6 संबंधों: तृत्सु लोग, द्रुह्यु लोग, पुरु लोग, भालन लोग, अनु लोग, अलीन लोग।
तृत्सु लोग
तृत्सु बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय के भारत लोगों की एक उपशाखा थी। इनका उल्लेख ऋग्वेद के सातवें मंडल में ७:१८, ७:३३ और ७:८३ में मिलता है। १७०० से १००० ईसापूर्व काल में राजा सुदास और महऋषि वशिष्ठ के नेतृत्व में लड़े गये दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में उन्होने पुरु परिसंघ को हराकर सम्स्त हिन्द-आर्य क़बीलों पर अपनी धाक जमा ली।, Krishna Reddy, pp.
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द्रुह्यु लोग
द्रुह्यु बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक प्रमुख क़बीला था। इनका वर्णन ऋग्वेद में अनु समुदाय के साथ आता है। ऋग्वेद के सातवे मंडल में द्रुह्यु योद्धा पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। .
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पुरु लोग
पुरु बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक क़बीला या क़बीलाई परिसंघ था। ऋग्वेद ७:९६:२ में वे सरस्वती नदी के किनारे बसे हुए बताए जाते हैं। इनमें आपस में कई गुट थे, जिनमें से एक भारत नामक समुदाय था। ऋग्वेद के सातवे मंडल में पुरुओं द्वारा कई अन्य क़बीलों का मित्रपक्ष बनाकर दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से हुई जंग का वर्णन है। इसमें पुरु हार गए और भारत विजयी रहे।, Krishna Reddy, pp.
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भालन लोग
भालन बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक क़बीला था। ऋग्वेद के सातवे मंडल में वे पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। कुछ विद्वानों के अनुसार भालन लोग आधुनिक बलोचिस्तान के बोलन दर्रे क्षेत्र में रहते थे और उस दर्रे का नाम उन्ही पर पड़ा है।, pp.
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अनु लोग
अनु बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक प्रमुख क़बीला था। इनका वर्णन ऋग्वेद १:१०८:८ और ८:१०:५ में मिलता है और दोनों जगहों पर उनका उल्लेख द्रुह्यु समुदाय के साथ आता है। ऋग्वेद के सातवे मंडल में अनु योद्धा पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। इन श्लोकों में उनका नाम आनव के वृद्धि रूप में मिलता है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह क़बीला परुष्णि नदी (रावी नदी) क्षेत्र में बसा हुआ था। आगे चलकर सौवीर, कैकेय और मद्र क़बीले इन्ही आनवों से उत्पन्न हुए थे।, Sir Alexander Cunningham, Indological Book House, 1962,...
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अलीन लोग
अलीन बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक क़बीला था। इनका वर्णन ऋग्वेद ७:१८:७ में मिलता है। ऋग्वेद के सातवे मंडल में वे पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। अलीन लोग शायद आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान के नूरिस्तान क्षेत्र से पूर्वोत्तर में रहते थे क्योंकि चीनी तीर्थयात्री हुएन त्सांग ने उस जगह पर इनकी गृहभूमि होने का उल्लेख किया था।, pp.