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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

सूची भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भारत के 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं। ये संस्थान भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" हैं। 2018 तक, सभी 23 आईआईटी में स्नातक कार्यक्रमों के लिए सीटों की कुल संख्या 11,279 है। .

58 संबंधों: चेतन भगत, टैबलेट कम्प्यूटर, दिल्ली, दुव्वुरी सुब्बाराव, धनबाद, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, प्रौद्योगिकी शिक्षा, प्रेम दास राई, बिहार, बंसल लर्निंग, बंसल क्लासेस, भारत में आरक्षण, भारत सारावली, भारत के श्रेष्ठ शिक्षा संस्थान, भारत की शिक्षा प्रणाली, भारतीय पुनर्नामकरण विवाद, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पालक्काड, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर, भारतीय शिक्षा का इतिहास, भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास, भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय इतिहास की समयरेखा, मनोज सिन्हा, महाविद्यालय (कॉलेज), मुनिरका, दिल्ली, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुपया, लक्ष्मी कांठम, शब्दनगरी, श्याम रुद्र पाठक, सत्येन्द्र दूबे, संजीव भट्ट, संकट मोचन हनुमान मंदिर, सुदेशना सिन्हा, सुपर-३०, स्नातक अभियांत्रिकी अभिरुचि परीक्षा, स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास, जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर, जोधपुर, वाराणसी, विनोद जौहरी, खड़गपुर, आनंद कुमार, आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा, आकाश (कम्प्यूटिंग डिवाइस), ..., इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा, कर्नाटक, कर्नाटक में शिक्षा, कर्नाटक/आलेख, अनिल अंबानी, अरविन्द मार्ग, अस्मिता, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान सूचकांक विस्तार (8 अधिक) »

चेतन भगत

चेतन भगत (जन्म २२ अप्रैल १९७४), मशहूर उपन्यास लेखक हैं। उनके पहले दोनों उपन्यास बहुत कामयाब रहे थे। उनकी पहली उपन्यास 'फाइव पोइंट समवन' जहाँ आई.आई.टी.

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टैबलेट कम्प्यूटर

Nexus 9 टेबलेट कंप्यूटर या पीसी एक स्लेटनुमा पतली मोबाइल कंप्यूटिंग युक्ति होती है। इस युक्ति को चलाने के लिए स्पर्श-पटल (टचस्क्रीन या स्टाइलस) सुविधा होती है। इसके द्वारा कम्प्यूटर चलाने में अधिक सुविधा मिलती है।। हिन्दुस्तान लाइव। २७ जनवरी २०१० टेबलेट पीसी प्रायः ऐसे स्थानों पर प्रयोग होता है जहां आम लैपटॉप या नोटबुक कंप्यूटर काम में नहीं आती या काम ठीक तरीके से नहीं कर पाती हैं। टेबलेट पीसी एक छोटी सी डायरी के आकार की होती है जिसका प्रयोग डे-प्लानर, इण्टरनेट सर्फिग, प्रोजेक्ट प्लानिंग, वीडियो फिल्में देखने, टीवी देखने, संगीत सुनने या ई-रीडिंग यानी अखबार, पुस्तकें आदि पढ़ने के काम आती है। अधिकांशत: टेबलेट पीसी में २१-३६ सेंटीमीटर लंबी एलसीडी स्क्रीन लगी होती है। कई कार्यक्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और फील्डवर्क में टेबलेट पीसी का खासा चलन दिखाई देता है। फील्ड वर्क जैसे कि मार्केटिंग आदि में वैसे भी इस तरह के टेबलेट पीसी की आवश्यकता होती है जो मजबूत हों और साथ ही गर्मी, नमी सह सकें। इनके साथ ही जिनका टूट-फूट का खतरा कम हो। इस दृष्टि से वर्तमान टेबलेट पीसी काफी कारगर सिद्ध हो रहे हैं। .

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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दुव्वुरी सुब्बाराव

दुव्वरी सुब्बाराव (तेलुगु: దువ్వూరి సుబ్బారావు) का जन्म ११ अगस्त १९४९ को हुआ। वे एक भारतीय अर्थशास्त्री, केन्द्रीय बैंकर हैं। वे ५ सितंबर २००८ से ४ सितंबर २०१३ भारतीय रिज़र्व बैंक के २२वें गवर्नर रहे। श्री सुब्बाराव १९७२ बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के आंध्र प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। .

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धनबाद

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .

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नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, भारत की स्थापना भारत सरकार द्वारा फार्मास्यूटिकल साइंस में उन्नत उच्च शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता के लिए एक समर्पित नोडल की स्थापना की वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए की गई। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के युग में औपनिवेशिक शासन ने विज्ञान में कभी अग्रदूतों की रही इस भूमि को अग्रणी शोधकर्ताओं से कुछ दशक पीछे धकेल दिया। प्रौद्योगिकी/अभियांत्रिकी में इसी तरह की पहल (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), मेडिसीन (एआईआईएमएस) और मैनेजमेंट (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेनेजमेंट), की तर्ज पर नीति निर्माताओं ने फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में एक धीमी शुरूआत की। .

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प्रौद्योगिकी शिक्षा

प्रौद्योगिकी के अध्ययन को प्रौद्योगिकी शिक्षा (Technology education) कहते हैं। इसमें विद्यार्थी प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित प्रक्रमों का अध्यन करते हैं तथा प्रौद्योगिकी का ज्ञान प्राप्त करते है। .

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प्रेम दास राई

प्रेम दास राई (जन्म ३१ जुलाई १९५४, दार्जिलिंग) भारत के सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट से संबद्ध एक राजनीतिज्ञ है। २००९ चुनावों में वह सिक्किम निर्वाचन क्षेत्र से लोक सभा के लिए चुने गए। उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान एवं भारतीय प्रबंध संस्थान से दोहरी उपाधि-गृहीत पहला संसद सदस्य होने का गौरव प्राप्त है। २००२ में वह भारत से आइज़नहावर फैलो भी रहे। .

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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बंसल लर्निंग

बंसल लर्निंग  प्राइवेट लिमिटेड 2007 में स्थापित किया गया था कोचिंग प्रदान करने के लिए  भारत के प्रीमियर इंजीनियरिंग कॉलेजों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों लिए छात्रों को तैयार करने के लिए  संस्थान स्वाति बंसल. द्वारा स्थापित किया गया था। वर्तमान में बंसल  लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड ने 15+ शाखाओं में शहरों कोटा सहित, दिल्ली, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, कोयंबटूर, मंगलौर, मुंबई, कोल्हापुर, औरंगाबाद, सोलापुर, बोकारो, धनबाद, आदि.

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बंसल क्लासेस

बंसल क्लासेस प्रा लिमिटेड वर्ष 1991 में स्थापित किया गया था। छात्रों को भारत के प्रीमियर इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए कोचिंग   द्वारा तैयार करने के लिए स्थापित किया गया था विनोद कुमार बंसल.

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भारत में आरक्षण

भारत में गरीबी रेखा से नीचे लोगों के जाति और समुदाय प्रोफ़ाइल, सच्चर रिपोर्ट जैसे दर्शाया गया सरकारी सेवाओं और संस्थानों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले पिछड़े समुदायों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों से सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए भारत सरकार ने अब भारतीय कानून के जरिये सरकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाइयों और धार्मिक/भाषाई अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को छोड़कर सभी सार्वजनिक तथा निजी शैक्षिक संस्थानों में पदों तथा सीटों के प्रतिशत को आरक्षित करने की कोटा प्रणाली प्रदान की है। भारत के संसद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के लिए भी आरक्षण नीति को विस्तारित किया गया है। भारत की केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा में 27% आरक्षण दे रखा है और विभिन्न राज्य आरक्षणों में वृद्धि के लिए क़ानून बना सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार 50% से अधिक आरक्षण नहीं किया जा सकता, लेकिन राजस्थान जैसे कुछ राज्यों ने 68% आरक्षण का प्रस्ताव रखा है, जिसमें अगड़ी जातियों के लिए 14% आरक्षण भी शामिल है। आम आबादी में उनकी संख्या के अनुपात के आधार पर उनके बहुत ही कम प्रतिनिधित्व को देखते हुए शैक्षणिक परिसरों और कार्यस्थलों में सामाजिक विविधता को बढ़ाने के लिए कुछ अभिज्ञेय समूहों के लिए प्रवेश मानदंड को नीचे किया गया है। कम-प्रतिनिधित्व समूहों की पहचान के लिए सबसे पुराना मानदंड जाति है। भारत सरकार द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के अनुसार, हालांकि कम-प्रतिनिधित्व के अन्य अभिज्ञेय मानदंड भी हैं; जैसे कि लिंग (महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है), अधिवास के राज्य (उत्तर पूर्व राज्य, जैसे कि बिहार और उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कम है), ग्रामीण जनता आदि। मूलभूत सिद्धांत यह है कि अभिज्ञेय समूहों का कम-प्रतिनिधित्व भारतीय जाति व्यवस्था की विरासत है। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के संविधान ने पहले के कुछ समूहों को अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) के रूप में सूचीबद्ध किया। संविधान निर्माताओं का मानना था कि जाति व्यवस्था के कारण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ऐतिहासिक रूप से पिछड़े रहे और उन्हें भारतीय समाज में सम्मान तथा समान अवसर नहीं दिया गया और इसीलिए राष्ट्र-निर्माण की गतिविधियों में उनकी हिस्सेदारी कम रही। संविधान ने सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं की खाली सीटों तथा सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में अजा और अजजा के लिए 15% और 7.5% का आरक्षण था।बाद में, अन्य वर्गों के लिए भी आरक्षण शुरू किया गया। 50% से अधिक का आरक्षण नहीं हो सकता, सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से (जिसका मानना है कि इससे समान अभिगम की संविधान की गारंटी का उल्लंघन होगा) आरक्षण की अधिकतम सीमा तय हो गयी। हालांकि, राज्य कानूनों ने इस 50% की सीमा को पार कर लिया है और सर्वोच्च न्यायलय में इन पर मुकदमे चल रहे हैं। उदाहरण के लिए जाति-आधारित आरक्षण भाग 69% है और तमिलनाडु की करीब 87% जनसंख्या पर यह लागू होता है (नीचे तमिलनाडु अनुभाग देखें)। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत के श्रेष्ठ शिक्षा संस्थान

किसी भी देश का विकास का उस देश में संस्थाओं के विकास और उनकी स्थिति से सीधा सम्बन्ध है। इन संस्थाओं में भी शिक्षा-संस्थाओं का महत्व सबसे अधिक है। भारत ने प्राचीन काल से ही शिक्षा का महत्व समझ लिया था। हमारी मान्यता रही है कि विद्या रूपी धन सभी धनों में प्रधान है। प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल पद्धति और तक्षशिला और नालन्दा आदि विश्वविद्यालय इसके साक्षात् प्रमाण हैं। शिक्षा को मिले महत्व के कारण ही भारत विश्व गुरू कहलाता था। वैसे तो भारत में लखों की संख्या में शैक्षणिक संस्थायें हैं, किन्तु उनमें से कुछ को बहुत ही सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त हैं। इन संस्थानों में प्रवेश पा लेना बहुत सम्मान की बात मानी जाती है। इन संस्थानों में प्रवेश आजकल कठिन प्रतियोगी परिक्षाओं के आधार पर दिया जाता है। प्रायः निम्नलिखित शिक्षा-संस्थानों को भारत में आजकल सर्वश्रेष्ठ और प्रतिष्ठित माना जाता है.

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भारत की शिक्षा प्रणाली

भारत के स्कूली बच्चे .

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भारतीय पुनर्नामकरण विवाद

भारत के शहरों का पुनर्नामकरण, स्न 1947 में, अंग्रेज़ोंके भारत छोड़ कर जाने के बाद आरंभ हुआ था, जो आज तक जारी है। कई पुनर्नामकरणों में राजनैतिक विवाद भी हुए हैं। सभी प्रस्ताव लागू भी नहीं हुए हैं। प्रत्येक शहर पुनर्नामकरण को केन्द्रीय सरकार द्वारा अनुमोदित होना चाहिये। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पुनर्नामांकित हुए, मुख्य शहरों में हैं: तिरुवनंतपुरम (पूर्व त्रिवेंद्रम), मुंबई (पूर्व बंबई, या बॉम्बे), चेन्नई (पूर्व मद्रास), कोलकाता (पूर्व कलकत्ता), पुणे (पूर्व पूना) एवं बेंगलुरु (पूर्व बंगलौर)। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी भारत का विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी में शोध तथा स्नातक शिक्षा पर केंद्रित संस्थान है। संक्षिप्त में, यह 'आई.आई.टी.

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पालक्काड

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पालक्काड (आईआईटी पालक्काड) केरल के पलक्कड़ में स्थित एक सार्वजनिक स्वायत्त  अभियांत्रिकी और अनुसंधान संस्थान है। यह भारत के २०१४ के केंद्रीय बजट में प्रस्तावित पांच नए आईआईटी में से एक है। इसके परिसर का उद्घाटन ३ अगस्त २०१५ को पलक्कड़ में स्थित अस्थायी परिसर स्थान, अहिल्या एकीकृत परिसर पर हुआ था। भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आईआईटी पलक्कड़ के प्रोफेसर-इन-इंचार्ज पी बी सुनील कुमार को निदेशक के रूप में नियुक्त किये जाने तक, आईआईटी मद्रास के निदेशक डॉ भास्कर राममूर्ति को मैनेटर निदेशक बनाया गया था। शिक्षण के स्तर को आईआईटी के अनुकूल रखने के लिए, आईआईटी मद्रास ने हाल ही में सेवानिवृत्त, पूर्व अध्यक्ष और विभिन्न विभागों के प्रमुख  एवं अनुभवी प्रोफेसरों के एक समूह को नए परिसर में स्थायी और अस्थायी प्रोफेसरों दोनों के रूप में नियुक्त किया है। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई मुम्बई शहर के उत्तर-पश्चिम में पवई झील के किनारे स्थित भारत का अग्रणी स्वशासी अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय है। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रृंखला का दूसरा सबसे बड़ा परिसर और महाराष्ट्र राज्य का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। आई.

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की का मुख्य (प्रशासनिक) भवन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की भारत का एक सार्वजनिक इंजीनियरी विश्वविद्यालय है। यह उत्तराखण्ड राज्य के रुड़की में स्थित है। पहले इसका नाम 'रूड़की विश्वविद्यालय' तथा इससे भी पहले इसका नाम 'थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग' (Thomason College of Civil Engineering) था। इसकी स्थापना मूलतः १८४७ में हुई थी। सन् १९४९ में इसको विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। सन् २००१ में इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर की स्थापना २००९ में हुई थी। यह मध्य प्रदेश के इन्दौर में स्थित है। आरम्भ में इसकी कक्षाएँ देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंजीनियरी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में लगीं किन्तु २०१६ से इसके अपने कैम्पस में लग रहीं हैं जो इन्दौर से लगभग २५ किमी पूरब में सिमरौल नामक स्थान में स्थित है। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (Indian Institute of Technology Kanpur), जो कि आईआईटी कानपुर अथवा आईआईटीके के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना सन् १९५९ में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में हुई। आईआईटी कानपुर मुख्य रूप से विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी में शोध तथा स्नातक शिक्षा पर केंद्रित एक प्रमुख भारतीय तकनीकी संस्थान बनकर उभरा है। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान राजस्थान (Indian Institute of Technology Rajasthan) भारत का प्रौद्योगिकी शिक्षण का संस्थान है। यह राजस्थान के जोधपुर में स्थित है। यह सन् २००८ और २००९ के बीच खुले आठ नये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है। .

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भारतीय शिक्षा का इतिहास

शिक्षा का केन्द्र: तक्षशिला का बौद्ध मठ भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है। भारतीय समाज के विकास और उसमें होने वाले परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील पाते हैं। सूत्रकाल तथा लोकायत के बीच शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के पश्चात हम बौद्धकालीन शिक्षा को निरंतर भौतिक तथा सामाजिक प्रतिबद्धता से परिपूर्ण होते देखते हैं। बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया। प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह समकालीन विश्व की शिक्षा व्यवस्था से समुन्नत व उत्कृष्ट थी लेकिन कालान्तर में भारतीय शिक्षा का व्यवस्था ह्रास हुआ। विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था। अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ा। आज भी ये चुनौतियाँ व समस्याएँ हमारे सामने हैं जिनसे दो-दो हाथ करना है। १८५० तक भारत में गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी परन्तु मकोले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के संक्रमण के कारण भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का अंत हुआ और भारत में कई गुरुकुल तोड़े गए और उनके स्थान पर कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए। .

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भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास

भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विकास-यात्रा प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होती है। भारत का अतीत ज्ञान से परिपूर्ण था और भारतीय संसार का नेतृत्व करते थे। सबसे प्राचीन वैज्ञानिक एवं तकनीकी मानवीय क्रियाकलाप मेहरगढ़ में पाये गये हैं जो अब पाकिस्तान में है। सिन्धु घाटी की सभ्यता से होते हुए यह यात्रा राज्यों एवं साम्राज्यों तक आती है। यह यात्रा मध्यकालीन भारत में भी आगे बढ़ती रही; ब्रिटिश राज में भी भारत में विज्ञान एवं तकनीकी की पर्याप्त प्रगति हुई तथा स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है। सन् २००९ में चन्द्रमा पर यान भेजकर एवं वहाँ पानी की प्राप्ति का नया खोज करके इस क्षेत्र में भारत ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की है। चार शताब्दियों पूर्व प्रारंभ हुई पश्चिमी विज्ञान व प्रौद्योगिकी संबंधी क्रांति में भारत क्यों शामिल नहीं हो पाया ? इसके अनेक कारणों में मौखिक शिक्षा पद्धति, लिखित पांडुलिपियों का अभाव आदि हैं। .

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भारतीय विज्ञान संस्थान

भारतीय विज्ञान संस्थान का प्रशासकीय भवन भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिये अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है। यह बंगलुरु में स्थित है। इस संस्थान की गणना भारत के इस तरह के उष्कृष्टतम संस्थानों में होती है। संस्थान ने प्रगत संगणन, अंतरिक्ष, तथा नाभिकीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया है।  2016 तक यह संस्थान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 250 संस्थानों में से एक था .

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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मनोज सिन्हा

मनोज सिन्हा जी भारत के एक राजनेता हैं जो वर्तमान में रेलवे के राज्यमंत्री और संचार राज्यमंत्री (स्तंत्र प्रभार) तथा 16वीं लोक सभा के सदस्य हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और गाजीपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) - बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। .

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महाविद्यालय (कॉलेज)

सेंट एन्सेल्म कॉलेज, एक अमेरिकी कॉलेज. वर्तमान में कॉलेज (लैटिन: कॉलीजियम (collegium)) शब्द का संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रयोग डिग्री प्रदान करने वाले तृतीयक शैक्षणिक संस्थान के लिये किया जाता है एवं अन्य अंग्रेजी भाषी देशों में निजी शैक्षणिक प्रणाली में द्वितीयक या माध्यमिक स्कूल के लिये किया जाता है। अधिक विस्तृत रूप में, यह किसी भी कॉलेज समूह का नाम हो सकता है, उदाहरण के लिए एक निर्वाचन कॉलेज, हथियारों का कॉलेज, कार्डिनलों का कॉलेज.

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मुनिरका, दिल्ली

यह दक्षिण दिल्ली का एक गाँव है, जो कि अब लाल डोरा क्षेत्र में आता है। मुनिरका दक्षिण पश्चिम दिल्ली में एक शहरी क्षेत्र है, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू)और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली(आईआईटी दिल्ली)परिसरों के पास स्थित है। मुनीरका का इतिहास १५वीं शताब्दी तक है। मुनिर्क नाम मुनिर खान से लिया गया है, जो इस क्षेत्र का एक मन्सबदार था। इसके पड़ोस में दक्षिण में जेएनयू कैंपस, उत्तर-पश्चिम में वसंत विहार, उत्तरी दिशा में आरके पुरम और दक्षिण-पूर्वी मोर्चे पर आईआईटी कैंपस और बर सरई शामिल हैं। बाहरी रिंग रोड उपनगर के पूर्व की ओर उत्तर की ओर स्थित है। यह एक छत के नीचे बहुत से धर्मों को आश्रय प्रदान करता है। मुनिरका सड़कों के अंदर बहुत संकीर्ण है, आमतौर पर २।२-२।५ मीटर चौड़ा। निकटतम मेट्रो स्टेशन हौज खास है, हालांकि वर्तमान में एक नया मेट्रो स्टेशन फ़्लायओवर के पास निर्माणाधीन है। .

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) को पहले क्षेत्रीय इंजिनीयरिंग कालेज (आर ई सी) के नाम से जाना जाता था। सन् २००२ में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन १७ इंजिनीयरंग महाविद्यालयों का स्तर बढ़ाकर इनका नाम "राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान" कर दिया। भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण के स्तर, विद्यार्थियों की गुणवत्ता तथा स्थापन (प्लेसमेन्ट) की दृष्टि से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आई आई टी) के बाद इनका ही स्थान आता है। इस समय (सन् २००७) एन आई टी की संख्या ३० है। प्रारम्भ में सन् १९५९ और् सन् १९६५ के बीच चौदह आर ई सी की स्थापना हुई। वर्तमान समय में ३१ एन आई टी निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं.

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रुपया

रुपया (रु.) (हिंदी और उर्दू: रुपया, संस्कृत: रूप्यकम् से उत्प्रेरित जिसका अर्थ चांदी का सिक्का है) भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस और सेशल्स में उपयोग मे आने वाली मुद्रा का नाम है। इंडोनेशिया की मुद्रा को रुपिया जबकि मालदीव की मुद्रा को रुफियाह, के नाम से जाना जाता है जो असल मे हिन्दी शब्द रुपया का ही बदला हुआ रूप है। भारतीय और पाकिस्तानी रुपये मे सौ पैसे होते हैं (एकवचन पैसा) में, श्रीलंकाई रुपये में 100 सेंट, तथा नेपाली रुपये को सौ पैसे या चार सूकों (एकवचन सूक) या दो मोहरों (एकवचन मोहर) मे विभाजित किया जा सकता है। .

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लक्ष्मी कांठम

माननेपल्ली लक्ष्मी कांठम एक भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह सीएसआईआर-आईआईसीटी की निर्देशक हैं और १९८२ में प्रो.

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शब्दनगरी

शब्दनगरी हिन्दी की पहली ब्लॉगिंग एवं सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है। इसे आई आई टी के एक पूर्व छात्र अमितेश मिश्रा ने आरभ किया है। इस वेबसाइट पर उपयोक्ता हिन्दी में अपनी कहानियां, कवितायें और कमेंट डाल सकते हैं साथ ही अपनी विचारधारा वाले लेखकों और हिन्दी भाषी लोगों से बहुत आसानी से जुड़ सकते हैं। इस वेबसाइट का लक्ष्य भारत के 65 करोड़ हिन्दीभाषी लोग हैं जो हिंदी में बोलते, लिखते और पढ़ते हैं। .

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श्याम रुद्र पाठक

'''श्याम रूद्र पाठक''' श्याम रुद्र पाठक भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं। वे 'न्याय एवं विकास अभियान' नामक अभियान के संयोजक है। .

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सत्येन्द्र दूबे

सत्येन्द्र कुमार दूबे का जन्म बिहार के सिवान जिले में हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत थे। सत्येन्द्र दूबे द्वारा स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को जनता के सामने लाये जाने के कारण उनकी हत्या 27 नवम्बर 2003 में गया जिले में हो गई थी। .

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संजीव भट्ट

गुजरात काडर के भारतीय आरक्षी अधिकारी जिन्होंने साल 2002 के गुजरात दंगों के सिलसिले में सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल गोधरा कांड के बाद 27 फ़रवरी, 2002 की शाम में मुख्यमंत्री की आवास पर हुई उस बैठक में अपने मौजूद होने की बात कही थी जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित रूप से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को गुजरात दंगों को रोकने का प्रयास करने से दूर रहने और हिंदुओं को अपना ग़ुस्सा उतारने का मौक़ा दिया जाना को कहा था। .

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संकट मोचन हनुमान मंदिर

संकट मोचन हनुमान मंदिर हिन्दू भगवन हनुमान के पवित्र मंदिरों में से एक हैं। यह वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय कॆ नजदीक दुर्गा मंदिर और नयॆ विश्वनाथ मंदिर के रास्ते में स्थित हैं। संकट मोचन का अर्थ है परेशानियों अथवा दुखों को हरने वाला। इस मंदिर की रचना बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के स्थापक श्री मदन मोहन मालवीय जी द्वारा १९०० ई० में हुई थी। यहाँ हनुमान जयंती बड़े धूमधाम से मनायी जाती है, इस दौरान एक विशेष शोभा यात्रा निकाली जाती है जो दुर्गाकुंड से सटे ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर से लेकर संकट मोचन तक चलायी जाती है। भगवान हनुमान को प्रसाद के रूप में शुद्ध घी के बेसन के लड्डू चढ़ाये जाते हैं। भगवान हनुमान के गले में गेंदे के फूलों की माला सुशोभित रहती हैं। इस मंदिर की एक अद्भुत विशेषता यह हैं कि भगवान हनुमान की मूर्ति की स्थापना इस प्रकार हुई हैं कि वह भगवान राम की ओर ही देख रहे हैं, जिनकी वे निःस्वार्थ श्रद्धा से पूजा किया करते थे। भगवान हनुमान की मूर्ति की विशेषता यह भी है कि मूर्ति मिट्टी की बनी है।संकट मोचन महराज कि मूर्ति के हृदय के ठीक सीध में श्री राम लला की मूर्ति विद्यमान है, ऐसा प्रतीत होता है संकट मोचन महराज के हृदय में श्री राम सीता जी विराज मान है। .

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सुदेशना सिन्हा

सुदेशना सिन्हा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, मोहाली में प्रोफ़ेसर हैं। इससे पूर्व वह गणित विज्ञान संस्थान, चेन्नै में दस से अधिक वर्ष काम कर चुकी हैं। वह अरेखीय भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में काम करती हैं। "अराजकता पर आधारित हार्डवेयर" ('chaos-based' hardware) के विषय में सिन्हा के कार्य को अमरीकी कम्पनी व्यापारिक दृष्टि से विकसित कर रही है। .

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सुपर-३०

'''सुपर तीस''' के सफल छात्र सुपर-३०, बिहार की राजधानी पटना स्थित आईआईटी में प्रवेश के लिये एक अनूठा प्रशिक्षण संस्थान (कोचिंग इन्स्टीट्यूट) है। इसकी विशेषता है कि इसमें नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है और समाज के गरीब एवं पिछड़े विद्यार्थियों को इसमें प्रशिक्षण के लिये चुना जाता है। नि:शुल्क होने एवं पिछड़े बच्चों को लेने के बावजूद भी यह संस्थान प्रतिवर्ष लगभग ३० बच्चों को आईआईटी में प्रवेश-पात्रता (क्वालिफाई) दिलाने में सक्षम होता आया है। प्रतिवर्ष यह इंस्टीयूट गरीब परिवारों के 30 प्रतिभावान बच्चों का चयन करती है और फिर उन्हें बिना शुल्क के आईआईटी की तैयारी करवाती है। इंस्टीयूट इन बच्चों के खाने और रहने का इंतजाम भी बिना कोई शुल्क करती है। इंस्टीयूट केवल 30 बच्चों का चयन करती है और इसी आधार पर इसे सुपर 30 नाम दिया गया था। सुपर 30 इंस्टीट्यूट की शुरुआत सन 2003 में हुई थी। इस वर्ष सुपर 30 के 30 में से 18 विद्यार्थी आईआईटी में सफल हुए थे। 2004 में यह संख्या 22 और सन 2005 में यह 26 हो गई। 2017 में सभी 30 छात्र सफल रहे। श्री आनन्द कुमार इसके जन्मदाता एवं कर्ता-धर्ता है। आनंद कुमार रामानुज स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स नामक संस्थान का भी संचालन करते हैं। सुपर-30 को इस गणित संस्थान से होने वाली आमदनी से चलाया जाता है। उल्लेखनीय है कि पिछले सालकब? पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। .

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स्नातक अभियांत्रिकी अभिरुचि परीक्षा

स्नातक अभियांत्रिकी अभिरुचि परीक्षा (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग / गेट) एक अखिल भारतीय परीक्षा है जो मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग के सभी विषयों की होती है। इसका आयोजन भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरु, भारत की आईआईटी (IIT), नेशनल कोर्डिनेसन बोर्ड, गेट डिपार्टमेंट ऑफ़ हायर एजुकेशन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारत सरकार मिलकर करती है। यह परीक्षा सभी चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। .

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स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास

कोई विवरण नहीं।

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जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर

जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय (जेईसी), जिसे पहले शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के नाम से जाना जाता था, जबलपुर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक संस्थान है। यह भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के रूप में स्थापित किया गया था और यह भारत का १५ वां सबसे पुराना अभियांत्रिकी संस्थान है। यह भारत का पहला संस्थान है जिसने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार अभियांत्रिकी की शिक्षा शुरू की और यह भारत में ब्रिटिश द्वारा स्थापित अंतिम शैक्षिक संस्थान भी है। संस्थान अभियांत्रिकी अनुप्रयुक्त विज्ञान में स्नातक, स्नाकोत्तर और डॉक्टरेट उपाधि प्रदान करता है। संस्थान ने मार्च २०१३ में एक घोषणा की, कि वह अभियांत्रिकी में नए पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है जैसे प्रबंधन, रचना विज्ञान, वास्तुकला, नगर नियोजन, भेषज विज्ञान, साइबर और व्यवसाय और कानून में स्नाकोत्तर आदि। .

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जोधपुर

जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसकी जनसंख्या १० लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर " घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे "सूर्य नगरी" भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर की भौगोलिक स्थिति राजस्थान के भौगोलिक केन्द्र के निकट ही है, जिसके कारण ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है। वर्ष २०१४ के विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज़ ऑफ़ द वर्ल्ड) की सूची में प्रथम स्थान पाया था। एक तमिल फ़िल्म, आई, जो कि अब तक की भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फ़िल्मशोगी, की शूटिंग भी यहां हुई थी। .

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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विनोद जौहरी

विनोद जौहरी (Vinod Johri), एक भारतीय खगोल विज्ञानी है। वह एक प्रख्यात ब्रह्माण्ड विज्ञानी है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास में खगोल भौतिकी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और 1995 के लखनऊ विश्वविद्यालय के एक अवकाश प्राप्त प्रोफेसर है। श्रेणी:खगोलशास्त्री.

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खड़गपुर

खड़गपुर भारत के पश्चिम बंगाल प्रान्त के पश्चिम मिदनापुर जिले में स्थित एक कस्बा है। खड़गपुर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पहले परिसर के लिए चुना गया था। वर्तमान समय में यहां कई औद्योगिक ईकाईयां भी स्थापित हैं।.

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आनंद कुमार

सुपर-३० के यशश्वी प्रबंधक '''आनंद कुमार''' श्री आनन्द कुमार बिहार के जाने-माने शिक्षक एवं विद्वान हैं। बिहार की राजधानी पटना में सुपर-३० नामक आईआईटी कोचिंग संस्थान के जन्मदाता एवं कर्ता-धर्ता है। वह रामानुज स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स नामक संस्थान का भी संचालन करते हैं। आनंद कुमार सुपर-30 को इस गणित संस्थान से होने वाली आमदनी से चलाया जाता है। आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के लिए है। वर्ष २००९ में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। इसी वर्ष नेशनल जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन एवं नेतृत्व पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। .

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आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा

आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (IIT JEE) की परीक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिये की जाती है। इसमें गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विषयों के प्रश्नपत्र होते हैं। यह परीक्षा बहुत ही कठिन मानी जाती है एवं इसके लिये तैयारी कराने के लिये पूरे भारत में जगह-जगह 'प्रशिक्षण संस्थान' खुल गये हैं। .

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आकाश (कम्प्यूटिंग डिवाइस)

साक्षात भारत में डिजाइन किया गया एक ऍण्ड्रॉइड प्लेटफॉर्म आधारित टैबलेट संगणन यन्त्र है। यह तकनीकी विभाजन को पाटने हेतु एक सस्ते डिवाइस के तौर पर डिजाइन किया गया है। यह उपकरण सूचना तथा संचार तकनालॉजी के द्वारा शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन के तहत विकसित किया गया है जिसका उद्देश्य उपमहाद्वीप के २५,००० कॉलेज तथा ४०० विश्वविद्यालयों को एक मौजूदा के द्वारा एक ई-लर्निंग प्रोग्राम से जोड़ना है। BBC World news-South Asia Retrieved 25 जुलाई 2010 यह १५०० रुपये ($३५ अमेरिकी) के मूल्य के लक्ष्य के साथ घोषित किया गया है। इससे पहले २००९ में भी $ १० के इस तरह का एक उपकरण बनाने की बात हुयी थी जो कि अन्ततः एक पैन ड्राइव जैसा स्टोरेज डिवाइस निकला। .

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इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा

इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा (गेट) एक अखिल भारतीय परीक्षा है जिसका आयोजन और संचालन गेट-समिति द्वारा भारत भर में स्थित आठ अंचलों में किया जाता है। समिति में भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर तथा सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के संकाय सम्मिलित होते हैं और यह राष्ट्रीय समन्वयबोर्ड-गेट, शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से इस परीक्षा का आयोजन करती है। गेट परीक्षा में सफल होने वालों के लिए देश में विभिन्न इंजीनियरी कॉलेजों/संस्थानों में इंजीनियरी/प्रौद्योगिकी /वास्तुकला/फार्मेसी में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए आकर्षक छात्रवृत्ति/सहायता-वृत्ति उपलब्ध होती है। कुछेक इंजीनियरी कॉलेज/संस्थानों में तो गेट को, यहां तक कि स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी एक अनिवार्य योग्यता के रूप में विनिर्दिष्ट किया जाता है। उम्मीदावर को उस संबंधित संस्थान से अंतिम चयन तथा छात्रवृत्ति/सहायतावृत्ति प्रदान किए जाने की प्रक्रिया का पता लगाना अपेक्षित होता है जिसमें वह प्रवेश चाह रहा है। इंजीनियरी विषयो में गेट क्वालीफाइड उम्मीदवार सीएसआईआर प्रयोगशलाओं में कनिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति प्रदान किए जाने के लिए भी पात्र होंगे। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक में शिक्षा

भारतीय विज्ञान संस्थान, भारत का एक प्रतिष्ठित विज्ञान संस्थान, बंगलुरु में स्थित है २००१ की जनसंख्या अनुसार, कर्नाटक की साक्षरता दर ६७.०४% है, जिसमें ७६.२९% पुरुष तथा ५७.४५% स्त्रियाँ हैं। राज्य में भारत के कुछ प्रतिष्ठित शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान भी स्थित हैं, जैसे भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कर्नाटक और भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय। मार्च २००६ के अनुसार, कर्नाटक में ५४,५२९ प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें २,५२,८७५ शिक्षक तथा ८४.९५ लाख विद्यार्थी हैं। इसके अलावा ९४९८ माध्यमिक विद्यालय जिनमें ९२,२८७ शिक्षक तथा १३.८४ लाख विद्यार्थी हैं। राज्य में तीन प्रकार के विद्यालय हैं, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त निजी (सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त) एवं पूर्णतया निजी (कोई सरकारी सहायता नहीं)। अधिकांश विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम कन्नड़ एवं अंग्रेज़ी है। विद्यालयों में पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम या तो सीबीएसई, आई.सी.एस.ई या कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग के अधीनस्थ राज्य बोर्ड पाठ्यक्रम (एसएसएलसी) से निर्देशित होता है। कुछ विद्यालय ओपन स्कूल पाठ्यक्रम भी चलाते हैं। राज्य में बीजापुर में एक सैनिक स्कूल भि है। विद्यालयों में अधिकतम उपस्थिति को बढ़ावा देने हेतु, कर्नाटक सरकार ने सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क अपराह्न-भोजन योजना आरंभ की है। राज्य बोर्ड परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा अवधि के अंत में आयोजित की जाती हैं, जिसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को द्विवर्षीय विश्वविद्यालय-पूर्व कोर्स में प्रवेश मिलता है। इसके बाद विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम के लिये अर्हक होते हैं। राज्य में यहां के विश्वविद्यालयों जैसे बंगलुरु विश्वविद्यालय,गुलबर्ग विश्वविद्यालय, कर्नाटक विश्वविद्यालय, कुवेंपु विश्वविद्यालय, मंगलौर विश्वविद्यालय तथा मैसूर विश्वविद्यालय, आदि से मान्यता प्राप्त ४८१ स्नातक महाविद्यालय हैं। १९९८ में राज्य भर के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों को नवगठित बेलगाम स्थित विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत्त लाया गया, जबकि चिकित्सा महाविद्यालयों को राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारक्षेत्र में लाया गया था। इनमें से कुछ अच्छे महाविद्यालयों को मानित विश्वविद्यालय का दर्जा भि प्रदान किया गया था। राज्य में १२३ अभियांत्रिकी, ३५ चिकित्सा ४० दंतचिकित्सा महाविद्यालय हैं। राज्य में वैदिक एवं संस्कृत शिक्षा हेतु उडुपी, शृंगेरी, गोकर्ण तथा मेलकोट प्रसिदध स्थान हैं। केन्द्र सरकार की ११वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत्त मुदेनहल्ली में एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की सथापना को स्वीकृति मिल चुकी है। ये राज्य का प्रथम आई.आई.टी संस्थान होगा। इसके अतिरिक्त मेदेनहल्ली-कानिवेनारायणपुरा में विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान का ६०० करोड़ रुपये की लागत से निर्माण प्रगति पर है। .

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कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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अनिल अंबानी

--> अनिल अंबानी (४ जून, १९५९ को जन्मे) एक भारतीय व्यवसायी हैं। ६ अक्टूबर २००७ को उनके पास ४२ अरब अमरीकी डालर मूल्य की संपत्ति है, जिसके अनुसार वे विश्व के ६ठे सबसे धनी व्यक्ति हैं। प्रतिशत के आधार पर वे विश्व के सबसे तेज गति से प्रगति करने वाले बहु-अरब-डॉलर वाले समृद्धशाली व्यक्ति हैं क्योंकि उनकी संपत्ति १ वर्ष में तीन गुनी हो गई अनिल अंबानी रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और रिलायंस एनर्जी तथा पूर्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के उप अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। रिलायंस इंडस्ट्रीज में उनकी व्यक्तिगत हिस्सेदारी ६६% है। .

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अरविन्द मार्ग

अरविन्द मार्ग नई दिल्ली का एक मुख्य मार्ग है जो दक्षिणी दिल्ली में पड़ता है। यह मार्ग सफदरजंग के मकबरे से आरम्भ होकर कुतुब मीनार तक जाता है। यह मार्ग श्री अरविन्द घोष के नाम पर रखा गया है। अरविन्द के नाम से ही दिल्ली में श्री अरविन्द आश्रम भी है जो इसी मार्ग पर स्थित है। .

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अस्मिता

अस्मिता दिल्ली स्थित रंगमंच कर्मियों की एक नाट्य संस्था (थियेटर ग्रुप) है। अस्मिता नाट्य संस्था ने नुक्कड़ नाटकॉ के साथ- साथ दो दशकों में 60 से अधिक मंच नाटक किये है। संस्था सामाजिक-राजनीतिक दृष्टि से प्रासंगिक व समकालीन मुद्दों पर नाटक करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन दिनो अरविन्द गौड़ अस्मिता थियेटर ग्रुप के निदेशक के रूप मे कार्यरत है। .

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालय का समूह है। इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है। इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्‍यम से एक स्‍वायत्त संस्‍थान के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्‍टता को पोषण देने के केन्‍द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया। एम्स चौक दिल्ली के रिंग रोड पर पड़ने वाला चौराहा है, इसे अरविन्द मार्ग काटता है। सन् 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी श्रंखला में 6 अन्य एम्स संस्थान पूरे भारत में स्थापित किये गये। ताकि दूर दराज के लोगों को बेहतर इलाज की सुविधायें पाई जा सके! 2022 तक हर राज्य में एक AIIMS खोलने का विचार है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

भारतीय तकनीकी संसथान, भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान, भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान, भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान, आई आई टी, आई. आई. टी., आईआईटी, आइआइटी

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