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भारतीय नौसेना

सूची भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना(Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि ५६०० वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। ५५,००० नौसेनिकों से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है। पिछले कुछ वर्षों से लागातार आधुनिकीकरण के अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को सफल बनाने की दिशा में है। जून २०१६ से एडमिरल सुनील लांबा भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। .

79 संबंधों: एचएएल एचटी-2, एचएएल तेजस, एचएएल ध्रुव, एचएएल उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान, डिएगो गार्सिया, डीआरडीओ रुस्तम, डीआरडीओ लक्ष्य, तलवार श्रेणी फ्रिगेट, दिल्ली श्रेणी के विनाशक पोत, पनडुब्बी, पुत्तिंगल मंदिर हादसा, केरल, पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र, बराक 8, बिमल वर्मा, ब्रह्मपुत्र श्रेणी फ्रिगेट, ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र, बोइंग पी-8 पोसाइडन, बीटिंग रिट्रीट, भारत, भारत में सैन्य अकादमियाँ, भारत सारावली, भारत का ध्वज, भारत के ध्वजों की सूची, भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना पोत विराट, भारतीय नौसेना का इतिहास, भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों की सूची, भारतीय नौसेना अकादमी, भारतीय शांति रक्षा सेना, भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ, भारतीय सैन्य अभियान, मालदीव, मिकोयान मिग-29के, मुम्बई, मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (भारत), शिवालिक श्रेणी फ्रिगेट, शुभांगी स्वरूप, सितारा विमान, सिम्बेक्स, सुरीश मेहता, स्वायत्त मानव रहित विमान अनुसंधान, जगत मेहता, जैक गॉड, वरदा चक्रवात, वरुणास्त्र (टारपीडो), वायुयान वाहक पोत प्रयोक्ता देशों की सूची, विराट, विशाखपट्नम, विशाखापट्टनम विमानक्षेत्र, ..., गणतन्त्र दिवस (भारत), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड, गोवा मुक्ति संग्राम, आन्ध्र प्रदेश, आई एन एस विक्रमादित्य, आई एन एस कोच्चि, आई एन एस अरिहंत, आईएनएस ब्यास, आईएनएस राजपूत, आईएनएस सहयाद्री, आईएनएस सिंधुराष्ट्र, आईएनएस सिंधुरक्षक, आईएनएस वर्षा, आईएनएस विशाल, आईएनएस वज्रकोष, आईएनएस कदमट्ट, आईएनएस कमोर्टा, आईएनएस कलवरी (एस50), आइएनएस किलतान, इल्यूशिन आईएल-38, कलवरी-श्रेणी पनडुब्बी, कुलभूषण जाधव, के-४ एसएलबीएम, कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत, अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियाँ, अग्नि-6, उन्नत हल्के टारपीडो श्येन, १९७१ का भारत-पाक युद्ध, ४ दिसम्बर सूचकांक विस्तार (29 अधिक) »

एचएएल एचटी-2

हिंदुस्तान एचटी-2 (Hindustan HT-2) एक भारतीय दो सीट वाला प्राथमिक ट्रेनर है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिज़ाइन और बनाया गया है। 1953 में भारतीय वायु सेना और नौसेना के लिए एचटी-2 प्रोडक्शन में प्रवेश करने वाला पहला कम्पनी डिज़ाइन था, जहां इसने डे हविललैंड टाइगर मॉथ की जगह ली थी। एचटी-2 एक निचला पंख वाला ब्रैकट मोनोपलेन है, जिसमें एक निश्चित रेलव्हील लैंडिंग गियर है। इसे 155 एचपी (116 किलोवाट) सिरस मेजर 3 पिस्टन इंजन द्वारा संचालित किया जाता था। सैन्य उपयोग के अलावा भारतीय उड़ान विद्यालयों द्वारा भी इस विमान का इस्तेमाल किया गया था। .

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एचएएल तेजस

तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास 'हल्का युद्धक विमान' या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा। तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है।जैक्सन, पॉल, मूनसौन, केनेथ; & पीकॉक, लिंडसे (एड्स.) (2005).

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एचएएल ध्रुव

ध्रुव हैलीकॉप्टर हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित भारत का एक बहूद्देशीय हैलीकॉप्टर है। इसकी भारतीय सशस्त्र बलों को आपूर्ति की जा रही है और एक नागरिक संस्करण भी उपलब्ध है। इसे पहले नेपाल और इज़रायल को निर्यात किया गया था फिर सैन्य और वाणिज्यिक उपयोग के लिए कई अन्य देशों द्वारा मंगाया गया है। सैन्य संस्करण परिवहन, उपयोगिता, टोही और चिकित्सा निकास भूमिकाओं में उत्पादित किये जा रहे हैं। ध्रुव मंच के आधार पर, एच ए एल हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर, एक लड़ाकू हेलीकाप्टर और एचएएल लाइट अवलोकन हेलीकाप्टर, एक उपयोगिता और प्रेक्षण हेलिकॉप्टर विकसित किए गए है। .

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एचएएल उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान

एचएएल उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (HAL Advanced Medium Combat Aircraft या HAL AMCA) एक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का भारतीय कार्यक्रम है। इसे वैमानिकी विकास संस्था द्वारा विकसित तथा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा उत्पादित किया जायेगा। यह एक एकल सीट, जुड़वां इंजन, गुप्तता, सुपर पैंतरेबाज़ी, सभी मौसम में काम करने वाला मल्टी रोल लड़ाकू विमान है।.

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डिएगो गार्सिया

डिएगो गार्सिया एक उष्णकटिबंधीय, पदचिह्न-आकार का मूंगे का प्रवालद्वीप (एटोल) है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण में मध्य हिंद महासागर में सात डिग्री, छब्बीस मिनट दक्षिण अक्षांश (भूमध्य रेखा के दक्षिण में) पर स्थित है। यह ब्रिटिश हिंद महासागरीय क्षेत्र का हिस्सा है और इसकी अवस्थिति 72°23' पूर्व देशांतर में है। यह एटोल अफ्रीकी तट के लगभग पूर्व में और भारत के दक्षिण सिरे से दक्षिण में है (चित्र 2.3).

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डीआरडीओ रुस्तम

तापस २०१ या डीआरडीओ रुस्तम (DRDO Rustom) एक मध्यम ऊंचाई वाला मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह भारत की तीनों सेनाओं द्वारा प्रयोग किया जायेगा। नवम्बर २०१६ में इसका सफल परीक्षण किया गया। परीक्षण बंगलुरू से करीब 250 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में किया गया जो मानवरहित यानों एवं मानवविमानों के परीक्षण के लिए नवविकसित उड़ान परीक्षण स्थल है। तापस 201 का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की बंगलुरू की प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और एचएएल-बीईएल ने मिलकर किया है। यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है और देश के सशस्त्र बलों के लिए टोही मिशन का काम कर सकता है। इस मानवरहित यान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की भांति मानवरहित लड़ाकू यान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। इसका वजन दो टन है। .

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डीआरडीओ लक्ष्य

डीआरडीओ लक्ष्य (DRDO Lakshya) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित एक बिना पायलट वाला लक्ष्य विमान है। .

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तलवार श्रेणी फ्रिगेट

तलवार श्रेणी फ्रिगेट भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल फ्रिगेट युद्धपोत हैं जिनका निर्माण रूस में भारत-रूस की भागीदारी से हुआ। ये निर्देशित प्रक्षेपास्त्र फ्रिगेट हैं जिन्हें रूस के क्रिवाक-३ श्रेणी को संशोधित करके बनाया गया है। इन पोतों की विस्थापन क्षमता ४००० टन तथा गति ३० नॉट है तथा यह दुश्मन की पनडुब्बियों व बड़े सतही पोतों को ढूंढने व नष्ट करने में सक्षम हैं। स्टेल्थ टेक्नॉलोजी व विशेष बाहरी डिज़ाइन के कारण ये दुश्मन की पकड़ से बच सकते हैं। .

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दिल्ली श्रेणी के विनाशक पोत

दिल्ली श्रेणी के विनाशक पोत भारतीय नौसेना के एक महत्वपूर्ण अंग हैं। इनका श्रेणीकरण "निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विध्वंसक पोत" के रूप में किया जाता है। 2014 में कोलकाता श्रेणी के पोतों के शुभारंभ तक ये स्वदेश में डिज़ाईन व निर्मित किए जाने वाले ये सबसे बड़े युद्धपोत थे। इन पोतों का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक्स लिमिटेड में हुआ। .

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पनडुब्बी

सन् १९७८ में ''एल्विन'' प्रथम विश्व युद्ध में प्रयुक्त जर्मनी की यूसी-१ श्रेणी की पनडुब्बी पनडुब्बी(अंग्रेज़ी:सबमैरीन) एक प्रकार का जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। यह एक बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर डिब्बा होता है। पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है और ये किसी भी देश की नौसेना का विशिष्ट हथियार बन गई हैं। यद्यपि पनडुब्बियाँ पहले भी बनायी गयीं थीं, किन्तु ये उन्नीसवीं शताब्दी में लोकप्रिय हुईं तथा सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ। विश्व की पहली पनडुब्बी एक डच वैज्ञानिक द्वारा सन १६०२ में और पहली सैनिक पनडुब्बी टर्टल १७७५ में बनाई गई। यह पानी के भीतर रहते हुए समस्त सैनिक कार्य करने में सक्षम थी और इसलिए इसके बनने के १ वर्ष बाद ही इसे अमेरिकी क्रान्ति में प्रयोग में लाया गया था। सन १६२० से लेकर अब तक पनडुब्बियों की तकनीक और निर्माण में आमूलचूल बदलाव आया। १९५० में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियों ने डीज़ल चलित पनडुब्बियों का स्थान ले लिया। इसके बाद समुद्री जल से आक्सीजन ग्रहण करने वाली पनडुब्बियों का भी निर्माण कर लिया गया। इन दो महत्वपूर्ण आविष्कारों से पनडुब्बी निर्माण क्षेत्र में क्रांति सी आ गई। आधुनिक पनडुब्बियाँ कई सप्ताह या महिनों तक पानी के भीतर रहने में सक्षम हो गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी पनडुब्बियों का उपयोग परिवहन के लिये सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता था। आजकल इनका प्रयोग पर्यटन के लिये भी किया जाने लगा है। कालपनिक साहित्य संसार और फंतासी चलचित्रों के लिये पनडुब्बियों का कच्चे माल के रूप मे प्रयोग किया गया है। पनडुब्बियों पर कई लेखकों ने पुस्तकें भी लिखी हैं। इन पर कई उपन्यास भी लिखे जा चुके हैं। पनडुब्बियों की दुनिया को छोटे परदे पर कई धारावाहिको में दिखाया गया है। हॉलीवुड के कुछ चलचित्रों जैसे आक्टोपस १, आक्टोपस २, द कोर में समुद्री दुनिया के मिथकों को दिखाने के लिये भी पनडुब्बियो को दिखाया गया है। .

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पुत्तिंगल मंदिर हादसा, केरल

पुत्तिंगल मंदिर हादसा एक भयावह आतिशबाजी विस्फोट है जो 10 अप्रैल 2016 में कोल्लम के परावुर पुत्तिंगल मंदिर में भारतीय मानक समयानुसार(आईएसटी) रात्रि 03:30 बजे (22:15 जीएमटी) पर हुआ था। इस हादसे में 111 से अधिक लोगों की मौत हो गयी और 350 से अधिक लोग घायल हो गए। .

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पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र

पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है। श्रेणी:हथियार श्रेणी:भारत के प्रक्षेपास्त्र.

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बराक 8

बराक 8 (Barak 8) एक भारतीय-इजरायली लंबी दूरी वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। बराक 8 को विमान, हेलीकाप्टर, एंटी शिप मिसाइल और यूएवी के साथ-साथ क्रूज़ मिसाइलों और लड़ाकू जेट विमानों के किसी भी प्रकार के हवाई खतरा से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया। इस प्रणाली के दोनों समुद्री और भूमि आधारित संस्करण मौजूद हैं। बराक 8 संयुक्त रूप से इजरायल की इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) और भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया था। हथियारों और तकनीकी अवसंरचना, एल्टा सिस्टम्स और अन्य चीजो के विकास के लिए इजरायल का प्रशासन जिम्मेदार होगा। जबकि भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) मिसाइलों का उत्पादन करेगी। .

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बिमल वर्मा

वाइस एडमिरल 'बिमल वर्मा' भारतीय नौसेना में एक अधिकारी है और वर्तमान में अंडमान एवं निकोबार कमान में कमांडर इन चीफ के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें 1 जनवरी, 1980 को भारतीय नौ सेना में कमीशन प्राप्त हुआ था। .

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ब्रह्मपुत्र श्रेणी फ्रिगेट

ब्रह्मपुत्र श्रेणी फ्रिगेट भारतीय नौसेना के निर्देशित-प्रक्षेपास्त्र फ्रिगेट युद्धपोत हैं जो कि पूर्णतया भारत में ही डिज़ाइन एवं निर्मित किए गए हैं। http://www.indiannavy.nic.in/content/brahmaputra-class-godavari-class-leander-nilgiri-class इनकी लंबाई १२६ मीटर व विस्थापन क्षमता ३८५० टन है। बाहरी संरचना में ब्रह्मपुत्र व गोदावरी श्रेणी के पोत एक से ही हैं किंतु आंतरिक संरचना, आयुध व क्षमताओं में ये पृथक हैं। इस पोत-श्रेणी का नाम ब्रह्मपुत्र नदी से प्रेरित है। इस श्रेणी के बाकी पोतों के नाम भी नदियों पर ही रखे गए हैं। .

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ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र

'''ब्रह्मोस''' विश्व की सबसे तीव्रगामी मिसाइल है। ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है। ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। .

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बोइंग पी-8 पोसाइडन

बोइंग पी-8 पोसाइडन (Boeing P-8 Poseidon) जिसे पूर्व में मल्टीमिशन मैरीटाइम एयरक्राफ्ट नाम से जाना जाता था संयुक्त राज्य अमेरिका नौसेनाके लिए विकसित एक सैन्य समुद्री गश्त विमान है। बोइंग पी-8 पोसाइडन बोइंग रक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा द्वारा विकसित किया गया है। बोइंग पी-8 पोसाइडन एंटी-पनडुब्बी युद्ध, विरोधी सतह युद्ध, और शिपिंग हस्तक्षेप करने मे सक्षम हैं। इसमें टारपीडो, गहराई प्रभार, हर्पून एंटी-शिप मिसाइल और अन्य हथियार शामिल हैं। यह sonobuoys (विस्तारणीय सोनार प्रणाली) ड्रॉप और मॉनिटर करने में सक्षम है। बोइंग पी-8 पोसाइडन का संचालन संयुक्त राज्य अमेरिका नौसेना, भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना द्वारा किया जाता है। ब्रिटेन की रॉयल वायुसेना और रॉयल नॉर्वेजियन वायुसेना द्वारा भी विमान का ऑर्डर दिया गया है। .

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बीटिंग रिट्रीट

विजय चौक; यहीं पर प्रत्येक साल बीटिंग रिट्रीट का आयोजन होता है बीटिंग द रिट्रीट भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के पश्चात हर वर्ष 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। समारोह का स्थल रायसीना हिल्स और बगल का चौकोर स्थल (विजय चौक) होता है जो की राजपथ के अंत में राष्ट्रपति भवन के उत्तर और दक्षिण ब्लॉक द्वारा घिरे हुए हैं। बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन घोषित करता है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में सैन्य अकादमियाँ

भारतीय सैन्य सेवा ने पेशेवर सैनिकों को नई पीढ़ी के सैन्य विज्ञान, युद्ध कमान तथा रणनीति और सम्बंधित प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न हिस्सों में कई प्रतिष्ठित अकादमियों और स्टाफ कॉलेजों की स्थापना की है। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत का ध्वज

भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी।। भास्‍कर डॉट कॉम। १५ अगस्त २००९ इसे १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था।। भारत के राष्ट्रीय पोर्टल पर इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात ३:२ है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ आरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। भारतीय राष्ट्रध्वज अपने आप मै ही भारत की निति को दर्शाता हुआ दिखाई देता है। आत्मरक्षा, शांति, समृद्धि और सदैव विकास की ओर अग्रसर। राष्ट्रीय झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादीमें ही बनना चाहिए। यह एक विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। इन सभी विशिष्टताओं को व्यापक रूप से भारत में सम्मान दिया जाता हैं भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण है। ध्वज का हेराल्डिक वर्णन इस प्रकार से होता है: .

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भारत के ध्वजों की सूची

यह सूची भारत में प्रयोग हुए सभी ध्वजों की है.

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भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

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भारतीय नौसेना पोत विराट

भारतीय नौसेना पोत विराट (आई एन एस विराट) भारतीय नौसेना में सेंतौर श्रेणी का एक वायुयान वाहक पोत है। भारतीय सेना की अग्रिम पंक्ति (फ़्लेगशिप) का यह पोत लंबे समय से सेना की सेवा में है। १९९७ में भारतीय नौसेना पोत विक्रांत के सेवामुक्त कर दिए जाने के बाद इसी ने विक्रांत के रिक्त स्थान की पूर्ति की थी। इस समय यह हिंद महासागर में उपस्थित दो वायुयान वाहक पोतों में से एक है। इस पोत ने सन १९५९ रायल नेवी (ब्रिटिश नौसेना) के लिये कार्य करना शुरु किया एवं १९८५ तक वहाँ सक्रिय रहा। इस का प्रथम नाम एच एम एस हर्मस था। तदपश्चात १९८६ मे भारतीय नौसेना ने कई देशो के युद्ध पोतों की समीक्षा करने के बाद इसे रॉयल नेवी से खरीद लिया। इस सौदे के बाद इस पोत मे कई तकनीकी सुधार किये गए जिससे इसे अगले एक दशक तक कार्यशील रखा जा सके। ये तकनीकी सुधार एवं रखरखाव देवेनपोर्ट डॉकयार्ड पर हुए। १२ मई १९८७ को इसे भारतीय नौसेना में आधिकारिक रूप से सम्मलित कर लिया गया। विराट पर १२ डिग्री कोण वाला एक स्की जंप लगा है जो सी हैरीयर श्रेणी के लड़ाकु वायुयानों के उड़ान भरने में कारगर होता है। इस पोत पर एक साथ १८ लड़ाकू वायुयान रखे जा सकते है। पोत के बाहरी आवरण, मशीनों एवं मेगजीनों (तोप एवं अन्य शस्रगृह) को १.२ इंच मोटे कवच से बख्तर बंद किया गया है। यह मेगजीनें ८० से भी अधिक हल्के तॉरपीडो का एक बार मे भंडार कर सकती है। पोत पर ७५० लोगों के रहने की जगह तो है ही, चार छोटी नावें (लेंडिंग क्राफ़्ट) भी है जो पोत से तट तक सैनिकों को ले जा सकती हैं। पनडुब्बी की खबर रखने के लिए इसे सी किंग हैलीकॉप्टर से लैस किया जायेगा। इस पोत का अधिकतम जल विस्थापन क्षमता २८,५०० टन है तथा इसके भार को खींचने के लिये ७६,००० हार्स पावर क्षमता वाली भाप से चलने वली टरबाईन लगायी गई है। भारतीय नौसेना का नया वायुयान वाहक पोत विक्रमादित्य, विराट का उत्तराधिकारी है। इसे २०१२ से सेवा में ले लिया गया है। हाल मे हुये रखरखाव को देखते हुए विराट का सेवा काल २०१९ तक बढ़ा दिया गया है जो पहले २०१२ तक तय किया गया था। .

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भारतीय नौसेना का इतिहास

राजेन्द्र चोल का का साम्राज्य (१०३० ई) भारतीय नौसैना के गौरवपूर्व इतिहास का द्योतक है। भारत की नौसेना का इतिहास बहुत सम्पन्न है और ५००० वर्ष से भी पुराना है। विश्व का पहला ज्वार-भाटीय गोदी सम्भवतः लोथल में २३०० ईसापूर्व बनाया गया था। .

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भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों की सूची

यह भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों की सूची है जिसे उनके वर्गानुसार विभिन्न समूहों में रखा गया है साथ ही वर्गांतर्गत उन्हें उनकी पताका संख्या के अनुसार अनुक्रमित किया गया है। .

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भारतीय नौसेना अकादमी

भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला (आईएनए) (Indian Naval Academy Ezhimala) (INA) (एशिया की सबसे बड़ी नौसेना अकादमी), भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र है जिसे एनएवीएसी (NAVAC) भी कहा जाता है। यह दक्षिण भारत के केरल राज्य के कन्नूर (कैन्नानोर) जिले में स्थित है। डिली की भव्य पहाड़ियों, कव्वायी के निर्मल अप्रवाही जल और विशालकाय अरब सागर के बीच स्थित एनएवीएसी (NAVAC) (नेव ल एके डमी का संक्षिप्त रूप), अपने मनोरम और शांत माहौल के कारण प्रशिक्षण हेतु एक आदर्श स्थान है। यहां भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल में शामिल सभी अधिकारियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों के तहत बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है। आईएनए (INA) के प्रशासनिक और अन्य कार्यों के लिए मुख्यतः आईएनएस (INS) जैमोरिन जहाज का प्रयोग किया जाता है। यह अकादमी एक अंतरीप के लगभग हिस्से पर फैली है, जो कि प्राचीन मूशिका राजाओं की राजधानी थी। प्राचीन युग में यह केरल का एक समृद्धशाली बंदरगाह और 11वीं सदी में चोला-चेरा युद्ध के दौरान यह एक प्रमुख युद्ध क्षेत्र रहा था। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने एझिमाला का दौरा किया था। माना जाता है कि एझिमाला नाम सात पहाड़ियों से प्रेरित है (मलयालम भाषा में एझू का मतलब सात और माला का मतलब पहाड़ी होता है) जो इस इलाके के क्षितिज पर हावी हैं। यह इलाका एलीमलाई के नाम से जाना जाता है जिसका मतलब 'रैट हिल' या चूहा पहाड़ी है (मलयालम में 'एली' का मतलब चूहा होता है).

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भारतीय शांति रक्षा सेना

भारतीय शांति रक्षा सेना (IPKF; भारतीय शान्ति सेना) भारतीय सेना दल था जो 1987 से 1990 के मध्य श्रीलंका में शांति स्थापना ऑपरेशन क्रियान्वित कर रहा था। इसका गठन भारत-श्रीलंका संधि के अधिदेश के अंतर्गत किया गया था जिस पर भारत और श्रीलंका ने 1987 में हस्ताक्षर किये थे जिसका उद्देश्य युद्धरत श्रीलंकाई तमिल राष्ट्रवादियों जैसे लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) और श्रीलंकाई सेना के मध्य श्रीलंकाई गृहयुद्ध को समाप्त करना था। IPKF का मुख्य कार्य केवल LTTE ही नहीं बल्कि विभिन्न उग्रवादी गुटों को निःशस्त्र करना था। इसके शीघ्र बाद एक अंतरिम प्रशासनिक परिषद का गठन किया जाना था। ये भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज्ञा से भारत और श्रीलंका के बीच हस्ताक्षरित समझौते की शर्तों के अनुसार था। श्रीलंका में संघर्ष के स्तर में वृद्धि को देखते हुए और भारत में शरणार्थियों की घनघोर भीड़ उमड़ पड़ने पर, राजीव गांधी, ने इस समझौते को बढाने के लिए निर्णायक कदम उठाया.

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भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी हैं। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्रिमंडल के पास होता है। इसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों भारतीय तटरक्षक बल और अर्धसैनिक संगठनों (असम राइफल्स, और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) और विभिन्न अंतर-सेवा आदेशों और संस्थानों में इस तरह के सामरिक बल कमान अंडमान निकोबार कमान और समन्वित रूप से समर्थन कर रहे हैं डिफेंस स्टाफ। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है। भारतीय सशस्त्र बलों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के प्रबंधन के तहत कर रहे हैं। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ,यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि। भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की सँख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध 1948, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा 1999 में एक छोटा युद्ध कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ दुबारा लड़ा गया। भारतीय सेना परमाणु हथियार, उन्नत अस्त्र-शस्त्र से लैस है और उनके पास उचित मिसाइल तकनीक भी उपलब्ध है। हलांकि भारत ने पहले परमाणु हमले न करने का संकल्प लिया हुआ है। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है। .

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भारतीय सैन्य अभियान

भारतीय सशस्त्र बल, भारत गणराज्य की थलसेना,वायुसेना,नौसेना, तटरक्षक बल और विभिन्न अन्य अंतर-सेवा संस्थाओं का समग्र एकीकृत सैन्यरूप है। भारत के राष्ट्रपति इसके कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करते हैं। 13,25,000 सक्रिय कर्मियों की अनुमानित कुल संख्या के साथ भारत की दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी सशस्त्र सेना है। .

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मालदीव

मालदीव या (Dhivehi: ދ ި ވ ެ ހ ި ރ ާ އ ް ޖ ެ Dhivehi Raa'je) या मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराज्य, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, जो मिनिकॉय आईलेंड और चागोस अर्किपेलेगो के बीच 26 प्रवाल द्वीपों की एक दोहरी चेन, जिसका फेलाव भारत के लक्षद्वीप टापू की उत्तर-दक्षिण दिशा में है, से बना है। यह लक्षद्वीप सागर में स्थित है, श्री लंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर (435 mi) पर.

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मिकोयान मिग-29के

मिकोयान मिग-29के (Mikoyan MiG-29K, Микоян МиГ-29K) एक रुसी लडाकू विमान है। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट

मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री रेजिमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है हालाँकि यह 26 बटालियनों में बंटी हुई है दो देश भर में फैली हुई हैं। यह सेना में सबसे कम उम्र रेजिमेंटों में से एक है, हालाँकि इसका गठन 1965 के भारत-पाक युद्ध में सीखने के बाद किया गया ताकि पैदल सेना बटालियनों को अधिक से अधिक गतिशीलता दी जा सके। यह बटालियन एक आधुनिक सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए जनरल के॰ सुंदरजी की दूरदर्शिता का नतीजा थी। प्रारंभ में, विभिन्न रेजिमेंटों के पुराने पैदल सेना बटालियनों को कुछ बीएमपी -1 बख़्तरबंद कर्मियों वाहक से लैस किया गया। परन्तु और अधिक ठोस और व्यावहारिक रणनीति के संबंध के साथ एक आम दर्शन विकसित करने की आवश्यकता को महसूस किया गया। परिणाम स्वरुप 1979 में भारतीय सेना में सभी मैकेनाइज्ड रेजिमेंटों को मिलाकार एक पूरी तरह से नए एवं विभिन्न यंत्रीकृत बटालियन का निर्माण किया गया। मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री रेजिमेंट ने श्रीलंका में ऑपरेशन पवन, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन विजय में भाग लिया है। यह सोमालिया, कांगो, अंगोला और सियरा लियोन में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भी शामिल हुई। रेजिमेंट की भारतीय नौसेना के आईएनएस घड़ियाल के साथ अपनी संबद्धता है। भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजीमेंट को लद्दाख और सिक्किम के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में भी संचालन के लिए विशेष गौरव प्राप्त है। जनरल सुंदरजी यंत्रीकृत पैदल सेना रेजिमेंट के पहले कर्नल थे, उन्हें सेवानिवृत्ति तक इस पद पर नियुक्त किया गया। .

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राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (भारत)

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, भारतीय सशस्त्र सेना की एक संयुक्त सेवा अकादमी है, जहां तीनों सेवाओं, थलसेना, नौसेना और वायु सेना के कैडेटों को उनके संबंधित सेवा अकादमी के पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण में जाने से पहले, एक साथ प्रशिक्षित किया जाता है। यह महाराष्ट्र, पुणे के करीब खडकवासला में स्थित है। जबसे अकादमी की स्थापना हुई है तब से एनडीए के पूर्व छात्रों ने सभी बड़े संघर्ष का नेतृत्व किया है जिसमें भारतीय थलसेना को कार्यवाही के लिए आमंत्रित किया जाता रहा है। पूर्व छात्रों में तीन परमवीर चक्र प्राप्तकर्ता और 9 अशोक चक्र प्राप्तकर्ता शामिल हैं। .

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शिवालिक श्रेणी फ्रिगेट

शिवालिक श्रेणी फ्रिगेट भारतीय नौसेना के बहुआयामी फ्रिगेट युद्धपोत हैं।http://www.indiannavy.nic.in/content/brahmaputra-class-godavari-class-leander-nilgiri-class ये भारत में निर्मित अपनी तरह के पहले एसे युद्धपोत हें जिनमें स्टेल्थ फीचर हैं। इस क्षेणी के पोतों का निर्माण मझगाँव डॉक्स लिमिटेड के द्वारा किया गया है। इनका नामकरण हिमालय की एक उपश्रृंखला शिवालिक के नाम पर किया गया है। .

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शुभांगी स्वरूप

शुभांगी स्वरूप भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट है। वे उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली हैं। .

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सितारा विमान

सितारा (HAL HJT-36 Sitara) भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सबसोनिक इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर विमान है। सितारा विमान एचएएल किरण सितारा विमान को स्टेज-2 ट्रेनर के रूप में बदल देगा। सीतारा एक पारंपरिक जेट ट्रेनर है जिसमे कम धुंध पंखों, अग्रानुक्रम कॉकपिट और अपने हवाई जहाज़ के दोनों तरफ इंजन के लिए छोटा हवा प्रवेश है। .

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सिम्बेक्स

सिंगापुर भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (सिम्बेक्स) भारतीय नौसेना और सिंगापुर नौसेना गणराज्य (आरएसएन) द्वारा आयोजित वार्षिक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है। 1994 से सालाना इस अभ्यास का आयोजन किया जाता रहा है। सिम्बेक्स ने समुद्री सुरक्षा, एंटी-वायु और विरोधी सतह युद्ध के तत्वों को शामिल करने के लिए एंटी-पनडुब्बी युद्ध पर अपने मूल जोर से परे, प्रगति की है। .

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सुरीश मेहता

एडमिरल सुरीश मेहता एडिमरल सुरीश मेहता अक्टूबर 31, 2006 से अगस्त 31, 2009 तक भारत के नौसेनाध्यक्ष रहे। भारत की नौसेना के वे १९ वें एडिमरल चीफ थे। उन्होंने अरुण प्रकाश से यह पदभार ग्रहण किया था तथा उनके पश्चात् निर्मल कुमार वर्मा इस पद पर आए। .

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स्वायत्त मानव रहित विमान अनुसंधान

ओरा या स्वायत्त मानव रहित विमान अनुसंधान (AURA या Autonomous Unmanned Research Aircraft) एक स्वायत्त मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन है। जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा भारतीय वायु सेना तथा भारतीय नौसेना के लिए विकसित किया जा रहा है। मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन पर डिजाइन का काम वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना का विवरण गोपनीय रखा गया है। .

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जगत मेहता

जगत मेहता एक प्रबुद्ध समाजकर्मी और सेवानिवृत्त भारतीय विदेश सेवा अधिकारी थे। 17 जुलाई 1922 को प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ॰ मोहन सिंह मेहता तथा विद्यादेवी के घर जन्मे जगत मेहता की प्रारंभिक शिक्षा विद्या भवन स्कूल में हुई। मेहता की उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुई। मेहता मार्च 1947 में भारतीय विदेश सेवा में चयनित हुए तथा विदेश नीति आयोजना विभाग के पहले प्रमुख बने। इससे पूर्व, जगत सिंह मेहता इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापक तथा भारतीय नौसेना में भी कार्यरत रहे थे। जगत मेहता की 1960 में भारत चीन सीमा-विवाद सुलझाने, 1975 में युगाण्डा से निकाले गये भारतीयों के मुद्दे का निराकरण करने, 1976 में पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंधों की बहाली, भारत पाकिस्तान के मध्य 1976 में सलाल बांध एवं 1977 में फरक्का बांध विवाद निपटाने तथा नेपाल के साथ 1978 में व्यापारिक रिश्तों संबंधी समझौतों में ऐतिहासिक भूमिका रही। जगत मेहता ने अपने विदेश सेवा काल में 50 से अधिक देशों के साथ भारत के बहुपक्षीय संबंधों पर नेतृत्व किया। कॉमनवैल्थ प्रधानमंत्रियों तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न सम्मेलनों व बैठकों में मेहता की उपस्थिति व योगदान भारत की वैदेशिक कूटनीति के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जगत मेहता 1976 से 1979 के मध्य, देश के विदेश-सचिव रहे। वे टेक्सास विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे। जगत सिंह मेहता अपने पिता द्वारा संस्थापित संस्था सेवा मन्दिर से पूरी उम्र जुड़े रहे तथा समाज-कार्यों के माध्यम से इन्होंने उदयपुर के लगभग 400 गांवों के समेकित विकास में प्रमुख भूमिका निभाई। 1985 से 94 तक वे सेवा मन्दिर के अध्यक्ष भी रहे तथा 1993 से 2000 तक उदयपुर की ही एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था विद्या भवन के अध्यक्ष रहे। 1985 से अंत तक डॉ॰ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के प्रन्यासी भी रहे। जगत मेहता उदयपुर स्थित झील संरक्षण समिति के अध्यक्ष भी थे तथा उदयपुर की झीलों के लिये चिंता करते रहे। उनके परिवार में तीन पुत्र विक्रम मेहता, अजय मेहता तथा उदय मेहता एवं एक पुत्री विजया हैं। विदेश नीति के क्षेत्र में सम्पूर्ण विश्व में विशिष्ट पहचान रखने वाले तथा प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक को विदेश नीति के मसलों पर सारगर्भित सलाह देने वाले, पूर्व विदेश सचिव पद्मभूषण जगत मेहता का 6 मार्च 2014 गुरूवार को उदयपुर में निधन हुआ। .

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जैक गॉड

जैक गॉड एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता थे जिनका दिल का दौरा पड़ने से 2000 में 42 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। ये एक अभिनेता बनने से पूर्व एक भारतीय नौसेना में ऑफिसर थे। इन्होंने लगभग 70 या 80 फ़िल्मों में सहायक भूमिका निभाते हुए कार्य किया है। जैक गॉड ने फ़िल्मों में अधिकतर नकारात्मक भूमिका ही निभाई है। .

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वरदा चक्रवात

वरदा चक्रवात बंगाल की खाड़ी में उठा एक चक्रवाती तूफान है। 12 दिसम्बर 2016 को यह तूफान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तट से टकरा गया। पाकिस्तान द्वारा इसे 'वरदा' नाम दिया गया, इसका मतलब लाल गुलाब है। .

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वरुणास्त्र (टारपीडो)

वरुणास्त्र (Varunastra) एक भारतीय उन्नत दिग्गज पनडुब्बी रोधी टारपीडो है। इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला द्वारा किया गया है। वरुणास्त्र टारपीडो का जहाज लॉन्च संस्करण औपचारिक रूप से 26 जून 2016 को माननीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।अपने भाषण में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सरकार वियतनाम सहित मित्र देशों के लिए टारपीडो के निर्यात के पक्ष में है।कुछ मामूली संशोधनों के साथ टारपीडो का पनडुब्बी संस्करण का परीक्षण शीघ्र किया जायेगा।भारतीय नौसेना अपने प्रयोग के लिए 73 तारपीडो का उत्पादन करने की योजना है। .

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वायुयान वाहक पोत प्रयोक्ता देशों की सूची

वर्तमान विमान वाहक ऑपरेट (इस्‍तेमाल) करने वाले देशों की सूची यहाँ पर दिया गया है। .

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विराट

बिराटनगर हाल की नेपालमे है उसी स्थान के राजा थे। अभि भि कुछ अबशेष वहा माैजुद है.

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विशाखपट्नम

विशाखापट्नम आन्ध्र प्रदेश के उत्तरी सरकार तट पर गोदावरी नदी के मुहाने के उत्तर में अवस्थित एक भारत का चौथा सबसे बड़ा पोताश्रय है। यह विशाखापत्तनम जिले का मुख्यालय तथा भारतीय नौसेना के पूर्वी कमांड का केन्द्र है। यहाँ जलयान बनाने का कारखाना है। यह एक प्राकृतिक तथा सुरक्षित समुद्री बन्दरगाह है। कृषि एवं खनिज सम्पत्ति में समृद्ध आन्ध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं उड़ीसा राज्य इस बन्दरगाह के पृष्ठ-प्रदेश कहलाते हैं। यह एक उल्लेखनीय मत्स्य-शिकार का केन्द्र भी है। विशाखापत्तनम एक छोटी खाड़ी पर है और इसका प्राकृतिक बंदरगाह दो उठे हुए अतंरीपों द्वारा निर्मित है, जो शहर से एक छोटी नदी द्वारा विभक्त है। विशाखापत्तनम आन्ध्र प्रदेश के उत्तरी सरकारी तट पर गोदावरी नदी के मुहाने के उत्तर में अवस्थित है। विशाखापत्तनम को वाइज़ाम के नाम से भी जाना जाता है। विशाखापत्तनम भारत का चौथा सबसे बड़ा बंदरगाह है। यह विशाखापत्तनम ज़िले का मुख्यालय तथा भारतीय नौसेना के पूर्वी कमांड का केन्द्र है। .

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विशाखापट्टनम विमानक्षेत्र

विशाखापट्टनम विमानक्षेत्र भारत के विशाखापट्टनम शहर में स्थित हवाई अड्डा है। इसका ICAO कोड है: VEVZ और IATA कोड है: VTZ। यह नागरिक हवाई अड्डा है। यहाँ कस्टम्स विभाग नहीं है। यहाँ की उड़ान पट्टी पेव्ड है, इसकी लंबाई ६००० फीट है और यहाँ की अवतरण प्रणाली यांत्रिक नहीं है। नई उड़ानपट्टी का निर्माण पूरा हुआ। .

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गणतन्त्र दिवस (भारत)

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्‍वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती हैं। .

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गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड का यार्ड में एक नया जहाझ। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड (Garden Reach Shipbuilders and Engineers / GRSE)) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह कोलकाता में स्थित है। यह भारतीय नौसेना के पोतों से लेकर व्यापारिक जलपोतों तक का निर्माण एवं मरम्मत करते हैं। 20 हैक्टेयर के क्षेत्र में फैले जीआरएसई का अगला भाग करीब 1 किलोमीटर तक नदी से घिरा हुआ है। .

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गोवा मुक्ति संग्राम

गोवा मुक्ति संग्राम, गोवा मुक्ति आन्दोलन या गोवा मुक्ति संघर्ष सन् १९६१ में भारतीय सशस्त्र सेना द्वारा किया गया एक अभियान (ऑपरेशन) था जिसके परिणाम स्वरूप गोवा को पुर्तगाल के आधिपत्य से मुक्त कराकर भारत में मिला लिया गया। इसमें वायुसेना, जलसेना एवं थलसेना - तीनों ने भाग लिया। यह संघर्ष ३६ घण्टे से अधिक समय तक चला। इसको "आपरेशन विजय" का कूटनाम दिया गया था। .

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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आई एन एस विक्रमादित्य

आई एन एस (INS) विक्रमादित्य (Sanskrit: विक्रमादित्य, Vikramāditya, "सूर्य की तरह प्रतापी") पूर्व सोवियत विमान वाहक एडमिरल गोर्शकोव का नया नाम है, जो भारत द्वारा हासिल किया गया है। पहले अनुमान था कि 2012 में इसे भारत को सौंप दिया जाएगा, किंतु काफी विलंब के पश्चात् 16 नवम्बर 2013 को इसे भारतीय नौसेना में सेवा के लिए शामिल कर लिया गया। दिसंबर अंत या जनवरी आरंभ में यह भारतीय नौसैनिक अड्डा कारवाड़ तक पहुंच जाएगा। विक्रमादित्य यूक्रेन के माइकोलैव ब्लैक ‍सी शिपयार्ड में 1978-1982 में निर्मित कीव श्रेणी के विमान वाहक पोत का एक रूपांतरण है। रूस के अर्खान्गेल्स्क ओब्लास्ट के सेवेरॉद्विनस्क के सेवमाश शिपयार्ड में इस जहाज की बड़े स्तर पर मरम्मत की गई। यह पोत भारत के एकमात्र सेवारत विमान वाहक पोत आई एन एस ''विराट'' का स्थान लेगा। इस पोत को नया रूप देने में भारत को 2.3 अरब डॉलर खर्च करने पड़े हैं। .

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आई एन एस कोच्चि

आई एन एस कोच्चि के कमीशन समारोह का दृष्य.

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आई एन एस अरिहंत

भारतीय नौसेना पोत (आई एन एस) अरिहंत (अरि: शत्रु हंतः मारना अर्थात शत्रु को मारने वाला) परमाणु शक्ति चालित भारत की प्रथम पनडुब्बी है। इस 6000 टन के पोत का निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV) परियोजना के अंतर्गत पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से किया गया है। इसको बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां है। अन्य पाँच देश हैं, अमेरिका (71), रूस (50), चीन (7), ब्रिटेन (6) और फ्रांस (5) (कोष्ठक में पनडुब्बियों की संख्या दी गई है)। अरिहंत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर द्वारा 26 जुलाई 2009 को जलावतरण किया गया यह दिन इसलिए भी चुना गया क्योंकि यह कारगिल युद्ध में विजय की सालगिरह भी थी और इस दिन को कारगिल विजय दिवस या विजय दिवस)http://www.dnaindia.com/india/report_india-reaches-milestone-with-launch-of-n-powered-submarine_1277227 रूप में मनाया जाता है। भारतीय नौसेना के बेड़े में 2011 में शामिल होने से पहले अरिहंत को गहन बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों से गुजरना पड़ेगा। .

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आईएनएस ब्यास

आईएनएस ब्यास (पताका संख्या:एफ ३७) भारतीय नौसेना का एक स्वदेशी ब्रह्मपुत्र श्रेणी का युद्धपोत है, जिसे 11 जुलाई, 2005 से बेड़े शामिल किया गया।http://www.indiannavy.nic.in/content/brahmaputra-class-godavari-class-leander-nilgiri-class रक्षा पोत कारखाना (डीपीएसयू), मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा कोलकाता में तैयार यह आधुनिक एंटी-सबमरीन युद्धक्षमता से लैस युद्धपोत है, जिसमें आधुनिकतम तकनीकों से लैस हथियार व संवेदक लगे हैं। युद्धपोत में सतह, हवा व मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता के साथ-साथ एंटी-सबमरीन की भी शक्ति है। .

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आईएनएस राजपूत

आईएनएस राजपूत (INS Rajput) भारतीय नौसेना के प्रारंभिक ध्वंसक पोतों में से एक है जिसका पहचान क्रमांक डी-५१ (D-51) है। एक निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक है और भारतीय नौसेना के राजपूत श्रेणी के विध्वंसक बेड़े का प्रमुख पोत है। यह 30 सितंबर 1980 को कमीशन की गई थी। कमोडोर (बाद में वाइस एडमिरल) गुलाब मोहनलाल हीरानंदानी इसके पहले कमांडिंग ऑफिसर थे। आईएनएस राजपूत ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लिए एक परीक्षण मंच के रूप में कार्य किया। दो पी-20 एम ने एकल लांचर (पोर्ट और स्टारबोर्ड) को दो बॉक्सिंग लांचरों से बदल दिया गया था, प्रत्येक में दो ब्रह्मोस सेल थे। पृथ्वी-३ मिसाइल के एक नए संस्करण का मार्च 2007 में राजपूत से परीक्षण किया गया था। यह भूमि के लक्ष्यों पर हमला करने के साथ टास्कफोर्स या वाहक एस्कॉर्ट के रूप में एन्टी-विमान और एंटी-पनडुब्बी मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम है। राजपूत ने 2005 में एक सफल परीक्षण के दौरान धनुष बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रैक किया। .

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आईएनएस सहयाद्री

आईएनएस सहयाद्री (एफ 49) भारतीय नौसेना का एक स्‍वदेश निर्मित गाईडेड मि‍साइल स्‍टील्‍थ फ्रिगेट पोत है। यह शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट्स में से एक है। .

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आईएनएस सिंधुराष्ट्र

आईएनएस सिंधुराष्ट्र एस६५ भारतीय नौसेना की शत्रु विनाशक पनडुब्बी है। यह भारत की सर्वप्रथम मिसाईल से लैस पनडुब्बी है। .

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आईएनएस सिंधुरक्षक

आईएनएस सिंधुरक्षक (एस६३) भारतीय नौसेना की सिंधुघोष वर्ग की दस डीजल-विद्युत पनडुब्बियों में से एक थी। 4 जून 2010 को भारतीय रक्षा मंत्रालय और ज़्वेजदोच्का शिपयार्ड के मध्य पनडुब्बी के उन्नयन और जीर्णोद्धार के लिए अमेरिकी $8 करोड़ ($80 मिलियन) का समझौता हुआ था। पनडुब्बी ने दो आग की घटनाओं का सामना किया था, प्रथम लघु घटना 2010 में और द्वितीय 14 अगस्त 2013 को मुम्बई के नौसेनिक डॉकयार्ड में हुई जिसमें यह डुब गयी। .

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आईएनएस वर्षा

आईएनएस वर्षा (INS Varsha) एक भारतीय नौसेना के लिए परियोजना वर्षा के तहत विकसित एक नया नौसैनिक अड्डा है। यह अड्डा नौसेना के परमाणु पनडुब्बियों और जहाजों के नए बेड़े का घर होगा। यह नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान के मुख्यालय, विशाखापत्तनम से लगभग 200 किलोमीटर (124.27 मील) के दायरे के भीतर स्थित होने की योजना है। पिछली खबरों के अनुसार सुझाव दिया गया था कि गंगावरम नए बेस के लिए प्रारंभिक स्थल होगा। अब राम्बिली में अड्डा विकसित किया जा रहा है, जो विशाखापत्तनम से 50 किमी दूर है। .

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आईएनएस विशाल

आईएनएस विशाल (INS Vishal) वर्तमान में अपने डिजाइन चरण से गुजर रहा विमान वाहक है), जो भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा। यह भारत में निर्मित होने वाला पहला सुपर विमान वाहक होने वाला है। विक्रांत श्रेणी के विमान वाहक के दुसरे विमान वाहक अर्थात आईएनएस विशाल का प्रस्तावित डिजाइन बिल्कुल नया डिजाइन होगा। .

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आईएनएस वज्रकोष

आईएनएस वज्रकोष के सेना में शामिल किये जाने के अवसर पर रक्षामंत्री मनिहार पर्रीकर आईएनएस वज्रकोष भारतीय नौसेना का नवीनतम अधिष्‍ठान है जो कर्नाटक के कारवाड़ में स्थित है। रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने 9 सितंबर 2015 को इसे राष्‍ट्र को समर्पित किया। आईएनएस वज्रकोष कारवाड़ में नौसेना का तीसरा अधिष्‍ठान है, जिसे राष्‍ट्र को समर्पित किए जाने के बाद भारतीय नौसेना की आक्रामक और सुरक्षात्‍मक क्षमताओं में बहुत वृद्धि होगी। .

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आईएनएस कदमट्ट

आईएनएस कदमट्ट भारतीय नौसेना का एक पनडुब्बी निरोधी युद्धपोत है जिसका जलावतरण 7 जनवरी 2016 को किया गया। यह परियोजना 28 (प्रोजेक्ट 28, पी28) के अंतर्गत दूसरा पोत है। http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid.

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आईएनएस कमोर्टा

आईएनएस कमोर्टा भारतीय नौसेना का स्‍टेल्‍थ पनडुब्‍बीरोधी कॉर्वेट युद्धपोत है जिसे 23 अगस्त 2014 को नौसेना में शामिल किया गया। .

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आईएनएस कलवरी (एस50)

आईएनएस कलवरी एस50 (INS Kalvari S50) भारतीय नौसेना के छह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों में पहली पनडुब्बी है जिसका निर्माण भारत में हो रहा है। यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक वाली पनडुब्बी है जिसे डीसीएनएस (फ्रांसीसी नौसैनिक रक्षा और ऊर्जा कंपनी) द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे मुंबई में माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में निर्मित किया गया है। सितम्बर २०१७ में पहली कलवरी नौसेना को मिली। .

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आइएनएस किलतान

आइ॰एन॰एस किलतान (P30) भारतीय नौसेना  का एक पनडुब्बी रोधी लघु युद्धपोत (कार्वेट) है, जिसे परियोजना 28 के तहत बनाया गया है। यह भारतीय नौसेना द्वारा अन्तर्ग्रहण के विभिन्न चरणों में कमोर्ता श्रेणी के चार युद्धपोतों में से तीसरा है। यह पोत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा बनाया गया है, तथा 26 मार्च 2013 को इसका जलावतरण किया गया था। किलतान भारतीय नौसेना द्वारा किया जाने वाला स्थानीयकरण का प्रतिनिधि प्रयास है जिसमें प्रयुक्त 90% सामग्री भारत में ही तैयार की गई है। .

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इल्यूशिन आईएल-38

इल्यूशिन आईएल-38 (Ilyushin Il-38) "डॉल्फ़िन" (नाटो रिपोर्टिंग नाम: मई) सोवियत संघ में डिजाइन एक समुद्री गश्ती और पनडुब्बी रोधी युद्ध विमान है। यह इल्यूशिन आईएल-18 टार्बोप्रॉप परिवहन का विकास था। .

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कलवरी-श्रेणी पनडुब्बी

कलवरी-श्रेणी की पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना के लिए बनायी जा रही स्कार्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियाँ हैं। ये डीजल-विद्युत से चालित आक्रमणकारी पनडुब्बियाँ हैं। इनकी डिजाइन फ्रांस की डीसेन एस नामक कम्पनी ने किया है तथा इनका निर्माण मुम्बई के माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। .

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कुलभूषण जाधव

कुलभूषण जाधव (कथित नक़ली नाम: इलियास हुसैन मुबारक पटेल) पाकिस्तान द्वारा गिरफ़्तार किये गए भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी हैं। पाकिस्तान का दावा है कि ये बलूचिस्तान में विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहे थे और ये भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारी हैं। भारत ने इनकी भारतीय नागरिकता और पूर्व नौसेना अधिकारी होने की ही पुष्टि की है। इनका ईरान में अपना व्यापार था। पाक फ़ौज ने एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें इन्होंने अपने बारे में बयान देते हुए भी दिखाया गया। 10 अप्रैल 2017 में पाक फ़ौज की अदालत ने इन्हें जासूसी के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई। 10 मई, 2017 को, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी, भारत ने मौत की सजा के खिलाफ इस न्यायालय से संपर्क किया था। .

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के-४ एसएलबीएम

के-४ एक परमाणु क्षमता सम्पन्न मध्यम दूरी का पनडुब्बी से प्रक्षेपित किया जाने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के द्वारा बनाया जा रहा है। यह प्रक्षेपास्त्र मुख्यत: अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों का हथियार होगा। इस प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता ३५०० किमी है। .

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कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत

कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत भारतीय नौसेना की परियोजना 15ए के नाम से भी जानी जाती है जो कि प्रसिद्ध परियोजना 15 ‘दिल्ली’ के अनुवर्ती है जिन्हें नब्बे के दशक के अंत में सेवा में शामिल किया गया था। भारतीय नौसेना के नौसैनिक डिजाइन निदेशालय ने इन पोतों की परिकल्पना और डिजाइनिंग की है। इन पोतों का नामकरण भारत के प्रमुख बंदरगाह शहरों जैसे कोलकाता, कोच्चि और चेन्नई के नाम पर किया गया है। .

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अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियाँ

अरिहंत श्रेणी (Arihant-class submarine) भारतीय नौसेना के लिए बनाई जाने वाली परमाणु शक्ति वाले बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों की एक श्रेणी है। इन्हे $2.9 बिलियन वाले उन्नत टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया गया था ताकि परमाणु-शक्ति वाली पनडुब्बियों को डिजाइन और निर्मित किया जा सके। इस श्रेणी के प्रमुख पोत, आईएनएस अरिहंत को 2009 में लॉन्च किया गया था और व्यापक समुद्री परीक्षणों के बाद, अगस्त 2016 में शुरू होने की पुष्टि हुई थी। अरिहंत पनडुब्बी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के अलावा किसी अन्य देश द्वारा बनाई जाने वाली पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है। .

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अग्नि-6

अग्नि-6 (Agni-VI) एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही है। .

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उन्नत हल्के टारपीडो श्येन

उन्नत हल्के टारपीडो श्येन (Advanced Light Torpedo Shyena) भारत के पहले स्वदेशी हल्के उन्नत पनडुब्बी रोधी टारपीडो है। इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला द्वारा किया गया है। .

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१९७१ का भारत-पाक युद्ध

1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करगिल युद्ध में भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड कर्नल बीबी वत्स ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के 10 बड़े कारण बताए। 1.

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४ दिसम्बर

4 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 338वॉ (लीप वर्ष में 339 वॉ) दिन है। साल में अभी और 27 दिन बाकी है। .

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