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भारत का सैन्य इतिहास

सूची भारत का सैन्य इतिहास

भरतीय योद्धा का चित्रण: गान्धर्व कला, प्रथम शताब्दी युद्ध के लिये प्रस्थान करते हुए रामचन्द्र भारत के इतिहास में 'सेना' का उल्लेख वेदों, रामायण तथा महाभारत में मिलता है। महाभारत में सर्वप्रथम सेना की इकाई 'अक्षौहिणी' उल्लिखित है। प्रत्येक 'अक्षौहिणी' सेना में पैदल, घुडसवार, हाथी, रथ आदि की संख्या निश्चित होती थी। .

7 संबंधों: भारत सारावली, भारत गणराज्य का इतिहास, भारतीय युद्धों की सूची, भारतीय राष्ट्रवाद, भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ, सैनिक इतिहास, सैन्य विज्ञान

भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत गणराज्य का इतिहास

भारत गणतन्त्र का इतिहास 26 जनवरी 1950 को शुरू होता है। राष्ट्र को धार्मिक हिंसा, जातिवाद, नक्सलवाद, आतंकवाद और विशेषकर जम्मू और कश्मीर तथा उत्तरपूर्वी भारत में, क्षेत्रीय अलगाववादी विर्द्रोहों का सामना करना पड़ा। भारत एक परमाणु-हथियार सम्पन्न राज्य है; इसने पहला परमाणु परीक्षण १९७४ में किया, व १९९८ में बाद में और पाँच परीक्षण कियें। 1950 के दशक के लेकर 1980 के दशक तक, भारत ने समाजवादी-प्रेरित नीतियों का अनुसरण किया। अर्थव्यवस्था लाइसेंस राज, संरक्षणवाद और सार्वजिक स्वामित्व से बन्धी हुई थी, जिसका परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार और धीमा आर्थिक विकास थे। 1991 में शुरू हुएँ नव-उदार आर्थिक सुधारों ने भारत को विश्व में तीसरी सबसे बड़ी और सबसे तेज़ विकसित होती अर्थव्यवस्था में परिवर्तित कर दिया। आज, भारत, वैश्विक मामलों में एक प्रमुख आवाज़ के साथ, एक प्रमुख विश्व शक्ति हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट हेतु प्रयासरत हैं। अनेक अर्थशास्त्रियों, सैन्य विश्लेषकों और बुद्धिजीवियों की यह अपेक्षा हैं कि भारत निकट भविष्य में एक महाशक्ति बनेगा। .

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भारतीय युद्धों की सूची

यहाँ पर उन युद्धों की सूची है जो भारतभूमि पर लड़े गये या जिनमें भारत क कोई राजा या भारत सरकार सम्मिलित थी। .

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भारतीय राष्ट्रवाद

२६५ ईसापूर्व में मौर्य साम्राज्य भारतीय ध्वज (तिरंगा) मराठा साम्राज्य का ध्वज राष्ट्र की परिभाषा एक ऐसे जन समूह के रूप में की जा सकती है जो कि एक भौगोलिक सीमाओं में एक निश्चित देश में रहता हो, समान परम्परा, समान हितों तथा समान भावनाओं से बँधा हो और जिसमें एकता के सूत्र में बाँधने की उत्सुकता तथा समान राजनैतिक महत्त्वाकांक्षाएँ पाई जाती हों। राष्ट्रवाद के निर्णायक तत्वों मे राष्ट्रीयता की भावना सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्रीयता की भावना किसी राष्ट्र के सदस्यों में पायी जानेवाली सामुदायिक भावना है जो उनका संगठन सुदृढ़ करती है। भारत में अंग्रेजों के शासनकाल मे राष्ट्रीयता की भावना का विशेषरूप से विकास हुआ, इस विकास में विशिष्ट बौद्धिक वर्ग का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार से एक ऐसे विशिष्ट वर्ग का निर्माण हुआ जो स्वतन्त्रता को मूल अधिकार समझता था और जिसमें अपने देश को अन्य पाश्चात्य देशों के समकक्ष लाने की प्रेरणा थी। पाश्चात्य देशों का इतिहास पढ़कर उसमें राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि भारत के प्राचीन इतिहास से नई पीढ़ी को राष्ट्रवादी प्रेरणा नहीं मिली है किन्तु आधुनिक काल में नवोदित राष्ट्रवाद अधिकतर अंग्रेजी शिक्षा का परिणाम है। देश में अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त किए हुए नवोदित विशिष्ट वर्ग ने ही राष्ट्रीयता का झण्डा उठाया। .

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भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी हैं। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्रिमंडल के पास होता है। इसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों भारतीय तटरक्षक बल और अर्धसैनिक संगठनों (असम राइफल्स, और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) और विभिन्न अंतर-सेवा आदेशों और संस्थानों में इस तरह के सामरिक बल कमान अंडमान निकोबार कमान और समन्वित रूप से समर्थन कर रहे हैं डिफेंस स्टाफ। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है। भारतीय सशस्त्र बलों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के प्रबंधन के तहत कर रहे हैं। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ,यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि। भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की सँख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध 1948, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा 1999 में एक छोटा युद्ध कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ दुबारा लड़ा गया। भारतीय सेना परमाणु हथियार, उन्नत अस्त्र-शस्त्र से लैस है और उनके पास उचित मिसाइल तकनीक भी उपलब्ध है। हलांकि भारत ने पहले परमाणु हमले न करने का संकल्प लिया हुआ है। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है। .

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सैनिक इतिहास

राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित एक राजपूत योद्धा चाम लोगों से युद्ध के लिये प्रयाण करती हुई ख्मेर सेना MG34 मशीनगन से सुसज्जित जर्मन सैनिक रूसी सीमा पर (द्वितीय विश्वयुद्ध, १९४२) सैन्य इतिहास (Military history), मानविकी की वह विधा है जो मानव इतिहास के सशस्त्र संघर्षों का लेखा-जोखा तथा उसका समाज, संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था आदि पर प्रभाव का अध्ययन करता है। .

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सैन्य विज्ञान

सैन्य विज्ञान (Military Science) के अन्तर्गत युद्ध एवं सशस्त्र संघर्ष से सम्बन्धित तकनीकों, मनोविज्ञान एवं कार्य-विधि (practice) आदि का अध्ययन किया जाता है। भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख देश जैसे अमेरिका, इजराइल, जर्मनी, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, रूस, इंगलैंड, चीन, फ्रांस, कनाडा, जापान, सिंगापुर, मलेशिया में सैन्य विज्ञान विषय को सुरक्षा अध्ययन (Security Studies), रक्षा एवं सुरक्षा अध्ययन (Defence and Security Studies), रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन (Defence and Strategic studies), सुरक्षा एवं युद्ध अध्ययन नाम से भी अध्ययन-अध्यापन किया जाता है। सैन्य विज्ञान ज्ञान की वह शाखा है जिसमें सैनिक विचारधारा, संगठन सामग्री और कौशल का सामाजिक संदर्भ में अध्ययन किया जाता है। आदिकाल से ही युद्ध की परम्परा चली आ रही है। मानव जाति का इतिहास युद्ध के अध्ययन के बिना अधूरा है और युद्ध का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी मानव जाति की कहानी। युद्ध मानव सभ्यता के विकास के प्रमुख कारणों में से एक हैं। अनेक सभ्यताओं का अभ्युदय एवं विनाश हुआ, परन्तु युद्ध कभी भी समाप्त नहीं हुआ। जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ वैसे-वैसे नवीन हथियारों के निर्माण के फलस्वरूप युद्ध के स्वरूप में परिवर्तन अवश्य आया है। सैन्य विज्ञान के अन्तर्गत युद्ध एवं सशस्त्र संघर्ष से सम्बन्धित तकनीकों, मनोविज्ञान एवं कार्य-विधि आदि का अध्ययन किया जाता है। सैन्य विज्ञान के निम्नलिखित छः मुख्य शाखायें हैं.

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