3 संबंधों: भारत में आयकर, वित्त अधिनियम (भारत), आयकर विभाग।
भारत में आयकर
भारत सरकार व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ), कंपनियां, फर्मों, सहकारी समितियों और ट्रस्टों (जिन्हें व्यक्तियों और लोगों के समूह के रूप में पहचान प्राप्त है) और किसी भी की अन्य कृत्रिम व्यक्ति के कर योग्य आय पर एक आयकर लगाता है। कर का भार प्रत्येक व्यक्ति पर अलग होता है। यह उदग्रहण भारतीय आय कर अधिनियम, 1961 द्वारा शासित किया जाता है। भारतीय आयकर विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा संचालित है और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का हिस्सा है। .
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वित्त अधिनियम (भारत)
वित्त अधिनियम (Finance Act) भारत का महत्वपूर्ण अधिनियम है। इस अधिनियम के द्वारा भारत सरकार प्रत्येक वित्त वर्ष के आरम्भ में वित्तीय प्रस्ताव रखती है। यह अधिनियम भारत के सभी राज्यों एवं केन्द्र शाशित प्रदेशों पर भी लागू होता है। प्रत्येक वर्ष वित्तमन्त्री द्वारा संसद में आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है। भाग A में सरकार के वित्तीय क्षेत्र में प्रस्तावित नीतियों को दर्शाया जाता है। भाग B में प्रस्तावित कर बजट का वर्णन रहता है। इसे लागू करने के लिए संसद में वित्त विधेयक प्रस्तुत किया जाता है। जब इसे संसद से स्वीकृति मिल जाती है और राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हो जाती है तब यह 'वित्त अधिनियम' बन जाता है। वित्त अधिनियम की प्रथम अनुसूची में चार भाग होते हैं जिनमें दरें निर्दिष्ट होती हैं.
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आयकर विभाग
आयकर विभाग भारत सरकार का विभाग है जो आयकर से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर दृष्टि रखता है। यह वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग के अन्तर्गत आता है। .
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