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बोड़ो भाषा

सूची बोड़ो भाषा

बोड़ो या बड़ो एक तिब्बती-बर्मी भाषा है जिसे भारत के उत्तरपूर्व, नेपाल और बांग्लादेश मे रहने वाले बोडो लोग बोलते हैं। बोडो भाषा भारतीय राज्य असम की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। भारत में यह विशेष संवैधानिक दर्जा प्राप्त २२ अनुसूचित भाषाओं में से एक है। बोडो भाषा आधिकारिक रूप से देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। .

44 संबंधों: डिमाश भाषा, तिवा भाषा, दाइनि?, दक्षिण एशिया, दुमफावनि फिथा, देलफिनि अन्‍थाह मोदाइ आरो गुबुन गुबुन खन्‍थाह, देवनागरी, प्रेमानंद मोसाहारी, बर’ खन्थाय, बायदि देंखो बायदि गाब, बिद्यासागर नार्जारी, बिरगोस्रिनि थुंग्रि, ब्रजेन्‍द्र कुमार ब्रह्म, बोड़ो भाषा, बोड़ो लोग, बोड़ो-गारो भाषाएँ, बोड़ो-कोच भाषाएँ, बोडो, बोडो साहित्य सभा, भारत, भारत में संकटग्रस्त भाषाओं की सूची, भारत सारावली, भाषा सम्मान पुरस्कार, मनोरंजन लाहारी, मंगलसिं हाजवारि, राष्ट्रभाषा, सानमोखांआरि लामाजों, साहित्य अकादमी पुरस्कार बोड़ो, सोदोबनि सोलेर, हरिचरण बोरो, जिउनि मोगथां बिसम्बि आरो आर’ज, गारो भाषा, गुणेश्वर मोसाहारी, आठवीं अनुसूची, कातिन्द्र सोरगियारि, कछारी भाषा, कोच भाषाएँ, कोक बोरोक भाषा, अनिल बर, अनिल कुमार ब्रह्म, अरविन्द उजीर, अखाफोरनि दैमा, उदांनिफ्राय गिदिंफिन्‍नानै, उर्खाव गोरा ब्रह्म

डिमाश भाषा

डिमासा भाषा, तिब्बती-बर्मी परिवार की एक भाषा है जो डिमासा लोगों द्वारा बोली जाती है जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम में निवास करते हैं। कछार बर्मन और कछार होजाइ प्रथम भाषा के रूप में डिमासा बोलते हैं। .

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तिवा भाषा

तिवा भाषा (Tiwa language) या लालुंग भाषा (Lalung language) पूर्वोत्तर भारत के असम राज्य में तिवा समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक ब्रह्मपुत्री भाषा है। सन् २००१ की जनगणना में इसे १.७१ लाख लोगों के तिवा समुदाय में से लगभग २७,००० लोग बोलते थे। .

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दाइनि?

दाइनि? बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार *मनोरंजन लाहारी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2009 में बोडो भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दक्षिण एशिया

thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.

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दुमफावनि फिथा

दुमफावनि फिथा बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार अनिल कुमार ब्रह्म द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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देलफिनि अन्‍थाह मोदाइ आरो गुबुन गुबुन खन्‍थाह

देलफिनि अन्‍थाह मोदाइ आरो गुबुन गुबुन खन्‍थाह बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार अनिल बर' द्वारा रचित एक कविता-संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2013 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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प्रेमानंद मोसाहारी

प्रेमानंद मोसाहारी बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अखाफोरनि दैमा के लिये उन्हें सन् 2011 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बर’ खन्थाय

बर’ खन्थाय बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार गुणेश्वर मोसाहारी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2012 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बायदि देंखो बायदि गाब

बायदि देंखो बायदि गाब बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार ब्रजेन्‍द्र कुमार ब्रह्म द्वारा रचित एक कविता है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बिद्यासागर नार्जारी

बिद्यासागर नार्जारी बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास बिरगोस्रिनि थुंग्रि के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बिरगोस्रिनि थुंग्रि

बिरगोस्रिनि थुंग्रि बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार बिद्यासागर नार्जारी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2008 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ब्रजेन्‍द्र कुमार ब्रह्म

ब्रजेन्‍द्र कुमार ब्रह्म बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता बायदि देंखो बायदि गाब के लिये उन्हें सन् 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बोड़ो भाषा

बोड़ो या बड़ो एक तिब्बती-बर्मी भाषा है जिसे भारत के उत्तरपूर्व, नेपाल और बांग्लादेश मे रहने वाले बोडो लोग बोलते हैं। बोडो भाषा भारतीय राज्य असम की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। भारत में यह विशेष संवैधानिक दर्जा प्राप्त २२ अनुसूचित भाषाओं में से एक है। बोडो भाषा आधिकारिक रूप से देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। .

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बोड़ो लोग

बोड़ो (असमिया: বড়ো/बड़ो) पूर्वोत्तर भारत के असम राज्य के मूल निवासी हैं और भारत की एक महत्वपूर्ण जनजाति हैं। बोड़ो समुदाय स्वयं एक बृहत बोड़ो-कछारी समुदाय का हिस्सा माने जाते हैं। सन् २०११ की भारतीय राष्ट्रीय जनगणना में लगभग २० लाख भारतीयों ने स्वयं को बोड़ो बताया था जिसके अनुसार वे असम की कुल आबादी के ५.५% हैं। भारतीय संविधान की छठी धारा के तहत वे एक अनुसूचित जनजाति हैं। बोड़ो लोगों की मातृभाषा भी बोड़ो भाषा कहलाती है, जो एक ब्रह्मपुत्री भाषा है। ब्रह्मपुत्री भाषाएँ तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की एक शाखा है। धार्मिक दृष्टि से २००१ की जनगणना में लगभग ९०% प्रतिशत बोड़ो हिन्दू थे।, pp.

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बोड़ो-गारो भाषाएँ

बोड़ो-गारो भाषाएँ (Bodo–Garo languages) पूर्वी भारत में बोली जाने वाली कुछ भाषाओं का एक परिवार है। .

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बोड़ो-कोच भाषाएँ

बोड़ो-कोच भाषाएँ (Bodo–Koch languages) पूर्वी भारत में बोली जाने वाली कुछ भाषाओं का एक परिवार है। यह तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की एक शाखा है। इसकी स्वयं तीन शाखाएँ हैं: बोड़ो-गारो भाषाएँ, कोच भाषाएँ और देओरी भाषा। .

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बोडो

बर' से कई तात्पर्य निकलते हैं: .

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बोडो साहित्य सभा

बोडो साहित्य सभा (बर’ थूनलाइ आफाद) बोडो भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिये गठित एक संगठन है। इसकी स्थापना १६ नवम्बर सन् १९५२ को असम के कोकराझार जिला के ससुगाँव में इसकी स्थापना की गयी थी। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में संकटग्रस्त भाषाओं की सूची

एक लुप्तप्राय भाषा वह भाषा है जिसके कुछ ही जीवित वक्ता(बोलने वाले) हैं व जो उपयोग से बाहर होने की कगार पर है। अगर इनमें से कोई भाषा अपने सभी मूल वक्ताओं को खो देती हैं, तो ये एक विलुप्त भाषा बन जायेगी। यूनेस्को 'सुरक्षित' (खतरे में नहीं) और "विलुप्त" के बीच भाषाओं के चार स्तरों को परिभाषित करता है.

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भाषा सम्मान पुरस्कार

भाषा सम्मान पुरस्कार एक भारतीय साहित्यिक पुरस्कार जो हर साल प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के वितरण का प्रारंभ साहित्य अकादमी ने १९९६ से किया। साहित्य अकादमी मान्यता-प्राप्त २४ भारतीय भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान करती है। इसलिए भाषा सम्मान पुरस्कार को गैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं में साहित्यिक रचनात्मकता के साथ ही शैक्षिक अनुसंधान को स्वीकार और बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। यह लेखकों, विद्वानों, संपादकों, संग्रहकर्ताओं, कलाकारों या अनुवादकों को प्रस्तुत किया जाता है जिन्होंने संबंधित भाषाओं के प्रचार, आधुनिकीकरण या संवर्धन में काफी योगदान दिया है। सन्मान में एक पुरस्कार पट्टिका के साथ १ लाख रुपये दिये जाते है। १९९६ में पुरस्कार की धनराशी रुपये २५,००० थी। ये सन २००१ में बढ कर रुपये ४०,०००, सन २००३ में रुपये ५०,०००, और सन २००९ में १ लाख रुपये हुई। यह सम्मन प्रत्येक वर्ष ३-४ व्यक्तियों को विभिन्न भाषाओं में दिए जाते हैं जो कि विशेषज्ञों की समितियों की सिफारिश के आधार पर होता है। .

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मनोरंजन लाहारी

मनोरंजन लाहारी बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास दाइनि? के लिये उन्हें सन् 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

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मंगलसिं हाजवारि

मंगलसिं हाजवारि बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह जिउनि मोगथां बिसम्बि आरो आरज के लिये उन्हें सन् 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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राष्ट्रभाषा

राष्ट्रभाषा एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा। .

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सानमोखांआरि लामाजों

सानमोखांआरि लामाजों बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार कातिन्द्र सोरगियारि द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2006 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार बोड़ो

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और बोड़ो भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने २००५ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया। .

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सोदोबनि सोलेर

सोदोबनि सोलेर बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार अरविन्द उजीर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2010 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हरिचरण बोरो

हरिचरण बोरो बोडो भाषा के एक प्रसिद्ध लेखक थे। उन्हें उनके साहित्यिक योगदान के कारण 2012 में साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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जिउनि मोगथां बिसम्बि आरो आर’ज

जिउनि मोगथां बिसम्बि आरो आर’ज बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार मंगलसिं हाजवारि द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2005 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गारो भाषा

गारो भाषा (Garo language) या आचिक भाषा (আ·চিক ভাষা) पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य के गारो पहाड़ियाँ ज़िले तथा असम व त्रिपुरा के कुछ भागों में बोली जाने वाली एक भाषा है। इसे बांग्लादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में भी बोला जाता है। गारो भाषा का कोच एवं बोडो भाषाओ से, जो कि तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की सदस्य हैं, इनसे निकट सामीप्य है। गारो भाषा अधिकांश जनसंख्या द्वारा बोली जाती है और इसकी कई बोलियां प्रचलित हैं, जैसे अबेंग या अम्बेंग, अटोंग, अकावे (या अवे), मात्ची दुआल, चोबोक, चिसक मेगम या लिंगंगम, रुगा, गारा-गञ्चिंग एवं माटाबेंग। .

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गुणेश्वर मोसाहारी

गुणेश्वर मोसाहारी बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह बर खन्थाय के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आठवीं अनुसूची

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है। इस अनुसूची में २२ भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। इनमें से १४ भाषाओं को संविधान में शामिल किया गया था। सन १९६७ में, सिन्धी भाषा को अनुसूची में जोड़ा गया। इसके बाद, कोंकणी भाषा, मणिपुरी भाषा, और नेपाली भाषा को १९९२ में जोड़ा गया। हाल में २००४ में बोड़ो भाषा, डोगरी भाषा, मैथिली भाषा, और संथाली भाषा शामिल किए गए। .

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कातिन्द्र सोरगियारि

कातिन्द्र सोरगियारि बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास सानमोखांआरि लामाजों के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कछारी भाषा

कछारी (असमिया: কছাৰী, अंग्रेज़ी: Kachari या Cachari) भारत के असम राज्य के कुछ भागों में बोली जाने वाली एक ब्रह्मपुत्री भाषा है। मूल रूप से यह कछारी लोगों की मातृभाषा है लेकिन वर्तमानकाल में ३०% से कम कछारी लोग इसका दैनिक प्रयोग करते हैं, जबकि उनमें आजकल असमिया भाषा प्रचलित है। माना जाता है कि आधुनिक असमिया भाषा पर भी कछारी भाषा का गहरा प्रभाव रहा है।, pp.

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कोच भाषाएँ

कोच भाषाएँ (Koch languages) पूर्वी भारत में बोली जाने वाली कुछ भाषाओं का एक परिवार है। यह बोड़ो-कोच भाषाओं की एक शाखा है। .

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कोक बोरोक भाषा

कोक बोरोक या तिप्राकक भाषा या त्रिपुरी भाषा भारत के त्रिपुरा राज्य के त्रिपुरी समुदाय और बंगलादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाएँ हैं। 'कोक' का अर्थ 'भाषा' और 'बोरोक' का अर्थ 'लोग' होता है। यहाँ बोरोक शब्द से अर्थ त्रिपुरी लोग है। कोक बोरोक तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की सदस्य है और असम में बोली जाने वाली बोड़ो भाषा और दिमासा भाषा की निकट सम्बन्धी है।, Pauthang Haokip, pp.

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अनिल बर

अनिल बर बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता-संग्रह देलफिनि अन्‍थाह मोदाइ आरो गुबुन गुबुन खन्‍थाह के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अनिल कुमार ब्रह्म

अनिल कुमार ब्रह्म बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह दुमफावनि फिथा के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अरविन्द उजीर

अरविन्द उजीर बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह सोदोबनि सोलेर के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अखाफोरनि दैमा

अखाफोरनि दैमा बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार प्रेमानंद मोसाहारी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2011 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उदांनिफ्राय गिदिंफिन्‍नानै

उदांनिफ्राय गिदिंफिन्‍नानै बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार उर्खाव गोरा ब्रह्म द्वारा रचित एक कविता है जिसके लिये उन्हें सन् 2014 में बोडो भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उर्खाव गोरा ब्रह्म

उर्खाव गोरा ब्रह्म बोडो भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता उदांनिफ्राय गिदिंफिन्‍नानै के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बड़ो भाषा, बोड़ो भाषाएँ, बोडो भाषा

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