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भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड

सूची भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचइएल या भेल) भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग व विनिर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। बीएचईएल आज भारत में ऊर्जा संबंधी मूलभूत संरचना क्षेत्र में विशालतम इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण उद्यम है। बीएचईएल की स्थापना हुए 5० वर्ष से अधिक समय बीत चुके है, जिसने भारत में देशी भारी विद्युत उपस्कर उद्योग को जन्म दिया। यह एक ऐसा सपना था, जो निष्पादन के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के साथ कल्पना से अधिक पूरा हुआ। कम्पनी १९७१-७२ से निरन्तर लाभ अर्जित कर रही है और १९७६-७७ से लाभांश का भुगतान कर रही है। बीएचईएल उत्तर प्रदेश के झाँसी शहर और बबीना टाउन के बीचों बीच बसा हुआ है। बीएचईएल ३० प्रमुख उत्पाद समूहों के अंतर्गत १८० से अधिक उत्पादों का विनिर्माण करता है और विद्युत उत्पादन एवं पारेषण, उद्योग, परिवहन, दूरसंचार, नवीकरण योग्य ऊर्जा आदि जैसे भारती अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों की पूर्ति करता है। बीएचईएल के १५ विनिर्माण प्रभागों, पावर सेक्टर के ४ क्षेत्रीय केन्द्रों, १५० से अधिक परियोजना साइटों, ८ सेवा केन्द्रों और १८ क्षेत्रीय कार्यालयों का व्यापक नेटवर्क कम्पनी को अपने ग्राहकों की शीघ्रता से सेवा करने और उन्हें दक्षता के साथ एवं प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर उपयुक्त उत्पाद, प्रणालियों और सेवाएं उपलब्ध कराने में समर्थ करता है। इसके उत्पादों की गुणवत्ता का उच्च स्तर और विश्वसनीयता, इसके अपने अनुसंधान और विकास केन्द्रों में विकसित प्रौद्योगिकियों के साथ विश्व की अग्रणी कम्पनियों से सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों में से कुछ को प्राप्त करके और अनुकूल बनाकर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन, इंजीनियरिंग और विनिर्माण पर बल द्ने के कारण है। बीएचईएल ने गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (आईएसओ-९००१), पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (आईएसओ-१४००१) और व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (ओएचएसएएस १८००१) के लिए प्रमाणन प्राप्त कर चुका है तथा समग्र गुणवत्ता प्रबंधन के मार्ग पर अग्रसर है। बीएचईएल ने कैप्टिव और औद्योगिक प्रयोगकर्ताओं के लिए ९०,००० मे.वा.यूटिलिटीज से अधिक विद्युत उत्पादन के लिए उपस्कर स्थापित किए हैं।.

17 संबंधों: नवरत्न कम्पनियाँ, पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, परिवर्णी शब्द, बरौनी थर्मल पावर स्टेशन, बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारतीय कंपनियों की सूची, भोपाल, भोपाल मेट्रो, श्रिया सरन, संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन, हरिद्वार, ज्ञान चतुर्वेदी, वंदना कटारिया, कर्नाटक, कर्नाटक/आलेख, अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन

नवरत्न कम्पनियाँ

भारत सरकार ने सन् १९९७ में नौ सार्वजनिक उद्यमों की पहचान की जो तुलनात्मक रूप से फायदे की स्थिति में थे और इनमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशाल उद्यमों के रूप में उभरने की क्षमता थी। उस समय बीएचईएल, बीपीसीएल, जीएआईएल, एचपीसीएल, आईओसी, एमटीएनएल, एनटीपीसी, ओएनजीसी और सेल को नवरत्न कहा गया था। किन्तु इस समय "नवरत्न" का दर्जा प्राप्त सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या २३ हो गयी है। इन सार्वजनिक उद्यमों को पूंजीगत खर्चों, संयुक्त प्रौद्योगिकी उद्यम तथा सामरिक साझीदारी स्थापित करने, संगठनात्मक पुनर्गठन करने, बोर्ड स्तर से नीचे के पदों के सृजन तथा समापन, स्वदेशी तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार से पूंजी उठाने, संयुक्त वित्तीय उद्यम तथा पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां आदि स्थापित करने के बारे में और ज्यादा स्वायतत्ता तथा अधिकार दिए गए थे। .

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पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट

पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना निर्माणाधीन है। यह 4000 मेगावाट (800 मेगावॉट × 5) है, जो पतरातू, रामगढ़ जिला, झारखंड में स्थित है। यह मौजूदा पतरातू थर्मल पावर स्टेशन के साथ उपलब्ध 6300 एकड़ में से 1859 एकड़ का उपयोग करेगा। 25 मई 2018 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधरी में एक कार्यक्रम में झारखंड के रामगढ़ जिले में पतरतु सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 2,400 मेगावाट (एमवी) क्षमता के पहले चरण की नींव रखी। एक अप्रैल 2016 को पीटीपीएस प्लांट की चिमनियों ने धुआं उगलना बंद कर दिया था। इसकी जर्जर की स्थिति को देखते हुए झारखंड सरकार ने पतरातू में बिजली उत्पादन के लिए एनटीपीसी के साथ ऐतिहासिक समझौता कर नया पावर प्लांट खोलने की योजना तैयार की। एक अप्रैल 2016 से झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी लिमिटेड) का संयुक्त उपक्रम पीवीयूएनएल का संचालन कर रहा है। जेबीवीएनएल और एनटीपीएस की सहमति से जनवरी 2017 से ही पतरातू थर्मल पावर प्लांट स्टेशन (पीटीपीएस) से बिजली का उत्पादन बंद कर दिया था। नये ज्वाइंट वेंचर पीवीयूएनएल द्वारा पुरानी आधारभूत संरचना को हटा कर नया प्लांट तैयार करने के बाद से ही पतरातू से बिजली उत्पादन शुरू किया जा सकेगा। पतरातू परियोजना झारखंड सरकार और Patratu Vidyut Utpadan निगम लिमिटेड की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के 74 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एक संयुक्त उद्यम है। पीवीयूएनएल एनटीपीसी की सहायक कंपनी है। (PVUNL)। पीवीयूएनएल इस चरण को 2,400 मेगावाट क्षमता के साथ दो चरणों में विकसित करने की योजना बना रहा है जिसमें प्रथम चरण में 800 मेगावाट क्षमता की तीन इकाइयां और 1,600 मेगावाट की कमी होगी, जिसमें चरण -2 में प्रत्येक की 800 मेगावॉट क्षमता होगी। यह परियोजना झारखंड से उत्पन्न बिजली का 85 प्रतिशत आवंटित करेगी। परियोजना का पहला चरण लगभग 18,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर स्थापित किया जाएगा। एनएनपीसी ने परियोजना के इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) अनुबंध से भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड(बीएचईएल) को सम्मानित किया है। इसकी पहली इकाई 2022 में शुरू होने की उम्मीद है। अन्य दो इकाइयों को बाद में एक वर्ष के भीतर शुरू किया जाएगा। .

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परिवर्णी शब्द

परिवर्णी शब्द यानि एक्रोनिम (Acronym) किसी बड़े नाम या शब्द समूहों का संक्षिप्त रूप होते हैं मसलन इंडियन पीपल्स थियेटर असोशियेशन के लिये ईप्टा (IPTA) या भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के लिये भेल (BHEL)। इन्हें आदिवर्णिक शब्द भी कहा जाता है। श्रेणी:शब्द श्रेणी:भाषा.

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बरौनी थर्मल पावर स्टेशन

बरौनी थर्मल पावर स्टेशन (बरौनी थर्मल वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान) एक मौजूदा 320 मेगावाट कोयला आधारित बिजली स्टेशन है जो बिहार राज्य विद्युत बोर्ड (बीएसईबी) के पास है। पावर स्टेशन बिहार, भारत के बेगूसराय जिले में स्थित है। बिहार में बरौनी थर्मल पावर स्टेशन रूसी सहयोग के साथ अस्तित्व में आया और वर्ष 1962 में इसका संचालन हुआ। राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के द्वारा करीब छह सौ करोड़ रुपये की लागत से बरौनी थर्मल की 110 मेगावाट क्षमता वाली छठी और सातवीं इकाई का आधुनिकीकरण व नवीनीकरण किया जा रहा है। वर्ष 2006 में बंद पड़े बरौनी थर्मल में सातवीं इकाई का वर्ष 2010 में तथा छठी इकाई का जीर्णोद्धार कार्य वर्ष 2012 में शुरू किया गया था। अभी तक मात्र सातवीं इकाई का कार्य किसी तरह पूरा किया गया है। बरौनी न्यू एक्सटेंशन प्रोजेक्ट का काम वर्ष 2011 में शुरू हुआ था। विस्तार योजना में 250 मेगावाट क्षमता का दो यूनिट आठवी और नौवीं का निर्माण कार्य भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के द्वारा वर्ष 2014 में पूरा किया जाना था। बिहार सरकार एनटीपीसी लिमिटेड को बारूनी थर्मल पावर स्टेशन को सौंपने पर विचार कर रही है। 17 अप्रैल 2018 को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य कैबिनेट ने बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को एनटीपीसी लिमिटेड (राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड) को सौंपने की मंजूरी दे दी। 15 मई 2018 को, बिहार सरकार ने थर्मल प्लांट को 33-वर्षीय पट्टे के लिए राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन को सौंपने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। .

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बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड

बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSHPCL), जिसे पूर्ववर्ती बिहार राज्य बिजली बोर्ड (या बीएसईबी) के रूप में भी जाना जाता है, भारत में बिहार राज्य में कार्यरत एक राज्य-स्वामित्व वाली बिजली विनियमन बोर्ड है। बिहार राज्य बिजली बोर्ड (बीएसईबी) 1958 में विद्युत (आपूर्ति) अधिनियम, 1948 के तहत एक सांविधिक निगम के रूप में स्थापित किया गया था। नवंबर 2012 तक, बीएसईबी के लगभग 1700 अधिकारी और 14,850 कर्मचारी हैं व्युत्पन्न क्षमता सिर्फ 530 मेगावाट की है। बीएसईबी को 2 अगस्त, 2011 को अप्रभावी बनाया गया था। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन बीएसईबी के पुनर्गठन के लिए मुख्य सलाहकार थे। बीएसईबी को 5 भागों में बांटा गया है, अर्थात् बिहार राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड (बिज़नेस बिजनेस), बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड -बीपीटीसीएल (ट्रांसमिशन बिजनेस), उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (वितरण व्यवसाय में दोनों) और बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (सर्वोच्च धारिता कंपनी), बिहार राज्य विद्युत सुधार स्थानांतरण योजना, 2012 के माध्यम से अधिसूचना 17 दिनांक 30.10.2012। (संदर्भ: बीईआरसी टैरिफ ऑर्डर 15.03.2013)। .

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भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

कोई विवरण नहीं।

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भारतीय कंपनियों की सूची

यह सूची भारत में स्थित बड़ी कंपनियों की सूची है। ध्यात्व्य है की यह सूची अपूर्ण है और इसमें हर आकार-प्रकार की कंपनियों का समावेश नहीं हुआ है। कंपनियों के बारे में जानकारी दिये गये कड़ियों (जालस्थल के पता) से ली जा सकती है। राजस्व अर्जित करने की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी कंपनियाँ: .

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भोपाल

भोपाल भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है और भोपाल ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है,क्योंकि यहाँ कई छोटे-बड़े ताल हैं। यह शहर अचानक सुर्ख़ियों में तब आ गया जब १९८४ में अमरीकी कंपनी, यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। भोपाल गैस कांड का कुप्रभाव आज तक वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण के अलावा जैविक विकलांगता एवं अन्य रूपों में आज भी जारी है। इस वजह से भोपाल शहर कई आंदोलनों का केंद्र है। भोपाल में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) का एक कारखाना है। हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलटी' स्थापित की है। भोपाल में ही भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भी है जो भारत में वन प्रबंधन का एकमात्र संस्थान है। साथ ही भोपाल उन छह नगरों में से एक है जिनमे २००३ में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने का निर्णय लिया गया था तथा वर्ष २०१५ से यह कार्यशील है। इसके अतिरिक्त यहाँ अनेक विश्वविद्यालय जैसे राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय,अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय,मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय,माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय। इसके अतिरिक्त अनेक राष्ट्रीय संस्थान जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,भारतीय वन प्रबंधन संस्थान,भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान,राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान मानित विश्वविद्यालय भोपाल इंजीनियरिंग महाविद्यालय,गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय तथा अनेक शासकीय एवं पब्लिक स्कूल हैं। .

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भोपाल मेट्रो

भोपाल मेट्रो भोपाल शहर भारत के लिए एक प्रस्तावित त्वरित यातायात परियोजना है।इस प्रणाली को ३ गलियारों में विभाजित किया गया है, जिसकी कुल लंबाई २८.५ किलोमीटर है। इस परियोजना पर लगभग खर्च होंगे.

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श्रिया सरन

श्रिया सरन (जन्म 11 सितंबर 1982) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत संगीत वीडियो में अभिनय द्वारा की, साथ ही कलाकार बनने का अपना सपना पूरा करने के लिए, वे एक अभिनय स्टूडियो में भाग लेती रहीं। 2001 में इष्टम के साथ श्रीगणेश करते हुए, 2002 में अपनी पहली ज़बरदस्त हिट फ़िल्म संतोषम में भानु की भूमिका के ज़रिए उन्होंने तेलुगू सिनेमा का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इस फ़िल्म के बाद वे कई तेलुगू फ़िल्मों में प्रमुख कलाकारों के साथ नज़र आईं, जबकि, साथ ही बॉलीवुड और तमिल फ़िल्म उद्योग में भी प्रवेश किया। 2007 में, शिवाजी: द बॉस में रजनीकांत के साथ अभिनय करने के बाद श्रिया सरन एक राष्ट्रीय हस्ती बन गईं, जिसके पश्चात उन्होंने कई बॉलीवुड, कॉलीवुड और हॉलीवुड फ़िल्म भी साईन कीं.

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संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन

संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के बिलासपुर - कटनी अनुभाग के बिरसिंहपुर रेलवे स्टेशन पर स्थित है। जो मध्य प्रदेश, भारत के उमरिया जिले का हिस्सा है। .

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हरिद्वार

हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है। यह नगर निगम बोर्ड से नियंत्रित है। यह बहुत प्राचीन नगरी है। हरिद्वार हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। ३१३९ मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने स्रोत गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से २५३ किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है; जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हैं। हरिद्वार का अर्थ "हरि (ईश्वर) का द्वार" होता है। पश्चात्कालीन हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब God Dhanwantari उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। ध्यातव्य है कि कुम्भ या महाकुम्भ से सम्बद्ध कथा का उल्लेख किसी पुराण में नहीं है। प्रक्षिप्त रूप में ही इसका उल्लेख होता रहा है। अतः कथा का रूप भी भिन्न-भिन्न रहा है। मान्यता है कि चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं। वे स्थान हैं:- उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयाग। इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से हर १२वें वर्ष महाकुम्भ का आयोजन होता है। एक स्थान के महाकुम्भ से तीन वर्षों के बाद दूसरे स्थान पर महाकुम्भ का आयोजन होता है। इस प्रकार बारहवें वर्ष में एक चक्र पूरा होकर फिर पहले स्थान पर महाकुम्भ का समय आ जाता है। पूरी दुनिया से करोड़ों तीर्थयात्री, भक्तजन और पर्यटक यहां इस समारोह को मनाने के लिए एकत्रित होते हैं और गंगा नदी के तट पर शास्त्र विधि से स्नान इत्यादि करते हैं। एक मान्यता के अनुसार वह स्थान जहाँ पर अमृत की बूंदें गिरी थीं उसे हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुण्ड माना जाता है। 'हर की पौड़ी' हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट माना जाता है और पूरे भारत से भक्तों और तीर्थयात्रियों के जत्थे त्योहारों या पवित्र दिवसों के अवसर पर स्नान करने के लिए यहाँ आते हैं। यहाँ स्नान करना मोक्ष प्राप्त करवाने वाला माना जाता है। हरिद्वार जिला, सहारनपुर डिवीजनल कमिशनरी के भाग के रूप में २८ दिसम्बर १९८८ को अस्तित्व में आया। २४ सितंबर १९९८ के दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 'उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक, १९९८' पारित किया, अंततः भारतीय संसद ने भी 'भारतीय संघीय विधान - उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम २०००' पारित किया और इस प्रकार ९ नवम्बर २०००, के दिन हरिद्वार भारतीय गणराज्य के २७वें नवगठित राज्य उत्तराखंड (तब उत्तरांचल), का भाग बन गया। आज, यह अपने धार्मिक महत्त्व के अतिरिक्त भी, राज्य के एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के रूप में, तेज़ी से विकसित हो रहा है। तेज़ी से विकसित होता औद्योगिक एस्टेट, राज्य ढांचागत और औद्योगिक विकास निगम, SIDCUL (सिडकुल), भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) और इसके सम्बंधित सहायक इस नगर के विकास के साक्ष्य हैं। .

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ज्ञान चतुर्वेदी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भोपाल द्वारा संचालित एक अस्पताल में ह्रदय विशेषज्ञ डॉ ज्ञान चतुर्वेदी जानेमाने व्यंग्यकार हैं। 2002 में अपने उपन्यास बारामासी के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित किये गये। श्रेणी:हिन्दी व्यंग्यकार श्रेणी:यू के कथा सम्मान श्रेणी:हिन्दी गद्यकार.

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वंदना कटारिया

वंदना कटारिया (जन्म: 15 अप्रैल 1992) एक भारतीय मैदानी हॉकी खिलाड़ी हैं। यह मैदानी हॉकी के भारतीय राष्ट्रीय टीम में खेलती हैं। वंदना 2013 में देश में सबसे अधिक गोल करने में सफल रहीं थी। यह जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक विजेता बनी। यह स्पर्धा जर्मनी में हुआ था और इन्होंने पाँच गोल मर कर इस स्पर्धा में तीसरा सबसे अधिक गोल करने में सफल रहीं। यह अब तक 130 स्पर्धा में 35 गोल करने में सफल रही हैं। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन

अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के बिलासपुर - कटनी अनुभाग के अम्लाई रेलवे स्टेशन पर स्थित है, जो भारत के मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले का हिस्सा है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

बीएचईएल, बीएचइल, भारत हैवी एलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत हैवी इलैक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि.

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