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भारतीय प्रबन्धन संस्थान

सूची भारतीय प्रबन्धन संस्थान

भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम) भारत के सर्वोत्तम प्रबंधन संस्थान हैं। प्रबन्धन की शिक्षा के अतिरिक्त ये अनुसंधान व सलाह (कांसल्टेंसी) का कार्य भी करते हैं। वर्तमान में ६ भारतीय प्रबन्धन संस्थान हैं जो बंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, इन्दौर तथा कोझीकोड में स्थित हैं। ये प्रबन्धन में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करते हैं जो एम बी ए के समतुल्य है। इन संस्थानों में प्रवेश अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा कामन ऐडमिशन टेस्ट (सी ए टी) के आधार पर होता है। यह परीक्षा दुनिया की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी परिक्षाओं में से है। .

39 संबंधों: चेतन भगत, चोकिला अय्यर, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, प्रबन्धन, प्रेम दास राई, भारत सारावली, भारत के श्रेष्ठ शिक्षा संस्थान, भारत की शिक्षा प्रणाली, भारत २०१०, भारतीय प्रबंध संस्थान, राँची, भारतीय प्रबंध संस्थान, इंदौर, भारतीय प्रबंध संस्थान, कोलकाता, भारतीय प्रबंध संस्थान, कोज़ीकोड, भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान बोध गया, भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर, भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर, भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान, विशाखपट्नम, भारतीय प्रबंधन संस्थान, काशीपुर, भारतीय प्रबंधन संस्थान, उदयपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय शिक्षा का इतिहास, भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, महाविद्यालय (कॉलेज), मीना गणेश, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सम्मिलित प्रवेश परीक्षा, सुमिता मिश्रा, वाजिद खान, व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर, कर्नाटक, कर्नाटक में शिक्षा, कर्नाटक/आलेख, काशीपुर, उत्तराखण्ड, कोलकाता, अनिल अंबानी, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, उत्तराखण्ड

चेतन भगत

चेतन भगत (जन्म २२ अप्रैल १९७४), मशहूर उपन्यास लेखक हैं। उनके पहले दोनों उपन्यास बहुत कामयाब रहे थे। उनकी पहली उपन्यास 'फाइव पोइंट समवन' जहाँ आई.आई.टी.

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चोकिला अय्यर

चोकिला अय्यर भारत की पहली महिला विदेश सचिव रह चुकी हैं। वे 1964 बैच की आई एफ एस अधिकारी हैं। उन्होने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्‍ट्रीय आयोग के उपाध्‍यक्ष एवं संघ लोक सेवा आयोग की सदस्‍य के रूप में भी काम किया है।http://www.outlookindia.com/peoplehome3.aspx?author.

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नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, भारत की स्थापना भारत सरकार द्वारा फार्मास्यूटिकल साइंस में उन्नत उच्च शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता के लिए एक समर्पित नोडल की स्थापना की वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए की गई। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के युग में औपनिवेशिक शासन ने विज्ञान में कभी अग्रदूतों की रही इस भूमि को अग्रणी शोधकर्ताओं से कुछ दशक पीछे धकेल दिया। प्रौद्योगिकी/अभियांत्रिकी में इसी तरह की पहल (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), मेडिसीन (एआईआईएमएस) और मैनेजमेंट (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेनेजमेंट), की तर्ज पर नीति निर्माताओं ने फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में एक धीमी शुरूआत की। .

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प्रबन्धन

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .

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प्रेम दास राई

प्रेम दास राई (जन्म ३१ जुलाई १९५४, दार्जिलिंग) भारत के सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट से संबद्ध एक राजनीतिज्ञ है। २००९ चुनावों में वह सिक्किम निर्वाचन क्षेत्र से लोक सभा के लिए चुने गए। उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान एवं भारतीय प्रबंध संस्थान से दोहरी उपाधि-गृहीत पहला संसद सदस्य होने का गौरव प्राप्त है। २००२ में वह भारत से आइज़नहावर फैलो भी रहे। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत के श्रेष्ठ शिक्षा संस्थान

किसी भी देश का विकास का उस देश में संस्थाओं के विकास और उनकी स्थिति से सीधा सम्बन्ध है। इन संस्थाओं में भी शिक्षा-संस्थाओं का महत्व सबसे अधिक है। भारत ने प्राचीन काल से ही शिक्षा का महत्व समझ लिया था। हमारी मान्यता रही है कि विद्या रूपी धन सभी धनों में प्रधान है। प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल पद्धति और तक्षशिला और नालन्दा आदि विश्वविद्यालय इसके साक्षात् प्रमाण हैं। शिक्षा को मिले महत्व के कारण ही भारत विश्व गुरू कहलाता था। वैसे तो भारत में लखों की संख्या में शैक्षणिक संस्थायें हैं, किन्तु उनमें से कुछ को बहुत ही सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त हैं। इन संस्थानों में प्रवेश पा लेना बहुत सम्मान की बात मानी जाती है। इन संस्थानों में प्रवेश आजकल कठिन प्रतियोगी परिक्षाओं के आधार पर दिया जाता है। प्रायः निम्नलिखित शिक्षा-संस्थानों को भारत में आजकल सर्वश्रेष्ठ और प्रतिष्ठित माना जाता है.

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भारत की शिक्षा प्रणाली

भारत के स्कूली बच्चे .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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भारतीय प्रबंध संस्थान, राँची

भारतीय प्रबंध संस्थान, राँची (Indian Institute of Management Ranchi) झारखण्ड के राँची में स्थित एक सार्वजनिक व्यापार विद्यालय (बिजनेस स्कूल) है। इसका उद्घाटन ०६ जुलाई २०१० को किया गया था। .

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भारतीय प्रबंध संस्थान, इंदौर

भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर के अलावा पांच अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:इंदौर.

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भारतीय प्रबंध संस्थान, कोलकाता

भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता के अलावा पांच अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:कोलकाता.

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भारतीय प्रबंध संस्थान, कोज़ीकोड

भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोज़ीकोड के अलावा पांच अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:कोज़ीकोड.

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भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद

भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद भारत का प्रमुख प्रबन्धन विद्यालय है। भारत सरकार, गुजरात सरकार और औद्योगिक क्षेत्रों की के सक्रिय सहयोग से एक स्वायत्त निकाय के रूप में 1961 में इसकी स्थापना हुई। चार दशकों में यह भारत के प्रमुख प्रबंधन संस्थान से एक उल्लेखनीय अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन स्कूल के रूप में विकसित हुआ है। संस्थान ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के साथ प्रारंभिक सहयोग किया था। इस सहयोग ने संस्थान के शिक्षा के दृष्टिकोण को काफी प्रभावित किया। धीरे-धीरे, यह पूर्वी और पश्चिमी मूल्यों के सर्वोत्तम संगम के रूप में उभरा। .

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भारतीय प्रबंधन संस्थान बोध गया

शैक्षणिक ब्लॉक भारतीय प्रबंधन संस्थान, बोधगया (आईआईएम-बीजी) बोधगया, बिहार, भारत में एक स्वायत्त सार्वजनिक बिजनेस स्कूल है। .

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भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर

भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर के अलावा बीस अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:नागपुर.

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भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर

भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर के अलावा बीस अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:रायपुर.

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भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग

भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग के अलावा बीस अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:शिलांग.

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भारतीय प्रबंधन संस्थान, विशाखपट्नम

भारतीय प्रबंधन संस्थान, विशाखपट्नम के अलावा बीस अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान.

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भारतीय प्रबंधन संस्थान, काशीपुर

भारतीय प्रबंधन संस्थान, काशीपुर के अलावा बीस अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:काशीपुर के शिक्षण संस्थान.

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भारतीय प्रबंधन संस्थान, उदयपुर

भारतीय प्रबंधन संस्थान, उदयपुर के अलावा बीस अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:उदयपुर.

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भारत के 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं। ये संस्थान भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" हैं। 2018 तक, सभी 23 आईआईटी में स्नातक कार्यक्रमों के लिए सीटों की कुल संख्या 11,279 है। .

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भारतीय शिक्षा का इतिहास

शिक्षा का केन्द्र: तक्षशिला का बौद्ध मठ भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है। भारतीय समाज के विकास और उसमें होने वाले परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील पाते हैं। सूत्रकाल तथा लोकायत के बीच शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के पश्चात हम बौद्धकालीन शिक्षा को निरंतर भौतिक तथा सामाजिक प्रतिबद्धता से परिपूर्ण होते देखते हैं। बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया। प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह समकालीन विश्व की शिक्षा व्यवस्था से समुन्नत व उत्कृष्ट थी लेकिन कालान्तर में भारतीय शिक्षा का व्यवस्था ह्रास हुआ। विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था। अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ा। आज भी ये चुनौतियाँ व समस्याएँ हमारे सामने हैं जिनसे दो-दो हाथ करना है। १८५० तक भारत में गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी परन्तु मकोले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के संक्रमण के कारण भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का अंत हुआ और भारत में कई गुरुकुल तोड़े गए और उनके स्थान पर कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए। .

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भारतीय वन प्रबंधन संस्थान

भोपाल स्थित भारतीय वन प्रबंधन संस्थान सन 1984 में भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से स्थापित किया गया था। सन 1988 से यहाँ वन प्रबंधन में दो वर्षीय पाठ्यक्रम स्नातकोत्तर डिप्लोमा (Post Graduate Diploma in Forest Management) की शुरुआत की गई। पता: .

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महाविद्यालय (कॉलेज)

सेंट एन्सेल्म कॉलेज, एक अमेरिकी कॉलेज. वर्तमान में कॉलेज (लैटिन: कॉलीजियम (collegium)) शब्द का संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रयोग डिग्री प्रदान करने वाले तृतीयक शैक्षणिक संस्थान के लिये किया जाता है एवं अन्य अंग्रेजी भाषी देशों में निजी शैक्षणिक प्रणाली में द्वितीयक या माध्यमिक स्कूल के लिये किया जाता है। अधिक विस्तृत रूप में, यह किसी भी कॉलेज समूह का नाम हो सकता है, उदाहरण के लिए एक निर्वाचन कॉलेज, हथियारों का कॉलेज, कार्डिनलों का कॉलेज.

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मीना गणेश

मीना गणेश एक भारतीय महिला उद्यमी है। वे पोर्शिया मेडिकल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा भारत के घर-घर में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदाता हैं। उन्होने अपने पति कृष्णन गणेश के साथ मिलकर चार उद्यमशीलता उद्यम संचालित करती हैं। गणेश ने मद्रास विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री और भारतीय प्रबंधन संस्थान कोलकाता से एमबीए किया है। उन्होने अपना करियर एनआईआईटी से शुरू किया और प्राइसवाटरहाउसकूपर्स और माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ीं। वर्ष 2000 में, उन्होने सॉफ्टबैंक पूंजी और न्यूज कॉर्प से धन से कस्टमर एसेट के नाम से एक कॉल सेंटर और बीपीओ कंपनी की सह स्थापना की। वर्ष 2002 में कस्टमर एसेट को आईसीआईसीआई बैंक ने अधिग्रहण कर लिया, जो बाद में, फर्स्टसोर्स के रूप में रिब्रांडेड हुआ। कस्टमर एसेट छोड़ने के बाद, वे मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में टेस्को में शामिल हो गईं। यहाँ पाँच साल के अपने कार्यकाल में उन्होने भारत में टेस्को के आईटी और बैक ऑफिस हब की स्थापना की। तत्पश्चात उन्होने अपने पति के द्वारा स्थापित एक ऑनलाइन ट्यूशन कंपनी टूटोर्विस्टा में सह प्रवर्तक के रूप में शामिल हुई और टेस्को छोड़ दिया। आगे चलकर पियर्सन एजुकेशन 2009 में टूटोर्विस्टा ने 76 प्रतिशत भागीदारी हासिल कर ली। जुलाई 2013 में, मीना पोर्शिया मेडिकल नई दिल्ली में स्थित एक स्वास्थ्य फर्म के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनें, जहां वे वर्तमान में कार्यरत हैं। .

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) को पहले क्षेत्रीय इंजिनीयरिंग कालेज (आर ई सी) के नाम से जाना जाता था। सन् २००२ में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन १७ इंजिनीयरंग महाविद्यालयों का स्तर बढ़ाकर इनका नाम "राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान" कर दिया। भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण के स्तर, विद्यार्थियों की गुणवत्ता तथा स्थापन (प्लेसमेन्ट) की दृष्टि से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आई आई टी) के बाद इनका ही स्थान आता है। इस समय (सन् २००७) एन आई टी की संख्या ३० है। प्रारम्भ में सन् १९५९ और् सन् १९६५ के बीच चौदह आर ई सी की स्थापना हुई। वर्तमान समय में ३१ एन आई टी निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं.

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सम्मिलित प्रवेश परीक्षा

सम्मिलित प्रवेश परीक्षा या कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (CAT) एक अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा है। यह भारतीय प्रबन्धन संस्थानों द्वारा सम्मिलित रूप से ली जाने वाली परीक्षा है। इसके मेरिट के आधार पर भारत के प्रबन्ध संस्थानों में प्रबन्धन के पोस्ट ग्रैजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है। सन् २००८ में लगभग ढ़ाई लाख छात्रों ने कैट की परीक्षा दी। .

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सुमिता मिश्रा

सुमिता मिश्रा (जन्म: ३० जनवरी, १९६७; चंडीगढ, हरियाणा) एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी, साहित्यकार एवं प्रसिद्द कवियित्री हैं। इनकी तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। .

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वाजिद खान

वाजिद खान (जन्म: १० मार्च १९८१, मंदसौर,मध्य प्रदेश, भारत) एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयरन नेल आर्टिस्ट (कलाकार), चित्रकार, पेटेंट धारक, व अविष्कारक हैं। .

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व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर

व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर (एमबीए (MBA)) व्यवसाय प्रशासन में मास्टर की डिग्री है, जो विस्तृत श्रृंखला के शैक्षिक विषयों से लोगों को आकर्षित करती है। व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर पद संयुक्त राज्य अमेरिका में आरम्भ हुआ, अतिकाल 19 वीं सदी से उभरता हुआ जैसे देश औद्योगिक बना और कंपनियों ने प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की तलाश की.

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक में शिक्षा

भारतीय विज्ञान संस्थान, भारत का एक प्रतिष्ठित विज्ञान संस्थान, बंगलुरु में स्थित है २००१ की जनसंख्या अनुसार, कर्नाटक की साक्षरता दर ६७.०४% है, जिसमें ७६.२९% पुरुष तथा ५७.४५% स्त्रियाँ हैं। राज्य में भारत के कुछ प्रतिष्ठित शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान भी स्थित हैं, जैसे भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कर्नाटक और भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय। मार्च २००६ के अनुसार, कर्नाटक में ५४,५२९ प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें २,५२,८७५ शिक्षक तथा ८४.९५ लाख विद्यार्थी हैं। इसके अलावा ९४९८ माध्यमिक विद्यालय जिनमें ९२,२८७ शिक्षक तथा १३.८४ लाख विद्यार्थी हैं। राज्य में तीन प्रकार के विद्यालय हैं, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त निजी (सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त) एवं पूर्णतया निजी (कोई सरकारी सहायता नहीं)। अधिकांश विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम कन्नड़ एवं अंग्रेज़ी है। विद्यालयों में पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम या तो सीबीएसई, आई.सी.एस.ई या कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग के अधीनस्थ राज्य बोर्ड पाठ्यक्रम (एसएसएलसी) से निर्देशित होता है। कुछ विद्यालय ओपन स्कूल पाठ्यक्रम भी चलाते हैं। राज्य में बीजापुर में एक सैनिक स्कूल भि है। विद्यालयों में अधिकतम उपस्थिति को बढ़ावा देने हेतु, कर्नाटक सरकार ने सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क अपराह्न-भोजन योजना आरंभ की है। राज्य बोर्ड परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा अवधि के अंत में आयोजित की जाती हैं, जिसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को द्विवर्षीय विश्वविद्यालय-पूर्व कोर्स में प्रवेश मिलता है। इसके बाद विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम के लिये अर्हक होते हैं। राज्य में यहां के विश्वविद्यालयों जैसे बंगलुरु विश्वविद्यालय,गुलबर्ग विश्वविद्यालय, कर्नाटक विश्वविद्यालय, कुवेंपु विश्वविद्यालय, मंगलौर विश्वविद्यालय तथा मैसूर विश्वविद्यालय, आदि से मान्यता प्राप्त ४८१ स्नातक महाविद्यालय हैं। १९९८ में राज्य भर के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों को नवगठित बेलगाम स्थित विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत्त लाया गया, जबकि चिकित्सा महाविद्यालयों को राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारक्षेत्र में लाया गया था। इनमें से कुछ अच्छे महाविद्यालयों को मानित विश्वविद्यालय का दर्जा भि प्रदान किया गया था। राज्य में १२३ अभियांत्रिकी, ३५ चिकित्सा ४० दंतचिकित्सा महाविद्यालय हैं। राज्य में वैदिक एवं संस्कृत शिक्षा हेतु उडुपी, शृंगेरी, गोकर्ण तथा मेलकोट प्रसिदध स्थान हैं। केन्द्र सरकार की ११वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत्त मुदेनहल्ली में एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की सथापना को स्वीकृति मिल चुकी है। ये राज्य का प्रथम आई.आई.टी संस्थान होगा। इसके अतिरिक्त मेदेनहल्ली-कानिवेनारायणपुरा में विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान का ६०० करोड़ रुपये की लागत से निर्माण प्रगति पर है। .

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कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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काशीपुर, उत्तराखण्ड

काशीपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित काशीपुर जनसंख्या के मामले में कुमाऊँ का तीसरा और उत्तराखण्ड का छठा सबसे बड़ा नगर है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार काशीपुर नगर की जनसंख्या १,२१,६२३, जबकि काशीपुर तहसील की जनसंख्या २,८३,१३६ है। यह नगर भारत की राजधानी, नई दिल्ली से लगभग २४० किलोमीटर, और उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी, देहरादून से लगभग २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काशीपुर को पुरातन काल से गोविषाण या उज्जयनी नगरी भी कहा जाता रहा है, और हर्ष के शासनकाल से पहले यह नगर कुनिन्दा, कुषाण, यादव, और गुप्त समेत कई राजवंशों के अधीन रहा है। इस जगह का नाम काशीपुर, चन्दवंशीय राजा देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में बसाया था। १८ वीं शताब्दी तक यह नगर कुमाऊँ राज्य में रहा, और फिर यह नन्द राम द्वारा स्थापित काशीपुर राज्य की राजधानी बन गया। १८०१ में यह नगर ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया, जिसके बाद इसने १८१४ के आंग्ल-गोरखा युद्ध में कुमाऊँ पर अंग्रेजों के कब्जे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काशीपुर को बाद में कुमाऊँ मण्डल के तराई जिले का मुख्यालय बना दिया गया। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र की अर्थव्यस्था कृषि तथा बहुत छोटे पैमाने पर लघु औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित रही है। काशीपुर को कपड़े और धातु के बर्तनों का ऐतिहासिक व्यापार केंद्र भी माना जाता है। आजादी से पहले काशीपुर नगर में जापान से मखमल, चीन से रेशम व इंग्लैंड के मैनचेस्टर से सूती कपड़े आते थे, जिनका तिब्बत व पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापार होता था। बाद में प्रशासनिक प्रोत्साहन और समर्थन के साथ काशीपुर शहर के आसपास तेजी से औद्योगिक विकास हुआ। वर्तमान में नगर के एस्कॉर्ट्स फार्म क्षेत्र में छोटी और मझोली औद्योगिक इकाइयों के लिए एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट निर्माणाधीन है। भौगोलिक रूप से काशीपुर कुमाऊँ के तराई क्षेत्र में स्थित है, जो पश्चिम में जसपुर तक तथा पूर्व में खटीमा तक फैला है। कोशी और रामगंगा नदियों के अपवाह क्षेत्र में स्थित काशीपुर ढेला नदी के तट पर बसा हुआ है। १८७२ में काशीपुर नगरपालिका की स्थापना हुई, और २०११ में इसे उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया गया। यह नगर अपने वार्षिक चैती मेले के लिए प्रसिद्ध है। महिषासुर मर्दिनी देवी, मोटेश्वर महादेव तथा मां बालासुन्दरी के मन्दिर, उज्जैन किला, द्रोण सागर, गिरिताल, तुमरिया बाँध तथा गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब काशीपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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अनिल अंबानी

--> अनिल अंबानी (४ जून, १९५९ को जन्मे) एक भारतीय व्यवसायी हैं। ६ अक्टूबर २००७ को उनके पास ४२ अरब अमरीकी डालर मूल्य की संपत्ति है, जिसके अनुसार वे विश्व के ६ठे सबसे धनी व्यक्ति हैं। प्रतिशत के आधार पर वे विश्व के सबसे तेज गति से प्रगति करने वाले बहु-अरब-डॉलर वाले समृद्धशाली व्यक्ति हैं क्योंकि उनकी संपत्ति १ वर्ष में तीन गुनी हो गई अनिल अंबानी रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और रिलायंस एनर्जी तथा पूर्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के उप अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। रिलायंस इंडस्ट्रीज में उनकी व्यक्तिगत हिस्सेदारी ६६% है। .

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालय का समूह है। इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है। इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्‍यम से एक स्‍वायत्त संस्‍थान के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्‍टता को पोषण देने के केन्‍द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया। एम्स चौक दिल्ली के रिंग रोड पर पड़ने वाला चौराहा है, इसे अरविन्द मार्ग काटता है। सन् 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी श्रंखला में 6 अन्य एम्स संस्थान पूरे भारत में स्थापित किये गये। ताकि दूर दराज के लोगों को बेहतर इलाज की सुविधायें पाई जा सके! 2022 तक हर राज्य में एक AIIMS खोलने का विचार है। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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