाटन श्रीकृष्ण सिंह के समय बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा की गयी थी। .

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नागपुर

नागपुर (अंग्रेज़ी: Nagpur, मराठी: नागपूर) महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या २४ लाख (१९९८ जनगणना के अनुसार) है। नागपुर भारत का १३वा व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी। नागपुर, एक जिला है व ऐतिहासिक विदर्भ (पूर्व महाराष्ट्र का भाग) का एक प्रमुख शहर भी। नागपुर शहर की स्थापना गोण्ड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य में शामिल हो गया। १९वी सदी मैं अंग्रेज़ी हुकुमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है। .

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नवीन पटनायक

नवीन पटनायक (जन्म 16 अक्टूबर 1946) भारतीय राज्य ओडिशा के १४वें और वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वे बीजू जनता दल के संस्थापक मुखिया हैं और वे लेखक भी हैं। .

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नंदिनी सत्पथी

नंदिनी सत्पथी (ନନ୍ଦିନୀ ଶତପଥୀ; 9 जून 1931;– 4 अगस्त 2006) एक भारतीय लेखिका और राजनीतिज्ञ थी। वे जून 1972 से दिसंबर 1976 तक ओडिशा की मुख्यमंत्री रहीं। .

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पुरुषोत्तम एक्सप्रेस

पुरुषोत्तम एक्सप्रेस भारतीय रेलवे द्वारा संचालित एक प्रमुख रेलगाडी है जो पुरी से नयी दिल्ली तक चलती है। पूरी यात्रा तय करने में यह रेल लगभग ३२ घंटे का समय लेती है एवं अपनी यात्रा के दौरान गाजियाबाद, अलीगढ, कानपुर, गोमो, पुरुलिया, टाटानगर खरगपुर, बालासोर, भद्रक, एवं भुवनेश्वर स्टेशनों से होकर गुजरती है। .

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पुलिस महानिदेशक

पुलिस महानिदेशक राज्य के पुलिस बल का मुखिया होता है। प्रशानिक दृष्टि से प्रत्येक राज्य को क्षेत्रीय मंडलों में बांटा जाता है, जिसे रेंज कहते है। और प्रत्येक पुलिस रेंज,पुलिस महानिरीक्षक के प्रशासनिक नियंत्रण में होता है। एक रेंज में अनेक जिले हो सकते हैं। जिला पुलिस को मुख्यतः पुलिस डिवीजन, सर्कलों और थानों में विभाजित किया जाता है। नागरिक पुलिस के अलावा राज्य के पास अपनी स्वयं की सशस्त्र पुलिस रखने का अधिकार भी हैं और उनमें अलग से गुप्तचर शाखायें, अपराध शाखायें आदि का प्रावधान भी होता हैं। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर,हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर,पुणे, भुवनेश्वर,कटक जैसे बड़े महानगरों में पुलिस व्यवस्था का मुखिया,प्रत्यक्ष रूप से पुलिस आयुक्त होता है। विभिन्न राज्यों में उच्च पुलिस अधिकारी पदों पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है, जिसकी भर्ती परीक्षा में पूरे भारत के अभ्यर्थी शामिल होते हैं। .

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प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना

'प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना एक योजना है इसका उद्देश्य देश के विभिन्न भागों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी के लिए सामान रूप से उपलब्ध करवाना है ' इस योजना के अंतर्गत देश के पिछड़े राज्यों में चिकित्सा शिक्षा को बेहतर करने हेतु सुविधाएँ उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित है। इस योजना को मार्च 2006 में मंजूरी दी गई थी। .

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पूर्वी तटीय रेलवे

पूर्वी तटीय रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे), भारतीय रेलवे का एक ब्लू चिप रेलवे जोन है और अपने मौजूदा स्वरूप में 1 अप्रैल 2003 से अस्तित्व में है। तब से इस नई जोनल रेलवे का मुख्यालय भुवनेश्वर में कार्य कर रहा है। इस रेलवे के भौगोलिक अधिकार क्षेत्र का विस्तार तीन राज्यों, पूर्वोत्तर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयीनगरम तथा छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों एवं उड़ीसा के लगभग सभी हिस्सों में फैला हुआ है। इस प्रकार, ये एक लंबी तटीय जोन होने के साथ-साथ, इन क्षेत्रों में खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धता है जिसके कारण इस क्षेत्र में भारी औद्योगिक विकास होने वाला है। इस क्षेत्र में कई खनिज आधारित उद्योगों के साथ, बड़ी इस्पात संयंत्र और रासायनिक उर्वरक संयंत्र आने वाले हैं और परिवहन की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए पूर्वी तट रेलवे एक मुख्य भूमिका निभाने के लिए तैयार है। पारादीप, विशाखापत्तनम और गोपालपुर जैसे प्रमुख बंदरगाहों में रेल की क्षमता में वृद्धि करने एवं माल निपटान की सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की तैयारियां चल रही हैं। औद्योगिक गतिविधियों के प्रत्याशित विकास की मांग को पूरा करने के लिए, रेल की बुनियादी ढांचे में विकास हेतु वर्तमान विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। .

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पूर्वी भारत

पूर्वी भारत, में भारत के पूर्व के क्षेत्र आते हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार एवं झारखंड राज्य शामिल हैं। यहां बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, बांग्ला, उड़िया, उर्दु तथा मैथिली आती हैं। यहां के बड़े शहरों में कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, कटाक, रांची, राउरकेला हैं। .

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बरेंद्र कृष्ण ढल

बरेंद्र कृष्ण ढल(ओडिया:ବରେନ୍ଦ୍ର କୃଷ୍ଣ ଧଳ,अँग्रेजी:Barendra Krushna Dhal,25 मार्च 1941 – 9 अगस्त 2016), उड़िया भाषा के पत्रकार, साहित्यकार एवं स्तंभकार थे। उन्होंने 19 पुस्तकों की रचना की। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में निषेदा प्रेमा, नाइका और मुखा का नाम आता है। उन्होंने 6 बांग्ला उपन्यासों का अनुवाद भी किया। समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में उनका लेख खुला विचार शीर्षक से प्रकाशित होता था। उनका जन्म 17 मार्च, 1939 को कटक जिले के बनाकी में हुआ था। उन्हें भुवनेश्वर में 1985 में राज्य का पहला पुस्तक मेला आयोजित करने का श्रेय जाता है। उन्हें वर्ष 1993 में बंगाली उपन्यास सम्बा के अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था। 9 अगस्त, 2016 को 77 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। .

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बहुउद्देश्यीय निदर्शन विद्यालय,भुवनेश्वर

बहुउद्देश्यीय निदर्शन विद्यालय, भुबनेश्वर क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भुवनेश्वर का एक अभिन्न अंग हॅ और शिक्षक शिक्षा और स्कूली शिक्षा मे नवाचार पद्धतियो का प्रोयोग करने हेतु प्रोयोगशाला के रूप मे कार्य करता हँ | यह केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हँ और कक्षा एक से बारह तक अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करता हँ। श्रेणी:ओड़िशा में विद्यालय.

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बिन्दुसागर झील

बिन्दुसागर झील उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है, यहाँ की अन्य झीलों से यह काफ़ी बड़ी और ख़ूबसूरत है। लिंगराज मन्दिर के उत्तर में स्थित चारों ओर पत्थरों के घेरे में 1,300 फुट लम्बी व 700 फुट चौड़ी यह झील भुवनेश्वर की सबसे बड़ी झील है। कहा जाता है कि इस झील के चारों ओर 7,000 मंदिर थे। 500 मंदिरों के अवशेष तो आज भी पाये जाते हैं। इन मंदिरों का निर्माण आठवीं शताब्दी से लेकर 13 वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। लगभग बारह मंदिर जिनमें प्रमुख रूप से लिंगराज मन्दिर तो आज भी श्रद्धालुओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। जनश्रुति है कि बिन्दु सागर झील में भारत की सभी पावन नदियों, झीलों, कुंडों और सरोवरों का पवित्र जल मिश्रित है। बिन्दुसागर झील के मध्य में एक द्वीप है जहाँ प्रतिवर्ष लिंगराज की प्रतिमा को मंदिर से लाकर यहाँ भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है। श्रेणी:ओड़िशा में पर्यटन आकर्षण.

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बिग एफएम (रेडियो)

150px बिग एफएम (रेडियो), एक राष्ट्रव्यापी निजी एफएम रेडियो स्टेशन है। इस रेडियो स्टेशन के मालिक प्रसिद्द भारतीय व्यवसायी अनिल अम्बानी हैं। यह रेडियो स्टेशन ९२.७ मेगाहर्ट्स एफएम बैंड फ्रिकुएंसी पर प्रसारित होता है। वर्तमान में यह स्टेशन ४४ विभिन्न शहरों में प्रसारित होता है। यह एकमात्र ऐसा रेडियो स्टेशन है जो कि जम्मू और कश्मीर में भी प्रसारित होता है। १ जुलाई २००८ से बिग एफएम सिंगापूर में भी अपना प्रसारण शुरू कर दिया। सिंगापूर में यह सुबह ५ बजे से रत ८ बजे तक हर रोज़ ९६.३ मेगाहर्ट्स पर प्रसारित होता है। बिग एफएम रेडियो का टैगलाइन है - "सुनो सुनाओ, लाइफ बनाओ" .

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बुधिया सिंह

बुधिया सिंह (जन्म 2002) भारत के ओड़िशा राज्य का एक शिशु मैराथन धावक है। लंबी दौड़ के लिए 'लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाडर्स' में उसका नाम सम्मिलित हो गया है।उड़ीसा के साढ़े चार साल के मैराथन धावक बुधिया सिंह ने 65 किलोमीटर की दूरी सात घंटे और दो मिनट में तय करके नया रिकॉर्ड बनाया है.

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ब्रह्मपुर

ब्रह्मपुर(ओड़िआ: ବ୍ରହ୍ମପୁର, जो रेशम नगरी के नाम से जाना जाता है, ओड़िशा राज्य का प्रमुख एबं पुरातन नगरों में से एक है। ब्रह्मपुर भारत के पूर्व तट से लगा है। यह नगर, रेशम के शाढी, मंदिर एवं इसकी संस्क्रूति के लिए प्रसिध है। ब्रह्मपुर की जनसंख्या 2009 (संभाभित) के अनुसार 4 लाख से ज्यादा है। .

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बीमा लोकपाल

बीमा अनुबंध भारत सरकार .

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बीजू पटनायक विमानक्षेत्र

भुवनेश्वर विमानक्षेत्र भुवनेश्वर में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VEBS और IATA कोड है BBI। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 7300 फी.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में दर्शनशास्त्र

भारत में दर्शनशास्त्र के दशा और दिशा के अध्ययन को हम दो भागों में विभक्त करके कर सकते हैं -.

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भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची

भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची। भारत ने सर्वाधिक हिंदी भाषा के समाचार पत्र सर्कुलेट होते हैं उसके बाद इंग्लिश और उर्दू समाचारपत्रों का स्थान है। .

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत में स्मार्ट नगर

भारत में स्मार्ट नगर की कल्पना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है जिन्होंने देश के १०० नगरों को स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है। सरकार ने २७ अगस्त २०१५ को ९८ प्रस्तावित स्मार्ट नगरों की सूची जारी कर दी। .

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भारत में सैन्य अकादमियाँ

भारतीय सैन्य सेवा ने पेशेवर सैनिकों को नई पीढ़ी के सैन्य विज्ञान, युद्ध कमान तथा रणनीति और सम्बंधित प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न हिस्सों में कई प्रतिष्ठित अकादमियों और स्टाफ कॉलेजों की स्थापना की है। .

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भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ

भारत अनादि काल से संस्कृति, आस्था, आस्तिकता और धर्म का महादेश रहा है। इसके हर भाग और प्रान्त में विभिन्न देवी-देवताओं से सम्बद्ध कुछ ऐसे अनेकानेक प्राचीन और (अपेक्षाकृत नए) धार्मिक स्थान (तीर्थ) हैं, जिनकी यात्रा के प्रति एक आम भारतीय नागरिक पर्यटन और धर्म-अध्यात्म दोनों ही आकर्षणों से बंधा इन तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए सदैव से उत्सुक रहा है। .

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भारत के प्रवेशद्वार

प्रवेशद्वार:भारत के सभि राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश १. प्रवेशद्वार:अरुणाचल प्रदेश (इटानगर) २. प्रवेशद्वार:असम (दिसपुर) ३. प्रवेशद्वार:उत्तर प्रदेश (लखनऊ) ४. प्रवेशद्वार:उत्तरांचल (देहरादून) ५. प्रवेशद्वार:उड़ीसा (भुवनेश्वर) ६. प्रवेशद्वार:अंडमान और निकोबार द्वीप* (पोर्टब्लेयर) ७. प्रवेशद्वार:आंध्र प्रदेश (हैदराबाद) ८. प्रवेशद्वार:कर्नाटक (बंगलोर) ९. प्रवेशद्वार:केरल (तिरुवनंतपुरम) १०.

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की राजधानियों की है। भारत में कुल 29 राज्य और 7 केन्द्र-शासित प्रदेश हैं। सभी राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों, दिल्ली और पौण्डिचेरी, में चुनी हुई सरकारें और विधानसभाएँ होती हैं, जो वॅस्टमिन्स्टर प्रतिमान पर आधारित हैं। अन्य पाँच केन्द्र-शासित प्रदेशों पर देश की केन्द्र सरकार का शासन होता है। 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अन्तर्गत राज्यों का निर्माण भाषाई आधार पर किया गया था, और तबसे यह व्यवस्था लगभग अपरिवर्तित रही है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश प्रशासनिक इकाईयों में बँटा होता है। नीचे दी गई सूची में राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की विभिन्न प्रकार की राजधानियाँ सूचीबद्ध हैं। प्रशासनिक राजधानी वह होती है जहाँ कार्यकारी सरकार के कार्यालय स्थित होते हैं, वैधानिक राजधानी वह है जहाँ से राज्य विधानसभा संचालित होती है, और न्यायपालिका राजधानी वह है जहाँ उस राज्य या राज्यक्षेत्र का उच्च न्यायालय स्थित होता है। .

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

कोई विवरण नहीं।

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भारत के हवाई अड्डे

यह सूची भारत के हवाई यातायात है। .

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भारती मठ मंदिर , भुवनेश्वर , ओड़ीशा

भारती मठ भारतीय राज्य ओड़ीशा का राजधानी सहर भुवनेश्वर का एक शिब मंदिर है। एह एका प्राचीन 3 तल्ला भबन पर है और इसे 11 बा सताब्दी में बनाया गया था। आबी इसी मे पूजा आराधना के साथ एक " मठ " के रूप में भी श्रर्द्धालुयाओन को आकर्षित करता है।   .

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भारतीय दुर्गों की सूची

यहाँ भारत स्थित दुर्गों की सूची दी गयी है। .

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भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान

भारतीय पर्यटन संस्थान और यात्रा प्रबंधन (आईआईटीटीएम) एक संस्थान है, जो ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत, के साथ भुवनेश्वर, नोएडा, नेल्लोर और गोवा आदि में भी स्थित है। यह पर्यटन, यात्रा और अन्य संबंधित क्षेत्रों के प्रबंधन में प्रशिक्षण, शिक्षा और अनुसंधान हेतु पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। यह पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के अन्तर्गत एक स्वायत्त संस्था है। इसे 1983 में स्थापित किया गया था। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, बिहार का एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है जो उन आठ भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों में से एक है, जिसे केंद्र सरकार ने वर्ष 2008- 2009 के मध्य स्थापित किया था। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का परिसर पटना शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित बिहटा में स्थित है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना का परिसर राजधानी पटना से 25 किलोमीटर दूर बिहटा नामक स्थान पर लगभग 500 एकड़ भूमि पर निर्मित किया गया है। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्थान है। संस्थान का पहला सत्र सन २००८ में शरू हुआ। संस्थान ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। संस्थान अभी अस्थाई कैम्पस में चल रहा है। सन २०१२ तक संस्थान अपने स्थाई कैम्पस में स्थानांतरित हो जाएगा। इस संस्थान में बी टेक, एम टेक, तथा पी-एच डी के लिये छात्रों की भर्ती की जाती है। .

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भारतीय मनोविज्ञान

भारतीय मनोविज्ञान भारत में अति प्राचीन काल से आज तक हुए मनोवैज्ञानिक अध्ययनों और अनुसंधानों का समग्र रूप है।'भारतीय' कहने से यही तात्पर्य है कि भारतीय संस्कृति की पृष्टभूमि में जिस मनोविज्ञान का विकास हुआ वह इस क्षेत्र में भारत का विशेष योगदान माना जा सकता है। .

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्षों की सूची

१९३८ के हरिपुरा सम्मेलन में (बाएं से दाएं) महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चन्द्र बोस और वल्लभ भाई पटेल। गले में फीता पहने बोस इस सम्मेलन के अध्यक्ष थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्वतंत्र भारत का प्रमुख राजनीतिक दल है और इस की स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व १८८५ में हुई थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष दल के चुने हुए प्रमुख होते है जो आम जनता के साथ दल के रिश्ते को प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार होते है। .

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भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय स्थापत्यकला

सांची का स्तूप अजन्ता गुफा २६ का चैत्य भारत के स्थापत्य की जड़ें यहाँ के इतिहास, दर्शन एवं संस्कृति में निहित हैं। भारत की वास्तुकला यहाँ की परम्परागत एवं बाहरी प्रभावों का मिश्रण है। भारतीय वास्तु की विशेषता यहाँ की दीवारों के उत्कृष्ट और प्रचुर अलंकरण में है। भित्तिचित्रों और मूर्तियों की योजना, जिसमें अलंकरण के अतिरिक्त अपने विषय के गंभीर भाव भी व्यक्त होते हैं, भवन को बाहर से कभी कभी पूर्णतया लपेट लेती है। इनमें वास्तु का जीवन से संबंध क्या, वास्तव में आध्यात्मिक जीवन ही अंकित है। न्यूनाधिक उभार में उत्कीर्ण अपने अलौकिक कृत्यों में लगे हुए देश भर के देवी देवता, तथा युगों पुराना पौराणिक गाथाएँ, मूर्तिकला को प्रतीक बनाकर दर्शकों के सम्मुख अत्यंत रोचक कथाओं और मनोहर चित्रों की एक पुस्तक सी खोल देती हैं। 'वास्तु' शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के 'वस्' धातु से हुई है जिसका अर्थ 'बसना' होता है। चूंकि बसने के लिये भवन की आवश्यकता होती है अतः 'वास्तु' का अर्थ 'रहने हेतु भवन' है। 'वस्' धातु से ही वास, आवास, निवास, बसति, बस्ती आदि शब्द बने हैं। .

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भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान

भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST / आई॰ आई॰ एस॰ टी॰) भारत एवं एशिया का प्रथम अंतरिक्ष विश्वविद्यालय है। यह तिरुवनंतपुरम शहर के वलियमला क्षेत्र में स्थित है। इसकी स्थापना १४ सितम्बर २००७ को गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर हुई थी। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ॰ ए. पी.

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भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस डाउन

भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2444) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) से 05:20PM बजे छूटती है। यह ट्रेन भुबनेश्वर (स्टेशन कोड: BBS) पर 05:35PM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन बुधवार, शनिवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 24 घंटे 15 मिनट है। .

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भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस अप

भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2443) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह भुबनेश्वर (स्टेशन कोड: BBS) से 09:05AM बजे छूटती है। यह ट्रेन नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) पर 10:20AM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन सोमवार, शुक्रवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 25 घंटे 15 मिनट है। .

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भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस २४२१ अप

भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2421) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह भुबनेश्वर (स्टेशन कोड: BBS) से 11:25AM बजे छूटती है। यह ट्रेन नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) पर 10:35AM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन रविवार, बुधवार, शनिवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 23 घंटे 10 मिनट है। श्रेणी:राजधानी रेल.

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भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस २४२२ डाउन

भुबनेश्वर राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2422) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) से 05:20PM बजे छूटती है। यह ट्रेन भुबनेश्वर (स्टेशन कोड: BBS) पर 04:00PM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन रविवार, सोमवार, शुक्रवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 22 घंटे 40 मिनट है। श्रेणी:राजधानी रेल.

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भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस

भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस एक राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन है यह ट्रेन भुवनेश्वर,ओडिशा से शुरू है और नई दिल्ली तक चलती है। भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस आद्रा (22811/12) और बोकारो (22823/24) होते हुए नई दिल्ली चलती है?। इससे पहले यह ट्रेन हावड़ा होते हुए नई दिल्ली चलती थी। .

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भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन

भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन भुवनेश्वर शहर का रेलवे स्टेशन है। श्रेणी:उड़ीसा के रेलवे स्टेशन.

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भौतिकी संस्थान, भुवनेश्वर

भौतिकी संस्थान का पुस्तकालय भुवनेश्वर स्थित भौतिकी संस्थान भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग का एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है। .

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मयूरभंज जिला

मयूरभंज ओड़िशा राज्य का एक अनुसूचित जिला है (पाँचवी अनुसूची के अन्तर्गत)। इसका मुख्यालय बारिपदा में है। यह अनुसूचित जनजाति बहुल जिला है। संथाल और हो यहाँ की मुख्य भाषाएँ हैं। शहरी इलाकों मे उड़िया भाषा का भी प्रयोग होता है। यहां का मुख्य आकर्षण है सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान। यह जिला पूर्व में बालेश्वर, दक्षिण में केंदुझरगढ़ तथा उत्तर एवं परिश्चम में झारखण्ड के के सिंहभूम जिले से घिरा है। जिले के दक्षिण में मेघासनी पहाड़ी सागरतल से ३,८२४ फुट तक ऊँची है। यहाँ पर लोहा बड़ी मात्रा में निकाला जाता है। अभ्रक भी मिलता है। मयूरभंज एक समय में ओड़ीशा का एक महत्‍वपूर्ण साम्राज्‍य था। भारत की स्वतन्त्रता के बाद भी इस राज्‍य का अस्तित्‍व बरकरार था। लेकिन 1 जनवरी 1949 में इसे ओड़ीशा में शामिल किया था। प्रकृति की अनुपम सुंदरता यहां बिखरी पड़ी है। प्राकृतिक सुंदरता के अलावा इस स्थान को कला, जूट मिल्स, तुषार मिल, पत्थर की कारीगरी और चरखा मिल के लिए भी जाना जाता है। बुढाबलंग नदी इस क्षेत्र की सुंदरता में और वृद्धि करती है। बारीपदा, सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान, खिचिं, किचकेश्वरी मंदिर, मानात्री आदि यहां के लोकप्रिय दर्शनीय स्थल हैं। .

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मयीलाडूतुरै

माइलादुत्रयी भारत के तमिलनाडु राज्य के नागपट्टिनम जिले में एक शहर और एक नगर पालिका है। माइलादुत्रयी एक प्रसिद्ध रेलवे जंक्शन है और शहर क्षेत्र के प्रमुख शहरों जैसे तिरुचिरापल्ली, तंजावुर, कुंभकोणम और तिरुवरुर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। .

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महामेघवाहन वंश

भुवनेश्वर के समीप उदयगिरि पहाड़ी पर हाथीगुंफा के अभिलेख से कलिंग में एक चेति (चेदि) राजवंश का इतिहास ज्ञात होता है। यह वंश अपने को प्राचीन चेदि नरेश वसु की संतति (वसु-उपरिचर) कहता है। कलिंग में इस वंश की स्थापना संभवत: महामेघवाहन ने की थी जिसके नाम पर इस वंश के नरेश महामेघवाहन भी कहलाते थे। खारवेल, जिसके समय में हाथीगुंफा का अभिलेख उत्कीर्ण हुआ इस वंश की तीसरी पीढ़ी में था। महामेघवाहन और खारवेल के बीच का इतिहास अज्ञात है। महाराज वक्रदेव, जिसके समय में उदयगिरि पहाड़ी की मंचपुरी गुफा का निचला भाग बना, इस राजवंश की संभवत: दूसरी पीढ़ी में था और खारवेल का पिता था। .

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मुक्‍तेश्‍वर मन्दिर

मुक्‍तेश्‍वर मन्दिर भुवनेश्वर के ख़ुर्द ज़िले में स्थित है। मुक्‍तेश्‍वर मन्दिर दो मन्दिरों का समूह है: परमेश्‍वर मन्दिर तथा मुक्‍तेश्‍वर मन्दिर। मुक्तेश्वर मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है और यह मन्दिर एक छोटी पहाड़ी पर बना हुआ है इस मन्दिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यहाँ भगवान शिव के साथ ब्रह्मा, विष्णु, पार्वती, हनुमान और नंदी जी भी विराजमान हैं। मन्दिर के बाहर लंगूरों का जमावड़ा लगा रहता है। .

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मेरठ

मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ नगर निगम कार्यरत है। यह प्राचीन नगर दिल्ली से ७२ कि॰मी॰ (४४ मील) उत्तर पूर्व में स्थित है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (ऍन.सी.आर) का हिस्सा है। यहाँ भारतीय सेना की एक छावनी भी है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित और शिक्षित होते जिलों में से एक है। मेरठ जिले में 12 ब्लॉक,34 जिला पंचायत सदस्य,80 नगर निगम पार्षद है। मेरठ जिले में 4 लोक सभा क्षेत्र सम्मिलित हैं, सरधना विधानसभा, मुजफ्फरनगर लोकसभा में हस्तिनापुर विधानसभा, बिजनौर लोकसभा में,सिवाल खास बागपत लोकसभा क्षेत्र में और मेरठ कैंट,मेरठ दक्षिण,मेरठ शहर,किठौर मेरठ लोकसभा क्षेत्र में है .

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यमेश्वर मंदिर

यमेश्वर या जमेश्वर मंदिर एक बहुत ही पुरानी मंदिर है जो शिव भगवान  को समर्पित  है। यह भुवनेश्वर में जमेश्वर पाटणा के पास भारती मठ निक्ट स्थित है।   .

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याजपुर

याजपुर ओडिशा के तीन स्थल प्रख्यात हैं- भुवनेश्वर, याजपुर तथा कोणार्क। पुराणों के अनुसार कालिका पुराण के अनुसार प्रथम पीठ 'औंड्र पीठ' है- "औंड्राख्यं प्रथमं पीठं द्वितीयं जाल शैलकम्।...औंड्रपीठं पश्चिमे तु तथैवोंड्रेश्वरी शिवाम्। कात्यायनीं जगन्नाथ मोड्रेशं च प्रपूजयेता॥" यह औण्ड्रपीठ ही ओडिशा है तथा जगन्नाथ जी के प्रभु पुरुषोत्तम जगन्नाथ ही तंत्र चूड़ामणि के उल्लिखित भैरव (जगन्नाथ) हैं। याजपुर की विरजा देवी उत्कल की प्रधान देवी हैं जिनका वर्णन ब्रह्मपुराण में इस प्रकार मिलता है- विरजे विरजा माता ब्रह्माणी संप्रतिष्ठिता। यस्याः संदर्शनात्मर्त्यः घुनात्या सप्तमं कुलम्॥ याजपुर को महत्त्वपूर्ण प्राचीन तीर्थस्थान माना जाता है। याजपुर मंदिर में द्विभुजी देवी विरजा तथा उनके वाहन सिंह की प्रतिमा है। कहते हैं, ब्रह्मा द्वारा यहाँ किए गए यज्ञ-कुण्ड से देवी का प्राकट्य हुआ। यह मंदिर वैतरणी नदी घाट से लगभग 2 किलोमीटर दूर प्राचीन गरुड़स्तंभ के पास है। यहाँ पर श्राद्ध-तर्पण आदि का विशेष महत्त्व है। इसे नाभि गयाक्षेत्र, चक्रक्षेत्र आदि भी कहते हैं। .

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रणजी ट्रॉफी 2016-17 ग्रुप सी

रणजी ट्रॉफी 2016-17 की रणजी ट्रॉफी, भारत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट के 83 वें मौसम है। यह तीन समूहों में विभाजित 28 टीमों ने चुनाव लड़ा जा रहा है। ग्रुप ए और बी नौ टीमों का समावेश है और ग्रुप सी दस टीमों के शामिल हैं। .

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रणजी ट्रॉफी ग्रुप सी 2017-18

रणजी ट्रॉफी 2017-18 भारत की प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का 84 वां सत्र है। यह 28 टीमों द्वारा चार समूहों में विभाजित किया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक में सात टीम हैं। .

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रत्नागिरि (ओडिशा)

रत्नागिरि, ओडिशा के जाजपुर जिले में स्थित एक प्राचीन बौद्ध-स्थल है। यह भुवनेश्वर ने लगभग सौ किमी दूर है। .

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राँची

राँची भारत का एक प्रमुख नगर और झारखंड प्रदेश की राजधानी है। यह झारखंड का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। इसे झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। झारखंड आंदोलन के दौरान राँची इसका केन्द्र हुआ करता था। राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने हैं। राँची के साथ साथ जमशेदपुर और बोकारो इस प्रांत के दो अन्य प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं। राँची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के अन्तर्गत एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। राँची भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर होने के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड की राजधानी राँची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इन पर्यटक स्थलों की सैर करने के अलावा यहां पर प्रकृति की बहुमूल्य देन झरनों के पास बेहतरीन पिकनिक भी मना सकते हैं। राँची के झरनों में पांच गाघ झरना सबसे खूबसूरत है क्योंकि यह पांच धाराओं में गिरता है। यह झरने और पर्यटक स्थल मिलकर राँची को पर्यटन का स्वर्ग बनाते हैं और पर्यटक शानदार छुट्टियां बिताने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं। राँची का नाम उराँव गांव के पिछले नाम से एक ही स्थान पर, राची के नाम से लिया गया है। "राँची" उराँव शब्द 'रअयची' से निकला है जिसका मतलब है रहने दो। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आत्मा के साथ विवाद के बाद,एक किसान ने अपने बांस के साथ आत्मा को हराया। आत्मा ने रअयची रअयची चिल्लाया और गायब हो गया। रअयची राची बन गई, जो राँची बन गई। राची के ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण पड़ोस में डोरांडा (दुरन "दुरङ" का अर्थ है गीत और दाह "दएः" का अर्थ मुंदारी भाषा में जल है)। डोरांडा हीनू (भुसूर) और हरमू नदियों के बीच स्थित है, जहां ब्रिटिश राज द्वारा स्थापित सिविल स्टेशन, ट्रेजरी और चर्च सिपाही विद्रोह के दौरान विद्रोही बलों द्वारा नष्ट किए गए थे। .

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रामदेवी चौधरी

रामदेवी चौधरी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थीं। उड़ीसा के लोगों उन्हें माँ कहते थे। वह गोपाल बल्लाव दास की बेटी थीं और १५ वर्ष की आयु में, उनकी गोपाबन्धु चौधरी से शादी हुई।.

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राष्ट्रीय प्रवेश पृथक्करण परीक्षा

राष्ट्रीय प्रवेश पृथक्करण परीक्षा (National Entrance Screening Test या NEST) भारत में प्रतिवर्ष होने वाली एक महाविद्यालय प्रवेश-परीक्षा है। इस परीक्षा की मेरिट के आधार पर राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान(NISER), भुवनेश्वर तथा मौलिक विज्ञान प्रकर्ष केन्द्र, मुम्बई (UM-DAE CBS) में प्रवेश् दिया जाता है। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग २०३

५९ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग उड़ीसा में भुवनेश्वर को पुरी से जोड़ता है। है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ५

१५३३ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग बहराघोड़ा में राष्ट्रीय राजमार्ग 6 के पास से निकलकर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई तक जाता है। इसका रूट बहराघोड़ा – कटक - भुवनेश्वर – विशाखापटनम - विजयवाड़ा - चेन्नई है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (अंग्रेज़ी:नेशनल काउन्सिल ऑफ टीचर्स एड्युकेशन, लघु:NCTE) भारत सरकार की एक संस्था है, जिसकी स्थापना राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद अधिनियम, १९९३ (#७३, १९९३) के अन्तर्गत १७ अगस्त, १९९५ में की गई थी। इसका उत्तरदायित्व भारतीय शिक्षा प्रणाली के मानक, प्रक्रियाएं एवं धाराओं की स्थापना एवं निरीक्षण करना है। .

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राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान

राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान(NISER) भुवनेश्वर स्थित एक शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान है। इस संस्थान की स्थापना २८ अगस्त २००६ को हुई थी। इसी तरह के पाँच अन्य संस्थान मोहाली, भोपाल, पुणे, कोलकाता और तिरुअनन्तपुरम में स्थापित किए जा रहे हैं जिन्हें भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) नाम दिया गया है। राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा प्रायोजित है जबकि भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत आते हैं। .

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राजधानी एक्स्प्रेस

राजधानी एक्सप्रेस भारतीय रेल की एक पैसेंजर रेल सेवा है जो भारत की राजधानी दिल्ली को देश के विभिन्न राज्यों की राजधानी को जोड़ता है। .

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राजभवन (ओडिशा)

राजभवन भुवनेश्वर भारत के ओडिशा राज्य के राज्यपाल का आधिकारिक आवास है। यह राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। मुरलीधर चन्द्रकान्त भण्डारे ओडिशा के वर्तमान राज्यपाल हैं। ओडिशा में एतिहासिक रूप से तीन राजभवन रहे हैं: पुरी में ग्रीष्मकालीन रेज़ॉर्ट, कटक का लाल बाग महल और भुवनेश्वर का मुख्य राजभवन। .

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राजारानी मंदिर

राजारानी मंदिर एक ११ वीं शताब्दी के हिंदू मंदिर भारत के ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। माना जाता है कि मंदिर को मूल रूप से इंद्रेस्वार के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर में महिलाओं और जोड़ों के कामुक नक्काशी की वजह से स्थानीय रूप से "प्रेम मंदिर" के रूप में जाना जाता है। राजारानी मंदिर, दो संरचनाओं के साथ एक मंच पर पंचाट शैली में बनाया गया है: एक केंद्रीय मंदिर को एक बड़ा (कणिक शिखर) के साथ एक विस्फोट कहा जाता है, इसकी छत १८ मीटर (५९ फीट) की ऊंचाई पर बढ़ रहा है, और एक दृश्य हॉल एक पिरामिड छत के साथ जागोमोहन बुलाया जाता है। मंदिर का निर्माण सुस्त लाल और पीले बलुआ पत्थर से किया गया था जिसे स्थानीय रूप से "राजरानी" कहा जाता है। पवित्र स्थान के अंदर कोई छवि नहीं है, और इसलिए यह हिंदू धर्म के एक विशिष्ट संप्रदाय के साथ नहीं जुड़ा है, लेकिन मोटे तौर पर निवासी के आधार पर शैव के रूप में वर्गीकृत किया गया है। विभिन्न इतिहासकारों ने ११ वीं और १२ वीं शताब्दियों के बीच मूल निर्माण तिथि रखी और पुरी में जगन्नाथ मंदिर के रूप में लगभग उसी अवधि से संबंधित हैं। माना जाता है कि मध्य भारत में अन्य मंदिरों की वास्तुशिल्प इस मंदिर से पैदा हुई है, उल्लेखनीय लोगों में खजुराहो मंदिर और कदवा के तोतस्वर महादेव मंदिर हैं। मंदिर के चारों ओर की दीवारों पर विभिन्न मूर्तियां और शिव, नटराज, पार्वती के विवाह के दृश्यों का चित्रण, और विभिन्न भूमिकाओं और मूड में लंबा, पतला, परिष्कृत नायिका शामिल हैं, जैसे कि उसके सिर को क्षीणित संन्यासी से बदलना, अपने बच्चे से प्यार करते हुए, पेड़ की एक शाखा पकड़कर, उसके शौचालय में भाग लेते हुए, एक दर्पण की तलाश में, अपने पायल को बंद करने, अपने पालतू पक्षी को निहारना और संगीत वाद्ययंत्र बजाना। राजाराणी मंदिर भारत के पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा टिकटयुक्त स्मारक के रूप में रखा जाता है। .

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रोमुअलड डी'सुजा

रोमुअलड डी'सुजा (Romuald D'Souza) (20 दिसंबर 1925) एक ईसाई पादरी और गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के संस्थापक निदेशक हैं। इसका जन्म एल्डनो, गोवा, भारत मे हुआ था। वह 1982-1989 तक जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जमशेदपुर के निदेशक रहे। 1987 में, उन्होंने जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर की स्थापना की और 1 99 3 तक इसके निदेशक रहे थे। डी सूजा ने विभिन्न अकादमिक संगठनों के सदस्य के रूप में कार्य किया है जैसे दक्षिण एशिया के प्रबंधन विकास संस्थान एसोसिएशन, ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, भारत सरकार, गोवा विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद, उत्कल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद आदि। उन्होंने मैरिएन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थकेयर मैनेजमेंट, गोवा की स्थापना भी की है। 26 जनवरी 2010 को उन्हें शिक्षा और साहित्य में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता के रूप में घोषित किया गया। .

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रोआनू चक्रवात

रोआनू चक्रवात श्रीलंका और भारत से होते हुए 21 मई को दोपहर के समय बांग्लादेश में पहुँचा जिसके कारण बांग्लादेश के कई तटीय इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं तथा कई इलाकों में जमीनें धंस गयी हैं। विभिन्न समाचार पत्रों के अनुसार अब तक लगभग 24 लोगों के मारे जाने की ख़बर है तथा पाँच लाख लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ा है। चक्रवात की वजह से पूरे बांग्लादेश में बिजली आपूर्ति बाधित है तथा कई बन्दरगाहों पर कार्य पर रोक लगा दी है। चक्रवात से श्रीलंका में लगभग ९२ तथा बांग्लादेश में २६ लोगों की जाने गयी। इनके अलावा भारतीय राज्यों तमिलनाडु,उड़ीसा, केरल तथा आंध्रप्रदेश में भारी मूसलाधार बारिश हुई। .

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लाइव इंडिया

लाइव इंडिया, जिसे पहले जनमत नाम से जाना जाता था, एक भारतीय हिन्दी समाचार चैनल है। जिसके प्रधान संपादक सतीश के सिंह है। लाइव इंडिया ग्रुप डेली अखबार औऱ मैगजीन का भी संचालन करता है। इसने अगस्त 2007 में अहमदाबाद, लखनऊ, श्रीनगर, चंडीगढ़, भोपाल, हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई, भुवनेश्वर, कोलकाता और गुवाहाटी में अपने विभाग खोले। इससे पहले इनका कार्यालय मुंबई और दिल्ली में था। .

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लिंगराज मंदिर

लिंगराज मंदिर भारत के ओडिशा प्रांत की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह भुवनेश्वर का मुख्य मन्दिर है तथा इस नगर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यह भगवान त्रिभुवनेश्वर को समर्पित है। इसे ललाटेडुकेशरी ने 617-657 ई. में बनवाया था। यद्यपि इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप 1090-1104 में बना, किंतु इसके कुछ हिस्से 1400 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। इस मंदिर का वर्णन छठी शताब्दी के लेखों में भी आता है। .

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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शरत पुजारी

शरत पुजारी (८ अगस्त १९३४ – १२ मई २०१४) ओडिया कथाचित्र जगत के भारतीय अभिनेता, निर्देशक और निर्माता थे। वो मूल रूप से जादुपडा, सम्भलपुर से थे। .

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सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज़

सत्यम कम्प्युटर सर्विसिस लि एक परामर्शदाता और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की कम्पनी है, जो हैदराबाद, भारत में स्थित है। .

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सन्मार्ग (पत्र)

सन्मार्ग भारत का हिन्दी भाषा का प्रमुख समाचार पत्र है जो वाराणसी, कोलकाता, पटना, राँची एवं भुवनेश्वर से प्रकाशित होता है। इसके संस्थापक स्वामी करपात्री जी थे। नन्दनानंद सरस्वती इसके सम्पादक थे। यह अखिल भारतीय रामराज्य परिषद के मुखपत्र के रूप में शुरू हुआ था। सन्मार्ग कलकत्ता से १८ अप्रैल १९४८ को प्रकाशित हुआ। प्रबुद्ध वर्ग का आकर्षण इस पत्र के प्रति अधिक रहा। विशेषत: जब यह पत्र पं॰ अनन्त प्रसाद मिश्र के सम्पादन में निकला था, उसका राजनीतिक ही नहीं साहित्यिक स्तर भी उन्नत हुआ। `सन्मार्ग' के वर्तमान सम्पादक हैं-राम अवतार गुप्त। पहले इसका प्रकाशन स्वामी करपात्री जी के आशीर्वाद से वाराणसी से हुआ था और बाद में कलकत्ता से संस्करण निकला। आजकल कलकत्ता संस्कण ही मुख्य पत्र बन गया है। .

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सपेरा

जयपुर में एक सपेरा बीन बजाते हुए भारत विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का देश है। प्राचीन संस्कृति के इन्हीं रंगों को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में बिखेरने में सपेरा जाति की अहम भूमिका रही है। देश के सभी हिस्सों में सपेरा जाति के लोग रहते हैं। सपेरों के नाम से पहचाने जाने वाले इस वर्ग में अनेक जातियां शामिल हैं। भुवनेश्वर के समीपवर्ती गांव पद्मकेश्वरपुर एशिया का सबसे बड़ा सपेरों का गांव माना जाता है। इस गांव में सपेरों के करीब साढ़े पांच सौ परिवार रहते हैं और हर परिवार के पास कम से कम दस सांप तो होते ही हैं। सपेरों ने लोक संस्कृति को न केवल पूरे देश में फैलाया, बल्कि विदेशों में भी इनकी मधुर धुनों के आगे लोगों को नाचने के लिए मजबूर कर दिया। सपेरों द्वारा बजाई जाने वाली मधुर तान किसी को भी अपने मोहपाश में बांधने की क्षमता रखती है। डफली, तुंबा और बीन जैसे पारंगत वाद्य यंत्रों के जरिये ये किसी को भी सम्मोहित कर देते हैं। प्राचीन कथनानुसार भारतवर्ष के उत्तरी भाग पर नागवंश के राजा वासुकी का शासन था। उसके शत्रु राजा जन्मेजय ने उसे मिटाने का प्रण ले रखा था। दोनों राजाओं के बीच युध्द शुरू हुआ, लेकिन ऋषि आस्तिक की सूझबूझ पूर्ण नीति से दोनों के बीच समझौता हो गया और नागवंशज भारत छोड़कर भागवती (वर्तमान में दक्षिण अमेरिका) जाने पर राजी हो गए। गौरतलब है कि यहां आज भी पुरातन नागवंशजों के मंदिरों के दुर्लभ प्रमाण मौजूद हैं। स्पेरा परिवार की कस्तूरी कहती हैं कि इनके बच्चे बचपन से ही सांप और बीन से खेलकर निडर हो जाते हैं। आम बच्चों की तरह इनके बच्चों को खिलौने तो नहीं मिल पाते, इसलिए उनके प्रिय खिलौने सांप और बीन ही होते हैं। बचपन से ही सांपों के सानिंध्य में रहने वाले इन बच्चों के लिए सांप से खेलना और उन्हें काबू कर लेना खास शगल बन जाता है। सिर पर पगड़ी, देह पर भगवा कुर्ता, साथ में गोल तहमद, कानों में मोटे कुंडल, पैरों में लंबी नुकीली जूतियां और गले में ढेरों मनकों की माला व ताबीज पहने ये लोग कंधे पर दुर्लभ सांप व तुंबे को डाल कर्णप्रिय धुन के साथ गली-कूचों में घूमते रहते हैं। ये नागपंचमी, होली, दशहरा और दिवाली के मौकों पर अपने घरों को लौटते हैं। इन दिनों इनके अपने मेले आयोजित होते हैं। मंगतराव कहते हैं कि सभी सपेरे इकट्ठे होकर सामूहिक भोज ‘रोटड़ा’ का आयोजन करते हैं। ये आपसी झगड़ों का निपटारा कचहरी में न करके अपनी पंचायत में करते हैं, जो सर्वमान्य होता है। सपेरे नेपाल, असम, कश्मीर, मणिपुर, नागालैंड व महाराष्ट्र के दुर्गम इलाकों से बिछुड़िया, कटैल, धामन, डोमनी, दूधनाग, तक्षकए पदम, दो मुंहा, घोड़ा पछाड़, चित्तकोडिया, जलेबिया, किंग कोबरा और अजगर जैसे भयानक विषधरों को अपनी जान की बाजी लगाकर पकड़ते हैं। बरसात के दिन सांप पकड़ने के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं, क्योंकि इस मौसम में सांप बिलों से बाहर कम ही निकलते हैं। हरदेव सिंह बताते हैं कि भारत में महज 15 से 20 फीसदी सांप ही विषैले होते हैं। कई सांपों की लंबाई 10 से 30 फीट तक होती है। सांप पूर्णतया मांसाहारी जीव है। इसका दूध से कुछ लेना-देना नहीं है, लेकिन नागपंचमी पर कुछ सपेरे सांप को दूध पिलाने के नाम पर लोगों को धोखा देकर दूध बटोरते हैं। सांप रोजाना भोजन नहीं करता। अगर वह एक मेंढक निगल जाए तो चार-पांच महीने तक उसे भोजन की जरूरत नहीं होती। इससे एकत्रित चर्बी से उसका काम चल जाता है। सांप निहायत ही संवेदनशील और डरपोक प्राणी है। वह खुद कभी नहीं काटता। वह अपनी सुरक्षा और बचाव की प्रवृत्ति की वजह से फन उठाकर फुंफारता और डराता है। किसी के पांव से अनायास दब जाने पर काट भी लेता है, लेकिन बिना कारण वह ऐसा नहीं करता। सांप को लेकर समाज में बहुत से भ्रम हैं, मसलन सांप के जोड़े द्वारा बदला लेना, इच्छाधारी सांप का होना, दुग्धपान करना, धन संपत्ति की पहरेदारी करना, मणि निकालकर उसकी रौशनी में नाचना, यह सब असत्य और काल्पनिक हैं। सांप की उम्र के बारे में सपेरों का कहना है कि उनके पास बहुत से सांप ऐसे हैं जो उनके पिता, दादा और पड़दादा के जमाने के हैं। कई सांप तो ढाई सौ से तीन सौ साल तक भी जिन्दा रहते हैं। पौ फटते ही सपेरे अपने सिर पर सांप की पिटारियां लादकर दूर-दराज के इलाकों में निकल पड़ते हैं। ये सांपों के करतब दिखाने के साथ-साथ कुछ जड़ी-बूटियों व रत्न भी बेचते हैं। अतिरिक्त आमदनी के लिए सांप का विष मेडिकल इंस्टीटयूट को बेच देते हैं। किंग कोबरा व कौंज के विष के दो सौ से पांच सौ रुपये तक मिल जाते हैं, जबकि आम सांप का विष 25 से 30 रुपये में बिकता है। आधुनिक चकाचौंध में इनकी प्राचीन कला लुप्त होती जा रही है। बच्चे भी सांप का तमाशा देखने की बजाय टीवी देख या वीडियो गेम खेलना पसंद करते हैं। ऐसे में इनको दो जून की रोटी जुगाड़ कर पानी मुश्किल हो रहा है। मेहर सिंह व सुरजा ठाकुर को सरकार व प्रशासन से शिकायत है कि इन्होंने कभी भी सपेरों की सुध नहीं ली। काम की तलाश में इन्हें दर-ब-दर भटकना पड़ता है। इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। बच्चों को शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सरकार की किसी भी योजना का इन्हें कोई लाभ नहीं मिल सका, जबकि कबीले के मुखिया केशव इसके लिए सपेरा समाज में फैली अज्ञानता को जिम्मेदार ठहराते हैं। वे कहते हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ वही लोग उठा पाते हैं, जो पढ़े-लिखे हैं और जिन्हें इनके बारे में जानकारी है। मगर निरक्षर लोगों को इनकी जानकारी नहीं होती, इसलिए वे पीछे रह जाते हैं। वह चाहते हैं कि बेशक वह नहीं पढ़ पाए, लेकिन उनकी भावी पीढ़ी को शिक्षा मिले। वह बताते हैं कि उनके परिवारों के कई बच्चों ने स्कूल जाना शुरू किया है। निहाल सिंह बताते हैं कि सपेरा जाति के अनेक लोगों ने यह काम छोड़ दिया है। वे अब मजदूरी या कोई और काम करने लगे हैं। इस काम में उन्हें दिन में पचास रुपये कमाना पहाड़ से दूध की नदी निकालने से कम नहीं है, लेकिन अपने पुश्तैनी पेशे से लगाव होने की वजह से वह आज तक सांपों को लेकर घूमते हैं। स्त्रोत: स्टार न्यूज़ एजेंसी .

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ससमिता मलिक

सस्मािता मलिक (केन्द्रापारा में 10 अप्रैल 1989 को जन्म) एक भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ी है जो वर्तमान में भारत की महिला फुटबॉल टीम के लिए बाएं विंगर के रूप में खेलती है। .

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सिंहाचलम मंदिर, विशाखापट्टनम

अक्षय तृतीया के पवित्र दिन (वैशाख मास) सिंहाचल पर्वत की छटा ही निराली होती है। इस पवित्र दिन यहाँ विराजमान श्री लक्ष्मीनृसिंह भगवान का चंदन से श्रृंगार किया जाता है। माना जाता है कि भगवान की प्रतिमा का वास्तविक स्वरूप केवल इसी दिन देखा जा सकता है। सिंहाचल क्षेत्र ग्यारहवीं शताब्दी में बने विश्व के गिने-चुने प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। .

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संबलपुर

संबलपुर भारत के उड़ीसा प्रान्त का एक जिला है। इसका नाम 'समलेश्वरी देवी' के नाम पर पड़ा है जो शक्तिरूपा हैं और इस क्षेत्र में पूज्य देवी हैं। संबलपुर, भुवनेश्वर से ३२१ किमी की दूरी पर है। इतिहास में इसे 'संबलक', 'हीराखण्ड', 'ओडियान' (उड्डियान), 'ओद्र देश', 'दक्षिण कोशल' और 'कोशल' आदि नामों से संबोधित किया गया है। महानदी इस जिले को विभक्त करती है। यह जिला तरंगित समतल है, जिसमें कई पहाड़ियाँ हैं। इनमें से सबसे बड़ी पहाड़ी ३०० वर्ग मील में फैली हुई है। जिले में महानदी के पश्चिमी भाग में सघन खेती होती है और पूर्वी भाग के अधिकांश में जंगल हैं। जिले में हीराकुड पर बाँध बनाकर सिंचाई के लिए जल एवं उद्योगों के लिए विद्युत् प्राप्त की जा रही है। महानदी और इब नदी के संगमस्थल के समीप हीराकुड में स्वर्णबालू एवं हीरा पाया गया है। संबलपुर, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों के बीच स्थित है और दोनों प्रान्तों को जोड़ता है। महानदी के बायें किनारे पर स्थित यह नगर कभी हीरों के व्यवसाय का केन्द्र था। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त सूती और रेशमी बुनावट (टशर रेशम) की वस्त्र-कारीगरी (इकत), आदिवासी समृद्ध विरासत और प्रचुर जंगल भूमि के लिए प्रसिद्ध है। नगर की पृष्ठभूमि में वनाच्छादित पहाड़ियाँ स्थित हैं, जिनके कारण नगर सुंदर लगता है। संबलपुर ओड़िशा के जादूई पश्चिमी भाग का प्रवेश द्वार के रूप में सेवारत है। यह राज्य के उत्तरी प्रशासकीय मंडल का मंडल मुख्यालय है - जो एक महत्वपूर्ण और व्यावसायिक और शिक्षा केन्द्र हैं। .

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सुधीरा दास

सुधीरा दास (८ मार्च १९३२ - ३० अक्टूबर २०१५) एक भारतीय महिला अभियंता थीं। वे उड़ीसा की पहली महिला अभियंता थीं। .

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स्वामी अद्भूतानन्द

आलमबाजार मठ, 1896 (अमेरिका प्रस्थान के समय स्वामी अभेदानन्द की विदाई); (बांये से) खड़े हैं: स्वामी अद्भुतानन्द, योगानन्द, अभेदानन्द, त्रिगुणातीताननद, तुरियानन्द, निर्मलानन्द और निरंजनानन्द; बैठे हुए: स्वामी सुबोधानन्द, ब्रह्मानन्द (कुर्सी पर) और अखण्डानन्द स्वामी अद्भूतानन्द (? - 28 अप्रेल,1920) श्रीरामकृष्ण के संन्यासी शिष्योँ में से एक हैँ। उनका संन्यास पूर्व नाम था राखतुराम। बिहार के छपरा जिले में उनका जन्म हुआ। रामकृष्ण भक्त मंडली में वे लाटू महाराज के नाम से परिचित हैँ। .

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सौरीन्द्र बारिक

सौरीन्द्र बारिक ओड़िया भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह आकाश परि निबिड़ के लिये उन्हें सन् १९८८ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (ओड़िया) से सम्मानित किया गया। .

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हरिप्रसाद चौरसिया

thumb हरिप्रसाद चौरसिया (१९८८ में) हरिप्रसाद चौरसिया या पंडित हरिप्रसाद चौरसिया (जन्म: १ जुलाई १९३८इलाहाबाद) प्रसिद्ध बांसुरी वादक हैं। उन्हे भारत सरकार ने १९९२ में पद्म भूषण तथा सन २००० में पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। .

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हाथीगुम्फा शिलालेख

हाथीगुफा हाथीगुफा में खाववेल का शिलालेख मौर्य वंश की शक्ति के शिथिल होने पर जब मगध साम्राज्य के अनेक सुदूरवर्ती प्रदेश मौर्य सम्राटों की अधीनता से मुक्त होने लगे, तो कलिंग भी स्वतंत्र हो गया। उड़ीसा के भुवनेश्वर नामक स्थान से तीन मील दूर उदयगिरि नाम की पहाड़ी है, जिसकी एक गुफ़ा में एक शिलालेख उपलब्ध हुआ है, जो 'हाथीगुम्फा शिलालेख' के नाम से प्रसिद्ध है। इसे कलिंगराज खारवेल ने उत्कीर्ण कराया था। यह लेख प्राकृत भाषा में है और प्राचीन भारतीय इतिहास के लिए इसका बहुत अधिक महत्त्व है। इसके अनुसार कलिंग के स्वतंत्र राज्य के राजा प्राचीन 'ऐल वंश' के चेति या चेदि क्षत्रिय थे। चेदि वंश में 'महामेधवाहन' नाम का प्रतापी राजा हुआ, जिसने मौर्यों की निर्बलता से लाभ उठाकर कलिंग में अपना स्वतंत्र शासन स्थापित किया। महामेधवाहन की तीसरी पीढ़ी में खारवेल हुआ, जिसका वृत्तान्त हाथीगुम्फा शिलालेख में विशद के रूप से उल्लिखित है। खारवेल जैन धर्म का अनुयायी था और सम्भवतः उसके समय में कलिंग की बहुसंख्यक जनता भी वर्धमान महावीर के धर्म को अपना चुकी थी। हाथीगुम्फा के शिलालेख (प्रशस्ति) के अनुसार खारवेल के जीवन के पहले पन्द्रह वर्ष विद्या के अध्ययन में व्यतीत हुए। इस काल में उसने धर्म, अर्थ, शासन, मुद्रापद्धति, क़ानून, शस्त्रसंचालन आदि की शिक्षा प्राप्त की। पन्द्रह साल की आयु में वह युवराज के पद पर नियुक्त हुआ और नौ वर्ष तक इस पद पर रहने के उपरान्त चौबीस वर्ष की आयु में वह कलिंग के राजसिंहासन पर आरूढ़ हुआ। राजा बनने पर उसने 'कलिंगाधिपति' और 'कलिंग चक्रवर्ती' की उपाधियाँ धारण कीं। राज्याभिषेक के दूसरे वर्ष उसने पश्चिम की ओर आक्रमण किया और राजा सातकर्णि की उपेक्षा कर कंहवेना (कृष्णा नदी) के तट पर स्थित मूसिक नगर को उसने त्रस्त किया। सातकर्णि सातवाहन राजा था और आंध्र प्रदेश में उसका स्वतंत्र राज्य विद्यमान था। मौर्यों की अधीनता से मुक्त होकर जो प्रदेश स्वतंत्र हो गए थे, आंध्र भी उनमें से एक था। अपने शासनकाल के चौथे वर्ष में खारवेल ने एक बार फिर पश्चिम की ओर आक्रमण किया और भोजकों तथा रठिकों (राष्ट्रिकों) को अपने अधीन किया। भोजकों की स्थिति बरार के क्षेत्र में थी और रठिकों की पूर्वी ख़ानदेश व अहमदनगर में। रठिक-भोजक सम्भवतः ऐसे क्षत्रिय कुल थे, प्राचीन अन्धक-वृष्णियों के समान जिनके अपने गणराज्य थे। ये गणराज्य सम्भवतः सातवाहनों की अधीनता स्वीकृत करते थे। .

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हिन्दी के दस सर्वश्रेष्ठ

हिन्दी के दस सर्वश्रेष्ठ बीसवीं शताब्दी तक के हिन्दी साहित्यकारों एवं हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं की रचनाओं के सन्दर्भ में श्रेष्ठ आलोचकों द्वारा किये गये उल्लेखों-विवेचनों पर आधारित मुख्यतः दस-दस उत्कृष्ट साहित्यकारों या फिर साहित्यिक कृतियों का चयन है, जिन्हें सापेक्ष रूप से श्रेष्ठतर माना गया है। .

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हीराखंड एक्सप्रेस

हीराखंड एक्सप्रेस एक डेली एक्सप्रेस ट्रेन है जो जगदलपुर और भूनेश्वर के बीच चलती है। हिरणकंद एक्सप्रेस एक दैनिक एक्सप्रेस ट्रेन है जो जगदलपुर और भुवनेश्वर के बीच चलती है। यह शुरू में संबलपुर और बालनगीर के बीच शुरू किया गया था। बाद में भुवनेश्वर को विस्तारित किया गया अब यह प्रारंभिक एक की तुलना में पूरी तरह अलग मार्ग में सेवा कर रहा है। यह भारतीय रेल के पूर्वी तट रेलवे क्षेत्र द्वारा संचालित है। हिरणखंड का मतलब पश्चिमी ओडिशा में बोली जाने वाली संबलपुरी भाषा में डायमंड का एक टुकड़ा है। मध्ययुगीन काल के बाद इसका नाम हिराखण्ड का राज्य है जिसे अन्यथा संबलपुर राज्य के रूप में जाना जाता है, वर्तमान पश्चिमी ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है। ट्रेन में कोरापुट, रायगडा, विजयनगरम, बोब्बिली, श्रीकाकुलम, इचचपुरम, ब्रह्मपुर और खोरड़ में रोकथाम है। .

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हीराखंड एक्सप्रेस ट्रेन हादसा

21 जनवरी 2017 को जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस के नौ डिब्बे देर रात आंध्र प्रदेश के विजयनगरम के कुनेरू स्टेशन के पास पटरी से उतर गए। इसमें अब तक 36 लोगों की मौत हुई है और 54 लोग घायल हैं। हादसे की जांच शुरू हो गई है, लेकिन रेलवे सूत्रों ने हादसे के लिए किसी साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया है। - अमर उजाला - 22 जनवरी 2017 .

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जटणी

जटणी या खुर्दा रोड, भुवनेश्वर का उपनगरीय क्षेत्र है। पहले यह साधारण ग्राम था। यह खुर्दा रोड जंक्शन के समीप स्थित है। इसलिये भूतपूर्व बंगाल-नागपुर रेलवे द्वारा, खुर्दा रोड से पुरी तक, रेलवे की शाखा बनाने के उपरांत इसकी प्रसिद्धि बढ़ गई। रेलवे जंक्शन के कर्मचारियों की बस्ती यहाँ है। यहाँ थाना और एक डाकबँगला भी है। यह कोलकाता से चेन्नै जानेवाले मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है। यह पुरी से लगभग ४५ किमी.

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जनजातीय सम्मान

जनजातीय सम्मान,मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान, वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान, ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान एवं जननायक टंट्या भील राज्य स्तरीय सम्मान वर्ष 2008 से स्थापित हैं। सम्मान की स्थापना का उद्देश्य जनजातीय समाज की विशिष्ट विभूतियों के रचनात्मक अवदान से समाज को परिचित कराना है। .

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जमशेदपुर

जमशेदपुर जिसका दूसरा नाम टाटानगर भी है, भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। यह झारखंड के दक्षिणी हिस्से में स्थित पूर्वी सिंहभूम जिले का हिस्सा है। जमशेदपुर की स्थापना को पारसी व्यवसायी जमशेदजी नौशरवान जी टाटा के नाम से जोड़ा जाता है। १९०७ में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना से इस शहर की बुनियाद पड़ी। इससे पहले यह साकची नामक एक आदिवासी गाँव हुआ करता था। यहाँ की मिट्टी काली होने के कारण यहाँ पहला रेलवे-स्टेशन कालीमाटी के नाम से बना जिसे बाद में बदलकर टाटानगर कर दिया गया। खनिज पदार्थों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता और खड़कई तथा सुवर्णरेखा नदी के आसानी से उपलब्ध पानी, तथा कोलकाता से नजदीकी के कारण यहाँ आज के आधुनिक शहर का पहला बीज बोया गया। जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है। टाटा घराने की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई जैसे टिस्को, टाटा मोटर्स, टिस्कॉन, टिन्पलेट, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि यहाँ कार्यरत है। .

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जयदेव

भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ जयदेव के लिए देखें, जयदेव (गणितज्ञ) ---- बसोहली चित्र (1730 ई) गीत गोविन्द जयदेव (१२०० ईस्वी के आसपास) संस्कृत के महाकवि हैं जिन्होंने गीत गोविंद और रतिमंजरी की रचना की। जयदेव, उत्कल राज्य यानि ओडिशा के गजपति राजाओं के समकालीन थे। जयदेव एक वैष्णव भक्त और संत के रूप में सम्मानित थे। उनकी कृति ‘गीत गोविन्द’ को श्रीमद्‌भागवत के बाद राधाकृष्ण की लीला की अनुपम साहित्य-अभिव्यक्ति माना गया है। संस्कृत कवियों की परंपरा में भी वह अंतिम कवि थे, जिन्होंने ‘गीत गोविन्द’ के रूप में संस्कृत भाषा के मधुरतम गीतों की रचना की। कहा गया है कि जयदेव ने दिव्य रस के स्वरूप राधाकृष्ण की रमणलीला का स्तवन कर आत्मशांति की सिद्धि की। भक्ति विजय के रचयिता संत महीपति ने जयदेव को श्रीमद्‌भागवतकार व्यास का अवतार माना है। .

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जगन्नाथ

'''जगन्नाथ''' (सबसे दाएं) अपने भ्राता बलभद्र (सबसे बाएं) एवं बहन सुभद्रा (बीच में) के संग, राधादेश, बेल्जियम में जगन्नाथ (जगन्नाथ ଜଗନ୍ନାଥ) हिन्दू भगवान विष्णु के पूर्ण कला अवतार श्रीकृष्ण का ही एक रूप हैं। इनका एक बहुत बड़ा मन्दिर ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है। इस शहर का नाम जगन्नाथ पुरी से निकल कर पुरी बना है। यहाँ वार्षिक रूप से रथ यात्रा उत्सव भी आयोजित किया जाता है। पुरी की गिनती हिन्दू धर्म के चार धाम में होती है। Image:Lord_Jagannath.jpg|जगन्नाथ (दायें) बलभद्र (बायें) तथा सुभद्रा (मध्य में) Image:Lord_Jagannath_Statue.jpg|एक छोटे आकार का altar, जगन्नाथ, बलभद्र तथा देवी सुभद्रा के साथ Image:Car_Festival.jpg|भुवनेश्वर में रथ यात्रा महोत्सव Image:Rath_Yatra.jpg| न्यूयॉर्क शहर में इस्कॉन द्वारा आयोजित रथ यात्रा उत्सव .

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जगजीत सिंह

जगजीत सिंह (८ फ़रवरी १९४१ - १० अक्टूबर २०११) का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनका संगीत अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है। खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली, नवाबों-रक्कासाओं की दुनिया में झनकती और शायरों की महफ़िलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती ग़ज़लों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को पहले पहल दिया जाना हो तो जगजीत सिंह का ही नाम ज़ुबां पर आता है। उनकी ग़ज़लों ने न सिर्फ़ उर्दू के कम जानकारों के बीच शेरो-शायरी की समझ में इज़ाफ़ा किया बल्कि ग़ालिब, मीर, मजाज़, जोश और फ़िराक़ जैसे शायरों से भी उनका परिचय कराया। जगजीत सिंह को सन २००३ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। फरवरी २०१४ में आपके सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए। .

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जूनागढ़, उड़ीसा

कालाहांडी से 26 किलोमीटर दूर स्थित जूनागढ़ एक जमाने में कालाहांडी रियासत की राजधानी थी। यह स्थान अपने किले और मंदिरों के लिए खासा चर्चित है। यहां के मंदिरों में उडिया भाषा में अनेक अभिलेख खुदे हुए हैं। सती स्तंभ यहां का मुख्य आकर्षण है। जूनागढ़ राउरकेला से 180 किलोमीटर दूर है और भुवनेश्वर में यहां का निकटतम एयरपोर्ट है। श्रेणी:ओड़िशा के शहर.

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जेट कनेक्ट

जेट कनेक्ट के रूप में संचालित जेटलाइट (पूर्व नाम: एयर सहारा) मुंबई, भारत में आधारित एक वायुसेवा थी। रीडिफ.कॉम, 16 अप्रैल 2007 इसे पहले जेट एयर वेज़ कनेक्ट के नाम से जाना जाता था, जेट लाईट इंडिया लिमिटेड का एक व्यावसायिक नाम है। यह मुंबई में स्थित एक विमानन सेवा है जिस पर की जेट एयरवेज का मालिकाना हक़ है। यह विमान सेवा भारत के सभी मेट्रोपोल शहरों को जोड़ने के लिए नियमित उड़ान सेवाएँ प्रदान करती है। .

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जेनपैक्ट

डालियान केंद्र, चीन. 2-3,000 लोग यहां काम करते हैं, जो डालियान सॉफ्टवेयर पार्क में स्थित है। जेनपैक्ट NYSE) एक भारतीय बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग और आईटी कंपनी है। यह पूर्व में GE के स्वामित्व वाली कंपनी थी, जिसे GE कैपिटल इंटरनेशनल सर्विसेज या GECIS कहा जाता था। यह भारत, चीन, गुआटेमाला, हंगरी, मैक्सिको, मोरक्को, फिलीपींस, पोलैंड, नीदरलैंड, रोमानिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका से संचालित होती है। प्रमोद भसीन जेनपैक्ट के अध्यक्ष और सीईओ हैं। वर्तमान में विभिन्न स्थानों में इसमें 37,000 लोगों को रोजगार मिला है और यह 24/7 आधार पर 30 भाषाओं में सेवाएं प्रदान कर रही है। इसकी सेवाओं मेंवित्तीय सेवाएं, बिक्री और विपणन,विश्लेषिकी,आपूर्ति श्रृंखला,कलेक्शंस, ग्राहक सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और शिक्षा तथा कंटेंट प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। .

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जीवन विज्ञान संस्थान, भुवनेश्वर

जीवन विज्ञान संस्थान जीव विज्ञान संस्थान,भुवनेश्वर जीव विज्ञान संस्थान (The Institute of Life Sciences (ILS)), भुवनेश्वर की शुरूआत ए॰ दशक पहले हो गई थी। यह अवश्य ही उड़ीसा सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग की दूरदर्शी पहल थी। जीव विज्ञान ने विज्ञान की विभिन्न विधाओं में से शोध के ए॰ प्रमुख क्षेत्र के रूप में इक्कीसवीं शताब्दी में कदम रखने के लिए॰पर्याप्त क्षमता पहले ही प्राप्त कर ली थी। वास्तव में, यह उचित समय था कि जैव विज्ञान के उन्नत क्षेत्रों में अध्ययन चलाने वाले ए॰ केन्द्र की स्थापना उड़ीसा में की जाए। यह संस्थान अपनी समस्त आशाओं ए॰ं प्रत्याशाओं, चुनौतियों ए॰ं अवसरों के साथ नई सहस्राब्दि का समाना करने को तैयार है। नई सहस्राब्दि में जीवविज्ञान से यह आशा की जाती है कि वह मानवीय यातनारओं ओर मानव जीवन के स्तर को सुधारने के दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। जीवविज्ञान संस्थान ने, सही अर्थ में, इन चुनौतियों को अपने लक्ष्यों तथा अवसरों के रूप में स्वीकार कर लिया है। संस्थान ने कृषि, श्वास्थ्य तथा पर्यावरण से संबंधित आण्विक जीवविज्ञान और जैवप्रौद्योगिकीय अनुसंधान आरम्भ कर दिया है। .

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विधान सभा

विधान सभा या वैधानिक सभा जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में निचला सदन(द्विसदनीय राज्यों में) या सोल हाउस (एक सदनीय राज्यों में) भी कहा जाता है। दिल्ली व पुडुचेरी नामक दो केंद्र शासित राज्यों में भी इसी नाम का प्रयोग निचले सदन के लिए किया जाता है। 7 द्विसदनीय राज्यों में ऊपरी सदन को विधान परिषद कहा जाता है। विधान सभा के सदस्य राज्यों के लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर चुना जाता है। इसके अधिकतम आकार को भारत के संविधान के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसमें 500 से अधिक व् 60 से कम सदस्य नहीं हो सकते। हालाँकि विधान सभा का आकार 60 सदस्यों से कम हो सकता है संसद के एक अधिनियम के द्वारा: जैसे गोवा, सिक्किम, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी। कुछ राज्यों में राज्यपाल 1 सदस्य को अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त कर सकता है, उदा० ऐंग्लो इंडियन समुदाय अगर उसे लगता है कि सदन में अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। राज्यपाल के द्वारा चुने गए या नियुक्त को विधान सभा सदस्य या MLA कहा जाता है। प्रत्येक विधान सभा का कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है जिसके बाद पुनः चुनाव होता है। आपातकाल के दौरान, इसके सत्र को बढ़ाया जा सकता है या इसे भंग किया जा सकता है। विधान सभा का एक सत्र वैसे तो पाँच वर्षों का होता है पर लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्यपाल द्वारा इसे पाँच साल से पहले भी भंग किया जा सकता है। विधानसभा का सत्र आपातकाल के दौरान बढ़ाया जा सकता है लेकिन एक समय में केवल छः महीनों के लिए। विधान सभा को बहुमत प्राप्त या गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने पर भी भंग किया जा सकता है। .

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विजय हजारे ट्रॉफी 2017 ग्रुप बी

विजय हजारे ट्रॉफी 2016-17 विजय हजारे ट्रॉफी, एक लिस्ट ए क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत का 15 वा मौसम है। यह भारत के 28 घरेलू क्रिकेट टीमों द्वारा चुनाव लड़ा जाएगा। .

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व्हीलर द्वीप

व्हीलर द्वीप से उन्नत वायु सुरक्षा (AAD) प्रक्षेपास्त्र का प्रक्षेपण व्हीलर द्वीप, भारतीय राज्य ओडिशा के सागर तट से परे और राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से लगभग की दूरी पर स्थित एक द्वीप है, जिसका प्रयोग भारत अपने प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम के परीक्षण केन्द्र के रूप में करता है। व्हीलर द्वीप भारत के पूर्वी तट से लगभग की दूरी पर बंगाल की खाड़ी में और चाँदीपुर के दक्षिण में लगभग की दूरी पर स्थित है। द्वीप की लम्बाई और क्षेत्रफल है। निकटतम पत्तन धमर है।.

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खण्डगिरि

खंडगिरि का गुफा मठ उड़ीसा में भुवनेश्वर से सात मील दूर पश्चिमोत्तर में उदयगिरि के निकट की पहाड़ी खण्डगिरि कहलाती है। खण्डगिरि का शिखर 123 फुट उँचा है, जो आस-पास की पहाड़ियों में सबसे ऊँचा है। कलिंग नरेश खारवेल का प्रसिद्ध हाथी गुम्फा अभिलेख खण्डगिरि से कुछ ही दूरी पर है। खण्डगिरि की गुफाएँ जैन सम्प्रदाय से सम्बन्धित हैं। ये गुफाएँ लगभग प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित की गई मालूम पड़ती हैं। खण्डगिरि और इससे संबद्ध उदयगिरि में उत्खनित जैन लयण (गुफाएँ) हैं। खंडगिरि स्थित लयणों की संख्या १९ है। इसी प्रकार उदयगिरि में ४४ और नीलगिरि में ३ गुफाएँ हैं। ये सभी ईसापूर्व दूसरी-पहली शती की अनुमान की जाती है। उनके अनेक भागों में मूर्तियों का उच्चित्रण हुआ है। इन गुफाओं में सबसे प्रख्यात हाथी गुंफा है जिसके ऊपर महामेघवाहन खारवेल की प्रशस्ति अंकित है जो ऐतिहासिक दृष्टि से बड़े महत्व का है।; खण्डगिरि की गुफाएँ.

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खारवेल

खारवेल (193 ईसापूर्व) कलिंग (वर्तमान ओडिशा) में राज करने वाले महामेघवाहन वंश का तृतीय एवं सबसे महान तथा प्रख्यात सम्राट था। खारवेल के बारे में सबसे महत्वपूर्ण जानकारी हाथीगुम्फा में चट्टान पर खुदी हुई सत्रह पंक्तियों वाला प्रसिद्ध शिलालेख है। हाथीगुम्फा, भुवनेश्वर के निकट उदयगिरि पहाड़ियों में है। इस शिलालेख के अनुसार यह जैन धर्म का अनुयायी था। उसने पंडितों की एक विराट् सभा का भी आयोजन किया था, ऐसा उक्त प्रशस्ति से प्रकट होता है। इसके समय के संबंध में मतभेद है। उसकी प्रशस्ति शिलालेख में जो संकेत उपलब्ध हैं उनके आधार पर कुछ विद्वान् उसका समय ईसा पूर्व दूसरी शती में मानते हैं और कुछ उसे ईसा पूर्व की प्रथम शती में रखते हैं। किंतु खारवेल को ईसा पूर्व पहली शताब्दी के उत्तरार्ध में रखनेवाले विद्वानों की संख्या बढ़ रहीं है। .

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खिचिंग

खिचिंग ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित एक प्राचीन ऐतिहासिक गाँव है। यह भंज वंश की प्राचीन राजधानी है। भंज का राजवंश चित्तौड़ के राजपूतों की एक शाखा थी। इस राज्य के दो खंड थे जो क्रमश: खिचिंग और खिंजली कहे जाता थे। इस राजवंश के संस्थापक वीरभद्र थे। उन्हें 'आदि भंज' कहा जाता है। उनके संबंध में जनुश्रुति है कि उनका जन्म किसी पक्षी के अंडे से हुआ था और वशिष्ठ ऋषि ने उनका पालन पोषण किया। खिचिंग में दो दुर्गो के अवशेष हैं जो विराटगढ़ और कीचक गढ़ कहे जाते हैं। भंज राजघराने की देवी चकेश्वरी कही जाती है। वहाँ उनकी एक दर्शनीय मूर्ति है। वहाँ नीलकंठेश्वर महादेव का मंदिर है जो वास्तुकला की दृष्टि से उल्लेखनीय है। वह भुवनेश्वर के मंदिरों की परंपरा में बना है और कदाचित् ११वीं या १२वीं शती का है। श्रेणी:ओड़िशा.

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खुर्दा

खुर्दा या खोरधा उड़ीसा राज्य के खुर्दा जिला का मुख्यालय शहर है। प्रारंभ में खुरदा के नाम से मशहूर उड़ीसा का खोरधा जिला 2889 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। दया और कूखई यहां से बहने वाली प्रमुख नदियां हैं। इस जिले का निर्माण 1 अप्रैल 1993 को पुरी और नयागढ़ जिले को काटकर किया गया था। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर इस जिले के अन्तर्गत ही आती है। खोरधा आरंभ में उड़ीसा शासकों की राजधानी थी। यह जिला कुटीर उद्योगों, चरखा मिल, केबल फैक्ट्री, रेलवे कोच रिपेयरिंग फैक्ट्री और तेल उद्योग के लिए लोकप्रिय है। अत्री, बानपुर, बरूनई हिल, चिलिका, हीरापुर और नंदनकानन अभयारण्य जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। .

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गौड़ अंचल

प्राचीन काल तथा मध्यकाल में गौड़ एक प्रदेश था जो बंगाल (बंगदेश) में स्थित था। .

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गोरक्षकों द्वारा हिंसा

भारत में गोरक्षकों द्वारा गुंडागर्दी एक ज्वलंत सामजिक समस्या है | पिछले कुछ वर्षों में गोरक्षकों ने कई निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है | २०१६ में गोरक्षकों द्वारा निर्दोष दलितों की पिटाई के बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गोराक्षसों द्वारा हिंसा की आलोचना की | परन्तु इसके बाद भी गोरक्षकों ने अपने उपद्रव को जारी रखा | .

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गीतगोविन्द

गीतगोविन्द की पाण्डुलिपि (१५५० ई) गीतगोविन्द (ଗୀତ ଗୋବିନ୍ଦ) जयदेव की काव्य रचना है। गीतगोविन्द में श्रीकृष्ण की गोपिकाओं के साथ रासलीला, राधाविषाद वर्णन, कृष्ण के लिए व्याकुलता, उपालम्भ वचन, कृष्ण की राधा के लिए उत्कंठा, राधा की सखी द्वारा राधा के विरह संताप का वर्णन है। जयदेव का जन्म ओडिशा में भुवनेश्वर के पास केन्दुबिल्व नामक ग्राम में हुआ था। वे बंगाल के सेनवंश के अन्तिम नरेश लक्ष्मणसेन के आश्रित महाकवि थे। लक्ष्मणसेन के एक शिलालेख पर १११६ ई० की तिथि है अतः जयदेव ने इसी समय में गीतगोविन्द की रचना की होगी। ‘श्री गीतगोविन्द’ साहित्य जगत में एक अनुपम कृति है। इसकी मनोरम रचना शैली, भावप्रवणता, सुमधुर राग-रागिणी, धार्मिक तात्पर्यता तथा सुमधुर कोमल-कान्त-पदावली साहित्यिक रस पिपासुओं को अपूर्व आनन्द प्रदान करती हैं। अतः डॉ॰ ए॰ बी॰ कीथ ने अपने ‘संस्कृत साहित्य के इतिहास’ में इसे ‘अप्रतिम काव्य’ माना है। सन् 1784 में विलियम जोन्स द्वारा लिखित (1799 में प्रकाशित) ‘ऑन द म्यूजिकल मोड्स ऑफ द हिन्दूज’ (एसियाटिक रिसर्चेज, खंड-3) पुस्तक में गीतगोविन्द को 'पास्टोरल ड्रामा' अर्थात् ‘गोपनाट्य’ के रूप में माना गया है। उसके बाद सन् 1837 में फ्रेंच विद्वान् एडविन आरनोल्ड तार्सन ने इसे ‘लिरिकल ड्रामा’ या ‘गीतिनाट्य’ कहा है। वान श्रोडर ने ‘यात्रा प्रबन्ध’ तथा पिशाल लेवी ने ‘मेलो ड्रामा’, इन्साइक्लोपिडिया ब्रिटानिका (खण्ड-5) में गीतगोविन्द को ‘धर्मनाटक’ कहा गया है। इसी तरह अनेक विद्वानों ने अपने-अपने ढंग से इसके सम्बन्ध में विचार व्यक्त किया है। जर्मन कवि गेटे महोदय ने अभिज्ञानशाकुन्तलम् और मेघदूतम् के समान ही गीतगोविन्द की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। गीतगोविन्द काव्य में जयदेव ने जगदीश का ही जगन्नाथ, दशावतारी, हरि, मुरारी, मधुरिपु, केशव, माधव, कृष्ण इत्यादि नामों से उल्लेख किया है। यह 24 प्रबन्ध (12 सर्ग) तथा 72 श्लोकों (सर्वांगसुन्दरी टीका में 77 श्लोक) युक्त परिपूर्ण ग्रन्थ है जिसमें राधा-कृष्ण के मिलन-विरह तथा पुनर्मिलन को कोमल तथा लालित्यपूर्ण पदों द्वारा बाँधा गया है। किन्तु नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित ‘हस्तलिखित संस्कृत ग्रन्थ सूची, भाग-इ’ में गीतगोविन्द का 13वाँ सर्ग भी उपलब्ध है। परन्तु यह मातृका अर्वाचीन प्रतीत होती है। गीतगोविन्द वैष्णव सम्प्रदाय में अत्यधिक आदृत है। अतः 13वीं शताब्दी के मध्य से ही श्री जगन्नाथ मन्दिर में इसे नित्य सेवा के रूप में अंगीकार किया जाता रहा है। इस गीतिकाव्य के प्रत्येक प्रबन्ध में कवि ने काव्यफल स्वरूप सुखद, यशस्वी, पुण्यरूप, मोक्षद आदि शब्दों का प्रयोग करके इसके धार्मिक तथा दार्शनिक काव्य होने का भी परिचय दिया है। शृंगार रस वर्णन में जयदेव कालिदास की परम्परा में आते हैं। गीतगोविन्द का रास वर्णन श्रीमद्भागवत के वर्णन से साम्य रखता है; तथा श्रीमद्भागवत के स्कन्ध 10, अध्याय 40 में (10-40-17/22) अक्रूर स्तुति में जो दशावतार का वर्णन है, गीतगोविन्द के प्रथम सर्ग के स्तुति वर्णन से साम्य रखता है। आगे चलकर गीतगोविन्द के अनेक ‘अनुकृति’ काव्य रचे गये। अतः जयदेव ने स्वयं १२वें सर्ग में लिखा है - कुम्भकर्ण प्रणीत ‘रसिकप्रिया’ टीका आदि में इसकी पुष्टि की गयी है। .

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ओड़िशा का इतिहास

प्राचीन काल से मध्यकाल तक ओडिशा राज्य को कलिंग, उत्कल, उत्करात, ओड्र, ओद्र, ओड्रदेश, ओड, ओड्रराष्ट्र, त्रिकलिंग, दक्षिण कोशल, कंगोद, तोषाली, छेदि तथा मत्स आदि नामों से जाना जाता था। परन्तु इनमें से कोई भी नाम सम्पूर्ण ओडिशा को इंगित नहीं करता था। अपितु यह नाम समय-समय पर ओडिशा राज्य के कुछ भाग को ही प्रस्तुत करते थे। वर्तमान नाम ओडिशा से पूर्व इस राज्य को मध्यकाल से 'उड़ीसा' नाम से जाना जाता था, जिसे अधिकारिक रूप से 04 नवम्बर, 2011 को 'ओडिशा' नाम में परिवर्तित कर दिया गया। ओडिशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'ओड्र' से हुई है। इस राज्य की स्थापना भागीरथ वंश के राजा ओड ने की थी, जिन्होने अपने नाम के आधार पर नवीन ओड-वंश व ओड्र राज्य की स्थापना की। समय विचरण के साथ तीसरी सदी ई०पू० से ओड्र राज्य पर महामेघवाहन वंश, माठर वंश, नल वंश, विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोदभव वंश, भौमकर वंश, नंदोद्भव वंश, सोम वंश, गंग वंश व सूर्य वंश आदि सल्तनतों का आधिपत्य भी रहा। प्राचीन काल में ओडिशा राज्य का वृहद भाग कलिंग नाम से जाना जाता था। सम्राट अशोक ने 261 ई०पू० कलिंग पर चढ़ाई कर विजय प्राप्त की। कर्मकाण्ड से क्षुब्द हो सम्राट अशोक ने युद्ध त्यागकर बौद्ध मत को अपनाया व उनका प्रचार व प्रसार किया। बौद्ध धर्म के साथ ही सम्राट अशोक ने विभिन्न स्थानों पर शिलालेख गुदवाये तथा धौली व जगौदा गुफाओं (ओडिशा) में धार्मिक सिद्धान्तों से सम्बन्धित लेखों को गुदवाया। सम्राट अशोक, कला के माध्यम से बौद्ध धर्म का प्रचार करना चाहते थे इसलिए सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को और अधिक विकसित करने हेतु ललितगिरि, उदयगिरि, रत्नागिरि व लगुन्डी (ओडिशा) में बोधिसत्व व अवलोकेतेश्वर की मूर्तियाँ बहुतायत में बनवायीं। 232 ई०पू० सम्राट अशोक की मृत्यु के पश्चात् कुछ समय तक मौर्य साम्राज्य स्थापित रहा परन्तु 185 ई०पू० से कलिंग पर चेदि वंश का आधिपत्य हो गया था। चेदि वंश के तृतीय शासक राजा खारवेल 49 ई० में राजगद्दी पर बैठा तथा अपने शासन काल में जैन धर्म को विभिन्न माध्यमों से विस्तृत किया, जिसमें से एक ओडिशा की उदयगिरि व खण्डगिरि गुफाऐं भी हैं। इसमें जैन धर्म से सम्बन्धित मूर्तियाँ व शिलालेख प्राप्त हुए हैं। चेदि वंश के पश्चात् ओडिशा (कलिंग) पर सातवाहन राजाओं ने राज्य किया। 498 ई० में माठर वंश ने कलिंग पर अपना राज्य कर लिया था। माठर वंश के बाद 500 ई० में नल वंश का शासन आरम्भ हो गया। नल वंश के दौरान भगवान विष्णु को अधिक पूजा जाता था इसलिए नल वंश के राजा व विष्णुपूजक स्कन्दवर्मन ने ओडिशा में पोडागोड़ा स्थान पर विष्णुविहार का निर्माण करवाया। नल वंश के बाद विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोद्भव वंश और भौमकर वंश ने कलिंग पर राज्य किया। भौमकर वंश के सम्राट शिवाकर देव द्वितीय की रानी मोहिनी देवी ने भुवनेश्वर में मोहिनी मन्दिर का निर्माण करवाया। वहीं शिवाकर देव द्वितीय के भाई शान्तिकर प्रथम के शासन काल में उदयगिरी-खण्डगिरी पहाड़ियों पर स्थित गणेश गुफा (उदयगिरी) को पुनः निर्मित कराया गया तथा साथ ही धौलिगिरी पहाड़ियों पर अर्द्यकवर्ती मठ (बौद्ध मठ) को निर्मित करवाया। यही नहीं, राजा शान्तिकर प्रथम की रानी हीरा महादेवी द्वारा 8वीं ई० हीरापुर नामक स्थान पर चौंसठ योगनियों का मन्दिर निर्मित करवाया गया। 6वीं-7वीं शती कलिंग राज्य में स्थापत्य कला के लिए उत्कृष्ट मानी गयी। चूँकि इस सदी के दौरान राजाओं ने समय-समय पर स्वर्णाजलेश्वर, रामेश्वर, लक्ष्मणेश्वर, भरतेश्वर व शत्रुघनेश्वर मन्दिरों (6वीं सदी) व परशुरामेश्वर (7वीं सदी) में निर्माण करवाया। मध्यकाल के प्रारम्भ होने से कलिंग पर सोमवंशी राजा महाशिव गुप्त ययाति द्वितीय सन् 931 ई० में गद्दी पर बैठा तथा कलिंग के इतिहास को गौरवमयी बनाने हेतु ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के मुक्तेश्वर, सिद्धेश्वर, वरूणेश्वर, केदारेश्वर, वेताल, सिसरेश्वर, मारकण्डेश्वर, बराही व खिच्चाकेश्वरी आदि मन्दिरों सहित कुल 38 मन्दिरों का निर्माण करवाया। 15वीं शती के अन्त तक जो गंग वंश हल्का पड़ने लगा था उसने सन् 1038 ई० में सोमवंशीयों को हराकर पुनः कलिंग पर वर्चस्व स्थापित कर लिया तथा 11वीं शती में लिंगराज मन्दिर, राजारानी मन्दिर, ब्रह्मेश्वर, लोकनाथ व गुन्डिचा सहित कई छोटे व बड़े मन्दिरों का निर्माण करवाया। गंग वंश ने तीन शताब्दियों तक कलिंग पर अपना राज्य किया तथा राजकाल के दौरान 12वीं-13वीं शती में भास्करेश्वर, मेघेश्वर, यमेश्वर, कोटी तीर्थेश्वर, सारी देउल, अनन्त वासुदेव, चित्रकर्णी, निआली माधव, सोभनेश्वर, दक्क्षा-प्रजापति, सोमनाथ, जगन्नाथ, सूर्य (काष्ठ मन्दिर) बिराजा आदि मन्दिरों को निर्मित करवाया जो कि वास्तव में कलिंग के स्थापत्य इतिहास में अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं। गंग वंश के शासन काल पश्चात् 1361 ई० में तुगलक सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने कलिंग पर राज्य किया। यह वह दौर था जब कलिंग में कला का वर्चस्व कम होते-होते लगभग समाप्त ही हो चुका था। चूँकि तुगलक शासक कला-विरोधी रहे इसलिए किसी भी प्रकार के मन्दिर या मठ का निर्माण नहीं हुअा। 18वीं शती के आधुनिक काल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी का सम्पूर्ण भारत पर अधिकार हो गया था परन्तु 20वीं शती के मध्य में अंग्रेजों के निगमन से भारत देश स्वतन्त्र हुआ। जिसके फलस्वरूप सम्पूर्ण भारत कई राज्यों में विभक्त हो गया, जिसमें से भारत के पूर्व में स्थित ओडिशा (पूर्व कलिंग) भी एक राज्य बना। .

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ओड़िशा के लोकसभा सदस्य

क्षेत्रचयनित सांसददल 1.

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ओडिशा

ओड़िशा, (ओड़िआ: ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। पाराद्वीप को छोड़कर राज्य की अपेक्षाकृत सपाट तटरेखा (लगभग 480 किमी लंबी) के कारण अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। संकीर्ण और अपेक्षाकृत समतल तटीय पट्टी जिसमें महानदी का डेल्टा क्षेत्र शामिल है, राज्य की अधिकांश जनसंख्या का घर है। भौगोलिक लिहाज से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है। यह पूरा क्षेत्र मुख्य रूप से चावल उत्पादक क्षेत्र है। राज्य के आंतरिक भाग और कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं। 1672 मीटर ऊँचा देवमाली, राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। ओड़िशा में तीव्र चक्रवात आते रहते हैं और सबसे तीव्र चक्रवात उष्णकटिबंधीय चक्रवात 05बी, 1 अक्टूबर 1999 को आया था, जिसके कारण जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ और लगभग 10000 लोग मृत्यु का शिकार बन गये। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं। .

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ओडिशा के विश्वविद्यालय

** उत्कल विश्वविद्यालय, वाणी विहार, भुवनेश्वर.

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ओबेरॉय होटल एंड रिसॉर्ट्स

ओबेरॉय ग्रूप एक होटल कंपनी है जिस्का प्रधान कार्यालय दिल्ली में स्थापित है। ओबेराय की स्थापना १९३४ में किया गया और पांच देशों में३० होटल और तीन जहाज़ चला रही है। यह दुनिया में सबसे सजाया होटल चेनों में से एक माना जाता है और यात्रा + आराम, कोंडे नास्ट ट्रैवलर, फोर्ब्स और गैलीलियो से विभिन्न पुरस्कार प्राप्त किया है। .

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आधिकारिक आवास

सामान्य रूप में आधिकारिक आवास किसी अधिकार या पद के साथ मिलनेवाले आवास को कहते है। लेकिन सार्वभौमिक रूप से, किसी देश के राष्ट्रप्रमुख, शासनप्रमुख, राज्यपाल या अन्य वरिष्ठ पद के निवासस्थान को "आधिकारिक आवास" कहते है। निम्नलिखित दुनिया के आधिकारिक आवासों की सूची है। सूची का प्रारूप इस प्रकार है.

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आहार योजना

आहर परिवहन वाहन आहार योजना (आहार, जिसका अर्थ  ओडिया में "खाना" है।) ओडिशा सरकार  के द्वारा पांच रुपए में शहरी गरीबों या मजदुरों के लिए सस्ते में दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने का एक राजसहायता योजना है। यह 1 अप्रैल, 2015 में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के द्वारा  उत्कल दिवस के उपलक्ष में उद्घाटन किया गया था।   भोजन की वास्तविक लागत के ₹ 20 है,  लेकिन सब्सिडी से यह ₹ 5 में दिया जाता है। यह प्रति दिन ६०,००० से ज्यादा शहरी मजदुरों को खाना उपलब्ध कराता  है। .

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इंडिया'ज़ रॉ स्टार

इंडिया'ज़ रॉ स्टार (हिन्दी- "भारत का कोरा सितारा") सांईबाबा टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित एक भारतीय टेलीविजन रिएलिटी संगीत प्रतियोगिता है। इसका पहला सत्र (सीज़न) २४ अगस्त २०१४ से ३० नवम्बर २०१४ तक स्टार प्लस-हिंदी टीवी चैनल पर चला। कार्यक्रम की प्रस्तुतकर्ता भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री गौहर खान हैं। यो यो हनी सिंह ने कार्यक्रम में निर्णयकर्ता की भूमिका निभाई है। पहले सत्र के विजेता ऋतुराज मोंहन्ती रहे। .

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इंफोसिस

इन्फोसिस लिमिटेड एक बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी मुख्यालय है जो बेंगलुरु, भारत में स्थित है। यह एक भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है जिसके पास 30 जून 2008 को (सहायकों सहित) 94,379 से अधिक पेशेवर हैं। इसके भारत में 9 विकास केन्द्र हैं और दुनिया भर में 30 से अधिक कार्यालय हैं। वित्तीय वर्ष|वित्तीय वर्ष २००७-२००८ के लिए इसका वार्षिक राजस्व US$4 बिलियन से अधिक है, इसकी बाजार पूंजी US$30 बिलियन से अधिक है। .

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क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भुवनेश्वर

क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भुवनेश्वर, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद का संघटक ईकाईयो में से एक हँ, जो कि पूर्वी क्षेत्र के अध्यापको की शैक्षिक जरुरतें (पुर्व सेवा और सेवारत शिक्षा) पूरी करता हँ। इसका पूर्व नाम 'क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय' (Regional College of Education) था। यह ओडिशा,बिहार,झारखण्ड,पश्चिम बंगाल,असम,अरुणाचल प्रदेश,त्रिपुरा, नागालैण्ड,मिज़ोरम,मेघालय,सिक्किम, मणिपुर राज्यो और संघ राज्य प्रदेश अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह में विद्यालयी शिक्षा के सभी क्षेत्रों, विशेश रूप से स्कूली शिक्षा के संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करता हैं। .

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केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन

केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (अंग्रेज़ी: Central Organisation for Railway Electrification) पूरे भारतीय रेल नेटवर्क की विद्युतीकरण करने का प्रभारी है। इसका मुख्यालय इलाहाबाद में स्थित है। यह संगठन साल 1961 से एक महाप्रबंधक के नेतृत्व में काम कर रहा है। अंबाला, भुवनेश्वर, चेन्नई, बंगलौर, सिकंदराबाद, लखनऊ, कोटा, कोलकाता, गोरखपुर और न्यू जलपाईगुड़ी में इसकी इकाइयाँ हैं। श्रेणी:भारतीय रेल श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना

केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme (CGHS)) भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित एक स्वास्थ्य योजना है। यह १९५४ में आरम्भ किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों, पेंशनधारियों, तथा उनके आश्रितों को सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है। यह सेवा निम्नलिखित नगरों में उपलब्ध है- .

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केन्द्रीय हिन्दी संस्थान

केंद्रीय हिंदी संस्थान भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक उच्चतर शैक्षणिक एवं शोध संस्थान है। इसका मुख्यालय आगरा में है। इसके आठ केंद्र- दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वर तथा अहमदाबाद हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 351 में निहित दिशा-निर्देशों के अनुरूप हिंदी को अपनी विविध भूमिकाएं निभाने में समर्थ और सक्रिय बनाने के उद्देश्य से और विविध शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावहारिक स्तरों पर सुनियोजित अनुसंधान द्वारा शिक्षण-प्रशिक्षण, भाषाविश्लेषण, भाषा का तुलनात्मक अध्ययन तथा शिक्षण सामग्री निर्माण आदि को विकसित करने के लिए सन् १९६१ में भारत सरकार के तत्कालीन शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्रालय द्वारा केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में की गई। संस्थान का मुख्य कार्य हिंदी भाषा से संबंधित क्षैक्षणिक कार्यक्रम चलाना, शोध कार्य संपन्न करना एवं हिन्दी के प्रचार प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाना है। प्रारंभ में संस्थान का प्रमुख कार्य अहिंदी भाषी क्षेत्रों के लिए योग्य, सक्षम एवं प्रभावकारी हिंदी अध्यापकों को ट्रेनिंग कॉलेज और स्कूली स्तरों पर पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित करना था। परंतु बाद में हिंदी के शैक्षिक प्रचार-प्रसार और विकास को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने अपने कार्य क्षेत्रों और प्रकार्यों को विस्तृत किया, जिसके अंतर्गत हिंदी शिक्षण-प्रशिक्षण, हिंदी भाषा-परक शोध, भाषाविज्ञान तथा तुलनात्मक साहित्य आदि विषयों से संबंधित मूलभूत वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रमों को संचालित करना प्रारंभ किया तथा विविध स्तरीय पाठ्यक्रमों, शैक्षिक सामग्री, अध्यापक निर्देशिकाएँ इत्यादि तैयार करने का कार्य भी प्रारंभ किया। यह संस्थान हिंदी अध्ययन-अध्यापन और अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। संस्थान को उच्च स्तरीय शैक्षिक संस्थान के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त है। हिंदी भारत की सामासिक संस्कृति की संवाहिका के रूप में अपनी सार्थक भूमिका निभा सके, इस उद्देश्य एवं संकल्प के साथ संस्थान निरंतर कार्यरत है। अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए भी संस्थान अथक प्रयास कर रहा है। संस्थान का मूलभूत उद्देश्य है कि भारतीय भाषाएँ एक दूसरे के निकट आएँ और सामान्य बोधगम्यता की द्रष्टि से हिंदी इनके बीच सेतु का कार्य करे तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय चेतना, संस्कृति एवं उससे संबद्ध मूल तत्व हिंदी के माध्यम से प्रसारित ही न हों, बल्कि सुग्राह्य भी बनें। .

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केआईआईटी विश्वविद्यालय

केआईआईटी विश्वविद्यालय (कलिंग प्रौद्योगिकी संस्थान), भारतीय राज्य ओडिशा के भुवनेश्वर में  एक सह-शिक्षा, स्वायत्त विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, जैव प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, प्रबंधन, कानून, कंप्यूटर अनुप्रयोग, ग्रामीण प्रबंधन, फैशन, फिल्म अध्ययन, पत्रकारिता और Sculpturing पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर  प्रदान करता है।  किट विश्वविद्यालय को २००४ में विश्वविद्यालय  क दर्जा दिया गया था।  क्याम्पस ६ का द्वार केआईआईटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग राष्ट्रीय स्तर में 5 वीं  स्थान दिया गया है। .

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अच्युत सामंत

डॉ अच्युत सामंत (१९ अप्रैल १९६५ को जन्म)) भारत के ओड़िशा राज्य के प्रसिद्ध सामाजोद्यमी एवं शिक्षाशास्त्री हैं। उन्होने कलिंग प्रौद्योगिकी संस्थान (KIT), कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (KIIT) तथा कलिंग समाज विज्ञान संस्थान के संस्थापक हैं। इन संस्थानों में आदिवासी छात्र-छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। वे भारत के किसी विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के उप कुलपति हैं (लिम्का बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड्स)। अमेरिका के एज स्कॉल फाउन्डेशन ने उन्हें विश्व के १५ समाजोद्यमियों में स्थान दिया है। .

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अण्डमान

अंग्रेज़ी) अंडमान बंगाल की खाड़ी में स्थित भारत के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह का उत्तरी भाग है। अंडमान अपने आंचल में मूंगे (कोरल) की दीवारों, साफ-स्वच्छ सागर तट, पुरानी यादों से जुड़े खंडहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां संजोए हैं। इस द्वीपसमूह में कुल 572 द्वीप हैं। अंडमान का लगभग 86 प्रतिशत क्षेत्रफल जंगलों से ढका हुआ है। समुद्री जीवन, इतिहास और जलक्रीड़ाओं में रूचि रखने वाले सैलानियों को यह द्वीप बहुत रास आता है। .

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अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह

अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह (बंगाली:আন্দামান ও নিকোবর দ্বীপপুঞ্জ) भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। ये बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है जिनमें से सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं। यहाँ की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। भारत का यह केन्द्र शासित प्रदेश हिंद महासागर में स्थित है और भौगोलिक दृष्टि से दक्षिण पूर्व एशिया का हिस्सा है। यह इंडोनेशिया के आचेह के उत्तर में 150 किमी पर स्थित है तथा अंडमान सागर इसे थाईलैंड और म्यांमार से अलग करता है। दो प्रमुख द्वीपसमूहों से मिलकर बने इस द्वीपसमूह को 10° उ अक्षांश पृथक करती है, जिसके उत्तर में अंडमान द्वीप समूह और दक्षिण में निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। इस द्वीपसमूह के पूर्व में अंडमान सागर और पश्चिम में बंगाल की खाड़ी स्थित है। द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर एक अंडमानी शहर है। 2001 की भारत की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 356152 है। पूरे क्षेत्र का कुल भूमि क्षेत्र लगभग 6496 किमी² या 2508 वर्ग मील है। .

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अनुराधा बिस्वाल

अनुराधा बिस्वाल (जन्म १ जनवरी, १९७५) एक भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट हैं जोकि ओडिशा से हैं एवं १०० मीटर बाधा दौड़ में माहिर हैं। उनका वर्तमान राष्ट्रीय कीर्तिमान १०० मीटर बाधा दौड़ के लिए १३.३८ सेकंड है। अनुराधा ने ये कीर्तिमान २६ अगस्त २००२ के दौरान, नेहरू स्टेडियम दिल्ली में आयोजित डीडीए राजा भालेंद्र सिंह राष्ट्रीय सर्किट मीट के दौरान स्थापित किया। उन्होंने ३० जुलाई, २००० में  जकार्ता में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप के अपने १३.४० सेकंड के कीर्तिमान को और बेहतर किया।  उन्होंने जकार्ता में अपने प्रदर्शन के लिए एक कांस्य पदक जीता। वह इस समय भुवनेश्वर, ओडिशा में स्थित नालको के साथ कार्य कर रहीं हैं। .

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालय का समूह है। इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है। इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्‍यम से एक स्‍वायत्त संस्‍थान के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्‍टता को पोषण देने के केन्‍द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया। एम्स चौक दिल्ली के रिंग रोड पर पड़ने वाला चौराहा है, इसे अरविन्द मार्ग काटता है। सन् 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी श्रंखला में 6 अन्य एम्स संस्थान पूरे भारत में स्थापित किये गये। ताकि दूर दराज के लोगों को बेहतर इलाज की सुविधायें पाई जा सके! 2022 तक हर राज्य में एक AIIMS खोलने का विचार है। .

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उदयगिरि और खंडगिरि

खण्डगिरि से देखने पर उदयगिरि का दृश्य उदयगिरि और खंडगिरि (ओडिया: ଉଦୟଗିରି ଓ ଖଣ୍ଡଗିରି ଗୁମ୍ଫା) ओडीशा में भुवनेश्वर के पास स्थित दो पहाड़ियाँ हैं। इन पहाड़ियों में आंशिक रूप से प्राकृतिक व आंशिक रूप से कृत्रिम गुफाएँ हैं जो पुरातात्विक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व की हैं। हाथीगुम्फा शिलालेख में इनका वर्णन 'कुमारी पर्वत' के रूप में आता है। ये दोनों गुफाएं लगभग दो सौ मीटर के अंतर पर हैं और एक दूसरे के सामने हैं। ये गुफाएं अजन्ता और एलोरा जितनी प्रसिद्ध नहीं हैं, लेकिन इनका निर्माण बहुत सुंदर ढंग से किया गया है। इनका निर्माण राजा खारावेला के शासनकाल में विशाल शिलाखंडों से किया गया था और यहां पर जैन साधु निर्वाण प्राप्ति की यात्रा के समय करते थे। इतिहास, वास्तुकला, कला और धर्म की दृष्टि से इन गुफाओं का विशेष महत्व है। उदयगिरि में 18 गुफाएं हैं और खंडगिरि में 15 गुफाएं हैं। कुछ गुफाएं प्राकृतिक हैं, लेकिन ऐसी मान्यता है कि कुछ गुफाओं का निर्माण जैन साधुओं ने किया था और ये प्रारंभिक काल में चट्टानों से काट कर बनाए गए जैन मंदिरों की वास्तुकला के नमूनों में से एक है। .

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छत

टोक्यो में कुछ घरों की छतें वास्तुकला में छत किसी कमरे, मकान, स्थापत्य या अन्य जगह को ऊपर से ढकने के लिए बनाए गए ढाँचे को कहते हैं। छत के द्वारा किसी इमारत की धूप, वर्षा, बर्फ़, हवा-आंधी और अन्य मौसमी तत्वों से, व जानवरों और कीटों से रक्षा की जा सकती है।, David Johnston, Scott Gibson, Taunton Press, 2008, ISBN 978-1-56158-973-9,...

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२०१७ एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप

२०१७ एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप ,एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का २२वां  संस्करण है। यह भारत के भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में ०६ जुलाई से ०९ जुलाई २०१७ आयोजित होगा । भुवनेश्वर एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी करने वाला तीसरा भारतीय शहर है, इस समारोह में ४५ देशों के ८०० एथलीट  भाग लेंगे।  एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का 22 वां संस्करण मूल रूप से झारखंड के रांची में होने का आयोजन किया गया था। इस आयोजन की मेजबानी करने में रांची की अक्षमता के बाद, भुवनेश्वर को इस चैंपियनशिप की मेजबानी  के लिए  चुना गया।   .

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2001 ओडिशा विधानसभा हमला

2001 ओडिशा विधानसभा हमला बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद और दुर्गा वाहिनी द्वारा किया गया उच्च प्रोफ़ाइल का आतंकी हमला था। श्रेणी:भारत में आतंकवादी घटनाएं श्रेणी:हिन्दू आतंकवाद श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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