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बैंक

सूची बैंक

जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .

98 संबंधों: चक्रानुक्रम, एचडीएफसी बैंक, एडिडास, एडिनबर्ग, एडिनबर्ग की अर्थव्यवस्था, एयरटेल भुगतान बैंक लिमिटेड, देना बैंक, निजी बैंकिंग, निवेश, निवेशक, नैगम शासन, पाकिस्तान सरकार, पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, प्रमाणभार, पी. जयरामन, पीओएसबी बैंक, फाइनेंसियल प्रबंध, बायोमेट्रिक्स, बार्कलेज, बालिका समृद्धि योजना, बंधन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक आश्वासन, बैंक कपट, बैंक के नोट, बैंकिंग में हाल के रुझान, बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान, भामाशाह कार्ड, भारत में एचआईवी / एड्स, भारत में बैंकिंग, भारत के सार्वजनिक क्षेत्रक बैंक, भारतीय डाक भुगतान बैंक, भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान, भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय वित्तीय प्रणाली, भूमंडलीय ऊष्मीकरण, मदनलाल वर्मा 'क्रान्त', मनिला बिज़नस महाविद्यालय, मर्चेंट बैंकिंग, मिलानो, मेरिल लिंच, मोरोपंत पिंगले, यूबीएस, राथ्सचाइल्ड वंश, राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, ..., रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016, रुपए का इतिहास, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम, लियन, लघु वित्त, सबसे पुरानी कम्पनियों की सूची, साहूकार, सावधि जमा, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर, स्टॉक, स्वीप खाता, सेण्ट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया, हरिहर नातू, हिंदुजा समूह, हेनरी ड्यूनेन्ट, वाणिज्यिक बैंक, वाणिज्यवाद, वित्तीय संस्था, विभिन्न उद्योगों का भारत में विकास, विश्व का आर्थिक इतिहास, वॉल स्ट्रीट, खाता बही, खुली अर्थव्यवस्था, गुरु दत्त, ग्रहणाधिकार (लियन), ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त, गूगल धरती, ऑनलाइन बैंकिंग, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, ओवरड्राफ्ट, आभासी मुद्रा, आर्थिक शब्दावली, आईसीआईसीआई बैंक, आंध्र बैंक, इण्डियन ओवरसीज़ बैंक, इजराइल पोस्ट कंपनी, इंदि‍रा गांधी मातृत्‍व सहयोग योजना, कर्नाटक बैंक, क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा, केंद्रीय बैंक, अनर्जक आस्ति, अपस्फीति, अभौतिक खाता, अमानत बैंक, अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र (ग्रन्थ), ऋण सूचकांक विस्तार (48 अधिक) »

चक्रानुक्रम

चक्रानुक्रम एक नौकरी के कार्य अभिकल्पन प्रक्रिया है जिसमे कर्मचारियो को एक सुनियोचित तरीके से दो या दो से अधिक नौकरियो के बीच स्थानंअरित कर रहे है। इसका उद्देश्य यह है कर्मचारियो को विभिन्न अनुभवो और अधिक किस्म के हुनर को प्रकरशित करना उसका उद्देश्य था ताकि नौकरी से संतुष्टि बढा सके और उन्हे पार प्रशिक्षित कर सके। चक्रानुक्रम एक प्रबन्धकदल प्रक्रिया है जिसमे कुछ वर्षो की अवाधि मे विभन्न सरचनाओ और विभागो मे प्रशिक्षुओ को प्रशिक्षुओ को प्रदान करती है। सर्वेक्षण यह दिखाता है कि अदिख संख्य मे कंपनि चक्रानुक्रम का उपयोग कर रहे है अपने कर्मचारियो को प्रशिक्षित करने के लिए। इस तकनीक मे दोनो सकारत्मक और नकारात्मक प्रभाव होते है कंपनी को यह दोनो मुलतत्वो को निर्णय करते समय ध्यान मे रखना चाहिए।जो संगठन संवेदनशील जानकारी या सिस्टम के साथ काम कर रहे है उन्हे व्यक्तिगत लाभ का अवसर मिलता है। कई लोगो को सामान रूप से एक नौकरी समारोह मे प्रदर्शन करने के लिए सुसज्जित के रूप मे चक्रानुक्रम भी कारोबारी माहौल निरंतरता मे मदद करता है।अगर एक कर्मचारी उपमलब्द नही हो तो उसके स्थान पर कोई और उसका काम समान दक्षता के साथ संभाल सकता है। चक्रानुक्रम अकस्रर नवीन कॉलेज स्नातको के लिए प्रयोग किया जाता है जो बस अभी-अभी कार्यबल मे प्रवेश कर रहे है। प्रशिक्षुओं संगठन के विभिन्न क्षेत्र पर परिपेक्ष्य लाभ मिलता है।इसके तरफ से उच्च प्रंब्धन और विभिन्न विभागो के साथ काम करने का अवसर प्रदान करता है। चक्रानुक्रम प्रशिक्षुओं को नीचे लिखे हुए धारणो पर सबसे अच्छा लागु करने के लिए मदद करता है.

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एचडीएफसी बैंक

एचडीएफसी बैंक भारत का एक प्रमुख बैंक है। मुंबई, भारत में इसकी स्थापना अगस्त 1994 में की गयी थी। एचडीएफसी बैंक ने जनवरी 1995 में एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के रूप में कार्य शुरू किया। मोबाइल बैंकिंग भी हिंदी में उपलब्ध है। इसके शाखाओं की अधिकतम संख्या मुंबई और नई दिल्ली में हैं। .

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एडिडास

(registered in 1949) | founder .

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एडिनबर्ग

एडिनबर्ग या एडिनबर (Edinburgh,अंग्रेजी उच्चारण: / ए॑डिन्बर / Dùn Èideann डुन एडिऽन्न), स्कॉटलैंड की राजधानी, एवं ग्लासगो के बाद, स्कॉटलैंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह स्काॅटलैन्ड के लोथियन क्षेत्र में फ़ाॅर्थ के नदमुख के दक्षिणी तट पर स्थित है। वर्ष 2013 के हिसाब से,इस शहर की आबादी 5,00,000 के करीब है। 15वीं सदी से ही यह ऐतिहासिक शहर स्कॉटलैंड की राजधानी है। शुरुआत से ही स्काॅटियाई राजशाही के सारे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवन इसी शहर में ही स्थित हुआ करते थे, परंतू 1603 और 1707 के बीच, इंग्लैंड से विलय के पश्चात इस शहर की काफ़ी राजनैतिक ताकत लंदन चली गई। 1999 में स्कॉटिश संसद को स्वायत्त रूप से शाही धोषणा द्वारा स्थापित किया गया तब से यह शहर स्काॅटलैंड की संसद व स्काॅटलैंड में राजगद्दी का आसन है। स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय संग्रहालय, स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पुस्तकालय और स्कॉटलैंड की अन्य महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थाओं के मुख्यालय व नेशनल गैलरी यहीं एडिनबर्ग में स्थित हैं। आर्थिक रूप से, यह यूके में लंदन के बाहर का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र है। एडिनबर्ग का इतिहास काफ़ी लम्बा है, एवं यहां कई ऐतिहासिक इमारतों को भी अच्छी तरह से संरक्षित देखे जा सकते हैं। एडिनबर्ग कासल, हाॅलीरूड पैलेस, सेंट जाइल्स कैथेड्रल और कई अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतें यहां स्थित हैं। एडिनबर्ग का ओल्ड टाउन और न्यू टाउन, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। 2004 में, एडिनबर्ग विश्व साहित्य में पहला शहर बन गया। साथी यह ऐतिहासिक रूप से शिक्षा का भी एक विकसित केन्द्र रहा है, यहाँ स्थित, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, एवं यह अब भी दुनिया के शीर्ष सिक्षा संस्थानों में शामिल है। इसके अलावा एडिनबर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और यहां आयोजित किये गए अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी विश्वविख्यात समारोहों में से एक है। लंडन के बाद ब्रिटेन में, एडिनबर्ग दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन केन्द्र है। .

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एडिनबर्ग की अर्थव्यवस्था

एडिनबर्ग, स्काॅटलैंड की राजधानी, उसके दूसरा सबसे बड़ा नगर एवं यहाँ की अर्थव्यवस्था का बतौर बिजलीघर है। बलकी, यह पूरे युनाइटेड किंग्डम की अर्थव्यवस्था का एक बेहद महत्वपूर्ण अंश है। एडिनबर्ग हमेशा से ही ब्रिटेन के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में शुमार रहा है, एवं यहाँ की अर्थव्यवस्था, लंडन के बाहर, सबसे मज़बूत अर्थव्यवस्था है। साथ ही पेशेवरों की संख्या के मामले में भी एडिनबर्ग सबसे आगे है, यहाँ की 45% आबादी के पास डिग्री-स्तर या पेशेवर-स्तर की योग्यता है। सेंटर फ़ाॅर इंटरनेशनल काॅम्पेटिटिवनेस(अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी केंद्र) के आँकड़ों के अनुसार यह आर्थिक तोमर पर सबसे प्रतिस्पर्धी शहर भी है। 2012-13 के फ़ाइनैन्शियल टाइम्स एफ़डीआई मैगज़ीन पुरस्कारों में इसे यूरोप का भविष्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हेतु सर्वोत्तम बड़ा शहर एवं सर्वोत्तम बड़ा शहर, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की रणनीति हेतु के नामों से नवाज़ा गया था। .

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एयरटेल भुगतान बैंक लिमिटेड

एयरटेल भुगतान बैंक लिमिटेड पब्लिक लिमिटेड कंपनी है जो भारती एयरटेल की सहायक है। इसे ११ अप्रैल २०१६ को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग व्यवसाय के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया। .

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देना बैंक

देना बैंक भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का एक प्रमुख बैंक है। जुलाई, १९६९ में १३ अन्य बड़े बैंकों के साथ देना बैंक राष्ट्रीयकृत हुआ तथा अब यह बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रह्ण एवं हस्तांतरण) अधिनियम, १९७० के अधीन गठित एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, १९४९ के अंतर्गत बैंक बैंकिंग करोबार करने के अलावा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, १९४९ की धारा ६ में यथावर्णित अन्य कारोबार भी कर सकता है। .

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निजी बैंकिंग

निजी बैंकिंग बैंकिंग, निवेश निवेशऔर अच्छी संपत्ति निवेश करने वाले अलग-अलग लोगों को बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए प्रयुक्त शब्दावली है। "निजी" शब्द ग्राहक को अधिक व्यक्तिगत आधार पर प्रदान की गई सेवा को संदर्भित करता है न कि बड़े पैमाने पर बाजार में आमतौर पर बैंक के समर्पित सलाहकारों के माध्यम से खुदरा बैंकिंग को.

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निवेश

निवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। यह पद बचत करने और उपभोग में कटौती या देरी के संदर्भ में प्रयुक्त होता है। निवेश के उदाहरण हैं- किसी बैंक में पूंजी जमा करना, या परिसंपत्ति खरीदने जैसे कार्य जो भविष्य में लाभ पाने की दृष्टि से किये जाते हैं। सामान्यतः इसे किसी वर्ष में पूँजी स्टॉक में होने वाली वृद्धि के रूप में परिभाषित करते हैं। संचित निवेश या विनियोग ही पूँजी है। .

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निवेशक

निवेशक उन व्यक्ति या संस्थाओं को कहा जाता है, जो किसी योजना में अपना धन निवेश करते हैं। निवेशक कई प्रकार के होते हैं, जैसे व्यक्तिगत निवेशक, सामाजिक संस्थाएं और विदेशी संस्थागत निवेशक।। हिन्दुस्तान लाइव। २० नवम्बर २००९। .

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नैगम शासन

नैगम शासन या 'कम्पनी शासन' या कॉरपोरेट शासन प्रक्रियाओं, रिवाजों, नीतियों, क़ानून और संस्थाओं की एक व्यवस्था है, जिनसे निगम (या कंपनी) निर्देशित, प्रशासित या नियंत्रित होती है। कॉर्पोरेट प्रशासन में कई हितधारकों के बीच संबंध और लक्ष्य भी शामिल हैं, जिनके लिए निगम नियंत्रित होती है। प्रमुख हितधारकों में हैं, शेयरधारक/सदस्य, प्रबंधन और निदेशक मंडल.

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पाकिस्तान सरकार

पाकिस्तान सरकार (حکومتِ پاکستان.;हुक़ूमत-ए पाकिस्तान) वफ़ाक़ी संसदीय प्रणाली के तहत काम करति है जिस में राष्ट्रपति राज्य और प्रधानमंत्री सरकर के नेता होते हैं। पाकिस्तान सरकार संघीय संसदीय प्रणाली है। जिसमें राष्ट्रपति का चयन जनता की बजाय संसद अथवा निर्वाचन समिति करता है। इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं जो पाकिस्तान की सेना के सर्वोच्च आदेशकर्ता भी होता है। प्रधानमंत्री, प्रशासनिक मामलों का प्रमुख होता है, वह संसदीय बहुमत से चुना जाता है। पाकिस्तान में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चयन और पदग्रहण बिल्कुल भिन्न पहलू हैं और उनके शासनकाल का संवैधानिक रूप से आपस में कोई संबंध नहीं होता है। 6 सितंबर 2008 को पाकिस्तान की निर्वाचन समिति कि सेनेट(उच्चसदन), क़ौमी असेम्ब्ली (निम्नसदन) और चारों प्रांतीय विधानसभाओं से मिल कर बनता है। आम तौर पर प्रधानमंत्री निचले सदन के बहुमत दल के अंतर्गत आते हैं और देश की व्यवस्था संघीय मंत्रीमंडल की मदद से चलती है जो मजलिस-ए शूरा के दोनों सदनों, उच्च और निम्न से चुने जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय विधानसभा सदस्यों और प्रांतीय विधायिका के सदस्य, जनता के मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति उस पार्टी के चुने जाते हैं जिनका क़ौमी असेम्ब्ली में बहूमत हो। सभापति भी बहुल पार्टी का ही होता है, हालांकि विपक्षी दलों को भी बड़े उदय दी जा सकते हैं। संसदीय प्रणाली में दो पार्टियां महत्व होता है एक वह पार्टी जो सभी पार्टियों से ज़्यादा सीटें हासिल कर इसे बहुल या सरकार बनाने वाली पार्टी और दूसरी वह पार्टी जो दूसरे नंबर पे सबसे निशतें प्राप्त करे उसे विपक्षी पार्टी कहा जाता हेमतला पाकिस्तान 2013 के चुनाव में मुस्लिम लीग की सबसे ज्यादा सीटें थीं तो वह सरकार बना लिया और दूसरे नंबर पे पपल्स पार्टी थी जो विपक्ष में खड़ी होई.ागर सरकारी पार्टी कोई फैसला लिया और विपक्ष इस फैसले का विरोध किया तो सरकारी पार्टी का वह फैसला खारिज किया जाएगा। .

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पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय

पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय (عدالت عظمیٰ پاکستان; अदालत-ए उज़्मा पाकिस्तान), इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत है और पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का शीर्ष हिस्सा है और पाकिस्तानी न्यायिक क्रम का शिखर बिन्दु है। पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। सर्वोच्च न्यायालय का स्थायी कार्यालय पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित है, जबकि इस अदालत की कई उप-शाखाएं, पाकिस्तान के महत्वपूर्ण शहरों में कार्यशील हैं जहां मामलों की सुनवाई की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या पाकिस्तान के संविधान में की गई है। देश में कई सैन्य सरकारों और असंवैधानिक तानाशाही सरकारों के कार्यकाल में भी सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं को स्थापित कर रखा है। साथ ही, इस अदालत ने सैन्य शक्ति पर एक वास्तविक निरीक्षक के रूप में स्वयं को स्थापित किया है और कई अवसरों में सरकारों की निगरानी की है। इस अदालत के पास, सभी उच्च न्यायालयों(प्रांतीय उच्च न्यायालयों, जिला अदालतों, और विशेष अदालतों सहित) और संघीय अदालत के ऊपर अपीलीय अधिकार है। इसके अलावा यह कुछ प्रकार के मामलों पर मूल अधिकार भी रखता है। सुप्रीम कोर्ट एक मुख्य न्यायाधीश और एक निर्धारित संख्या के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा निर्मित होता है, जो प्रधानमंत्री से परामर्श के बाद राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। एक बार नियुक्त न्यायाधीश को, एक निर्दिष्ट अवधि को पूरा करने और उसके बाद ही रिटायर होने की उम्मीद की जाती है, जब तक कि वे दुराचार के कारण सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा निलंबित नहीं किये जाते हैं। .

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पंजाब एण्ड सिंध बैंक

पंजाब एवं सिंध बैंक (Punjab & Sind Bank) उत्तर भारत का प्रमुख बैंक है। इसके लगभग ९०० शाखाओं में से ४०० पंजाब में हैं। इस बैंक का मुख्यालय नयी दिल्ली में है। वर्ष 1908 में जब भाई वीर सिंह, सर सुंदर सिंह मजीठिया तथा सरदार तिरलोचन सिंह जैसे दूरदर्शी तथा विद्वान व्यक्तियों के मन मे देश के गरीब से गरीब व्यक्ति का जीवन स्तर उठाने का विचार आया तब पंजाब एण्ड सिंध बैंक का जन्म जन्म हुआ। बैंक की स्थापना समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के आर्थिक उत्थान द्वारा उनके जीवन स्तर को उंचा उठाने हेतु सामाजिक वचनबद्घता के सिद्धान्तों पर की गई। .

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पंजाब नैशनल बैंक

पंजाब नैशनल बैंक भारत का एक प्रमुख और पुराना बैंक है। यह एक अनुसूचित बैंक है। पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को १९ मई, १८९४ को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत अनारकली बाज़ार लाहौर में इसके कार्यालय के साथ पंजीकृत किया गया था। पंजाब नैशनल बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी वाणिज्यिक बैंक है और भारत के ७६४ शहरों में इसकी लगभग ४,५०० शाखायें हैं। इसके लगभग ३७ लाख ग्राहक हैं। बैंकर अल्मानेक लंदन के अनुसार यह बैंक दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में २४८वें स्थान पर है। वित्तीय वर्ष २००७ में, बैंक की कुल आस्तियां ६० अरब अमेरिकी डॉलर थीं। पंजाब नैशनल बैंक का ब्रिटेन में एक बैंकिंग सहायक उपक्रम है, साथ ही हांगकांग और काबुल में शाखाएं और अल्माटी, शंघाई और दुबई में प्रतिनिधि कार्यालय है। .

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प्रमाणभार

'प्रमाणभार' (Burden of prof) के दो अर्थ हैं.

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पी. जयरामन

राष्ट्रपति अबुल कलाम आजाद से प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त करते हुए। डॉ॰ पी.

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पीओएसबी बैंक

POSB सिंगापुर का एक प्रमुख बैंक है जो वहीं की DBS Bank द्वारा अधिकृत है। इसकी शुरुआत Post Office Savings Bank के रूप में १८७७ में हुई थी। श्रेणी: सिंगापुर के बैंक.

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फाइनेंसियल प्रबंध

वित्तीय प्रबंधन प्रशासन और वित्तीय परिसंपत्तियों के रखरखाव सहित एक सकारात्मक नकदी प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यक्ति या एक व्यावसायिक उद्यम के भविष्य के लिए योजना बनाने की जरूरत पर जोर देता। वित्तीय प्रबंधन की प्राथमिक चिंता का विषय नहीं बल्कि वित्तीय मात्रा का ठहराव की तकनीक से आकलन है। कुछ विशेषज्ञों का धन प्रबंधन के विज्ञान के रूप में वित्तीय प्रबंधन के लिए देखें। वित्तीय प्रबंधन की रूपरेखा के पांच बुनियादी घटक हैं: नियोजन और विश्लेषण, परिसंपत्ति और देनदारी प्रबंधन, रिपोर्टिंग, लेनदेन प्रसंस्करण और नियंत्रण। .

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बायोमेट्रिक्स

वॉल्ट डिज़नी वर्ल्ड में बॉयोमेट्रिक माप मेहमानों की उंगलियों से यह सुनिश्चित करने के लिए लिये जाते हैं कि व्यक्ति की टिकट का इस्तेमाल दिन-प्रतिदिन एक ही व्यक्ति द्वारा किया जाता रहे. जैवमिति या बायोमैट्रिक्स जैविक आंकड़ों एंव तथ्यों की माप और विश्लेषण के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को कहते हैं। अंग्रेज़ी शब्द बायोमैट्रिक्स दो यूनानी शब्दों बायोस (जीवन) और मैट्रोन (मापन) से मिलकर बना है।। हिन्दुस्तान लाइव। २८ मार्च २०१० नेटवर्किंग, संचार और गत्यात्मकता में आई तेजी से किसी व्यक्ति की पहचान की जांच पड़ताल करने के विश्वसनीय तरीकों की आवश्यकता बढ़ गई है। पहले व्यक्तियों की पहचान उनके चित्र, हस्ताक्षर, हाथ के अंगूठे और अंगुलियों के निशानों से की जाती रही है, किन्तु इनमें हेरा-फेरी होने लगी। इसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने जैविक विधि से इस समस्या का समाधान करने का तरीका खोजा है। इसका परिणाम ही बायोमैट्रिक्स है। वेनेजुएला में आम चुनावों के दौरान दोहरे मतदान को रोकने के लिए बायोमैट्रिक कार्ड का प्रयोग किया जाता है। .

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बार्कलेज

बार्कलेज समूह कैनरी व्हार्फ में स्थित है। बार्कलेज पीएलसी एक वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है। यथा 2010, यह विश्व का 10वां सबसे बड़ा बैंकिंग और वित्तीय सेवा समूह है और फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार समग्र रूप से यह 21वें नम्बर की सबसे बड़ी कंपनी है। अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में करीब 50 से भी अधिक देशों और प्रांतों में इसका संचालन किया जाता है और इसके लगभग 48 मिलियन ग्राहक हैं। 30 जून 2010 तक इसके पास कुल €1.94 ट्रिलियन की संपत्ति थी, जो कि दुनिया भर के बेंकों में तीसरा सर्वाधिक है (बीएनपी परिबास और एचएसबीसी के बाद).

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बालिका समृद्धि योजना

गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार की ऐसी महिला, जिसकी दो पुत्रियाँ हैं, को बालिका के जन्म पर 500 रुपये की राशि दी जाती है। इस राशि को बैंक या डाकघर में जमा किया जाता है जिसे बालिका के 18 वर्ष पूण होने पर ही निकाला जा सकता है। इसी राशि में कक्षा 1 से 10 तक की छात्रवृति भी जमा होती जाती है। .

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बंधन बैंक

बंधन बैंक भारत की एक बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा कम्पनी है जिसका मुख्यालय कोलकाता में है। दिनांक २३ अगस्त २०१५ को पश्चिम बंगाल में बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज ने "बंधन बैंक " नाम का पूर्ण बैंक शुरू कर दिया। यह भारत का नया पूर्ण बैंक है। जून माह में भारतीय रिजर्व बैंक ने माइक्रो संस्थान बंधन को पूर्ण वाणिज्यिक बैंक आरम्भ करने की स्वीकृत दी थी। .

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बैंक ऑफ महाराष्ट्र

बैंक ऑफ महाराष्ट्र भारत देश में परिचालित, महाराष्ट्र का प्रमुख बैंक है। यह 10.00 लाख रूपये की अधिकृत पूंजी के साथ 16 सितम्बर 1935 को पंजीकृत हुआ और 8 फ़रवरी 1936 को इसने सक्रिय रूप से व्यापार शुरू किया। स्थापना के बाद से इसे एक आम आदमी के बैंक के रूप में जाना जाता है, छोटी इकाइयों को प्रारंभिक मदद देने के कारण इसने आज के कई औद्योगिक घरानों को जन्म दिया है। 1969 में राष्ट्रीयकरण के बाद, बैंक का तेजी से विस्तार हुआ। अब इसकी पूरे भारत भर में (31 मार्च 2008 के अनुसार) 1375 शाखाएं है। महाराष्ट्र राज्य में किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की तुलना में यह सबसे ज्यादा शाखाओं के नेटवर्क वाला बैंक है। बैंक की स्थापना स्वर्गीय वी.

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बैंक ऑफ़ बड़ौदा

बैंक ऑफ़ बड़ौदा भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नैश्नल बैंक के बाद यह इस क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बैंऑब की कुल परिसंपत्ति १,७८५ अरब रू है, ३,००० शाखाओं और कार्यालयों का तंत्र है और लगभग १,०००+ एटीएम हैं। इसकी बैंकिंग सेवाओं में बैंकिंग उत्पाद और वित्तीय सेवाओं से लेकर कंपनीयों और फुटकर ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना है। बड़ौदा के महाराज सयाजीराव गाइकवाड़ तृतीय ने इस बैंक की स्थापना २० जुलाई, १९०८ को गुजरात के देशी राज्य बड़ौदा में की थी। इस बैंक का अन्य १३ प्रमुख वाणिज्यिक बैंको के साथ १९ जुलाई, १९६९ को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। .

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बैंक ऑफ़ इंडिया

बैंक ऑफ़ इंडिया की मुम्बई मुख्य शाखा बैंक ऑफ़ इंडिया (Bank of India) भारत का एक प्रमुख व्यावसायिक बैंक है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। .

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बैंक आश्वासन

बैंक आश्वासन कंपनी बैंक बीमा मॉडल (बीआईएम), कभी कभी भी रूप में जाना जाता बैंक आश्वासन, साझेदारी या एक के बीच संबंध है बैंक और बीमा कंपनी, या एक एकल एकीकृत संगठन, जिसके तहत बीमा कंपनी के क्रम में बीमा उत्पादों को बेचने के लिए बैंक बिक्री चैनल का उपयोग करता है, एक व्यवस्था है जिसमें एक बैंक और एक बीमा कंपनी के लिए इतना है कि बीमा कंपनी बैंक के ग्राहक आधार के लिए अपने उत्पादों को बेच सकते हैं एक साझेदारी के रूप में।बीआईएम बीमा कंपनी छोटे प्रत्यक्ष बिक्री टीमों को बनाए रखने के रूप में अपने उत्पादों के रूप में अच्छी तरह से बैंक कर्मचारियों और कर्मचारियों द्वारा बैंक के ग्राहकों को बैंक के माध्यम से बेच रहे हैं अनुमति देता है।बैंक कर्मचारियों और टेल्लेर्स्, बल्कि एक बीमा विक्रेता से, बिक्री और ग्राहक के लिए संपर्क का बिंदु के बिंदु बन गया है। .

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बैंक कपट

अवैध तरीकों का उपयोग करके किसी दूसरी वित्तीय संस्था के स्वामित्व वाले धन, पूँजी, या अन्य सम्पत्ति को प्राप्त कर लेना (हथिया लेना) बैंक कपट (Bank fraud) कहलाता है। इसके अलावा, झूठे ही अपने को किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान कहकर/बताकर जमाकर्ताओं से धन प्राप्त करना भी बैंक कपट है। .

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बैंक के नोट

बारहवीं शती में चीन में नोट छापने का तांबे की प्लेट तथा उसके द्वारा छपी नोट सन् १९४७ में १०० रूबल का नोट तकनीकी रूप से बैंक के नोट या केवल नोट एक बैंक द्वारा की गयी घोषणा है। इसमें बैंक घोषणा करता है कि मांगे जाने पर, बैंक उस नोट के धारक को उस नोट के मूल्य के बराबर धनराशि देने का वचन देता है। इसका उपयोग धन (money) के रूप में होता है। सिक्के और बैंकनोट आधुनिक युग में धन के नकदी (कैश) रूप हैं जो लेकर चलने, सुरक्षित रखने, व्यवहार आदि में अत्यन्त सुविधाजनक हैं। किसी देश के सामाजिक-आर्थिक दर्पण में रूप में मुद्रा उसकी सांस्कृतिक धरोहर का एक आंतरिक संधटक होती है। भारत सिक्का जारी करनेवाला विश्व का सबसे प्राचीनतम देश है और इतिहास में दर्ज कई प्रकार के मौद्रिक प्रयोगों की भूमि रहा है। .

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बैंकिंग में हाल के रुझान

१. http://www.slideshare.net/RoyThomas3/new-trends-in-indian-banking-system २. https://en.wikipedia.org/wiki/Mobile_banking.

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बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान

बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (Institute of Banking Personnel Selection (IBPS)) भारत की एक स्वतन्त्र संस्था है जो अन्य संस्थाओं को कर्माचारियों के चयन, भर्ती एवं मूल्यांकन में सहयोग प्रदान करती है। यह १९७५ में आरम्भ हुई थी। 1984 में यह स्वतन्त्र संस्था बनी। सन २०११ से इस संस्थान ने भारतीय बैंकों के लिये अधिकारी तथा क्लर्कों की नियुक्ति हेतु समान लिखित परीक्षा (कॉमन रिटेन एक्जामिनेशन / CWE) आरम्भ किया। जो भी सार्वजनिक क्षेत्र के २० बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में भर्ती होना चाहता है उसे सीडब्ल्यूई देना ही पड़ेगा। .

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भामाशाह कार्ड

भामाशाह कार्ड राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में भामाशाह योजना की नए सिरे से शुरूआत कर दी है। भामाशाह योजना के तहत महिलाओं को क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं। इस योजना के तहत राज्य के डेढ़ करोड़ परिवारों की महिलाओं का बैंक खाता खोला जाएगा, जिसमे महिलाओं को बैंक खाता खुलवाने के लिए भामाशाह कार्ड के लिए अपना पंजीकरण कराना जरूरी है। .

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भारत में एचआईवी / एड्स

भारतीय धार्मिक आख्यान साक्षी है कि 'एड्स' नामक रोग का उल्लेख प्रच्छन्न रूप से अनेक स्थलों पर आ चुका है। महाभारतकालीन एक साक्ष्य प्राप्त होता है, जिसके आधार पर कहा गया है कि भीष्म पितामह के सौतेले भ्राता विचित्रवीर्य की मृत्यु का कारण एड्स ही था। महाकवि कालिदास की कृति 'रघुवंश' में राजा अग्निवर्मा का जीवन-प्रसंग आता है। वे रघुवंश के अंतिम शासक थे। अग्निवर्मा यौनाकांक्षाओं के वाहक थे। अधिकांश समय काम-क्रीडा में रत रहने के कारण वे यौन रोग के शिकार होकर मृत्यु को प्राप्त हुए थे। भारतीय परंपरा के समानांतर 'बाइबल' में भी कतिपय ऐसे दृष्टांत मिलते हैं, जिनसे ज्ञात होता है कि एड्स का अस्तित्व प्रच्छन्न रूप से इस काल में भी था। अंगूठाकार .

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भारत में बैंकिंग

भारत की बैंकिंग-संरचना भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। भारत के आधुनिक बैंकिंग की शुरुआत ब्रिटिश राज में हुई। १९वीं शताब्दी के आरंभ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ३ बैंकों की शुरुआत की - बैंक ऑफ बंगाल १८०९ में, बैंक ऑफ बॉम्बे १८४० में और बैंक ऑफ मद्रास १८४३ में। लेकिन बाद में इन तीनों बैंको का विलय एक नये बैंक 'इंपीरियल बैंक' में कर दिया गया जिसे सन १९५५ में 'भारतीय स्टेट बैंक' में विलय कर दिया गया। इलाहाबाद बैंक भारत का पहला निजी बैंक था। भारतीय रिजर्व बैंक सन १९३५ में स्थापित किया गया था और बाद में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन बैंक स्थापित हुए। प्रारम्भ में बैंकों की शाखायें और उनका कारोबार वाणिज्यिक केन्द्रों तक ही सीमित होती थी। बैंक अपनी सेवायें केवल वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को ही उपलब्ध कराते थे। स्वतन्त्रता से पूर्व देश के केन्द्रीय बैंक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक ही सक्रिय था। जबकि सबसे प्रमुख बैंक इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया था। उस समय भारत में तीन तरह के बैंक कार्यरत थे - भारतीय अनुसूचित बैंक, गैर अनुसूचित बैंक और विदेशी अनुसूचित बैंक। स्वतन्त्रता के उपरान्त भारतीय रिजर्व बैंक को केन्द्रीय बैंक का दर्जा बरकरार रखा गया। उसे 'बैंकों का बैंक' भी घोषित किया गया। सभी प्रकार की मौद्रिक नीतियों को तय करने और उसे अन्य बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा लागू कराने का दायित्व भी उसे सौंपा गया। इस कार्य में भारतीय रिजर्व बैंक की नियंत्रण तथा नियमन शक्तियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। .

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भारत के सार्वजनिक क्षेत्रक बैंक

भारत में उन बैंकों को सार्वजनिक क्षेत्रक बैंक (Public Sector Banks (PSBs)) कहते हैं जिनमें ५०% से अधिक अंश (शेयर) किसी सरकार (केन्द्र सरकार या राज्य सरकार) के पास हों। इन बैंकों के शेयर शेयर बाजार (stock exchanges) में लिस्टेड होते हैं। भारत में सार्वजनिक क्षेत्रक बैंकों की संख्या 27 है। (21 राष्ट्रीयकृत बैंक + 6 स्टेट बैंक समूह (SBI + 5 सहयोगी बैंक)) .

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भारतीय डाक भुगतान बैंक

भारतीय डाक भुगतान बैंक भारत सरकार की एक कंपनी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय डाक को भुगतान बैंक का व्यवसाय शुरू करने का लाइसेंस दे दिया है।http://www.jagran.com/business/biz-rbi-gives-india-post-payment-bank-licence-to-start-services-15444485.html?src.

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भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान

The भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान (Indian Institute of Banking and Finance / IIBF) भारत की एक पंजीकृत कम्पनी है जो बैंकिंग एवं वित्त के क्षेत्र में शिक्षा देती है। यह विश्व में अपने तरह की सबसे बड़ी संस्था है। श्रेणी:भारत के व्यावसायिक विनियामक.

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भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .

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भारतीय स्टेट बैंक

मुंबई में भारतीय स्टेट बैंक का आँचलिक कार्यालय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India / SBI) भारत की सबसे बड़ी एवं सबसे पुरानी बैंक है। 2 जून 1806 को कलकत्ता में 'बैंक ऑफ़ कलकत्ता' की स्थापना हुई थी। तीन वर्षों के पश्चात इसको चार्टर मिला तथा इसका पुनर्गठन बैंक ऑफ़ बंगाल के रूप में 2 जनवरी 1809 को हुआ। यह अपने तरह का अनोखा बैंक था जो साझा स्टॉक पर ब्रिटिश भारत तथा बंगाल सरकार द्वारा चलाया जाता था। बैंक ऑफ़ बॉम्बे तथा बैंक ऑफ़ मद्रास की शुरुआत बाद में हुई। ये तीनों बैंक आधुनिक भारत के प्रमुख बैंक तब तक बने रहे जब तक कि इनका विलय इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया (हिन्दी अनुवाद - भारतीय शाही बैंक) में 28 जनवरी 1921 को नहीं कर दिया गया। सन 1941 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई जिसमें गांवों के विकास पर जोर डाला गया था। इस समय तक इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया का कारोबार सिर्फ़ शहरों तक सीमित था। अतः ग्रामीण विकास के मद्देनजर एक ऐसे बैंक की कल्पना की गई जिसकी पहुंच गांवों तक हो तथा ग्रामीण जनता को जिसका लाभ हो सके। इसके फलस्वरूप 1 जुलाई 1944 को स्टेट बैंक आफ़ इंडिया की स्थापना की गई, जिसमे सरकार की हिस्सेदारी 61.58% हैं। अपने स्थापना काल में स्टेट बैंक के कुल ४८० कार्यालय थे जिसमें शाखाएं, उप शाखाएं तथा तीन स्थानीय मुख्यालय शामिल थे, जो इम्पीरियल बैंकों के मुख्यालयों को बनाया गया था। .

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भारतीय वित्तीय प्रणाली

भारतीय मुद्रा किसी भी देश की वित्तीय प्रणाली वित्तीय बाजार, वित्तीय मध्यस्थता और वित्तीय साधनों या वित्तीय उत्पादों के होते हैं। यह पत्र वित्त और भारतीय वित्तीय प्रणाली और वित्तीय बाजार, वित्तीय मध्यस्थों और वित्तीय साधनों पर ध्यान केंद्रित का अर्थ पर चर्चा करता है। विभिन्न मुद्रा बाजारलिखतों पर संक्षिप्त समीक्षा भी इस अध्ययन में शामिल रहे हैं। शब्द 'वित्त' हमारी साधारण समझ में यह समकक्ष 'मनी' के रूप में माना जाता है। हम पैसे और अर्थशास्त्र में बैंकिंग के बारे में, मौद्रिक सिद्धांत और व्यवहार के बारे में और 'सार्वजनिक वित्त' के बारे में पढ़ें। लेकिन वित्त बिल्कुल पैसे नहीं है, यह एक विशेष गतिविधि के लिए धन उपलब्ध कराने का स्रोत है। इस प्रकार सार्वजनिक वित्त सरकार के साथ पैसे मतलब यह नहीं है, लेकिन यह एक सरकार के कार्यों और गतिविधियों के लिए राजस्व बढ़ाने के स्रोतों को संदर्भित करता है। यहाँ कुछ शब्द की परिभाषा का दोनों एक स्रोत के रूप में और के रूप में एक गतिविधि के एक संज्ञा और एक क्रिया के रूप में यानी वित्त'। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण

वैश्‍विक माध्‍य सतह का ताप 1961-1990 के सापेक्ष से भिन्‍न है 1995 से 2004 के दौरान औसत धरातलीय तापमान 1940 से 1980 तक के औसत तापमान से भिन्‍न है भूमंडलीय ऊष्मीकरण (या ग्‍लोबल वॉर्मिंग) का अर्थ पृथ्वी की निकटस्‍थ-सतह वायु और महासागर के औसत तापमान में 20वीं शताब्‍दी से हो रही वृद्धि और उसकी अनुमानित निरंतरता है। पृथ्‍वी की सतह के निकट विश्व की वायु के औसत तापमान में 2005 तक 100 वर्षों के दौरान 0.74 ± 0.18 °C (1.33 ± 0.32 °F) की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन पर बैठे अंतर-सरकार पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि "२० वीं शताब्दी के मध्य से संसार के औसत तापमान में जो वृद्धि हुई है उसका मुख्य कारण मनुष्य द्वारा निर्मित ग्रीनहाउस गैसें हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, धरती के वातावरण के तापमान में लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी को 'ग्लोबल वार्मिंग' कहा जा रहा है। हमारी धरती सूर्य की किरणों से उष्मा प्राप्त करती है। ये किरणें वायुमंडल से गुजरती हुईं धरती की सतह से टकराती हैं और फिर वहीं से परावर्तित होकर पुन: लौट जाती हैं। धरती का वायुमंडल कई गैसों से मिलकर बना है जिनमें कुछ ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश धरती के ऊपर एक प्रकार से एक प्राकृतिक आवरण बना लेती हैं जो लौटती किरणों के एक हिस्से को रोक लेता है और इस प्रकार धरती के वातावरण को गर्म बनाए रखता है। गौरतलब है कि मनुष्यों, प्राणियों और पौधों के जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्शियस तापमान आवश्यक होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैसों में बढ़ोतरी होने पर यह आवरण और भी सघन या मोटा होता जाता है। ऐसे में यह आवरण सूर्य की अधिक किरणों को रोकने लगता है और फिर यहीं से शुरू हो जाते हैं ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव। आईपीसीसी द्वारा दिये गये जलवायु परिवर्तन के मॉडल इंगित करते हैं कि धरातल का औसत ग्लोबल तापमान 21वीं शताब्दी के दौरान और अधिक बढ़ सकता है। सारे संसार के तापमान में होने वाली इस वृद्धि से समुद्र के स्तर में वृद्धि, चरम मौसम (extreme weather) में वृद्धि तथा वर्षा की मात्रा और रचना में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के अन्य प्रभावों में कृषि उपज में परिवर्तन, व्यापार मार्गों में संशोधन, ग्लेशियर का पीछे हटना, प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा आदि शामिल हैं। .

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मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' (जन्म: २० दिसम्बर १९४७, शाहजहाँपुर) मूलत: हिन्दी के कवि तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू, संस्कृत तथा अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें भारत सरकार ने वर्ष २००४ में हिन्दी साहित्य की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की। .

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मनिला बिज़नस महाविद्यालय

२००० में स्थापित, मनीला बिजनेस महाविद्यालय को विधिवत रूप से फिलीपींस की उच्च शिक्षा आयोग और तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास प्राधिकरण (टीईएसडीए) पर मान्यता प्राप्त है। यह व्यावसायिक शिक्षा का एक अंतरराष्ट्रीय मानक प्रदान करता है जो व्यापार प्रबंधन और अर्थशास्त्र के अध्ययन के एशियाई और पश्चिमी अवधारणा को जोड़ती है। यह महाविद्यालय एसइसी क्रमांक ए२०००१२८९१ के तहत १५ सितंबर २००० को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा विधिवत पंजीकृत किया गया था।  .

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मर्चेंट बैंकिंग

चाइना मर्चेंट बैंक .

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मिलानो

मिलान (Milano,; पश्चिमी लोम्बार्ड: मिलान) इटली का एक शहर और लोम्बार्डी क्षेत्र और मिलान प्रान्त की राजधानी है। मूल शहर की जनसंख्या लगभग 1,300,000 है, जबकि शहरी क्षेत्र 4,300,000 की अनुमानित जनसंख्या के साथ यूरोपीय संघ में पांचवा सबसे बड़ा है। इटली में सबसे बड़े, मिलान महानगरीय क्षेत्र की आबादी, OECD द्वारा अनुमानित तौर पर 7,400,000 है। शहर की स्थापना मीडियोलेनम नाम के तहत केल्टिक लोग इनसबरेस द्वारा की गई थी। इसे बाद में ई.पू.

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मेरिल लिंच

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच बैंक ऑफ अमेरिका के निवेश बैंकिंग और धन प्रबंधन प्रभाग का हैं। 20,000 से ज्यादा दलालों और 2.2 ट्रिलियन परिसंपत्तियों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा ब्रोकरेज है। 2009 से पहले मेरिल लिंच एण्ड कं, इंक.

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मोरोपंत पिंगले

मोरेश्वर नीलकण्ठ पिंगले (मोरेश्वर निळकंठ पिंगळे; 30 अक्टूबर 1919 -21 सितम्बर 2003) उपाख्य मोरोपन्त पिंगले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अग्रणी नेता थे। उन्हें मराठी में "हिन्दु जागरणाचा सरसेनानी", (हिन्दू जनजागरण के सेनापति) की उपाधि से विभूषित किया जाता है। आरएसएस के प्रचारक के रूप में उनके ६५ वर्ष के कार्यकाल में वे अनेक उत्तरदायित्वों का निर्वाह किया जिसमें अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख का उत्तरदायित्व प्रमुख है। सन् १९७५ के आपातकाल के समय ६ अघोषित सरसंघचालकों में से वे भी एक थे। वे रामजन्मभूमि आन्दोलन के रणनीतिकार थे। .

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यूबीएस

स्विटजरलैंड के जुग (Joug) में यूबीएस बैंक की शाखा यूबीएस (पूरा नाम, UBS AG) विश्व की एक प्रमुख वितीय कम्पनी है जो भारत में "स्विस बैंक" के नाम से कुख्यात है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैण्ड के जूरिक और बसेल में है। यह संसार की व्यक्तिगत सम्पदा के प्रबन्धन की सबसे बड़ी कम्पनी है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि विश्व के बड़े-बड़े भ्रष्ट राजनेता और टैक्स-चोर इस बैंक में अपना धन जमा करते हैं। यूबीएस "यूनिअन बैंक ऑफ स्विट्जरलैण्ड" का संक्षिप्त रूप है जो कि इसकी पूर्व-संस्था का नाम है। सन् १९९८ में इसका विलय स्विस बैंक कारपोरेशन में हो जाने के बाद अब यह नाम सार्थक नहीं रहा। .

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राथ्सचाइल्ड वंश

राथ्सचाइल्ड वंश (Rothschild family /ˈrɒθs.tʃaɪld/) एक विश्वप्रसिद्ध व्यापारिक वंश है जिसने १७६० के दशक में बैंक का कारोबार स्थापित किया जो काफी फला-फूला। जर्मनी के फ्रैंकफुर्त निवासी मेयर ऐम्स्केल रोथ्सचाइल्ड से यह वंश बैंकिंक के क्षेत्र में स्थापित हुआ। ऐम्स्केल रोथ्सचाइल्ड ने अपनेपाँच पुत्रों के साथ काम करते हुए एक अन्तराष्ट्रीय बैंकिंग परिवार की नींव डाली। इस परिवार ने उस समय के सबसे शक्तिशाली परिवारों को भी पीछे छोड़ दिया। श्रेणी:बैंकर.

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राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान

राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ('एनआईआईटी), (बीएसई: 500,304, एनएसई: एनआईआईटी) एक वैश्विक शिक्षा और प्रशिक्षण, भारत.

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रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (The Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016) भारतीय संसद का एक अधिनियम है जो घरेलू खरीददारों की रक्षा करने के साथ-साथ स्थावर सम्पदा (रियल एस्टेट) में पूँजी निवेश को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह अधिनियम राज्यसभा में १० मार्च २०१६ को तथा लोकसभा में १५ मार्च २०१६ को पारित हुआ था। इसकी ९२ में से ६९ धाराओं को लागू करते हुए इस अधिनियम को ०१ मई २०१६ से लागू कर दिया गया। इस अधिनियम के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं –.

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रुपए का इतिहास

भारतीय १० रुपये के नोटों की गड्डियां भारतीय १ रुपये का सिक्का भारत विश्व कि उन प्रथम सभ्यताओं में से है जहाँ सिक्कों का प्रचलन लगभग छठी सदी ईसापूर्व में शुरू हुआ। रुपए शब्द का अर्थ शब्द रूपा से जोड़ा जा सकता है जिसका अर्थ होता है चाँदी। संस्कृत में रूप्यकम् का अर्थ है चाँदी का सिक्का। रुपया शब्द सन 1540 - 1545 के बीच शेरशाह सूरी के द्वारा जारी किए गए चाँदी के सिक्कों लिए उपयोग में लाया गया। मूल रुपया चाँदी का सिक्का होता था, जिसका वजन 11.34 ग्राम था। यह सिक्का ब्रिटिश भारत के शासन काल में भी उपयोग मे लाया जाता रहा। बीसवीं सदी में फ़ारस की खाड़ी के देशों (खाड़ी देश) तथा अरब मुल्कों में भारतीय रुपया मुद्रा के तौर पर प्रचलित था। सोने की तस्करी को रोकने तथा भारतीय मुद्रा के बाहर में प्रयोग को रोकने के लिए मई १९५९ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने गल्फ़ रुपी (खाड़ी रुपया) का विपणन किया। साठ के दशक में कुवैत तथा बहरीन ने अपनी स्वतंत्रता के बाद अपनी ख़ुद की मुद्रा प्रयोग में लानी शुरु की तथा १९६६ में भारतीय रुपये में हुए अवमूल्यन से बचने के लिए क़तर ने भी अपनी मुद्रा शुरु कर दी। .

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लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम

कोई विवरण नहीं।

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लियन

कानून में, ग्रहणाधिकार या लियन किसी संपत्ति के एवज में दिए गए ऋण शोधन या किसी अन्य दायित्व के निर्वाह के बदले में भुगतान को सुरक्षित करने के लिए हित सुरक्षा की मंजूरी का एक प्रकार है। संपत्ति का मालिक, जो लियन या ग्रहणाधिकार प्रदान करता है, को लियनर (lienor) और जिस व्यक्ति को लियन का लाभ मिलता है उसे लियनी (lienee) कहा जाता है। एंग्लो-फ्रेंच लियन (लियन), लोयेन "बोंड" (loyen "bond"), "रिस्ट्रेंट" ("restraint"), लैटिन लिगामेन (ligamen) से, लिगारे से "टु बाइंड" ("to bind") शब्द व्युत्पत्ति का मूल है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, शब्द लियन (lien) आमतौर पर शुल्क भार की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्शाता है (संदर्भित या उद्धृत करता है) और इसमें अन्य प्रकार के बंधक या शुल्क शामिल होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में, लियन विलक्षण रूप से गैर-स्वामित्वकारी सुरक्षा हितों या ब्याज प्रतिभूतियों के लिए संदर्भित है (देखें: प्रतिभूति-व्याज श्रेणियां).

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लघु वित्त

कंबोडिया में समुदाय-आधारित बचत बैंक. ग़रीबों की सेवा करने वाले विविध वित्तीय संस्थान हैं। व्यष्टि-वित्त का मतलब है, उपभोक्ताओं तथा स्व-नियोजित व्यक्तियों सहित निम्न आय वर्ग के ग्राहकों को वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना.

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सबसे पुरानी कम्पनियों की सूची

श्रेणी:वाणिज्य श्रेणी:सूचियाँ.

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साहूकार

साहुकार वह समूह या व्यक्ति होता है जो व्यक्तिगत तौर पर कर्ज़ मुहैया कराता है। वह बैंक या किसी और वित्तीय संस्था से अलग होता है और उनसे कई अधिक ब्याज वसूलता है। वह बैंक रहित क्षेत्रों में कर्ज़ देने में अहम भूमिका निभाते हैं। कई देशों में साहुकार को आवश्यक रूप से पंजीकरण कराना होता है और कानून द्वारा ब्याज की सीमा निर्धारित होती है। .

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सावधि जमा

सावधि जमा (fixed deposit (FD)) बैंको एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदत्त जमा योजना है जिसमें एक नियत अवधि (समय) के लिये जमा की गयी धनराशि पर बचत खाते की अपेक्षा अधिक ब्याज दिया जाता है। सावधि जमा की एक निश्चित परिपक्वता तिथि (या परिपक्वता अवधि) होती है। जमा की अवधि ७ दिन से लेकर १० वर्ष तक हो सकती है। इसी तरह इस पर ब्याज की दर भी ४% वार्षिक से लेकर लगभग ११% वार्षिक तक है। निर्धारित अवधि के लिये जमा किये गये पैसे को परिपक्व होने के पहले निकालने पर पूर्व घोषित ब्याज नहीं मिलता है बल्कि उससे कम (या शून्य) ब्याज दिया जाता है। .

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स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर

स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर एक व्यावसायिक रूप से सुव्यवस्थित सरकारी क्षेत्र का बैंक है। जिसका शुभारम्भ वर्ष १९६३ में स्टेट बैंक ऑफ़ जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर के विलयीकरण से भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक के रूप में हुआ। वर्तमान में बैंक की देशभर में ८६४ से अधिक शाखायें हैं। इसका व्यापार केन्द्र मुख्यतः राजस्थान है। .

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स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर

स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर भारतीय स्टेट बैंक का एक सहयोगी बैंक है। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर भारत में एक राष्ट्रीयकृत बैंक था, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में था। यह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पांच सहयोगी बैंकों में से एक था। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर की स्थापना १९१३ में महाराज कृष्ण राजा वाडीयार चतुर्थ के संरक्षण में बैंक ऑफ मैसूर लिमिटेड ने बैंकिंग समिति के महान इंजीनियर-स्टेटमैन की अध्यक्षता में, भारत रत्न सर एम। विश्वावरय के रूप में की थी। १९५३ के दौरान, "मैसूर बैंक" को सरकारी व्यवसाय और ट्रेजरी परिचालन करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के एजेंट के रूप में नियुक्त किया गया था और मार्च १९६० में, यह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(सहायक बैंक)के तहत भारतीय स्टेट बैंक की सहायक कंपनी बन गई थी। अधिनियम १९५९। अब बैंक स्टेट बैंक समूह के अधीन एक एसोसिएट बैंक है और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ९२।३३ प्रेतिशत शेयर हैं। बैंक के शेयरों को बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया गया है। श्रेणी:भारतीय बैंक भारतीय स्टेट बैंक .

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स्टॉक

कारोबार एकक का स्टॉक या पूंजीगत स्टॉक उसके संस्थापकों द्वारा कारोबार में प्रदत्त मूल पूंजी या निवेश का प्रतिनिधित्व करता है। यह व्यापार के लेनदारों के लिए एक प्रतिभूति के रूप में कार्य करता है, चूंकि लेनदारों के लिए हानिकर रूप से उसे आहरित नहीं किया जा सकता है। स्टॉक संपत्ति और व्यवसाय की आस्तियों से अलग है जो मात्रा और मूल्य में उतार-चढ़ाव ला सकता है। .

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स्वीप खाता

स्वीप खाता (sweep account) किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में खोला गया वह खाता है जिसमें जमा राशि का 'प्राथमिक नकदी खाते' तथा 'द्वितीयक निवेश खाते' के बीच स्वचालित ढंग से प्रबन्धन किया जाता है, खाताधारक द्वारा नहीं। श्रेणी:बैंक शब्दावली.

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सेण्ट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया

सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया (अंग्रेजी: Central Bank of India) भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख बैंक है जिसकी स्थापना स्वदेशी आन्दोलन से प्रभावित होकर एक पारसी बैंकर सर सोराबजी पोचखानवाला द्वारा 1911 में की गयी थी। इसे पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक होने का गौरव भी प्राप्त है जिसका पूर्ण स्वामित्व और प्रबन्धन स्थापना के समय भारतीयों के हाथ में था। .

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हरिहर नातू

हरिहर नातू हरिहर नातू महाराष्ट्र के प्रसिद्ध कीर्तनकार हैं। वे नारदीय कीर्तन शैली में कीर्तन करते हैं। श्री नाथू पिछले ३२ वर्षों से कीर्तन कर रहे हैं और बहुत से कीर्तन सम्मेलनों में भाग लिया है। उनके कीर्तन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के अर्थ एवं उसकी महानता का जनता में प्रसार करना है। उनके कीर्तन भिन्न-भिन्न दार्शनिक विषयों पर होते हैं। वे पिछले २५ वर्षों से आकाशवाणी पर भी अपने कार्यक्रम देते रहे हैं। दूरदर्शन पर भी उनके कार्यक्रम हुए हैं। श्री नातू पेशे से बैंककर्मी हैं। .

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हिंदुजा समूह

हिंदुजा समूह के मालिक श्रीचंद हिंदुजा और उनके भाई गोपीचंद हिंदुजा हैं, जिन्हें संक्षेप में हिंदुजा भाइयों के रूप में जाना जाता है.

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हेनरी ड्यूनेन्ट

हेनरी ड्यूनेन्ट (जन्म; जीन हेनरी ड्यूनेन्ट, ०८ मई १८२८ - ३० अक्टूबर १९१०), जिसे हेनरी ड्यूनेन्ट के नाम से भी जाना जाता है, एक स्विस व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता, रेड क्रॉस के संस्थापक थे और नोबल शांति पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता थे। १८६४ के जेनेवा कन्वेंशन के विचारों पर आधारित था। १९१० में उन्होंने फ्रेडरिक पासी के साथ मिलकर पहले नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त किया, जिससे हेनरी ड्यूनेन्ट को पहली स्विस नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। १८५९ में एक व्यापार यात्रा के दौरान, ड्यूनेन्ट आधुनिक इटली में सॉलफेरिन की लड़ाई के बाद गवाह था। उन्होंने अपनी यादें और अनुभवों को एक मेमोरी ऑफ़ सॉलफिरोनो में दर्ज किया जो १८६३ में रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के निर्माण से प्रेरित था। ड्यूनेन्ट का जन्म जेनेवा, स्विटजरलैंड में हुआ था, जो बिजनेस जीन-जैक्स ड्यूनेन्ट और एंटोनेट ड्यूनेंट-कोलाडोन के पहले बेटे थे। उनके परिवार को निर्विवाद रूप से कैल्विनवादी था और जेनेवा समाज में इसका महत्वपूर्ण प्रभाव था। उनके माता-पिता ने सामाजिक कार्य के मूल्य पर जोर दिया और उनके पिता अनाथ और पैरोल में सक्रिय रहे, जबकि उनकी मां बीमार और गरीबों के साथ काम करती थी। उनके पिता एक जेल और एक अनाथालय में काम करते थे। ड्यूनेंट धार्मिक जागरण की अवधि के दौरान बड़े हुए, जिसे रीवेइल के रूप में जाना|धार्मिक जाता है, और १८ साल की उम्र में वह जेनेवा सोसाइटी फॉर अल्म्स में शामिल हो गए। अगले वर्ष, दोस्तों के साथ, उन्होंने तथाकथित "गुरुवार एसोसिएशन", युवा पुरुषों के ढीली बैंड की स्थापना की जो बाइबल का अध्ययन करने और गरीबों की मदद करने के लिए मुलाकात की, और उन्होंने अपना बहुत सा समय सामाजिक कार्य में लगाया था। ३० नवंबर १८५२ को, उन्होंने वाईएमसीए के जिनेवा अध्याय की स्थापना की और तीन साल बाद उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना के लिए समर्पित पेरिस की बैठक में भाग लिया। १८५९ में, २१ साल की उम्र में, गरीब ग्रेड के कारण ड्यूनेन्ट को कोलिग केल्विन छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, और उन्होंने धन-बदलने वाले फर्म लुलिन एट साउटर के साथ एक प्रशिक्षु शुरू किया। सफल निष्कर्ष के बाद, वह बैंक के एक कर्मचारी के रूप में बने रहे। .

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वाणिज्यिक बैंक

वाणिज्यिक बैंक या व्यावसायिक बैंक (कॉमर्शियल बैंक) उन बैंकों को कहते हैं जो धन जमा करने, व्यवसाय के लिये ऋण देने जैसी सेवायें प्रदान करते हैं। श्रेणी:बैंकिंग ऐसी वित्त संस्था,जो विभिन्न स्त्रोतो से चेक द्वारा निकाले जाने योग्य जमा राशि का संग्रह करके तथा साख सृजन के माध्यम से विभिन्न प्रकार की ऋणों की आपूर्ति करने,के कार्य की विशेषज्ञ हो। वाणिज्य बैंक कहते है। वाणिज्य बैंक के कार्य:- A जनता से धनराशि स्वविकार करना। B. विभिन्य प्रकार के खाते खोलना। C. ग्राहकों के चेकों, मांग पर देय ड्राफ्टों विनिमय पत्रों, प्रतिज्ञा पत्रों आदि का संग्रहण करके उनके खातों, में जमा करना भी Commercial Bank का कार्य होता है। D. विनिमय पत्रों को क्रय करना एवं उन्हें सामान्य कमीशन पर भुनाना भी ब्यापारिक बैंकों का एक कार्य होता है। E. धनराशि का एक जगह से दूसरे जगह Transfer करवाना या करना भी ब्यापारिक बैंक का कार्य होता है। F. ग्राहक की आर्थिक स्थिति के संबंध में सूचना प्रदान करना। G. ब्यापार एवं लघु उदयोगों को आर्थिक सहायता Economical Help प्राप्त कराना भी इन बैंकों का प्रमुख कार्य होता है। H. अपने ग्राहक को जमानत देना। I. लॉकर की सुबिधा प्रदान करना। J. पूंजी विनियोजन में सहायता एवं पथ प्रदर्शन करना। K. विदेशी मुद्रा की ब्यवस्था करना। L. ग्राहकों के लिए एजेंसी सम्बंधित कार्य करना एवं ड्राफ्ट, यात्री, चैक, उपकार चेक, साख पत्र आदि निर्गमित करना ब्यापारिक बैंकों का मुख्य कार्य होता है।.

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वाणिज्यवाद

वाणिज्यवाद (Mercantilism) १६वीं से १८वीं शदी में यूरोप में प्रचलित एक आर्थिक सिद्धान्त तथा व्यवहार का नाम है जिसके अन्तर्गत राज्य की शक्ति बढाने के उद्देश्य से राष्ट्र की अर्थव्यवस्थाओं का सरकारों द्वारा नियंत्रन को प्रोत्साहन मिला। व्यापारिक क्रांति ने एक नवीन आर्थिक विचारधारा को जन्म दिया। इसका प्रारंभ सोलहवीं सदी में हुआ। इस नवीन आर्थिक विचारधारा को वाणिज्यवाद, वणिकवाद या व्यापारवाद कहा गया है। फ्रांस में इस विचारधारा को कोल्बर्टवाद और जर्मनी में केमरलिज्म कहा गया। 1776 ई. में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने भी अपने ग्रन्थ ‘द वेल्थ ऑफ नेशन्स' में इसका विवेचन किया है। .

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वित्तीय संस्था

वित्त एवं अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में, उन संस्थाओं को वित्तीय संस्थाएँ (financial institution) कहते हैं जो अपने ग्राहकों एवं सदस्यों को वित्तीय सेवाएँ (जैसे ग्राहक का धन जमा रखना, ग्राहक को ऋण देना, बैंक ड्राफ्ट देना, निधि अन्तरण आदि) देते हैं। बैंक, भवन-निर्माण सोसायटी, बीमा कम्पनियाँ, पेंशन फण्ड कम्पनियाँ, दलाल संस्थाएँ आदि वित्तीय संस्थाओं के कुछ उदाहरण हैं। किसी भी देश की प्रगति मे वित्तीय संस्थानोँ की अहम भूमिका होती है। वित्तीय संस्थान बैंकिंग, इंश्योरैंस, म्यूचुअल फंड, शेयर बाज़ार, गृह ऋण, दूसरे ऋण, क्रेडिट कार्ड के क्षेत्रो मे काम करते है। वित्तीय संस्थानोँ का मुख्य काम देश मे मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करना होता है। उद्योग-धन्धों को चलाने मे पूंजी की ज़रूरत होती है। ये उन्हें वित्तीय संस्थान प्रदान करते है। उद्योग, जनता को रोजगा उपलब्ध कराते है। वित्तीय संस्थानोँ की मदद से आम लोग उद्योगो मे अपनी पूंजी लगा के एक तरफ मुनाफा कमाते है तो दूसरी तरफ देश के विकास मे योगदान देते हैं। ये संस्थान लोगो को उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये तरह तरह के ऋण देते है। जैसे घर खरीदने के लिये गृह ऋण, उच्च शिक्षा के लिये शिक्षा ऋण, कार और मोटरसाइकल के लिये ऑटोमोबाइल ऋण और दूसरी ज़रूरतोँ के लिये व्यक्तिगत ऋण। बैंकोँ मे लोग बचत खाते खोल के अपना पैसा जमा करते है। इसके अलावा लोग इंश्योरैंस या बीमा मे भी निवेश करते है। शेयर बाज़ार और म्यूचुअल फंड मे पूंजी निवेश मे भी आजकल वित्तीय संस्थान लोगो के लिये शेयर दलाल की भूमिका अदा करते है। लोगों से इक्कट्ठा किया हुआ पैसा उद्योगो और देश के विकास मे लगाया जाता है। वित्तीय संस्थान न सिर्फ निजी कम्पनियोँ को बल्कि राज्यो और केन्द्र सरकार को भी तरक्की के कामो के लिये पूंजी मुहैया कराते है। .

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विभिन्न उद्योगों का भारत में विकास

90 के शुरुआती वर्शो तक इस उद्योग मे सरकारी कम्पनियों - इंडियन एयर्लाइंस और एयर इंडिया का एकाधिकार था। फिर मैदान मे आये सहारा और जैट। सरकारी एकाधिकार टूटा और भारत मे पह्ली बार इस उद्योग मे कोइ प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। ये वोह समय था जब कि विमान मे उडान भरना रहीसी का प्रतीक और मध्यम वर्ग का सपना था। '00 के दशक मे डेक्कन एयर्वेज़, स्पाइस जैट, किंगफिशर एयरलाईन्स, गो एयर्वेज़, इंडिगो, जैसी कयी कम्पनियाँ शुरू हुई। दूसरे उद्योगो की तरह यहाँ भी प्रतिस्पर्धा के बढने से किराये मे भारी गिरावट आयी। बैंगलोर से दिल्ली का किराया जहान 2001 मे 9000 रुपये से ले के 13,000 रुपये तक होता था, वही 2006 मे सस्ती विमान सेवाओं मे ये 3000 रुपये रह गया। इस उद्योग मे बहुत सारे नये रोज़्गार बने। 4 साल मे विमान यात्रा करने वलों की संख्या इस कदर बढ गयी कि हवायीअड्डों पे जगह की कमी पड गयी। आज्कल बैंगलोर और हैदराबाद समेत कयी दूसरे शहरों मे नये हवायी अड्डों का निर्माण चल रहा है। भारत के दूसरे उद्योगों के बारे मे लिख के इस लेख को बढाने में विकिपीडिया की मदद करें श्रेणी:अर्थशास्त्र.

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विश्व का आर्थिक इतिहास

सन १००० से सन २००० के बीच महाद्वीपों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वितरण का परिवर्तन विश्व के विभिन्न भागों का सकल घरेलू उत्पाद (सन् 2014 में) बीसवीं शताब्दी में विश्व का सकल घरेलू उत्पाद .

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वॉल स्ट्रीट

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, जैसा कि वॉल स्ट्रीट से दिखता है वॉल स्ट्रीट का वर्तमान मानचित्र वॉल स्ट्रीट एक मार्ग है जो लोवर मैनहट्टन, न्यूयॉर्क सिटी, न्यूयॉर्क, USA में है। यह मार्ग ब्रॉडवे से पूर्व दिशा में ईस्ट नदी की ओर इस आर्थिक जिले के ऐतिहासिक केन्द्र से होते हुए साउथ स्ट्रीट तक जाता है। यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का पहला स्थायी स्थल है; कुछ समय बाद वॉल स्ट्रीट, आसपास के भौगोलिक स्थल का नाम बन गया। वॉल स्ट्रीट, अमेरिकी वित्तीय उद्योग के "प्रभावशाली वित्तीय हितों" के लिए संक्षेपीकरण भी है (या एक लक्षणालंकार), जो न्यूयॉर्क शहर क्षेत्र में केंद्रित है। वॉल स्ट्रीट द्वारा बल प्रदत्त, न्यूयॉर्क सिटी दुनिया की वित्तीय राजधानी बनने के लिए लंदन के साथ होड़ लेती है और यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, का गृह है, जो अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। कई प्रमुख अमेरिकी स्टॉक और अन्य केन्द्रों का मुख्यालय वॉल स्ट्रीट और आर्थिक जिले में है, जिसमें शामिल हैं NYSE, NASDAQ, AMEX, NYMEX और NYBOT.

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खाता बही

खाता-बही या लेजर (ledger) उस मुख्य बही (पुस्तक) को कहते हैं जिसमें पैसे के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है। आजकल यह कम्पयूटर-फाइल के रूप में भी होती है। खाता बही में सभी लेन-देन को खाता के अनुसार लिखा जाता है जिसमें डेबित और क्रेडित के के दो अलग-अलग कॉलम होते हैं। .

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खुली अर्थव्यवस्था

खुली अर्थव्यवस्था (ओपेन इकनॉमी) अर्थव्यवस्था का एक दर्शन (philosophy) है। खुली अर्थव्यवस्था को अगर उसके शाब्दिक अर्थ से समझें तो इसका मतलब होता है एक ऐसा देश या समाज जहाँ किसी को किसी से भी व्यापार करने की छूट होती है और ऐसा भी नही कि इस व्यापार पे कोई सरकारी अंकुश या नियंत्रण नही होता। पर सरकार ऐसी नीतियाँ बनाती है जिससे आम लोग उद्योग और अन्य प्रकार के व्यापार आसानी से शुरू कर सकें। ऐसी अर्थव्यवस्था मे व्यापारों को स्वतंत्र रूप से फलने-फूलने दिया जाता है। सरकारी नियंत्रण ऐसे बनाये जातें है जिनमें व्यापारों को किसी भी प्रकार की बेईमानी से तो रोका जाता है पर नियंत्रण को इतना भी कड़ा नही किया जाता है कि ईमान्दार व्यापार मे असुविधा हो। खुली अर्थव्यवस्था न केवल उस समाज य देश के अंदरूनी व्यापार के लिये होती है बल्कि बाहरी व्यापार को भी उसी दृष्टि से देखा जाता है। .

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गुरु दत्त

गुरु दत्त (वास्तविक नाम: वसन्त कुमार शिवशंकर पादुकोणे, जन्म: 9 जुलाई, 1925 बैंगलौर, निधन: 10 अक्टूबर, 1964 बम्बई) हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता,निर्देशक एवं फ़िल्म निर्माता थे। उन्होंने 1950वें और 1960वें दशक में कई उत्कृष्ट फ़िल्में बनाईं जैसे प्यासा,कागज़ के फूल,साहिब बीबी और ग़ुलाम और चौदहवीं का चाँद। विशेष रूप से, प्यासा और काग़ज़ के फूल को टाइम पत्रिका के 100 सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों की सूचि में शामिल किया गया है और साइट एन्ड साउंड आलोचकों और निर्देशकों के सर्वेक्षण द्वारा, दत्त खुद भी सबसे बड़े फ़िल्म निर्देशकों की सूचि में शामिल हैं। उन्हें कभी कभी "भारत का ऑर्सन वेल्स" (Orson Welles) ‍‍ भी कहा जाता है। 2010 में, उनका नाम सीएनएन के "सर्व श्रेष्ठ 25 एशियाई अभिनेताओं" के सूचि में भी शामिल किया गया। गुरु दत्त 1950वें दशक के लोकप्रिय सिनेमा के प्रसंग में, काव्यात्मक और कलात्मक फ़िल्मों के व्यावसायिक चलन को विकसित करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी फ़िल्मों को जर्मनी, फ्रांस और जापान में अब भी प्रकाशित करने पर सराहा जाता है। .

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ग्रहणाधिकार (लियन)

कानून में, ग्रहणाधिकार या लियन किसी संपत्ति के एवज में दिए गए ऋण शोधन या किसी अन्य दायित्व के निर्वाह के बदले में भुगतान को सुरक्षित करने के लिए हित सुरक्षा की मंजूरी का एक प्रकार है। संपत्ति का मालिक, जो लियन या ग्रहणाधिकार प्रदान करता है, को लियनर (lienor) और जिस व्यक्ति को लियन का लाभ मिलता है उसे लियनी (lienee) कहा जाता है। एंग्लो-फ्रेंच लियन (लियन), लोयेन "बोंड" (loyen "bond"), "रिस्ट्रेंट" ("restraint"), लैटिन लिगामेन (ligamen) से, लिगारे से "टु बाइंड" ("to bind") शब्द व्युत्पत्ति का मूल है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, शब्द लियन (lien) आमतौर पर शुल्क भार की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्शाता है (संदर्भित या उद्धृत करता है) और इसमें अन्य प्रकार के बंधक या शुल्क शामिल होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में, लियन विलक्षण रूप से गैर-स्वामित्वकारी सुरक्षा हितों या ब्याज प्रतिभूतियों के लिए संदर्भित है (देखें: प्रतिभूति-व्याज श्रेणियां).

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ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त

ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त लखनऊ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाला एक बैंक है। इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा १ अप्रैल २०१३ को हुई जब 'आर्यावर्त क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक' तथा 'श्रेयस ग्रामीण बैंक' का विलय करने इस बैंक का निर्माण किया गया। सम्प्रति इस बैंक की 704 शाखाएँ तथा ११ क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो लखनौउ के आसपास हैं। यह बैंक बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा प्रायोजित है तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम १९७६ के अधीन कार्य करता है। .

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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ऑनलाइन बैंकिंग

नेट बैंकिग जिसे ऑनलाइन बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग भी कहते हैं, के माध्यम से बैंक-ग्राहक अपने कंप्यूटर द्वारा अपने बैंक नेटवर्क और वेबसाइट का प्रचालन कर सकते है। इस प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ है कि कोई भी व्यक्ति घर या कार्यालय या कहीं से भी से बैंक सुविधा का लाभ उठा सकता है। ऑनलाइन बैंकिंग इंटरनेट पर बैंकिंग संबंधी मिलनेवाली एक सुविधा है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर का इस्तेमाल कर उपभोक्ता बैंकों के नेटवर्क्स और उसकी वेबसाइट पर अपनी पहुंच बना सकता है और घर बैठे ही खरीददारी, पैसे का स्थानांतरण के अलावा अन्य तमाम कार्यों और जानकारी के लिए बैंकों से मिलने वाली सुविधा का लाभ उठा सकता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ४ अगस्त २००९ भारत में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये गए शुरुआती आंकड़ों के अनुसार अप्रैल २००८ से जनवरी २००९ तक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ५५.८५८५ करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया।। इकनॉमिक टाइम्स। १ मई २००९ किन्तु इस लाभ पर प्रश्वनिह्न भी लग जाता है, जब आजकल फिशिंग द्वारा तकनीक के दुरुपयोग से इंटरनेट के जालसाज लोगों के खातों को हैक कर उन्हें हानि पहुंचा रहे हैं।|हिन्दुस्तान लाइव। ५ अप्रैल २०१० ऐसे में आवश्यक है कि नेट बैंकिंग के प्रयोग में अत्यंत सावधानियां बरती जाएं। नेट बैंकिंग का प्रयोग करते हुए उपयोक्ता को यूआरएल की जांच कर लेनी चाहिये। कई रिपोर्ट द्वारा ये पुष्टि होती है, कि प्रयोग की जाने वाली ५० प्रतिशत वेबसाइट असुरक्षित होती हैं। ऐसे में नेट सर्फिंग करने वाले व्यक्ति के लिये से यह अत्यंत आवश्यक है कि वह पूरी जाँच के उपरांत ही वेबसाइट खोले। किसी भी साइट के यूआरएल पते और डोमेन जांच करें और देखें कि यह उसी बैंक के यूआरएल और डोमेन की तरह हो, ऐसे में यह संभावना काफी हद तक प्रबल हो जाती है कि उपयोक्ता सुरक्षित वेबसाइट का प्रयोग कर रहे हैं। नेट बैंकिंग सेवा का प्रयोग करने वालों को इसे प्रत्येक तीन दिनों में जांचते रहना चाहिये। ऑनलाइन बैंकिंग में क्रेडिट कार्ड का भी प्रयोग किया जा सकता है इसके साथ ही उपयोक्ता को चाहिये कि वे इस सेवा का बाहर प्रयोग न करें। नेट बैंकिंग के लिए इंटरनेट कैफे और सांझे कंप्यूटर का प्रयोग इस सुविधा हेतु कम करें और यदि कैफे या सांझे कंप्यूटर से प्रयोग करते भी हैं, तो अपना पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहें। यह सुरक्षित तरीका रहेगा। उपयोक्ता अपने कंप्यूटर सिस्टम को सीधे बंद न करें। प्रायः लोग ब्राउजर बंद कर कंप्यूटर सीधे बंद कर देते हैं जो असुरक्षित हो सकता है। हमेशा कंप्यूटर सिस्टम ठीक से लॉग ऑफ करें। इसके अलावा अपने पासवर्ड का पूरा एवं उचित व सुरक्षित उपयोग करें। अपने पासवर्ड को किसी कागज पर न लिखें। इसे सरलता से हैक किया जा सकता है। अपनी मशीन में पावर ऑन पासवर्ड डाल दें ताकि उनके अलावा कोई और उनकी मशीन न खोल सके। सिस्टम पर स्क्रीनसेवर पासवर्ड डाल दें ताकि कोई और सिस्टम का प्रयोग न कर सके। इन कुछ बातों का ध्यान रखकर नेट बैंकिंग सुविधा का पूरा एवं सुरक्षित लाभ उठाया जा सकता है। .

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ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का एक प्रमुख बैंक है। इसकी स्थापना 19 फरवरी 1943 को लाहौर (अविभाजित भारत) में हुई थी। इसका प्रधान कार्यालय गुरुग्राम में है। .

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ओवरड्राफ्ट

"मैं आपको चेतावनी देता हूं, साहब!इस बैंक की असभ्यता सभी सीमाओं से परे है। एक और शब्द और मैं - मैं अपना ओवरड्राफ्ट वापस ले लूंगा!"---- पंच पत्रिका खण्ड 152, जून 27, 1917 से कार्टून.

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आभासी मुद्रा

आभासी मुद्रा या कूटमुद्रा (क्रिप्टो-करेंसी) क्रिप्टोग्राफी प्रोग्राम पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी या ऑनलाइन मुद्रा है। यह पीयर-टू-पीयर कैश सिस्टम है। क्रिप्टो-करेंसी को डिजिटल वालेट में ही रखा जा सकता है। वास्तव में, क्रिप्टो-करेंसी के इस्तेमाल के लिये बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्थान की आवश्यकता नहीं होती। क्रिप्टोक्रुरेंसी मार्केट कैप 2018 में 1-2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। .

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आर्थिक शब्दावली

; डिबेंचर यह एक ऋण का एक साधन है जिसके माध्यम से सरकार या कंपनियां धन जुटाती हैं। यह इक्विटी शेयरों से भिन्न होता है। डिबेंचर खरीदने वाला वास्तव में कर्जदाता होता है। डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी या संस्थान गिरवी के तौर पर कुछ नहीं रखती, खरीदार उनकी साख और प्रतिष्ठा को देखते हुए डिबेंचर खरीदते हैं। डीबेंचर जारी करने वाली कंपनी या संस्थान कर्जदाताओं (डिबेंचर खरीदने वालों को) निश्चित ब्याज देते हैं। कंपनियां शेयरधारकों को भले ही लाभांश नहीं दे लेकिन उसे कर्जदाताओं (डिबेंचरधारकों) को ब्याज देना ही होता है। सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला ट्रेजरी बॉन्ड या ट्रेजरी बिल आदि भी जोखिम रहित डिबेंचर ही होते हैं क्योंकि सरकार इस प्रकार के कर्ज चुकाने के लिए कर बढ़ा सकती है या अधिक नोटों का मुद्रण कर सकती है।; ऑफशोर फंड (Offshore Fund) जिस फंड के अंतर्गत म्युचुअल फंड कंपनियां विदेश से धन जुटा कर देश के भीतर विनियोजित करती हैं उसे ऑफशोर फंड कहते हैं।; वेंचर कैपिटल (Venture Capital) नये व्यवसाय की शुरुआत के लिए जुटाई जाने वाली पूंजी को वेंचर कैपिटल या साहस पूंजी या दायित्व पूंजी कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो निवेशकों द्वारा शुरु हो रही छोटी कंपनियों, भविष्य में जिनके विकास की प्रबल संभावना होती है, को उपलब्ध कराई जाने वाली पूंजी को वेंचर कैपिटल कहते हैं। कंपनियां ऐसी पूंजी जुटाने के लिए इक्विटी शेयर जारी करती हैं।; फॉरवर्ड सौदा (Forward Contract) नकदी बाजार (शेयरों के मामले में) या हाजिर बाजार (कमोडिटी के मामले में) में किया जाने वाला सौदा जिसका निपटारा भविष्य की एक निश्चित तारीख को सुपुर्दगी के साथ निपटाया जाता है।; डेरिवेटिव (Derivative) वैसी प्रतिभूति जिसका मूल्य उसके अंतर्गत एक या एक से अधिक परिसंपत्तियों के ऊपर निर्भर करता है या उनसे प्राप्त किया जाता है। डेरिवेटिव दो या दो से अधिक पक्षों के बीच किया जाने वाला करार है। इसका मूल्य निर्धारण उन परिसंपत्तियों के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव के आधार पर किया जाता है। आमतौर पर ऐसी परिसंपत्तियों में स्टॉक, बॉन्ड, जिन्स, मुद्राएं, ब्याज-दर और बाजार सूचकांक शामिल होते हैं। डेरिवेटिव का इस्तेमाल साधारणत: जोखिमों की हेजिंग के लिए किया जाता है लेकिन इसका प्रयोग सट्टेबाजी के उद्देश्य से भी किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर एक यूरोपियन निवेशक अमेरिकन कंपनी के शेयरों की खरीदारी अमेरिकन एक्सचेंज से (डॉलर का इस्तेमाल करते हुए) करता है। शेयर अपने पास रखते हुए उसे विनिमय दर का जोखिम बना रहता है। इस जोखिम की हेजिंग के लिए वह निवेशक विशेष विनिमय दर के मुताबिक डॉलर को यूरो में परिवर्तित करना चाहेगा। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वह मुद्रा की वायदा खरीद सकता है ताकि जब कभी वह अपना शेयर बेचे और मुद्रा को यूरो में परिवर्तित करे तो उसे विनिमय दर संबंधी हानि नहीं हो।;ओपेन एन्डेड फण्ड (Open Ended Fund) सतत खुली योजनाएंम्युचुअल फंडों की वैसी योजनाएं जिनकी कोई लॉक इन अवधि (वह पूर्व-निर्धारित अवधि जिससे पहले निवेश किए गए पैसों की निकासी की अनुमति नहीं होती है) नहीं होती है। इनके यूनिटों की खरीद-बिक्री तत्कालीन शुध्द परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) पर कभी भी की जा सकती है।; प्रतिभूतियां (Securities) प्रतिभूतियां लिखित प्रमाणपत्र होती हैं जो ऋण लेने के बदले दी जाती है। इनमें जारी करने के शर्र्तों एवं मूल्यों का उल्लेख होता है तथा इनका क्रय-विक्रय भी किया जाता है। सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला बॉन्ड, तरजीही शेयर, ऋण पत्र आदि प्रतिभूतियों की श्रेणी में आते हैं। प्रतिभूति शब्द का इस्तेमाल व्यापक तौर पर किया जाता है।; शेयर विभाजन (Stock Split) कोई कंपनी अपने महंगे शेयर को छोटे निवेशकों के लिए वहनीय बनाने और उसे आकर्षक बनाने के लिए शेयरों का विभाजन करती है। अगर कोई कंपनी अपने शेयरों का विभाजन 2:1 में करती है तो उसका मतलब होता है कि शेयरों की संख्या दोगुनी कर दी गई है और उसका मूल्य आधा कर दिया गया है।; मुद्रा का विनिमय मूल्य (Exchange Value of Money): जब देश की प्रचलित मुद्रा का मूल्य किसी विदेशी मुद्रा के साथ निर्धारित किया जाता है ताकि मुद्रा की अदला-बदली की जा सके तो इस मूल्य को मुद्रा का विनिमय मूल्य कहा जाता है। वह मूल्य दोनों देशों की मुद्राओं की आंतरिक क्रय शक्ति पर निर्भर करता है।; मुद्रास्फीति (Inflation): मुद्रास्फीति वह स्थिति है जिसमें मुद्रा का आंतरिक मूल्य गिरता है और वस्तुओं के मूल्य बढ़ते हैं। यानी मुद्रा तथा साख की पूर्ति और उसका प्रसार अधिक हो जाता है। इसे मुद्रा प्रसार या मुद्रा का फैलाव भी कहा जाता है।; मुदा अवमूल्यन (Money Devaluation): यह कार्य सरकार द्वारा किया जाता है। इस क्रिया से मुद्रा का केवल बाह्य मूल्य कम होता है। जब देशी मुद्रा की विनिमय दर विदेशी मुद्रा के अनुपात में अपेक्षाकृत कम कर दी जाती है, तो इस स्थिति को मुद्रा का अवमूल्यन कहा जाता है।; रेंगती हुई मुद्रास्फीति (Creeping Inflation): मुद्रास्फीति का यह नर्म रूप है। यदि अर्थव्यवस्था में मूल्यों में अत्यंत धीमी गति से वृद्धि होती है तो इसे रेंगती हुई स्फीति कहते हैं। अर्थशास्त्री इस श्रेणी में एक फीसदी से तीन फीसदी तक सालाना की वृद्धि को रखते हैं। यह स्फीति अर्थव्यवस्था को जड़ता से बचाती है।; रिकॉर्ड तारीख (Record List): बोनस शेयर, राइट शेयर या लाभांश आदि घोषित करने के लिए कंपनी एक ऐसी तारीख की घोषणा करती है जिस तारीख से रजिस्टर बंद हो जाएंगे। इस घोषित तारीख तक कंपनी के रजिस्टर में अंकित प्रतिभूति धारक ही वास्तव में धारक माने जाते हैं। इस तारीख को ही रेकॉर्ड तारीख माना जाता है।; रिफंड ऑर्डर (Refun Order): यदि किसी शेयर आवेदन पत्र पर शेयर आवंटन की कार्यवाही नहीं होती तो कंपनी को आवेदन पत्र के साथ संपूर्ण रकम वापस करनी होती है। रकम वापसी के लिए कंपनी जो प्रपत्र भेजती है उसे रिफंड ऑर्डर कहा जाता है। रिफंड ऑर्डर चेक, ड्राफ्ट या बैंकर चेक के रूप में होता है तथा जारीकर्ता बैंक की स्थानीय शाखा में सामान्यत: सममूल्य पर भुनाए जाते हैं।;लाभांश (Dividend): विभाजन योग्य लाभों का वह हिस्सा जो शेयरधारकों के बीच वितरित किया जाता है, लाभांश कहा जाता है। यह करयुक्त और करमुक्त दोनों हो सकता है। यह शेयरधारकों की आय है।;लाभांश दर (Dividend Rate): कंपनी के एक शेयर पर दी जाने वाली लाभांश की राशि को यदि शेयर के अंकित मूल्य के साथ व्यक्त किया जाए तो इसे लाभांश दर कहा जाता है। इसे अमूमन फीसदी में व्यक्त किया जाता है।;लाभांश प्रतिभूतियां (Dividend Securities): जिन प्रतिभूतियों पर प्रतिफल के रूप में निवेशक को लाभांश मिलता है, उन्हें लाभांश वाली प्रतिभूतियां कहा जाता है। जैसे समता शेयर, पूर्वाधिकारी शेयर।;शून्य ब्याज ऋणपत्र (Zero Rated Deventure) इस श्रेणी के डिबेंचरों या बॉन्डों पर सीधे ब्याज नहीं दिया जाता, बल्कि इन्हें जारी करते वक्त कटौती मूल्य पर बेचा जाता है और परिपक्व होने पर पूर्ण मूल्य पर शोधित किया जाता है। जारी करने के लिए निर्धारित कटौती मूल्य के अंतर को ही ब्याज मान लिया जाता है।.

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आईसीआईसीआई बैंक

आईसीआईसीआई बैंक भारत की प्रमुख बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा संस्थान है। पहले इसका नाम 'इंडस्ट्रियल क्रेडिट ऐण्ड इन्वेस्टमेन्ट कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया' (भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम) था। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बाजार कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से भारत के निजी क्षेत्र का यह सबसे बड़ा बैंक है। इस बैंक की भारत में 2883 शाखाएँ हैं एवं 10021 एटीएम हैं। यह 19 अन्य देशों में भी मौजूद है। आईसीआईसीआई बैंक 31 मार्च 2010 को 3,634.00 अरब रुपये (81 अरब अमेरिकन डॉलर) की कुल आस्तियों तथा 40.25 अरब रुपये (8,960 लाख अमेरिकन डॉलर) के कर-पश्चात् लाभ वाला भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। बैंक के पास भारत में 2883 शाखाओं तथा लगभग 10021 ए.टी.एम.

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आंध्र बैंक

आंध्र बैंक भारत का एक प्रमुख बैंक है। ३१ मार्च २०१२ को इसकी १७१२ शाखाएं व १०५६ एटीएम थे। इसकी स्थापना १९२३ में डॉ भोगराजु पट्टाभि सीतरमैया ने की थी। भारत सरकार की इसमे हिस्सेदारी ५१.५५% है।.

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इण्डियन ओवरसीज़ बैंक

https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Indian_Overseas_Bank.png इण्डियन ओवरसीज़ बैंक भारत का एक बैंक है। यह बैंक बैंकिंग, बीमा और उद्योग में एक अगुआ बैंक हैं और फोरेक्स कारोबार तथा विदेशी बैंकिंग की विशिष्ट सेवाएं प्रदान करता हैं। इस बैंक की २०१८ शाखाएँ भारत में तथा ६ शाखाएँ विदेश में हैं। इस बैंक की 875 एटीएम का विस्तृत नेटवर्क है। .

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इजराइल पोस्ट कंपनी

इजराइल पोस्ट कंपनी है कि पोस्ट और बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने में माहिर एक सरकारी कंपनी है। देश में इजराइल में डाक सेवाओं पत्रों चलते, संकुल, बिजली, इसे बाहर.

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इंदि‍रा गांधी मातृत्‍व सहयोग योजना

इंदि‍रा गांधी मातृत्‍व सहयोग योजना (Indira Gandhi Matritva Sahyog Yojana (IGMSY) के अंतर्गत गर्भवती और दूध पि‍लाने वाली महि‍लाओं को कुछ शर्तों के साथ मातृत्‍व लाभ पहुंचाए जाते हैं जि‍नका उद्देश्‍य उनके स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण की स्‍थि‍ति‍ में सुधार लाना है ताकि दूध पि‍लाने वाली और गर्भवती स्‍त्रि‍यों के माहौल में सुधार कि‍या जा सके और इसके लि‍ए उन्‍हें नकद प्रोत्‍साहन राशि‍ दी जा सके। इसे समन्‍वि‍त बाल वि‍कास सेवाओं की योजना के मंच से लागू कि‍या जा रहा है। इस योजना की शुरूआत अक्‍तूबर 2010 में प्रायोगि‍क आधार पर पर की गई थी और अब यह 53 चुनिंदा जि‍लों में चल रही हैं। फि‍लहाल लाभार्थि‍यों को दो कि‍स्‍तों में 6,000 रुपए बैंक अथवा डाकघर खातों के जरि‍ए दि‍ए जाते हैं। पहली कि‍स्‍त गर्भावस्‍था के 7-9 महीनों के दौरान दी जाती है और दूसरी कि‍स्‍त की रकम कुछ शर्तें पूरी करने के बाद प्रसूति के 6 महीने बाद दी जाती है। सभी सरकारी/सार्वजनि‍क उपक्रम(केन्‍द्रीय तथा राज्‍य) के कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाने के हकदार नहीं होंगे क्‍योंकि‍ उन्‍हें वेतन सहि‍त मातृत्‍व अवकाश दि‍या जाता है। यह योजना देश के 53 जि‍लों में प्रायोगि‍क आधार पर लागू की जा रही हैं' .

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कर्नाटक बैंक

कर्नाटक बैंक लिमिटेड (कन्नड़: ಕರ್ನಾಟಕ ಬ್ಯಾಂಕ್ ಲಿಮಿಟೆಡ್) कर्नाटक राज्य में मंगलौर शहर आधारित एक निजी क्षेत्र का बैंक है। भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार यह एक ए-श्रेणी का अनुसूचित व्यापारिक बैंक है। .

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क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा

क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा एक प्रकार का कैमरा होता है जिसे सीसीटीवी (अंग्रेजी: Closed-circuit television camera) अर्थात् (CCTV) कहा जाता है। इस कैमरा से एक ही स्थल पर बैठकर उस स्थल के आस-पास हो रही घटनाओं पर नज़र रखी जा सकती और लोगों की गतिविधियों को वीडियोज़ के रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है। .

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केंद्रीय बैंक

अंगूठाकार एक केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक, या मौद्रिक प्राधिकरण एक सफल हुआ है कि एक संस्था है कि राज्य की मुद्रा, पैसे की आपूर्ति, और ब्याज दरों। सेंट्रल बैंक भी आम तौर पर निगरानी वाणिज्यिक बैंकिंग प्रणाली अपने-अपने देशों की। एक वाणिज्यिक बैंक के विपरीत, एक केंद्रीय बैंक एक के पास एकाधिकार बढ़ाने पर मौद्रिक आधार राज्य में, और आमतौर पर यह भी राष्ट्रीय मुद्रा प्रिंट आम तौर पर राज्य के रूप में कार्य करता है जो कानूनी निविदा। एक केंद्रीय बैंक का प्राथमिक कार्य देश की मुद्रा आपूर्ति, ब्याज दरों, सेटिंग आरक्षित आवश्यकता है, और एक के रूप में अभिनय अंतिम उपाय के ऋणदाता के लिए बैंकिंग क्षेत्र बैंक दिवालियेपन के समय के दौरान या वित्तीय संकट। सेंट्रल बैंक आम तौर पर भी रोकने का इरादा पर्यवेक्षी शक्तियों है, बैंक रन और वाणिज्यिक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों लापरवाह या धोखाधड़ी के व्यवहार में संलग्न है कि जोखिम को कम करने के लिए। सबसे विकसित देशों में केंद्रीय बैंकों संस्थागत राजनीतिक हस्तक्षेप से स्वतंत्र होने के लिए तैयार कर रहे हैं। फिर भी, कार्यकारी और विधायी निकायों द्वारा सीमित नियंत्रण आम तौर पर मौजूद है। एक राष्ट्र (या राष्ट्रों के समूह) के लिए मौद्रिक प्रणाली की देखरेख के लिए जिम्मेदार इकाई। केंद्रीय बैंकों की देखरेख से, जिम्मेदारियों की एक विस्तृत श्रृंखला है कि मौद्रिक नीति में इस तरह के मुद्रा स्थिरता, कम मुद्रास्फीति और के रूप में विशिष्ट लक्ष्यों को लागू करने के लिए पूर्ण रोजगार। केंद्रीय बैंकों ने भी आम तौर पर, सरकार के बैंक के रूप में मुद्रा, समारोह मुद्दा क्रेडिट प्रणाली को विनियमित, देखरेख वाणिज्यिक बैंकों, एक के रूप में मुद्रा भंडार और अभिनय का प्रबंधन अंतिम उपाय के ऋणदाता। केंद्रीय बैंक ने यह वाणिज्यिक बैंकों एक आपूर्ति की कमी को कवर नहीं कर सकते हैं जब धन के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार है जिसका मतलब है कि "अंतिम उपाय के ऋणदाता" के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरे शब्दों में, केंद्रीय बैंक में नाकाम रहने से देश की बैंकिंग प्रणाली को रोकता है। हालांकि, केंद्रीय बैंकों का प्राथमिक लक्ष्य अपने देशों के प्रदान करने के लिए है मुद्राओं को नियंत्रित करने से कीमतों में स्थिरता के साथ मुद्रास्फीति। एक केंद्रीय बैंक ने देश के नियामक प्राधिकारी के रूप में कार्य करता है मौद्रिक नीति और संचलन में नोटों और सिक्कों की एकमात्र प्रदाता और प्रिंटर है। केंद्रीय बैंक ने यह भी पूरी तरह से किसी भी व्यावसायिक बैंकिंग हितों का विनिवेश किया जाना चाहिए। .

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अनर्जक आस्ति

अनर्जक आस्ति (अथवा अनर्जक संपत्ति या परिसंपत्ति) से तात्पर्य बैंकिंग व वित्त उद्योग में ऐसे ऋण (लोन) से है, जिसका लौटना संदिग्ध हो। अंग्रेजी में इसे एन पी ए अथवा नॉन परफार्मिंग एसेट कहा जाता है। अंग्रेजी संस्करण से अनुवादस्वरूप और भी कई नाम मीडिया में दिए जाते हैं - यथा गैर-निष्पादनकारी संपत्ति आदि। बैंक अपने ग्राहकों को जो ऋण प्रदान करता है, उसे अपने खाते में आस्ति (संपत्ति) के रूप में दर्शाता है। यदि किसी कारणवश यह आशंका हो कि ग्राहक यह ऋण लौटा नहीं पाएगा तो एसे ऋणों को अनर्जक आस्ति कहा जाता है। किसी भी बैंक की आर्थिक सेहत को मापने के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण पैमाना है तथा इसमें वृद्धि होना किसी बैंक की सेहत के लिए चिंता का विषय ही होता है। हाल ही में (फरवरी 2014) भारत के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख को अपना पद बेकाबू हो चुके फंसे कर्जे एनपीए पर लगाम लगाने में नाकाम रहने की वजह से खोना पड़ा। एनपीए को नियंत्रण में रखने के लिए हर देश के नियामक मापदंड निर्धारित करते हैं जिनका अनुपालन वित्तीय संस्थाओं के लिए आवश्यक होता है। २००८ के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद अनर्जक आस्तियों को शीघ्र चिन्हित करने व खातों में सही तरीके व इमानदारी से दर्शाने पर ज़ोर दिया गया है। .

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अपस्फीति

अर्थशास्त्र में, अपस्फीति वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य के स्तर में गिरावट है। अपस्फीति तभी होती है जब वार्षिक मुद्रास्फीति की दर शून्य प्रतिशत की दर से भी नीची गिर जाती है (नकारात्मक मुद्रास्फीति दर), जिसके फलस्वरूप मुद्रा के असली मूल्य में वृद्धि हो जाती है - इससे एक क्रेता उसी राशि से अधिक माल खरीदने की सुविधा पा जाता है। इसे अवस्फीति, मुद्रास्फीति के दर में कमी (अर्थात मुद्रास्फीति की दर घट तो जाती है, लेकिन फिर भी सकारात्मक ही बनी रहती है), समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए। समय के साथ-साथ जैसे-जैसे मुद्रास्फीति मुद्रा के असली मूल्य में गिरावट लाती है, इसके ठीक विपरीत, अपस्फीति मुद्रा के वास्तविक मूल्य में- कार्यात्मक मुद्रा (एवं लेखा की मौद्रिक इकाई में) राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि लाती है। वर्तमान समय में, मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों का आमतौर पर मानना है कि अपस्फीतिकारी जटिलताओं के खतरे ((नीचे वर्णित)) के कारण आधुनिक अर्थव्यवस्था में अपस्फीति एक समस्या है। अपस्फीति को आर्थिक मंदी और विश्वव्यापी मंदी से भी जोड़ा जाता है, जैसे कि बैंक जमाकर्ताओं की अदायगी में चूक जाते हैं। इसके अतिरिक्त, अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण में अपस्फीति मौद्रिक नीति निर्धारण में एक ऐसी प्रक्रिया के तहत रूकावट पैदा करती है जिसे लिक्विडिटी ट्रैप कहते हैं। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से अपस्फीति की सभी घटनाएं, कमजोर आर्थिक विकास के दौरे से जुड़ी नहीं हैं। .

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अभौतिक खाता

भारत में, शेयर एवं प्रतिभूतियाँ इलेक्ट्रानिक अभौतिक खाते (dematerialized या "Demat") में रखी जातीं है और इनके स्वामी को इन शेयरों एवं प्रतिभूतियों की भौतिक रूप में अपने पास रखने की आवश्यकता नहीं होती। डीमटीरिअलाइज़्ड शेयर वो शेयर होते है, जिसका मालिक तो कोई होता है पर वे शेयर रहते किसी और के पास हैं। ऐसे शेयर आम तौर पर किसी बैंक के पास रहते है। शेयर का मालिक अपनी इच्छानुसार जब चाहे इन्हें बेंच सकता है। ऐसी कम्पनियां जो निवेशकों के लिये ये शेयर धारण करती है उन्हे डिपौज़िटरी पार्टिसिपैंट कहते है। भारत मे ऐसी कई डिपौज़िटरी पार्टिसिपैंट कम्पनियाँ है। भारत की ऐसी सबसे बडी कम्पनी है आइसीआइसीआइ या आइसीआइसीआइ डाइरेक्ट। कारोबार में होने इलेक्ट्रॉनिक अंतरण को संभव करने के लिए सभी लेन देन के लिए डीमैट खाता संख्या का उपयोग किया जाता है।प्रत्येक शेयर धारक के पास लेन देन के लिए एक डिमटेरियलाइज्ड खाता होगा। डिमटेरियलाइज्ड खाते का उपयोग करने के लिए एक इंटरनेट पासवर्ड और एक यूजर नाम की आवश्यकता होती है। तभी प्रतिभूतियों के हस्तांतरण या खरीद शुरू की जा सकती हैं।लेन देन की पूर्ण होने एवं इसकी पुष्टि होने के बाद डिमटेरियलाइज्ड खाते पर प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री स्वचालित रूप से की जाती है। .

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अमानत बैंक

अमानत बैंक के अध्यक्ष और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद के.

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अर्थशास्त्र

---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.

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अर्थशास्त्र (ग्रन्थ)

अर्थशास्त्र, कौटिल्य या चाणक्य (चौथी शती ईसापूर्व) द्वारा रचित संस्कृत का एक ग्रन्थ है। इसमें राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय एवं राजनीति आदि के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है। अपने तरह का (राज्य-प्रबन्धन विषयक) यह प्राचीनतम ग्रन्थ है। इसकी शैली उपदेशात्मक और सलाहात्मक (instructional) है। यह प्राचीन भारतीय राजनीति का प्रसिद्ध ग्रंथ है। इसके रचनाकार का व्यक्तिनाम विष्णुगुप्त, गोत्रनाम कौटिल्य (कुटिल से व्युत्पत्र) और स्थानीय नाम चाणक्य (पिता का नाम चणक होने से) था। अर्थशास्त्र (15.431) में लेखक का स्पष्ट कथन है: चाणक्य सम्राट् चंद्रगुप्त मौर्य (321-298 ई.पू.) के महामंत्री थे। उन्होंने चंद्रगुप्त के प्रशासकीय उपयोग के लिए इस ग्रंथ की रचना की थी। यह मुख्यत: सूत्रशैली में लिखा हुआ है और संस्कृत के सूत्रसाहित्य के काल और परंपरा में रखा जा सकता है। यह शास्त्र अनावश्यक विस्तार से रहित, समझने और ग्रहण करने में सरल एवं कौटिल्य द्वारा उन शब्दों में रचा गया है जिनका अर्थ सुनिश्चित हो चुका है। (अर्थशास्त्र, 15.6)' अर्थशास्त्र में समसामयिक राजनीति, अर्थनीति, विधि, समाजनीति, तथा धर्मादि पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है। इस विषय के जितने ग्रंथ अभी तक उपलब्ध हैं उनमें से वास्तविक जीवन का चित्रण करने के कारण यह सबसे अधिक मूल्यवान् है। इस शास्त्र के प्रकाश में न केवल धर्म, अर्थ और काम का प्रणयन और पालन होता है अपितु अधर्म, अनर्थ तथा अवांछनीय का शमन भी होता है (अर्थशास्त्र, 15.431)। इस ग्रंथ की महत्ता को देखते हुए कई विद्वानों ने इसके पाठ, भाषांतर, व्याख्या और विवेचन पर बड़े परिश्रम के साथ बहुमूल्य कार्य किया है। शाम शास्त्री और गणपति शास्त्री का उल्लेख किया जा चुका है। इनके अतिरिक्त यूरोपीय विद्वानों में हर्मान जाकोबी (ऑन दि अथॉरिटी ऑव कौटिलीय, इं.ए., 1918), ए. हिलेब्रांड्ट, डॉ॰ जॉली, प्रो॰ए.बी.

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ऋण

ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

बैंकिग, बैंकिंग

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