लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

बैतरणी

सूची बैतरणी

बैतरणी ओडिशा का सबसे पुरातन नदी है। यह नदी केन्दुझर जिला के गोनासिका से उत्पन्न हुआ है। इसका दैर्घ्य ३६५ कि·मि· है। यह नदी ब्राह्मणी नदी के साथ मिलित हो कर बालेश्वर जिला के धामरा के पास बंगाल की खाडी में प्रबेश किया है। यह नदी ओडिशा का सबसे पबित्र नदी है और ओडिशा कि गंगा के रूप में जाना जाता है।.

3 संबंधों: ओडिशा, आनंदपुर, केन्दुझर, केन्दुझर

ओडिशा

ओड़िशा, (ओड़िआ: ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। पाराद्वीप को छोड़कर राज्य की अपेक्षाकृत सपाट तटरेखा (लगभग 480 किमी लंबी) के कारण अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। संकीर्ण और अपेक्षाकृत समतल तटीय पट्टी जिसमें महानदी का डेल्टा क्षेत्र शामिल है, राज्य की अधिकांश जनसंख्या का घर है। भौगोलिक लिहाज से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है। यह पूरा क्षेत्र मुख्य रूप से चावल उत्पादक क्षेत्र है। राज्य के आंतरिक भाग और कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं। 1672 मीटर ऊँचा देवमाली, राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। ओड़िशा में तीव्र चक्रवात आते रहते हैं और सबसे तीव्र चक्रवात उष्णकटिबंधीय चक्रवात 05बी, 1 अक्टूबर 1999 को आया था, जिसके कारण जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ और लगभग 10000 लोग मृत्यु का शिकार बन गये। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं। .

नई!!: बैतरणी और ओडिशा · और देखें »

आनंदपुर, केन्दुझर

आनंदपुर ओडिशा के केन्दुझर जिला का एक सब्डिविजन है | यह शहर बैतरणी नदी के किनारे अबस्थित है | केन्दुझर शहर से ८० कि·मि· दूरी पर अबस्थित यह शहर झाडेश्वर महादेव एबं अपने पुराने जगन्नाथ मन्दिर के लिये प्रसिद्ध है | आनंदपुर से ४ कि·मि· दूरी पर अबस्थित शइलंग ग्राम कि पहाडी और उस पर स्थित बायाबाबा मठ एक जानामाना दर्शनीय स्थान है | श्रेणी:ओड़िशा के शहर.

नई!!: बैतरणी और आनंदपुर, केन्दुझर · और देखें »

केन्दुझर

केन्दुझर ओडिशा के केन्दुझर जिला का मुख्यालय है। ओडिशा राज्य में शामिल होने से पहले केन्दुझर एक स्वतंत्र रजवाडा था। ओडिशा राज्य की तमाम विविधताएं इस जिले में देखी जा सकती हैं। प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध यह हरा-भरा जिला 8337 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां के विष्णु और जगन्नाथ मंदिर यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र में होते हैं। नगर के बाहरी हिस्सों में सिद्ध जगन्नाथ, सिद्ध काली और पंचवटी जैसे दर्शनीय स्थल हैं। विश्व की सबसे प्राचीनतम चट्टान भी यहां देखी जा सकती है। इस चट्टान को 38000 मिलियन साल पुराना माना जाता है। इन चट्टानों में गुप्त काल के अभिलेखों की पर्यटकों के अलावा इतिहास में रूचि रखने वालों को भी आकर्षित करते हैं। घटगाँ, मुर्गामहादेव, गोनासिका और सीताबिंज आदि यहां के लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं। .

नई!!: बैतरणी और केन्दुझर · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »