8 संबंधों: यौन अंग, योनि, योनिच्छद, लिंग, स्त्री जननांग, स्त्री-रोग विज्ञान, हिन्दू देवी देवताओं की सूची, आदित्य।
यौन अंग
यौन अंग, शरीर के वह अंग होते हैं, जो किसी जीव की प्रजनन प्रकिया में सम्मिलित होने के साथ साथ उसके प्रजनन तंत्र का रचना भी करते हैं। स्तनधारियों के प्रमुख यौन अंग हैं: -.
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योनि
मादा के जननांग को योनि (वेजाइना) कहा जाता है। इसके पर्यायवाची शब्द भग, आदि हैं। सामान्य तौर पर "योनि" शब्द का प्रयोग अक्सर भग के लिये किया जाता है, लेकिन जहाँ भग बाहर से दिखाई देने वाली संरचना है वहीं योनि एक विशिष्ट आंतरिक संरचना है। .
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योनिच्छद
'''भग एवं उसमें स्थित योनिच्छद''' इसमें नामित अन्य अंग हैं - योनिशिश्निका (Clitoris); प्रघाण (Vestibule); वाह्य मूत्रमार्ग छिद्र (external urethral orifice); योनिछिद्र (vaginal orifice) उस झिल्ली को कहते हैं जो योनिद्वार के बाहरी प्रवेशद्वार को अम्शतः या अधिकांशतः ढके रहती है। यह भग (vulva) का भाग है और इसकी संरचना योनि जैसी ही होती है। par .
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लिंग
व्याकरण से सम्बन्धित 'लिंग' के लिये लिंग (व्याकरण) देखें। ---- मानव पुरुष और स्त्री का वाह्य दृष्य जीवविज्ञान में लिंग (Sex, Gender) से तात्पर्य उन पहचानों या लक्षणों से जिनके द्वारा जीवजगत् में नर को मादा से पृथक् पहचाना जाता है। जंतुओं में असंख्य जंतु ऐसे होते हैं जिन्हें केवल बाह्य चिह्नों से ही नर, या मादा नहीं कहा जा सकता। नर तथा मादा का निर्णय दो प्रकार के चिह्नों, प्राथमिक (primary) और गौण (secondary) लैंगिक लक्षणों (sexual characters), द्वारा किया जाता है। वानस्पतिक जगत् में नर तथा मादा का भेद, विकसित प्राणियों की भाँति, पृथक्-पृथक् नहीं पाया जाता। जो की सत्य है। .
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स्त्री जननांग
स्त्री प्रजनन तंत्र का योजनामूलक चित्र मानवों में प्रजनन हेतु जननांग होते हैं, जो स्त्रियों और पुरुषों में भिन्न होते हैं। स्त्री के जननांगो में सबसे पहले बाल होते है जिसे प्यूबिक बाल कहा जाता है। ये बाल स्त्री जननागं को चारों ओर से घेरे रहते है। ऊपर की तरफ एक अंग जो उल्टे वी के आकार की होती है उसे क्लाईटोरिस कहते है। यह भाग काफी संवेदनशील होता है। क्लाइटोरिस के नीचे एक छोटा सा छेद होता है जोकि मूत्रद्वार होता है। मूत्रद्वार के नीचे एक बड़ा छिद्र होता है जिसको जनन छिद्र कहते है। इसी के रास्ते प्रत्येक महीने महिलाओं को मासिक स्राव (माहवारी) होती है। इसी रास्ते के द्वारा ही बच्चे का जन्म भी होता है। इसकी दीवारे लचीली होती है जो बच्चे के जन्म समय फैल जाती है। इसके नीचे थोड़ी सी दूरी पर एक छिद्र होता है जिसे मलद्वार या मल निकास द्वार कहते है। .
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स्त्री-रोग विज्ञान
स्त्रीरोगविज्ञान (Gynaccology), चिकित्साविज्ञान की वह शाखा है जो केवल स्त्रियों से संबंधित विशेष रोगों, अर्थात् उनके विशेष रचना अंगों से संबंधित रोगों एवं उनकी चिकित्सा विषय का समावेश करती है। स्त्री-रोग विज्ञान, एक महिला की प्रजनन प्रणाली (गर्भाशय, योनि और अंडाशय) के स्वास्थ्य हेतु अर्जित की गयी शल्यक (सर्जिकल) विशेषज्ञता को संदर्भित करता है। मूलतः यह 'महिलाओं की विज्ञान' का है। आजकल लगभग सभी आधुनिक स्त्री-रोग विशेषज्ञ, प्रसूति विशेषज्ञ भी होते हैं। .
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हिन्दू देवी देवताओं की सूची
यह हिन्दू देवी देवताओं की सूची है। हिन्दू लेखों के अनुसार, धर्म में तैंतीस कोटि (कोटि के अर्थ-प्रकार और करोड़) देवी-देवता बताये गये हैं। इनमें स्थानीय व क्षेत्रीय देवी-देवता भी शामिल हैं)। वे सभी तो यहां सम्मिलित नहीं किये जा सकते हैं। फिर भी इस सूची में तीन सौ से अधिक संख्या सम्मिलित है। .
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आदित्य
ये कश्यप ऋषि पत्नी अदिति से उत्पन्न हुऐ थे और इनकी गणना बारह आदित्यों में की जाती है इसको भगवन सूर्य के नाम से भी जाना जाता है:- .
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